शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

जन समस्या को समर्पित जन्मदिन

जन्मदिन पर किशनगढ़ विधायक सुरेश टाक ने दो लाख रुपए की सफाई मशीन अस्पताल में भेंट की।
अजमेर। किशनगढ़ क्षेत्र के निर्दलीय विधायक सुरेश टाक ने अपना जन्मदिन सादगी से मनाया। हालांकि देश भर में विख्यात मार्बल नगरी के नाम से माने जाने वाले किशनगढ़ में समर्थकों में जन्मदिन को लेकर उत्साह था। लेकिन बाजारों में होर्डिंग लगाने के लिए टाक ने पहले ही मना कर दिया था। टाक ने अपने समर्थकों के साथ किशनगढ़ के यज्ञ नारायण राजकीय अस्पताल में सफाई कार्य के लिए दो लाख रुपए मूल्य वाली मशीन भेंट की। टाक ने स्पष्ट किया कि यह मशीन न तो विधायक कोष से और न जनसहयोग से खरीदी है, बल्कि विधायक के तौर पर मुझे जो वेतन-भत्ते मिलते हैं उस राशि से मशीन खरीदी गई है। यानि भुगतान उन्होंने अपनी जेब से किया है। टाक ने कहा कि किशनगढ़ के लोगों ने मुझे जिस उम्मीद से वोट दिया है, उस उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा। मैंने प्रदेश की कांग्रेस सरकार को समर्थन भी किशनगढ़ के हित में दिया है। मैं चाहता हूं कि किशनगढ़ का चहुमुखी विकास हो। इसके लिए राज्य सरकार का सहयोग जरूरी है। मैं पंचायत स्तर पर लोगों से लगातार सम्पर्क कर रहा हूं। किशनगढ़ शहर की बिगड़ी ट्रेफिक व्यवस्था को सुधारने का भी इंतजाम किया जा रहा है। पहली बार पार्किंग स्थल नो वेंडर जोन जैसे प्रयोग किशनगढ़ में किए गए हैं। मार्बल कारोबारियों की समस्याओं के समाधान का भी प्रयास लगातार जारी है। उन्हेंने कहा कि मैं चुनाव के नजरिए से कामकाज नहीं कर रहा हूं। मैं तो किशनगढ़ के लोगों की भलई के उद्देश्य से काम कर रहा हूं। मुझे पता है कि मैं भाजपा और कांग्रेस दोनों के उम्मीदवारों को हरा कर किशनगढ़ विधायक बना हूं। इस बात से कोई फर्क नहीं पढ़ता कि अगली बार विधायक बनू या नहीं, लेकिन मेरे मौजूदा पांच वर्ष के कार्यकाल को किशनगढ़ के लोग हमेशा याद रखेंगे। मोबाइल नम्बर 9414010882 पर विधायक टाक को जन्मदिन की बधाई दी जा सकती है। 
सकता है। 
एस.पी.मित्तल


गडकरी के खिलाफ भाजपा सरकार

जब गडकरी का महाराष्ट्र ही नहीं मान रहा तो फिर नया मोटर व्हीकल एक्ट संसद में मंजूर क्यों करवाया? क्या इस एक्ट को लेकर गडकरी और सरकार में मतभेद हैं?

केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी कई बार ऐसे बयान देते हैं जिससे नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार के सामने संकट खड़ा होता है। ताजा संकट नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माना राशि को लेकर है। वैसे तो गडकरी सड़क मंत्री हैं, लेकिन अब गड़करी का कहना है कि नए एक्ट को लागू करने की उनकी अकेले की जिम्मेदारी नहीं है। गडकरी के इस बयन से साफ जाहिर है कि उनकी अपनी ही सरकार के प्रति नाराजगी है। सब जानते हैं कि गडकरी के मंत्रालय में प्रधानमंत्री भी हस्तक्षेप नहीं करते हैं। इसका एक कारण यह भी कि खुद गडकरी बहुत मेहनत के साथ अपना काम करते हैं। पिछले पांच वर्षों में जिस तेजी से नेशनल हाइवे बने उतने साठ सालों मेेें नहीं बने। गडकरी के कामकाज की प्रधानमंत्री भी प्रशंसा कर चुके हैं, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि नए मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने की राशि को लेकर गडकरी अकेले पड़ गए हैं। कांग्रेस शासित राज्यों ने तो पहले ही एक्ट को मानने से इंकार कर दिया था, लेकिन गडकरी को तब धक्का लगा जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाजपा शासित राज्य गुजरात ने भी एक्ट के जुर्माने में संशोधन कर दिया। अब गडकरी के अपने राज्य महाराष्ट्र ने भी संशोधन की बात कही है। चुनाव को देखते हुए दिल्ली से सटे हरियाणा ने भी जुर्माना राशि को ज्यादा बताया है। सवाल उठता है कि गडकरी ने नया एक्ट बनाते समय राज्यों से संवाद नहीं किया? यह माना कि संविधान के मुताबिक मोटर व्हीकल एक्ट देशभर में एक समान होता है और इसके प्रावधान राज्यों को भी लागू करने पड़ते हैं। लेकिन जुर्माना राशि को कम करने का अधिकार राज्यों को है। जबकि गडकरी का तर्क है कि दुर्घटना को रोकने के लिए जुर्माना राशि अधिक रखी गई है। अब जब राज्य अपने स्तर पर जुर्माना राशि को कम कर रहे हैंं तो फिर गडकरी के तर्क का क्या होगा? नए मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर विरोध के जो हालात हैं उसमें आने वाले दिनों में गडकरी कह सकते हैं कि जब राज्य अपने लोगों को ही मारना चाहते हैं तो वे क्या कर सकते हैं? सब जानते हैं कि गडकरी अपने स्वभाव की वजह से नए एक्ट पर पुनर्विचार नहीं करेंगे। ऐसे में आने वाले दिनों में पता चलेगा कि नए एक्ट का क्या होता है? फिलहाल देशहित में गडकमरी का स्वस्थ रहना जरूरी है। 
एस.पी.मित्तल


खनन माफियाओं के सामने पस्‍त प्रशासन

जिले में बालू के अवैध खनन को न तो सरकार की हनक रोक पा रही है न ही जिलाधिकारी औरंगाबाद की सख्ती।


रबिश कुमार


औरंगाबाद। पुलिस व बालू माफिया की गठजोड़ से जिले में बालू का अवैध कारोबार औरंगाबाद में आराम से चल रहा है। फर्क बस इतना है कि पहले यह धंधा रात के अंधेरे में होता था अब दिन के उजाले में भी हो रहा है। खनन व राजस्व विभाग का भी आशीर्वाद होने से धंधेबाज मस्त हैं और  पब्लिक परेशान है।उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। स्थिति यह है कि करोड़ों रुपये प्रति माह सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाने वाले इस अवैध धंधे के खिलाफ उठने वाली आवाज को पुलिस अपने शान में गुस्ताखी मानती है और बालू माफिया के बचाव में कोई भी कदम उठाने गुरेज नहीं कर रही है। लाइव ख़बर और बिहार टुडे के पास मौजूद वीडिओ इस बात को तस्दीक करते हैं।ग्रामीण और ड्राइवर नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि ओबरा थानाध्यक्ष दस से पंद्रह हजार रुपये मासिक लेते हैं।इस बाबत थानाध्यक्ष ने से संवाददाता ने पूछा तो अपनी कड़क आवाज़ से नकारा और कारवाई की बात कही।
मालूम रहे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में अवैध खनन को सख्ती से रोकने का आदेश भी दिया है साथ ही बिहार के नए डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय लगातार पुलिसिंग और कार्यपद्धति बदलने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।पुलिस महानिदेशक के सख्त चेतावनी के बावजूद भी ओबरा थाना पर कोई असर नही दिख रहा है।ओबरा थाना क्षेत्र से गुजर रहे सोन नदी के पास आधा दर्जन गाँवों में अवैध बालू खनन धड़ल्ले से चल रहा है।इस अवैध खनन से राज्य सरकार को राजस्व की भारी क्षति हो रही है तो दूसरी तरफ अवैध बालू लदे ट्रैक्टर अक्सर अनियंत्रित गति में चलते रहते हैं। जिससे दुर्घटना की भी व्यापक आशंका बनी हुई है। पंचायत के ग्रामीणों ने कई बार इस अवैध खनन की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से ये लोग भी चुपी साध ली। नौनेर और अधौरा के समीप नदी से खनन हो रहा है। दर्जनों ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए।क्षेत्र के ग्रामीण राधेश्याम सिंह,विनोद सिंह यादव,युगल किशोर यादव,अर्जुन यादव,नरेंद्र सिंह, विकास सिंह, अवधेश सिंह यादव, सूबेदार पासवान,मंटू सिंह, पप्पू सिंह सहित दर्जनों  ग्रामीणों ने डीहरा लख पे दाउदनगर-बारुण मुख्य पथ पर प्रशासन का विरोध किया और उनके रवैये पर प्रश्नचिन्ह उठाये।बताया कि इस क्षेत्र के ही कुछ लोगों द्वारा यह कारोबार चलाया जा रहा है। प्रत्येक दिन दो सौ से भी अधिक ट्रैक्टर नदी से अवैध बालू लेकर औरंगाबाद, रोहतास,कैमूर और बक्सर के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं। इस कारोबार से ट्रैक्टर मालिक के साथ -साथ अवैध खनन करा रहे दबंग भी मालोमाल हो रहे हैं।इससे नुकसान तो सिर्फ सरकार का हो रहा है।इस ओर संबंधित पदाधिकारी का कोई ध्यान नहीं पहुंच रहा है।क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों में भी अवैध बालू खनन हो रहा है । जिसे रोकने में प्रशासन विफल है।
इससे इतर हैरान करने वाली बात यह है कि शाम तो शाम सुबह में भी बीच सड़क पर बालू लदे ट्रैक्टर और ट्रक बारुण और दाउदनगर की ओर कूच करते हैं। पुलिस वाले की मंशा अगर साफ हो तो बिना कहीं गए सभी मुख्य सड़को को सील कर चेकनाका लगा दिया जाए तो बालू माफिया पर लगाम लगाई जा सकती है। इधर लाइव ख़बर प्रतिनिधि के अनुसार थाना क्षेत्र के तकरीबन आधा दर्जन घाट पर बालू का उठाव धड़ल्ले से जारी है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में ट्रैक्टर से बालू का उठाव किया जा रहा है व सक्रिय माफियाओं द्वारा इसका व्यापक पैमाने पर संग्रह किए जाने का कार्य भी हो रहा है। 


सब से हैरान करने वाली बात यह है कि अवैध बालू के उठाव का खेल प्रशासन के नजरों के सामने हो रहा है। जानकारी के अनुसार ओबरा थाना क्षेत्र के नौनेर एवं अधौरा घाट के इलाके में सोन नदी से हर दिन सैकड़ों ट्रैक्टर से बालू का उठाव बदस्तूर जारी है। इस बाबत पुलिस उपाधीक्षक ने कहा कि पुलिस लगातार करवाई कर रही है साथ ही सूचना मिली है तो इस पर संज्ञान लिया जाएगा। रोक के बावजूद भी अगर बालू माफियाओं द्वारा बालू का उठाव करवाया जा रहा है तो विभागीय स्तर से बालू माफियाओं को चिन्हित कर उन पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।


जनता से संवाद बनाए,समस्या सुने:नायडू

नई दिल्‍ली। कल भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2017 बैच के अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए श्री नायडू ने सभी स्‍तरों पर जनता के हित में पारदर्शी और प्रभावी शासन प्रदान करने का आह्वान किया। उन्‍होंने अनावश्‍यक नियम और विनियमों को समाप्‍त करने और प्रक्रियाओं को सरल बनाने की आवश्‍यकता पर भी बल दिया। उन्‍होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अपना ज्‍यादा समय लोगों से नियमित रूप से संवाद बनाए रखने और उनकी समस्‍याएं सुनने में बिताएं। उन्‍होंने कहा कि बाहर निकलने पर ही असली चीजों का पता लगता है। उपराष्‍ट्रपति ने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि वे स्‍वराज्‍य को सुराज्‍य में बदलने में अग्रणी भूमिका निभाएं और एक भ्रष्‍टाचार मुक्‍त, जनहित केंद्रित तथा कारोबार अनुकूल शासन सुनिश्चित करें ताकि विकास का फायदा लोगों के जीवन में सुधार  के रूप में दिख सके।


श्री नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत सरकार ने कई ऐतिहासिक प्रशासनिक सुधारों की पहल की है। उन्‍होंने अधिकारियों को इन सुधारों को प्रभावी तरीके से लागू करने का सुझाव दिया। उपराष्‍ट्रपति ने उनसे सूचना प्रौद्योगिकी का पूरा इस्‍तेमाल सरकारी योजनाओं को लाभार्थियों को सही तरीके तक पहुंचाने के लिए करने को कहा। उपराष्‍ट्रपति ने प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को देश के आर्थिक, धार्मिक, भाषाई और सामाजिक विभिन्‍नताओं को आपस में जोड़ने का सशक्‍त माध्‍यम बताते हुए कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा श्री सरदार पटेल के सोच की उपज थी जो सक्षम प्रशासनिक अधिकारियों की जरूरत को समझते थे। इस बारे में उन्‍होंने सरदार पटेल को उद्धृत करते हुए कहा 'आप एक संगठित भारत की तब तक कल्‍पना नहीं कर सकते जब तक आपके पास एक ऐसी बेहतर अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा नहीं हो जो स्‍वतंत्र रूप से अपनी बात रख सके। '


उपराष्‍ट्रपति ने अधिका‍रियों से अधिक सशक्‍त उत्‍तरदायी और समावेशी और समग्र दृष्टिकोण अपनाने तथा आम लोगों की समस्‍याओं को समझने और उसका समाधान निकालने को कहा। उपराष्‍ट्रपति ने अधिकारियों से पारदर्शी और जवाबदेही को अपना सिद्धांत बनाने  तथा सभी का साथ सबका विकास और सबका विश्‍वास सिद्धांत की भावना के साथ समाज में सभी वर्गों की सेवा करने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि एक समावेशी और तीव्र आर्थिक विकास देश की कई समस्‍याओं का निराकरण कर सकता है। उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आतंकवाद, सांप्रदायिक हिंसा, उग्रवाद और माओवादी अतिवाद देश के सामाजिक और आर्थिक विकास की प्रक्रिया को पटरी से न उतरने दे।


उपराष्‍ट्रपति ने कहा कि किसानों का जीवन बेहतर बनाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की स्थिति में सुधार लाना प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्‍होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्‍वच्‍छ भारत, बेटी बचाओं और बेटी पढ़ाओं, फिट इंडिया और ऐसे ही अन्‍य अभियानों को जन आंदोलन का रूप दें। उन्‍होंने अधिकारियों से कृषि और ग्रणमी क्षेत्रों पर विशेष ध्‍यान देने को कहा। इस अवसर पर डीओपीटी के सचिव डॉ.सी चंद्रमौली , अपर सचिव श्री के.श्रीनिवास और कई अन्‍य अधिका‍री उपस्थित थे।


आर्थिक मंदी के विरुद्ध राष्ट्रव्यापी आंदोलन

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी देश की गिरती अर्थव्यवस्था को लेकर आंदोलन करने जा रही है। 15 से 25 अक्टूबर तक देशभर में कांग्रेस बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करेगी।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी है कि कांग्रेंस पार्टी 28, 29 और 30 सितंबर को आर्थिक मंदी के मुद्दे पर राज्य स्तर पर कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधियों की बैठक भी करेगी। जिसमें प्रदर्शन पर रणनीति बनाई जाएगी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये जानकारी दी है।


गुरुवार को दिल्ली में कांग्रेस दफ्तर में पार्टी के महासचिव, राज्यों के प्रभारी, कांग्रेस विधायक दल के नेता और सभी राज्यों के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षों की बैठक हुई है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालाने के बाद सोनिया गांधी की अध्यक्षता में यह पहली बैठक है। बैठक के बाद कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर आंदोलन का ऐलान किया है। वहीं इस बैठक में राहुल गांधी नहीं पहुंचे। कांग्रेस की ओर से बताया गया है कि क्योंकि ये सिर्फ पदाधिकारियों की बैठक थी। राहुल के पास फिलहाल कांग्रेस में कोई पद नहीं है। इसी वजह से राहुल को बैठक का न्योता नहीं था।बैठक के दौरान भी सोनिया गांधी ने आर्थिक स्थिति की हालत पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि स्थिति गंभीर है। वहीं सरकार प्रतिशोध की राजनीति में लगी हुई है। सोनिया ने 2007 और 2009 के बीच आर्थिक मंदी से निपटने को यूपीए शासन की उपलब्धियों बताते हुए कहा कि हमारी सरकार ने आर्थिक मंदी के दौरान अर्थव्यवस्था को मंदी से निकाला था।


बैठक में सोनिया के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा केसी वेणुगोपाल, एके एंटनी और कई सीनियर नेता के अलावा पार्टी के कई महासचिव-प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता शामिल रहे।


आंदोलनकारी एजेंडे पर चलने की जरूरत: सोनिया
कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने देश की अर्थव्यवस्था के मुश्किल हालात पर चिंता जताई और कहा कि मौजूदा समय में पार्टी को आंदोलनकारी एजेंडे की जरूरत है।उन्होंने पार्टी महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह टिप्पणी की। सोनिया ने कहा कि कांग्रेस को आंदोलनकारी एजेंडे पर चलने की जरूरत है। हमारे संकल्प और संयम की परीक्षा ली जा रही है।'सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता जताई। इस बैठक में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़े आयोजनों, सदस्यता अभियान, पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर मंथन होगा। माना जा रहा है कि इस बैठक में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनाव के बारे में भी चर्चा होगी। सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद उनकी अगुवाई में यह पहली बैठक है।


400 रेलवे स्टेशन पर प्रयोग होगा कुल्लड़

नई दिल्‍ली। रेल यात्रियों को जल्दी ही 400 रेलवे स्टेशनों पर चाय, लस्सी और खाने- पीने का सामान मिट्टी से बने कुल्हड़, गिलास और दूसरे बर्तनों में मिलने लगेगा।


खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि रेल मंत्रालय ने 400 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को खाने-पीने का सामान मिट्टी से बने बर्तनों में उपलब्ध कराने का निर्णय किया है। इस कदम से जहां एक तरफ स्थानीय और पर्यावरण अनुकूल उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगेगा वहीं दूसरी तरफ कुम्हारों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि रेलवे की इस पहल से उत्साहित आयोग कुम्हारों के बीच 30,000 इलेक्ट्रिक चाक का वितरण करने का फैसला किया है। साथ ही मिट्टी के बने सामानों को पुनर्चक्रमण और नष्ट करने के लिये मशीन (ग्राइंडिंग मशीन) भी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि हम इस साल 30,000 इलेक्ट्रिक चाक दे रहे हैं। इससे रोजाना 2 करोड़ कुल्हड़ और मिट्टी के सामान बनाये जा सकते हैं। प्रक्रिया अगले 15 दिनों में शुरू हो जानी चाहिए।केवीआईसी के बयान के अनुसार केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने इस बारे में रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर रेलवे स्टेशनों पर कुल्हड़ जैसे मिट्टी के बर्तन के उपयोग को लेकर संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का आग्रह किया था। उसके बाद केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने भी इस संदर्भ में रेल मंत्री से मुलाकात की थी।


उल्लेखनीय है कि रेलवे प्रयोग के तौर पर उत्तर प्रदेश के वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्टेशनों पर इस साल जनवरी से मिट्टी के बने बर्तनों का उपयोग कर रहा था। इन दोनों स्टेशनों पर इस पहल से प्लास्टिक की समस्या से निपटने में मदद मिली है। केवीआईसी के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए रेलवे ने विभिन्न रेल मंडलों के सभी प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधकों और आईआरसीटीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) को पत्र लिखकर स्थानीय रूप से उत्पादित पर्यावरण अनुकूल मिट्टी से बने कुल्हड़, गिलास और प्लेट के उपयोग करने का निर्देश दिया है। इन सामानों का उपयोग देश के 400 रेलवे स्टेशनों पर किया जाएगा। खादी एवं ग्रमोद्योग आयोग कुम्हारों को सशक्त बनाने के लिये कुम्हार सशक्तिकरण योजना चला रहा है। इसके तहत 31 मार्च 2019 तक 10,620 बिजली से चलने वाले चाक उपलब्ध कराये गये हैं। केवीआईसी के अनुसार बिजली से चलने वाले चाक के कारण कुम्हारों की उत्पादन क्षमता काफी बढ़ी है।


एसडीएम और सीओ ने शुरू कराई कुश्ती

सीओ व एसडीएम ने हाथ मिलवा कर प्रथम कुश्ती की कराई शुरुआत


जमाने के पुराने पहलवान व कुश्ती लड़ाकू रहे है सदर सीओ
कौशांबी। पश्चिमशरीरा थाना क्षेत्र के पश्चिमशरीरा में अर्से से चले आ रहे ऐतिहासिक दंगल के इस बार साक्षी बने सदर एसडीएम सतीश चंद व सदर सीओ एसएन पाठक।पूर्व प्रधान व प्रधान पति पवन कुमार मिश्र के संरक्षण व आयोजन में संपन्न हो रहे इस ऐतिहासिक दंगल में जनपद ही नहीं बल्कि गैर जनपद व गैर प्रांत से आए हुए पहलवान जोर आजमाइश करते हैं ।पूर्व की भांति इस बार भी मेले में गैर प्रांत व गैर जनपदों के साथ ही क्षेत्रीय पहलवानो ने दंगल में भाग लिया। क्षेत्रीय लोगों की मानें तो इस वर्ष प्रधान पति पवन कुमार मिश्र की अगुवाई में संपन्न हो रहे इस दंगल में कुछ विशेषताएं विशेष रूप से नजर आयी। प्रधान पति पवन कुमार मिश्र द्वारा इस बार मेले की चाक-चौबंद व्यवस्था वह सजावट करने में किसी भी प्रकार की कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। वहीं जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर हर प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही मुहैया करा दी गई थी। बृहस्पतिवार को शुरू हुए इस दंगल में सदर सीओ एसएन पाठक ने प्रथम कुश्ती जोड़े के पहलवानों का हाथ मिलवा कर कुश्ती का शुभारम्भ किया।वही सदर सीओ ने मेला क्षेत्र में  घूमकर सुरक्षा का जायजा लिया।तथा मातहतों को आवश्यक निर्देश जारी किया। वही पश्चिमशरीरा थानाध्यक्ष योगेश तिवारी के नेतृत्व में पूरे मेला प्रांगण व दंगल प्रांगण में पुलिस की चाक-चौबंद व्यवस्था देखने को मिली। थानाध्यक्ष योगेश तिवारी मय पुलिस बल के साथ मेला क्षेत्र में पसीना बहाते नजर आए ।कहीं से कोई दंगल में अप्रिय घटना ना घटे इस बात को ध्यान रखते हुए या पुलिस अधीक्षक के निर्देशों का पालन करते हुए थानाध्यक्ष पश्चिमशरीरा चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल के साथ नजर गड़ाए देखे गए।
ज्ञात हो एसओ योगेश तिवारी की मेहनत व उच्चाधिकारियों के निर्देश पर क्षेत्र में चुनौतीपूर्ण मोहर्रम सकुशल सम्यन्न हो पाया है।जिस पर अच्छी पुलिसिंग की क्षेत्रीय लोगों ने खूब सराहना किया था।तीन दिवसीय दंगल में भी सुरक्षा के बेहतरीन इंतजाम मुकर्रर किये गए है।


विधुत:विपक्ष और संस्थाओ ने किया विरोध

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे पहले बीटेक सिविल, एल एल बी के बाद मन्त्री जी खिसके आपातकालीन गेट से
वाराणसी। उप्र पावर कार्पोरेशन के बड़के बाबुओ की गलत नीतियो से हो रहे बड़े घाटे इंजीनियर, कर्मचारियो के उत्पीड़न और बिजली की कीमतो की बढ़ोत्तरी के साथ ही निजीकरन के विरोध मे जहाँ विपक्ष मे बैठे राजनैतिक दल विरोध मे सड़क पर उतर रहे है। वही दूसरी ओर विद्युत विभाग के सयुक्त संघर्ष समिति के नेताओ ने भी UPPCL और उ प्र सरकार से सीधे तौर पर आर पार की लड़ाई के मूड मे नजर आ रही है। इसी क्रम मे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम मे पूर्व घोषित संघर्स समिति की एक ओर सभा चल रही थी। दूसरी ओर प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री रमाशंकर पटेल की डिस्काम के मीटिंग हाल मे बगैर एजेण्डे वाली बैठक कर रहे थे। जैसा कि एक दिन पूर्व के लेख मे आशंका जताई थी कि 12 सितम्बर का दिन डिस्काम का माहौल को गरमा सकता है। हुआ भी ठीक वैसा ही क्योकि विगत दिनो UPPCL के बड़केबाबुओ के आगमन मे पूर्वांचल के अभियंताओ ने पहली बार अपनी मांग को ले कर प्रबन्धन से आँख में आँख मिला कर विरोध प्रदर्शन किया था। जिससे प्रबन्धन को झटका लगा था पर अफसोस पूर्वांचल की पूरी ताकत को लखनऊ मे अभियंता संघ के नेताओ ने प्रबन्धन का लालीपाप खा कर समझौता कर लिया था पर आज एक बार फिर पूर्वांचल डिस्काम मे एक विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति अपनी मांगों को ले कर सभा का आयोजन किया वही दूसरी ओर डिस्काम मे ऊर्जा राज्यमंत्री की बैठक फिर क्या अपनी पीड़ा से त्रस्त कर्मचारियो ने बैठक के दौरान डिस्काम परिसर मे घुस कर जम के सरकार विरोधी नारे बाजी की जो कि राज्यमन्त्री जी एवं उनकी मौजूद फ़ौज के कानो को भेदती भी रही बैठक के दौरान स्वास्थ ठीक न होने के कारण प्रबंधनिदेशक मौजूद नही रहे पर बैठक मे ऊर्जा मन्त्री के साथ जमनिया की विधायिका जी  के अलावा विभाग के सभी डायरेक्टर एवं वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे बैठक समाप्ति के पूर्व मन्त्री जी पत्रकार प्रतिनिनिधियो से मुलाकात की और कहा कि यह एक विभागीय औपचारिक बैठक रही जिसमे उ प्र के मुख्यमंत्री जी की योजना के अनुसार गाँव को 20 घण्टे औऱ शहरी क्षेत्र को 24 घण्टे विद्युत अपूर्ति करने एवं जले ट्रासफार्मर को तत्काल बदलने जैसे कार्यो की प्रगति पर चर्चा हुई  एक वरिष्ठ पत्रकार बन्धु ने अपने सवाल मे स्मार्टमीटर से उपभोक्ताओं के अधिक विद्युत बिल की चर्चा की तो विभागीय अधिकारी पैतरा बदलते नजर आये बलिया मे अपने ही दल के विधायक द्वारा एक अधीक्षण अभियंता को धमकी और गाली देने के सवाल पर राज्यमन्त्री महोदय ने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए सवालो से कन्नी काट ली पर बैठक समाप्त कर जब मन्त्री महोदय निकले तो सारे काफिले के साथ डिस्काम के प्रबंधनिदेशक के आवास पर उनके स्वास्थ का हाल लेने रवाना हुए वही रास्ते मे चल रहे सयुक्त संघर्ष समिति के नेताओ और कर्मचारियो ने मन्त्री का काफिला आते देख आक्रोशित हो कर जम कर सरकार विरोधी नारे लगाने लगे कुछ समय के लिये पूरे डिस्काम परिसर मे सरकार विरोधी नारो से गूँजता रहा सुरक्षा कर्मी अपनी मुस्तैदी मुद्रा मे हाफ्ते देखे गये और मौके की नजाकत को भांपते हुए ऊर्जा राज्यमन्त्री के काफिले को गेस्टहाऊस की ओर हमेशा बन्द रहने वाले दरवाजे से बाहर निकाला गया यानी मन्त्री जी घुसे बड़े गेट से और निकलना पड़ा छोटे गेट से और मजे की बात यह है कि विरोध जताने वाले वही ठेकेदार अभियन्ता और अधिकारी थेे। जिन्होंने सुबह बडे ही प्यार व सम्मान के साथ मंत्री जी को गुलदस्ते भेट किये थे और वही लोग मात्र थोडी सी देर मे इनकी गलत नीतियो के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थेे। पूर्व मे भी बीटेक सिविल यानि कि बडका बाबू आलोक कुमार और इनकी सहयोगी एलएलबी डिग्रीधारी अपर्णा यू को भी यहाँ भारी विरोध का  सामना करना पड़ा था। इस बात से यह तो सिद्ध हो रही है कि आने वाले समय मे पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के अधिकार और अभियन्ता ही इस आन्दोलन की दिशा और दशा तय करेंगे। वैसे मंत्री जी ने यह बताया कि 20 घण्टे ग्रामीण और 24 घण्टे शहर मे विद्युत आपूर्ति की जायेगी क्या यह वाकई सच है। तब तो इस पर सरकार / ब्यूरोक्रेटस ने तो कोई ना कोई योजना बनाई गई होगी। परन्तु  नातो सरकार के पास कोई योजना बनाई गई थी और ना ही सरकार द्वारा तैनात ब्यूरोक्रेटस के पास ही कोई उपाय है परन्तु प्रदेश की जनता को अधेरे मे रखने की पूरी तैयारी कर ली गयी है जैसे कि LC खोलने का निर्णय जिसमें डिस्कॉमो को अग्रिम धन बैक के खाते मे जमा कराना पडता है जब घाटे मे जा रहे डिस्कॉमो के पास धन नहीं होगा तो वह उसे अग्रिम धनराशि कहाँ से जमा करायेंगे और विद्युत की आपूर्ति कैसे होगी इस यक्ष प्रश्न का उत्तर किसके पास है नेताओं के या बडका बाबू जी लोगों के? खैर।              
         अविजित आनंद


टी-20 पर मंडराये संकट के बादल

धर्मशाला टी-20 पर मंडराए संकट के बादल 


धर्मशाला। भारतीय क्रिकेट प्रेमी बड़ी शिद्दत से इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच 15 सितंबर से शुरू होने वाली टी-20 सीरीज का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब उनके लिए बुरी खबर आई है। दोनों टीमों के बीच सीरीज का पहला मुकाबला 15 सितंबर को धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम पर खेला जाएगा। इस मैदान की पिच तेज गेंदबाजों की मददगार मानी जाती है। ऐसे में जहां दोनों टीमें टीम संयोजन से तालमेल बैठाने में जुटी हैं, वहीं मुकाबले से पहले ही दोनों टीमों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गईं हैं। दरअसल, ऐसा किसी खिलाड़ी की वजह से नहीं है, बल्कि ये चुनौती तो बदलते मौसम ने पेश की है।


दरअसल, टीम इंडिया दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टी-20 सीरीज से इस घरेलू सत्र की शुरुआत करने जा रही है। मगर मौसम विभाग ने इस मुकाबले को लेकर बड़ी चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, धर्मशाला में मैच से दो दिन पहले ही तेज बारिश शुरू होने का अनुमान है जो तीसरे दिन भी जारी रहेगी। ऐसे में इस बात की उम्मीद कम ही मानी जा रही है कि दोनों टीमों के बीच पहला टी-20 मुकाबला बारिश की भेंट न चढ़े।


मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी

नई दिल्ली। 13,600 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले का मुख्य अभियुक्त नीरव मोदी के भाई नेहाल मोदी के खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है। इससे पहले ईडी ने इंटरपोल से नेहाल के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की अपील की थी। 40 साल का नेहाल फिलहाल बेल्जियम की नागरिकता हासिल किए हुए है और अमेरिका में रह रहा है। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। उस पर पीएनबी से पैसे को इधर-उधर करने में नीरव मोदी की मदद करने का आरोप है। इसके साथ ही उसने सभी सबूतों को भी नष्ट कर दिया है।  ईडी ने आरोप लगाया है कि घोटाले का पता लगने के बाद उसने दुबई और हांगकांग में रह रहे सभी छद्म निदेशकों के सेल फोन को समाप्त कर दिया है और उनका काहिरा के लिए टिकट बुक किया था। फिलहाल नीरव मोदी इंग्लैंड की जेल में है। लंदन की वेस्टमिनस्टर कोर्ट में उसके प्रत्यपर्ण की सुनवाई चल रही है।


एमडीएच मसाला के उत्पादों की होगी जांच

नई दिल्ली। देश की प्रसिद्ध सब्जी मसाला कंपनी एमडीएच के सांभर मसाले में बैक्टीरिया की शिकायत पाए जाने के बाद अब ब्रांड के सभी उत्पादों के सैंपलों की जांच की जाएगी। ऑल इंडिया फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर फाउंडेशन की ओर से महाराष्ट्र अन्न और औषधि प्रशासन विभाग को चिट्ठी लिखी गई है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी फूड एंड ड्रग अथॉरिटी की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार एमडीएच मसाले के एक उत्पाद में साल्मोनेला मिलने की पुष्टि हुई है। चिट्ठी में लिखा है कि एमडीएच के सांभर मसाले में कथित तौर पर साल्मोनेला बैक्टीरिया मिलने के बाद अमेरिका से इन मसालों की कम से कम तीन खेप वापस भेजी गई हैं। अमेरिका की फूड एंड ड्रग रेगुलेटर बॉडी एफडीए की ओर से कराए गए कुछ टेस्ट के परिणाम सामने आने के बाद सैंपल की जांच कराने का कदम उठाया गया है। महाराष्ट्र एफडीए से निवेदन किया गया है कि मामले का संज्ञान लेते हुए एमडीएच के सभी उत्पादों के सैंपल तुरंत जांचे जाएं।


फिर 4 से 15 नवंबर तक आॅड-ईवन

नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों पर एक बार फिर से ऑड-ईवन योजना देखने को मिलेगी। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने शुक्रवार को ऐलान किया कि दिल्ली में 4 नवंबर से लेकर 15 नवंबर तक ऑड-ईवन नियम लागू होगा। माना जा रहा है कि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल सरकार ने यह फैसला लिया है। अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि दिल्ली में प्रदूषण से बचने के लिए मास्क भी मिलेंगे। सरकार ने कहा कि अक्टूबर से दिल्ली सरकार मास्क भी बांटेगी। इतना ही नहीं, दिल्ली में पर्यावरण मार्शल की नियुक्ति होगी।


जैविक हथियारों का प्रयोग बड़ा खतरा

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आतंकवाद के लिए जैविक हथियारों का इस्तेमाल अभी एक बड़ा खतरा है और सेनाओं तथा उसकी चिकित्सा शाखा को इससे निपटने के लिए तैयार रहना होगा। सिंह ने आज यहां शंघाई सहयोग संगठन देशों के पहले मिलिट्री मेडिसिन सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, मैं जैविक-आतंकवाद की समस्या से निपटने की क्षमता विकसित करने के महत्व को रेखांकित करना चाहता हूं। जैविक-आतंकवाद अभी एक वास्तविक खतरा है। यह संक्रामक महामारी की तरह फैलता है और सशस्त्र सेनाओं तथा मेडिकल सेवाओं को इससे निपटने के लिए आगे बढकर मोर्चा संभालना होगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि रण क्षेत्र से संबंधित प्रौद्योगिकी में निरंतर बदलाव आ रहा है और इससे नयी-नयी चुनौती पैदा हो रही हैं।


नये और गैर परांपरागत युद्धों ने इन चुनौतियों को और जटिल बना दिया है। सशस्त्र सेनाओं की मेडिकल सर्विस को इन चुनौतियो का पता लगाने और इनके कारण स्वास्थ्य पर पडऩे वाले प्रतिकूल प्रभाव को कम करने की रणनीति सुझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि परमाणु, रसायनिक और जैविक हथियारों के कारण भी स्थिति निरंतर जटिल हो रही है। सशस्त्र सेनाओंं के चिकित्सा से जुड़े विशेषज्ञ संभवत इन खतरनाक चुनौतियों से निपटने के साजो-सामान से लैस हैं। घायलों की देखभाल और उनका बचाव मिलिट्री मेडिसिन का महत्वपूर्ण पहलू है। लड़ाई के दौरान चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाली मेडिकल सेवाओं का यह कर्तव्य है कि उनके पास घायलों को जल्द से जल्द जरूरी सहायता उपलब्‍ध कराइ जाए।


'अतिकेंद्रीकरण' के विरोध की शुरुआत

लखनऊ। गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखण्ड के बाद अब भाजपा शासित उत्तर प्रदेश की सरकार भी यातायात नियमों के उल्लंघन पर वसूले जाने वाले जुर्माने की दरों पर 'जनता के हित में' फिर से विचार कर रही है। सपा ने भाजपा शासित राज्यों द्वारा चालान के नए नियमों को 'न मानने' को भाजपा में 'अतिकेन्द्रीकरण' के विरोध की शुरूआत करार दिया है। 


राज्य के परिवहन राज्यमंत्री अशोक कटारिया ने यहां संवाददाताओं से कहा ''उत्तर प्रदेश की जनता के हित में जुर्माना राशि को कितना किया जाए, इसके बारे में सरकार पुनर्विचार कर रही है।'' उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही यातायात नियमों के उल्लंघन के जुर्माने की नयी दरें घोषित करेगी। उल्लेखनीय है कि भाजपा शासित गुजरात, उत्तराखण्ड और कर्नाटक राज्यों की सरकारों ने संशोधित मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने की दरें अपने-अपने यहां आधी कर दी हैं, जबकि महाराष्ट्र और गोवा में इसके क्रियान्वयन को टाल दिया गया है। 


सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पर एक बयान में कहा ''भाजपा शासित राज्यों द्वारा चालान के नए नियमों को न मानना यह दर्शाता है कि ये नियम सच में कितने जनविरोधी एवं दमनकारी है। तभी तो उन राज्यों की इतनी हिम्मत हुई है कि वो 'सख्त फैसले' लेने वाले तथा कथित 'निर्णायक नेतृत्व' को चुनौती दे सके। ये भाजपा में अतिकेन्द्रीकरण के विरोध की शुरूआत है।'' उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार इन दिनों ऐसे अव्यावहारिक निर्णय कर रही है, जिनसे जनता को दुःख और पीड़ा मिले। यह सिलसिला केन्द्र से लेकर राज्य तक में चल रहा है।


हटके: दुनिया का सबसे जहरीला पेड़

ये है दुनिया का सबसे जहरीला पेड़, पास गए तो होगी मौत


दुनियाभर में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जो जहरीले होते हैं। ऐसा ही एक पेड़ मैंशीनील है, जो दुनिया के सबसे खतरनाक पेड़ों में शामिल है। इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे जहरीला पेड़ के तौर पर दर्ज है। यह पेड़ फ्लोरिड और कैरेबियन तट पर पाया जाता है और इसके तने से निकलने वाला रस इतना जहरीला होता है कि अगर यह आपकी स्किन पर छू भी जाए तो छाले पड़ जाएंगे। सेब जैसा दिखने वाला इस पेड़ के फल को खाने से मौत हो सकती है।


गलती से कहीं पेड़ का रस आंख के पास चला जाए तो इंसान अंधा हो सकता है। इतना ही नहीं लकड़ी को जलाने के बाद निकलने वाली धुआं से भी इंसान की आंखों की रोशनी जा सकती है। निकोला एच स्ट्रिकलैंड नाम के एक वैज्ञानिक ने इस पेड़ के फल को एक बार चखा था। वे अपने कुछ दोस्तों के साथ टोबैगो के कैरेबियन आइलैंड के बीच पर गए थे, जहां उन्होंने यह फल खा लिया था। स्ट्रिकलैंड ने बताया कि यह बेहद कड़वा था। मैं अगर तुरंत चेकअप नहीं करवाता तो मेरी जान निकल जाती। यही कारण है कि इस पेड़ के आस-पास चेतावनी वाले बोर्ड लगे रहते हैं।


सरकार को नहीं गलती का एहसास:सिंह

नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने एक बार देश की बिगड़ रही अर्थव्यवस्था पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था खराब से बेहद खराब होती जा रही है लेकिन दुख की बात है कि मोदी सरकार को अपनी गलती का एहसास नहीं हो रहा है।


मनमोहन सिंह ने कहा कि आर्थिक मंदी और अपनी गलतियों को स्वीकारने के बजाय, सरकार ने अपनी गलतियों के लिए दूसरों को दोष देने पर ध्यान दिया है। भाजपा को मौजूदा संकट को स्वीकार करना चाहिए और अर्थव्यवस्था को ठीक करने के उपाय करने चाहिए। पूर्व पीएम ने एक बार फिर दोहराते हुए आर्थिक स्थिति के लिए नोटबंदी और जीएसटी जैसे सरकारी कदम को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आर्थिक हालातों को सुधारने के लिये रणनीति बनानी होगी ताकि बिगड़ते हालातों से लड़ा जा सके।


'तेजस' में मिलेगा कानपुर का खाना

ट्रेन-18 की तरह तेजस में मिलेगा कानपुर का खाना
दिलशाद अहमद 
वंदे भारत एक्सप्रेस में मिलता है फाइव स्टार होटल का खाना


नई दिल्ली। देश की पहली निजी ट्रेन तेजस एक्सप्रेस में यात्रियों को दोपहर का लंच कानपुर का दिया जाएगा। इसके टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। लखनऊ से दिल्ली जाने वली ट्रेन में कानपुर से खाना चढ़ाने की सहमति मिली है। अभी देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस में भी कानपुर के फाइव स्टार होटल का खाना मिलता है।
लखनऊ से ट्रेन सुबह 6:10 बजे छूटेगी। इस पर इस ट्रेन में नाश्ता तो लखनऊ से कानपुर के बीच ही दे दिया जाएगा। कानपुर बाद नई दिल्ली जाने में इस ट्रेन का स्टापेज सिर्फ गाजियाबाद में है। लेकिन वहां से दिल्ली का सफर सिर्फ 40 मिनट का है। इसलिए कानपुर सेंट्रल स्टेशन से ही खाना चढे़ेगा। यह ट्रेन सेंट्रल स्टेशन पर सुबह 7:20 बजे पहुंचेगी और 7:25 बजे रवाना होगी।


ट्रेन का स्टाफ अवधी ड्रेस में चलेगा


इस ट्रेन में आईआरसीटीसी का स्टाफ दूसरी ट्रेनों की तरह नहीं होगा। इसमें वेटर से लेकर दूसरा स्टाफ कोट पैंट नहीं बल्कि सदरी पहनकर मौजूद रहेगा। ट्रेन में मौजूद यात्रियों को लखनऊ की तहजीब और अवधी सभ्यता का एहसास होगा। यह पहली बार किसी ट्रेन में किसी शहर और प्रांत की सभ्यता का एहसास दिलाने की कोशिश होगी।


योगी और नड्डा ने किया शिलान्यास

कानपुर। नौबस्ता स्थित पुरानी मौरंग मंडी में भाजपा के नए कार्यालय का शिलान्यास बृहस्पतिवार को हुआ। भाजपा के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव के साथ कार्यालय के लिए भूमि पूजन किया। यह कार्यालय 1100 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया जाएगा। इस दौरान प्रदेश के नौ अन्य जिलों के पार्टी कार्यालयों का भी शिलान्यास यहीं से हुआ। कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि देश में अभी 200 और पार्टी कार्यालय खोले जाएंगे।इन कार्यालयों में अत्याधुनिक इलेक्ट्रानिक्स सिस्टम और सभी तरह की सुविधाएं मौजूद रहेंगी। कानपुर का क्षेत्रीय और तीन जिलों का यह कार्यालय कई मंजिला होगा। कांफ्रेंस हॉल, मीटिंग हॉल, मीडिया के लिए खबरें भेजने के लिए सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद होंगी।


बाकी जिन जनपदों (कानपुर देहात, गौतमबुद्ध नगर, नोएडा, बागपत, रायबरेली, पीलीभीत, प्रतापगढ़ और जौनपुर) के कार्यालयों का शिलान्यास किया गया, उनके शिलापट वहीं के जिलाध्यक्ष लेकर जाएंगे। इससे पहले पार्टी के महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने भूमि पूजन की प्रक्रिया पूरी की। बारिश की वजह से कार्यक्रम में थोड़ी दिक्कत भी हुई। इस मौके पर सांसद सत्यदेव पचौरी, देवेंद्र सिंह भोले, मानवेंद्र सिंह, नीलिमा कटियार, कमलरानी वरुण, रंजना उपाध्याय, भवानी सिंह, अरुण पाठक, सलिल विश्नोई, सुरेंद्र मैथानी, अनीता गुप्ता, श्याम बिहारी मिश्र, बालंचद्र मिश्र, सुरेश अवस्थी सहित कई प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।


सोशल मीडिया से काम नहीं चलेगा:सोनिया

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई आज दिल्ली में पार्टी महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। सोनिया ने बैठक में कहा कि देश की आर्थिक स्थिति गंभीर है घाटा बढ़ रहा है। लोगों का विश्वास डोल रहा है। आर्थिक नुकसान से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सरकार केवल बदले की राजनीति मे व्यस्त है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेताओं को नसीहत देते हुए सोनिया गांधी ने कहा सिर्फ सोशल मीडिया से काम नहीं चलेगा, सड़क पर उतरना होगा। 2 अक्टूबर को राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी पदयात्रा करेंगी. सोनिया गांधी दिल्ली में पदयात्रा करेंगी। कांग्रेस ने सभी बड़े नेताओं को अपने बूथ और मोहल्ले में जाकर सदस्यता अभियान चलाने का निर्देश दिया है। आर्थिक मंदी के मुद्दे पर 15-25 अक्टूबर से देश भर कांग्रेस बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा। कांग्रेस डिजिटल एप्प से सदस्यता अभियान शुरू करेगी। जल्द ही ये एप्प लांच किया जाएगा। इस बैठक में सोनिया के साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, सीएम अशोक गहलोत और सीएम भूपेश बघेल मौजूद रहे।


दृष्टिबाधित भी पढ़ सकेंगे व्हाट्सएप संदेश

दृष्टिबाधित भी पढ़ सकेंगे व्हाट्सएप संदेश


नई दिल्ली। कोहिनूर मंच पर मेगा कैंप में दृष्टि बाधित दिव्यांगों को एलिम्को कंपनी के स्मार्ट फोन की सौगात भी मिली है। टैक्सट टू स्पीच पद्घति पर आधारित इस फोन को छूते ही फोन खुद बताएगा कि उसका कौन सा फीचर छुआ गया है। मसलन यदि दृष्टिबाधित व्यक्ति के फोन पर व्हाट्स एप संदेश आता है तो वह फीचर छूऐगा और व्हाट्स एप खोल सकेगा। इसमें रिकार्डेड संदेश को सुन सकेगा।


एलिम्को कंपनी के कनिष्ठ प्रबंधक पंकज द्विवेदी ने बताया कि यह फोन दृष्टिबाधितों के लिए वरदान साबित होगा। इससे न केवल वह तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां डाउनलोड कर अपने शिक्षा के स्तर को सुधार सकेंगे। बल्कि गूगल के माध्यम से नई नई जानकारी भी ले सकेंगे। इस फोन में एनसीईआरटी की किताबें भी डाउनलोड हो सकती हैं। बस इसके फीचरों को छूकर बताना होगा। यही नहीं गूगल से जानकारियां भी ली जा सकती हैं। फोन खुद बोलकर उन जानकारियों के बारे में बताएगा।


13 टोल प्‍लाजा कैशलेस, उलंघन पर सजा

दिल्ली। रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) टैग वाले वाणिज्यिक वाहनों को आज से अनिवार्य रूप से कैशलेस भुगतान के लिए तैयार रहना होगा। ऐसा नहीं होने की स्थिति में उन्हें दंड स्वरूप दोगुनी कर राशि का भुगतान करना पड़ेगा। दक्षिण दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। आरएफआईडी प्रणाली वाणिज्यिक वाहनों से एमसीडी टैक्स और पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क (ईसीसी) का स्वत: संग्रह करने की अनुमति देती है। इस प्रणाली को 24 अगस्त को शहर के 13 व्यस्ततम टोल प्लाजा पर लागू किया गया था। इसका उद्देश्य सड़कों पर लगने वाले जाम और प्रदूषण को कम करना है। इस प्रणाली से जहां राजस्व में चोरी बचेगी वहीं पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी। दक्षिण दिल्ली नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त रणधीर सहाय ने बताया कि बड़ी संख्या में वाणिज्यिक वाहनों के मालिकों ने उनके आरएफआईडी खाते को रिचार्ज नहीं कराया है। परिणामस्वरूप नई शुरू की गई प्रणाली पूरी तरह से कैशलेस नहीं हो पायी है। उन्होंने बताया, ”आरएफआईडी परियोजना का एक मुख्य उद्देश्य प्रक्रिया को पूरी तरह कैशलेश बना कर टोल प्लाजाओं पर लगने वाली लंबी कतारों को कम करना है। इसे सफल बनाने के लिए यह जरूरी है कि वाहन मालिक अपने आरएफआईडी खातों को रिचार्ज करायें।


सहाय ने बताया कि 24 अगस्त को इस प्रणाली के लागू होने के बाद केवल गैर आरफआईडी वाणिज्यिक वाहनों को ही जुर्माना देना पड़ता था और आरएफआईडी टैग वाले वाहनों का वालेट अगर रिचार्ज नहीं है तो उनके पास नकद भुगतान का विकल्प मौजूद रहेगा। सहाय ने कहा, ”शुक्रवार से प्रणाली पूरी तरह कैशलेस हो गयी है। 13 टोल प्लाजाओं पर कोई नकद राशि स्वीकार नहीं की जाएगी। जिन लोगों ने अपने खाते रिचार्ज नहीं कराये हैं उन्हें टैक्स की दोगुनी राशि का भुगतान करना होगा और उनके वाहनों को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा। रणधीर सहाय ने बताया कि अब तक तीन लाख 60 हजार आरएफआईडी टैग बिक चुका है लेकिन बहुत कम संख्या में व्यवसायिक वाहनों ने इसके माध्यम से एमसीडी टैक्स और ईसीसी का भुगतान किया है। वाहन मालिक अपने आरएफआईडी खातों को बेवसाइट ईसीसीटीएजीएसडीएमसी डॉट काम पर या मोबाइल एप 'एमसीडी टोल' के माध्यम से रिचार्ज करा सकते हैं। इसके अलावा वे 28 कियोस्क पर भी अपने खातों को रिचार्ज करा सकते हैं। दिल्ली आने वाले वाहनों में से 85 फीसदी इन्हीं 13 टोल प्लाजा से होकर गुजरते हैं।


फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...