पंकज कपूर
देहरादून। उत्तराखंड में चंद महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। सत्ताधारी दल भाजपा किसी भी कीमत पर सत्ता को अपने हाथ से गंवाना नहीं चाहती है। ऐसे में भाजपा ने विधायकों के साड़े चार साल के प्रदर्शन का खाका तैयार करते हुए उनकी गोपनीय सर्वे को अभी से शुरू कर दिया है।
भाजपा पार्टी के आलाकमान ने इसके लिए एक निजी सर्वे एजेंसी को हायर किया है, इस एजेंसी के द्वारा एक महीने के अंदर तीन सर्वे किए जाएंगे, इसके आधार पर हर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक एवं चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशियों की राजनीतिक दावेदारी को तय किया जाएगा। भाजपा लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हमेशा से सर्वे कराती आई है। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का यह सर्वे 10 सितंबर तक चलेगा, राज्य में 70 विधानसभा सीटों को इसमें शामिल किया गया है।
देहरादून भाजपा से सूत्र बताते हैं कि 15 सितंबर और 25 अक्टूबर से दूसरा सर्वे चलेगा, सूत्रों ने यह भी बताया कि इन तीन सर्वे के रिपोर्ट के आधार पर पार्टी अपनी वर्तमान परिस्थिति को आकलन करेगी। जनता के बीच किन मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहिए, ताकि चुनाव के समय भाजपा को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो।
उत्तराखंड में चंद महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, सत्ताधारी दल भाजपा किसी भी कीमत पर सत्ता को अपने हाथ से गंवाना नहीं चाहती है, ऐसे में भाजपा ने विधायकों के साड़े चार साल के प्रदर्शन का खाका तैयार करते हुए उनकी गोपनीय सर्वे को अभी से शुरू कर दिया है।
भाजपा पार्टी के आलाकमान ने इसके लिए एक निजी सर्वे एजेंसी को हायर किया है। इस एजेंसी के द्वारा एक महीने के अंदर तीन सर्वे किए जाएंगे। इसके आधार पर हर विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के विधायक एवं चुनाव लड़ने वाले संभावित प्रत्याशियों की राजनीतिक दावेदारी को तय किया जाएगा। भाजपा लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हमेशा से सर्वे कराती आई है। 2022 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का यह सर्वे 10 सितंबर तक चलेगा, राज्य में 70 विधानसभा सीटों को इसमें शामिल किया गया है।
देहरादून भाजपा से सूत्र बताते हैं कि 15 सितंबर और 25 अक्टूबर से दूसरा सर्वे चलेगा, सूत्रों ने यह भी बताया कि इन तीन सर्वे के रिपोर्ट के आधार पर पार्टी अपनी वर्तमान परिस्थिति को आकलन करेगी। जनता के बीच किन मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहिए, ताकि चुनाव के समय भाजपा को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो।
विधानसभा चुनाव में वर्तमान विधायक व संभावित प्रत्याशियों की टिकट बांटे जाने में सर्वे को मुख्य आधार बनाया जाएगा, इसके लिए हाईकमान ने प्रदेश नेतृत्व पर ज्यादा निर्भर नहीं रहेगी। सूत्र यह भी बताते हैं कि किसी अन्य खुफिया सर्वे एजेंसी से भी सर्वे कराया जाएगा। यह माना जा रहा है कि करीब 25 से 30 विधायकों के टिकट कटेंगे, इसमें से कुछ सरकार में कैबिनेट मंत्री भी हैं।