लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक संघ के साथ बैठक की। उन्होंने उत्तर प्रदेश में वापस आने वाले प्रवासी श्रमिकों के रोजगार के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए। सीएम योगी ने प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने की योजना बनाई है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को सुमन अर्पित करते हुए उनके सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरिित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वायरस को लेकर काफी सजग और सतर्क है। प्रदेश में वायरस को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तत्पर है।
शुक्रवार, 29 मई 2020
संसद-भवन पहुंचा वायरस, किया सील
नई दिल्ली। राज्यसभा सचिवालय में डायरेक्टर लेवल पर कार्यरत एक अधिकारी की कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने के बाद संसद भवन स्थित उनके द़फ्तर को सील कर दिया है। अधिकारी की पत्नी और बच्चे भी कोरोना की चपेट में बताए जाते हैं। उनका द़फ्तर संसद भवन एनेक्सी के पहले तल पर रूम नंबर 120 में है।
अधिकारी 28 मई को ऑफिस आए थे। पार्लियामेंट सिक्योरिटी सर्विस ने उनके द़फ्तर को सेनिटाइज कर सील कर दिया। पहले तल के सभी गेट, वॉशरूम आदि को सेनेटाइज किया गया है। राज्यसभा सचिवालय ने उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सजग रहने के लिए कहा है, जो अधिकारी के संपर्क में आ चुके हैं। संपर्क में आने वाले लोग अब एहतियातन कोविड-19 टेस्टिंग कराने की तैयारी में हैं।
दलित-पिछड़ों के शोषण के विरुद्ध आवाज
यूपीः 2337 के लिए सैंपल, 50 पॉजिटिव
लखनऊ। यूपी में लगातार कोरोना वायरस के नए मामले सामने आ रहे हैं। लखनऊ स्थित केजीएमयू में कल जांच के लिए 2337 सैंपल लिए गए थे। इनमें से 50 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
इन संक्रमितों में 13 मरीज लखनऊ के, 10 मरीज कानपुर के, नौ मरीज संभल के, सात मरीज हरदोई के, छह मरीज अयोध्या के, दो मरीज कन्नौज के, एक मरीज पीलीभीत का, एक मरीज बलरामपुर का और एक मरीज मुरादाबाद का है आज 29 मई को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पुण्य तिथि है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कालिदास मार्ग स्थित आवास पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
भारत-चीन की मध्यस्थता को ट्रंप तैयार
नई दिल्ली/न्यूयॉर्क। भारत की चीन के साथ सीमा विवाद पर मध्यस्थता की पेशकश करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस संबंध में बात की है। लेकिन चीन के साथ बने विवाद की वजह से वह अच्छे मूड में नहीं हैं। साथ ही उन्होंने एक बार फिर मध्यस्थता करने की बात दोहराया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और चीन के बीच बड़ा संघर्ष चल रहा है, 1.4 बिलियन आबादी वाले 2 बड़े देश जिनकी सैन्य ताकत बेहद मजबूत है। भारत खुश नहीं है और शायद चीन भी खुश नहीं है। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आपको बता सकता हूं कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से बात की है, लेकिन चीन के साथ अभी जो विवाद बना हुआ है, उसको लेकर वह अच्छे मूड में नहीं हैं। ’भारत और चीन में बने तनावपूर्ण माहौल में दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने के सवाल पर राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अगर वे ऐसा सोचते हैं कि मेरे मध्यस्थ होने या मध्यस्थता करने से कोई मदद मिलती है तो मैं ऐसा जरुर करूंगा। हालांकि भारत ने पहले ही ट्रंप की मध्यस्थता का सुझाव ठुकरा दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति च्रंप की पेशकश पर भारत अपनी प्रतिक्रिया दे चुका है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। शांति से मुद्दे को सुलझाने के लिए हम चीन के संपर्क में हैं। चीन के साथ भारत के सीमा विवाद पर राष्ट्रपति ट्रंप ने 2 दिन पहले बुधवार को मध्यस्थता की पेशकश की थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तब कहा था कि अमेरिका, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।
ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है अगर वो चाहें तो सीमा विवाद में अमेरिका मध्यस्थता करने को तैयार है।
इस महीने की शुरुआत से ही लद्दाख में चीनी सैनिक और भारतीय सैनिक आमने-सामने हैं, चीन की ओर से लगातार सैनिकों की संख्या बढ़ाने और बेस बनाने की खबरें आ रही हैं। ऐसे में भारत भी पूरी तरह से मुस्तैद है और शीर्ष स्तर पर इसको लेकर मंथन चल रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मसले पर प्रधानमंत्री कार्यालय में चर्चा की थी। पीएम ने मंगलवार को लद्दाख मामले पर पूरी रिपोर्ट ली, इसके अलावा तीनों सेना के प्रमुखों से विकल्प सुझाने के लिए कहा गया। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास पिछले कुछ दिनों से चीन की तरफ से सैन्य गतिविधियों के बढ़ने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति है। भारत के अपनी सीमा के अंदर सड़क निर्माण करने पर चीन विरोध जता रहा है. चीन की हरकतों को लेकर भारत भी अलर्ट मोड में है। दोनों देशों की सेनाओं ने हाल में सीमा पर गतिविधियां बढ़ीं हैं। माना जा रहा है कि 2017 में उपजे डोकलाम विवाद जैसी स्थिति फिर से दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुई है।
कुएं में डूबी सगी पांच बहन, 3 की मौत
बलरामपुर। जिले के रामचंद्रपुर थाना क्षेत्र के सिलाजु गांव में कल दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कुएं में डूबने से एक ही परिवार की तीन बेटियों की मृत्यु हो गई। इस घटना की खबर फैलते ही पूरे गांव में शोक की लहर छा गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है।
बताया गया कि कल पांच बच्चियां दोपहर में नहाने घर के पास मौजूद एक कुएं पर गई थी। इसी दौरान एक बच्ची का पैर फिसल गया और वह कुएं के भीतर गिर गई, उसे बचाने के लिए दूसरी बच्ची कुएं में कूद गई। लेकिन जब वह भी डूबने लगी तो उसे बचाने तीसरी बच्ची ने भी छलांग लगा दी। इस तरह एक के बाद एक पांचों बच्चियां एक दूसरे को बचाने कुआं में छलांग लगा दी। जैसे ही इस बात की जानकारी पड़ोसी को लगी तो वह तत्काल कुएं में कूदकर बच्चियों को बचाने की कोशिश की। लेकिन जब तक वह बच्चियों को बचा पाता तब तक तीन बच्चियों की डूबने से मौत हो गई। मृत बच्चियों के नाम संगीता (13 वर्ष), निर्मला (10 वर्ष) और पूजा (12 वर्ष) है। घटना के बाद से पूरे गांव में मातम पसर गया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा चार-चार लाख रूपए की सहायता राशि स्वीकृत की गई है।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस (हिंदी-दैनिक)
मई 30, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-291 (साल-01)
2. शनिवार, मई 30, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, शुक्ल-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।
4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:18।
5. न्यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.।
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गुरुवार, 28 मई 2020
एशिया की बड़ी स्लमबस्तियों में संक्रमण
धारावी में तेजी से फैल रहा कोरोना संक्रमण
मुंबई। मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़े स्लम एरिया धारावी में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। मिशन धारावी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय और बीएमसी यहां डोर टू डोर टेस्टिंग कैंपेन चला रही है। अब तक 47500 लोगों की जांच हो चुकी है। इसके अलावा 3224 फीवर कैंप्स चलाए जा रहे हैं। राज्य में अभी तक कुल 2,82,194 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के लिए जांच हुई है। वहीं, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बताया कि मुंबई में कोरोना वायरस के 1,185 नए मामले आए हैं, जबकि 23 और लोगों की मौत हुई है। शहर में अभी तक संक्रमण से 757 लोगों की मौत हुई है जबकि कुल 21,152 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं।
दिल्ली सरकार के मृत आंकड़े शंकाग्रस्त
टिड्डी दलः आतंक के साए में किसान
कुनाल सिंह ठाकुर की रिपोर्ट-
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच देश में टिड्डियों का तांडव भी जारी है. कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में अब टिड्डियों के झुंड ने तांडव मचा रखा है। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा के बाद अब महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पंजाब में रेगिस्तानी टिड्डों का दल बड़े पैमाने पर फसलों को नष्ट कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि तीन दशकों में यह देश में सबसे खराब टिड्डी हमला है. कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के 20, मध्य प्रदेश में 9, गुजरात में दो और उत्तर प्रदेश और पंजाब में एक-एक जिलों के 47,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले 303 स्थानों पर टिड्डी रोकथाम के उपाय और छिड़काव अभियान चलाए गए हैं।
सरकार विशेष छिड़काव मशीनों का उपयोग कर रही है और नजर रखने के लिए 11 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और राज्य के कृषि मंत्रियों और कीटनाशकों कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ तीन बैठकें कर चुके हैं। सरकार कीटनाशकों के हवाई छिड़काव के लिए ड्रोन के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर रही है।
टिड्डे वार्निंग ऑर्गेनाइजेशन (LWO) के अधिकारियों ने बताया कि कीट जिससे सब्जी और दलहनी फसलों के लिए खतरा है, ने भारत में रबी (सर्दियों) की उपज को प्रभावित नहीं किया है, लेकिन खरीफ की फसलों को बचाने के लिए सरकारी प्रयास मॉनसून से पहले ही खत्म हो गए है।
पंजाब में हाई अलर्ट
पंजाब के डायरेक्टर एग्रीकल्चर सवांत कुमार ऐरी ने कहा, ‘पंजाब को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है और प्रत्येक जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं और किसानों को टिड्डियों की किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।
एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर
टिड्डियों का जीवन सामान्यतया 3 से 6 माह का होता है. नमी वाले इलाकों में ये एक बार में 20 से 200 तक अंडे देती हैं, जो 10 से 20 दिन में फूटते हैं. शिशु टिड्डी का पेड़-पौधे खाती है, 5-6 हफ्ते में बड़ी हो जाती है. इन्हें मारने का सबसे अच्छा उपाय अंडों के फूटते ही उन पर रसायन का छिड़काव है. टिड्डी अपने वजन से कहीं अधिक भोजन एक दिन में खाती है. ये एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है फिलहाल मध्यप्रदेश में 8000 करोड़ रू की मूंग की फसल को इनसे खतरा है, बाकी राज्यों में ये कपास और मिर्ची को निशाना बना सकते हैं।
हरियाणा भी तैयार
हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा है कि टिड्डी दल यदि हरियाणा पहुंचता है तो कृषि विभाग इस समस्या के समाधान के लिए पूरी तरह तैयार है. हरियाणा प्रदेश के सभी कृषि वैज्ञानिकों व विभाग के अन्य कर्मचारियों को टिड्डी दल से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है. कृषि मंत्री ने भिवानी में बताया कि यदि टिड्डी दल हरियाणा पहुंचता है तो दवाई के छिड़काव से टिड्डी दल को वहीं मार दिया जाएगा।
कृषि मंत्रालय रख रहा है नजर
भारत सरकार ने टिड्डी नियंत्रण की मुहिम में ड्रोन्स का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. कृषि मंत्रालय ने बुधवार को इसका ऐलान किया. कृषि मंत्रालय के मुताबिक नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 मई को शर्तों के साथ टिड्डों के खिलाफ मुहिम छेड़ने के लिए ‘रिमोटली पाइलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम’ को मंज़ूरी दे दी है।
टिड्डों की समस्या पर नियंत्रण के लिए ड्रोन्स के जरिये कीटनाशकों के इस्तेमाल के लिए सरकार ने टेंडर के द्वारा दो कंपनियों की पहचान कर ली है. ड्रोन्स के जरिये बड़े पेड़ों और दुर्गम इलाकों में एरियल स्प्रेइंग करने की तयारी है. साथ ही टिड्डों के खिलाफ मुहीम तेज़ करने के लिए सरकार ने 60 अतिरिक्त स्प्रेयर यूनाइटेड किंगडम से मंगाने का फैसला किया है. साथ ही, 55 नई गाड़ियां कीटनशकों की छिरकाव के लिए खरीदने का फैसला लिया गया है.
पर्यावरण मंत्रालय ने बताया ‘बड़ा हमला‘
पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में टिड्डी दल के हमलों के बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि यह हमला बहुत गलत समय पर हुआ है जब देश पहले ही एक महामारी से जूझ रहा है. पर्यावरण मंत्रालय में महानिरीक्षक (वन्यजीव) सौमित्र दासगुप्ता ने कहा कि यह रेगिस्तानी टिड्डी है जिसने बड़ी संख्या में भारत में हमला बोला है और इसके हमले से फसलों को नुकसान हो सकता है।
उन्होंने ‘मीडिया’ से कहा, ‘‘टिड्डी दल का भारत में आना सामान्य घटनाक्रम है लेकिन इस बार यह हमला बड़ा है.” उन्होंने कहा कि इसमें बड़े टिड्डे हैं, मुख्य रूप से ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के हैं, जिनमें उड़ने की अधिक क्षमता है और बड़े झुंडों में चलते हैं जिससे फसलों को बड़ा नुकसान होता है.केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, इस समय राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में टिड्डी दलों का प्रकोप है. सबसे बुरी तरह राजस्थान प्रभावित हुआ है. मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि टिड्डी दलों का प्रकोप पूर्व की ओर बढ़ रहा है जिससे खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ सकता है. दासगुप्ता ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय की टिड्डों के प्रकोप को संभालने में कोई भूमिका नहीं है और इससे कृषि मंत्रालय और संबंधित राज्यों को निपटना होगा।
डब्ल्यूएचओ: व्यवस्था में होगा परिवर्तन
जिनेवा/नई दिल्ली। अपने नियमित कामकाज के लिए सदस्य देशों की मदद पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की निर्भरता समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन के नाम से बुधवार को एक नए संगठन की स्थापना की गयी।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस और डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. थॉमस जेल्टनर ने कोविड-19 पर आयोजित नियमित प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की। दोनों संगठनों के प्रमुखों ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। डॉ. तेद्रोस ने बताया कि कानूनी रूप से डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग संस्था है जो स्विटजरलैंड में पंजीकृत है।
यहीं जिनेवा में डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय भी है। वह डब्ल्यूएचओ के कामकाज के लिए गैर-पारंपरिक स्रोतों से पैसे जुटायेगा। ये पैसे आम लोगों और बड़े दानदाताओं से जुटाये जाएंगे। सहमति पत्र के जरिये दोनों संगठन एक-दूसरे से संबद्ध होंगे। अमेरिका द्वारा पिछले दिनों डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली मदद रोकने के परिप्रेक्ष्य में डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन की स्थापना महत्वपूर्ण है।
इससे संयुक्त राष्ट्र के तहत काम करने वाला वैश्विक स्वास्थ्य संगठन अपने खर्चे और परियोजनाओं के लिए सदस्य देशों की मदद पर निर्भर नहीं रहेगा हालाँकि एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. तेद्रोस ने नये फाउंडेशन की स्थापना और अमेरिकी मदद रोके जाने की घटना के बीच कोई संबंध होने से इंकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि इसकी अवधारणा दो साल पहले तैयार हुई थी तथा इस दिशा में पिछले साल मार्च में ही काम शुरू हो गया था। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि फाउंडेशन से मिलने वाली राशि सदस्य देशों से मिलने वाली मदद के अतिरिक्त होगी। इससे नयी परियोजनाओं पर काम शुरू करने में मदद मिलेगी और इस प्रकार डब्ल्यूएचओ के कामकाज का दायरा बढ़ सकेगा। शुरुआत में फाउंडेशन द्वारा जुटाई गयी राशि का इस्तेमाल कोविड-19 महामारी से लड़ने में किया जायेगा।
'लॉक डाउन 5.0', 11 शहरों पर फोकस
अकाशुं उपाध्याय
नई दिल्ली। लॉकडाउन 5.0 पर केंद्र सरकार की तरफ से कोई बयान अभी नहीं आया है। 31 मई को मन की बात कार्यक्रम है, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन 5.0 पर भी बोल सकते हैं। इसमें ज्यादातर चीजों को खोलने की कोशिश हो सकती है। लॉकडाउन 5.0 में क्या छूट मिल सकती हैं देखिए
11 शहरों पर होगा फोकस
कोरोना लॉकडाउन 5.0 मुख्य तौर पर 11 शहरों पर फोकस होगा। इसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, ठाणे, इंदौर, चेन्नै, अहमदाबाद, जयपुर, सूरत और कोलकाता। ये वे शहर हैं जहां कोरोना केस ज्यादा हैं।
15 जून तक स्कूल खुलना मुश्किल
स्कूल खुलना फिलहाल मुश्किल दिख रहा है। 15 जून तक स्कूलों और कॉलेजों को बंद ही रखा जा सकता है। वैसे भी राज्य सरकारें कह चुकी हैं कि स्कूल गर्मी की छुट्टियों के बाद ही खुलेंगे।
मेट्रो हो सकती है शुरू, इंटरनैशनल फ्लाइट्स पर पाबंदी
रेलवे और घरेलू फ्लाइट को सरकार पहले ही शुरू कर चुकी है। मेट्रो सर्विस को भी एक जून से दोबारा शुरू किया जा सकता है। हां इंटरनैशनल फ्लाइट्स पर अभी पाबंदी ही रहेगी।
पूजा स्थल खोल सकते हैं राज्य
धार्मिक स्थानों को खोला जाए या नहीं यह फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा जा सकता है। कर्नाटक सरकार पहले ही पीएम मोदी को पत्र लिखकर 1 जून से धार्मिक स्थानों को खोलने की इजाजत मांग रही है।
सलून, जिम और शॉपिंग मॉल खुल सकते हैं
सलून के बाद मोदी सरकार जिम और शॉपिंग मॉल्स को खोलने का फैसला राज्य सरकार पर छोड़ सकती है। हालांकि, कंटेनमेंट जोन में इन्हें खोलने की छूट मुमकिन नहीं। दिल्ली समेत कुछ जगहों को छोड़कर बाकी जगहों पर सूलन खुल रहे हैं।
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