नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने 2,177 विचाराधीन कैदियों को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी है। इन कैदियों को उनकी अंतरिम जमानत खत्म होने की तारीख से आगे 45 दिनों तक की राहत दी गई है।
विस्तार की घोषणा करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की एक पीठ ने कहा, महानिदेशक (जेल) यह सुनिश्चित करेंगे कि इस आदेश को सभी 2,177 विचाराधीन कैदियों को टेलीफोन द्वारा और साथ ही अन्य उपलब्ध माध्यमों से सूचित किया जाए। डीएसएलएसए सदस्य सचिव इस संबंध में महानिदेशक (जेल) के साथ समन्वय करेंगे।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के स्थायी वकील राहुल मेहरा ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस विस्तार से कोई आपत्ति नहीं है। दरअसल एक समिति ने हाल ही में सिफारिश की थी कि 2,177 विचाराधीन (अंडरट्रायल) कैदियों की अंतरिम जमानत को और बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि देश में चल रहे कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए उन्हें वापस जेल में डालना खतरनाक होगा। दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली समिति ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा था कि कैदियों को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि नौ मई को या उसके बाद समाप्त होनी शुरू हो जाएगी। समिति की ओर से कहा गया कि अभी भी कोरोना के हालात पहले जैसे ही हैं। ऐसे में जेल में जगह की कमी होने के कारण एकांतवास केंद्र बनाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, इसलिए समिति ने मांग की कि अंतरिम जमानत की इस अवधि को और आगे बढ़ाया जाना चाहिए। समिति ने साथ ही यह भी महसूस किया कि अगर अंतरिम जमानत के विस्तार की मांग प्रत्येक कैदी के लिए अलग-अलग की गई तो इससे न्यायपालिका के समय की भी बर्बादी होगी। इसलिए समिति ने मांग की कि एक साथ सभी कैदियों की 45 दिनों की अतिरिक्त अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।