शुक्रवार, 24 जुलाई 2020

चीन में ईसाइयों पर अत्याचार बढा़

बीजिंग। एक तरफ दुनिया कोरोना संकट के जूझ रही हैं वहींं चीन की सरकार उइगर मुसलमानों को परेशान करने के बाद अब ईसाइयों (Christians) पर अत्याचार करने पर उतारू हो गई है। चीन के कई राज्यों और शहरों में सैकड़ों ईसाई धार्मिक चिन्ह हटाए गए हैं। क्रॉस निकाल दिए गए और मूर्तियां तोड़ दी गईं। प्रभु यीशु के तस्वीर हटवाकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग और माओत्से-तुंग की तस्वीरें लगाने का आदेश दिया गया है। इसका जो विरोध करता है, उसके साथ मारपीट होती है। चीन की सरकार ने अपने नए आदेश में कहा है कि ईसाई यानी क्रिश्चियन समुदाय के लोग अपने घरों में प्रभु यीशु (ईसा मसीह) तस्वीरें और चर्चों से क्रॉस और मूर्तियां हटवा दें।


इनकी जगह चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तस्वीरें (Photos) लगाई जाएं। पिछले एक महीने में चीन की सरकार ने पांच राज्यों अंशुई, जियांग्सु, हेबई, झेजियांग और अनहुई के चर्चों से सैकड़ो धार्मिक चिन्ह को तुड़वा दिया है। जिस जगह विरोध हुआ, वहां धार्मिक चिन्ह तो तोड़े ही गए साथ ही विरोध करने वालों के साथ मारपीट भी की गई। हुआईनैन शहर के शिवान चर्च से धार्मिक चिन्ह हटाने के लिए करीब 100 कर्मचारियों की टीम क्रेन लेकर पहुंची थी। लोगों ने इसका विरोध किया। इस पर अधिकारियों ने वहां मौजूद लोगों के साथ मारपीट की।


ईसाइयों के संगठन चाइना एड ने चर्चों पर कार्रवाई की तस्वीरें जारी की हैं। उधर, चीन के अधिकारियों का कहना है कि इमारतों के जरिए किसी धर्म की पहचान नहीं होनी चाहिए। सरकार ने देश में समानता स्थापित करने के लिए धार्मिक चिन्ह (Religious insignia) के आदेश दिए हैं। इससे पहले सरकार ने धार्मिक किताबों के इस्तेमाल और उनके अनुवाद पर रोक लगा दी थी। सरकार की सख्त चेतावनी दी है कि कम्युनिस्ट पार्टी के 8.5 करोड़ कार्यकर्ता किसी धर्म का पालन नहीं करेंगे। चीन में करीब 40 करोड़ बौद्ध-ताओ, 6.7 करोड़ ईसाई और डेढ़ करोड़ मुस्लिम हैं। इन्हें धार्मिक स्थलों के बाहर ही प्रार्थना करने की अनुमति है। सरकार यहां आने वाले श्रद्धालुओं से टैक्स लेती है। शिनजियांग प्रांत में जेल सरीरी कई इमारतें हैं जहां हजारों उइगर मुसलमानों को कैद कर रखा है। चीन की सरकार ने इस्लाम को कम्युनिस्ट पार्टी के एजेंडे पर चलाने के लिए पांच साल की योजना बना चुकी है।            


2021 से पहले वैक्सीन मिलना मुश्किल

वॉशिंगटन। एक ओर जहां, कम से कम तीन कोरोना वायरस वैक्सीनों के इंसानों पर शुरुआती ट्रायल के नतीजे सकारात्मक मिले हैं, वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि अभी कई महीनों तक आम लोगों को वैक्सीन नहीं मिल सकेगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक एक्सपर्ट का कहना है कि वैक्सीन को 2021 से पहले इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। अभी आखिरी चरण के ट्रायल में बड़ी संख्या में लोगों पर टेस्ट किए जाने के बाद ही पता चल सकेगा कि ये वैक्सीनें वाकई में कितनी असरदार हैं।





'अगले साल मिल सकती है'




WHO के हेल्थ इर्जेंसी प्रोग्राम के हेड डॉ. माइक रायन का कहना है, 'हम अच्छी प्रगति कर रहे हैं। असल तौर पर देखा जाए तो अगले साल के पहले हिस्से में लोगों को वैक्सीन मिलना शुरू हो सकता है।' रायन ने कहा कि वैक्सीन गरीब या अमीर नहीं, सबकी लिए होती हैं। यह जरूरी है कि कैसे इन्हें लोगों को दिया जाता है। रायन ने एक ऑनलाइन लाइव सेशन के दौरान यह बताया है।
'अभी देखना बाकी है असर'
वहीं, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एपिडिमियॉलजी में असोसिएट प्रफेसर ऑब्री गोर्डन का कहना है कि पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के नतीजे उम्मीद जगाने वाले हैं। हमें इन पर विश्वास करना चाहिए और यह भी याद रखना चाहिए कि इनसे अभी यह साबित नहीं हुआ है कि वैक्सीन असरदार है। उन्होंने बताया है कि शुरुआती चरणों के ट्रायल सुरक्षा देखने और यह पता करने के लिए होते हैं कि वैक्सीन से इम्यून रिस्पॉन्स पैदा हो रहा है या नहीं।
इन वैक्सीनों पर नजर
वैक्सीन की रेस में फिलहाल ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका की Moderna Inc और चीन की CanSino की वैक्सीनें इंसानों पर ट्रायल के शुरुआती चरण पार कर चुकी हैं। ऑक्सफर्ड की वैक्सीन को इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा है क्योंकि यह ज्यादा असरदार पाई गई है। इसे दिए जाने पर ट्रायल में ऐंटीबॉडी और T-cell पाए गए। भारत में Serum Institute of India इसका उत्पादन करेगा जिसने इसके लिए AstraZeneca के साथ डील की है।           


युवक ने किया खूनी ताण्डव, 5 की हत्या

मिथलेश बर्मन


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से एक बड़ी खबर निकल कर आ रही है। यहां एक युवक ने अपने घर में खूनी तांडव मचाया है। उसने अपने परिवार के सभी लोगों की हत्या कर दी। जिसमें उसके मां-बाप दो भाई और एक बहन शामिल है। इसके बाद वह खुद भी आत्महत्या के लिए गाड़ी के नीचे कूद किया। जहां उसकी मौत हो गई। पूरा मामला बिलासपुर जिले के सीपत क्षेत्र के मटियारी गांव मे देर रात की है।“बताया जा रहा है कि खाना खाने के बाद परिवार के सभी लोग सो रहे थे तभी रोशन ने सबसे पहले अपने पिता रूपदास सूर्यवंशी (45 वर्ष) को कुल्हाड़ी से मारकर मौत के घाट उतारा, उसके बाद युवक ने अपनी मां संतोषी बाई (40 वर्ष) पर कुल्हाड़ी से वार कर उसकी जान ले ली। सनकी युवक ने अपनी मासूम बहन कामिनी (14 वर्ष) को भी नहीं छोड़ा उसे भी निर्दयता से कुल्हाड़ी से मारकर मौत के घाट उतार दिया, 03 हत्या करने के बाद भी उसका मन नहीं भरा तो उसने अपने मासूम भाई ऋषि सूर्यवंशी (उम्र 15 वर्ष) और रोहित सूर्यवंशी (20 वर्ष) को भी कुल्हाड़ी से प्राणघातक वारकर जान ले ली। सुबह घर से 5 लाशों को बरामद किया है। जिसमें उसके माता-पिता दो भाई और एक बहन की लाश हैं। आरोपी ने भी सब की हत्या करने के बाद भी खुद भी खुदकुशी कर ली। उसने ऐसा क्यों किया। फिलहाल पुलिस इस बात की जांच कर रही है। आरोपी के इस कदम से पूरा गांव सकते में है।             


दबंगों ने यूपी पुलिस से असलाह छीना

दीपक जायसवाल


जौनपुर। जनपद में अपराधियों एवं दबंगो के हौसले इतने बुलंद हो गये है कि पुलिस से उसका असलहा तक छीन ले रहे है जी हां बीती शाम को थाना मछलीशहर मेें नगर के अन्दर एक विधवा की तहरीर पर पूछताछ करने गई कस्बा इंचार्ज सरिता यादव की विपक्षियों ने पिस्टल छीन ली और सरकारी गाड़ी को भी पंक्‍चर करने का प्रयास किया। बाद में कस्बा इंचार्ज की तहरीर पर पुलिस ने एक महिला सहित चार लोगों पर मुकदमा दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार गया लेकिन एक अभियुक्त मौका देख थाने से फरार हो गया। मछली शहर कस्बा स्थित सादिगंज मोहल्ला निवासी लखपत्ति पत्नी स्वर्गीय राजनारायण ने कोतवाली में तहरीर देकर अपने भतीजे द्वारा मारपीट और उनके मकान पर कब्जा करने का आरोप लगाया था। तहरीर के आधार पर कस्बा इंचार्ज मौके पर पहुंच विधवा महिला और विपक्षियों से मामले को लेकर पूछताछ कर रही थी कि विपक्षी नंदलाल कस्बा इंचार्ज द्वारा कही गई किसी बात को लेकर उत्तेजित हो गया। मौके पर मौजूद लोगोंं के अनुसार आरोपितों ने कस्बा इंचार्ज की पिस्टल छीन ली। उनकी वर्दी पर लगा स्टार व होलोग्राम फाड़ दिया। इसी बीच एक आरोपित ने सरकारी जीप की हवा निकालते हुए उसे पंक्‍चर करने का प्रयास किया। चंदन जिसके बाद मौके पर मौजूद अन्य लोगों व हमराहियों की मदद से आरोपितों से उन्होंने किसी तरह अपनी पिस्टल बरामद की। इसके बाद कोतवाली से पहुंची पुलिस फोर्स ने बलप्रयोग कर किसी तरह से लोगोंं को काबू में उन्हें गिरफ्तार कर कोतवाली लेकर आयी। इसी बीच भीड़ व अंधेरे का फायदा उठाकर एक आरोपित फरार हो गया। कोतवाली पहुँची कस्बा इंचार्ज की तहरीर पर पुलिस ने देर रात नंदलाल, अवधेश, पुष्पा देवी, रवि और पिंटू के खिलाफ तामाम धाराओं में मुकदमा दर्ज कर महिला सहित तीन आरोपित को जेल भेज दिया। जबकि इसी बीच अंधेरे का फायदा उठाकर मुख्य आरोपित नंदलाल मौके से फरार हो गया। मामले के बाबत प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार पांडेय ने पूछताछ के दौरान महिला इंस्पेक्टर से बदसलूकी, वर्दी फाड़ने, पिस्टल छिनने व पुलिस कार्य मे बाधा पहुंचाने की बात कहते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की जानकारी दी गयी है।            


तोते ने दो परिवारों के बीच कराई जंग

सीतामऊ। तहसील के ग्राम छोटी पतलासी में पिंजरे से फरार हुए तोते ने दो परिवारों में जंग करा दी। एक तोते को लेकर भिड़े दो परिवारों का मामला थाने तक पहुंच गया। जहां थानेदार ने तोते को भी पेश करने का हुक्म सुनाया। बाद में तोता उड़कर अपने असली मालिक के पास चला गया। तब जाकर विवाद का पटाक्षेप हुआ।

जिले की सीतामऊ तहसील के ग्राम छोटी पतलासी में तोते से शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ा कि मामला मारपीट और थाने तक पहुंच गया। पुलिस के बीच-बचाव के बाद मामले में सुलह हो पाई। दरअसल दो दिन पहले छोटी पतलासी गांव के चेतन का पालतू तोता पिंजरे से फरार हो गया और गांव में राजाराम के घर जाकर बैठ गया। तोते के फरार होते ही चेतन ने उसकी तलाश शुरू की तो पता चला कि तोता गांव के ही राजाराम के घर में हैं। फिर क्या था चेतन अपने साथियों के साथ तोता वापस लेने पहुंचा जहा राजाराम ने देने से इंकार कर दिया। मामला तू तू मैं मैं से शुरू होकर हाथापाई तक आ पहुचा। एक तोते के पीछे दोनों परिवार आमने -सामने हो गए।

राजाराम का कहना था कि तोता उड़कर हमारी छत पर आया था तो हमने रख लिया है। लेकिन तोता किसका है इसका सबूत किसी के पास नहीं था सो गांव के बड़े बुजुर्ग भी दोनों परिवारों के बीच सुलह नहीं करा पाए। तोते की नादानी से शुरू हुआ विवाद थाने पहुंच गया। जहां थानेदार साहब ने तोते को थाने में हाजिर होने का फरमान सुनाया। इसके बाद तोते को थाने में अपनी आमद देना पड़ी। तोते ने अपने पुराने मालिक चेतन को पहचान लिया और उड़कर उसके पास पहुंच गया। अब चेतन को भले ही अपना तोता मिल गया है लेकिन तोते की नादानी ने दो परिवारों के साथ पुलिस का भी सुख चैन छीन लिया। तोते की वजह से आमने सामने हुए दोनों परिवार दिन भर थाने में डेरा डाले रहे। पुलिस ने भी दोनों पक्षों को दिनभर समझाने का प्रयास किया। आखिरकार शाम होने तक दोनों पक्षों में राजीनामा हुआ।

इनका कहना है

दो-तीन दिन पहले मेरा तोता गुम हो गया था । मैंने इसकी शिकायत थाने में की थी। आज मुझे मेरा तोता वापस मिल गया है।- चेतन, तोते का मालिक एक मिट्ठू के खातिर पूरा विवाद हुआ है। मिट्ठू हमारे घर के यहां उड़कर आया था मेरे बेटे ने उसे पकड़कर घर मे रख लिया। उसके बाद जिनका मिट्ठू था वो आए और हमे धमकाया। दूसरे दिन उन्होंने हमें मारने का प्लान बनाया मुझे लगता है और भी कोई राज था तो हम थाने चले आए।- राजाराम, छोटी पतलासी हमारी कोई गलती नहीं है। तोता उड़ कर हमारे घर आ गया था। तो बेटे ने उसे खिलाने के लिए पकड़ कर रख लिया। एक दिन तोता हमारे घर रहा। फिर वो लोग आए और जबरन तोते को ले गए। हमे धमकाया भी।- छमुबाई

इनका कहना है

छोटी पतलासी गांव में राजाराम है उनका अपने भाई से विवाद चल रहा है । इसी बीच गांव के एक बालक चेतन का तोता उड़ गया।और राजाराम के यहां जाकर बैठ गया। जिस बालक का तोता था उसे खबर लगी कि तोता राजाराम के यहां है। तो वह तोता लेने पहुंचा। अब दोनों पक्ष तोते पर अपना अपना हक जमा रहे थे। इसी बात को लेकर दोनों परिवारों में विवाद हो गया। मामला थाने आने पर दोनों पक्षो को समझाइश दी गई है कि आपस में गांव का मामला है मिल बैठ कर सुलझा ले। तोते को भी थाने बुलाया था। तो वह उड़कर अपने असली मालिक चेतन के पास चला गया।

अमित सोनी           

कारोबारी से धन के लिए पत्नी का एग्रीमेंट

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर के पॉश इलाके अनूप नगर में संभ्रांत कारोबारी ने पहले पत्नी को मायके से रुपये लाने को मजबूर किया। उसकी जरूरत पूरी नहीं हुई तो पड़ोस में रहने वाले एक अन्य संभ्रांत कारोबारी के पास भेजा। पति ने स्टाम्प पर अनुबंध किया और सहमति दी कि उसकी पत्नी पड़ोसी कारोबारी से संबंध बनाएगी।

विवाहेत्तर संबंधों के दौरान महिला गर्भवती हो गई और उसने बेटी को जन्म दिया। इस पर महिला के पति ने फिर लिखा-पढ़ी की और पड़ोसी से 11 लाख रुपये लिए। बाद में लेनदेन को लेकर विवाद होने लगा तो पत्नी ने पति व स्वजन के खिलाफ थाने में दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज करवा दी। मामले की जांच शुरू होते ही पति द्वारा करवाए अनैतिक कार्य की पोल खुल गई।

अनूप नगर निवासी एक उद्योगपति ने जुलाई 2005 में अपने बेटे का राजस्थान की युवती से विवाह किया था। शादी के दो साल बाद ही पति ने पत्नी से रुपयों की मांग शुरू कर दी। रुपये लेने के बहाने पत्नी को पड़ोसी कारोबारी के पास भेजना शुरू किया। रुपयों का लेनदेन करते-करते कुछ समय बाद महिला और पड़ोसी के शारीरिक संबंध बन गए और महिला ने बेटी को जन्म दिया। पति ने पड़ोसी से रुपये वसूलने का षड्यंत्र रचा और फंसाने की धमकी दी। दो साल पहले दोनों ने 1000 रुपये के स्टाम्प (शपथ पत्र) पर करार किया जिसमें पड़ोसी से जन्मी बच्ची को अपनाने और पालने-पोसने के बदले 11 लाख रुपये की लिखा-पढ़ी हुई। पति ने यह भी कहा कि पत्नी पड़ोसी से सिर्फ तीन घंटे मिलेगी।

घर आने के बाद न तो उसका जिक्र करेगी, न व्‍हाट्सएप और फोन पर चर्चा होगी। इस वाकये के बाद भी पति का रुपये मांगना बंद नहीं हुआ और पत्नी के बैंक खातों व एफडी के सारे रुपये निकाल लिए। पत्नी ने आठ दिन पहले एमआइजी थाने में सास, ससुर, देवर के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करवा दिया।

पति ने दिया पत्नी और पड़ोसी के संबंध का अनुबंध

कारोबारी के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज हुआ तो उसने एमआइजी थाने की उपनिरीक्षक सीमा शर्मा के समक्ष एक अनुबंध पेश किया। उसने बताया कि पत्नी का चरित्र ठीक नहीं है। उसके पड़ोसी से शारीरिक संबंध थे। बेटी भी उसी से पैदा हुई है।

इस अनुबंध में लिखा था कि पड़ोसी ने खुफिया कैमरे लगाकर अश्लील वीडियो बनाया और दुष्कर्म किया। बच्ची के भविष्य के मद्देनजर केस नहीं करवा रहे हैं। इसके बदले बच्ची के पालन-पोषण के लिए 11 लाख रुपये की एफडी करवा रहे हैं। इस अनुबंध के सामने आते ही पत्नी ने सारा सच सामने रख दिया। उसने ऐसे दस्तावेज पेश किए जिससे यह बात सामने आई कि उसके पति ने बच्ची की हत्या की धमकी देकर झूठा अनुबंध करवाया था। पड़ोसी ने दुष्कर्म नहीं बल्कि रजामंदी से संबंध बनाए थे। इसके बदले पति ने 11 लाख रुपये भी लिए हैं। महिला ने पड़ोसी के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज करवाने से भी इन्कार कर दिया।

महिला ने रिपोर्ट लिखाई कि आरोपितों ने शादी में माता-पिता से 8 तोला सोना और 5 लाख रुपये नकद लिए थे। रिश्तेदारों ने टीवी, फ्रिज, कूलर,बर्तन, टेबल, पलंग भी दिए थे, लेकिन अब मुझसे 20 लाख नकद व कार की मांग कर रहे हैं। पति शराब पीकर घर आता और मारपीट करता है। वह पड़ोसियों के पास रुपये लेने भेजता है और अनैतिक कार्य करने का दबाव बनाता है।

इनका कहना हैः मामला बहुत जटिल है। दहेज प्रताड़ना के आरोपित पति व उसकी पत्नी ने अनुबंध पेश किए हैं जिसमें रुपये लेकर अवैध संबंधों को स्वीकारने का करार हुआ है। जांच के आदेश दिए हैं।

सीबीआई कोर्ट में आडवाणी का बयान दर्ज

लखनऊ। अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठतम नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में अपना बयान दर्ज कराया। लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई की अदालत के सामने पेश हुए।


च्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार विशेष अदालत को इस मामले का 31 अगस्त तक निस्तारण करना है। भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने इस मामले में गुरुवार को अपना बयान दर्ज कराया था। अदालत ने मुरली मनोहर जोशी से बड़ी संख्या में इस मामले पर सवाल किये। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद अयोध्या में राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त पहले ही हो चुका है। अयोध्या में राममंदिर का भूमिपूजन पांच अगस्त को प्रधानमंत्री मंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में होगा। इस मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और भाजपा नेता एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी हाल ही में अपने बयान दर्ज कराये हैं। इस मामले में 32 आरोपियों के बयान दर्ज होने हैं। इसके बाद आरोपियों को अपनी सफाई और साक्ष्य पेश करने का अवसर दिया जाएगा। गौरतलब है कि अयोध्या में 6 दिसम्बर 1992 को कारसेवकों की भीड़ ने विवादित ढांचे को गिरा दिया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लालकृष्ण आडवाणी के सीबीआई के समक्ष बयान दर्ज कराने से पहले बुधवार को मुलाकात की थी। इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद भूपेंद्र यादव भी साथ थे। दोनों नेताओं के बीच दिल्ली में करीब आधे घंटे की मुलाकात हुई। सूत्रों के अनुसार इस दौरान पेशी से पहले हुई मुलाकात में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले पर चर्चा हुई। यह भी माना जा रहा है कि मुलाकात में अयोध्या में राममंदिर आंदोलन के अगुआ रहे आडवाणी के पांच अगस्त को राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होने पर भी विचार विमर्श हुआ है। सभी 32 आरोपियों के बयान सीआरपीसी की धारा 313 के तहत दर्ज किये जा रहे हैं।           

जन प्रतिक्रिया पर हमारी जिम्मेदारी नहीं

रायपुर/ जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से किसी दबाव में नहीं आकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि ऐसा नहीं करने पर जनता राजभवन को घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी। एक होटल में ठहरे विधायकों के साथ राजभवन की ओर कूच करने के लिये निकले सीएम गहलोत ने पत्रकारों को बताया कि सत्र बुलाने के लिये मैंने राज्यपाल को कल ही पत्र सौंप दिया था और उनसे फोन पर भी बात हुई, लेकिन इस मामले में काेई जवाब नहीं आया। उन्होंने कहा कि हम सभी विधायक राजभवन जाकर राज्यपाल से सत्र बुलाने की सामुहिक प्रार्थना करेंगे।


मुख्यमंत्री गहलोत ने भारतीय जनता पार्टी पर राज्य में गंदी राजनीति करने और निचले स्तर पर जाकर सीबीआई और ईडी के माध्यम से दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्होंने पुराना वाकया सुनाते हुए कहा कि दिवंगत भैरोसिंह शेखावत के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में सरकार गिराने के दो बार प्रयास किये गये थे, लेकिन तब मैंने प्रदेशाध्यक्ष होते हुए इस मामले में नहीं पड़ने का फैसला लिया और तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंहराव एवं राज्यपाल बलिराम भगत को भी इस तरह के मामले में हमारे शामिल नहीं होने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारे पास पुख्ता बहुमत है। हमारे कुछ साथियों को हरियाणा के एक रिजॉर्ट में बंधक बनाया गया है। जहां उनमें कई बीमार और परेशान हैं। वे विधायक खुद को मुक्त कराने के लिये हमें फोन भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र बुलाया गया तो दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा। बहस होगी तथा सारी बातें सामने आ जायेंगी। सीएम गहलाेत ने कहा कि हम पूरी तरह एकजुट हैं और हमें कोई चिंता नहीं है। जबकि बहुमत साबित करने वाले को हमेशा चिंता रहती है। हम बहुमत को लेकर परेशान नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भी हमेशा यह कहता रहा है कि विधानसभा में बहुमत साबित किया जाये। न्यायिक क्षेत्र में भी ऐसी चर्चायें होने लगी थी कि विधानसभा सत्र बुलाया जाये, जिसके लिये हम तैयार हैं। मुख्यमंत्री गहलाेत ने कहा कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि राज्यपाल किसी दबाव के तहत फैसला नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह विधायकों के साथ राजभवन में राज्यपाल से सामुहिक रूप से मिलेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि वह किसी के दबाव में नहीं आयें। वह संवैधानिक पद पर हैं, उन्होंने संविधान की शपथ ली है। उन्हें अपनी अंतरात्मा के आधार पर निर्णय करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं और राज्य की जनता राजभवन को घेरने आ गयी तो हमारी जिम्मेदारी नहीं होगी।           


यूपी की जेलें होगी अधिक सुविधा से लैस

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों को अत्याधुनिक रूप में विकसित किया जाएगा। जेलों में सुरक्षा व्यवस्था के साथ संचार की आधुनिक प्राणाली का उपयोग किए जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उप्र के आजमगढ़, लखनऊ , गौतमबुद्घनगर, बरेली, चित्रकूट के कारागारों को उच्च सुरक्षा कारागार के रूप में विकसित किया जाएगा। इन कारागारों में नॉन लिनियर जंक्शन डिटेक्टर, ड्यूल स्कैनर बैगेज, फुल ह्यूमन बॉडी स्कैनर, मुलाकात घर हेतु कॉन्टेक्ट-लेस ग्लास, ड्रोन कैमरा, बॉडी वॉर्न कैमरे, नाइट विजन बाइनाकुलर, उच्च क्षमता के हैंडहेल्ड मेटल डिटेक्टर, कंसरटीना फेन्सिंग, हैवी ड्यूटी स्टेब्लाइजर सिस्टम, जिला कारागार लखनऊ में सीसीटीवी कैमरे आदि की व्यवस्थाएं आवश्यकतानुसार सुनिश्चित की जाएं।” उन्होंने कहा, “कारागारों में सुरक्षा व्यवस्था का सु²ढ़ीकरण करते हुए तलाशी एवं संचार व्यवस्था को आधुनिक प्रणालियों के माध्यम से किया जाए। उन्होंने कारागारों में आधुनिक उपकरणों व मशीनों की स्थापना के निर्देश दिए।” योगी ने कहा, “कारागारों की पाकशालाओं में सफाई एवं स्वच्छता सुनिश्चित करने एवं स्वच्छ पर्यावरण हेतु पाकशालाओं का आधुनिकीकरण किया जाए। ई-प्रिजन कार्ययोजना के सु²ढ़ीकरण हेतु मैनपावर तथा कम्प्यूटर हार्डवेयर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कारागारों में हेवी ड्यूटी वॉशिंग मशीन की व्यवस्था के सम्बन्ध में प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए।” कारागारों में हर हाल में कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोका जाए। बंदियों व कारागार स्टाफ की कोविड-19 सम्बन्धी चेकिंग सुनिश्चित की जाए। संक्रमण पाये जाने पर शीघ्र कार्यवाही की जाए।” अपर मुख्य सचिव गृह, कारागार प्रशासन एवं सुधार अवनीश कुमार अवस्थी ने “मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि कारागारों में उपकरणों-मशीनों के क्रय हेतु कार्यवाही प्राथमिकता से की जा रही है। इस सम्बन्ध में प्रस्ताव शीघ्र ही प्रस्तुत किया जाएगा। चरणबद्घ रूप से प्रदेश के सभी कारागारों एवं जनपद न्यायालयों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग इकाइयों की स्थापना करायी गयी है।             


गैंगस्टर विकास दुबे का 1 और साथी अरेस्ट

कानपुर। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के एक और सहयोगी शिवम दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। विकास दुबे ने 3 जुलाई को बिकरू गांव में घात लगाकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी।


एसपी सिंहसटीएफ के एएसपी विशाल विक्रम सिंह ने कहा कि 24 वर्षीय शिवम दुबे इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस के अनुसार हमले के दिन वहां था। इसके अलावा पहले से से गिरफ्तार हो चुके गिरोह के अन्य सदस्यों ने भी इस बारे में बयान दिए हैं। शिवम को गुरुवार रात कानपुर नगर के चौबेपुर पुलिस स्टेशन के पास गादी साबुन कारखाने से गिरफ्तार किया गया। शिवम हरदोई में अपने मामा के घर में छिपा हुआ था। पुलिस द्वारा उसे ट्रैक करने पर उसने जगह बदल ली थी। बाद में एक मुखबिर से उसके कानपुर में होने की खबर मिली। एसटीएफ के अनुसार, 3 जुलाई को पुलिस पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की गई डबल बैरल बंदूक पहले ही पुलिस जब्त कर चुकी है। शिवम दुबे से पहले एसटीएफ दया शंकर अग्निहोत्री, श्यामू बाजपेयी, जहान यादव और शशिकांत को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं विकास दुबे और उसके पांच सहयोगी प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, बुआन दुबे, प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे 3 जुलाई से 10 जुलाई के बीच अलग-अलग मुठभेड़ों में मारे गए हैं।             

अवैध कारोबार पर पुलिस का शिकंजा

थाना प्रभारी सिखेड़ा वीरेन्द्र कसाना व उनकी टीम ने बेहतरीन कार्यशैली का नमूना पेश करते हुए दो गुड वर्को को दिया अंजाम


तस्लीम बेनकाब


मुज़फ्फरनगर। एसएसपी अभिषेक यादव के कुशल मार्ग निर्देशन में व पुलिस अधीक्षक नगर सतपाल आंतिल के नेतृत्व में थाना प्रभारी सिखेड़ा वीरेन्द्र कसाना ने बेहतरीन कार्यशैली का नमूना दिखाते हुए आज भी दो गुड वर्को को अंजाम दिया। कि एसएसपी अभिषेक यादव के द्वारा अपराधियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया हुआ है जिसपर सभी थाना प्रभारियों को आदेशित किया हुआ है की कोई भी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध कारोबार ना करें तथा ऐसे अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए।आज इसी क्रम में थानाप्रभारी सिखेड़ा वीरेंद्र कसाना व उनकी टीम ने किसी घटना को अंजाम देने की फिराक में एक आरोपी को बंदूक सहित गिरफ्तार किया तो वही दूसरी गुड वर्क को अंजाम देते हुए एक मुदमे मे चले आ रहें आरोपी को सिखेड़ा चौराहे से किया गिरफ्तार। सिखेड़ा थानाप्रभारी वीरेंद्र कसाना को मुखबिर खास की  सूचना मिली की गय्यूर पुत्र हनीफ निवासी बिहारी मंसुरपुर रोड मास्टर समीम के बाग में अवैध देशी बन्दूक लिये घूम रहा और कोई भी घटना को अंजाम दे सकता है तो सिखेड़ा थानाप्रभारी ने एक टीम गठित कर मुखबिर खास की बताई जगह पर पहुच कर आरोपी की घेराबंदी कर पकड़ लिया, सिखेड़ा पुलिस पूछताछ की तो आरोपी ने अपना नाम गय्यूर पुत्र शमीम निवासी बिहारी बताया इसके पास से एक देशी बन्दूक एक जिन्दा कारतूस एक खोखा भी पुलिस ने बरमाद किया हैं,सिखेड़ा पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर भेजा जेल तो वही दूसरी सफ़लता में सिखेड़ा पुलिस ने संबंधित अभियुक्त जयपाल पुत्र बलदेव निवासी बहेड़ा अस्सा थाना सिखेडा को सिखेड़ा चौराहे से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।             


फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

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