बुधवार, 13 मई 2020

भारतः संक्रमण में कनाडा को पछाड़ा

नई दिल्ली। दुनिया में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या अब 43 लाख के पार पहुंच चुकी है। जबकि भारत में भी इस वायरस से पॉजीटिव लोगों की संख्या बहुत ही तेजी से बढ़ती जा रही है। भारत में यह संख्या अब 74 हजार के पार पहुंच चुकी है। इसके साथ ही भारत कोरोना वायरस से बुरी तरह से प्रभावित होने वाला दुनिया का 12वां देश बन गया है। इस मामले में अब भारत ने कनाडा को भी पीछे छोड़ दिया है।


भारत के लिए यह रिपोर्ट बड़ी चिंता का कारण है। लॉकडाउन के दौरान छूट देने के बाद देश में संक्रमित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। वाशिंगटन पोस्ट के आंकड़ों के अनुसार, कनाडा में मंगलवार तक कोरोना विषाणु से संक्रमित लोगों की संख्या 71,339 हो गई थी। जबकि भारत में यह संख्या अभी तक 74 हजार के आंकड़े को पार कर चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या 74281 हो गई है। इनमें 47480 एक्टिव केस हैं। यह खतरनाक वायरस अभी तक देश में 2415 मरीजों की जान ले चुका है। जबकि 24385 लोग इस वायरस के खिलाफ जंग जीत चुके हैं।


पीएम ने चीनी राष्ट्रपति की नींद उड़ाई

नई दिल्‍ली। उधर चीन सिक्किम और लद्दाख की सीमा पर हेलिकॉप्टर ही उड़ाता रह गया इधर भारत ने चुपचाप ऐसी चोट मारी है जिससे उबरने में चीन को बरसों लग जायेंगे। चीन में काम कर रहीं 1000 हजार से ज्यादा कंपनियों को अपनी ओर खींच कर मोदी सरकार ने शी जिनपिंग की नींद हराम तो कर ही दी थी अब लोकल-वोकल, लोकल-ग्लोबल का नारा देकर चीन से आयात में भारी कमी के संकेत दे दिये। चीन में काम कर रही विदेशी कंपनियों को उखाड़ कर अपने यहां बसाने और आयात में कमी चीन पर ठीक वैसी ही आर्थिक स्ट्राइक है जैसी भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी। सर्जिकल स्ट्राइक में पाकिस्तान के भीतर घुस कर मारा था यहां भी चीन के भीतर घुसकर उसके उद्योग धंधों पर स्ट्राइक कर दी है। चीन मोदी के इस पैंतरे को हमेशा याद रखेगा। इस स्ट्राइक के बाद चीन सुधर जायेगा या फिर पाकिस्तान की तरह बर्बादी के कगार पर पहुंच जायेगा। चीन यह भी याद रखेगा कि उसने कोरोना के जरिए पूरी दुनिया को आर्थिक तौर पर पंगु बनाने की जो साजिश रची थी उसका जवाब भारत ही दे पाया।


दरअसल, चीन ने दुनिया में कोरोना फैलाकर पूरे विश्‍व को आर्थिक तौर पर पंगू बना दिया है। विश्‍व के लगभग 200 देश कोरोना के डर की वजह से लॉकडाउन लागू करने को मजबूर हो गए हैं, जिसकी वजह से विश्‍व आर्थिक मंदी के मुहाने पर आ खड़ा हुआ है। इसी मंदी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को सबक सीखाने के लिए ऐसी आर्थिक स्ट्राइक कर दी, जिसके बारे में किसी ने सोचा भी नहीं था। पीएम मोदी बड़े ही सधे हुए अंदाज में ऐसी बात कह गए, जिसके बारे में शायद ही कोई सोच रहा होगा। उन्‍होंने देशवासियों से आह्वान किया कि वह वोकल होकर अब लोकल को अपनाए।मतलब साफ था कि मेड इन चाइना की जगह मेड इन इंडिया ही चलेगा। इसके बाद यह साफ हो गया कि जिस तरह से इस बार के बजट में भारत को मैन्‍युफैक्‍चरिंग हब बनाने का सपना देखा गया था, अब पीएम मोदी उसको आगे ले जाने को तैयार हैं। इसके लिए पीएम मोदी ने करीब 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का भी ऐलान किया।


चीन पर ऐसे की सर्जिकल स्‍ट्राइ‍क


पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में साफ किया कि छोटे उद्योग ओर मजदूरों को देखते हुए एक बड़े आर्थिक पैकेज का जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि इसके लिए सरकार की तरफ से 20 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। पीएम ने इसके बाद अपने देश की सप्‍लाई चेन को मजबूत करने का निर्देश दिया है। पीएम की इन बातों से साफ है कि देश में अब खुद अपनी जरूरतों का सामान बनाया जाए और उसको दुनिया में पहचान दिलाने की कोशिश की जाए। पीएम मोदी के इन वाकयों में निशाना चीन था। क्‍योंकि देश में अभी तक ज्‍यादातर सामान चीन से आता है और हम उसी के ऊपर निर्भर रहते हैं। लेकिन कोरोना के आने के बाद स्थिति बदल गई क्‍योंकि पीएम ने बताया कि जब कोरोना संकट शुरू हुआ, तब भारत में एक भी पीपीई (PPE) किट नहीं बनती थी। एन-95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति ये है कि भारत में ही हर रोज 2 लाख PPE और 2 लाख एन-95 मास्क बनाए जा रहे हैं। जिसके बाद साफ है कि अगर भारत चाह ले तो वह अपने आप आत्‍मनिर्भर बन सकता है और चीन से आने वाले सामान को रोका जा सकता है। जिससे चीन को एक बड़ा झटका देकर अपनी अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूत किया जा सकता है।प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि एक बार उन्‍होंने देशवासियों से खादी के प्रयोग की अपील की थी, जिसके बाद खादी की ब्रिकी और उत्‍पादन में रिकॉर्ड उछाल आया है। इसके साथ ही विश्‍व में भी खादी को एक नई पहचान मिली है। ऐसे में पीएम ने साफ कर दिया है कि आने चाले समय में भारत खुद आत्‍मनिर्भर बनकर देश को एक नई गति देगा।


तंजः असली पैकेज तो 4 लाख करोड़

नई दिल्ली। कोरोना महासंकट के बीच मोदी सरकार ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। सरकार ने कहा है कि इस वित्तीय पैकेज के जरिए देश को आत्मनिर्भर बनाना है। इसी बीच देश के मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने तंज कसा है। सिब्बल ने कहा है कि असली पैकेज तो 4 लाख करोड़ है।


बीजेपी अध्यक्ष ने किया स्वागत
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित ऐतिहासिक आर्थिक पैकेज की सराहना की है। जेपी नड्डा ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत जो ऐतिहासिक आर्थिक पैकेज घोषित किया है, वह न केवल कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ने के लिए, बल्कि देश को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी है।


ताइवान ने मांगी मदद, भड़का चीन

नई दिल्ली। चीन लगातार ताइवान को अपने देश का अभिन्न अंग बताता रहा है। हाल ही में, जब ताइवान ने ‘विश्व स्वास्थ्य सभा’ (डब्ल्यूएचए) में शामिल होने के लिए भारत से मदद मांगी तो नई दिल्ली स्थित चीनी दूतावास की तुरंत प्रतिक्रिया आई। दूतावास ने कहा कि इस मामले का प्रबंध ‘वन-चाइना प्रिंसिपल’ (वन-चाइना सिद्धांत) को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए। चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) सहित उसकी सभी गतिविधियों में ताइवान क्षेत्र की भागीदारी पर चीन की स्थिति स्पष्ट और सुसंगत है। इसे वन-चाइना सिद्धांत के अनुसार संभाला जाना चाहिए। ताइवान चीन का अभिन्न अंग है।


प्रवक्ता ने कहा कि वन-चाइना सिद्धांत के तहत, चीन की केंद्र सरकार ने वैश्विक स्वास्थ्य मामलों में ताइवान क्षेत्र की भागीदारी के लिए उचित व्यवस्था की है, जो सुनिश्चित करता है कि क्षेत्र स्थानीय या वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति से समय पर और प्रभावी तरीके से निपट सकता है। कोरोना वायरस से लड़ने में ताइवान ने अभूतपूर्व सफलता हासिल की। उसने भारत के साथ कोई औपचारिक संबंध नहीं होने के बाद भी, पिछले सप्ताह 10 लाख सर्जिकल मास्क भारत को दान दिए। राजनयिक सूत्रों ने कहा कि इस दान को डब्ल्यूएचओ की बैठक में भाग लेने के अपने प्रयासों के लिए भारत से समर्थन के आह्वान के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।


ओवैसी ने लॉक डाउन असंवैधानिक बताया

हैदराबाद। कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए लगे देशव्यापी लॉकडाउन को एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने असंवैधानिक करार दिया और मांग की कि राज्य सरकार संकटग्रस्त प्रवासी मजदूरों को राहत देने के लिए कदम उठाए। ओवैसी ने सोमवार रात एक ऑनलाइन जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह लॉकडाउन असंवैधानिक है। भारत सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन कानून, महामारी कानून के तहत पूरे देश को लॉकडाउन में नहीं रख सकती।


यह संघवाद के खिलाफ है, यह राज्य का विषय है. मुझे पता नहीं कि राज्य सरकारें क्यों चुप हैं। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 16 प्रवासी मजदूरों की ट्रेन से कुचलने से मौत की घटना का जिक्र करते हुए ओवैसी ने दावा किया कि लॉकडाउन बिना योजना के लागू किया गया और प्रवासी श्रमिक परेशानी में हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिक अपने राज्यों तक पहुंचने के लिए सैकड़ों किलोमीटर पैदल चल रहे हैं। ओवैसी ने सामाजिक दूरी बनाकर रखने की जरूरत पर जोर दिया और महाराष्ट्र में मालेगांव के लोगों से दूरी बनाकर रखने और अनुशासन का पालन करने की अपील की जहां वायरस तेजी से फैल रहा है। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और राज्य सरकार में शामिल अन्य नेताओं से मालेगांव के संबंध में ध्यान देने को कहा। तेलंगाना के भैंसा में हाल ही में हुई कथित सांप्रदायिक झड़पों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस घटना पर कड़ा संज्ञान लेना चाहिए। साथ ही मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जो भी इस घटना के दोषी हों चाहे वो किसी धर्म या जाति के हों उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए। ओवैसी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत दिल्ली में कुछ महिलाओं की कथित गिरफ्तारी को अपवाद बताया।


चीन बड़ा भागीदार पर कृतज्ञ नहीं

नई दिल्ली। चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, लेकिन उसके साथ भारत का 29 अरब रुपए का विशाल व्यापार घाटा भी है। यानी चीन बड़े स्तर पर लाभ की स्थिति में है। पर इसके बावजूद चीन भारत के प्रति कृतज्ञता का भाव नहीं दिखाता। भारत को चीन से अपने आयातों में भारी कटौती करनी होगी और चोरबाजारी से आ रहे चीनी सामानों को पूरी तरह बंद करना होगा ताकि उसकी आर्थिक कमर टूट जाए।


भारत को भी चीन पर अपनी निर्भरता घटानी होगी. यही ही नहीं, भारत को चीन से कोरोना के कारण बाहर जाने वाली दिग्गज जापान, दक्षिण कोरिया, यूरोप और अमेरिका की कंपनियों को अपने यहां निवेश करने का आकर्षक निमंत्रण देना होगा। ये भारत के लिए संसार का एक बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनेने का मौका भी है। इस अवसर को कतई छोड़ा नहीं जा सकता। मतलब यह कि अब चीन पर दोतरफा हमला बोलना होगा। पहला, चीन से आयात तेजी से कम किया जाए. दूसरा, चीन से अपना निवेश बाहर लेकर जा रही कंपनियो को भारत में बुलाया जाए. इन दोनों कदमों से चीन को दिन में तारे नजर आने लगेंगे।


राजस्थान में संक्रमितों की संख्या-1285

जयपुर। प्रदेश की राजधानी जयपुर में मंगलवार रात तक 34 नए कोरोना संक्रमित सामने आए थे। इसके बाद संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1285 हो गई। इनमें दो इटली व दो यूपी के नागरिकभी शामिल हैं। वहीं, मंगलवार को आमेर रोड स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान में तैनात एक सुरक्षा गार्ड के संक्रमित होने की खबर मिलने से सनसनी मच गई। वहां पहुंची मेडिकल टीमों ने संक्रमित सुरक्षा गार्ड के कॉटेक्ट में आए लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया।6 स्वास्थ्यकर्मी, 2 सफाईकर्मी, 1 रेजीडेंट व एक मैस कर्मचारीभी पॉजिटिव आए।


इसी तरह, शहर में सुपर स्प्रेंडर्स के संक्रमित होने का सिलसिला जारी है। मंगलवार दोपहर को ही ब्रह्मपुरी रोड पर गुरुनानक कॉलोनी में एक सब्जी विक्रेता पॉजिटिव आया। इसी तरह, बजाज नगर में भी सब्जी विक्रेता संक्रमित मिला। इसके अलावा मंगलवार रात तक नगर निगम जयपुर के चार कर्मचारी सहित एसएमएस अस्पताल और जनाना महिला चिकित्सालय के चार नए केस सामने आए।


ब्रह्मपुरी रोड पर गुरुनागक कॉलोनी में एक सब्जी विक्रेता के कोरोना संक्रमित आने पर मंगलवार को उनके घर पहुंची मेडिकल टीम।


चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार को 32 वर्षीय एक रेजीडेंट संक्रमित सामने आया। वह महिला चिकित्सालय में ड्यूटी पर था। इसके अलावा महिला चिकित्सालय में ही फिमेल नर्सिंग स्टॉफ, अस्पताल के सामने धर्मशाला में कार्यरत एक सफाईकर्मी भी संक्रमित हुए। इसी तरह, चांदपोल जनाना अस्पताल में मेल नर्स पाॅजिटिव निकला। इसके अलावा संक्रमित आईफिमेल नर्स आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी पर थी। इसी अस्पताल में ही मेस कर्मचारी और एक अन्य वर्ड लेडी के भी कोरोना संक्रमित होने की जानकारी सामने आई है।


पीएम के पैकेज पर बिहार में सियासत

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कोरोना संकट के बीच कुल 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद बिहार की सियासत गरम हो गई। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने जहां इस पैकेज के बहाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसका स्वागत किया। इधर, कांग्रेस ने भी इस पैकेज को लेकर भ्रम पैदा करने वाला बताया। प्रधानमंत्री के पैकेज की घोषणा के बाद बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने नरेंद्र मोदी के पुराने वादों को लेकर नीतीश कुमार पर निशाना साधा।


तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर नीतीश कुमार से स्पेशल पैकेज का स्टेटस रिपोर्ट मांगा है़ राजद नेता ने अपने ट्वीट में लिखा है, “2015 में नाटकीय ढंग से बिहार के विकास के लिए 1 लाख 65 हजार करोड़ का एक भारी भरकम पैकेज घोषित किया गया था। 5 साल बाद हम नीतीश कुमार जी से आग्रह करते है कि उस बहुप्रतीक्षित पैकेज की केंद्र से प्राप्त और खर्च धनराशि पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें या उस पर एक बयान जारी करें।”इधर, भाजपा के नेता और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने प्रधानमंत्री द्वारा घोषित पैकेज का स्वागत किया। पांडेय ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। मैं इस आर्थिक पैकेज का स्वागत करता हूं और इस जनहितार्थ महान निर्णय के लिए प्रधानमंत्री को कोटि कोटि धन्यवाद देता हूं।”


इधर, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के पैकेज को भ्रम पैदा करने वाला बताया। युवा कांग्रेस के बिहार ईकाई के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष के महत्वपूर्ण सुझाव के बाद प्रधानमंत्री का पैकेज घोषणा करना बेहतर कदम है, फिर भी प्रधानमंत्री का अपारदर्शी घोषणा बहुत बड़ा भ्रम पैदा करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को समय सीमा भी बताना चाहिए था कि ये 20 लाख करोड़ का पैकेज कितने वर्षो तक बंटेगा और कितने पूर्व से और कितने विभागों के पूर्व में खर्च हो चुके बजट को इसमें जोड़ा गया है।


उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के इस आपदाकाल में भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 130 करोड़ जनता के मन मस्तिष्क के साथ खेलने का काम कर रहे हैं। इस भीषण आपातकालीन परिस्थिति में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों-मजदूरों तथा कोरोना के आपदा के शिकार कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा। उल्लेखनीय है कि मंगलवार की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के संक्रमण काल में 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है।


किसानों को 3 महीने फिक्स चार्ज से राहत

देहरादून। उततराखंड की त्रिवेंद्र कैबिनेट ने कृषि उपज एव पशुधन संविदा एवं खेती सेवाएं अधिनियम 2017 को स्वीकृत कर दिया है। केंद्र सरकार के अधिनियम को उत्तराखंड सरकार ने अपनाया लिया है। उद्योगों के लिए बायलर अधिनियम में जांच की व्यवस्था में संसोधन 31- 05- 2020 तक जांच में राहत की मांग का आया प्रस्ताव भी आया था। इसे स्वीकार करते हुए सरकार ने 30 जून तक किसी भी व्यवस्था इलाज करा सकने की इजाजत दे दी। कैबिनेट में सबसे पहले पीएम मोदी को देश के लिए 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा पर आभार जताया। कैबिनेट ने विशेष श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत प्रदान करते हुए अब इस श्रेणी के के तहत, फिक्स जार्च में छूट मिलेगी। 6 करोड़ रुपये फिक्स चार्ज विशेष श्रेणी के उपभोक्ताओं पर 3 महीने का आएगा, जिसे राज्य सरकार वहन करेगी। 20 हजार किसानों को ट्यूबवेल की फिक्स चार्ज पर भी 3 महीने तक के लिए छूट दे दी गई है। व्यावसायिक उपभोक्ताओं के भी तीन महीने का फिक्स चार्ज माफ किया गया है। आर्थिक नुकसान को लेकर इंदु कुमार पांडेय की रिपार्ट कैबिनेट में पेश की गई। बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग में लिपकीय संवर्ग का एकीकरण अब तक जिला संवर्ग और निदेशालय संवर्ग के लिपकीय संवर्गके तहत आता था।


जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि 57,496 लोग सरकारी सुविधा से घर पहुंच चुके हैं। अपने निजी वाहनों से भी हजारों की संख्या में लोग अपने घरों को पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि सिक्किम से भी दस लोग उत्तराखंड पहुंचे। घर वापसी के लिए सबसे ज्यादा आवेदन दिल्ली और मुंबई से मिले हैं। कैबिनेट ने चिकित्सा शिक्षा विभाग में जिलों से निदेशालय में आने वालों को राहत देते हुए 655 पदों के एकीकरण के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है। अब उन्हें अब प्रमोशन और अन्य सुविधाओं का लाभ भी मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि ग्रीन ज़ोन में राहत को लेकर केंद्र के निर्देशों का इंतज़ार हो रहा है। राज्य ने केंद्र को अपने सुझाव भेज दिए हैं। उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्रा को लेकर केंद्र के निर्देशों पर होगा काम ही काम किया जाएगा।


यूपी के लिए अच्छी खबर,1873 हुए ठीक

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में ऐसा पहली बार हुआ है जब कोरोना के डिस्चार्ज मरीजों की संख्या एक्टिव मामलों से ज्यादा हुई है। प्रदेश के लोगों के लिए यह राहत देने वाली बात है। मंगलवार तक डिस्चार्ज हुए कोरोना मरीज़ों की संख्या 1873 रही तो एक्टिव केस 1709 रह गए। मंगलवार को 112 नए मामले कोरोना पॉजिटिव पाए गए। अब तक 3664 मरीज़ कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। यह जानकारी चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को अपर मुख्य सचिव गृह व सूचना अवनीश अवस्थी के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दी।


अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में पूल टेस्टिंग के माध्यम से नमूने की जांच का काम तेज़ी से चल रहा है। मंगलवार को 289 पूल टेस्ट किए गए, जिनमें 32 पॉजिटिव निकले। इन 32 पूलों को अलग कर उसमें शामिल नमूनों की एक-एक करके जांच की जा रही है। इसी तरह आरोग्य सेतु ऐप से मिलने वाले अलर्ट को सम्बंधित जिला प्रशासन को जांच के लिए भेजा जा रहा है। संक्रामक रोग के कण्ट्रोल रूम में 2722 कॉल आईं। उन कॉलों के आधार पर संबंधित क्षेत्र की जांच की गई तो 10 पॉजिटिव केस मिले।


प्रमुख सचिव ने बताया बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों में से कुछ श्रमिकों में कोरोना का लक्षण पाया गया है। उन्हें अस्पतालों में आइसोलेशन बेड पर रखा गया है। जिन श्रमिकों में लक्षण नहीं पाए गए, उन्हें भी घर में होम क्वारेंटीन करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं। गांव और मोहल्लों की निगरानी समितियां उन पर नज़र रख रही हैं।मंगलवार को हापुड़ और मेरठ में एक-एक मौत हुईं। इस तरह अब तक 82 मौत हो चुकी हैं। मंगलवार को नए मिले 112 मरीजों में अकेले आगरा के 24 हैं। मंगलवार को 115 मरीज ठीक होकर घर वापस चले गए। अब तक 1873 मरीज ठीक होकर घर वापस जा चुके हैं। अब तक तबलीगी जमात के 1221 मरीज संक्रमित पाए गए हैं। अब तक हुई 82 मौतों में से सबसे ज्यादा आगरा में 24 हुई हैं। इसके बाद मेरठ में 14 मौतें हुई हैं। मुरादाबाद में सात मौतें हुई हैं। कानपुर में छह मौतें हुई हैं। मथुरा में चार मौत हुई हैं। फिरोजाबाद में चार और अलीगढ़ में तीन मौत हुई हैं। झांसी, नोएडा और गाजियाबाद में दो-दो मौत हुई हैं। लखनऊ, अमरोहा, वाराणसी, बस्ती, बुलंदशहर,श्रावस्ती, बरेली, कानपुर देहात, मैनपुरी, बिजनौर, एटा, प्रयागराज, ललितपुर और हापुड़ में एक-एक मौत हुई है।


बीते 24 घंटों में आगरा में 24, लखनऊ में चार, गाजियाबाद में दो, नोएडा में सात, कानपुर नगर में पांच, मुरादाबाद में दो, वाराणसी में एक, शामली में एक, बागपत में तीन, मेरठ में 14, बुलंदशहर में एक, हापुड़ में दो, फिरोजाबाद में एक, हरदोई में दो, प्रतापगढ़ में दो, बांदा में एक, महाराजगंज में एक, बिजनौर में दो, कन्नौज में पांच, गोंडा में तीन, अलीगढ़ में तीन, बहराइच में एक, जालौन में छह, सिद्धार्थनगर में पांच, अमेठी में पांच, चित्रकूट में दो, फतेहपुर में एक और फर्रुखाबाद में छह के साथ 112 मरीज कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं।


115 लोग मंगलवार को डिस्चार्ज हुए
मंगलवार को 115 मरीज डिस्चार्ज हुए हैं। अब तक 3664 संक्रमित मरीजों में से 1873 ठीक होकर घर वापस चले गए हैं। इनमें आगरा के 326, लखनऊ के 211, गाजियाबाद के 75, नोएडा के 141, लखीमपुर के चार, कानपुर नगर के 148, पीलीभीत के चार, मुरादाबाद के 90, वाराणसी के 51, शामली के 27, जौनपुर के आठ, बागपत के 16, मेरठ के 70, बरेली के आठ, बुलंदशहर के 54, बस्ती के 24,हापुड़ के 30, गाजीपुर के छह, आजमगढ़ के आठ, फिरोजाबाद के 99, हरदोई के दो, प्रतापगढ़ के छह, सहारनपुर के 159, शाहजहांपुर का एक, बांदा में तीन, महाराजगंज के छह, हाथरस के पांच, मिर्जापुर के तीन, रायबरेली के 35, औरैया के 12, बाराबंकी का एक, कौशाम्बी के दो, बिजनौर के 27, सीतापुर के 21, प्रयागराज का चार, मथुरा के नौ, रामपुर के 21, बदायूं के 16, मुजफ्फरनगर के 19, अमरोहा के 26, भदोही का एक, कासगंज के तीन, इटावा के दो, संभल के 13, उन्नाव का एक, कन्नौज के सात, संतकबीरनगर के 17, मैनपुरी के चार, गोंडा के दो, मऊ का एक, एटा के तीन, सुलतानपुर का तीन, अलीगढ़ के 22, श्रावस्ती के तीन, बहराइच के नौ, बलरामपुर का एक, अयोध्या का एक और महोबा के दो हैं।


नमक की कालाबाजारी, जुर्माना लगाया

नमक की कालाबाजारी, अधिक दाम वसूलने वाले 12 दुकानदारों से वसूले 84000 रूपये जुर्माना, आगे गड़बड़ी की तो निरस्त होंगे लाइसेंस


 मनोज सिंह ठाकुर    


दुर्ग। जिले में नमक की कृत्रिम कमी के हालात उत्पन्न करने वाले व्यापारियों के खिलाफ आज खाद विभाग एवं नापतोल विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई की गई शहर भर में अलग-अलग दलों के द्वारा 26 प्रतिष्ठानों की जाँंच की गई जिसमें निर्धारित दर से अधिक कीमत पर नमक बेचते हुए प्रमाणित होने पर कुल 84000 का अर्थदंड आरोपित कर वसूल किया गया साथी व्यापारियों को चेतावनी भी दी गई कि भविष्य में निर्धारित दर से अधिक कीमतों पर नमक विक्रय करते हुए पाए जाने पर उनका लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा खाद्य नियंत्रक ने बताया कि, आगे भी राजस्व विभाग खाद्य विभाग नगरी निकाय एवं नापतोल विभाग के द्वारा नियमित रूप से कार्रवाई की जाती रहेगी।


खाद्य नियंत्रक सी.पी.दीपांकर ने बताया कि, कल जिले में नमक की कमी बताकर झूठी अफवाह फैलाई गई थी इसके बाद से बाजार में नमक खरीदी को प्ले कर ग्राहकों की भीड़ बाजारों में उमड़ गई थी जिला खाद्य विभाग द्वारा इस संबंध में अपील भी की गई थी कि, नमक के भंडारण की कोई कमी नहीं है इसके बावजूद आज नमक कारोबारियों के द्वारा जबरिया अधिक कीमत पर नमक का विक्रय किया जा रहा था नापतोल विभाग एवं खाद्य विभाग द्वारा जिले में अलग-अलग स्थानों पर दल बनाकर कार्रवाई की गई जिसमें साहू किराना एवं जनरल स्टोर वार्ड 4 कुम्हारी पर 25000 सुमन पटेल चंद्रशेखर आजाद नगर भिलाई 5000 माही किराना स्टोर बडौदा 5000 एजाज अहमद गौतम नगर 2000 हरीश किराना स्टोर पाटन 7000 किसान बंधु किराना स्टोर पाटन 4000 बालाजी किराना स्टोर जुनवानी 5000 खान किराना स्टोर कोरिया 5000 प्रवीन किराना स्टोर नगर पंचायत धमधा 8000 भाले किराना स्टोर 5000 सखाराम किराना 3000 एवं गुलाब किराना स्टोर जेवरा सिरसा से 10000 कुल 84000 रुपए नगद अर्थदंड आरोपित किया गया जिसकी वसूली निकायों द्वारा की गई इन दुकान संचालकों को भविष्य में भी अधिक दर पर खाद सामग्री ना विक्रय किए जाने की चेतावनी दी गई है निर्धारित दर से अधिक दर पर विक्रय करते पाए जाने पर दुकान की अनुज्ञप्ति निरस्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी खाद्य नियंत्रक ने बताया कि, यह जांँच शतक राजस्व विभाग खाद्य विभाग नगरी निकाय एवं नापतोल विभाग के द्वारा नियमित की जाएगी।


राज्यों की आर्थिक मदद करनी चाहिए

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए संदेश में 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा पर कहा कि इस पर पूरी प्रतिक्रिया तभी दी जा सकती है जब यह पता चले कि कितना पैसा उद्योगों को, कितना व्यापार को, कितना कृषि क्षेत्र को और कितना श्रमिकों को मिल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यों को आर्थिक सहायता मिलनी ही चाहिए। श्री बघेल ने कहा कि कोरोना संकट से तो अब तक राज्य सरकारें ही जूझ रही हैं। केंद्र ने तो सिर्फ आदेश जारी किए हैं।


इस बीच राज्यों की आर्थिक स्थिति बहुत खऱाब हुई है। ऐसे में यह भी देखना होगा कि इस पैकेज में राज्यों को क्या मिलता है। राज्यों को आर्थिक सहायता मिलनी ही चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान फैसला करने की स्वतंत्रता राज्यों को मिलनी चाहिए। दिल्ली से छत्तीसगढ़ नहीं दिख सकता। रायपुर में 25 मार्च से कोई कोरोना केस नहीं मिला है लेकिन यह रेड जोन में है। राज्यों को तय करने दीजिए कि रेड, ऑरेंज और ग्रीन ज़ोन में कौन से इलाके रहेंगे।
श्री बघेल ने कहा कि अगर रेल और हवाई सेवाएं शुरु हों तो राज्यों को विश्वास में लें। अगर लोग एकाएक आकर अपने घर जाने लगेंगे तो हमारे किए धरे पर पानी फिरने की आशंका बनी रहेगी।


फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज

फिल्म 'जानू आई लव यू' का फर्स्ट लुक रिलीज  कविता गर्ग  मुंबई। निर्माता रत्नाकर कुमार, सुपरस्टार अक्षरा सिंह और विक्रांत सिंह राजपूत ...