बुधवार, 19 मई 2021

एचसी ने किया नोटिस जारी, 2 दिन में जवाब मांगा

कोविड अस्पताल प्रबंधक की याचिका पर कार्रवाई
बिलासपुर । निजी अस्पताल को कोविड मरीजों के इलाज के लिए दी गई अनुमति वापस लिए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन, राजनांदगांव कलेक्टर व सीएमएचओ को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।

राजनांदगांव के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालक द्वारा दायर याचिका में बताया गया है कि वहां कोविड संक्रमित मरीजों का उपचार शासन के निर्देश के अनुसार व्यवस्थाएं करके किया जा रहा है। इस बीच अनियमितता की एक शिकायत मिलने पर सीएमएचओ ने अस्पताल को कोविड के इलाज के लिए दी गई अनुमति वापस ले ली। इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन ने न तो उसे कोई नोटिस जारी किया, और न ही उसका पक्ष सुना गया। इसके अलावा कार्रवाई करने का अधिकार कोरोना प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत केवल कलेक्टर को है ,जबकि उक्त आदेश सीएमएचओ की ओर से जारी किया गया है। ग्रीष्मकालीन सिंगल बेंच में जस्टिस संजय के अग्रवाल ने इस मामले की वर्चुअल सुनवाई करते हुए राज्य शासन, कलेक्टर व राजनांदगांव के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब मांगा है।

बिहार: कोरोना से 600 से अधिक शिक्षकों की मौत

अविनाश श्रीवास्तव   
पटना। कोरोना संक्रमण से आये दिन किसी ना किसी शिक्षक की मौत हो रही है। पटना जिले की बात करें तो अभी तक 35 शिक्षकों की मौत कोरोना से हो चुकी है। यह स्थिति सूबे के सभी 38 जिलों की है। सभी जिलों में कोरोना से मरने वाले शिक्षकों की संख्या 600  से अधिक है।पटना जिला शिक्षा कार्यालय के अलावा कई जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक छह सौ से अधिक शिक्षक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। 
वहीं, कई शिक्षक अभी भी कोरोना संक्रमित होकर हास्पीटल में गंभीर स्थिति में हैं। ज्यादातर शिक्षकों का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। शिक्षक तो दुनिया से चले गये, लेकिन इनके परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय है। कई शिक्षक का तो पूरा का पूरा परिवार ही कोरोना की चपेट में अब भी है। इनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। 
जमीन गिरवी रख कर करवाया इलाज 

प्राथमिक विद्यालय चरिहानी गौनाहा पश्चिम चंपारण के शिक्षक मृत्युंजय पांडेय की मृत्यु कोरोना से हो गयी है। उनकी पत्नी पूनम देवी ने बताया कि जमीन गिरवी रख कर इलाज करवा रहे थे। वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय बुढ़नीचक बाढ़ में सहायक शिक्षक राजकुमार राय की मृत्यु 21 अप्रैल को कोरोना से हो गई। पत्नी शारदा ने बताया कि 15 दिन हास्पीटल में भरती रखा। 80 हजार खर्च हुआ। शादी का जेवर गिरवी रखा है। फिर भी नहीं बच पाए।

केस-1

संतोष कुमार की उम्र 36 साल है। 2014 में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर बिंद नालंदा में नियोजन हुआ था। नौ मई को संतोष कुमार की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हो गयी। पत्नी की हालत खराब है। चार साल का बेटा और दो साल की बेटी है। पिछले साल संतोष कुमार के पिता और माता दोनों की मृत्यु हो गयी थी। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। पत्नी नीरू ने बताया कि नालंदा में किराये के मकान में रहते हैं।

केस-2

कमला सिन्हा 31 साल के थे। मध्य विद्यालय देवमाहा धनरूआ में सहायक शिक्षक के पद पर 2014 में नियोजन हुआ था। 24 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गयी। दो छोटे बच्चे हैं। आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी। घर में कमाने वाले केवल कमला सिन्हा ही थे। पत्नी ने बताया कि छह महीने से उधार पर राशन पानी खरीद रहे थे।

आपदा राहत के तहत चार लाख का विशेष अनुदान

शिक्षकों की हो रही मौत पर तमाम शिक्षक संघ विशेष अनुदान देने की मांग कर रहे हैं। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया कि जिन शिक्षकों की जान कोरोना संक्रमण से जा रही है, उनके परिजन को ईपीएफ एवं आपदा राहत के तहत चार लाख की विशेष अनुग्रह राशि दी जाय, जिससे उन परिवार का भरण पोषण हो सके। वहीं, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने भी दिवंगत शिक्षकों को विशेष अनुग्रह राशि देने की मांग की है।

मोदी की लोकप्रियता में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज

सौमित्र रॉय 
नई दिल्ली। अमेरिकी कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट दुनिया भर के नेताओं की इमेज पर नज़र रखती है। कंपनी का कहना है कि मोदी की लोकप्रियता इस समय सबसे नीचे है। अप्रैल में मोदी की लोकप्रियता में 22% की गिरावट आई थी।
मोदी की इमेज सबसे ज़्यादा विदेशों में खराब हुई है। यहां तक कि मोदी नेपाल भी जाने लायक नहीं रहे, क्योंकि वहां कोविड की दूसरी लहर भारत की ही देन है।सरकार ने अमेरिका में चेहरा चमकाने वाले लड़कों की तलाश शुरू कर दी है।
'मोदी है तो मुमकिन है की जगह मोदी है तो मुश्किल है' जैसे नारे घर पर ही लगने लगे हैं। विदेशों में तो माइक पकड़कर मीडिया खड़ी है सवाल पूछने के लिए।
जाएं तो कहां ? वो तो भला हो ताऊ ते का, जो मोदी को कल बड़े दिनों बाद प्लेन में चढ़कर गुजरात जाने का मौका मिला। जो व्यवस्थापक अपने परिवार, समाज अथवा देश की रक्षा नहीं कर सकता है। या उसमें चूक कर देता है तो स्वयं नैतिकता के आधार पर ऐसे गरिमामयी पद के अधिकार से मुक्त हो जाना सामान्य प्रक्रिया है।

सप्तमी को गंगा स्वर्ग से शिव की जटाओं में पहुँची

गंगा सप्तमी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को कहा जाता है। पौराणिक धर्म ग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास की इस तिथि को ही माँ गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुँची थीं। इसलिए इस दिन को 'गंगा सप्तमी' के रूप में मनाया जाता है। कहीं-कहीं पर इस तिथि को 'गंगा जन्मोत्सव' के नाम से भी पुकारा जाता है। गंगा को हिन्दू मान्यताओं में बहुत ही सम्मानित स्थान दिया गया है। पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार जब कपिल मुनि के श्राप से सूर्यवंशी राजा सगर के 60 हज़ार पुत्र जल कर भस्म हो गए, तब उनके उद्धार के लिए राजा सगर के वंशज भगीरथ ने घोर तपस्या की। वे अपनी कठिन तपस्त्या से माँ गंगा को प्रसन्न करने में सफल रहे और उन्हें धरती पर लेकर आए। गंगा के स्पर्श से ही सगर के 60 हज़ार पुत्रों का उद्धार हो सका। गंगा को 'मोक्षदायिनी' भी कहा जाता है। विभिन्न अवसरों पर गंगा नदी के तट पर मेले और गंगा स्नान आदि के आयोजन होते हैं। इनमें 'कुंभ पर्व', 'गंगा दशहरा', 'पूर्णिमा', 'व्यास पूर्णिमा', 'कार्तिक पूर्णिमा', 'माघी पूर्णिमा', 'मकर संक्रांति' व 'गंगा सप्तमी' आदि प्रमुख हैं।

9 माह की बच्ची से लेकर 66 वर्षीय दादा संक्रमित

राहुल चौबे   

कवर्धा/रायपुर। मन के हारे हार है मन के जीते जीत' सन्त कबीर की इन पंक्तियों की अहमियत कोरोना काल में अत्यधिक बढ़ गई है। बहुत से लोग हैं, जो होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना की जद से बाहर आ रहे हैं। कवर्धा के वार्ड नम्बर 8 में एक इसी तरह का परिवार है, जहां कोरोना के कारण 9 सदस्यीय परिवार के 9 माह की बच्ची से लेकर 66 वर्षीय दादा भगवान सिंह तक पूरे परिवार को होम आइसोलेशन में रहना पड़ा। दरअसल इनके परिवार ने हाल ही में कोरोना से जंग जीत लिया है। 17 दिनों तक होम आइसोलेशन शासकीय दवा और कंट्रोल रूम से आने वाले कॉल के माध्यम से गाइड लाइन को फॉलो करने वाले इस परिवार ने बताया कि यदि मनोबल ऊँचा रखा जाए तो हर मुश्किल से पार निकला जा सकता है। परिवार के 66 वर्षीय भगवान सिंह ठाकुर, 62 वर्षीय शारदा देवी ठाकुर, 33 वर्षीय दीपक ठाकुर, हेमन्त ठाकुर, कुसुम ठाकुर समेत 4 वर्षीय काव्यराज, 3 वर्षीय तिथि ठाकुर, 9 माह की अधिश्री का जांच के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया था। 

कोविड कंट्रोल रूम के कॉल से मिली हिम्मत

भोरमदेव थाना में पदस्थ आरक्षक हेमन्त ठाकुर की पत्नी डिम्पल व दीपक की पत्नी कुसुम सिंह जो स्वयं व्याख्याता हैं, लेकिन कोविड काल में मनोबल मजबूत नहीं थी। परिवार छोटे बच्चों और घर के बुजुर्गों की सेहत के लिए भयभीत था। परिवार के सदस्य बताते हैं कि उनके पास कोविड कंट्रोल रूम से रोज काउंसलिंग के लिए कॉल आता था, जिससे उन्हें अपनी शंकाओं का हल मिलने लगा और उनका मनोबल मजबूत होता गया। पूरे परिवार ने मनोबल बढाकर कोरोना के खिलाफ जंग में समझदारी दिखाते हुए गाइड लाइन का पालन किया और परिणाम स्वरूप अब पूरा परिवार कोरोना मुक्त है।

संक्रमण से 1955 रेलवे कर्मचारियों की जान गई

समाचार एजेंसी के मुताबिक रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा कि रेलवे किसी अन्य राज्य या क्षेत्र से अलग नहीं है। हम भी कोविड संक्रमण की मार झेल रहे हैं। इस समय हम लोगों की मदद कर रहे हैं लेकिन हमारी हालात भी अच्छी नहीं है। रोजाना करीब 1000 (कोविड) मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि हम अपने स्टॉफ का पूरा ख्याल रख रहे हैं। उन्हें आवश्यक मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं। रेलवे के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई है, रेल अस्पातलों में ऑक्सीजन संयंत्र बनाए हैं। फिलहाल 4000 रेलवे कर्मी या उनके परिवार के सदस्य इन अस्पतालों में भर्ती हैं। हमारा प्रयास है कि वो जल्दी ठीक हो जाएं। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले साल मार्च से अब तक 1952 रेलकर्मियों की कोविड-19 महामारी की चपेट में आकर जान जा चुकी है।

झील के नीचे बसा है 160 घरों वाला भूतिया गांव

रोम। इटली में झील के नीचे से 160 घरों वाला गांव निकला है। झील का पानी कम होने पर ये गांव नजर आया। स्थानीय लोगों के मुताबिक ये गांव कभी-कभी नजर आता है, जिसके चलते इसे भूतिया गांव कहा जाता है।cbsnews.com की रिपोर्ट के मुताबिक इटली की झील से दशकों बाद बाहर निकले इस गांव का नाम कुरोन है।1950 में इस गांव में बिजली संयत्र की स्थापना की गई थी, उसी समय इस गांव में बाढ़ आ गई थी, जिसमें ये गांव पूरी तरह तबाह हो गया था। ऑस्ट्रिया और स्विटजरलैंड के साथ इटली की सीमा के पास बसी झील को अब एक जलाशय की मरम्मत के लिए अस्थायी रूप से निकाला जा रहा है। जैसे-जैसे जल स्तर घट रहा है, 160 घरों वाला गांव उभर रहा है।आमतौर पर 14वीं सदी की चर्च की मीनार पानी से बाहर निकल आई हैं।
 लेकिन जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है, तो  झील के नीचे से इस गांव की गुफाएं और दीवारें दिखाई दे रही हैं। इटली की झील के डूबे इस गांव को लेकर “क्यूरॉन” नाम से एक वेब सीरीज भी बनी है, इसके अलावा इस गांव पर एक किताब लिखी गई है, जिसमें गांव की पूरी कहानी को बताया गया है।यहां की रहने वाली एक महिला ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि पुराने घरों के मलबे पर चना एक “अजीब एहसास” था. उसने बताया कि ये क्षेत्र हाइकर्स के लिए काफी लोकप्रिय है, जिनके द्वारा गांव की भयानक तस्वीरों को शोसल मीडिया पर वायरल किया गया है। वहीं एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा है कि वह "कुरोन नाम के गांव के अवशेष हैं, जो दशकों से डूबे हुए थे, इटली में LakeResia की निकासी करते हुए मिले हैं।

वायरस से 300 से अधिक पत्रकारों की मौत हुईं

हरिओम उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत में कोरोना के चलते लाखों की संख्या में लोगों ने अपने परिजनों को खोया हैं। इसमें वो पत्रकार भी शामिल थे, जिन्होंने दिन-रात कोविड की रिपोर्टिंग की और बिना अपनी जान की परवाह किए लोगों तक पल-पल की ख़बरे पहुंचाई। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ग्राउंड पर जाकर रिपोर्टिंग कर रहे रिपोर्टरों और लगातार ऑफिस जा रहे पत्रकारों को न तो फ्रंट लाइन वर्कर माना गया और न ही उनको वैक्सीन में प्राथमिकता मिली. परिणाम ये हुआ कि कई नामी गिरामी पत्रकारों सहित अलग-अलग राज्यों में 300 से ज्यादा मीडियाकर्मी कोरोना की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. इसे त्रासदी ही कहेंगे कि अप्रैल के महीने में हर रोज औसतन तीन पत्रकारों ने कोरोना के चलते दम तोड़ा। मई में यह औसत बढ़कर हर रोज चार का हो गया। जिसके अनुसार भारत में अब तक कुल 300 पत्रकारों की मौत हुई है। इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज के रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2020 से लेकर 16 मई 2021 तक कोरोना की वजह से कुल 238 पत्रकारों की मौत हो गई। यह आकंड़े भयावह हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज की रिपोर्ट में उन सभी पत्रकारों को शामिल किया गया है। जो फील्ड या दफ्तरों में कार्यरत थे। इनमें रिपोर्टर से लेकर स्ट्रिंगर, फ्रीलांसर, फोटो जर्नलिस्ट और सिटिजन जर्नलिस्ट तक सभी शामिल हैं।

रिपोर्ट बताती हैं कि कोरोना की पहली लहर अप्रैल से लेकर दिसंबर तक थी। इस दौरान 56 पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई। पहली लहर के मुकाबले दुसरी लहर काफ़ी भयावह साबित हुई। 1 अप्रैल से लेकर 16 मई तक 171 पत्रकारों ने दम तोड़ दिया। शेष पत्रकारों का निधन जनवरी-अप्रैल की बीच में हुआ। मीडिया रिपोर्टस की माने तो यह आंकड़े अलग- अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खबरों, पेपर से एकत्र किए गए हैं।

  • उत्तर प्रदेश- 37
  • तेलंगाना- 39
  • दिल्ली-30
  • महाराष्ट्र- 24
  • ओडिशा- 26
  • मध्यप्रदेश – 19

किस उम्र में ज्यादा मौतें हुई
रिपोर्ट के अनुसार कोरोना का आसान शिकार 41 से 50 उम्र के लोग हुए। इनमें मौतों का आंकड़ा 31 फीसदी है।
•    वहीं, 31 से 40 वर्ष के बीच में 15 फीसदी
•    51 से 60 के बीच में 19 फीसदी
•    61 से 70 के बीच में 24 फीसदी
•    71 साल से ऊपर आयु वालो में 9 फीसदी

छोटे कस्बों में ज्यादा मौतें
इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज की निर्देशक डॉ कोटा नीलिमा ने मीडिया को बताया कि 35 फीसदी पत्रकार मेट्रो शहर से है, जबकि 64 फीसदी नॉन- मेट्रो शहरों से आते हैं जैसे कि कस्बे, गांव, छोटे शहर।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

1. अंक-277 (साल-02)
2. बृहस्पतिवार, मई 20, 2021
3. शक-1984, बैसाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- नवमी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:00, सूर्यास्त 07:07।
5. न्‍यूनतम तापमान -10 डी.सै., अधिकतम-28+ डी.सै.। तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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मंगलवार, 18 मई 2021

यूएसए ने इजरायल को हथियार बेचने की मंजूरी दी

वाशिंगटन डीसी। इजरायल-फिलिस्तीन के मौजूदा टकराव के बीच अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने इजरायल को 73.5 करोड़ डॉलर यानी करीब 5.4 हजार करोड़ रुपये के हथियार बेचने को मंजूरी दी है। बाइडन के इस फैसले को लेकर डेमोक्रेट्स सांसदों ने सवाल खड़े किए हैं। हालांकि पहले कहा जा रहा था, कि इजरायल और फिलिस्तीन के बीच जारी हिंसा के बावजूद सांसदों की तरफ से इस समझौते पर आपत्ति किए जाने की कोई संभावना नहीं है। रक्षा सौदों पर आपत्ति जताने वाले ये वे सांसद हैं। जिन्होंने इजरायल का समर्थन करने को लेकर अमेरिकी नेतृत्व पर भी बेहिचक सवाल खड़े किए हैं। बाइडन प्रशासन इजरायल का लगातार बचाव कर रहा है। अमेरिका ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इजरायल-फिलिस्तीन के संघर्ष पर तीसरी बार बयान जारी होने से रोका।
तीन सांसदों के सहयोगियों ने बताया कि हथियारों की बिक्री के बड़े समझौते से पहले इसके बारे में संसद को आधिकारिक रूप से 5 मई को अधिसूचित किया गया था। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, बिक्री की योजना के बारे में संसद को अप्रैल में ही सूचित कर दिया गया था। लेकिन अब कुछ सांसदों ने रक्षा सौदों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दिल्ली में संक्रमण के 4,482 मामलें सामने आएं

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। दिल्ली में मंगलवार को पांच अप्रैल के बाद पहली बार कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे कम 4,482 मामले सामने आए और 265 रोगियों की मौत हो गई। जबकि संक्रमण दर 6.89 प्रतिशत है। स्वास्थ्य बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। दिल्ली में सोमवार को संक्रमण के 4,524 मामले सामने आए और 340 रोगियों की मौत हुई थी। संक्रमण की दर 8.42 प्रतिशत थी। राष्ट्रीय राजधानी में कुछ दिन से कोविड-19 हालात में सुधार हो रहा है और संक्रमण के मामलों तथा इसकी दर में तेजी से गिरावट देखी जा रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में मंगलवार को पांच अप्रैल के बाद से संक्रमण के सबसे कम मामले सामने आए हैं।

उस दिन 3,548 लोग वायरस से संक्रमित पाए गए थे। बुलेटिन के अनुसार अस्पतालों में 24,305 बिस्तरों में से 9,906 खाली हैं। आंकड़ों के अनुसार राजधानी में उपचाराधीन रोगियों की संख्या 50,863 है। इनमें से 31,197 घरों में पृथकवास में हैं। दिल्ली में संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या 14,02,873 हो गई है। जबकि 22,111 रोगियों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार 13.29 लाख संक्रमण से उबर चुके हैं या दिल्ली से बाहर चले गए हैं। हालांकि सोमवार को तुलनात्मक रूप से काफी कम 65,004 जांचें की गईं।लिहाजा संक्रमण के मामले भी कम सामने आए।


ट्रेन ने एक्सप्रेस को मारी टक्कर, 9 की मौत

ट्रेन ने एक्सप्रेस को मारी टक्कर, 9 की मौत मिनाक्षी लोढी  कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार सुबह 8:55 बजे एक मालगाड़ी ट्रेन ने क...