शुक्रवार, 13 सितंबर 2019

खनन माफियाओं के सामने पस्‍त प्रशासन

जिले में बालू के अवैध खनन को न तो सरकार की हनक रोक पा रही है न ही जिलाधिकारी औरंगाबाद की सख्ती।


रबिश कुमार


औरंगाबाद। पुलिस व बालू माफिया की गठजोड़ से जिले में बालू का अवैध कारोबार औरंगाबाद में आराम से चल रहा है। फर्क बस इतना है कि पहले यह धंधा रात के अंधेरे में होता था अब दिन के उजाले में भी हो रहा है। खनन व राजस्व विभाग का भी आशीर्वाद होने से धंधेबाज मस्त हैं और  पब्लिक परेशान है।उसकी कोई सुनने वाला नहीं है। स्थिति यह है कि करोड़ों रुपये प्रति माह सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाने वाले इस अवैध धंधे के खिलाफ उठने वाली आवाज को पुलिस अपने शान में गुस्ताखी मानती है और बालू माफिया के बचाव में कोई भी कदम उठाने गुरेज नहीं कर रही है। लाइव ख़बर और बिहार टुडे के पास मौजूद वीडिओ इस बात को तस्दीक करते हैं।ग्रामीण और ड्राइवर नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि ओबरा थानाध्यक्ष दस से पंद्रह हजार रुपये मासिक लेते हैं।इस बाबत थानाध्यक्ष ने से संवाददाता ने पूछा तो अपनी कड़क आवाज़ से नकारा और कारवाई की बात कही।
मालूम रहे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में अवैध खनन को सख्ती से रोकने का आदेश भी दिया है साथ ही बिहार के नए डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय लगातार पुलिसिंग और कार्यपद्धति बदलने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।पुलिस महानिदेशक के सख्त चेतावनी के बावजूद भी ओबरा थाना पर कोई असर नही दिख रहा है।ओबरा थाना क्षेत्र से गुजर रहे सोन नदी के पास आधा दर्जन गाँवों में अवैध बालू खनन धड़ल्ले से चल रहा है।इस अवैध खनन से राज्य सरकार को राजस्व की भारी क्षति हो रही है तो दूसरी तरफ अवैध बालू लदे ट्रैक्टर अक्सर अनियंत्रित गति में चलते रहते हैं। जिससे दुर्घटना की भी व्यापक आशंका बनी हुई है। पंचायत के ग्रामीणों ने कई बार इस अवैध खनन की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से ये लोग भी चुपी साध ली। नौनेर और अधौरा के समीप नदी से खनन हो रहा है। दर्जनों ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए।क्षेत्र के ग्रामीण राधेश्याम सिंह,विनोद सिंह यादव,युगल किशोर यादव,अर्जुन यादव,नरेंद्र सिंह, विकास सिंह, अवधेश सिंह यादव, सूबेदार पासवान,मंटू सिंह, पप्पू सिंह सहित दर्जनों  ग्रामीणों ने डीहरा लख पे दाउदनगर-बारुण मुख्य पथ पर प्रशासन का विरोध किया और उनके रवैये पर प्रश्नचिन्ह उठाये।बताया कि इस क्षेत्र के ही कुछ लोगों द्वारा यह कारोबार चलाया जा रहा है। प्रत्येक दिन दो सौ से भी अधिक ट्रैक्टर नदी से अवैध बालू लेकर औरंगाबाद, रोहतास,कैमूर और बक्सर के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचकर ऊंचे दामों पर बेचते हैं। इस कारोबार से ट्रैक्टर मालिक के साथ -साथ अवैध खनन करा रहे दबंग भी मालोमाल हो रहे हैं।इससे नुकसान तो सिर्फ सरकार का हो रहा है।इस ओर संबंधित पदाधिकारी का कोई ध्यान नहीं पहुंच रहा है।क्षेत्र के कई ग्रामीण इलाकों में भी अवैध बालू खनन हो रहा है । जिसे रोकने में प्रशासन विफल है।
इससे इतर हैरान करने वाली बात यह है कि शाम तो शाम सुबह में भी बीच सड़क पर बालू लदे ट्रैक्टर और ट्रक बारुण और दाउदनगर की ओर कूच करते हैं। पुलिस वाले की मंशा अगर साफ हो तो बिना कहीं गए सभी मुख्य सड़को को सील कर चेकनाका लगा दिया जाए तो बालू माफिया पर लगाम लगाई जा सकती है। इधर लाइव ख़बर प्रतिनिधि के अनुसार थाना क्षेत्र के तकरीबन आधा दर्जन घाट पर बालू का उठाव धड़ल्ले से जारी है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में ट्रैक्टर से बालू का उठाव किया जा रहा है व सक्रिय माफियाओं द्वारा इसका व्यापक पैमाने पर संग्रह किए जाने का कार्य भी हो रहा है। 


सब से हैरान करने वाली बात यह है कि अवैध बालू के उठाव का खेल प्रशासन के नजरों के सामने हो रहा है। जानकारी के अनुसार ओबरा थाना क्षेत्र के नौनेर एवं अधौरा घाट के इलाके में सोन नदी से हर दिन सैकड़ों ट्रैक्टर से बालू का उठाव बदस्तूर जारी है। इस बाबत पुलिस उपाधीक्षक ने कहा कि पुलिस लगातार करवाई कर रही है साथ ही सूचना मिली है तो इस पर संज्ञान लिया जाएगा। रोक के बावजूद भी अगर बालू माफियाओं द्वारा बालू का उठाव करवाया जा रहा है तो विभागीय स्तर से बालू माफियाओं को चिन्हित कर उन पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।


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