गुरुवार, 9 अप्रैल 2020

गंभीरः संक्रमण से चिकित्सक की मौत

इंदौर। कोराना की वजह से देश में पहले डॉक्टर की मौत इंदौर में हुई है। रूपराम नगर निवासी डॉ. शत्रुघ्‍न पंजवानी कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज नहीं कर रहे थे, ऐसे में किसी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क में आने की आशंका जताई जा रही है।


जानकारी के अनुसार, कुछ दिनों पहले ही डॉक्‍टर पंजवानी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। प्राइवेट प्रैक्टिशनर डॉ. पंजवानी का उपचार पहले गोकुलदास में उसके बाद सीएचएल में चल रहा था और फिर उन्हें अरविंदों में शिफ्ट किया था, जहां गुरुवार सुबह उनकी मृत्यु हो गई।


बता दें कि मध्यप्रदेश के इंदौर, भोपाल और जबलपुर जैसे बड़े शहर तेजी से कोरोना हॉटस्पॉट बनाता जा रहा है, जिसकी वजह से शासन-प्रशासन को सख्त कदम उठाने पड़ रहे हैं. अकेले इंदौर में 213 कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें से 21 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं पूरे मध्यप्रदेश की बात करें तो 404 कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें 30 लोगों की मौत हो चुकी है।


चुनाव अभियान को खत्म करने की घोषणा

रूपेश गुप्ता


न्यूयॉर्क। अमेरिकी सेनेटर बर्नी सैंडर्स ने राष्ट्रपति बनने के चुनावी अभियान को खत्म करने की घोषणा की है। कैंपेन को विराम दे दिया है और इस तरह डेमोक्रेटिक पार्टी में पूर्व उपराष्ट्रपति जो बिडेन के डेमोक्रेटिक पार्टी के नॉमिनेटेड होने का रास्ता साफ हो गया है। खुद को लोकतांत्रिक समाजवादी कहने वाले सैंडर्स ने शुरुआत में ने हेल्थ केयर और कामकाजी वर्ग के मुद्दे उठाकर अपने चुनाव की जमीन तैयार की करने में कामयाबी हासिल की थी। डेमोक्रेटिक प्राइमरी में लंबे समय तक फ्रंट रनर रहने रहने के बाद वे हाल के कुछ हफ्तों में पिछड़ गए थे। तब बिडेन काफी पीछे चल रहे थे। लेकिन आश्चर्यजनक रूप से एक-एक करके कई उम्मीदवारों ने अपना नाम सुपर ट्यूसडे- जिसमें कई राज्यों में एक साथ चुनाव हुए- से ठीक पहले और बाद में लिए। इसमें लोवा चुनाव बर्नी के साथ टाई करने वाले बुटिगिग और एमी प्रमुख हैं। इसके कुछ दिन बाद वारेन और तुलसी ने भी नाम वापिस लेकर बिडेन का समर्थन कर दिया।



2016 में भी बर्नी सेंडर्स हिलेरी क्लिंटन से राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी हासिल करने में पिछड़ गए थे। 2016 और 2020 में सैंडर्स का चुनावी नारा था – ” मैं नहीं,हम”. गौरतलब है कि इससे पहले यह नारा भारत मे इस्तेमाल तब हुआ था जब कांग्रेस के तत्कालीन उपाध्यक्ष राहुल गांधी 2014 के आम चुनावों में इसी नारे के साथ नरेंद्र मोदी के खिलाफ उतरे थे। हाल के कुछ हफ्तों से कोरोना के फैलाव के बाद सैंडर्स लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए ऑनलाइन कैंपेन कर रहे थे। हाल के वर्षों में वाली सैंडर्स सबसे ज्यादा वामपंथ की ओर झुके हुए अमेरिका के उम्मीदवार थे। सैंडर्स ने अपने कैंपेन में हेल्थ केयर फॉर ऑल, फ्री पब्लिक कॉलेज, न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी और अमीरों पर टैक्स बढ़ाने जैसे मुद्दे उठाए थे।


वामपंथी होने के बाद भी सैंडर्स ने युवाओं के बीच जैसी लोकप्रयिता हासिल की, उसने अमेरिका के बड़े अमीरों और कॉरपोरेट्स की नींदें उड़ा दी थी। लेकिन चुनाव अभियान में वे दक्षिण के राज्यों में बेहद महत्वपूर्ण अफ्रीकन-अमेरिकन का विश्वास हासिल नहीं कर पाये। लाइव स्ट्रीम में सैंडर्स ने अपने समर्थकों से कहा कि चुनावी अभियान को खत्म करना बहुत ही मुश्किल और दुखदाई था जबकि उनके कई समर्थक चाहते थे कि वे आखिरी राज्य के चुनाव होने तक वह लड़ते रहे।उन्होंने कहा कि अब नॉमिनेशन हासिल करना संभव नहीं लगता है वरना वे निश्चय ही लड़ाई जारी रखते।


सैंडर्स ने कहा कि उनका कैंपेन अमेरिकी चेतना को बदलने के लिहाज से महत्वपूर्ण था कि क्या किस तरह का देश हम बन सकते हैं। उनके अभियान के साथ इस देश ने आर्थिक न्याय, सामाजिक न्याय, नक्सलवादी न्याय और पर्यावरणीय न्याय पाने की लड़ाई आगे बढ़ाई है।


सैंडर्स ने कहा कि पूरे देश में उनके कैंपेन ने न केवल 30 साल या उसके कम उम्र के लोगों में बल्कि 50 साल तक के वोटरों में भी पैठ बनाई है। उन्होंने कहा कि इस देश का भविष्य अब हमारी योजनाएं हैं। उन्होंने बिडेन को बधाई देते हुए कज वह प्रगतिशील योजनाओं के मसले पर उनका सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी वह जिन राज्यों में चुनाव शेष हैं, उन राज्यों के चुनावी बैलट में वे मौजूद रहेंगे जिससे डेलीगेट्स लामबंद किये जा सकें। उन्होंने कहा कि एक साथ खड़े होकर हमे डोनाल्ड ट्रंप को हराना है जो आधुनिक अमेरिकन इतिहास के सबसे खतरनाक राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को हराना है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 10, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-242 (साल-01)
2. शुक्रवार, अप्रैल 10, 2020
3. शक-1942, वैशाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- तृतीया, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:10,सूर्यास्त 06:45।


5. न्‍यूनतम तापमान 18+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
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बुधवार, 8 अप्रैल 2020

15 जनपद,15 तक पूरी तरह सील

अकाशुं उपाध्याय


लखनऊ। यूपी सरकार ने जिन 15 जिलों को पूरी तरह से सील किया है, वह हैं- लखनऊ, आगरा, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, कानपुर, वाराणसी, शामली, मेरठ, बरेली, बुलंदशहर, फिरोजाबाद, महाराजगंज, सीतापुर और सहारनपुर। इन जिलों को 13 अप्रैल तक पूरी तरह से सील किया जाएगा। योगी सरकार का कहना है कि इन जिलों को 13 अप्रैल तक पूरी तरह सील कर दिया गया है। इस दौरान कोई दुकानें नहीं खुलेंगी, सिर्फ आश्वयक वस्तुओं की होम डिलिवरी होगी। इसके साथ ही केवल कर्फ्यू पास वालों को घर से निकलने की इजाजत दी जाएगी। 13 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा की जाएगी, उसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा। गाजियाबाद जनपद में 13 स्थान, गौतम बुध नगर जनपद में 12 स्थानों को चिन्हित किया गया। इसी प्रकार 15 जनपदों में 'हॉट स्पॉट' केंद्र बनाते हुए सील कर दिए गए हैं।


उत्तर प्रदेश में कोरोना के 328 मामले सामने आए हैं, जिसमें 281 एक्टिव केस है। तीन लोगों की मौत हो चुकी है और 21 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं। गौतमबुद्ध नगर में कोरोना के 61, आगरा में 49, मेरठ में 25, गाजियाबाद में 23, लखनऊ में 21, कानपुर में 16, शामली में 14, सहारनपुर में 12, सीतापुर में 8, वाराणसी में 7, महाराजगंज में 6, बरेली में 6, लखीमपुर खीरी में 5, गाजीपुर में 5, बस्ती में 5 केस सामने आ चुके हैं।


प्रत्येक भारतीय के जीवन की सुरक्षा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा एवं राज्यसभा में विपक्ष समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को बताया कि कोरोना वायरस के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन एक बार में नहीं हटाया जायेगा। सर्वदलीय बैठक में शामिल रहे बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने यह बात बतायी।


वहीं, प्रधानमंत्री ने कहा कि स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है, कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए। मोदी की यह टिप्प्णी ऐसे समय में आई है जब उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की और कोरोना वायरस के कारण देश में उत्पन्न स्थिति और सरकार द्वारा इसे तेजी से फैलने से रोकने के प्रयासों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 पर सर्वदलीय बैठक में नेताओं से कहा कि सरकार की जिम्मेदारी प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा करना है। उन्होंने नेताओं से कहा, ‘‘स्थिति ‘सामाजिक आपातकाल’ जैसी है, कड़े निर्णय लेने की जरूरत है और हमें अवश्य ही सतर्क रहना चाहिए। प्रधानमंत्री के साथ हुई बैठक के बाद बीजद नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि 14 अप्रैल को एक साथ लॉकडाउन नहीं हटेगा। मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे कहा कि कोरोना वायरस से पहले और कोरोना वायरस के बाद का जीवन एक जैसा नहीं होगा।


संक्रमितो की संख्या 5195, मौतें 149

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले बुधवार को बढ़कर 5194 हो गये जबकि इससे हुयी मौत का आंकड़ा 149 पर पहुंच गया है।  स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मंगलवार से कोरोना संक्रमण के 773 मामले सामने आये और इस दौरान 32 लोगों की मौत हुई है। अग्रवाल ने संक्रमण की गति को रोकने के लिये लागू लॉकडाउन को प्रभावी बताते हुये कहा कि संक्रमण को रोकने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से स्थानीय लोगों को इस संक्रामक बीमारी के बारे में जागरुक करने तथा चिकित्सा उपायों को प्रभावी बनाने पर जोर दिया जा रहा है।


पाकः15 अप्रैल के बाद खुलेगी दुकाने

पाकिस्तान में देश की वाणिज्यिक राजधानी कहे जाने वाले शहर कराची के दुकानदारों ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वे 15 अप्रैल के बाद अपनी दुकानों को खोलकर रहेंगे।


इस्लामाबाद। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने निजी अस्पतालों के मालिकों व वरिष्ठ चिकित्सकों से बात की जिसमें उन्हें कोरोना महामारी के और गंभीर होते जाने का हवाला देते हुए लॉकडाउन को बढ़ाने की सलाह दी गई. चिकित्सकों ने कहा कि लॉकडाउन नहीं बढ़ाने की स्थिति में प्रांत और देश को गंभीर नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह इस सुझाव पर विचार करेंगे. चिकित्सा विशेषज्ञों द्वार पूरे देश में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने के आग्रह के बीच, सिंध की राजधानी और पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची के दुकानदारों ने सरकार से दो टूक शब्दों में कह दिया कि वे हर हाल में 15 अप्रैल से अपनी दुकानें खोलने जा रहे हैं।


बैटरी चोरी करने वाले 3 गिरफ्तार

खड़े ट्रकों से बैटरी चोरी करने वाले तीन शातिर चोरों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
  
अतुल त्यागी जिला प्रभारी, मुकेश सैनी देहात रिपोर्टर, रिँकू सैनी हापुड़ रिपोर्टर, प्रवीण कुमार पिलखुआ


हापुड़। थाना कोतवाली पिलखुआ  पुलिस को मिली बड़ी सफलता कोतवाली पुलिस ने तीन शातिर चोरों को किया गिरफ्तार जिनके कब्जे से 10 बैटरी व एक मोटरसाइकिल एफ जैड बरामद साथ ही 500 ग्राम चरस भी बरामद।  थाना पिलखुवा क्षेत्र के छिजारसी पुलिस चौकी के उपनिरीक्षक हरेंद्र सिंह को सूचना मिली कि कुछ बदमाश एनसीआर पेट्रोल पंप के पास चोरी की बैटरी ले जा रहे हैं तत्काल उप निरीक्षक द्वारा अपने साथियों के साथ घेराबंदी कर बदमाशों को गिरफ्तार किया गया जिनके कब्जे से 10 बैटरी व एक चोरी की मोटरसाइकिल एफ जैड बिना नंबर बरामद की गई बदमाशों से 500 ग्राम चरस भी बरामद की गई। गहनता से पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि वे लोग लॉक डाउन के चलते सड़कों पर खड़े ट्रकों की बैटरी चोरी करते हैं तथा रात्रि में वह लोग मोटरसाइकिल आदि भी चोरी कर लेते हैं साथ ही साथ वे चरस की सप्लाई भी करते हैं। उनके द्वारा पहले भी एटीएम से चोरी करने की घटनाएं को अंजाम दिया गया हैं वह हाल ही में जेल से जमानत पर रिहा हुए थे। गिरफ्तार अभियुक्त प्रिंस पुत्र सुरेश निवासी लाखन थाना पिलखुवा, विकास उर्फ विक्की पुत्र बृजेश ग्राम गालन्द, शिवम पुत्र प्रेमपाल निवासी गालन्द थाना पिलखुआ के निवासी हैं इन लोगों पर पूर्व में भी अनेकों मुकदमे दर्ज हैं पुलिस द्वारा उचित कार्रवाई कर तीनों को जेल भेज दिया गया।


वायरस प्रकोप बढ़ा सकता है 'लॉकडाउन'

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर देश में 21 दिनों का लॉकडाउन है, जिसकी तारीख 14 अप्रैल को खत्म हो रही है। वहीं देश में बढ़ते जा रहे कोरोना प्रकोप के कारण राज्य सरकारों की लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की राय पर गंभीरता से विचार कर रही है, जिसमें लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाया जा सकता है। 


सरकारी सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक कई राज्यों के अनुरोध के बाद केंद्र सरकार इसकी समय अप्रैल अंत तक के लिए बढ़ा सकती है। इसको लेकर प्रधानमंत्री जल्द घोषणा कर सकते हैं। केंद्र सरकार के सूत्रों की माने तो कई राज्यों के अनुरोध के बाद केंद्र सरकार लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार कर रही है।  इससे पहले कोरोना महामारी और लॉकडाउन के ताजा हालात पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर मंत्री समूह की बैठक हुई। इस बैठक में भी लॉकडाउन की समय सीमा को लेकर चर्चा हुई। मंत्रियों का मानना था कि अगर हम लॉकडाउन हटाते भी हैं तो लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाए रखना होगा। जबकि ट्रेन और बस सेवा को सामान्य नहीं किया जाएगा और हवाई सेवाओं को भी फिलहाल बंद ही रखा जा सकता है। इस बैठक में जो निष्कर्ष सामने आया है उसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे दी गई है ,जो विशेषज्ञों से भी इस बाबत चर्चा कर रहे हैं, लेकिन ऐसी संभावनाएं बढ़ गई हैं कि पीएम मोदी जल्द ही लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का निर्णय लेकर ऐलान कर सकते हैं। वहीं एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यस से कैबिनेट की बैठक हुई। इस बैठक के बाद जब केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से पूछा गया कि क्या 15 अप्रैल से देश में लॉकडाउन हट जाएगा, तो उन्होंने कहा कि देशहित में जो भी फैसला होगा, वह सही समय पर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम वैश्विक स्थित पर भी लगातार नजर बनाए हुए हैं। वहीं, देश के कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना व महाराष्ट्र सरकार ने भी केंद्र सरकार को लॉकडाउन बढ़ाने पर विचार करने को कहा है।


सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को दिए पांच सुझाव 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो पेज का एक पत्र लिखकर कोरोना से लड़ाई में आगे सरकार को क्या करना चाहिए, इस पर पांच सुझाव दिए हैं। प्रधानमंत्री ने सोमवार को विपक्षी नेताओं से फोन पर बात करके उनसे सुझाव मांगे थे। सोनिया गांधी ने सांसदों का वेतन कम करने के फैसले का समर्थन करते हुए सरकार से विज्ञापन पर खर्च सीमित करने, सेंट्रल दिल्ली में नई संसद और दूसरे भवनों के निर्माण की योजना को टालने, सरकार के खर्चे में 30 परसेंट कटौती करके वो पैसे मजदूरों, किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने, मंत्रियों और अधिकारियों की फिजूल विदेश यात्रा पर पीएम द्वारा रोक लगाने और पीएम केयर्स फंड में मिले पैसों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में ट्रांसफर करने का सुझाव दिया है।


संपूर्ण लॉक डाउन, सभी गतिविधी अवरुद्ध

राणा ओबराय

मंत्रिमंडल की बैठक में लॉकडाउन को धीरे-धीरे खत्म करने के संकेत! स्कूल-कॉलेज, धार्मिक गतिविधियों पर 4 हफ्तों की रोक की सिफारिश!

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के चलते लागू लॉकडाउन को बढ़ाने को लेकर हो रही चर्चा के बीच मंत्रियों के एक समूह ने सभी शैक्षणिक संस्थानों को 4 हफ्ते तक और बंद रखने का प्रस्ताव दिया है। साथ ही, इस दौरान, धार्मिक आयोजनों या धार्मिक गतिविधियों पर लगी रोक को भी जारी रखने की सिफारिश की हैं। सूत्रों ने कहा कि ये इस बात का संकेत हो सकता है कि सरकार लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करेगी। कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने 24 मार्च मध्यरात्रि से देश में लॉकडाउन लागू करने की घोषणा की थी। तीन हफ्ते के लिए मौजूदा लॉकडाउन की मियाद 14 अप्रैल को खत्म हो रही है।हालांकि, उत्तर प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं, जिसे देखते हुए कुछ राज्यों की ओर से लॉकडाउन की मियाद को बढ़ाने की मांग की गई है. सरकारी सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार राज्यों के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा था कि “देशहित” में सही समय पर फैसला लिया जाएगा। सूत्रों ने कहा, “कोरोनावायरस मुद्दे पर मंगलवार को हुई अपनी चौथी बैठक में मंत्रियों ने सभी शैक्षणिक संस्थानों पर लागू बंदी को बढ़ाने की सिफारिश की है। गर्मियों की छुट्टी आमतौर पर मई के मध्य से शुरू हो जाती है।” इसके साथ ही उन्होंने धार्मिक केंद्र जैसी उन जगहों पर कड़ी निगरानी रखने की वकालत की है, जहां ज्यादा संख्या में लोग एकत्र होते हैं। ड्रोन के जरिए निगरानी बढ़ाने की भी सिफारिश की गई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय किया गया है कि धार्मिक केंद्र और शैक्षणिक संस्थानों के साथ शॉपिंग मॉल्स को भी कम से कम 4 हफ्तों के लिए सामान्य रूप से काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह तथा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहीं।


तनख्वाह-पेंशन को जमा कराना चाहिए

राणा ओबरा

हरियाणा के वर्तमान एवं भूतपूर्व सभी विधायकों को सीएम फण्ड में अपनी तनख्वाह व पेंशन का जमा कराना चाहिए तीसरा हिस्सा

चण्डीगढ़। देश में जिस कदर महामारी बढ़ती जा रही है उसको देखते हुए प्रदेश के सभी वर्तमान एवं पूर्व भूतपूर्व विधायकों को अपनी तनख्वाह व पेंशन की राशि में से तीसरा हिस्सा सीएम रिलीफ फंड में जमा कराना चाहिए। ऐसा पुण्य कार्य करने से मंत्रियों, पूर्व मंत्रियों,


नए विधायकों और भूतपूर्व विधायकों की कीर्ति व यश बढ़ेगा। बल्कि हरियाणा सरकार में फंड की कमी भी दूर होगी। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री के निर्देश पर देश के सभी संसद सदस्यों ने कर दी है। परंतु अभी तक हरियाणा के 1- 2 विधायकों ने ही सीएम रिलीफ फंड में अपनी तनख्वाह का 30% राशि देने की घोषणा करी है। बाकी के सभी विधायक एवं भूतपूर्व विधायक इतनी कंजूसी क्यों कर रहे है! ऐसा सुना जाता है। यदि कोई व्यक्ति एक बार विधायक बन जाता है तो उसके पास करोड़ों रुपए की संपत्ति आ जाती है! किस तरह से आती है कहां से आती है यह आज तक भी कोई नहीं जान पाया है। यदि एक विधायक 5 वर्ष के कार्यकाल में बिना किसी उद्योग, बिना किसी व्यापार, खेती-बाड़ी के करोड़ों रुपए का स्वामी बन जाता है! तो ऐसी वैश्विक महामारी के चलते उसको अपना दायित्व निभाते हुए एक बड़े हिस्से की राशि का कुछ भाग सरकार के सीएम रिलीफ फंड में जमा कराना चाहिए। ऐसे धनाढ्य व्यक्ति भी जो नेता बनने के लिए राजनीति में आकर सिर्फ टिकट पाने के लिए लाखों करोड़ों रुपए का दान राजनीतिक पार्टी फंड में देते हैं। ऐसे नेता यदि वास्तविक जनता के नेता बनना चाहते हैं तो उनको इस भयंकर महामारी के चलते प्रदेश सरकार की सहायता करनी चाहिए। जिससे वे जनता की नजरों में हीरो बन सके। जनता प्रभावित होकर खुद ब खुद उनको विधायक या सांसद बना देगी। इसलिए देरी न करते हुए प्रदेश के सभी मंत्रियों,पूर्व मंत्रियों, विधायकों एवं पूर्व विधायकों को शीघ्र रूप से पुण्य कार्य की शुरुआत करते हुए अपनी कमाई का कुछ हिस्सा सरकार की सहायता के रूप में तुरंत देना चाहिए। ताकि हरियाणा सरकार प्रदेश में फैली इस महामारी का युद्ध स्तर से मुकाबला कर सकें।


कार के टायर पर किया हाथ साफ

अतुल त्यागी जिला प्रभारी, प्रवीण कुमार रिपोर्टर पिलखुआ


लॉक डाउन में भी चोरों के हौसले बुलंद चोरों को नहीं है साशन व प्रसाशन का कोई डर नही, शिवपुरी में घर के बाहर खड़ी कार से टायरों पर किया हाथ साफ


हापुड़। सिटी कोतवाली नगर क्षेत्र का मामला,हापुड़ शहर शिवपुरी में चोर ने घर के बाहर खड़ी सेंट्रो कार में किया हाथ साफ,गाड़ी के टायरों पर किया हाथ साफ,शिवपुरी क्षेत्र में पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश शर्मा जी, की खड़ी संट्रो कार मंगलवार की रात को चोरों ने किया हाथ साफ,सेंट्रो गाड़ी के पिछले के दो टायरों को खोलर हुए चोर फरार ,सुबह देख दी पुलिस को सूचना,सूचना मिलते ही क्षेत्रीय पुलिस मौके पर। घर के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधर पर की जा रही है। जाँच पड़ताल,देर रात दो बजे के लगभग दिया घटना को अंजाम,हैरत की बात ये है कि इस वक़्त लॉकडॉउन है। घरों से निकलने पर सख्ती है। गली गली पुलिस का कड़ा पहरा है। लेकिन फिर भी एक कार में बैठ कुछ लोग रात में सड़क पर निकलते हैं और चोरी कि वारदात को अंजाम देते हैं। ये पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। ये वारदात शिवपुरी की मेन रोड पर होती है,आधे घंटे तक चोर वहां रहते हैं और टायर निकाल कर फरार हो जाते है जबकि रात में भी पुलिस यहां पेट्रोलिंग करती है उसके बावजूद अगर चोर इस तरह की वारदात को अंजाम देते हैं।


कैसे निकलेंगे समंदर में फंसे लोग ?

नई दिल्‍ली। वैश्विक व्यापार का एक बहुत बड़ा हिस्सा समंदर के रास्ते होता है और समुद्री जहाज़ों पर काम करने वाले लोग कितनी मेहनत करते हैं, इसका अंदाज़ा ज़मीन पर रहने वाले लोग कम ही लगा पाते हैं। मर्चेंट नेवी के हजारों कर्मचारी इस समय अपने जहाजों पर हैं और वो कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से दुनिया भर में जारी लॉकडाउन से जूझ रहे हैं। ये लोग इतने बड़े खतरे का सामना करते हुए भी दुनिया की ज़रूरतें पूरी करने में जुटे हैं। एक आंकलन के अनुसार तकरीबन 40 हज़ार लोग इस समय दुनिया भर में फैले उन समुद्री जहाज़ों पर फंसे हुए हैं जो भारत के सागर तटों तक पहुंचने का इंतज़ार कर रहे हैं।


वैसे तो शिपिंग इंडस्ट्री और उसमें काम करने वाले लोगों के संगठनों को भारत सरकार ने इनकी हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है, पर जमीनी सच्‍चाई इसके काफी विपरीत है। सूत्रों के अनुसार एम.वी एपीजे अंगद 2 नामक एक जहाज जो कि एप्पीजे सिप्पिंग नामक एक भारतीय कम्‍पनी का है और आगामी 12 अप्रैल 2020 को कृष्णा पिटरम पोर्ट आंध्र प्रदेश पर पहुंचेगा। उक्‍त जहाज से कुछ भारतीय कर्मचारियों को यहां साइन ऑफ करना है, परन्‍तु स्‍थानीय एजेन्‍सी के प्रतिनिधि वेणुगोपाल का कहना है कि पोर्ट के हेल्‍थ अफसर वेनकटा रामायण (फोन नम्‍बर - 09440930229) यहां पर नाविकों को उतरने की परमीशन नहीं दे रहे हैं। इससे उक्‍त शिप के नाविकों में भय का माहौल है और नाविकाें के परिजन भी बेहद डरे हुये हैं। शिप के कई कर्मचारियों का कॉन्‍ट्रैक्‍ट भी खत्‍म हो गया है और अब घर जाने का भी कोई भरोसा नहीं है। ये तो केवल एक जहाज का हाल है सूत्रों की माने तो लगभग 40 हज़ार भारतीय नाविक अपना अनुबंध ख़त्म होने के बाद घर वापसी का इंतज़ार कर रहे हैं। सरकार ने इनको कथित भरोसा दिलाया है कि लॉकडाउन हटने के बाद वे सुरक्षित घर वापस लौट सकेंगे. हालांकि भारत वापस लौटने पर इन नाविकों को कोरोना टेस्ट कराना होगा और क्वारंटाइन की प्रक्रिया से गुज़रना होगा। लॉकडाउन की वजह से इन Seafarers पर गहरा असर पड़ा है। लोग यहां फंस चुके हैं। घर नहीं जा सकते हैं क्योंकि सारे एयरपोर्ट्स बंद हैं. नौ-दस महीने घर से दूर रहकर ये लोग यहां दिन-रात काम करते हैं। इस लॉकडाउन की वजह से जिनका समय पूरा हो चुका है, वे भी घर नहीं जा पा रहे हैं। कुछ शिपिंग कंपनियां इनकी ज़िम्मेदारी तो उठा रही हैं लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू ये भी है कि कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म होने के बाद की अवधि के लिए इन नाविकों को सैलरी नहीं मिल रही है। हालांकि कुछ कंपनियों ने अनुबंध की अवधि बढ़ाई भी है। इन नाविकाें के घरवालों का बुरा हाल है, तमाम नाविकाें के घर पर अकेली महिलायें हैं जो घर के साथ साथ बच्‍चों की भी जिम्‍मेदारी उठा रही हैं और इस भययुक्‍त माहौल में ये नयी टेन्‍शन भी सर पर आ गयी है। अब देखना ये है कि माेदी सरकार इस प्रकरण में क्‍या कार्यवाही करती है।


ढाई हजार बोगियां आइसोलेशन बदली

नई दिल्ली/रायपुर। कोविड 19 से पार पाने के प्रयासों में सहयोग देने भारतीय रेलवे ने अपनी पूरी ताकत और संसाधन लगा दिए हैं। इतने कम समय में 5,000 कोच को आइसोलेशन (एकांत) कोच में तब्दील करने के शुरुआती लक्ष्य में मंगलवार की स्थिति में 2500 कोच को आइसोलेशन बोगियों कर दिया गया है। यानी लक्ष्य का आधा रेलवे ने हासिल कर लिया है। इसी तरह रायपुर रेल मंडल ने लक्ष्य 50 कोच का आधे से अधिक 30 आइसोलेशन कोच तैयार कर दिया है। लॉक डाउन के दौरान कार्यबल संबंधी संसाधन सीमित बने हुए हैं और उनका समझ-बूझ से इस्तेमाल किया जाना जरूरी है। ऐसे में रेलवे के विभिन्न मंडल कार्यालयों ने इतने कम समय में असंभव से लग रहे इस कार्य का आधा लक्ष्य हासिल कर लिया है। लगभग 2,500 कोचों में बदलाव के साथ अब 4,000 आइसोलेशन बेड आपात स्थिति के लिए तैयार हैं।


रेलवे ने आपात स्थिति से निपटने आइसोलेशन कोच तैयार कर आधा लक्ष्य किया हासिल, हजारों बिस्तर भी तैयार  
बता दें कि एक तैयार कोच को मंजूरी मिलते ही,मंडल रेलवे कार्यालयों ने तेजी से बदलाव का काम शुरू कर दिया था। भारतीय रेलवे के रोजाना औसतन 375 कोचों में बदलाव किया जा रहा है। देश के 133 स्थानों पर यह काम किया जा रहा है। पूर्व में जारी किए गए चिकित्सा परामर्शों के तहत इन कोचों में सभी सुविधाएं हैं। जरुरतों और नियमों के तहत सर्वश्रेष्ठ विश्राम और चिकित्सा निगरानी तय करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से किए जा रहे प्रयासों के पूरक के तौर पर इन आइसोलेशन कोचों को सिर्फ आपात स्थिति के लिए तैयार किया जा रहा है।


स्थिति सुधरने पर खेला जाएगा आईपीएल

नई दिल्ली। पूरा विश्व कप इस वक्त कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से परेशानी में घिर गया है। तमाम बड़े देशों में लॉकडाउन की स्थिति है और इसमें भारत भी शामिल है। कोरोना महामारी की वजह से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भी इंडियन प्रीमियर लीग को स्थगित कर दिया है। 14 अप्रैल को भारत में लॉकडाउन खत्म हो रहा है इसके बाद ही इसके आयोजन पर कोई फैसला हो पाएगा।


चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से खेलने वाले स्पिनर हरभजन सिंह ने इस साल के होने वाले आईपीएल के आयोजन पर अपनी राय दी है। आईपीएल के मैचों का प्रसारण करने वाले चैनल स्टार स्पोर्ट्स के नए शो क्रिकेट कनेक्टेंड पर बात करते हुए उन्होंने अपना राय दी। उन्होंने बताया कि कैसा आईपीएल का आयोजन कराया जा सकता है और इसको कराने के लिए क्या- क्या तैयारी करनी पड़ेगी।


भज्जी ने बताया, “दर्शक सबसे ज्यादा अहम हैं, लेकिन स्थिति ऐसी होती है तो मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं अगर बिना दर्शकों के मैच का आयोजन होता है। हां, एक खिलाड़ी के तौर पर मुझे वो चीज नहीं मिल पाएगी लेकिन इससे यह तो पक्का हो जाएगा कि दर्शकों को घर पर बैठे टीवी पर आईपीएल देखने का मजा मिल पाएगा।”


“हमें हर एक चीज को लेकर बहुत ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होगी। खिलाड़ियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। यह तय करना होगा कि वो जगह जहां मुकाबलों को खेला जाएगा, हो होटल और फ्लाइट्स अच्छे से लेनेटाइज हों। बहुत सारी जिंदगी इस वक्त ऑनलाइन है लिहाजा हमें आईपीएल का आयोजन कराना चाहिए लेकिन तब जब कि सबकुछ ठीक हो जाता है।”


“मैं मैच खेलना बहुत मिल करता हूं, उम्मीद करता हूं कि एक साल के अंतराल के बाद मैं 17 मैच (आईपीएल फाइनल मिलाकर) खेल पाउंगा। मैं मैदान पर जाने को बहुत मिस करता हूं, दर्शकों का हुजुम हमारे लिए शोर मचाकर अभिवादन करने के लिए इंतजार कर रहा है। वो बाइक जो हमारी टीम बस के साथ चलता था मुझे यकीन है वो भी इन सभी चीजों को मिस करता होगा। मुझे उम्मीद है आईपीएल जल्दी ही शुरू हो, तब तक तो मैं अपने आप को फिट रखूंगा।”


चीनः वुहान में पटरी पर लौटी जिंदगी

बीजिंग। चीन का वुहान जहां से कोरोना वायरस महामारी शुरू हुई और पूरी दुनिया में फैल गई, वहां 11 हफ्ते के बाद लॉकडाउन खत्म हो गया है। वुहान में लॉकडाउन को देखते हुए ही दुनिया के कई देशों ने इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन का यही मॉडल अपनाया था।अधिकारियों ने वुहान के लोगों को बाहर आने जाने की इजाजत दे दी है।


मध्य रात्रि से लॉकडाउन खत्म होने के बाद शहर के 1.1 करोड़ लोगों को अब कहीं भी आने-जाने के लिए विशेष अनुमति की जरूरत नहीं होगी बशर्ते अनिवार्य स्मार्ट फोन एप्लिकेशन में यह पता चलता हो कि वे स्वस्थ हैं और किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए हैं। इस मौके पर यांगतेज नदी के दोनों ओर लाइट शो हुआ, गगनचुंबी इमारतों और पुलों पर ऐसी छवियां तैर रहीं थीं जिनमें स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को ले जाते हुए दिख रहे थे, तो कहीं वुहान के लिए ‘हीरोइक सिटी’ शब्द दिख रहे थे। तटबंधों और पुलों पर नागरिक झंडे लहरा रहे थे और ‘वुहान आगे बढ़ो’ के नारे लगा रहे थे तथा चीन का राष्ट्रगान गा रहे थे। एक व्यक्ति तोंग झेंगकुन ने कहा, ‘मुझे बाहर निकले को 70 दिन से भी ज्यादा वक्त हो गया। वह जिस इमारत में रहते थे वहां संक्रमित व्यक्ति मिले थे जिसके बाद से पूरी इमारत को बंद कर दिया गया था।’ सड़कों पर गाड़ियां उतर आईं, सैकड़ों लोग शहर से बाहर जाने के लिए ट्रेनों और विमानों का इंतजार करते दिखे तो कई लोग नौकरी पर जाने को बेताब नजर आए। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ने इतनी जल्दी जश्न मनाने के खिलाफ चेतावनी दी है।


चीन के कुल 82 हजार कोरोना संक्रमितों में से 50 हजार केवल वुहान के थे। कुल 3331 मरने वालों में से 2500 वुहान में ही मरे। वुहान ही वह शहर है, जहां पिछले साल दिसंबर में कोराना वायरस से संक्रमित पहला व्यक्ति मिला था। वुहान सहित पूरे हुबेई प्रांत में करीब 5.6 करोड़ लोग रहते हैं।


विरोध के बाद ट्रंप के बदले सुर

वाश‍िंगटन। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात को मंजूरी देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महान नेता बताया है। ट्रंप ने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। कोरोना वायरस की मार से बेहाल अमेरिका के राष्‍ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने 29 मिलियन दवा की डोज खरीदी है। इसमें से ज्‍यादातर दवा भारत से मिलेगी। अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने फॉक्‍स न्‍यूज से बातचीत में कहा कि भारत ने अपने नागरिकों को बचाने के लिए दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था। उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी महान हैं और बहुत अच्‍छे हैं। भारत से अभी बहुत अच्‍छी चीजें आनी बाकी हैं। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका ने कोरोना वायरस से जंग के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की 29 मिलियन डोज खरीदी है। इसमें से बड़ी तादाद में दवा भारत से आएगी।


इससे पहले ट्रंप ने संकेत दिया है कि अगर भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा के निर्यात पर से प्रतिबंध नहीं हटाया तो अमेरिका कार्रवाई पर विचार कर सकता है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्‍तेमाल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। इससे पहले ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस दवा के लिए गुहार लगाई थी। व्‍हाइट हाउस में संवाददाताओं से बातचीत में ट्रंप ने कहा था कि भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है और मैं समझता हूं कि इस बात के कोई कारण नहीं हैं कि भारत अमेरिकी दवा के ऑर्डर पर से बैन नहीं हटाएगा। ट्रंप ने कहा, ‘मैंने यह नहीं कहीं सुना कि यह उनका (पीएम मोदी) का फैसला था। मैं जानता हूं कि उन्‍होंने इस दवा को अन्‍य देशों के निर्यात के लिए रोक लगाई है। मैंने उनसे कल बात की थी। हमारी बातचीत बहुत अच्‍छी रही। भारत ने अमेरिका के साथ बहुत अच्‍छा व्‍यवहार किया है।’


भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने इसके बाद उठे विवाद पर कहा कि यह किसी भी सरकार का दायित्व होता है कि पहले वह सुनिश्चित करे कि उसके अपने लोगों के पास दवा या इलाज के हर जरूरी संसाधन उपलब्ध हों। इसी के मद्देनजर शुरू में कुछ एहतियाती कदम उठाए गए थे और कुछ दवाओं के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया था। भारत ने सोमवार को 14 दवाओं पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। हालांकि पैरासिटामोल और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा लाइसेंस कैटेगरी में रहेगी और उसकी मांग पर लगातार नजर रखी जाएगी। लेकिन अगर मांग के अनुरूप आपूर्ति रही तो फिर कुछ हद तक निर्यात की अनुमति दी जा सकती है।


विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि कोरोनावायरस महामारी के समय भारत ने हमेशा कहा है कि ऐसे कठिन हालात में पूरे विश्व को एक होकर इससे लड़ना होगा। इसमें मानवीय पहलू के बारे में भी सोचना होगा। भारत ने कहा कि वह इन दवाओं को उन जरूरतमंद देशों को भी भेजेगा जो इस बीमारी से सबसे अधिक ग्रसित हैं। विदश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे कठिन परिस्थिति में किसी तरह के अनर्गल विवाद को खड़ा नहीं किया जाना चाहिए।


मिल गया मौलाना साद, जांच जारी

नई दिल्‍ली। मार्च के दूसरे हफ्ते में निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन करने वाले मौलाना साद का पता चल गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक मौलाना साद जाकिर नगर वाले अपने घर में क्‍वारंटीन है। मौलाना साद ने ही विरोध के बावजूद उस धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें हजारों लोगों ने हिस्‍सा लिया। नतीजतन देश में अचानक कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैला। आंकड़ों के मुताबिक अब तक देश में कोरोना के जितने भी मामले सामने आए हैं, उनमें तकरीबन 30 प्रतिशत लोग तबलीगी जमात से जुड़े हैं।


उस कार्यक्रम में शामिल होने वाले कई लोगों की मौत हो गई है। हजारों लोगों को क्‍वारंटाइन करना पड़ा है। यह भी पता चला है कि कई विदेशी नागरिक टूरिस्‍ट वीजा पर यहां आते थे और जमात के धार्मिक कार्यक्रम में हिस्‍सा लेते थे। ऐसे सैकड़ों विदेशी लोगों को ब्‍लैकलिस्‍ट कर उनके वीजा को रद्द कर दिया गया है। देश में अब तक 1445 कोरोना संक्रमित मरीज तबलीगी जमात के पाए गए हैं. पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 20 नए कोरोना के केस आए हैं। इन 20 में से 10 मरकज के हैं। मौलाना साद पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। साद के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 26 सवालों की लिस्ट तैयार करके मौलाना साद के घर पर भेजी है. इसमें जानकारी मांगी गई है कि किस तरह इस मरकज में लोग आ रहे थे। जनवरी से लेकर अब तक कितने लोग आए हैं। किस तरह से मरकज का आयोजन होता था?


इस बीच सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि कोरोना के खतरे को देखते हुए कई मुस्लिम नेताओं ने तबलीगी जमात के कार्यक्रम को निरस्त करने की सलाह दी थी। सूत्रों का कहना है कि कई इस्लामिक स्कॉलर और धर्मगुरुओं ने भी मौलाना साद से कार्यक्रम को टाल देने का आग्रह किया था। इस पूरे कार्यक्रम को लेकर तबलीगी जमात दो गुटों में बंटा हुआ था, एक गुट ने इस कार्यक्रम को टाल दिया था। लेकिन मौलाना साद अपनी जिद पर अड़ा रहा और निजामुद्दीन मरकज में धार्मिक कार्यक्रम किया।


शिवलिंग क्षतिग्रस्त, संप्रदायिकता की कोशिश

बहराइच। कुछ अराजक तत्वों ने शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर दिया। मंदिर में मांस का टुकड़ा फेंक कर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की। पुलिस व प्रशासन की सतर्कता से माहौल बिगड़ने से बचा। इस मामले में दो ग्रामीणों की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मौके पर भारी पुलिस बल भी तैनात किया गया है। एसडीएम, एएसपी व सीओ मौके पर कैंप किए हुए हैं।मामला कोतवाली नानपारा क्षेत्र के लखैया गांव का। यहां के निवासी पंकज सोनी के घर के पास मंदिर बना हुआ है। थोड़ी दूर पर ही एक और राधा-कृष्ण का मंदिर है।
बताया जा रहा है कि अराजक तत्वों ने शिवलिंग को क्षतिग्रस्त कर उसे कुएं में फेंक दिया। यही नहीं राधा-कृष्ण के मंदिर में प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर मांस का टुकड़ा फेंक दिया। घटना की जानकारी मंगलवार सुबह ग्रामीणों को हुई तो आक्रोश फैल गया। सूचना मिलते ही एसपी विपिन कुमार मिश्र ने एएसपी रवींद्र सिंह समेत भारी पुलिस बल मौके पर भेजा। पुलिस ने तत्काल क्षतिग्रस्त शिवलिंग को सही कराया। मंदिर में पड़े मांस के टुकड़ों को हटवाकर साफ-सफाई कराई। इसके बाद ग्रामीणों का आक्रोश शांत हुआ। मौके पर एसडीएम रामआसरे, सीओ अरुण कुमार, कोतवाली ओपी चौहान समेत भारी पुलिस बल मौजूद है।एसपी ने बताया कि मामले में गांव निवासी पंकज व मायाराम की तहरीर पर अलग-अलग दो मुकदमे अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सद्भाव बिगाड़ने वालों को चिह्नित कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। भले ही वह कितना रसूखदार क्यों न हो।


कैबिनेट की राय,15 मई तक बंद

नई दिल्ली। कोरोना वायरस से निपटने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन की अवधि खत्म होने वाली है। ऐसे में सरकार और आम लोगों में चर्चा शुरू हो गई है कि आगे क्या होगा। इस बारे में कैबिनेट ने अपनी राय बना ली है।
कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार द्वारा गठित मंत्रियों के समूह यानि ग्रुप आफ मिनिस्टर्स ने एक सुर में सरकार से 15 मई तक सभी शैक्षणिक संस्थाओं को बंद रखने और सभी धार्मिक गतिविधियों को स्थगित रखने की सिफारिश की है। मंत्रियों के समूह ने एक सुर में कहा कि सरकार भले ही लॉकडाउन पीरियड को आगे ना बढ़ाए लेकिन सभी तरह की शैक्षणिक और धार्मिक गतिविधियों पर 15 मई तक रोक लगानी चाहिए।


 प्रधानमंत्री ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंत्रियों के समूह का गठन किया था जिसे कि इस बारे में सरकार को सलाह देनी थी। इस मंत्री समूह ने एकमत से तय किया कि धार्मिक केंद्रों, शापिंग मॉल और शौक्षणिक संस्थानों को 14 अप्रैल के बाद कम से कम चार सप्ताह तक सामान्य गतिविधि शुरू करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। अब इस बारे में अंतिम फैसला प्रधानमंत्री को करना है। इससे एक बात तो साफ हो गई की पाबंदियों का ये दौर लंबा चलने वाला है।


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