एनआईए ने आतंकी संगठन आईएसकेपी
केस में पांच आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट।
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार को चार्जशीट दाखिल किया। ये आरोप पत्र दिल्ली में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में दाखिल किए गए। इस आरोप पत्र में पांचों आरोपियों के खिलाफ प्रतिबंधित संगठन आईएसआईएस/आईएसकेपी से ताल्लुक रखने का आरोप लगा है।
यह भी आरोप है कि इन लोगों ने भारत सरकार के खिलाफ साजिश रची। इन पर हिंसक गतिविधियों को बढ़ावा देने और धार्मिक समूहों में आपसी वैमनस्य को बढ़ावा देने का भी आरोप लगा है। आईपीसी की धारा 120बी, 124ए, 153ए और 201 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है। इसके अलावा यूएपीए के तहत धारा 13,17, 18, 38, 39 और 40 के तहत भी आरोप पत्र दर्ज किया गया है।
आरोप पत्र में आरोपित की बात करें तो, पहला आरोपी जहांजेब (36) है जो जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर का रहने वाला है लेकिन उसका मौजूदा ठिकाना ओखला विहार, जामिया नगर, दिल्ली बताया गया है। दूसरे आरोपी का नाम हिना बशीर बेग (39) है जो श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) की रहने वाली है लेकिन उसका पता भी ओखला विहार, जामिया नगर, दिल्ली है. तीसरे आरोपी का नाम अब्दुल्ला बासित (26) है जो हैदराबाद स्थित गुलशन इकबाल कॉलोनी, चंद्रायनगुट्टा का रहने वाला है। यरवडा, पुणे की रहने वाली सादिया अनवर शेख (20) भी आरोपी है। पांचवें आरोपी का नाम नबील सिद्दीक खत्री (27) है जो कोंडवा, पुणे (महाराष्ट्र) का रहने वाला है।
शुरू में यह केस दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने इसी साल 8 मार्च को दर्ज की थी। कश्मीरी दंपति जहांजेब सामी और उसकी पत्नी हिना बशीर बेग की गिरफ्तारी के बाद यह मामला दर्ज किया गया था। दोनों को दिल्ली में जामिया नगर स्थित ओखला विहार से पकड़ा गया था। बाद में एनआईए ने इस केस को अपने हाथ में लिया और 20 मार्च को मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
जांच में पाया गया कि सोशल मीडिया पर आईएसआईएस से जुड़ी बातें पढ़ कर हिना बशीर चरमपंथ के रास्ते पर उतर गई। सोशल मीडिया पर आईएसआईएस को लेकर चल रही बातों का बशीर पर ऐसा असर हुआ कि चरमपंथ के रास्ता अपनाया। उसकी शिक्षा की बात करें तो उसने पुणे से अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की है। बशीर और जहांजेब की शादी 2017 में हुई और दोनों ने आईएसआईएस की विचारधारा का समर्थन किया। जहांजेब, हिना बशीर, अब्दुल्ला बासित और सदिया खुरासान और सीरिया में बैठे आईएसआईएस गुर्गों के संपर्क में थे।
आईएसकेपी प्रमुख अबु उस्मान अल कश्मीरी से निर्देश पाकर आरोपी जहांजेब और बासित ने वॉइस ऑफ हिंद नाम की एक पत्रिका शूरू की। पत्रिका में मुस्लिमों को गैर-मुस्लिमों के खिलाफ भड़काया गया और उन्हें भारत सरकार के खिलाफ खड़े होने के लिए और आईएसआईएस से जुड़ने के लिए उकसाया गया।