शनिवार, 9 जुलाई 2022

बकरीद: चाक-चौबंद रखी जाएंगी, सुरक्षा व्यवस्था

बकरीद: चाक-चौबंद रखी जाएंगी, सुरक्षा व्यवस्था 

अकांशु उपाध्याय/हरिओम उपाध्याय/अश्वनी उपाध्याय 

नई दिल्ली/लखनऊ/गाजियाबाद। देश भर में रविवार को ईद-उल-अजहा (बकरीद) का पर्व मनाया जाएगा। जनपद में बकरीद पर्व पर शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गाज़ियाबाद पुलिस-प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किए हैं। किसी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने को हर संभव तैयारियां की गई हैं। बकरीद की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी जाएंगी। सुरक्षा व्यवस्था के लिहाज से पीएसी की एक कंपनी के अलावा 2 हजार पुलिसकर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। संवेदनशील एवं अति संवेदनशील क्षेत्रों में पीएसी जवानों की तैनाती रहेगी। एसएसपी मुनिराज के मुताबिक, बकरीद पर सुरक्षा व्यवस्था संबंधी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। इसके मद्देनजर 6 एसपी, 10 सीओ, 37 इंस्पेक्टर, 325 दारोगा, 380 हेड कांस्टेबल, 180 महिला कांस्टेबल, 940 सिपाही के अलावा एक कंपनी पीएसी एवं 2 प्लाटून पीएसी आदि की तैनाती की जाएगी। सड़कों पर ईद की नमाज पढऩे पर पाबंदी रहेगी। बकरीद की नमाज ईदगाह व मस्जिद के बाहर सड़क पर नहीं पढ़ी जाएगी। मौलानाओं ने लोगों से सड़क पर भीड़ जमा न करने की अपील की है। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह एवं एसएसपी मुनिराज जी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति खुले स्थान पर कुर्बानी नहीं करेगा। मौलानाओं ने भी यह जानकारी लोगों को दे दी है कि वह पर्दे में ही कुर्बानी करें। प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी न करें।

खुले में न फेंके जानवरों के अवशेष...

जानवरों के अवशेष को खुले में न फेंके। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना है। नगर निगम की गाडिय़ां डोर-टू डोर चक्कर लगाती रहेंगी। वहीं, ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी। ईद की नमाज को लेकर पुलिस ने सतर्कता बढ़ा दी है। सभी मस्जिद और ईदगाह पर पुलिस तैनात रहेगी। मस्जिद, ईदगाह व मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र में ड्रोन कैमरों से निगरानी की जाएगी। कानून व्यवस्था बिगाडऩे वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि बकरीद का त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मिल जुलकर मनाएं। त्योहार पर किसी भी प्रकार की हुड़दंग एवं छींटाकशी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अफवाहों पर ध्यान न दें।

खुले में कुर्बानी पर पाबंदी...

कुर्बानी खुले में नहीं की जाएगी। बकरीद को शांति व सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारियां की गई है। सभी क्षेत्रों में एडीएम, एसडीएम व एसीएमओ को उनके क्षेत्र आंवटित किए हैं। सिटी मजिस्टे्रट गंभीर सिंह को कोतवाली, विजयनगर, कविनगर, एसडीएम संतोष राय को लोनी क्षेत्र, एसडीएम शुभांगी शुक्ला को मोदीनगर क्षेत्र, एसीएम चंद्रेश कुमार को साहिबाबाद, लिंक रोड, टीला मोड़, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी राजेश कुमार को इंदिरापुरम खोड़ा, कौशांबी और एसीएम शाल्वी अग्रवाल को सिहानी गेट नंदग्राम में तैनात किया गया है। इसके अलावा एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास मोदीनगर क्षेत्र, एडीएम सिटी बिपिन कुमार को शहरी क्षेत्र, एडीएम वित्त एवं राजस्व विवेक श्रीवास्तव को लोनी क्षेत्र और एडीएम एलए श्याम अवध चौहान को डासना क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रभारी अधिकारी तैनात किया गया है।

10 जुलाई को मनाया जाएगा 'ईद-उल-अजहा' का पर्व

10 जुलाई को मनाया जाएगा 'ईद-उल-अजहा' का पर्व 

सरस्वती उपाध्याय 
इस्लाम धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक बकरीद (ईद-उल-अजहा) का पर्व इस साल 10 जुलाई को मनाया जाएगा। बकरीद को ईद-उल-अजहा नाम से भी जानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बकरीद का पर्व त्याग और कुर्बानी के तौर पर मनाया जाता है। बकरीद मनाने के पीछे का कारण हजरत इब्राहिम माने जाते हैं। जानिए, बकरीद का धार्मिक महत्व के साथ इतिहास...

बकरीद का इतिहास...

इस्लाम की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हजरत इब्राहीम अल्लाह के पैगंबर थे। एक बार अल्लाह ने उनका इम्तिहान लेना चाहिए और उनसे ख्वाब के माध्यम से कहा कि वह सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी दे दें। ऐसे में हजरत इब्राहिम अपने इकलौते बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे। क्योंकि वहीं एक चीज थी जिसे वह सबसे ज्यादा प्यार करते थे। ऐसे में जब हज़रत इब्राहीम अपने बेटे की कुर्बानी देने जा रहे थे तो उन्हें रास्ते में एक शैतान मिला। उसने उन्हें ऐसा करने से रोकते हुए कहा कि बेटे की कुर्बानी कौन देता है, इसकी जगह आप चाहे तो किसी जानवर को कुर्बानी दे सकते हैं। शैतान की इस बात को हज़रत इब्राहीम को सही समझा। लेकिन वह अपने अल्लाह से झूठ नहीं बोलना चाहते थे और न ही उनके हुक्म की नाफरमानी करना चाहते थे। इसलिए वे बेटे को लेकर आगे बढ़ गए। बेटे की कुर्बानी देते समय उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली ताकि बेटे का मोह अल्लाह की मांग को पूरी करने के बीच में बाधा न बने। कुर्बानी के बाद जब उन्होंने अपनी आंखों से पट्टी हटाई तो देखकर हैरान रह गए कि उनका बेटा सही सलामत खड़ा है और उसकी जगह एक बकरा कुर्बान हो गया है। उसके बाद से ही जानवरों की कुर्बानी देने का चलन शुरू हुआ।

ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर ऐसे अदा करें नमाज़...

इस्लाम समुदाय के लोग बकरीद के दिन सूर्योदय के बाद और जुहर की नमाज से पहले ईद उल-अजहा की नमाज अदा कर सकते हैं। ईद अल-अजहा की नमाज़ में दो रकात होती हैं, जिसमें पहली रकात में सात बार तकबीर और दूसरी में पांच बार तकबीर पढ़ी जाती है। ईद की नमाज़ के लिए कोई भी अज़ान नहीं दी जाती है, बस तय वक्त में सभी लोग आकर नमाज़ अदा करते हैं।

बकरीद पर ऐसे दी जाती है कुर्बानी... 

कुर्बानी देने के लिए भी कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है। इस दिन केवल स्वस्थ पशुओं की कुर्बानी दी जाती है। इसके अलावा त्याग का धन ईमानदारी से अर्जित करना चाहिए। गलत तरीके से कमाया गया धन बलिदान नहीं होता है।

सपा संरक्षक मुलायम की पत्नी साधना का निधन हुआ

सपा संरक्षक मुलायम की पत्नी साधना का निधन हुआ

संदीप मिश्र

लखनऊ/गुरुग्राम। समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता का शनिवार को निधन हो गया है। वह फेफड़ों के संक्रमण से पीड़ित थी। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। साधना गुप्ता, बीजेपी नेत्री अपर्णा यादव की सास और प्रतीक यादव की मां थी। साधना गुप्ता का पार्थिव शरीर गुरुग्राम से लखनऊ लाया जाएगा। रविवार को इटावा में अंतिम संस्कार होने की संभावना है। बता दें कि साल 2003 में मुलायम सिंह की पहली पत्नी और अखिलेश यादव की मां मालती देवी का निधन हो गया था। जिसके कुछ दिन बाद सपा नेता ने खुद से 20 साल छोटी साधना गुप्ता को दूसरी पत्नी का दर्जा दिया था।

साधना गुप्ता उत्तर प्रदेश के इटावा के बिधुना तहसील की रहने वाली थी। 4 जुलाई 1986 में उनकी शादी फर्रुखाबाद के चंद्रप्रकाश गुप्ता से शादी हुई थी। इनकी शादी के बाद 7 जुलाई 1987 में प्रतीक यादव का जन्म हुआ था। इसके दो साल बाद साधना और चंद्रप्रकाश अलग हो गए थे। इसके बाद साधना गुप्ता सपा के तत्कालीन सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के संपर्क में आई थी। बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव की मां मूर्ति देवी बीमार रहती थी। उस दौरान नर्सिंग की ट्रेनिंग कर रहीं साधना गुप्ता ने लखनऊ के एक नर्सिंग होम और फिर सैफई मेडिकल कॉलेज में मूर्ति देवी का काफी ख्याल रखा था। ऐसा कहा जाता है कि उसी समय से मुलायम और साधना एक-दूसरे के करीब आए थे।

श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंगे ने इस्तीफा दिया

श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंगे ने इस्तीफा दिया

अखिलेश पांडेय 
कोलंबो। श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंगे ने इस्तीफा दिया है। वहीं, राष्ट्रपति गोटबाय भी अपना इस्तीफा दे सकते है। इस्तीफा देने के बाद रानिल ने कहा कि नागरिको की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ये फैसला लिया गया है। बता दें, कि इस्तीफे से पहले श्रीलंका में आर्थिक हालात से त्रस्त जनता ने शनिवार को राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के आवास पर कब्जा कर लिया। 
वहीं, राष्ट्रपति अपना आवास छोड़कर भाग गए हैं। इस बीच हालात काबू में करने के लिए श्रीलंका के मौजूदा प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पार्टी नेताओं की आपात बैठक बुलाई और अपना इस्तीफा दे दिया। उधर, श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) के 16 सांसदों ने पत्र लिखकर राष्ट्रपति से तत्काल इस्तीफा देने की अपील की है।

राजनीति: कांग्रेस ने 5 नए राष्ट्रीय सचिवों की नियुक्ति की

राजनीति: कांग्रेस ने 5 नए राष्ट्रीय सचिवों की नियुक्ति की

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को पांच नए राष्ट्रीय सचिवों की नियुक्ति की, जो पार्टी महासचिव और कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सुरजेवाला के साथ संबद्ध होंगे। इसके साथ ही, कर्नाटक के लिए राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) का भी गठन किया गया है। सुरजेवाला इस पीएसी के संयोजक होंगे। पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डी श्रीधर बाबू, पीसी विष्णुनाथ, रोजी एम जॉन,मयूर जयकुमार और अभिषेक दत्त को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का सचिव नियुक्त किया। ये सभी सचिव कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी सुरजेवाला के साथ संबद्ध होंगे। राज्य में अगले साल के मध्य में विधानसभा चुना होना है।

उधर, कांग्रेस ने कुलदीप राय शर्मा और रमिंदर सिंह आवला को एआईसीसी के सचिव की जिम्मेदारी से मुक्त किया है। कांग्रेस ने कर्नाटक के लिए जिस पीएसी का गठन किया है उसमें सुरजेवाला के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हैं।

अंतरराज्यीय सोना तस्करी रैकेट का भंडाफोड़, 5 अरेस्ट

अंतरराज्यीय सोना तस्करी रैकेट का भंडाफोड़, 5 अरेस्ट

विमलेश यादव

शिलोंग। मेघालय के पुलिस महानिदेशक एल. आर. बिश्नोई ने शनिवार को कहा कि राज्य पुलिस ने एक अंतरराज्यीय सोना तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ किया और पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। बिश्नोई ने कहा कि पुलिस ने गिरफ्तार किए गए पांच लोगों के कब्जे से 800 ग्राम से अधिक सोना और 27 लाख रुपये नकद बरामद किया है। डीजीपी ने कहा कि गुप्त सूचना के आधार पर 24 जून को असम जा रहे राज्य के री-भोई जिला निवासी अबू बकर नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। उस के पास से 819 ग्राम विदेशी सोने के बिस्कुट बरामद हुए, जिसे उसने अपनी बेल्ट में छिपाकर रखा था। बिश्नोई ने कहा कि पूछताछ के दौरान यह पता चला कि यह गिरोह काफी बड़ा है, क्योंकि शिलांग में किसी ने बकर को यह सोना दिया था और उसे असम के बारपेटा तक पहुंचाने का काम सौंपा गया था। बकर से मिली सूचना के बाद बारपेटा के शाहजहां को असम पुलिस के साथ एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया और उसके पास से 27 लाख रुपये नकद जब्त किए गए।

उसके साथी सिद्दीकी अली को भी बारपेटा से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद, एक टीम का गठन किया गया और दोनों से मिले सुराग के आधार पर यहां छापे मारे गए और यहां लाबान के अजीज लिंगदोह और मवलाई के सुबली खरबानी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार पांच लोगों के कब्जे से 10 मोबाइल फोन, एटीएम कार्ड और फर्जी आईडी कार्ड जब्त किए गए हैं। डीजीपी ने कहा कि आगे की जांच जारी है। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने अंतरराज्यीय सोना तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करने के लिए राज्य पुलिस की सराहना की। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मेघालय पुलिस का एक बार फिर शानदार प्रदर्शन।’’ उन्होंने लिखा, अंतरराज्यीय सोना तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। री-भोई पुलिस ने 24 जून को एक टैक्सी को रोका और 15 दिनों के सूझबूझ भरे अभियान में पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और 819 ग्राम सोना, 27.11 लाख रुपये नकद, 10 मोबाइल फोन, एटीएम/नकली आई-कार्ड बरामद हुए।

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल करेगा, बालासन

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को कंट्रोल करेगा, बालासन

सरस्वती उपाध्याय
हाई ब्लड प्रेशर एक बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। लोग तमाम दवाइयां खाते हैं और हाई ब्लड प्रेशर से निजात पाने के लिए काफी कोशिश करते हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी हाई ब्लड प्रेशर से राहत नहीं मिल पाती है। ब्लड प्रेशर अधिक हो या फिर कम उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर के कारण आपको हार्ट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ब्लड प्रेशर की समस्या कई कारणों से हो सकती है, जिसमें तनाव से भरी लाइफस्टाइल, मोटापा, धूम्रपान आदि शामिल हैं। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए आप नियमित रूप से व्यायाम कर सकते हैं‌। इससे न केवल बीपी की समस्या से आपको निजात मिलेगी, बल्कि यह कई रोगों से बचा सकता है। योग के जरिए इसका समाधान निकाला जा सकता है। भारतीय योग शास्त्र में कुछ ऐसे आसन बताए गए हैं, जिनके जरिए उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण पाया जा सकता है। आइए इसके बारे में जानते हैं...

रिपोर्ट के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार आपका खानपान, आपकी दिनचर्या, समेत रोज मर्रा की गलतियां हैं। आप इसके मरीज कब बन जाएंगे, आपको इस बात का पता भी नहीं चलेगा। इसमें अचानक से आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, पसीना, घबराहट, सांस लेने में तकलीफ समेत कई समस्याएं देखने को मिलती हैं। अक्सर लोग हाई ब्लड प्रेशर से घबराकर दवाओं की तरफ बढ़ जाते हैं। दवाई खाते हैं, कुछ देर के लिए आराम होता है और उसके बाद फिर से वही समस्याएं घेरने लगती हैं। दवाओं के तमाम साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं और अगर आप लगातार दवाई खाते रहेंगे तो आप एक तरीके से दवाओं के गुलाम बन जाएंगे और उसकी वजह से अन्य बीमारियां भी धीरे-धीरे आपके शरीर का हिस्सा बन जाएंगी।

योग प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है और यह मानव जीवन के लिए सबसे स्वस्थ पद्धति है। योग का कोई साइड इफेक्ट नहीं है और अगर आप नियमित योग का अभ्यास करते हैं तो लाभ क्षणिक नहीं होता है। बल्कि पूरे जीवन आप स्वस्थ रहेंगे। हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को इसलिए योग का सहारा लेने की सलाह दी जाती है। बालासन इसमें काफी फायदेमंद साबित होता है। इसको चाइल्ड पोज भी कहते हैं। यह काफी आसान होता है और कहीं भी आप इस आसन को कर सकते हैं। इससे हाई ब्लड प्रेशर से राहत मिलती है। और साथ ही यह तनाव को भी कम करता है और पूरे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सही कर देता है। इस आसन से गर्दन और कंधों का तनाव भी कम होता है।

बालासन खुद को आराम देने का एक आसन है। बज्रासन की मुद्रा में पहले जमीन पर बैठ जाएं, इसके बाद सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाएं, हथेलियां जोड़ें न इसके बाद सांस छोड़ते हुए हाथ लंबा रखते हुए सामने की तरफ झुकना है, जोर कूल्हों पर हो न कि कमर पर। जब आपकी हथेलियां और आपका माथा जमीन को छू जाए तब रुक जाएं। अब आप बालासन में आ गए हैं, लंबी सांस अंदर लें और लंबी सांस बाहर छोड़ें। 30 सेकंड से 5 मिनट तक बालासन कर सकते हैं।

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