शुक्रवार, 15 जनवरी 2021
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विश्व: सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का आगाज
नपुसंकता के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री का जवाब
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। देश में डेढ़ लाख से अधिक लोगों की जान ले चुके करोना वायरस पर काबू पाने के लिए टीकाकरण शुरू होने जा रहा है। लेकिन इस बीच कोराना टीकों को लेकर कई तरह के भ्रम और अफवाहें भी फैलाईं जा रही हैं। कई तरह के साइड इफेक्ट्स के दावों की वजह से लोगों के मन में दुविधा पैदा हो रही है। इस बीच देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने खुद इन अफवाहों को दूर करने की कोशिश की है। कोरोना टीकों के साइड इफेक्ट्स को लेकर कुछ लोग यह भी दावा कर रहे हैं कि यह नपुंसक बना सकता है। पिछले दिनों एक राजनीतिक पार्टी के नेता की ओर से दावा किए जाने के बाद यह भ्रम और तेजी से फैला।
स्वास्थ्य मंत्री ने इसको लेकर कहा, ”कोई वैज्ञानिक सबूत ऐसा नहीं है जो बताता हो कि कोविड वैक्सीन से महिला या पुरुष में बांझपन आ सकता है। कृपया इस तरह के अफवाहों या अप्रमाणित स्त्रोतों से आने वाली सूचनाओं पर पर ध्यान ना दें। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोरोना टीकाकरण से होने वाले साइड इफेक्ट्स की जानकारी देते हुए कहा, ”कोविड-19 (Covid-19) वैक्सीन लगाए जाने के बाद कुछ लोगों को हल्के बुखार, टीके वाली जगह पर दर्द, शरीर में दर्द जैसी शिकायतें हो सकती हैं। ये साइड इफेक्ट्स दूसरे टीकों की तरह ही हैं। ये दिक्कतें कुछ समय में खुद ही दूर हो जाने की उम्मीद है।” इस भ्रम को दूर करते हुए स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, ”कोविड-19 (Covid-19) वैक्सीन लगाए जाने की वजह से आपको कोरोना संक्रमण नहीं हो सकता है। यदि आपको टीका लगने के बाद अस्थायी साइड इफेक्ट के रूप में हल्का बुखार आता है तो इसे कोविड ना समझें।
दिल्ली के 6 अस्पतालों में टीके की खेप पहुंची
अकांंशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस के खिलाफ बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए अंतिम रूप से 81 अस्पतालों में स्टॉक किए गए दो कोविड-19 टीके की खेप को 6 सरकारी अस्पतालों में भेजा है।
हालांकि, वितरण पैटर्न ने कई लोगों की नाराजगी बढ़ा दी है, भारत बायोटेक का कोवैक्सीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) सहित केवल छह केंद्र संचालित अस्पतालों में आवंटित किया गया है। दिल्ली सरकार द्वारा आवंटित टीकों के साथ अस्पतालों की एक सूची से इस बात का खुलासा हुआ है। इस बीच, 75 अस्पताल जिनमें राज्य-संचालित और निजी अस्पताल शामिल हैं, को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के साथ ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित कोविशील्ड मिलेगा, जो देश में अपने विपणन और उत्पादन को संभाल रहा है।
हालांकि, वैक्सीन के वितरण पैटर्न के पीछे दिल्ली सरकार द्वारा कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण या कारण प्रस्तुत नहीं किया गया है, लेकिन राज्य के स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि यह केंद्र के निर्देश पर किया गया। अधिकारी ने कहा, “वैक्सीन और इसकी खुराक केंद्र सरकार के विशेष निर्देशों के अनुसार आवंटित की गई है। हालांकि, इस कदम से विवाद की आशंका है क्योंकि स्वास्थ्यकर्मियों के पास पहले से ही भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को लेकर आशंका है जिसे तीसरे चरण के ट्रायल की प्रभावकारिता की डेटा प्रस्तुत किए बिना भारत के ड्रग रेगुलेटर द्वारा आपातकालीन उपयोग के लिए अनुमोदन मिला।
कई स्वास्थ्य कर्मियों ने आईएएनएस से बात की, उन्होंने कोवैक्सीन के प्रति अपनी आशंकाओं को प्रकट किया। केंद्र संचालित लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) के एक ईएनटी विशेषज्ञ ने कहा, “मैं टीका लगवाने के लिए तैयार हूं लेकिन कोवैक्सीन नही लगवाऊंगा। एलएचएमसी के स्वास्थ्यकर्मियों को कोवैक्सीन दी जाएगी क्योंकि इसके संबद्ध अस्पताल कलावती सरन को 6 केंद्र संचालित अस्पतालों में सूचीबद्ध किया गया है जो भारत बायोटेक का टीका प्राप्त करेंगे। सफदरजंग के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख जुगल किशोर ने कहा कि किसी भी विवाद से बचने के लिए सभी केंद्रों पर एक वैक्सीन कैंडीडेट उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “बेहतर होता कि सरकार सभी केंद्रों पर एक वैक्सीन कैंडीडेट उपलब्ध कराती ताकि लोगों के मन में कोई भ्रम न पैदा हो।”कोवैक्सीन विवादों में रहा है क्योंकि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए सिफारिश की गई थी। बाद में, इसे कोविड टीकाकरण कार्यक्रम में रोल-आउट के लिए 3 जनवरी को मंजूरी दी गई।
अपराधी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा: सीएम
अविनाश श्रीवास्तव
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि सरकार अपराध नियंत्रण के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है और अपराधी कोई भी हो उसे बख्शा नहीं जाएगा ।
कुमार ने शुक्रवार को पटना के आर. ब्लॉक से दीघा के बीच 379.57 करोड़ रुपये की लागत से बनी 6.7 किलोमीटर लंबी सड़क जिसका नामकरण पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर ‘अटल पथ’ रखा गया है, का उद्घाटन करने के बाद राज्य में अपराध की बढ़ती घटना के संबंध में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए। कहा कि सरकार अपराध नियंत्रण के लिए पूरी तरह मुस्तैद है। अपराध में संलिप्त चाहे जो भी हो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में इंडिगो एयरलाइंस के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या के मामले में पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है और अपराधी जल्द ही पकड़े जाएंगे । इस हत्याकांड में संलिप्त अपराधी का स्पीडी ट्रायल करा कर उसे सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने खुद इस मामले में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से बात की है और अपराधियों की तुरंत गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है ।
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