नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से हाहाकार मचा हुआ है। भारत भी कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। देश में जारी लॉक डाउन के बाद भी कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 6,566 नए मामले सामने आए हैं और 194 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देश भर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 1,58,333 हो गई है, जिनमें से 86,110 सक्रिय मामले हैं, 67,692 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 4,531 लोगों की मौत हो चुकी है।
गुरुवार, 28 मई 2020
सुप्रीम कोर्ट ने समस्याओं का संज्ञान लिया
नई दिल्ली। लॉक डाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्याओं और मुसीबतों का सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 28 मई के लिए सूचीबद्ध किया है और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस मामले में सहयोग करने को कहा है।जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया है। कोर्ट इस मामले पर 28 मई को सुनवाई करेगा।कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार, दोनों ओर से कमियां रही हैं। कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को आवास, भोजन और यात्रा की सुविधा देने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। बता दें कि लॉक डाउन के चलते लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर उन राज्यों में फंस गए थे जहां वह काम करने गए थे। आय और भोजन का कोई साधन न होने के चलते कई श्रमिक घर जाने के लिए पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर निकल गए थे। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने इन मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन और बस सुविधा संचालित करने का फैसला किया था। मजदूरों के पलायन के बाद मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटनाएं सामने आई हैं। कहीं, गर्भवती महिला ने सड़क पर ही बच्चे को जन्म दिया और उसके कुछ घंटे बाद फिर यात्रा शुरू कर दी। वहीं, कुछ मजदूरों की ट्रेन के नीचे आ जाने से हुई मौत ने भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।
मुंबई में 55 पुलिसकर्मी भी संक्रमित
मुबंई। देश में कोरोना वायरस से संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र राज्य कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। प्रदेश में 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के 2,033 नए मामले सामने आए है। इसी के साथ ही राज्य में संक्रमित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 35,058 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह लगातार दूसरा दिन है जब राज्य में कोविड-19 के 2,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र पुलिस के मुताबिक राज्य में 24 घंटे में 55 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस (हिंदी-दैनिक)
मई 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-290 (साल-01)
2. शुक्रवार, मई 29, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि- षष्टि, विक्रमी संवत 2077।
4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:18।
5. न्यूनतम तापमान 24+ डी.सै.,अधिकतम-41+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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बुधवार, 27 मई 2020
मंदिरों में रखी धातु सामग्री भी बिकेंगे
- त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड का फैसला अनयूज्ड सामान को किया जाएगा नीलाम
- कई मंदिरों में रोज दान में आते हैं हजारों दीपक और बर्तन
- अकेले गुरुवायूर मंदिर में 9000 दीपक का रोज दान
नई दिल्ली। लॉकडाउन के चलते देश में कई मंदिरों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा रही है। इन सब के बीच केरल में मंदिरों की आय बढ़ाने और आर्थिक आधार को मजबूत करने के लिए त्रावणकोर देवास्वम् बोर्ड (टीडीबी) केरल के मंदिरों में रखे अनयूज्ड बर्तन और तांबे-पीतल को बेचने जा रहा है। इनकी मात्रा कई सौ टन में है। टीडीबी केरल में 1248 मंदिरों के प्रबंधन का काम करता है। इसमें प्रसिद्ध सबरीमाला अयप्पा मंदिर, तिरुवनंतपुरम में पद्मनाभस्वामी मंदिर, हरिपद श्री सुब्रह्मण्य मंदिर, एट्टमनूर महादेवा मंदिर और अंबालापुजा श्री कृष्ण मंदिर शामिल हैं। हालांकि, टीडीबी के इस फैसले से कई लोगों में निराशा और गुस्सा भी है। सोशल मीडिया पर लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं।
फिलहाल, हिसाब तैयार हो रहा
टीडीबी उन दीपकों और बर्तनों की नीलामी करने की योजना बना रहा है जो भक्तों द्वारा दान किए गए थे। टीडीबी अभी इसका हिसाब बना रहा है। इससे एक बड़ी राशि मिलने की उम्मीद है। केरल में ऐसे कई मंदिर हैं, जिनमें धातु के दीपकों और बर्तनों की बड़ी मात्रा में दान आता है। जैसे सबरीमाला और गुरुवायूर मंदिर। इन एक-एक दीपक की कीमत 3000 से 5000 के बीच होती है। केरल के सभी 1248 मंदिरों में बड़ी मात्रा में ऐसे दीपक और अन्य बर्तन हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है।
संभालना आसान नहीं
ऐसे बर्तनों और दीपकों को संभालना और उनका ऑडिट करवाना ज्यादा मुश्किल काम है। इस स्थिति को देखते हुए बोर्ड ने फैसला किया है कि इस तरह की सारी सामग्रियों की नीलामी कर दी जाएगी। इससे आने वाली राशि से काफी काम हो सकेंगे। कई प्रोजेक्ट्स पूरे हो सकेंगे। बोर्ड के जनसंपर्क विभाग का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। पहले भी ऐसा होता आया है। पहले मंदिरों से इन दीपक और बर्तनों को फिर से पीतल बनाने के लिए बेचा जाता था लेकिन उससे कोई रेवेन्यू नहीं मिलता था। इसलिए, इस बार इन्हें ऐसे ही बेचा जाएगा।
गुरुवायुर और सबरीमाला मंदिर के अलावा भी केरल के कई देवी मंदिरों में सुख-शांति और गृहस्थ सुख के लिए पीतल के बर्तनों और दीपकों का दान किया जाता है।
केरल में रिवाज है नेयविल्लकु समरपनम्
केरल में मंदिरों में पीतल के बड़े-बड़े दीपक दान करने का रिवाज है। इसे नेयविल्लकु समरपनम् कहा जाता है। यहां मान्यता है कि घी के दीपक दान करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। यहां गुरुवायूर मंदिर में रोज लगभग 8000 से 9000 तक दीपक दान में आते हैं। उसी तरह, कई मंदिरों में पीतल के बर्तन जैसे उरुली (एक बड़ा खुला बर्तन) दिया जाता है। न्य देवी मंदिरों में भी, भक्तों द्वारा पीतल के उरुलियां दी जाती हैं। इसी तरह से कई अन्य पीतल की चीजें जैसे थट्टू (प्लेट्स), देवताओं की छोटी मूर्तियां, बर्तन आदि। ऐसे में इन सबको संभालने के लिए एक बड़ी जगह का आवश्यकता होती है। इन्हें संभाले रखने का कोई अर्थ भी नहीं है।
- सबसे बड़े धार्मिक बोर्ड में है त्रावणकोर
त्रावणकोर देवस्वाम बोर्ड देश के सबसे बड़े धार्मिक बोर्ड्स में से है। इसके अधिकार में 1248 मंदिर आते हैं। कैग (CAG) और केरल हाईकोर्ट के लोकपाल की निगरानी में इसका सारा काम होता है। टीडीबी में लगभग 6500 कर्मचारी हैं, जिनमें ज्यादातर ज्यादातर पुजारी, सहायक पुजारी, मंदिर के कलाकार, कलाकार और अन्य मंदिर व्यवस्थापक कर्मचारी हैं। टीडीबी कर्मचारी सरकारी कर्मचारी की तरह ही होते हैं और इसलिए उन्हें सभी सरकारी लाभ मिलते हैं, जैसे निश्चित वेतन, रिटायरमेंट के बाद पेंशन।
लोकतांत्रिक ढांचे को उखाड़ने की कोशिश
नई दिल्ली/मुंबई। महाराष्ट में मचे सियासी उठापटक के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी को सवाल खड़े करने हैं तो करे, विपक्ष को सवाल करना भी चाहिए ये लोकतंत्र के लिए अच्छा है। उन्होंने कहा कि सवाल करने से सरकार को भी फायदा होता है, लेकिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करना लोकतांत्रिक ढांचे को उखाड़कर फेंकने जैसा है। इससे पहले मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने कहा था कि हम महाराष्ट्र में सरकार को समर्थन कर रहे हैं, लेकिन फैसला लेने की क्षमता में नहीं हैं। हम पंजाब-छत्तीसगढ़-राजस्थान में फैसला लेने की क्षमता में हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि जितनी ज्यादा कनेक्टटेड जगह हैं, वहां कोरोना होता है। मुंबई-दिल्ली में इसलिए अधिक मामले हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को भी केंद्र सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए। हम सिर्फ केंद्र सरकार को सुझाव दे सकते हैं, लेकिन सरकार को क्या मानना है वो उनके ऊपर ही है।
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता नारायण राणे ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। उनका कहना था कि उद्धव सरकार कोरोना वायरस को रोकने में नाकाम साबित हो रही है।
महाराष्ट्र में सियासी हलचल तेज, पवार-उद्धव मिले, संजय राउत बोले- सरकार को खतरा नहीं
इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और NCP सुप्रीमो शरद पवार की मुलाकात हुई थी, जिसके बाद कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थीं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उद्धव सरकार पर संकट की भी बात कही थी। हालांकि इस पर महा विकास अघाड़ी के दलों ने सफाई दी कि सरकार स्थिर और मजबूत है।
विधायक के बेटे को हिन्दुस्तान पसंद नहीं
भाजपा विधायक उमेश मलिक के सुपुत्र शुभम मलिक को पसंद नहीं हिंदुस्तान~दिनेश गुर्जर भाजपा विधायक के सुपुत्र को पसंद नहीं हिंदुस्तान जिला अध्यक्ष समाजवादी लोहिया वाहिनी भाजपा विधायक के सुपुत्र पर हो एनएसए के तहत कार्रवाई अश्वनी उपाध्याय गाजियाबाद। समाजवादी लोहिया वाहिनी जिला अध्यक्ष दिनेश गुर्जर ने आज सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोनी एसडीएम को ज्ञापन सोपा दिनेश गुर्जर ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के बुढाना विधायक उमेश मलिक के अमेरिका में रह रहे बेटे शुभम मलिक की इंस्टाग्राम पोस्ट और सोशल मीडिया पर भारत विरोधी वीडियो डालने के बाद उन्होंने भारत का मजाक उड़ाया है शुभम मलिक कई सालों से अमेरिका में रह रहे हैं इंस्टाग्राम पर शुभम मलिक का एसमलिकडॉट 369 के नाम से अकाउंट है जो अकाउंट उन्होंने फिलहाल डिलीट कर दिया है उन्होंने इंस्टाग्राम पर भारत विरोधी पोस्ट डाली है शुभम मलिक ने कई बिंदुओं के माध्यम से अमेरिका व भारत की तुलना की है जिसमें अमेरिका को शुभम मलिक ने महान व हिंदुस्तान का मजाक उड़ाया गया है पोस्ट में उन्होंने कहा है कि में 8 साल से यूएसए में रह रहा हूं और यूएसए ओर भारत ने मुझे क्या दिया है उन्होंने कहा इंस्टाग्राम पर कि अमेरिका ने मुझे सम्मान शिक्षा प्यार धनसंपदा आत्मविश्वास ज्ञान सच्चे दोस्त शोहरत और खुशी दी है जबकि हिंदुस्तान ने उन्हें सापेक्ष उपेक्षा अज्ञानता घृणा हंसी का पात्र हताशा झूठे दोस्त अनदेखी निराशा और दुख ही दुख दिया है उनकी इस पोस्ट पर एक तरफ अमेरिका का झंडा तो दूसरी तरफ हिंदुस्तान का तिरंगा है शुभम मलिक के द्वारा इंस्टाग्राम पर कई वीडियो भी शेयर किए गए हैं जिसमें वह कह रहे हैं कि इंडियन नॉट लाइक मी इस तरह की बातें हिंदुस्तान को तोड़ने का काम करती है मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध करूंगा कि भाजपा विधायक पुत्र पर एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए और इसके पीछे जो भी दोषी लोग हैं उन पर भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से दिनेश गुर्जर जिला अध्यक्ष समाजवादी लोहिया वाहिनी अनीस अली जिला अध्यक्ष मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड रवि शंकर बाल्मीकि राष्ट्रीय सचिव समाजवादी युवजन सभा मनोज पंडित पूर्व महानगर अध्यक्ष युवजन सभा मोहम्मद गफ्फार पूर्व जीडीए बोर्ड मेंबर माजिद चौधरी रिंकू पहलवान आदि लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ज्ञापन सौंपा। |
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हरे निशान पर खुला 'शेयर बाजार'
नई दिल्ली। लगातार दूसरे कारोबारी दिन आज शेयर बाजार हरे निशान पर खुला। बुधवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स में मामूली बढ़त देखी गई। यह 0.33 फीसदी की बढ़त के साथ 99.50 अंक ऊपर 30708.80 के स्तर पर खुला। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 0.58 फीसदी की तेजी के साथ 52 अंक ऊपर 9081.05 के स्तर पर खुला। शेयर बाजार के अनंतिम आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मंगलवार को पूंजी बाजार में 4,716.13 करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी।
वैश्विक बाजारों का हाल : मंगलवार को दुनियाभर के ज्यादातर बाजारों में बढ़त देखने को मिली, जिसका असर घरेलू बाजार पर पड़ा। अमेरिका का डाउ जोंस 2.17 फीसदी की बढ़त के साथ 529.95 अंक ऊपर 24,995.10 पर बंद हुआ था। नैस्डैक 0.17 फीसदी बढ़त के साथ 15.63 अंक ऊपर 9,340.22 पर बंद हुआ था। एसएंडपी 1.23 फीसदी बढ़त के साथ 36.32 अंक ऊपर 2,991.77 पर बंद हुआ था। चीन का शंघाई कम्पोसिट 0.22 फीसदी गिरावट के साथ 6.18 अंक नीचे 2,840.37 पर बंद हुआ था। साथ ही इटली, फ्रांस और जर्मनी के बाजार में बढ़त देखने को मिली थी।
दिग्गज शेयरों का हाल : दिग्गज शेयरों की बात करें, तो आज हिंडाल्को, कोटक बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बंक, टाटा मोटर्स, हीरो मोटोकॉर्प, यूपीएल, सन फार्मा और वेदांता लिमिटेड के शेयर हरे निशान पर खुले। वहीं चाइचन, एम एंड एम, ओएनजीसी, गेल, अडाणी पोर्ट्स, कोल इंडिया, आईटीसी, एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील और डॉक्टर रेड्डी के शेयर लाल निशान पर खुले।
मंगलवार को मामूली गिरावट पर बंद हुआ था बाजार :
मंगलवार को दिनभर की बढ़त गंवाकर शेयर बाजार मामूली गिरावट पर बंद हुआ था। सेंसेक्स 0.21 फीसदी की गिरावट के साथ 63.29 अंक नीचे 30609.30 के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं निफ्टी 0.11 फीसदी लुढ़ककर 10.20 अंक नीचे 9029.05 के स्तर पर बंद हुआ था।
बिगड़ते जा रहे हैं महाराष्ट्र के हालात
मुंबई। लॉक डाउन के 64वें दिन तक देश में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1 लाख 50 हजार से अधिक हो गई है, जबकि इस वायरस से अब तक 4337 लोगों की मौत हो गई है। देश में कोरोना वायरस से संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है। महाराष्ट्र राज्य कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। महाराष्ट्र पुलिस की ओर से जारी कोरोना बुलेटिन के मुताबिक, राज्य में पिछले 24 घंटे में 75 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बाद राज्य में संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या 1964 हो गई है, जिसमें से 1095 सक्रिय हैं, 849 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं और 20 लोगों की मौत हो चुकी है।
महाराष्ट्र में 2091 नए केस :
महाराष्ट्र में मंगलवार को कोविड-19 के 2091 नए मामले सामने आने के साथ प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 54,758 हो गई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि राज्य में कोरोना वायरस से 97 और लोगों की मौत के साथ महामारी में जान गंवाने वालों की संख्या अब 1,792 तक पहुंच गई है।
वार्ड का निरीक्षण, मरीजों से बातचीत
क्वॉरेंटाइन केंद्र से भाग, दारू-मुर्गा उड़ाया
जौनपुर: क्वारंटाइन सेंटर से गायब होकर उड़ा रहे थे मुर्गा-दारू, मुकदमा दर्ज
जौनपुर। जिले में क्वारंटीन सेंटर को लेकर बरती जा रही लापरवाही को लेकर डीएम द्वारा कार्रवाई का मामला सामने आया है। इस दौरान क्वारंटाइन सेंटर से गायब होकर पार्टी कर रहे तीन युवकों को पकड़ा गया, जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
जौनपुर जिले में प्रवासी मजदूरों के आने से कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। वहीं जिलाधिकारी इस फैलते संक्रमण को लेकर काफी चिंतित हैं। इसी कड़ी में ग्राम प्रधान से शिकायत मिली कि सूरत से आया एक युवक क्वारंटीन सेंटर से गायब है। डीएम ने टीम के साथ सेऊर प्राथमिक विद्यालय से थोड़ी दूर तीन युवकों को मुर्गा-दारू पार्टी करते हुए पकड़ा है। तीनों युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के साथ ही क्वारंटीन सेंटर ले आया गया।
मुर्गा-दारू पार्टी करते पकड़े गए तीन युवक
जिलाधिकारी मड़ियाहूं क्षेत्र के 5 क्वारंटीन सेंटरों पर पहुंचे और निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम दिनेश कुमार सिंह को मुंबई और अन्य राज्यों से गांव में आए लोगों के घूमने की शिकायत मिली थी। ये सभी क्वारंटीन सेंटर में रहने के बावजूद भी घूम रहे थे। इसके बाद उन्होंने सभी बीडीओ, थानाध्यक्षों को फोन कर प्रतिदिन पांच गांवों में भ्रमण करने का निर्देश दिया है। डीएम की टीम ने मुर्गा-दारू पार्टी कर रहे तीन लोगों को गांव से पकड़ा है। तीनों युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद इन्हें वापस क्वारंटीन सेंटर लाया गया।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग
मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना को लेकर किए गए लॉकडाउन के बीच एकबार फिर से सियासी हलचल शुरू हो गई है। एक ओर जहां महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता नारायण राणे ने सोमवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से उनके आवास पर मुलाकात कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। वहीं दूसरी ओर कोटाव ठाकरे के घर पर एक गुप्त बैठक हुई। इसके साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी सरकार में है? या फिर केंद्र सरकार कोई बड़ा फैसला लेने के लिए तैयार है?
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र के सत्ता का केंद्र बने मातोश्री (उद्धव ठाकरे के घर) पर, एनसीपी सुप्रीमो शरण पवार, सीएम उद्धव ठाकरे और शिवसेना नेता संजय राऊत के बीच सोमवार शाम गुप्त बैठक हुई। यह बैठक महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि लंबे अंतराल के बाद एनसीपी सुप्रीमो मातोश्री पहुंचे थे। हैरान करने वाली बात यह है कि विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद 36 दिन तक चले सत्ता के संघर्ष के बीच एक बार भी शरद पवार मातोश्री नहीं गए, और इस वक्त में उनकी मातोश्री जाना कई सवाल खड़े कर रहा है।
गवर्नर से मिले पवारः इससे पहले सोमवार को ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार को मिलने के लिए राजभवन बुलाया। उनके साथ एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल भी थे। 20 मिनट तक की मुलाकात के बाद बाहर निकलकर प्रफुल्ल पटेल ने कहा, ‘राज्यपाल के बुलावे पर हम यहां आए। हमारे बीच कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।’ हालांकि, प्रफुल्ल पटेल का यह बयान लोगों के गले नहीं उतरा कि अगर राजनीतिक चर्चा नहीं करनी थी, तो फिर राज्यपाल ने शरद पवार को मिलने क्यों बुलाया था?
अंदर कुछ तो पक रहा हैः पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम को देखते हुए महाराष्ट्र की राजनीति में दखल रखने वालों को यह लग रहा है कि राज्य की राजनीति में कुछ तो पक रहा है। राज्य की महा विकास आघाडी सरकार खासकर शिवसेना और राज्यपाल के बीच बढ़ते टकराव और राज्य में कोरोना वायरस के अनियंत्रित होते जाने की खबरों के बीच राष्ट्रपति शासन की चर्चा के चलते शरद पवार का राज्यपाल से मिलने जाना कई तरह की राजनीतिक चर्चाओं को को जन्म दे रहा है। इसकी एक बड़ी वजह शरद पवार के साथ एनसीपी नेता प्रफुल पटेल का राजभवन जाना भी है। क्योंकि, प्रफुल्ल पटेल अपने गुजराती कनेक्शन की वजह से केंद्र की राजनीति में अमित शाह और नरेंद्र मोदी के भी करीबी माने जाते हैं।
इन 3 नेताओं की मंत्रणाः सूत्रों के मुताबिक करीब 20 दिन पहले देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटील और अमित शाह के बीच एक बार मंत्रणा हो चुकी है। इसके बाद ही बीजेपी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को टारगेट करना शुरू किया है। सरकार के खिलाफ राज्य भर में बीजेपी का आंदोलन, बीजेपी नेताओं का सोशल मीडिया पर शिवसेना के खिलाफ आक्रामक होना, देवेंद्र फडणवीस का सीधे उद्धव ठाकरे को टारगेट करना। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल का रविवार को उद्धव ठाकरे पर सीधा हमला बोलना और एनसीपी के खिलाफ मौन रहना किसी स्ट्रेटेजी का भाग हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में सरकार और राजभवन के बीच विभिन्न मुद्दों पर लगातार बढ़ते जा रहे टकराव के मद्देनजर यह सामान्य संकेत नहीं है।
अटकलें ये भी हैंः मुंबई और दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि बीजेपी जल्द से जल्द कुछ भी करके महाराष्ट्र की सत्ता में बदलाव चाहती है। फिर चाहे वह शिवसेना के साथ हो या शिवसेना के बगैर। दिल्ली के स्रोतों का यह भी कहना है कि महाराष्ट्र में बीजेपी की सत्ता का रास्ता राजभवन से ही निकलेगा। इसीलिए बीजेपी लगातार राज्य में इस तरह का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है, जिसमें राजभवन राजनीति के केंद्र में रहे।
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