बुधवार, 1 फ़रवरी 2023

‘विवाद से विश्वास’ कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू करेंगे 

‘विवाद से विश्वास’ कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू करेंगे 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सरकार वाणिज्यिक विवादों के निपटान के लिए ‘विवाद से विश्वास’ कार्यक्रम का दूसरा चरण शुरू करेगी। सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि विवादों पर मेलमिलाप और व्यक्तियों की पहचान को अद्यतन करने के लिए एक जगह पर समाधान की व्यवस्था भी की जाएगी।

‘विवाद से समाधान’ योजना में कर, ब्याज, जुर्माने एवं शुल्क से संबंधित विवादों के निपटान का प्रावधान किया गया है। इसके तहत विवादित कर का 100 प्रतिशत और विवादित जुर्माने या ब्याज या शुल्क का 25 प्रतिशत भुगतान कर वाणिज्यिक इकाई विवाद का निपटान कर सकती है। सीतारमण ने कहा कि सरकार वाणिज्यिक विवादों के निपटान के लिए इस योजना का दूसरा चरण भी लेकर आएगी।

इससे फर्मों को कर संबंधी विवाद खत्म करने में सहूलियत होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग संस्थानों में 5जी सेवाओं से संबंधित अनुप्रयोगों के विकास के लिए 100 प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी। इससे दूरसंचार एवं संबंधित क्षेत्रों में शोध एवं विकास गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलने के साथ रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि प्रयोगशालाओं में कृत्रिम हीरों के विकास से संबंधित गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) को अनुदान दिया जाएगा। इससे हीरे के लिए आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

'डीसीपीसीआर' ने '‘व्हाट्सएप चैटबॉट’' शुरू किया

'डीसीपीसीआर' ने '‘व्हाट्सएप चैटबॉट’' शुरू किया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने बुधवार को अपना ‘व्हाट्सएप चैटबॉट’ शुरू किया। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे एक महत्वपूर्ण पहल बताया है। ‘चैटबॉट’ एक ऐसा सिस्टम या कंप्यूटर प्रोग्राम है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से संचालित होता है, जो लोगों के साथ बातचीत करने में सक्षम होता है। एक अधिकारी ने कहा कि ‘चैटबॉट’, नागरिकों और आयोग के बीच बातचीत को और सुगम बनाएगा।  

इसके जरिए शिकायत दर्ज कराने, जानकारी हासिल करने और शिकायत पर कार्रवाई की स्थिति आदि का पता लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही आयोग द्वारा बच्चों, महिलाओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं आदि को जागरूक करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाएगा। सिसोदिया ने इस कदम की तारीफ करते हुए कहा, यह एक महत्वपूर्ण पहल है। प्रौद्योगिकी की मदद से बच्चे डीसीपीसीआर से जुड़ पाएंगे।’

कृषि ऋण लक्ष्य को ₹20 लाख करोड़ करने की घोषणा

कृषि ऋण लक्ष्य को ₹20 लाख करोड़ करने की घोषणा

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अगले वित्त वर्ष के लिए कृषि ऋण लक्ष्य को 11 प्रतिशत बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कृषि ऋण लक्ष्य 18 लाख करोड़ रुपये है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार 2,200 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ उच्च मूल्य वाली बागवानी फसलों के लिए रोग मुक्त, गुणवत्ता रोपण सामग्री की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए 'आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम' शुरू करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ शुरू की जाएगी, ताकि मछुआरों, मछली विक्रेताओं और सूक्ष्म और लघु उद्यमों की गतिविधियों को और प्रभावी बनाया जा सके, मूल्य श्रृंखला क्षमता में सुधार किया जा सके और बाजार का विस्तार किया जा सके।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।’’ सरकार हर साल कृषि क्षेत्र के लिए ऋण लक्ष्य बढ़ा रही है। आमतौर पर, कृषि ऋण पर नौ प्रतिशत की ब्याज दर लगती है। हालांकि, सरकार सस्ती दर पर अल्पकालिक फसल ऋण उपलब्ध कराने और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए ब्याज सहायता प्रदान कर रही है।

किसानों को सात प्रतिशत सालाना की प्रभावी दर पर तीन लाख रुपये तक का अल्पावधि कृषि ऋण सुनिश्चित करने के लिए सरकार दो प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान कर रही है। औपचारिक ऋण प्रणाली में छोटे और सीमांत किसानों के दायरे को बढ़ाने के लिए रिजर्वबैंक ने गारंटी-मुक्त कृषि ऋण की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये करने का फैसला किया है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

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1. अंक-112, (वर्ष-06)

2. बृहस्पतिवार, फरवरी 2, 2023

3. शक-1944, पौष, शुक्ल-पक्ष, तिथि-द्वादशी, विक्रमी सवंत-2079‌‌।

4. सूर्योदय प्रातः 07:09, सूर्यास्त: 06:01। 

5. न्‍यूनतम तापमान- 10 डी.सै., अधिकतम- 21+ डी.सै.।

6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है। 

7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु  (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसैन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8. संपर्क व व्यवसायिक कार्यालय- चैंबर नं. 27, प्रथम तल, रामेश्वर पार्क, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102। 

9. पंजीकृत कार्यालयः 263, सरस्वती विहार लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102

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मंगलवार, 31 जनवरी 2023

भारत ने 'आतंकवाद' के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया

भारत ने 'आतंकवाद' के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है और उसकी आवाज को हर मंच पर गंभीरता से सुना जा रहा है। राष्ट्रपति ने मंगलवार को यहां बजट सत्र के पहले दिन संसद के केन्द्रीय कक्ष में दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि देश ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है और दुनिया भी अब उसके इस रूख का समर्थन कर रही है।

उन्होंने कहा , “ भारत ने आतंकवाद को लेकर जो कड़ा रुख अपनाया है, उसको भी आज दुनिया समझ रही है। इसलिए आतंकवाद के विरुद्ध भारत की आवाज़ को हर मंच पर गंभीरता से सुना जा रहा है। पिछले वर्ष अक्टूबर में भारत में पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद काउंटर-टेररिज्म कमेटी की एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इसमें भी भारत ने आतंकवाद के विरुद्ध अपनी भूमिका को स्पष्ट किया।

साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी चिंताओं को भी मेरी सरकार गंभीरता से पूरे विश्व के सामने रख रही है।” स्थायी शांति के लिए आतंकवाद के खात्मे को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा , “ मेरी सरकार का साफ मानना है कि स्थाई शांति तभी संभव है, जब हम राजनीतिक और रणनीतिक रूप से सशक्त होंगे। इसलिए अपनी सैन्य शक्ति के आधुनिकीकरण पर हम निरंतर बल दे रहे हैं।”

वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि में तीसरे स्थान पर 'भारत'

वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि में तीसरे स्थान पर 'भारत'

अकांशु उपाध्याय/सुनील श्रीवास्तव 

नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। सरकार की स्वच्छ ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और गरीबी उन्मूलन से संबंधित नीतियों के कारण दुनिया में वार्षिक वन क्षेत्र वृद्धि में भारत तीसरे स्थान पर आ गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2022-23 पेश करते हुए कहा कि भारत विश्‍व के सबसे महत्‍वाकांक्षी स्‍वच्‍छ ऊर्जा वितरण और पारेषण कार्यक्रमों में प्रमुखता से भागीदारी कर रहा है और जलवायु परिवर्तन की समस्‍या से निपटने के लिए अपने कर्तव्‍यों के प्रति वचनबद्ध है।

उन्होंने कहा कि भारत का जलवायु दृष्टिकोण विकास के साथ गंभीरता से जुड़ा हुआ है। भारत ने गरीबी उन्मूलन के उपायों और अपने सभी नागरिकों का आधारभूत कल्‍याण सुनिश्चित करने के लिए लक्ष्‍य निर्धारित किए हैं। उन्होंने बताया कि भारत का वन क्षेत्र वर्ष 2010 से 2020 के बीच की अवधि में औसत वार्षिक वन क्षेत्र की बढ़ोतरी के संबंध में वैश्विक रूप से तीसरा स्‍थान है।

समीक्षा के अनुसार इस वृद्धि का श्रेय मुख्‍य रूप से राष्‍ट्रीय और राज्‍यों सरकारों की नीतियों तथा मजबूत ढांचे को ही जाता है। इनसे वन क्षेत्र को बढ़ावा मिला और उनका संरक्षण सुनिश्चित हुआ है। ग्रीन इंडिया मिशन तथा प्रतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण आदि योजनाओं का इस उपलब्धि में विशेष महत्‍व है। भारतीय राज्‍यों में अरुणाचल प्रदेश के वनों में सर्वाधिक कार्बन स्‍टॉक मौजूद हैं, वहीं जम्‍मू-कश्‍मीर में अधिकतम प्रति हेक्‍टेयर कार्बन स्‍टॉक 173.41 टन है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि भारत ने पारिस्थिकी तंत्र के संरक्षण के लिए केन्‍द्रीय प्रयासों के महत्‍वपूर्ण हिस्‍सों के रूप में भारत में 75 रामसर स्‍थल हैं। वर्ष 2021 के दौरान देश में मैंग्रोव क्षेत्र में 364 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है।

भारत नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए बहुत कम समय में पंसदीदा स्‍थल बन गया है। वर्ष 2014 से 2021 की अवधि के दौरान भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के लिए 78.1 अरब डॉलर का निवेश आया था। आर्थिक समीक्षा के अनुसार वर्ष 2029-30 के अंत तक संभावित स्‍थापित क्षमता 800 गीगा वाट से अधिक होने की उम्‍मीद है, जिसमें से 500 गीगा वाट के लिए गैर-जीवाश्‍म ईंधन का इस्‍तेमाल होगा। यह अनुमान लगाया गया है कि 2014-15 की तुलना में 2029-30 तक औसत उत्‍सर्जन दर में करीब 29 प्रतिशत की गिरावट आएगी। भारत को एक स्‍वतंत्र ऊर्जा राष्‍ट्र बनाने और महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों को डी-कार्बोनाइज करने के उद्देश्‍य से सरकार ने 19,744 करोड़ रुपये के प्रारंभिक परिव्‍यय के साथ राष्‍ट्रीय हरित हाईड्रोजन मिशन को स्‍वीकृति प्रदान की है।

इसके परिणाम स्‍वरूप 2050 तक कुल कार्बन डाइ ऑक्‍साइड उर्त्‍सन में 3.6 गीगा टन की कमी आएगी। समीक्षा में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्‍त वर्ष 2022-23 के लिए सॉवरेन ग्रीन बॉन्‍ड जारी करने के उद्देश्‍य से एक सांकेतिक कलेंडर जारी किया है। इन बॉन्‍ड का कुल मूल्‍य 16,000 करोड़ रुपये है। समीक्षा के अनुसार भारत ने 2018 में ही बाघों की संख्‍या दोगुनी करने का लक्ष्‍य हासिल कर लिया था, जबकि इसके लिए समय-सीमा चार वर्ष बाद 2022 तक के लिए निर्धारित थी। एशियाई शेरों की संख्‍या में भी बहुत तेज गति से बढ़ोतरी हुई है, जहां वर्ष 2015 में 523 शेर थे, 2020 में उनकी संख्‍या बढ़कर 674 हो गई है।

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...