दिल्ली गुरद्वारा कमेटी के सदस्यों व स्टाफ ने हरीनगर स्कूल के कर्मचारी सैनी को पीटा
‘जागो’ पार्टी इसे ‘टीम हित’ व ‘टीम सिरसा’ की स्कूल पर कब्जे की कोशिश बताया
नई दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के गुरु हरिक्रिशन पब्लिक स्कूल,हरीनगर में स्कूल के ही कर्मचारी गुरविंदर सिंह सैनी को बंधक बनाकर लाठी-डंडों से कमेटी सदस्यों व स्टाफ के द्वारा पीटने की खबर सामने आने पर सियासत गर्मा गई है। सोशल मीडिया पर शुक्रवार को पहले सैनी के द्वारा सिख संगतों से मदद माँगने की एक वीडियो सामने आती है। जिसमें सैनी बिना किसी का नाम लिए बताता है कि दिल्ली के बड़े कब्जाबाज ने 15-20 लोगों को भेजकर उसकी पिटाई करवाई है। थोड़ी देर बाद एक निजी चैनल के द्वारा एक सीसीटीवी फुटेज जारी की जाती है। जिसमें कमेटी सदस्य सर्वजीत सिंह विर्क, भूपिंदर सिंह भुल्लर,गुरमीत सिंह भाटिया,रमिंदर सिंह स्वीटा तथा कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा के मुख्य सलाहकार जसप्रीत सिंह विक्कीमान एवं स्टाफ मैंबर सैनी के साथ स्कूल के योगा रुम में जाते दिख रहें है। कुछ देर बाद कमेटी के कर्मचारी हरविंदर सिंह टोनी तथा गुरलाल सिंह बाहर पड़े डेस्क से लकड़ी तोड़कर कमरे में मौजूद लोगों को पकड़ा रहें है। यहाँ बता दे कि यह घटना 27 फरवरी को स्कूल मामले में श्री अकाल तख्त साहिब के आए आदेश के कुछ देर बाद की बताई जा रहीं है। विवाद का कारण सैनी के द्वारा स्कूल की मालिक सुखो खालसा सोसायटी की सदस्यता से इस्तीफा देने से इंकार करना बताया जा रहा है। ‘जागो’ पार्टी की इस मामले पर प्रतिक्रिया आई है। जागो से संबंधित दिल्ली कमेटी सदस्य हरजीत सिंह जीके तथा चमन सिंह शाहपुरा ने इसे ‘टीम हित’ व ‘टीम सिरसा’ की स्कूल पर कब्जे की कोशिश की लड़ाई बताया है। दोनों नेताओं ने दावा किया कि सोसायटी पर काबिज हित समर्थकों को जबरदस्ती हटाकर सिरसा अपने समर्थकों को इस पर काबिज करना चाहते है। जबकि होना यह चाहिए था कि मलकियत पर विवाद के बाद गुरु हरिक्रिशन स्कूल सोसायटी की तरह सुखो सोसायटी के संविधान में भी संसोधन करके दिल्ली कमेटी अध्यक्ष को चेयरमैन तथा महासचिव को वाइस चेयरमैन बनाने का प्रस्ताव सोसायटी की बैठक बुलाकर पारित करना चाहिए था। इस प्रकार अपने आप ही हित व सुखो सोसायटी का स्कूल पर से दावा हमेशा के लिए खत्म हो जाता। उक्त नेताओं ने कहा कि टीम सिरसा ने जिस प्रकार कमेटी के एक अदने से कर्मचारी को बंधक बनाकर पीटा है। उससे साफ हो गया है कि सिखों की दुहाई देने वालों के मन में सिक्खी से कितना प्यार है। क्योंकि इस मामले में पीड़ित सैनी ने दावा किया है कि उसकी दाढ़ी खींची गई तथा पगड़ी गिराई गई। एक तरफ सिरसा मुखर्जी नगर में सिख आॅटो ड्राइवर की पिटाई पर बवाल काटते है पर दुसरी तरफ संवाद की बजाए अपनी टीम को एक सिख के खिलाफ गुंडागर्दी की छूट देते है। यह सिरसा का कब्जा माॅडल है, जिसमें बदमाशी, गुंडागर्दी तथा बेशर्मी का ओवरडोज दुसरे पक्ष को दिया जाता है। यदि सैनी किसी बात का गुनाहगार था,तब भी आपके पास पुलिस व अदालत में जाने का विकल्प मौजूद था। पर आपने कानून पसंद शहरी बनने की बजाए नक्सलीयों की अराजकता को अपना साथी बनाया। यह सिख सिद्धांतों की जगह मनमर्जी को अपनाने का सिरसा प्रयोग है। जिसके लिए कमेटी के स्कूल को प्रयोगशाला के रूप में इस्तेमाल किया गया।