बुधवार, 31 अगस्त 2022

विधायकों की रिसाॅर्ट पॉलिटिक्स पर सीएम का पलटवार 

विधायकों की रिसाॅर्ट पॉलिटिक्स पर सीएम का पलटवार 

दुष्यंत टीकम 

रायपुर। झारखंड के विधायकों की रिसाॅर्ट पॉलिटिक्स पर पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने पलटवार किया है। उन्होंने हार्स ट्रेडिंग के आरोपों पर कहा कि बीजेपी ने ना तो झारखंड में और न ही छत्तीसगढ़ में विधायकों से किसी भी तरह से बात नहीं की है। बीजेपी का कोई नेता मेफेयर मिलने नहीं गया। झारखंड गठबंधन सरकार को अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं है।

मेफेयर रिसार्ट के बाहर सरकारी गाड़ी में शराब पहुंचाने पर डाॅ. रमन ने कहा, झारखंड के विधायकों को रायपुर लाने तक बात ठीक थी, लेकिन सरकारी गाड़ी में विदेश की महंगी शराब का पकड़ाना सवाल खड़ा कर रहा है। झारखंड से लाए गए विधायकों को दारू पिलाइए, मुर्गा खिलाइए मगर अवैध रूप से सरकारी गाड़ी में जो शराब पकड़ी गई इस पर कोई केस नहीं बना। मुझे लगता है यह सब उचित नहीं है।

भाजपा ने 277 विधायक खरीदकर सरकारों को गिराया

भाजपा ने 277 विधायक खरीदकर सरकारों को गिराया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी ने पूरे देश में 277 विधायक खरीदकर कई राज्यों में सरकारों को गिराया। सिंह ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरे देश में विधायकों की खरीद-फरोख्त करके लोकतंत्र की हत्या का काम कर भाजपा एक सीरियल किलर बन गई है। भारतीय जनता पार्टी वो पार्टी है जिसने एक नहीं, बल्कि कई राज्यों सरकारों की हत्या की है।

मुझे अफसोस है कि दिल्ली में भाजपा का ऑपरेशन लोटस फेल हो गया। अब कह रहे हैं इसकी जांच कराओ। आम आदमी पार्टी आज मांग करती है कि जांच कराओ। पूरे देश में 277 विधायक कैसे खरीदे गए। कैसे तोड़फोड़ की गई ? कैसे धमकियां दी गई ? किसको कितना पैसा दिया गया? इसकी जांच कराओ। भाजपा खोखा पार्टी बन गई है। अगर न्यूनतम 20 करोड़ रुपये भी मान लो, तो करीब 6300 करोड़ रुपये पूरे हिंदूस्तान में विधायकों को खरीदने के लिए भाजपा ने खर्च किए है। दिल्ली में विधायकों को खरीदने के लिए भाजपा ने 800 करोड़ रुपये एक जगह इकट्ठा करके रखे हैं।

आप के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इन सारे मामलों की न्यायिक जांच होनी चाहिए। इन सारे मामलों की कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के अंडर सीबीआई की विस्तृत जांच होनी चाहिए। जिन भाजपा के नेताओं ने ये पाप किया है। उन पापियों को पकड़कर जेल में डालना चाहिए। चोरी और सीना जोरी कर भाजपा ने मजाक बना रखा है। विधायकों को खरीदते भी हो, डराते-धमाकते भी हो, ईडी-सीबीआई का दुरूपयोग भी करते हो। जांच कराओ। मैं इस देश के लोगों से कहना चाहता हूं ये सारा का सारा पैसा, जो डीजल-पेट्रोल, आटा, दाल-चावल पर टैक्स बढ़ाया जाता है, बच्चों के दूध पर जो टैक्स बढ़ाया जाता है। उस टैक्स बढ़ाने वाले काम में भाजपा दलाली खाती है और उन दलाली के पैसों से विधायकों को खरीदने का काम करती है।

शराब की ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने का फैसला

शराब की ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने का फैसला 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली में ठेकेदारों द्वारा शराब बिक्री के दौरान मनमानी करने सहित कई तरह की शिकायतें मिलने के बाद आम आदमी पार्टी के संयोजक एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने लंबे समय से चली आ रही शराब नीति को बदलते हुए शराब की ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने का बड़ा फैसला लिया है। सीएम केजरीवाल के फैसले के मुताबिक शराब की दुकानें अब दिल्ली सरकार चलाएगी। राष्ट्रीय राजधानी में शराब की निजी दुकानों की जगह अब दिल्ली सरकार के 300 से अधिक विक्रय केंद्र लेंगे। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि आबकारी नीति 2021-22 की जगह अब पुरानी व्यवस्था बहाल हो रही है और यह बदलाव गुरुवार से प्रभाव में आएगा। दिल्ली में करीब 250 निजी शराब विक्रेताओं के ठेके अभी संचालित हो रहे हैं। जिन्हें अब वापस ली जा चुकी आबकारी नीति 2021-22 के तहत लाइसेंस दिए गए थे।

आबकारी अधिकारियों ने कहा कि अधिक ठेकों के खुलने से सितंबर के पहले हफ्ते से शराब की आपूर्ति में सुधार आएगा। दिल्ली के एक वरिष्ठ आबकारी अधिकारी ने कहा, ‘‘अभी करीब 250 निजी ठेके हैं। जिनका स्थान 300 से अधिक सरकारी विक्रय केंद्र लेंगे। आने वाले दिनों में ठेकों की संख्या बढ़ेगी क्योंकि दिल्ली सरकार की 500 ऐसी दुकान खोलने की योजना है। आबकारी विभाग का एक मोबाइल ऐप भी सितंबर से शुरू हो जाएगा, जिसमें उपभोक्ताओं को उनके आसपास ठेकों की जगह और उनके खुलने एवं बंद होने के समय की जानकारी दी जाएगी।

यूपीएससी सिविल सर्विसेज, ई-एडमिट कार्ड जारी किए 

यूपीएससी सिविल सर्विसेज, ई-एडमिट कार्ड जारी किए 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। लोक सेवा आयोग ने बुधवार को यूपीएससी सिविल सर्विसेज मुख्य परीक्षा 2022 के लिए ई-एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं, जो उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होने वाले हैं, वो यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in या upsconline.nic.in पर जाकर यूपीएससी सिविल सर्विसेज प्रवेश पत्र 2022 को डाउनलोड कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको यूपीएससी मुख्य परीक्षा हॉल टिकट 2022 को डाउनलोड करने की जानकारी देने वाले हैं।

यूपीएससी के द्वारा 16 सितंबर 2022 से 25 सितबर 2022 तक यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2022 का आयोजन किया जाएगा। जिन उम्मीदवारों ने यूपीएससी सीएसई प्री परीक्षा 2022 पास की है, वो इस परीक्षा में शामिल होंगे। आपको बता दें कि जिन उम्मीदवारों का फोटो ई-प्रवेश पत्र पर साफ नहीं दिख रहा है, उन्हें परीक्षा में शामिल होने के लिए एक पासपोर्ट आकार का फोटो लाना होगा‌। वहीं इस मामले में यूपीएससी ने नोटिस जारी करके कहा है कि एडमिट कार्ड के दुरुपयोग के मामले में, जिम्मेदारी स्वयं उम्मीदवार की होगी। परीक्षा के शेड्यूल के अनुसार लिखित परीक्षा में निर्धारित विषयों के 9 पेपर होंगे, जिनमें से दो पेपर क्वालिफाइंग के होंगे। इस प्रकार उम्मीदवारों द्वारा मुख्य परीक्षा (लिखित भाग के साथ-साथ साक्षात्कार) में मिले अंकों के आधार पर उम्मीदवारों की अंतिम रैंकिंग तय की जाएगी।

यूपीएससी मेन्स परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को इंटरव्यू राउंड के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा। साक्षात्कार 275 अंकों का होगा। अंत में चुने गए उम्मीदवारों से आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस और आईआरटीएस सहित अलग-अलग अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्रीय सिविल सेवाओं में प्रशासनिक पदों को भरा जाएगा।

1- इस परीक्षा में शामिल होने जा रहे उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जाएं।
2- होमपेज पर, ‘Whats New’ सेक्शन में ‘E-Admit Card: CSE (Mains) Exam’ लिंक पर क्लिक करें।
3- नए पेज पर ‘Click Here’ पर क्लिक करें।
4- निर्देशों को ध्यान से पढ़ें, ‘Yes’ पर क्लिक करें।
5- क्रेडेंशियल का इस्तेमाल करके लॉग-इन करें।
6- आपको ई-एडमिट कार्ड दिखाई देगा।
7- ई-एडमिट कार्ड को डाउनलोड करें।

बुलडोजर की सहायता से जमींदोज हुआ, मदरसा

बुलडोजर की सहायता से जमींदोज हुआ, मदरसा 

दिसपुर। अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट एवं अंसारुल्लाह बांग्ला टीम से कनेक्शन रखने वाले 37 लोगों की गिरफ्तारी के बाद असम सरकार की ओर से की जा रही बुलडोजर की कार्यवाही के अंतर्गत एक मदरसे को जमींदोज कर दिया गया है। आज हुई ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से पहले सोमवार को भी सरकार की ओर से बुलडोजर के माध्यम से एक अन्य मदरसे पर ऐसी ही कार्रवाई की गई थी। बुधवार को असम के बोंगाईगांव जिले में स्थित मरकाजुल मारीफ मदरसे को बुलडोजर की सहायता से जमींदोज कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक स्वप्निल डेका की ओर से बताया गया है कि जिला प्रशासन की ओर से किए गए आदेशों के अंतर्गत पुलिस द्वारा मदरसा ध्वस्तीकरण की यह कार्रवाई की गई है। जिला प्रशासन की ओर से अपने आदेशों में कहा गया है कि मदरसे का स्ट्रक्चर कमजोर एवं इंसानों के लिए सुरक्षित नहीं है।

क्योंकि मदरसा भवन को एपीडब्ल्यूडी आईएस मानदंडों के हिसाब से नहीं बनाया गया था। उन्होंने बताया कि बीते दिन गोपालपुरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए व्यक्ति के साथ मदरसे की तलाशी ली गई थी। जिला प्रशासन के आदेशों के अनुसार हम मदरसे को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। इससे पहले असम सरकार की ओर से सबसे पहले मोरीगांव स्थित मदरसे 4 अगस्त को ध्वस्त करा दिया गया था। इसके बाद सोमवार को भी एक मदरसे के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गई थी।

अनुसूचित जाति में शामिल 18 जातियों को झटका 

अनुसूचित जाति में शामिल 18 जातियों को झटका 

बृजेश केसरवानी 

प्रयागराज। पिछड़े वर्ग की 18 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के नोटिफिकेशन को हाईकोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया है। हाईकोर्ट के इस आदेश से सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी कर अनुसूचित जाति में शामिल की गई पिछड़े वर्ग की 18 जातियों को करारा झटका लगा है। बुधवार को समाजवादी पार्टी और योगी आदित्यनाथ सरकार के दौरान 18 जातियों को पिछड़े वर्ग से हटाकर अनुसूचित जाति में शामिल करने के नोटिफिकेशन को आज हाईकोर्ट की ओर से सुनाए गए बड़े फैसले में रद्द कर दिया गया है।

हाईकोर्ट ने वर्ष 2017 की 24 जनवरी को मझहार, कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिंद, भर, राजभर, धीमान, बाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी तथा मछुआ जाति को एससी का सर्टिफिकेट जाने जारी करने पर रोक लगाई थी। दरअसल याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में इस बात की दलील दी गई थी कि किसी जाति को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अथवा ओबीसी में शामिल करने का अधिकार सिर्फ देश की संसद को है और राज्य सरकारों को इसमें किसी तरह का कोई संशोधन करने का अधिकार नहीं है।

भगवान राम के अवशेषों को नष्ट करने का आरोप 

भगवान राम के अवशेषों को नष्ट करने का आरोप 

मनोज सिंह ठाकुर 

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर भगवान राम के अवशेषों को नष्ट करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को कहा कि कांग्रेस ऐसे मामलों में चुप नहीं बैठेगी। कमलनाथ ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में आरोप लगाया कि खुद को धर्मप्रेमी बताने वाली भाजपा सरकार अपने व्यावसायिक हितों के लिये लगातार धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ वाले निर्णय लेती आई है।

मध्य प्रदेश के सतना में स्थित सिद्धा पहाड़, जो राम वन गमन पथ पर स्थित है, जहाँ पर प्रभु श्री राम ने इस भूमि को निशाचरों से मुक्त करने की प्रतिज्ञा ली थी, उस पहाड़ को खनन हेतु खोदने की सरकार ने प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। उन्होंने कहा कि आस्था के केन्द्र इस सिद्धा पहाड़ को खोदने हेतु मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लोक सुनवाई करने का निर्णय लिया गया है। यह वह पहाड़ है जिसका उल्लेख रामचरित मानस व वाल्मीकि रामायण में भी है कि राक्षसों द्वारा ऋषि मुनियों का वध करने के बाद उनके अस्थि समूह से बने ढेर से यह पहाड़ बना है।

कमलनाथ ने आरोप लगाया कि भगवान राम के नाम का राजनीति के लिये उपयोग करने वाली भाजपा सरकार अब उनके अवशेषों को सुनियोजित तरीक़े से नष्ट करने का काम कर रही है। कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी। जन आस्थाओं के विरोधी इस निर्णय के विरोध में सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेंगे और भगवान श्री राम की यादों से जुड़े इस पहाड़ को नष्ट नहीं होने देंगे।

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