रविवार, 10 मई 2020

कैदियों को जमानत से 45 दिन तक राहत

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने 2,177 विचाराधीन कैदियों को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ा दी है। इन कैदियों को उनकी अंतरिम जमानत खत्म होने की तारीख से आगे 45 दिनों तक की राहत दी गई है।


विस्तार की घोषणा करते हुए न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और तलवंत सिंह की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की एक पीठ ने कहा, महानिदेशक (जेल) यह सुनिश्चित करेंगे कि इस आदेश को सभी 2,177 विचाराधीन कैदियों को टेलीफोन द्वारा और साथ ही अन्य उपलब्ध माध्यमों से सूचित किया जाए। डीएसएलएसए सदस्य सचिव इस संबंध में महानिदेशक (जेल) के साथ समन्वय करेंगे।


सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस के स्थायी वकील राहुल मेहरा ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस विस्तार से कोई आपत्ति नहीं है। दरअसल एक समिति ने हाल ही में सिफारिश की थी कि 2,177 विचाराधीन (अंडरट्रायल) कैदियों की अंतरिम जमानत को और बढ़ाया जाना चाहिए, क्योंकि देश में चल रहे कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए उन्हें वापस जेल में डालना खतरनाक होगा। दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश हिमा कोहली की अध्यक्षता वाली समिति ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा था कि कैदियों को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि नौ मई को या उसके बाद समाप्त होनी शुरू हो जाएगी। समिति की ओर से कहा गया कि अभी भी कोरोना के हालात पहले जैसे ही हैं। ऐसे में जेल में जगह की कमी होने के कारण एकांतवास केंद्र बनाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, इसलिए समिति ने मांग की कि अंतरिम जमानत की इस अवधि को और आगे बढ़ाया जाना चाहिए। समिति ने साथ ही यह भी महसूस किया कि अगर अंतरिम जमानत के विस्तार की मांग प्रत्येक कैदी के लिए अलग-अलग की गई तो इससे न्यायपालिका के समय की भी बर्बादी होगी। इसलिए समिति ने मांग की कि एक साथ सभी कैदियों की 45 दिनों की अतिरिक्त अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाई जानी चाहिए।


गत्ता फैक्टरी में आग, फायर टेंडर पहुंचे

नई दिल्ली। दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में रविवार सुबह एक गत्ता फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। आग को बुझाने के लिए कुल 14 फायर टेंडर मौके पर पहुंचे। यह कारखाना बवाना औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर 2 में स्थित है। यहां कारखाने की पहली मंजिल पर आग लग गई।


दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने बताया, “आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। इस घटना में किसी के हताहत या घायल होने की सूचना नहीं है और कोई भी व्यक्ति कारखाने के अंदर नहीं फंसा। आग के बारे में जानकारी एक फोन कॉल के जरिए सुबह 7.55 बजे मिली थी जिसके बाद आग पर काबू पाया गया। गर्ग ने कहा, “अग्निशमन अभियान अभी चल रहा है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 11, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-274 (साल-01)
2. सोमवार, मई 11, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- तीज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:50,सूर्यास्त 07:02।


5. न्‍यूनतम तापमान 20+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै., तेज हवाएं चलने की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


https://universalexpress.page/
email:universalexpress.editor@gmail.com
cont.:-935030275


(सर्वाधिकार सुरक्षित)


 


शनिवार, 9 मई 2020

मृतक संख्या 1983 संक्रमित-59665

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अभी वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 59662 है, जबकि 1983 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर  59665 हो गए हैं और कोविड-19 से अब तक 1983 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना के कुल 59665  केसों में 39834 एक्टिव केस हैं, वहीं  17847 लोगों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है।


दिल्ली के बड़े अस्पतालों में 1451, कोविड स्वास्थ्य केंद्र में 203 और कोविड निगरानी केंद्र में 1136 मरीज भर्ती हैं। इनके अलावा होम आइसोलेशन में पहली स्टेज के कोरोना संक्रमित 937 मरीज हो चुके हैं। दिल्ली में अब तक 81367 सैंपल की जांच हो चुकी है, जिनमें से 4135 सैंपल शुक्रवार को जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं। दिल्ली में फिलहाल 84 कंटेनमेंट जोन हैं। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 18 मरीज वेंटिलेटर पर हैं।


संक्रमण का दायरा, चपेट में उद्बबिलाव

नई दिल्ली। कुत्ते, बिल्ली, बाघ और शेर के कोरोना वायरस से शिकार होने के बाद अब ऊदबिलाव (Mink) भी इस बीमारी से संक्रमित होने वाले जानवरों की लिस्ट में शामिल हो गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, नीदरलैंड्स के एक फर फार्म में दो ऊदबिलाव नए कोरोना वायरस यानी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए।


इससे पहले पिछले महीने ही न्यूयार्क से ख़बर आई थी, कि वहां एक चिड़ियाघर में शेर और बाघों को उनका ध्यान रखने वाले कर्मियों से कोरोना वायरस का संक्रमण लग गया।मेलबर्न विश्वविद्यालय के डॉ. पेटा हिचेंस ने कहा कि कोरोना वायरस लुप्तप्राय वन्यजीवों के लिए "विनाशकारी" साबित हो सकता है और अब हमें उन्हें बचाने के लिए काम शुरू कर देना चाहिए। इसमें वन्यजीव व्यापार और तस्करी पर पूरी तरह से नियंत्रण भी शामिल है, साथ ही पारितंत्र के संरक्षण की जहां मानव अतिक्रमण और विनाश के कारण हमारे और जंगली जानवरों के बीच दूरियां कम हो गई हैं। डॉक्टर हिचेंस ने कहा कि ऊदबिलाव का कोरोना वायरस से संक्रमित होना हैरान करने वाली बात नहीं है। साल 2003 में जब SARS फैला था, तो कम से कम 16 प्रजातियां इसकी चपेट में आई थीं, जिसमें ऊदबिलाव, बिज्जू (palm civet), चमगादड़, होर्सशू चमगादड़ की कई प्रजातियां, लाल लोमड़ी, जंगली सूअर, रैकून और पाल्तू बिल्ली व कुत्ते जैसे जानवर शामिल थे। नीदरलैंड्स के अधिकारियों का मानना है कि खेतों में काम करने वाले किसानों से ऊदबिलाव संक्रमित हो गए। तभी से किसानों को क्वारेंटीन में रखा गया था। साल 2013 में ही ऊदबिलाव को पालना बैन कर दिया था, जबकि ऊदबिलाव के मौजूदा फार्म को 2024 तक बंद करना होगा। अंतरराष्ट्रीय और यूके की हुयूमन सोसाइटी की एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर क्लेयर बास ने कहा कि जानवर कई सालों से कई तरह के कष्ट झेल रहे हैं, और अब उनसे कई तरह की बीमारियां फैलना का डर भी है, इसलिए अब फैशन इंडस्ट्री के पास फर-फ्री होने का काफी अच्छा मौका है, साथ ही सरकार को भी इस घिनौने धंधे पर विराम लगाने की ज़रूरत है। कोविड-19 के प्रकोप से हमें एक बात सीखने को ज़रूर मिली है कि अगर हम जानवरों का इस्तेमाल करना नहीं छोड़ेंगे, तो इसके परिणाम मानव और जानवरों दोनों के लिए गंभीर हो सकते हैं।"


'मोदी सरकार' एक बदनुमा दाग

 प्रवासी मजदूरों की लगातार खाने रहने और इलाज की दिक्कतें बढ़ते जाने और केंद्र सरकार द्वारा जानबूझकर अभी तक कोई समुचित व्यवस्था नहीं किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार और केंद्र सरकार की ही तरह  भाजपा के सांसदों  को गरीब मजदूर किसान और उनके हितों और छत्तीसगढ़ से कोई सरोकार नहीं है। औरंगाबाद में बेहद दर्दनाक घटना हुई है।मजदूरों का सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना और अपने घर पहुंचने की जद्दोजहद करना केंद्र सरकार के ऊपर एक बदनुमा दाग है। गर्भवती महिला को सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है अपने गांव घर पहुंचने के लिए और मजदूरों की जाने जा रही हैं और केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है इस स्थिति को कांग्रेस पार्टी स्वीकार नहीं करेगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि भूख प्यास और थकान के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता  कम हो जाती है । भूखे प्यासे और पैदल चलने के कारण थके मजदूर वायरल संक्रमण के आसानी से शिकार बनते हैं। केंद्र सरकार ने लॉक डाउन करने के 4 दिन पहले से जो ट्रेनें बंद की उसका परिणाम आज देश का गरीब मजदूर किसान भुगत को मजबूर है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि अपने घर गांव लौटने के लिए बेबस मजदूर भूख प्यास थकान और करोना का शिकार बनने के लिये मजबूर किये गये। भारत का इतिहास इस त्रासदी के लिए कभी मोदी सरकार को माफ नहीं करेगा नोटबंदी की तरह ही लॉक डाउन भी बिना किसी योजना के मोदी सरकार ने किया। नोटबंदी की तरह लॉक डाउन में भी समाज के सबसे कमजोर और गरीब वर्गों के लोग शिकार बने।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि छत्तीसगढ़ से बाहर कमाने खाने गए हुए मजदूरों को रोजी-रोटी तो नहीं मिली और जो देखकर लेकर बाहर गए थे उस कर्ज का बोझ भी उनके सर पर खड़ा है। हर साल बाहर गए हुए प्रवासी मजदूर मई माह में वापस छत्तीसगढ़ आकर अपनी खेती किसानी की तैयारी में जुट जाते थे। प्रवासी मजदूरों की अब तक वापसी ना हो पाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने छत्तीसगढ़ के लिए जल्दी से जल्दी ट्रेनें चलाई जाने की कांग्रेस की मांग दोहराई है।


यूपीः अब 12 घंटे काम करेंगे कामगार

नई दिल्ली/लखनऊ। यूपी की योगी सरकार की मज़दूरों पर नई मार उनके काम के घटों को बढ़ाने के तौर पर पड़ी है। सरकार ने काम के घंटों को 8 से बढ़ाकर 12 कर दिया है। इसके साथ ही शिकागो की लड़ाई में मिले मज़दूरों के अधिकारों का कम से कम यूपी में खात्मा हो गया है। यूपी की योगी सरकार ने उसकी कब्र खोद दी। आज से दो दिन पहले कैबिनेट से प्रस्ताव पारित करने के बाद अध्यादेश के ज़रिये सरकार ने सारे श्रम कानूनों को तीन साल के लिए स्थगित कर दिया था। यानि किसी भी मज़दूर का अब कोई अधिकार नहीं रहेगा। सरकार की ओर से जारी आज की अधिसूचना में देश में जारी कोरोना महामारी का ज़िक्र किया गया है। इसके साथ ही उसमें कहा गया है कि इससे आपात कोटि की आंतरिक अशांति उत्पन्न हो गयी है। इसके बाद कारख़ाना अधिनियम की विभिन्न धाराओं का हवाला देते हुए कहा गया है कि “कोई वयस्क कर्मकार किसी भी कारख़ाना में किसी एक कार्य दिवस में 12 घंटे तथा एक सप्ताह में 72 घंटे से अधिक कार्य करने के लिए अनुज्ञात नहीं होगा या उससे ऐसा करने की अपेक्षा नहीं की जाएगी”।


इसके साथ ही छह घंटे के अंतराल पर आधे घंटे का विश्राम देने की बात अधिसूचना में की गयी है। हालाँकि तीसरा आदेश समय के घटों के अनुरूप वेतन बढ़ाने के संदर्भ में है। लेकिन यह सबसे बड़ा सवाल बनकर रह जाएगा कि क्या कोई मालिक उसके अनुपात में वेतन बढ़ाने के लिए तैयार होगा। एक ऐसे मौक़े पर जब कि वेतन में कटौतियाँ हो रही हैं और उसको सरकार का खुला संरक्षण हासिल है। तीसरा आदेश न केवल हास्यास्पद लगता है बल्कि खुली आँखों में धूल झोंकने जैसा है।


फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...