मंगलवार, 27 अप्रैल 2021
अफगान: बम विस्फोट में 10 आतंकियों की मौंत हुईं
रक्षामंत्री राजनाथ ने कर्मियों की भर्ती को मंजूरी दीं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि देश में कोविड-19 के वर्तमान संकट से निपटने के लिये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अस्थायी भर्ती के तहत पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तहत 51 पॉली क्लिनिकों में अनुबंध के आधार पर अतिरिक्त कर्मियों की भर्ती को मंजूरी प्रदान की है। पिछले सप्ताह राजनाथ सिंह ने कहा था कि सशस्त्र सेना और रक्षा मंत्रालय महामारी से निपटने में नागरिक प्रशासन को मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मंत्रालय ने कहा कि चिन्हित ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक्स के लिए अनुबंध पर भर्ती किये जाने वाले कर्मियों में चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग सहायक, फार्मासिस्ट, ड्राइवर और चौकीदार शामिल हैं जिन्हें स्टेशन मुख्यालय में रात की ड्यूटी के लिए 3 महीने के लिए काम पर रखा जाएगा। जिन ईसीएचएस पॉली क्लिनिकों में कर्मचारियों को बढ़ाया जायेगा उनमें लखनऊ, दिल्ली कैंट, बेंगलूरू, देहरादून, कोटपुतली, अमृतसर, मेरठ, चंडीगढ़, जम्मू, नयी दिल्ली (लोधी रोड), सिकंदराबाद, आगरा, अंबाला, ग्रेटर नोएडा, गुरदासपुर, पुणे और तिरूवनंतपुरम शामिल हैं।
इस योजना के दायरे में जालंधर, कानपुर, गुरुग्राम, होशियारपुर, मोहाली, चंडीमंदिर, इलाहाबाद, गाजियाबाद (हिंडन), पठानकोट, जोधपुर, लुधियाना, रोपड़, दानापुर (पटना), खड़की, पालमपुर, बरेली, कोल्हापुर, योल और दक्षिण पुणे स्थित ईसीएचएस क्लिनिक भी आयेंगे। इसके अलावा विशाखापत्तनम, जयपुर, गुंटूर, बैरकपोर, चेन्नई, गोरखपुर, पटियाला, नोएडा, भोपाल, कोच्चि, वेल्लोर और रांची स्थित ईसीएचएस क्लिनिक भी शामिल हैं । गौरतलब है कि में एक दिन में 3,23,144 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के बाद मंगलवार को संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,76,36,307 हो गयी जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ठीक होने की दर गिरकर 82.54 प्रतिशत हो गयी है।
जिला अदालत के न्यायाधीश कामरान की मौंत हुईं
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। दिल्ली की एक जिला अदालत के न्यायाधीश कामरान खान की सोमवार देर रात कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई। वह एक हफ्ते से वेंटीलेटर पर थे। कामरान खान द्वारका जिला अदालत परिसर में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट थे। द्वारका अदालत बार संघ के अध्यक्ष वकील वाई पी सिंह ने बताया कि न्यायाधीश को दस दिन पहले वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और कुछ दिनों बाद तबीयत बिगड़ने पर वेंटीलेटर पर रखा गया। उन्होंने कहा, ”वह बहुत युवा थे, बहुत बुद्धिमान और बहुत समझदार थे। वह बहुत जल्दी चले गए।” सिंह ने कहा, ”वह अविवाहित थे और अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। खान को दो महीने पहले साकेत अदालत से द्वारका अदालत में स्थानांतरित किया गया था।” बार संघ के सचिव जय सिंह यादव ने बताया कि खान को पहले मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन वहां से छुट्टी दे दी गई। बाद में स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें अन्य अस्पताल ले जाया गया।
ऑक्सीजन की कोई कमी नही, को सफेद झूठ बताया
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान कि 'राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों के लिये ऑक्सीजन की कोई कमी नही है' को सफेद झूठ बताते हुए कहा कि जिंदगी मौत से जूझ रहे मरीजों के परिजन लखनऊ में लंबी-लंबी लाइनों में अनाप-शनाप दामों पर ऑक्सीजन सिलेंडर पाने के लिये दर-दर की ठोकरें खा रहे है। उन्होने कहा कि जब यह स्थिति राजधानी लखनऊ की है तो ऐसे में राज्य के अन्य सभी जिलों की स्थिति क्या होगी ? इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होने मुख्यमंत्री के बयान को 'हेडलाइन मैनेजमेंट' बताते हुए प्रश्न किया कि जब देश के बड़े चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञ, चिकित्सक व वैज्ञानिक पूर्व में ही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की चेतावनी दे रहे थे तब मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली अधिकारियों की टीम इलेवन क्या व्यवस्थाएं कर रही थी। इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दूसरी लहर के हाहाकार से बचने के लिये यदि मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली टीम इलेवन ने समुचित तैयारियां की होतीं तो संक्रमितों को उचित उपचार उपलब्ध होता। संक्रमित मरीजों के लिये ऑक्सीजन सिलेंडर, आईसीयू, वेंटिलेटर व बेडों की पर्याप्त व्यवस्था होती तो आज बढ़ रहे भीषण संक्रमण और हो रहीं मौतों के आंकड़े से बचा जा सकता था लेकिन मुख्यमंत्री जी व उनकी टीम इलेवन हाथ पर हाथ रखकर आपदा में अवसर तलाश करती रही। उसने लोगों के जीवन की रक्षा के लिये स्वास्थ्य सुविधाओं की समुचित व्यवस्था के लिये कोई रणनीति बनाकर काम नही किया। जिसका भयावह नतीजा आज सबके सामने है। राज्य सरकार की इस सम्बन्ध में न कोई नीति है और न ही उसकी कोई रणनीति किसी को समझ में आयी है।उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री जिस तरह फर्जी आंकड़ों के सहारे कोरे दावे कर रहे हैं, उसकी जमीनी सच्चाई शून्य है। हर तरफ जीवन रक्षक दवाओं, ऑक्सीजन व बेड की मारामारी के साथ हर तरफ कालाबाजारी हो रही है। मुख्यमंत्री एक तरफ बयान देते हैं कि आक्सीजन की कोई कमी नहीं है और दूसरी तरफ खुद ही स्वीकार करते हैं कि कालाबाजारी हो रही है। यह कालाबाजारी करने वाले रैकेट का संरक्षक कौन है। इन्हें सत्ता या ब्यूरोक्रेसी में बैठे कौन लोग संरक्षण दे रहे है। मुख्यमंत्री जी और उनके नेतृत्व वाली टीम इलेवन अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से बच नही सकती है। उन्होने कहा कि प्रदेश में मेडिकल इमरजेंसी जैसे हालात हैं। इस भयावह मौके पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री का कोई आता पता नहीं है। आपदा के भीषण काल में स्वस्थ्य मंत्री के साथ साथ पूरे मंत्रिमंडल का कोई अता पता नहीं है। पूरी कैबिनेट संकट के इस समय कहाँ है। मंत्रिमंडल संवैधानिक भूमिका का निर्वहन करने में कहीं दिखायी नहीं दे रहा है।
18 साल से ज्यादा उम्र वालों को फ्री मिलेगीं वैक्सीन
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के कहर ने हाहाकार मचा रखा है। रोजाना यहां 20 हजार से अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं तो वहीं, 300 से ज्यादा लोग प्रतिदिन दम तोड़ रहे हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने 18 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को फ्री में वैक्सीन लगाने का फैसला किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को यह ऐलान किया। बता दें कि देशभर में 1 मई से 18 साल से ऊपर वालों को कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि देशभर में कोरोना का जबरदस्त कहर छाया हुआ है। कोरोना काल में समाधान एक ही है और वो है वैक्सीन। दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि 18 साल से ऊपर उम्र को फ्री वैक्सीन दी जाएगी। इसका पूरा प्लान तैयार हो रहा है। अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि हमने देखा है कि इस महामारी से 18 साल से कम उम्र के जवान और बच्चे भी बहुत संक्रमित हो रहे हैं। अब उनके लिए भी सोचने का समय आ गया है कि ये वैक्सीन उनको भी लगाई जा सकती हैं और अगर नहीं लगाई जा सकती तो मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द दूसरी वैक्सीन भी इजाद होंगी। सीएम ने बताया कि आज 1.35 करोड़ वैक्सीन खरीदने की मंजूरी दी गई है। वह बोले कि वैक्सीन के एक निर्माता ने कहा है कि वो राज्य सरकारों को 400 और दूसरे ने कहा कि वो 600 रुपये में वैक्सीन देंगे और केंद्र सरकार को 150-150 रुपये में देंगे। इसकी एक ही कीमत होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वैक्सीन के दाम अलग अलग आ रहे हैं, जो ठीक नहीं है। वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से निवेदन है कि वह इसे 150 रुपये तक ले आएं। केंद्र सरकार से भी निवेदन है कि दाम पर कैपिंग की जाए। आपको बता दें कि दिल्ली से पहले महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, राजस्थान और ओडिशा की राज्य सरकारों ने अपने प्रदेश में 1 मई से 18 साल से ऊपर वालों को फ्री वैक्सीन लगाने की घोषणा कर चुकी हैं।
कोरोना महामारी के बिगड़ते हालातों पर जताईं चिंता
भारत से आने वाली उड़ानों पर रोक लगाने का ऐलान
हाईकोर्ट ने न्यायालयों के लिए नई गाइडलाइन जारी की
एचसी ने टेस्ट सैंपलिंग का दायरा बढ़ाने का निर्देश दिया
एससी ने कोर्ट में गर्मी की छुट्टी के ऐलान की मांग की
कोरोना: जनरल रावत ने तैयारियों की समीक्षा बैठक की
ट्रेन ने एक्सप्रेस को मारी टक्कर, 9 की मौत
ट्रेन ने एक्सप्रेस को मारी टक्कर, 9 की मौत मिनाक्षी लोढी कोलकाता। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में सोमवार सुबह 8:55 बजे एक मालगाड़ी ट्रेन ने क...
-
महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
-
55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
-
वर्षा: पानी में डूबी दिल्ली, बाढ़ के हालात बनें इकबाल अंसारी नई दिल्ली। इन दिनों उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश ने कहर बर...