रविवार, 17 मई 2020

मजदूरों की मदद नहीं करनी चाहिए

मथुरा। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कोविद -19 से बचाव के लिये लागू लाॅकडाउन के कारण विपक्ष को मजदूरों की मजबूरी पर सियासत करने की बजाय उनकी मदद के लिये आगे आना चाहिए। 


श्रीकांत शर्मा ने रविवार को यहां जारी बयान में कहा कि विपक्षी दल मजदूरों की मदद करने की बजाय सियासत करने जुटे है। इस संकट के दौर में सबकों एक साथ खड़ा रहकर एक दूसरे की मदद करनी चाहिये। विपक्षी दल मजदूरों की मजबूरी पर सियासत करने में जुटे है।


उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण काल में भी केन्द्र सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पूरी ताकत के साथ आम जनमानस की भलाई के लिए कार्य करने में जुटी है। उन्होंने कहा कोरोना जैसे बडे संकट के समय में भूखा गरीब खाली पेट सोने को मजबूर न हो इसके लिये केन्द्र सरकार ने 8.5 करोड परिवारों को तीन माह तक गैस के सिलेन्डर तथा अनाज मुफ्त दिया है। केन्द्र सरकार करीब 3500 करोड़ रूपए की धनराशि प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए खर्च कर रही है। इस धनराशि से उनके लिए खाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्हें दो महीने का राशन दिया जा रहा है।


श्रीकांत शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सभी को मिलकर टीम भावना से काम करना चाहिए। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने श्रमिकों के लिए 1034 ट्रेन चलाई हैं जिनमें लगभग 85 प्रतिशत उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए है। अभी तक 12 लाख से अधिक लोगों को सम्मानजनक तरीके से उनके गंतव्य स्थान तक पहुचाया गया है।


ऊर्जा मंत्री ने कांग्रेस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुये कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी सीधे खाते में राशि देने की बात करते हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि 20 करोड़ से अधिक जनधन खाता धारक महिलाओं के खाते में 20 हजार करोड से अधिक की राशि दो किश्तों में दी जा चुकी है। सरकार यह राशि सीधे ही उनके खाते में भेज रही है। इसी प्रकार से दो करोड 20 लाख श्रमिकों के खाते में 3950 करोड रूपए भेजे जा चुके हैं।


अल्पसंख्यकों का धार्मिक उत्पीड़नः जमात

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक उत्पीड़न का एक और मामला सामने आया है। सिंध प्रांत में हिंदुओं ने आरोप लगाया है कि इस्लामिक समूह तबलीगी जमात ने उन्हें प्रताड़ित किया और उनके घरों को ध्वस्त कर दिया। इसके साथ ही इस्लाम अपनाने से इनकार करने पर एक हिंदू लड़के का अपहरण भी कर लिया गया। सिंध का एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया, जिसमें भेल हिंदू जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करते हुए देखे जा सकते हैं।


तबलीगी जमात के खिलाफ हाथ से लिखे पोस्टर पकड़े महिलाओं, बच्चों को नासूरपुर, मटियार में विरोध प्रदर्शन करते देखा गया। इस दौरान हिंदुओं का कहना था, “हम मरना पसंद करेंगे, लेकिन कभी इस्लाम नहीं अपनाएंगे।”


प्रदर्शनकारियों की ओर से एक महिला ने कहा कि उनकी संपत्तियों को हड़प लिया गया, घरों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें पीटा गया है। महिला ने कहा कि उन्हें कहा जा रहा है कि अगर घर वापस चाहिए तो इस्लाम अपनाना होगा।


एक अन्य वीडियो में एक महिला जमीन पर लेटी हुई दिखाई दे रही है, जो बता रही है कि उसके बेटे का तबलीगी जमात के सदस्यों द्वारा अपहरण कर लिया गया है। महिला अपने बेटे को रिहा कराने के लिए जमात से रहम की भीख मांग रही है। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों में हिंदुओं और ईसाइयों का उत्पीड़न जारी है।


पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने हाल ही में कहा कि इमरान खान सरकार के कार्यकाल में अल्पसंख्यक समुदायों पर भयावह धार्मिक रूप से प्रेरित हमले हुए हैं। सिंध और पंजाब में हिंदू व ईसाई दोनों समुदायों को पिछले साल भी बड़े स्तर पर जबरन धर्मांतरण का सामना करना पड़ा था।


पिछली घटनाओं को याद करते हुए आयोग ने कहा कि पंजाब और सिंध में 14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों का अपहरण किया गया, उन्हें जबरन धर्मांतरित कर उनका निकाह कर दिया गया।


आयोग ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं और हिंदू समुदाय असुरक्षित महसूस कर रहा है, क्योंकि उन पर ईश निंदा का आरोप लगाकर प्रताड़ित किया जाता है। आयोग का कहना है कि हिंदू समुदाय को लंबे समय से निशाना बनाया जा रहा है।


आयोग ने कहा, “उन्हें स्कूल में इस्लामी अध्ययन सीखने के लिए भी मजबूर किया जाता है। कुछ चिंताएं यह भी हैं कि ईसाई समुदाय के लिए पर्याप्त दफन करने की जगह और हिंदू समाज के लिए श्मशान भूमि नहीं हैं।”


पाकिस्तान में अदालत ने 2014 में धार्मिक सहिष्णुता, पाठ्यक्रम में सुधार, मीडिया में अभद्र भाषा के खिलाफ कार्रवाई, पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए एक विशेष पुलिस बल, और शीघ्र पंजीकरण के लिए एक कार्यबल का गठन करने का निर्देश दिया था। मगर एचआरसीपी ने कहा कि अभी तक इस संबंध में कुछ भी नहीं हुआ है।


महाराष्ट्र में 31 मई तक बढ़ा लॉकडाउन

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने उम्मीद के मुताबिक कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन की मियाद रविवार को बढ़ाते हुए 31 मई तक कर दी है। मुख्य सचिव अजय मेहता द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि चूंकि राज्य में कोविड-19 महामारी के और अधिक फैलने का खतरा है, इसलिए पूरे महाराष्ट्र में 31 मई की मध्यरात्रि तक लॉकडाउन का विस्तार करना आवश्यक है।


बार-बार बढ़ाए जा रहे 24 मार्च से लागू हुए लॉकडाउन ने सरकार को वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई आपातकालीन उपाय करने में सक्षम बनाया है। कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में कुल 1 हजार 135 मौतों के साथ ही संक्रमण के सर्वाधिक 30 हजार 706 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि 7 हजार 88 लोगों को स्वस्थ होने के बाद छुट्टी दे दी गई है।


वहीं, 696 मौतों और कोविड-19 संक्रमण के सामने आए कुल 18 हजार 555 मामलों के साथ मुंबई राज्य का सबसे प्रभावित हॉटस्पॉट बना हुआ है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है। अधिकारियों ने कहा कि लॉकडाउन के लिए जारी आदेशों के अन्य विवरण बाद में उपलब्ध कराया जाएंगे।


मुरादाबाद में संक्रमित संख्या 158 हुई

मुरादाबाद। कोरोना महामारी के बीच दो दिन शांति के बाद जिले में फिर इस संक्रमण ने खलबली मचा दी है। रविवार को 7 और लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। अब जिले में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 158 हो चुकी है। जिले में आए ये सभी नए मामले हैं। इनमें जो चार लोग हॉटस्पॉट इलाके के मिले हैं, ये संक्रमितों के संपर्क में आए थे। इनमें उनके परिवार के लोग भी शामिल हैं।


गलशहीद और मकबरा इलाके के इन लोगों में एक युवती व किशोर भी शामिल है। इसके अलावा नागफनी मस्जिद के काजिटोला का रहने वाला एक नगर निगम का कर्मचारी भी इस वायरस की चपेट में आ गया है। पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी निगम कर्मी में कोरोना की पुष्टि हुई हो।


बताया जाता है कि यह कर्मी हॉटस्पॉट इलाकों में सफाई का काम करता था, बुखार आने पर उसे भर्ती किया गया था। सुरक्षा किट के बावजूद यह इस खतरे से बच नहीं सका। दो वे लोग हैं, जो प्रवासी थे। मुम्बई से घर वापस आए थे।


थर्मल स्क्रीनिंग के वक्त उनमें लक्षण नजर आए तो स्वास्थ्य विभाग ने उनका स्वाब का सैम्पल लिया था। इन लोगों की कोरोना जांच कराई तो रविवार को आई रिपोर्ट में इस संक्रमण की पुष्टि हो गई। 14 मई को आए ये दोनों ठाकुरद्वारा के रहने वाले हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम इन लोगों को आइसोलेट करने की तैयारी में लग गई है। इनके संपर्क में और कौन कौन रहा है, इसकी भी हिस्ट्री कुरेदी जा रही है।


सीएमओ डा मिलिंद चन्द्र गर्ग ने बताया कि और सैम्पल लिए जाएंगे और उनकी जांच कराई जाएगी। जिले में अब यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा हैं, हालांकि इनमें 4 लोग दूसरे जिलों के भी शामिल हैं। जिले के 154 में 99 स्वस्थ हो चुके हैं और 12 कि मौत हो चुकी है। 46 केस एक्टिव हैं।


बंगाल में 400 नर्सों ने दिया इस्तीफा

कोलकाता। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी की चुनौती के बीच पश्चिम बंगाल के अस्पतालों की 400 नर्सें इस्तीफा देकर अपने गृह राज्यों को लौट गई।


 यहां रविवार को प्राप्त रिपोर्टो के अनुसार शनिवार को मणिपुर की 185 नर्से अपने गृह प्रदेश लौट गई जबकि ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों की 186 नर्से अपने राज्यों को चली गई है। ये सभी नर्सें कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न निजी अस्पतालों में सेवाएं दे रही थीं।


नर्सों के सामूहिक इस्तीफे के वास्तविक कारणों को अभी खुलासा नहीं हुआ है। पश्चिम बंगाल सरकार ने इसके कारणों का पता लगाने के लिए केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। राज्य में कोरोना वायरस से अब तक 232 लोगों की मौत हो चुकी है।


बांग्लादेश की तरफ बढ़ा 'चक्रवर्ती तूफान'

ढाका। बांग्लादेश में रविवार को स्थानीय सतर्कता संकेत संख्या 4 के तूफान की चेतावनी दी। चक्रवात ‘अम्फान’ देश के उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ रहा है। बीडीन्यूज24 ने मौसम वैज्ञानिकों का हवाले देते हुए कहा कि चक्रवाती तूफान धीरे-धीरे तेज हो गया है और भारत में पश्चिम ओडिशा और पश्चिम बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ रहा है।


बांग्लादेश के मौसम विभाग के एक मौसम वैज्ञानिक मोनवर हुसैन ने कहा, “जिस रफ्तार से तूफान आगे बढ़ रहा है, उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि तूफान को दो दिनों में तट से टकराने की आशंका है।” बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक गहरा दवाब ने शनिवार को लगभग 9 बजे चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ का रूप लिया।


यह चक्रवात रविवार की सुबह 6 बजे दक्षिण-पूर्व की खाड़ी में केंद्रित था, जो 6 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा रहा है।


आधुनिकीकरण करे सरकार: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सरकार पर रक्षा क्षेत्र की आर्डिनेंस फैक्ट्री को निजी हाथों में सौपने का आरोप लगाते हुए इस प्रयास को राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ बताया और कहा कि रणनीतिक महत्व के उपक्रम का निजीकरण करने की बजाय उसका आधुनिकीकरण किया जाना चाहिए।


कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ तथा प्रवीण चक्रवर्ती ने शनिवार को यहां संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आर्डिनेंस फैक्टरी में निवेश कर उसमें आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल होना चाहिये ताकि उसे समय के अनुकूल ज्यादा प्रतिस्पररधी बनाया जा सके। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कंपनी के निजीकरण का कोई भी प्रयास देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ होगा।


उन्होंने कहा कि केंद्रीय वित मंत्री निर्मल सीतारमण ने आज जिस आर्थिक पैकेज का जिक्र किया है उसमें प्रवासी मज़दूरों, किसानों तथा आम करदाताओ को रियायत देने की कोई घोषणा नही की गई है। हज़ारो प्रवासी श्रमिक सड़को पर है लेकिन उनकी चिंता नही की गई है।


प्रवक्ताओं ने कहा कि सरकार जिसे 20 लाख करोड़ का पैकेज बात रही है दरअसल वह पुराने पैकेज को नए ढंग से पेश किया जा रहा है और इस पैकेज में कुछ भी नया नही है। उन्होंने सवाल किया कि क्या इस राहत पैकेज से प्रवासी श्रमिकों के खाते में एक पैसा भी जाएगा।


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