गुरुवार, 11 मार्च 2021

आमिर के बेटे जुनैद महाराजा मूवी से करेंगे डेब्यू

मनोज सिंह ठाकुर

मुंबई। बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान के बेटे जुनैद फिल्म महाराजा से बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं। आमिर खान के बेटे जुनैद बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रहे हैं। जुनैद जल्द ही यशराज फिल्म्स के बैनर की फिल्म ‘महाराजा’ से डेब्यू करने वाले हैं। यशराज फिल्म्स की ‘महाराजा’ को सिद्धार्थ पी मल्होत्रा निर्देशितत करेंगे।
इस फिल्म में जुनैद के अलावा शालिनी पांडे, सरवरी वाग और जयदीप अहलावत अहम किरदारों में नजर आएंगे। बताया जाता है। कि यह फिल्म साल 1862 में सामने आए महाराजा लिबेल मामले पर आधारित है। इसमें जुनैद एक पत्रकार के किरदार में नजर आ सकते हैं। जिसका संबंध इस केस से है। जुनैद इन दिनों अपने बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन की वजह से भी चर्चा में हैं।
आमिर खान, उनकी बेटी ईरा और बेटा जुनैद मुंबई के एक रेस्टोरेंट में लंच पर गए थे। इस दौरान फोटोग्राफर्स ने इनके फोटोज क्लिक किए। इन फोटोज में जुनैद इतने बदले-बदले नजर आए कि कई फैंस उन्हें पहचान ही नहीं पाए। इसकी वजह है। जुनैद का पहले के मुकाबले फिट दिखाई देना। उनके पहले के फोटोज में वह थोड़े हैल्दी दिखाई देते थे। अब जुनैद ने अपनी बॉडी का इस तरह से ट्रांसफॉर्मेशन किया है। कि तब में और अब में रात-दिन का अंतर साफ नजर आता है।

कानून व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं बचा: अखिलेश

 
संदीप मिश्र  
 बरेली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। वहां विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती है। गुरुवार को रामपुर जाते वक्त बरेली पहुंचने के दौरान पत्रकारों के बात करते हुए कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था के नाम पर कुछ नहीं बचा है। और प्रदेश में ऐसी गंभीर घटनाएं हैं, कि जिसकी हम कल्पना भी कर नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पुलिस को कानून व्यवस्था को बेहतर करने के लिए काम करना चाहिए लेकिन सरकार ने पुलिस को राजनीति लोगों को परेशान करने के लिए लगा रखा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सच्चे ईमानदार अधिकारी हैं। उन्हें काम करने की खुली छूट नहीं मिलेगी तो कैसे उम्मीद कर सकते हैं। कि प्रदेश की कानून व्यवस्था ठीक हो जाएगी।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने अपना काम पूरा नहीं किया और न ही अपना काम नहीं दिखा पा रहे हैं। इसलिए पिछली सरकार के किए गए कार्यों के साथ अपनी सेल्फी खिंचवा रहे हैं। मुख्यमंत्री उद्घाटन पर उद्घाटन कर रहे हैं। और दूसरे के काम पर सेल्फी ले रहे हैं। बुधवार को योगी ने बुंदेलखंड का दौरा किया था। और बांध के सामने खड़े होकर सेल्फी खींची थी। इसके बारे में अखिलेश का कहना है। कि यह उनके शासनकाल में बना था। वहीं उत्तराखंड में बीजेपी के मुख्यमंत्री बदलने की सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा यह शुभ संकेत आ रहा है। कि पड़ोसी प्रदेश में बदलाव हुआ है। मुख्यमंत्री योगी जी का अब आप सोचो अगला नंबर किसका होगा।

वेस्टइंडीज ने वनडे में श्रीलंका को 8 विकेट से हराया

कोलंबो। सलामी बल्लेबाज दनुष्का गुणातिलक को क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने के लिए आउट दिए जाने के बाद श्रीलंका की पारी लड़खड़ा गई जिसके बाद वेस्टइंडीज ने बुधवार को पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में आठ विकेट से जीत दर्ज की। गुणातिलक ने 55 रन बनाने के अलावा कप्तान दिमुथ करूणारत्ने के साथ पहले विकेट के लिए 105 रन की साझेदारी की जिससे श्रीलंका की टीम बड़े स्कोर की ओर बढ़ रही थी। करूणारत्ने 52 रन बनाकर वेस्टइंडीज के कप्तान कीरोन पोलार्ड को उन्हीं की गेंद पर कैच दे बैठे।
मैच का विवादास्पद लम्हा 21वें ओवर में आया जब गुणातिलक को क्षेत्ररक्षण में बाधा पहुंचाने के आरोप में आउट करार दिया गया। पोलार्ड जब उन्हें रन आउट करने का प्रयास कर रहे थे। तब उन्होंने गेंद पर पैर मार दिया जिसके बाद वेस्टइंडीज के कप्तान ने रन आउट की अपील की और मैदानी अंपायर जो विल्सन ने आउट का संकेत करते हुए टीवी अंपायर के पास इस मामले को भेज दिया।
तीसरे अंपायर नाइजेल गुगुइड ने इसके बाद जानबूझकर रन आउट रोकने का प्रयास करने के लिए गुणातिलक को आउट करार दिया। श्रीलंका की पारी इसके बाद राह से भटक गई और अशेन बंडारा (50) के अर्धशतक के बावजूद पूरी टीम 49 ओवर में 232 रन पर आउट हो गई। वेस्टइंडीज ने इसके जवाब में शाई होप (110) और एविन लुईस (65) के बीच पहले विकेट की 143 रन की साझेदारी की बदौलत 47 ओवर में दो विकेट पर 236 रन बनाकर जीत दर्ज की। डेरेन ब्रावो ने भी नाबाद 37 रन बनाए।

यूपी: प्रेम कहानी में प्रवेश कर चुके है मोदी और योगी

हरिओम उपाध्याय

लखनऊ। गंगा बनारस शहर को दूर से देखते हुए गुजरती हैं। उन्हें बस इस बात का सुकून रहता है। कि उनके प्रियतम काशी विश्वनाथ इस शहर की आत्मा में बसे हुए हैं। कहा जाता हैं, कि गंगा ने अपने प्रियतम से केवल एक चीज मांगी थी, कि मुझे अपने आस पास रहने दो, शिव ने कहा ठीक है। लेकिन तुम मुझे देख न पाओगी। फिर क्या था गंगा बनारस को छूते हुए बहने लगी उन्हें तो बस शिव के आस पास रहने का सुकून था।
अब बनारस में मोदी और योगी आदित्यनाथ इस प्रेम कहानी में विलेन की तरह प्रवेश कर चुके हैं। उनका काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ऐसा ही है। यह भगवा टीम न केवल इतिहास बदलने की कोशिश कर रही, बल्कि हमारे शिव के तप और गंगा की तपस्या को भी भंग करने की कोशिश कर रही। यह कुछ ऐसा है। कि प्रेमी प्रेमिका से कहें कि दूर से बुझती रहे प्यास और कोई बजरंगी बीच मे आकर कहे कि नही, हम तो तुम दोनों का ब्याह कराएंगे।
शहर बनारस जाम और गंदगी से कराह रहा है। गंगा त्राहिमाम कर रही है। गंगापुत्र तिल तिलकर मरने को मजबूर हैं, मोदी गायब हैं। और सरकार या तो बेवकूफ बना रही या फिर कॉरिडोर। आस्था और विश्वास से यह छेड़छाड़ खतरनाक नतीजे लेकर आएगी। ईश्वर इन्हें माफ करना और इनके भक्तों को भी यह नही जानते यह क्या कर रहे हैं।

महाराष्ट्र: 15 से 21 मार्च तक लॉकडाउन का फैसला

मनोज सिंह ठाकुर  
मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने नागपुर में पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है। नागपुर के पालक मंत्री नितिन राउत ने गुरुवार को ऐलान करते हुए कहा कि शहर में 15 से 21 मार्च तक पूर्ण लॉकडाउन रहेगा, यानि किसी को भी बाहर निकलने की इजाजत नहीं रहेगी, सिर्फ जरूरी सामानों की दुकानें खुली रहेंगी। आपको बता दें कि नागपुर में बुधवार को 1710 नए मामले सामने आए थे। 173 दिन बाद कोरोना के सबसे अधिक मामले एक दिन में आने का यह रिकॉर्ड है। नागपुर नगर निगम ने बुधवार को कहा था। कि कोरोना के नए मामले महिलाओं और 20 से 40 आयु वर्ग के लोगो में आ रहे हैं। नगर निगम प्रशासन ने कहा था। कि लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं। नागपुर नगर निगम के कमिश्नर राधाकृष्णन बी ने बुधवार को कहा था। कि लोग महामारी को हल्के में ले रहे हैं। बिना उनकी मदद हम इस महामारी पर काबू नहीं पा सकते हैं। सरकार ने सभी आर्थिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं। हम नहीं चाहते हैं, कि पूर्ण लॉकडाउन लगाया जाए, लेकिन अगर हालात खराब होते हैं। तो हम लॉकडाउन का ऐलान कर सकते है।

कश्मीर: मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के 2 आतंकी ढेर

श्रीनगर। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के दो आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सुरक्षाबलों द्वारा सिर्हामा इलाके का घेराव कर तलासी अभियान शुरू करने के बाद दोनों पक्षों के बीच गुरुवार शाम को मुठभेड़ शुरू हो गई।
सुरक्षाबल जैसे ही छिपे हुए आतंकवादियों के ठिकाने के करीब पहुंचे, आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग करनी शुरू कर दी जिससे मुठभेड़ शुरू हुई।
पुलिस ने कहा सिर्हामा मुठभेड़ में लश्कर के दो आतंकवादी मारे गए। हथियार और गोला-बारूद के जखीरे सहित आपराधिक सामग्री बरामद हुई हैं।

भारत: एक दिन में कोरोना के 23 हजार नए मामले

भारत में एक दिन में कोरोना के लगभग 23 हजार नए मामले
 अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारत में गुरुवार को कोविड-19 के लगभग 23 हजार नए मामले सामने आए हैं। जो पिछले ढाई महीने में दर्ज हुए मामलों में सर्वाधिक है। और एक दिन पहले दर्ज हुए मामलों से करीब 5,000 ज्यादा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में गुरुवार को कोरोना के 22,854 नए मामले दर्ज हुए हैं और इस दौरान 126 जानें गई हैं। इसी के साथ संक्रमितों और मृतकों का आंकड़ा क्रमश: 1,12,85,961 और 1,58,189 हो गया है।
बुधवार को भारत में कोविड-19 के 17,921 नए मामले और 133 मौतें दर्ज हुई थीं।
पिछले दो दिन से मृतकों की संख्या में भी वृद्धि देखने को मिली है। जो पहले 100 से नीचे था।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में 1,89,226 सक्रिय मामले हैं। इसके अलावा, एक दिन में कोविड-19 के 18,100 रोगियों को अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। और इसके साथ ही अब तक कुल 1,09,38,146 लोगों डिस्चार्ज किया जा चुका है।
हाल के दिनों में मामलों में जो बढ़ोत्तरी देखी गई उसमें ज्यादातर मामले महाराष्ट्र और पंजाब के थे। लेकिन अब कई अन्य राज्यों में भी कोविड के मामले बढ़ रहे हैं।
दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में भी हाल के हफ्तों में यही बढ़त देखने को मिली है।

पीएम मोदी की मां ने लीं वैक्सीन की पहली डोज

अकांशु उपाध्याय

 नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीनेशन का काम लगातार जारी है। इसी कड़ी में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ दे दी गई है। खुद पीएम मोदी ने दोपहर को ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि मुझे बताते हुए खुशी हो रही है। कि मेरी मां को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ आज दे दी गई है। मैं आप सभी से अभी अपील करना चाहता हूं कि जो भी वैक्सीन लगवाने के दायरे में आते हैं। वो सभी वैक्सीन लगवाएं और दूसरे लोगों को भी प्रेरित करें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन गुजरात के अहमदाबाद में ही रहती हैं। हीराबेन की उम्र 100 साल के करीब है। हालांकि इस उम्र में भी वह एक्टिव रहती हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दे दी गई है। पीएम मोदी को एक मार्च को दिल्ली के एम्स में वैक्सीन की डोज दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मां हीरा बेन की बेहद करीब हैं। अक्सर पीएम मोदी जब भी गुजरात के दौरे पर जाते हैं। तो अपनी मां से मुलाकात जरूर करते हैं। इसके अलावा जन्मदिन के अवसर पर भी पीएम मोदी अपनी मां से मिलने जाते रहे हैं। एक मार्च से ही देश में कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे फेज़ की शुरुआत हुई थी। इस फेज़ के तहत 60 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। साथ ही 45 साल से अधिक उम्र वाले (जिन्हें गंभीर बीमारी है।) लोगों को भी वैक्सीन दी जा रही है।

कोई भी पर्व क्यों मनाया जाता है, जानिए महत्व

महाशिवरात्रि। कोई भी पर्व क्यों मनाया जाता है और उसका महत्व क्या है आपको ये ज़रूर जानना चाहिए

महाशिवरात्रि हो या कोई अन्य धार्मिक पर्व हो। आप मनाते हों या न मनाते हों। लेकिन कोई भी पर्व क्यों मनाया जाता है और उसका महत्व क्या है ? आपको ये ज़रूर जानना चाहिए। महाशिवरात्रि भगवान् शिव का दिन है और इसकी अपनी एक अलग महत्वता है। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या फर्क है। और ये क्यों इतना शुभ है। आइये इसको समझते हैं।
पंचांग के अनुसार हर माह के चौदहवें दिन या फिर अमावस्या से एक दिन पहले वाली रात शिवरात्रि कहलाती है। पंचांग का आखिरी महीना फाल्गुन का होता है। और इस माह कि शिवरात्रि महाशिवरात्रि कहलाई जाती है। जोकि फरवरी या मार्च के महीने में पड़ा करती है। महाशिवरात्रि का अपना अलग महत्व है। और सनातन धर्म के तमाम बड़े पर्वों में से महाशिवरात्रि का पर्व एक है। यह पर्व अपने नाम के ज़रिए ही पहचाना जा सकता है। महाशिवरात्रि यानी कि शिव की महान रात। इसीलिए महाशिवरात्रि की रात में जागरण व अन्य तरह के धार्मिक कर्म किए जाते हैं। इस रात को बेहद खास रात माना जाता है। इस दिन के जितने धार्मिक महत्व बताए जाते हैं उतने ही महत्व इसके विज्ञान से जोड़े जाते हैं। इस रात को इंसान को भगवान से करीब करने की रात कहा जाता है। महाशिवरात्रि की रात से ही ग्रीष्म ऋतु की नींव पड़ जाती है। कहा जाता है। कि इंसान गर्मी के प्रभाव या फिर सूर्य के जलते प्रकाश से बचने के लिए अपने आपको इस रात भगवान शिव को समर्पित कर देतै है।
महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव का पर्व होता है। इस पर्व में भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। इस रात मनुष्य अपने तमाम तरह की परेशानियों से निजात भी पा सकता है। क्योंकि भगवान शिव के पास हर समस्या का समाधान होता है। इसीलिए इस पर्व के दिन व्रत रखने की परंपरा है। व्रत शुद्धीकरण के लिए ही जाना जाता है. व्रत रखने से जहां हमारे पेट और आंत की सफाई हो जाती है। और रक्त शुद्ध हो जाता है वहीं कई तरह के रोगों से भी व्रत के सहारे मुक्ति मिल जाया करती है। और व्रत रख कर भगवान शिव की पूजा करने से भगवान से एक अलग तरह का जुड़ाव हो जाया करता है। 
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है। और इस पर्व को किस तरह से खास पर्व कहा जाता है। यह भी हर किसी को ज़रूर जानना चाहिए। महाशिवरात्रि से पहले शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है। इसको समझ लीजिए। ज्योतिषों का मानना है। कि हर माह की अमावस्या की रात को चंद्रमा सिकुड़ जाता है। या खिसक जाता है। ऐसे में इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए हर माह भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है। क्योंकि भगवान शिव ही हैं। जो चंद्रमा के किसी भी नुकसान से मनुष्य प्रजाति को बचाने का कार्य कर सकते हैं। अब महाशिवरात्रि की बात करते हैं। हिंदू नव वर्ष शुरू होने से पहले ही साल के आखिरी महीने में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इसको इसलिए मनाया जाता है ताकि आने वाले पूरे नये साल को ही किसी भी तरह के दुष्प्रभाव से बचाया जा सके। हालांकि महाशिवरात्रि मनाए जाने और भी कई वजहें है। कुछ प्रसिद्ध मान्यताओं की बात की जाए तो उसमें ये मान्यताएं प्रसिद्ध हैं।
1. महाशिवरात्रि की रात ही भगवान् शिव ने देवी पार्वती से विवाह किया था। इसलिए हिंदू धर्म में रात को ही विवाह के लिए शुभ माना जाता है।
2. कहते हैं। कि जब देवता और राक्षस अमृत की खोज में समुद्र मंथन कर रहे थे। तब मंथन से विष निकला था। जिसे भगवान शिव ने पी लिया था। इस विष को पी लेने के कारण उनका पूरा शरीर नीला पड़ गया था। जिसकी वजह से ही भगवान शिव को नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है। इस विष को पीकर भगवान शिव ने देवताओं के साथ-साथ संसार को भी नुकसान होने से बचाया था। इसीलिए इस दिन को भगवान शिव का दिन कहा जाता है। और उनकी अराधना की जाती है। 
3. मान्यता ये भी है। कि पवित्र नदी देवी गंगा इस दिन पृथ्वी पर उतर रही थी। और पूरे पृथ्वी पर फैल रही थी। जिसे भगवान शिव ने अपनी जटाओं में धर लिया था। और पृथ्वी का विनाश होने से बचा लिया था। इसलिए भगवान् शिव को पूजा जाता है।
4. ऐसी भी मान्यता है। कि भगवान शिव ने इसी रात को सदाशिव से लिंग स्वरूप लिया था। इसलिए इसी रात भगवान् शिव को की अराधना की जाती है।
ये कुछ मान्यताएं महाशिवरात्रि के बारे में प्रसिद्ध हैं। जिनका वर्णन अलग अलग जगहों पर मिल जाता है। कहा जाता है। कि महाशिवरात्रि की रात बेहद पवित्र होती है। इस रात को कभी सोकर नहीं गवांना चाहिए। इस दिन मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती है।
महाशिवरात्रि के दिन पवित्र नदी में स्नान करने की भी अपनी एक अलग विशेषता है। महाशिवरात्रि के दिन ही प्रयाग कुंभ का समापन होता है। जबकि हरिद्धार कुंभ का आरंभ महाशिवरात्रि के दिन से होता है। इस वर्ष यानी की साल 2021 में हरिद्धार में कुंभ मेले का आज से आगाज़ हो रहा है। जोकि प्रत्येक 12 वर्षों के अंतराल पर आयोजित किया जाता है। इस बार ग्रहों के योग से 11 वर्ष बाद ही हरिद्धार में कुंभ मेला आज से शुरू हो चुका है।
महाशिवरात्रि के इस पर्व पर आप सभी की मनोकामनाएं पूरी हो इसके लिए आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं।

सार्वजनिक सूचनाएं एवं विज्ञापन

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण   

1. अंक-207 (साल-02)
2. बृहस्पतिवार, मार्च 12, 2021
3. शक-1983, फाल्गुन, कृष्ण-पक्ष, तिथि-शिव चतुर्दशी, विक्रमी सवंत

4. सूर्योदय प्रातः 06:35, सूर्यास्त 06:33।

5. न्‍यूनतम तापमान -13 डी.सै., अधिकतम-33+ डी.सै.। 

6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110

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बुधवार, 10 मार्च 2021

"महामृत्युंजय" मंत्र 'संपादकीय'

ओम त्रयंबकम यजामहे, सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।उर्वारुकमिव बंधनात, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्। नम्ः शिवाय्

'महाशिवरात्रि
' भगवान शिव के विवाह की कथा के अनुसार, (शिव महापुराण आदि ग्रंथ) यह पारंपरिक त्योहार मनाने की परंपरा है। भारत के साथ नेपाल, आदि दुनिया के कई अन्य देशों में भी 'महाशिवरात्रि' का पर्व बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। सनातन उत्पत्ति का आधार और अंत भगवान शिवशंकर को ही माना जाता है। इस दिन आस्था पूर्वक व्रत और वृतांत का तुरंत प्रभाव देखने को मिलता है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को 'महाशिवरात्रि' का व्रत किया जाता है। हिन्दू पुराणों के अनुसार, इसी दिन सृष्टि के आरंभ में मध्यरात्रि मे भगवान शिव ब्रह्मा से रुद्र के रूप में प्रकट हुए थे। इसीलिए इस दिन को महाशिवरात्रि कहा जाता है। 'महाशिवरात्रि के प्रसंग को हमारे वेद, पुराणों में बताया गया है, कि जब समुद्र मन्थन हो रहा था उस समय समुद्र में चैदह रत्न प्राप्त हुए। उन रत्नों में हलाहल भी था। जिसकी गर्मी से सभी देव दानव त्रस्त होने लगे तब भगवान शिव ने उसका पान किया। उन्होंने लोक कल्याण की भावना से अपने को उत्सर्ग कर दिया। इसलिए उनको महादेव कहा जाता है। जब हलाहल को उन्होंने अपने कंठ के पास रख लिया तो उसकी गर्मी से कंठ नीला हो गया। तभी से भगवान शिव को नीलकंठ भी कहते हैं। शिव का अर्थ कल्याण होता है। जब संसार में पापियों की संख्या बढ़ जाती है, तो शिव उनका संहार कर लोगों की रक्षा करते हैं। इसीलिए उन्हें शिव कहा जाता है। योगिक परम्परा में इस दिन और रात को इतना महत्व इसलिए दिया जाता है। क्योंकि यह आध्यात्मिक साधक के लिए जबर्दस्त संभावनाएं प्रस्तुत करते हैं। आधुनिक विज्ञान कई चरणों से गुजरने के बाद आज उस बिंदु पर पहुंच गया है। जहां वह प्रमाणित करता है, कि हर वह चीज जिसे आप जीवन के रूप में जानते हैं। पदार्थ और अस्तित्व के रूप में जानते हैं। जिसे आप ब्रह्मांड और आकाशगंगाओं के रूप में जानते हैं। वह सिर्फ एक ही ऊर्जा है। जो लाखों रूपों में खुद को अभिव्यक्त करती है। माना जाता है, कि इस दिन शंकर और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा करते है। 'महाशिवरात्रि' का व्रत रखना सबसे आसान माना जाता है। इसलिये बच्चों से लेकर बूढ़ो तक सभी इस दिन व्रत रखते हैं। 'महाशिवरात्रि' के व्रत रखने वालों के लिये अन्न खाना मना होता है। इसलिये उस दिन फलाहार किया जाता है। राजस्थान में व्रत के समय गाजर, बेर का सीजन होने से गांवों में लोगों द्धारा गाजर, बेर का फलाहार किया जाता है। लोग मन्दिरों में भगवान शिव की पूजा करते हैं व उन्हे आक, धतूरा चढ़ाते हैं। भगवान शिव को विशेष रूप से भांग का प्रसाद लगता है। इस कारण इस दिन काफी जगह शिवभक्त भांग घोट कर पीते हैं। पुराणों में कहा जाता है कि एक समय शिव पार्वती जी कैलाश पर्वत पर बैठे थी। उसी समय पार्वती ने प्रश्न किया, कि इस तरह का कोई व्रत है। जिसके करने से मनुष्य आपके धाम को प्राप्त कर सके ? तब उन्होंने यह कथा सुनाई थी, कि प्रत्यना नामक देश में एक व्यक्ति रहता था। जो जीवों को बेचकर अपना भरण पोषण करता था। उसने सेठ से धन उधार ले रखा था। समय पर कर्ज न चुकाने के कारण सेठ ने उसको शिवमठ में बन्द कर दिया। सयोग से उस दिन फाल्गुन बदी त्रयोदशी थी। वहां रातभर कथा, पूजा होती रही, जिसे उसने भी सुना। अगले दिन शिघ्र कर्ज चुकाने की शर्त पर उसे छोड़ा गया। उसने सोचा रात को नदी के किनारे बैठना चाहिये। वहां जरूर कोई न कोई जानवर पानी पीने आयेगा। अतः उसने पास के बील वृक्ष पर बैठने का स्थान बना लिया। उस बील के नीचे शिवलिंग था। जब वह अपने छिपने का स्थान बना रहा था। उस समय बील के पत्तों को तोडकर फेंकता जाता था, जो शिवलिंग पर ही गिरते थे। वह दो दिन का भूखा था। इस तरह से वह अनजाने में ही शिवरात्रि का व्रत कर ही चुका था। साथ ही शिवलिंग पर बेल-पत्र भी अपने आप चढ़ते गये। एक पहर रात्रि बीतने पर एक गर्भवती हिरणी पानी पीने आई। उस व्याध ने तीर को धनुष पर चढ़ाया, किन्तु हिरणी की कातर वाणी सुनकर उसे इस शर्त पर जाने दिया कि सुबह होने पर वह स्वयं आयेगी। दूसरे पहर में दूसरी हिरणी आई। उसे भी छोड़ दिया। तीसरे पहर भी एक हिरणी आई उसे भी उसने छोड़ दिया और सभी ने यही कहा कि सुबह होने पर मैं आपके पास आऊंगी। चैथे पहर एक हिरण आया। उसने अपनी सारी कथा कह सुनाई, कि वे तीनों हिरणियां मेरी स्त्री थी। वे सभी मुझसे मिलने को छटपटा रही थी। इस पर उसको भी छोड़ दिया और कुछ और भी बेल-पत्र नीचे गिराये। इससे उसका हृदय बिल्कुल पवित्र, निर्मल तथा कोमल हो गया। प्रातः होने पर वह बेल-पत्र से नीचे उतरा। नीचे उतरने से और भी बेल पत्र शिवलिंग पर चढ़ गये। अतः शिवजी ने प्रसन्न होकर उसके हृदय को इतना कोमल बना दिया, कि अपने पुराने पापों को याद करके वह पछताने लगा और जानवरों का वध करने से उसे घृणा हो गई। सुबह वे सभी हिरणियां और हिरण आये। उनके सत्य वचन पालन करने को देखकर उसका हृदय दुग्ध सा धवल हो गया और वह फूट-फूट कर रोने लगा। 'महाशिवरात्रि' आध्यात्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है। इस रात धरती के उत्तरी गोलार्ध की स्थिति ऐसी होती है, कि इंसान के शरीर में ऊर्जा कुदरती रूप से ऊपर की ओर बढ़ती है। इस दिन प्रकृति इंसान को अपने आध्यात्मिक चरम पर पहुंचने के लिए प्रेरित करती है। गृहस्थ जीवन में रहने वाले लोग महाशिवरात्रि को शिव की विवाह वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं। सांसारिक महत्वाकांक्षाएं रखने वाले लोग इस दिन को शिव की दुश्मनों पर विजय के रूप में देखते हैं। योगियों और संन्यासियों के लिए यह वह दिन है। जब शिव कैलाश पर्वत के साथ एकाकार हो गए थे। योगिक परम्परा में शिव को ईश्वर के रूप में नहीं पूजा जाता है। बल्कि उन्हें प्रथम गुरु, आदि गुरु माना जाता है। जो योग विज्ञान के जन्मदाता थे। कई सदियों तक ध्यान करने के बाद शिव एक दिन वह पूरी तरह स्थिर हो गए। उनके भीतर की सारी हलचल रुक गई और वह पूरी तरह स्थिर हो गए। वह दिन 'महाशिवरात्रि' था। इसलिए संन्यासी 'महाशिवरात्रि' को स्थिरता की रात के रूप में देखते हैं।

चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...