बुधवार, 10 मई 2023

कुमार को एचसी का जज नियुक्त करने की सिफारिश 

कुमार को एचसी का जज नियुक्त करने की सिफारिश 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने 51-वर्षीय वकील अरुण कुमार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त करने की सिफारिश की है। कॉलेजियम ने कहा, कि इसने कुमार को न्यायाधीश नियुक्त किए जाने के प्रस्ताव पर 17 जनवरी, 2023 को विचार किया था। लेकिन, खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट के मद्देनजर सिफारिश को टाल दिया था।

हालांकि, न्याय विभाग की ओर से आईबी की एक फरवरी, 2023 की रिपोर्ट उच्चतम न्यायालय को तीन मई 2023 को अग्रसारित की गई, जिसमें कहा गया था, कि उसके पास कुमार के खिलाफ कोई और (नकारात्मक) जानकारी नहीं है। उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, कॉलेजियम ने कहा है कि कुमार की उपयुक्तता के संदर्भ में जानकारी के लिए संपर्क किये गये तीन न्यायाधीशों ने सकारात्मक रिपोर्ट दी है, जबकि एक न्यायाधीश ने कोई टिप्पणी नहीं की है।

कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश में कहा है, ‘‘उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने उपरोक्त सिफारिश से सहमति व्यक्त की है। उम्मीदवार (कुमार) की आयु लगभग 51 वर्ष है और वह आय मानदंड को पूरा करते हैं। वह 25 वर्षों से अधिक समय तक वकालत पेशे में हैं और उन्हें उच्च न्यायालय के समक्ष संविधान, सिविल और राजस्व क्षेत्राधिकार वाले मामलों में मुकदमा लड़ने का व्यापक अनुभव है।’’ 

तोशाखाना मामलें में पूर्व पीएम को दोषी करार दिया

तोशाखाना मामलें में पूर्व पीएम को दोषी करार दिया

अखिलेश पांडेय 

इस्लामाबाद। अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक और बड़ा झटका लगा है। बुधवार को इस्लामाबाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने तोशाखाना मामलें में सुनवाई करते हुए पूर्व पीएम इमरान खान को दोषी करार दिया है।

दरअसल, पूर्व पीएम इमरान खान पर पीएम के तौर पर गिफ्ट बेचने का आरोप लगा था। जिसको लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज होने के बाद कोर्ट में सुनवाई चली और कोर्ट ने पाया कि इस मामले में इमरान खान दोषी हैं। बता दें, कि मंगलवार को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हालांकि गिरफ्तारी के एक दिन बाद इमरान खान को अल-कादिर ट्रस्ट केस में कोर्ट में पेश किया गया। जहां पर मामले की सुनवाई हुई। लेकिन, कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

इस गिरफ्तारी के विरोध में पूरे पाकिस्तान में हिंसा भडकी हुई। जिसमें सैकड़ों पीटीआई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, 60 से अधिक लोगों के मरने की खबर है।

ऑनलाइन भर्तियां, 1 साल पहले की तुलना में गिरावट

ऑनलाइन भर्तियां, 1 साल पहले की तुलना में गिरावट

कविता गर्ग 

मुंबई। कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण हालात पैदा होने से अप्रैल के महीने में संगठित क्षेत्र में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या में एक साल पहले की तुलना में गिरावट दर्ज की गई। एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक अनिश्चितता के बावजूद अप्रैल में नवाचार-आधारित स्टार्टअप फर्मों में भर्तियों में काफी तेजी देखी गई। फाउंडइट इनसाइट्स ट्रैकर (एफआईटी) पर आधारित यह रिपोर्ट कहती है कि एक साल पहले की तुलना में अप्रैल, 2023 में संगठित क्षेत्र में ऑनलाइन भर्तियों की संख्या छ: प्रतिशत गिर गई। लेकिन नए एवं उभरते क्षेत्रों में नौकरियों के लिए अधिक आवेदन मांगे गए। 

फाउंडइट (पूर्व में मॉन्स्टर) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी शेखर गरिसा ने कहा, ‘‘मौजूदा वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं ने कारोबार के लिए चुनौतीपूर्ण वातावरण पैदा कर दिया है और इसकी वजह से उन्हें तेजी से बदलते माहौल के अनुरूप खुद को ढालना पड़ रहा है। भले ही ऑनलाइन भर्तियों में कमी आई है। लेकिन, युवाओं के लिए उभरते क्षेत्रों में रोजगार के तमाम मौके उपलब्ध हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्टअप परिवेश में बदलाव आया है और यह मौजूदा रोजगार बाजार के बावजूद नई भर्तियों की मंशा दिखा रहा है। रिपोर्ट कहती है कि स्टार्टअप में से शिक्षण-प्रौद्योगिकी भर्तियां कर रहे शीर्ष पांच उद्योगों में शामिल है। लेकिन पिछले साल की तुलना में हिस्सेदारी कम हुई है। इसके अलावा बैंकिंग एवं वित्तीय सेवा और वित्तीय प्रौद्योगिकी, मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र में भी भर्तियां हुईं।

दूसरी तरफ स्वास्थ्य देखभाल और बीपीओ स्टार्टअप ने अप्रैल, 2022 की तुलना में कम भर्तियां की। ऑनलाइन भर्ती प्रक्रिया में बड़े शहरों के अलावा छोटी जगहों की भी हिस्सेदारी देखी गई। इनमें बेंगलुरु 33 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ स्टार्टअप नौकरियों के मामले में सबसे आगे रहा।

11 जिलों में 5 से 6 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील

11 जिलों में 5 से 6 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील

इकबाल अंसारी 

इंफाल। हिंसा प्रभावित मणिपुर में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है और बीते दो दिनों में राज्य में हिंसा की कोई नई घटना नहीं सामने आई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इंफाल पश्चिम, बिष्णुपुर, चुराचांदपुर और जिरिबाम सहित 11 प्रभावित जिलों में बुधवार को सुबह पांच बजे से छ: घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई।

मंगलवार को इन जिलों में कर्फ्यू में चार घंटे की ढील दी गई थी। मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय द्वारा उसे अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हुई जातीय हिंसा में कम से कम 60 लोग मारे गए हैं, करीब 231 लोग घायल हुए हैं और हजारों अन्य विस्थापित हो गए हैं। सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री सपम रंजन सिंह ने बताया कि विस्थापित हुए 30,000 लोगों में से 26,000 को हिंसा प्रभावित जिलों से सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है, जबकि 4,000 लोगों ने अपने घरों के पास बनाए गए राहत शिविरों में शरण ली है। अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय सेना और असम राइफल्स के कुल 128 ‘कॉलम’ ने प्रभावित क्षेत्रों में फ्लैग मार्च बुधवार को भी जारी रखा और मानवरहित हवाई वाहनों (यूएवी) की मदद से चौबीसों घंटे हवाई निगरानी की।

रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ने एक बयान जारी कर कहा, “भारतीय सेना ने असम राइफल्स के साथ मिलकर सुरक्षा ढांचे को महत्वपूर्ण रूप से फिर से आकार दिया है और मणिपुर में, विशेष रूप से मौजूदा सुरक्षा स्थिति की पृष्ठभूमि में कई संसाधनों का इस्तेमाल किया गया है, जिसके चलते स्थिति अब सामान्य होती दिखाई देने लगी है और लोग अब अपने घरों की ओर लौट रहे हैं।

फंसे हुए लोगों को अपनों से मिलाने का काम भी शुरू हो गया है।” बयान में कहा गया है, “भारतीय सेना न केवल भीतरी इलाकों में, बल्कि भारत-म्यांमा सीमा पर स्थित क्षेत्रों में भी निगरानी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मानव रहित हवाई वाहनों के माध्यम से चौबीसों घंटे निगरानी, ​​भारतीय वायुसेना और सेना के एमआई 17 व चीता हेलीकाप्टरों की तैनाती तथा जमीनी स्तर पर स्थानीय लोगों में विश्वास बहाली के लिए कई पैदल गश्त और फ्लैग मार्च का सहारा लिया जा रहा है।”

बयान में सेना ने लोगों से यह भी आग्रह किया है कि वे ‘गलत व्याख्या या तथ्यों की गलतबयानी के जरिये सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के दुर्भावनापूर्ण प्रयासों’ के झांसे में न आएं, क्योंकि ‘विरोधी तत्व एक बार फिर दुर्भावनापूर्ण असत्यापित सामग्री के प्रसार का प्रयास कर सकते हैं।’ सेना ने कहा है, “चूंकि, मणिपुर में समुदायों के बीच धीरे-धीरे शांति और सद्भाव बहाल होता दिखाई दे रहा है, ऐसे में दुश्मन तत्व एक बार फिर दुर्भावनापूर्ण असत्यापित सामग्री फैलाने का प्रयास कर सकते हैं।

भारतीय सेना और असम राइफल्स जल्द से जल्द पूरी तरह से सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि गलत व्याख्या या तथ्यों की गलतबयानी के जरिये क्षेत्र में सद्भाव को बिगाड़ने के किसी भी दुर्भावनापूर्ण प्रयास को कामयाब न होने दें।”

एक ऐसा पेड़, जिससे लगातार बह रहा है 'पानी'

एक ऐसा पेड़, जिससे लगातार बह रहा है 'पानी'

सरस्वती उपाध्याय 

सोशल मीडिया पर आए दिन ऐसे वीडियो वायरल होते रहते हैं, जिन्हें देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। कुछ वीडियो को देखकर तो हमें अपनी आंखों पर यकीन करना मुश्किल होता है। इन दिनों ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर सभी हैरान हैं। इस वीडियो में एक पेड़ से लगातार पानी बह रहा है। वीडियो देखकर ऐसा लग रहा है कि ये पेड़ नहीं, बल्कि नलकूप है। इस वीडियो को देखने के बाद लोग पूरी तरह से भौचक्का रह गए हैं। बता दें, कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर इस वीडियो को शेयर किया गया है। 

वायरल वीडियो में आप देख सकते हैं, कि कैसे 150 साल पुराने पेड़ से पानी निकल रहा है ? ये लगातार 1990 से ऐसे ही बहे जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि इसमें नलकूप या कोई मोटर लगा हुआ है। वायरल हो रहे इस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर शेयर किया गया है। इस वीडियो पर कई लोगों के कमेंट्स भी देखने को मिल रहे हैं। एक यूज़र ने कमेंट करते हुए लिखा है- जमीन के अंदर से एक रिसाव हो रहा है, जिससे पेड़ से पानी निकल रहा है।

अमूमन कई जगह इस तरह के मामले देखे गए हैं। यह शहतूत का पेड़ है, जो 1990 से लगातार पानी दे रहा है। इस वीडियो को देखने के बाद लोग पानी निकलने के कई कारण दे रहे हैं। 

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


1. अंक-209, (वर्ष-06)

2. बृहस्पतिवार, मई 11, 2023

3. शक-1944, बैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि-षष्ठी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 06:40, सूर्यास्त: 06:23। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 19 डी.सै., अधिकतम- 24+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पंवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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(सर्वाधिकार सुरक्षित)

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