बुधवार, 27 मई 2020

रेल की पटरियों पर सोए, 4 के शव मिले

चंदौली। उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में प्रवासी मजदूरों के साथ एक दुखद घटना की पुनरावृत्ति हुई है। अभावग्रस्त मजदूर ट्रेन की पटरीयो के रास्ते अपने गांव जाने के लिए ज्यादातर रेल लाइनों पर यात्रा कर रहे हैं। जिसके परिणाम स्वरूप सप्ताह पूर्व ट्रेन की चपेट में आने से कई प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई थी। उसी घटना की पुनरावृति चंदौली जिले में देखने को मिली है। ट्रेन की पटरी पर चार लोगों के शव बरामद हुए हैं। इनमें तीन महिलाएं और एक परुष है। ये लोग पटरी पर सो गए थे जिनके ऊपर से ट्रेन गुजर गई। चंदौली के ASP प्रेम चंद ने इस हादसे की पुष्टि की है।



ASP प्रेम चंद ने कहा, “पटरी पर चार शव मिले हैं जिसमें तीन महिलाएं और एक पुरुष है। शवों को शवगृह भेजा गया है। उनके पास से किसी तरह का कोई सामान नहीं मिला है। रेल के ड्राइवर ने सूचना दी थी कि ट्रेन की पटरी पर कुछ लोग सोए हुए थे जिनके ऊपर से ट्रेन गुजर गई है, शिनाख्त जारी है।”



व्हाट्सएप से रसोई गैस सिलेंडर बुकिंग

नई दिल्ली। भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) के ग्राहकों के लिए एक खुशखबरी है। बीपीसीएल ने एक नई सुविधा की शुरुआत की है। इसके तहत अब बीपीसीएल के ग्राहक व्हाट्सऐप के जरिए रसोई गैस बुकिंग कर सकेंगे। बीपीसीएल ने एक बयान में कहा, ‘‘ भारत गैस (बीपीसीएल का एलपीजी ब्रांड नाम) के देशभर में स्थित ग्राहक कहीं से भी व्हाट्सऐप के जरिये खाना पकाने का गैस सिलेंडर बुक करवा सकते हैं।’’ व्‍हाट्सऐप पर यह बुकिंग बीपीसीएल स्मार्टलाइन नंबर 1800224344 पर की जा सकेगी। ग्राहक को अपने रजिस्‍टर्ड मोबाइल नंबर (Registered mobile number) से बुकिंग करनी होगी। बीपीसीएल के अधिकारी अरुण सिंह ने कहा, ‘‘इसके जरिये एलपीजी बुकिंग करने के इस प्रावधान से ग्राहकों को और आसानी होगी। व्हाट्सऐप अब आम लोगों के बीच काफी सामान्य हो चला है। चाहे युवा हो या फिर बुजुर्ग सभी इसका इस्तेमाल करते हैं और इस नई शुरुआत से हम अपने ग्राहकों के और करीब पहुंचेंगे।’’


डेबिट-क्रेडिट कार्ड से पेमेंट का भी मिलेगा विकल्‍प


कंपनी के कार्यकारी निदेशक, एलपीजी के प्रभारी टी। पीतांबरम ने कहा कि व्‍हाट्सऐप (WhatsApp) के जरिये बुकिंग करने के बाद ग्राहक को बुकिंग होने का मैसेज मिलेगा। इसके साथ ही एक लिंक भी उसे प्राप्त होगा, जिस पर वह डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड, यूपीआई और अमेजन जैसे अन्य ऐप के जरिये भुगतान भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी इसके साथ ही एलपीजी डिलिवरी पर नजर रखने और ग्राहकों से उसके बारे में उनकी प्रतिक्रिया लेने जैसे नये कदमों पर भी गौर कर रही है। आने वाले दिनों में कंपनी ग्राहकों को सुरक्षा जागरुकता के साथ ही और सुविधायें भी देगी।


दिल्ली, चंडीगढ़ में भी मिलेगी 'रेड वाइन'

मंडी। कल्पा व नासिक के काले अंगूर से तैयार रेडवाइन अब हिमाचल के अलावा देश की राजधानी दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब के कई शहरों में मिलेगी। रेडवाइन कई जानलेवा रोग जैसे कैंसर, मधुमेह पेट की बीमारियों से बचाती है। मेटाबॉलिज्म का स्तर सही रखती है। प्रदेश विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) ने रेडवाइन की मांग को देखते हुए इसे अन्य राज्यों में लांच करने का निर्णय लिया है। लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया है।


एचपीएमसी ने पिछले साल ट्रायल के तौर पर करीब 5000 बोतल रेडवाइन बनाई थी। शिमला, मनाली, परवाणू, नाहन, धर्मशाला आदि स्थानों पर उपलब्ध करवाई थी। दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब सहित कई अन्य राज्यों के पर्यटकों ने रेडवाइन को खूब सराहा था। इस बार करीब पांच गुना मांग आई है। एचपीएमसी ने वाइन तैयार कर कोल्ड स्टोर में रखी थी। कोरोना के चलते बॉटलिंग का काम थम गया था। अब एचपीएमसी ने बॉटलिंग व लेवलिंग का काम शुरू कर दिया है। काले अंगूर से तैयार रेडवाइन पाचन तंत्र की मजबूती के साथ कोलेस्ट्रल को नियंत्रित करती है। यह खून से शर्करा के स्तर को कम करती है। शरीर में मेटाबॉलिज्म का स्तर सही रहता है। रेडवाइन में मौजूद रेस्वेराट्रोल शरीर में वसा कोशिकाओं को बढऩे से रोकता है। इससे मोटापा कम हो जाता है। रेडवाइन बनाने के लिए एचपीएमसी ने किन्नौर जिले के कल्पा से चार व महाराष्ट्र के नासिक से 20 मीट्रिक टन काला अंगूर खरीदा था। इसकी एक बोतल मार्केट में 500 रुपये में मिलेगी। यह एक तरह का पेय पदार्थ है जो काले अंगूर से बनाया जाता है। इसमें विटामिन बी, आयरन, मैग्नीशियम इत्यादि जरूरी तत्व शामिल होते हैं। बड़ी बात यह है इसमें कोई शुगर नहीं मिलाई है।


जल्द ही रेडवाइन दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब में भी उपलब्ध करवाई जाएगी


एचपीएमसी ने पिछले साल पहली बार काले अंगूर से रेडवाइन बनाई थी। मार्केट में इसका अच्छा रिस्पांस आया है। इस बार मांग पांच गुना बढ़ी है। जल्द ही रेडवाइन दिल्ली, चंडीगढ़ व पंजाब में भी उपलब्ध करवाई जाएगी। -हरीश वर्मा, प्रबंधक एचपीएमसी फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट जड़ोल।


सिपाही की ट्रेन से कटकर मौत, कोहराम

आगराः यातायात पुलिस के सिपाही की ट्रेन से कटकर मौत, परिवार में मचा कोहराम

 

आगरा। फोर्ट रेलवे लाइन पर यातायात पुलिस के हेड कांस्टेबल अशोक कुमार (48 वर्ष) की बुधवार सुबह ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। उनकी बिजली घर चौराहे पर ड्यूटी थी। घटना की जानकारी पर एसएसपी बबलू कुमार सहित पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। घटना के कारणों की जांच की जा रही है।मूल रूप से मैनपुरी निवासी अशोक कुमार 1997 बैच के सिपाही थे। वह यातायात पुलिस लाइन में परिवार सहित रहते थे। एक सप्ताह से उनकी ड्यूटी बिजली घर चौराहा पर लग रही थी। जानकारी के मुताबिक, सुबह 6:00 बजे ड्यूटी पर पहुंचे। साथी सिपाई जितेंद्र पाल के साथ कुछ देर ड्यूटी की।

 

इसके बाद किसी काम से जाने की कहकर चले गए। कुछ देर बाद उनका शव काजीपाड़ा मंटोला के बीच रेलवे लाइन पर पड़ा मिला।जानकारी पर एसएसपी, एसपी सिटी सहित यातायात पुलिस निरीक्षक पहुंच गए। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। सूचना पर परिवारीजन भी आ गए। परिवार में कोहराम मच गया। 

सिपाही के दो बेटे और एक बेटी हैं। सभी पुलिस लाइन में रहते हैं। छोटा बेटा कपिल जालौन में सिपाई है। बड़ा बेटा राहुल सिपाही में भर्ती हो चुका है। ट्रेनिंग में जाने वाला है।

25 मई को छुट्टी के बाद आए थे ड्यूटी

बताया गया है कि अशोक कुमार ने तीन दिन की छुट्टी ली थी। 21 से 24 मई तक छुट्टी पर रहे। 25 मई को ही वह ड्यूटी पर लौट कर आए थे। आज यह हादसा हो गया

80 साल के रिकॉर्ड पर आई बेरोजगारी


  • अमेरिका में कोरोना संकट के कारण 3.86 करोड़ लोग बेरोजगारी भत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके

  • नॉर्वे में अस्थायी कर्मियों को 3.82 लाख रु का भत्ता, जबकि स्पेन में सभी कर्मचारियों को पूरा वेतन दिया जा रहा


वॉशिंगटन। कोरोना संकट की वजह से अमेरिका में बेरोजगारी दर 80 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। करीब 3.86 करोड़ लोग बेरोजगारी भत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। लोगों को जितनी सैलरी मिलती थी, उससे डेढ़ गुना ज्यादा भत्ता मिल रहा है। इससे बेरोजगारी भत्ता और बेरोजगारी बीमा जैसी सरकार की योजनाओं पर दबाव बढ़ गया है।


सैलरी से ज्याद भत्ता


अमेरिकी श्रम विभाग के मुताबिक सरकार बेरोजगारों को 45 हजार रुपए भत्ता दे रही है, जबकि ज्यादातर लोगों की औसत मासिक सैलरी करीब 30 हजार रुपए है। ज्यादा पैसा मिलने से अब लोग काम ही नहीं करना चाहते। ऐसे में सरकार ने कंपनियों से उन कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगी है, जो बुलाने के बावजूद नौकरी पर नहीं आ रहे हैं। दरअसल, बेरोजगारी बीमा का उद्देश्य नौकरी से हुए नुकसान की भरपाई करना है, जब तक कि नया काम नहीं मिल जाता।


अमेरिका में बेरोजगारी दर 15 फीसदी के करीब 


अमेरिका में बेरोजगारी दर कोरोना संकट के बाद 14.7% पर पहुंच गई। ये बेहद ज्यादा है। अमेरिका में कोरोना के अब तक 17,06,277 मामले आए हैं। 1 लाख से ज्यादा मौतें हुई हैं। 


दुनिया: नॉर्वे 3.82 लाख, कनाडा 1 लाख तक दे रहा



  • नॉर्वे: अस्थायी कर्मियों को 3.82 लाख रु का भत्ता। यहां 8,374 मामले आए हैं। 235 मौतें हुई हैं।

  • स्पेन: सभी कर्मियों को पूरा वेतन और अस्थायी कामगारों को भत्ता देने का आदेश। यहां 2,82,480 केस आए हैं। 26,837 मौतें हुई।

  • फ्रांस: कर्मियों को सैलरी का 84% भत्ता, आम मजदूरों को 100% भत्ता देने का नियम है। यहां 1,82,942 केस आए हैं। 28,432 मौतें हुई हैं।

  • कनाडा: लॉकडाउन में बेरोजगार हुए लोगों को सरकार हर माह 1,09,500 रु. भत्ता दे रही है। यहां 85,998 मामले आए हैं। 6,566 मौतें हुई हैं।

  • ब्रिटेन: कंपनियां 2.33 लाख रु. से कम मासिक वेतन वाले कर्मियों को भुगतान के लिए 80% सरकारी फंड उपयोग कर सकती है। यहां 2,61,184 केस हैं। 36,914 मौतें हुई हैं।

  • ग्रीस: कर्मियों को 66,324 रु. मासिक भत्ता दे रहे हैं। यहां 2,892 मामले आए हैं। 173 मौतें हुई हैं।

  • जापान: सरकार ने सभी नागरिकों को 70,120 रु. दिए। जापान में 16,581 मामले आए हैं। 830 मौतें हुई हैं।


न्यूजीलैंड: जॉब खोने वालों को हर हफ्ते 17360 रु. भत्ता
न्यूजीलैंड में प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने मंगलवार को उन लोगों को हफ्ते में 17,360 रुपए भत्ता देने की घोषणा की है, जो लॉकडाउन के कारण रोजगार खो चुके हैं। सरकार ने 29 मई से लॉकडाउन में और अधिक ढील देने का फैसला किया है। इसके तहत अधिकतम 100 लोग एक जगह जुट सकेंगे। अभी तक 10 लोगों को ही इसकी अनुमति थी। जेसिंडा ने कहा कि ये बदलाव कारोबार के लिए अच्छे साबित होंगे।


न्यूजीलैंड में कोरोना के 22 एक्टिव मरीज


सरकार ने बेरोजगारी दर 10 फीसदी से नीचे रखने के लिए ज्यादा पैसा अर्थव्यवस्था पर खर्च करने की योजना बनाई है। न्यूजीलैंड में कोरोना के सिर्फ 22 एक्विट मरीज हैं। इनमें से सिर्फ एक ही अस्पताल में हैं। बाकी गंभीर नहीं होने के कारण घर में हैं। यहां अब तक 1504 मामले आए हैं। 21 मौतें हुई हैं।


दिल्ली में फंसे छात्रों ने लगाए गभींर आरोप

नई दिल्ली। दिल्ली में फंसे छात्रों ने आरोप लगाया कि कॉलेज प्रशासन जान-बूझकर छात्रों की सुरक्षा और जान को खतरे में डालने की कोशिश कर रहा है। उन्हें ऐसे कठिन समय में हॉस्टल छोड़ने के लिए कह रहा है। दूसरी ओर, छात्र किराया चुकाने की चुनौती का भी सामना कर रहे हैं।


छात्रों ने आरोप लगा कि मकान मालिक उन्हें लॉकडाउन के दौरान के वक्त का किराये का भुगतान करने के लिए कह रहा है। इसी कड़ी में JNU ने सर्कुलर जारी करते हुए कहा गया था कि कैंपस के हॉस्टल में फंसे हुए सभी छात्रों को हॉस्टल छोड़ने और 25 जून को शैक्षणिक गतिविधि शुरू होने पर लौटने की सलाह दी जाती है। लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को ही नहीं छात्रों को भी कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि लॉकडाउन से पहले कॉलेजों और स्कूलों को बंद कर दिया गया था और कई छात्र अपने गृहनगर के लिए रवाना हो गए थे। लेकिन कुछ इस सोच के साथ वापस आ गए कि लॉकडाउन लंबे समय तक नहीं रहेगा। अब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के फंसे हुए छात्रों को डीन द्वारा एक सर्कुलर के जरिए हॉस्टल खाली करने की सलाह दी गई है और शैक्षणिक गतिविधि फिर से शुरू होने पर 25 जून को वापस आने को कहा गया है। सर्कुलर में आगे कहा गया है कि चूंकि ट्रेन और फ्लाइट का संचालन शुरू हो चुका है, इसलिए छात्रों को कैंपस छोड़ने में कोई परेशानी नहीं होोगा। लॉकडाउन के दौरान हॉस्टल में रहने वाले JNU के छात्रों ने इस सर्कुलर का विरोध जताया है। कुछ छात्रों के अनुसार ये सब जीवन और सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है. ..in से बातचीत में एक छात्र ने कहा कि हम अपने हॉस्टल में सुरक्षित महसूस करते हैं। लॉकडाउन के दौरान हमें दरबदर करना कहां की बुद्ध‍िमानी है।


छात्र दीपक जन्नू विद्यार्थी ने कहा कि यात्रा में लोग तमाम तरह के जोख‍िम उठा रहे हैं। कई ट्रेनें कहीं के बजाय कहीं पहुंच गई। जब कैंपस 25 जून को फिर से खुल रहे हैं तो महीने में दो बार यात्रा क्यों करनी चाहिए। JNU के अलावा शहर के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले छात्रों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


दिल्ली सरकार ने एक सर्कुलर में छात्र या प्रवासी मजदूरों के मकान मालिकों से किरायेदार से किराया नहीं मांगने का आग्रह किया था। सर्कुलर की अवधि एक महीना थी जो पिछले महीने के ही समाप्त हो गई थी। अब कई मकान मालिकों ने छात्रों से फिर से पूछना शुरू कर दिया है। मकान मालिकों ने धमकी भी दी है कि अगर उन्हें किराया नहीं मिला तो उन्हें पीजी या फ्लैट से बाहर निकाल दिया जाएगा। 


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 28, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-289 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, मई 28, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि- पंचमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:18।


5. न्‍यूनतम तापमान 24+ डी.सै.,अधिकतम-41+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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(सर्वाधिकार सुरक्षित)


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