शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

नवंबर तक अमेरिका में आएगी 'वैक्सीन'

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा है कि अक्टूबर के अंत तक उच्च-जोखिम वाले लोगों को संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन देने के लिए तैयारी करें। बुधवार को एजेंसी की ओर से प्रकाशित दस्तावेज में यह बात सामने आई।


वैक्सीन देने के समय को राजनीतिक महत्व के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने COVID-19 को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने का ऐलान किया। उन्होंने अरबों डॉलर का कमिटमेंट करने के बाद लोगों से नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में खुद को जिताने की मांग की।राष्ट्रपति ट्रंप कोरोना वैक्सीन को लेकर शुरू से मुखर रहे हैं क्योंकि इस बीमारी ने अब तक 180,000 से अधिक अमेरिकियों की जान ले ली है।           


अर्थव्यवस्था को उभारना, युद्ध संकट से बचना

पेरिस। फ्रांस की सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए गुरुवार को 100 अरब यूरो (118 अरब डॉलर) की भारी-भरकम आर्थिक योजना पेश की। इसका लक्ष्य रोजगार का सृजन करना, संकट में फंसे व्यवसायों को उबारना और देश को दूसरे विश्वयुद्ध के बाद के सबसे गंभीर आर्थिक संकट से बाहर निकालना है।


पैकेज में चिकित्सा संबंधी सामानों का विनिर्माण वापस फ्रांस लाने, हाइड्रोजन ईंधन विकसित करने, संग्रहालयों व सिनेमा उद्योग की मदद करने, 21वीं सदी के लायक रोजगार के लिये युवाओं को प्रशिक्षित करने और बेरोजगारी कार्यालयों में अधिक लोगों को बहाल करने के लिए पैसे का प्रावधान किया गया है। फ्रांस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्ते ने कहा, 'यह फ्रांस के समक्ष उपस्थित संकट के आर्थिक व सामाजिक दुष्परिणामों के खिलाफ हमारे संघर्ष की रणनीति का एक महत्वपूर्ण कदम है। 'उल्लेखनीय है कि महामारी से फ्रांस में अब तक 30,600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यह ब्रिटेन और इटली के बाद किसी भी यूरोपीय देश में हुई सर्वाधिक मौतें हैं। फ्रांस की सरकार अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये पहले ही हजारों अरब यूरो खर्च कर चुकी है।


कास्ते ने कहा, 'फ्रांस ने इस संकट का सामना किया और टिका रहा, लेकिन इसने देश को बहुत कमजोर कर दिया है। अब फ्रांस को बेहद अचानक उपस्थित हुई गंभीर आर्थिक मंदी से भी बाहर निकलना होगा।' फ्रांस की अर्थव्यवस्था में जून तिमाही में 13.8 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।                


चीन अंतरराष्ट्रीय कानून से बाहर हो चुका है

नई दिल्‍ली/ बीजिंग। भारत समेत अन्य पड़ोसियों की भूमि पर नजर गड़ाने वाला भूमाफिया चीन कोरोना संक्रमण की वैश्विक लड़ाई में भी खलनायक के रूप में उभर रहा है। कोरोना वायरस को मात देने के लिए दुनियाभर के देश परस्पर सहयोग व जानकारियों का आदान-प्रदान कर रहे हैं, लेकिन चीन ने बंदरों का निर्यात रोककर अमेरिका में कोरोना वैक्सीन के निर्माण के रास्ते में अड़ंगा खड़ा कर दिया है।


चीन से गत वर्ष मंगाए 60 फीसद बंदर: अमेरिका में बंदरों की कमी के तीन प्रमुख कारण हैं। एक, कोरोना संक्रमण के कारण बंदरों की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। दूसरा, चीन ने आपूर्ति बंद कर दी है, क्योंकि वह खुद भी वैक्सीन का विकास कर रहा है। अमेरिका ने पिछले साल चीन से 60 फीसद यानी करीब 35,000 बंदर आयात किए थे। तीसरा, कोरोना संक्रमण से पहले परीक्षण के लिए बंदरों की कमी पर ध्यान नहीं दिया गया और चीन की तरफ से आपूर्ति बंद किए जाने के बाद स्थिति बदतर हो गई।               


रिकॉर्डः 3,300 अरब डॉलर पहुंचेगा घाटा

वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी सरकार का बजट घाटा रिकार्ड 3,300 अरब डॉलर पहुंच जाने का अनुमान है। कोविड-19 से निपटने के लिए जारी उपायों पर हो रहे खर्च और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 2,000 अरब डॉलर से अधिक के प्रोत्साहन उपायों को देखते हुए बजट घाटा रिकार्ड स्तर पर पहुंचने की आशंका है। कांग्रेस बजट कार्यालय ने यह अनुमान जताया है। घाटे में वृद्धि का मतलब है कि संघीय कर्ज अगले साल सालाना सकल घरेलू उत्पाद को पार कर जाएगा। यह स्थिति ठीक वैसी ही होगी जैसा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद हुई थी। उस समय संचयी कर्ज अर्थव्यवस्था के आकार से भी अधिक हो गया था। 2019 के घाटे से तीन गुना से भी अधिकः बुधवार को जारी 3,300 अरब डॉलर का अनुमान 2019 के घाटे से तीन गुना से भी अधिक है। वहीं 2008-09 में आयी नरमी के स्तर से दो गुना है। एक तरफ जहां सरकार के खर्च बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मंदी के कारण कर राजस्व कम हुआ है। व्यक्तिगत आयकर संग्रह पिछले साल के मुकाबले 11 प्रतिशत कम है जबकि कंपनी कर संग्रह 34 प्रतिशत कम चल रही है। अर्थव्यवस्था और लोगों के रोजगार पर पड़ी कोरोना की मारः कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अर्थव्यवस्था को बंद किया गया था। इसका असर अर्थव्यवस्था और लोगों के रोजगार पर पड़ा। रोजगार से हाथ धने वालों को राहत देने के लिए 1,200 डॉलर का सीधे भुगतान और प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की गयी। इससे अल्पकाल में अर्थव्यवस्था को राहत मिली।               


टी-20 विश्व कप 1 साल के लिए स्थगित

सिडनी। कोविड-19 महामारी के कारण इस साल का टी-20 विश्व कप एक साल के लिए स्थगित हो गया है। लॉकडाउन और संक्रमण के खतरे को देखते हुए दर्शकों को कम ही क्रिकेट देखने को मिल रहा है। हालांकि इंग्लैंड द्वारा लगातार दो टीमों की मेजबानी करने के बाद अब क्रिकेट वापस से पटरी पर लौटने लगा है। इसी कड़ी में अब आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच टी-20 क्रिकेट का नया रोमांच देखने को मिलेगा।
टी-20 विश्व रैंकिंग में शीर्ष दो टीमों के बीच होने वाली इस श्रृंखला के काफी रोमांचक होने की उम्मीद है। आस्ट्रेलिया दुनिया की नंबर एक टीम है और इंग्लैंड के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। दोनों टीमों के पास दुनिया के कुछ सबसे आक्रामक बल्लेबाज और तेज गेंदबाज हैं।
अगला टी-20 विश्व कप अब अक्तूबर-नवंबर 2021 में भारत में होगा, ऐसे में आस्ट्रेलियाई कप्तान आरोन फिंच ने इंग्लैंड के साथ सीरीज को लेकर कहा, ‘उम्मीद करता हूं कि यह फाइनल की झलक होगा।’ उन्होंने कहा, ‘इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया के बीच प्रतिद्वंद्विता हमेशा रोमांचक होती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आप किसके सामने खेल रहे हैं या कहां खेल रहे हैं। अगर आप सड़क पर भी खेल रहे हैं तो भी रोमांच होगा।             


भारत-चीन सीमा तनाव, रोक सकेगा रूस

नई दिल्ली/ बीजिंग/ मास्को। दो लोगों के बीच लड़ाई होती है, तो अक्सर बीच बचाव की कोशिश एक ऐसे तीसरे दोस्त को करनी होती है, जो दोनों का अच्छा दोस्त रहा हो। भारत-चीन तनाव के बीच में रूस भी ऐसा ही दोस्त साबित होगा, इस पर चर्चा शुरू हो गई है। भारत और चीन के बीच फ़िलहाल सीमा पर तनाव है। जून में गलवान घाटी में था।फ़िलहाल पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच तनाव बना हुआ है।


ऐसे में कुछ भारतीय मीडिया चैनलों में रिपोर्ट है कि चीन के रक्षा मंत्री वेई फ़ेंघे ने भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत का समय माँगा है। राजनाथ सिंह इस समय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मॉस्को में हैं। एससीओ में विदेश मंत्रियों की बैठक में भी भारत-चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत हो सकती है, इसकी भी सुगबुगाहट तेज़ है।           


सोना-चांदी के भाव में दूसरे दिन गिरावट

सोना लगातार दूसरे दिन सस्ता, चांदी के भी भाव गिरे


बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। सोने-चांदी के हाजिर भाव में लगातार दूसरे दिन भी गिरावट देखी जा रही है। देशभर के सर्राफा बाजारों में 24 कैरेट सोना 51000 के नीचे खुला। वहीं चांदी में भी बड़ी गिरावट देखी गई। कारोबार के अंत में सोना 257 रुपये गिरकर 50927 रुपये प्रति 10 ग्राम के भाव पर बंद हुआ, जबकि चांदी 1528 रुपये प्रति किलो लुढ़क कर 64393 रुपये पर बंद हुई।  वहीं दिल्ली सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोना 774 रुपये टूटकर 51,755 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया। बुधवार के मुकाबले गोल्ड आज 340 रुपये प्रति 10 ग्राम सस्ता होकर 50844 रुपये पर खुला। जबकि चांदी 1559 रुपये प्रति किलो के नुकसान के साथ 64362 रुपये पर खुली।               


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