जनसुनवाई पोर्टल भगवान भरोसे, लखनऊ डीएम,एसएसपी एवं सीओ कैसरबाग ने नोएडा की शिकायत का करवा दिया निस्तारण
लखनऊ। मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल में अधिकारियों की लापरवाही और हीलाहवाली के कारण गड़बड़ियों का खेल चल रहा है। जब अधिकारियों का यह हाल है, तो उनके मातहत क्या करेंगे इसका अनुमान लगाया जा सकता है। जिस तरह की गड़बड़ी सामने आई है, वह जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी के अनुसार जनसुनवाई पोर्टल में उन्होंने नोएडा में किसी प्रकरण को लेकर जांच के लिए शिकायत दर्ज कराई थी।
समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी के मुताबिक उनकी मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत संख्या 15157190098376 है। शिकायत जिला गौतम बुद्ध नगर से सम्बंधित थी। लेकिन उनकी शिकायत का इतनी तेजी से सीएम पोर्टल की निगरानी करने वाले अफसरों ने किया कि गड़बड़ियों की पोल ही खुलकर सामने आ गई। उन्होंने बताया कि शिकायत को बिना पढ़े ही लखनऊ डीएम को भेज दी गई। इसके बाद डीएम साहब ने वह शिकायत बिना पढ़े लखनऊ के एसएसपी को भेज दी। यह आलम यूं ही चलता रहा और एसएसपी साहब ने शिकायत सीओ कैसरबाग को भेज दी। सीओ साहब ने भी शिकायत को बिना पढ़े थानाध्यक्ष प्रभारी निरीक्षक कैसरबाग को भेज दी। थानाध्यक्ष ने चौकी प्रभारी को शिकायत भेज दी। हैरान करने वाली बात है कि शिकायत नोएडा से संबंधित था, जिसकी जांच वहां के अधिकारियों को करनी थी।
शिकायत को लेकर गड़बड़ियों में मजे की बात यह है कि चौकी इंचार्ज महोदय जांच करते हुए समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी के पास पहुंच गए। समाजसेवी ने इंचार्ज को पूछताछ करने के दौरान बताया कि उनकी शिकायत तो गौतम बुद्ध नगर जिला से संबंधित है। ऐसे में लखनऊ में अधिकारियों ने इसका निस्तारण कैसे कर दिया गया। हैरान करने वाली बात है कि डीएम और एसएसपी जैसे पद पर बैठे अधिकारियों द्वारा ही शिकायतों को जब गंभीरता से नहीं लिया जा रहा तो जनता को न्याय कैसे मिलेगा। अधिकारियों की इस लापरवाही से सीएम पोर्टल पर आने वाली शिकायतों को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
समाजसेवी तनवीर अहमद सिद्दीकी का कहना है कि उनको जब अपने शिकायत के निस्तारण की जानकारी हुई तो उनके होश ही उड़ गए। चूंकि मामला तो लखनऊ का था ही नहीं। उन्होंने कहा कि अफ़सोस की बात है कि किसी भी आधिकारियो ने शिकायती पत्र को पढ़ना सही नहीं समझा। शिकायत का निस्तारण खानापूर्ति व टाल मटोल से कर दिया गया। शिकायती पत्र के अनुसार कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने अपनी शिकायत पर दोबारा गम्भीरतापूर्वक विचार करते हुए तत्काल इस पूरे प्रकरण की जॉच कराई जाने की मांग की है। साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ सीएम से सख्त कार्रवाई की मांग भी की है।