शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2021
जहाज में मुलाकात से तेज हुई सियासी हलचल
चूकने से पहले पूरी पृथ्वी का चक्कर लगाया: चीन
वैक्सीन की डोज का असाधरण लक्ष्य प्राप्त किया
सुबह खाली पेट 5 भीगे बादाम खाने के कई लाभ
मिल्क पाउडर से बनाए गुलाब जामुन, सीखें
मीठा खाने के शौकीन लोगों का गर्मागर्म गुलाब जामुन खाना अधिकतर पसंद होता है। गुलाब जामुन एक ऐसी स्वीट डिश है जिसे आप कई तरह से बना सकते हैं, तो लीजिए आज जानिए मिल्क पाउडर से गुलाब जामुन बनाने का पूरा तरीका।
गुलाब जामुन बनाने की सामग्री:
दो कप मिल्क पाउडर।
तीन चम्मच मैदा।
आधा कप दूध (फुल क्रीम)।
चुटकीभर बेकिंग पाउडर।
घी तलने के लिए।
चाशनी के लिए :
एक कटोरी चीनी।
डेढ़ कप पानी।
आधा चम्मच इलाइची पाउडर।
चुटकीभर केसर।
गुलाब जामुन बनाने की विधि:
सबसे पहले मीडियम आंच पर पैन में 2 चम्मच घी डालकर गर्म करने के लिए रखें।
घी के गर्म होते ही इसमें दूध डालकर धीमी आंच पर रहने दें।
जब दूध और घी मिक्स हो जाए तब एक कप मिल्क पाउडर डालकर मिक्स करें और चलाते हुए पकाएंं।
मिश्रण के पैन छोड़ने पर गैस बंद कर दें और इसे एक बर्तन में निकालकर रख लें।
-मिश्रण में 2 बड़े चम्मच मैदा डालकर अच्छी तरह से मैश करते हुए इसे चिकना होने तक मसलते रहें। अगर जरूरत हो तो थोड़ा दूध डाल सकते हैं।
अब इस मिश्रण का थोड़ा सा भाग लेकर गोलाकार शेप बना लें।
इसी बीच चाशनी बनाने के लिए मीडियम आंच में एक पैन में चीनी और पानी डालकर उबलने के लिए रख दे।
चाशनी को अच्छे से पकाकर इसमें इलायची पाउडर और केसर डालकर आंच बंद कर दें।
मीडियम अंच में एक पैन में घी डालकर गर्म करें।
घी के गरम होते ही इसमें गुलाब जामुन डालकर धीमी आंच पर तल लें।
गुलाब जामुन के हल्का ब्राउन होते ही इसे चाशनी में डाल दें।
सारे गुलाब जामुन तलकर चाशनी में डाल दें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें।
तैयार है गुलाब जामुन। ठंडा या गर्म जैसे चाहे वैसे खाएं और खिलाएं।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
गुरुवार, 21 अक्तूबर 2021
विकास भवन स्थित हॉल में संपन्न हुआ प्रशिक्षण
इस सेंटर पर कैंप 4 मार्च से बिना रुके लगाकर वैक्सीन लगाने का कार्य किया गया। कोरोना संक्रमण की दुसरी लहर में लोगों की रक्षा के लिए वैक्सीनेशन महाअभियान की शुरूआत की गई थी। वैक्सीनेशन महाअभियान में अपनी भागदारी निभाते हुए भाजपा पार्षद मनोज गोयल ने भी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र को गोद लिया और टीकाकरण के लिए लगातार वैक्सीनेशन शुरू कराया। इस सेंटर में 1 लाख 20 हजार लोगों को कोरोनारोधी टीका लगाया गया।
सेंटर इंचार्ज डॉ. ऋतु वर्मा का कहना है कि यह कार्य पार्षद के अथक प्रयास से संभव हो पाया है। वह प्रतिदिन व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहते थे और वैक्सीन की डोज लेने के लिए आ रहे लोगों को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक करते हुए टीकाकरण तेजी में तेजी के लिए लगातार संपर्क में रहे। उनकी सतर्कता के चलते ही क्षेत्र का एक भी सदस्य वैक्सीन से अछूता नहीं है। पार्षद मनोज गोयल ने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर काफी भयावह थी। जिसे आज भी सोचकर रूह कांप उठती है। क्षेत्र के लोगों ने जो विश्वास दिखाकर टीकाकरण अभियान में अपना योगदान दिया है। वह बहुत ही सराहनीय है।
इस मौके पर भाजपा नेता अवधेश कटिहार, डॉक्टर एसएन शर्मा, मंडल मंत्री शुभम सिंह, श्याम सुंदर सिंह, केएल शर्मा, भूपेंद्र यशपाल जग्गी, दुष्यंत गौतम, पूजा मेहरा, ममता त्रिपाठी, नीतू जैन, पवित्रा, रश्मि, मोहित, गौरी, शिखा चौधरी आदि क्षेत्र के सम्मानित व्यक्ति उपस्थित रहे।
उन्होने कहा कि कोरोना काल में लोगों को भयानक त्रासदी से गुजरना पड़ा। मौतों का सिलसिला नहीं थमने से लाशें भी टोकन पर जलने लगी थी। अस्पतालों में दवा, इलाज के अभाव में मरीज तड़पते रहे। आक्सीजन के लिए मारामारी मची रही। बड़ी संख्या में श्रमिकों का पलायन हुआ। नौजवानों की नौकरियां छूट गईं। इसके लिए दुःख जताने के बजाय भाजपा नेतृत्व घंटा, थाली बजाकर खुशियां मनाने में लगा रहा। कोरोना में मौतों का उत्सव मनाकर भाजपा ने जनता के जख्मों पर क्या खूब मलहम लगाया। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार के अब चंद दिन ही बचे है। पूरी अवधि में एक यूनिट विद्युत का उत्पादन नहीं किया फिर भी झूठे दावे का उत्सव मनाने में कोई शर्म नहीं। शिलान्यास का शिलान्यास और उद्घाटन का उद्घाटन करते हुए भी भाजपा का उत्सव जारी है। समाजवादी सरकार के कामों पर भाजपा अपनी पट्टिका लगाती रही है और पूरे कार्यकाल का उत्सव मनाती रही।
उन्होने कहा कि कुशीनगर एयरपोर्ट समाजवादी सरकार की योजना थी पर भाजपा खुद श्रेय लेते हुए उत्सव मनाने में लग गई है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भी समाजवादी सरकार की देन है उसका उत्सव भी भाजपा को मनाने में दिक्कत नहीं। सच तो यह है कि भाजपा को झूठ और फरेब की राजनीति ही आती है। अपने पूरे कार्यकाल में उसने जनहित में कुछ किया नहीं। उसके कार्यकाल में लोगों की परेशानियां बढ़ी हैं, जनता महंगाई, भ्रष्टाचार से त्रस्त हुई है। उसका भी उत्सव मनाने में भाजपा को परहेज नहीं होगा।
शिक्षा: आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालन
दुष्यंत टीकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से प्रदेश के बच्चों को इंग्लिश माध्यम में शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोला गया है। इन स्कूलों में नए शिक्षकों की भर्ती भी की जा रही है। लेकिन कुछ स्कूलों में अभी भी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में सीएम भूपेश बघेल ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया जल्द ही पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि सरकार की ओर से स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल के लिए शिक्षक सहित 6 हजार 826 पदों पर भर्ती का निर्देश जारी किया गया है। इनमें से आधे से अधिक पदों पर भर्ती हो चुकी है, लेकिन अभी भी कुछ स्कूलों में शिक्षकों का आभाव है। इसी के मद्देनजर सीएम भूपेश बघेल ने जल्द ही शिक्षकों की भर्ती करने का निर्देश दिया है।
यौन संबंध दोषी ठहराते हुए एचसी ने टिप्पणी की
कोच्चि। केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी महिला लड़की का यौन संबंध बनाने का आदी होना किसी व्यक्ति को बलात्कार के मामले में दोषमुक्त करने का कारण नहीं हो सकता, वह भी खासतौर पर एक पिता को, जिससे अपनी बेटी की रक्षा करने और आश्रय देने की उम्मीद की जाती है। अदालत ने बार-बार अपनी बेटी का बलात्कार करने और उसके गर्भवती हो जाने को लेकर एक व्यक्ति को दोषी ठहराते हुए यह टिप्पणी की।
उच्च न्यायालय ने इस बात का जिक्र किया कि जब एक पिता अपनी बेटी का बलात्कार करता है, तब यह एक रक्षक के भक्षक बनने से भी बदतर हो जाता है। न्यायमूर्ति आर नारायण पिशारदी ने यह टिप्पणी पीड़िता के पिता के यह दावा करने के बाद की कि उसे इस मामले में फंसाया जा रहा है क्योंकि उसकी बेटी ने स्वीकार किया है कि उसका किसी अन्य व्यक्ति के साथ यौन संबंध था। उच्च न्यायालय ने उसकी बेगुनाही के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न के परिणामस्वरूप मई 2013 में जन्में बच्चे की डीएनए जांच से यह खुलासा होता है कि पीड़िता के पिता बच्चे के जैविक पिता हैं।
जांच अधिकारी ने कोतवाली आकर आवेदन दिया
'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का कोई इरादा नहीं
'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का इरादा नहीं
काबुल/ वाशिंगटन डीसी। तालिबान के कब्ज़े के बाद से आर्थिक संकट में घिरे अफ़ग़ानिस्तान की आर्थिक चुनौतियां आने वाले दिनों में और भी गंभीर हो सकती है। अमेरिका ने एक बार फिर साफ़ कर दिया है कि उसका तालिबान के 'फ्ऱीज़ फंड' को रिलीज़ करने का कोई इरादा नहीं है। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ़) ने चेतावनी दी है कि अगर अफ़ग़ानिस्तान को तुरंत सहायता नहीं मिली तो स्थिति 'बेहद गंभीर' हो सकती है और अफ़ग़ानिस्तान के आर्थिक संकट का असर पाकिस्तान, ताजिकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से लेकर तुर्की और यूरोप तक की मुश्किल बढ़ा सकता है।
अफ़ग़ानिस्तान को काफी बड़ी मात्रा में विदेशी सहायता मिलती थी। ब्रिटेन की सरकार का अनुमान है कि ओईसीडी (ऑर्गनाइजेशन फॉर इकॉनमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंट) देशों ने साल 2001 से 2019 के बीच अफ़ग़ानिस्तान को 65 अरब अमेरिकी डॉलर का दान किया था। कारोबारी रास्ते से इसमें से एक बड़ी रकम ईरान, पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान तक पहुंची थी। अब इन देशों तक कारोबारी फ़ायदा तो नहीं ही पहुंच रहा है, आशंका ये है कि अफ़ग़ानिस्तान के बदहाल होने से इनकी परेशानी खासी बढ़ सकती है।
निकोलस बर्न्स ने बाइडन की बात को दोहराया
बीजिंग/ वाशिंगटन डीसी। चीन में अमेरिकी राजदूत पद के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के नामित उम्मीदवार निकोल बर्न्स ने कहा है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत और अमेरिका अपने हितों को देखते हुए साथ आ जाएं तो इससे चीनी चुनौतियों को "बहुत फ़र्क़ पड़ेगा। ये बातें उन्होंने तब कहीं जब उनसे चीन का सामना करने की कोशिश कर रहे देशों के साथ आने से जुड़े अवसरों और चुनौतियों के बारे में एक सवाल पूछा गया।
अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, निकोलस बर्न्स से बाइडन की उस बात को दोहराया। जिसमें उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, थाइलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों के बीच समझौते पर आधारित साझेदारी पर ज़ोर दिया था। बर्न्स ने कहा, "चीन की तुलना में हमारे पास जो पक्ष मज़बूत है वो यह है कि हमारे पास सहयोगी हैं। हमारे पास ऐसे सहयोगी देश हैं जिन्हें हम पर पूरा विश्वास है। जबकि चीन के पास असल में ऐसे सहयोगी नहीं है।
लंदन। ब्रिटिश स्पोर्ट्स कार निर्माता कंपनी एमजी ने एमजी एस्टर, एस्टर सव की आधिकारिक बुकिंग शुरु की। अपने सेगमेंट की सबसे पावरफुल एमजी की इस मॉडल को आप 25,000 रुपये की शुरुआती राशि के साथ बुक करा सकते हैं। डिलीवरी नवंबर 2021 में शुरू होगी। इस मॉडल की शुरुआती कीमत 9.78 लाख रुपये और अधिकतम कीमत 16.78 लाख रुपये रखी गई है। वहीँ मैनुअल वेटिएंट की कीमत 9 .78 लाख रूपये और अधिकतम कीमत 13.98 लाख रुपये के बीच है। इसके आलावा ऑटोमैटिक वेरिएंट की कीमत 12.68 लाख रुपये से 16.78 लाख रुपये के बीच है।
नई MG Astor SUV में 27 स्टैंडर्ड फिटमेंट सहित 49 सुरक्षा फीचर्स हैं। इस लिस्ट में 6 एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक-फोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (EBD) के साथ एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), हिल होल्ड कंट्रोल, हिल डिसेंट कंट्रोल, ट्रैक्शन कंट्रोल, 360-डिग्री अराउंड-व्यू कैमरा, ISOFIX माउंट शामिल हैं।
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, इमरजेंसी स्टॉप सिग्नल, ऑल-डिस्क ब्रेक, कॉर्नरिंग असिस्ट के साथ फ्रंट फॉग लैंप, रीड फॉग लैंप, और भी बहुत कुछ इस कॉम्पैक्ट एसयूवी में देखा जा सकता है। ADAS (उन्नत ड्राइवर सहायता प्रणाली) को रेंज-टॉपिंग सुपर (O) या सेवी ट्रिम्स के लिए आरक्षित किया गया है। MG Astor पांच एक्सटीरियर कलर ऑप्शन के साथ आती हैं, जिनमें ऑरोरा सिल्वर, कैंडी व्हाइट, स्पाईड ऑरेंज, ग्लेज़ रेड और स्टाररी ब्लैक शामिल हैं। तीन इंटर्नल कलर थीम हैं – डुअल-टोन आइकॉनिक आइवरी, डुअल-टोन संगरिया रेड और टक्सिडो ब्लैक। मामूली कॉस्मेटिक और इंटर्नल परिवर्तनों के साथ, एस्टोर अपने इलेक्ट्रिक एमजी जेडएस ईवी से अलग दिखता है। मॉडल लाइनअप पांच ट्रिम्स में आता है, स्टाइल, सुपर, स्मार्ट, शार्प और सेवी – और इसमें तीन इंजन-गियरबॉक्स मिलता है। 1.5L पेट्रोल मैनुअल, 1.5L पेट्रोल CVT और 1.3L टर्बो पेट्रोल ऑटोमैटिक में उपलब्ध है। नैचुरली एस्पिरेटेड 1.5L पेट्रोल यूनिट 110bhp और 144Nm की टॉप पावर बनाती है, जबकि 1.3L टर्बो पेट्रोल मोटर 140bhp और 220Nm ऑफर करती है।
मानव शरीर में सुअर की किडनी की सफल सर्जरी
मानव शरीर में सफल सुअर की किडनी की सर्जरी अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉक्टरों को इसमें कामयाबी भी मिली है। बताया गया है कि मानव शरीर में सुअर की किडनी अच्छे से काम कर रही है। फिलहाल इस मामले पर विस्तृत रिपोर्ट आनी बाकी है। दरअसल, यह मामला अमेरिका के न्यूयॉर्क का है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, न्यूयॉर्क सिटी में स्थित एनवाईयू लैंगन हेल्थ सेंटर में डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम ने सर्जरी अंजाम दिया है। इस सर्जरी को बेहद चरणबद्ध तरीके से किया गया है और इसकी तैयारी भी काफी ठोस तरीके से की गई थी। किडनी ट्रांसप्लांट से पहले सुअर के जीन को बदल दिया गया था, ताकि मानव शरीर उसके अंग को तत्काल खारिज न कर पाएं। रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रांसप्लांट की यह प्रक्रिया एक ब्रेन डेड हो चुके पेशेंट पर की गई।
पेशेंट की किडनी ने काम करना बंद कर दिया था लेकिन उसे लाइफ सपोर्ट से हटाने से पहले डॉक्टरों ने उनके परिवारों से इस टेस्ट की अनुमति मांगी थी, जिसके बाद उन्होंने यह प्रयोग किया। तीन दिन तक सुअर की किडनी ब्रेन डेड मरीज की रक्त वाहिकाओं से जुड़ा हुआ था। किडनी को शरीर के बाहर ही रखा गया था।
'डिलीवरथैंक्स' का दूसरा संस्करण लॉन्च, घोषणा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। अमेज़न इंडिया ने अपने डिजिटल अभियान 'डिलीवरथैंक्स' का दूसरा संस्करण आज लॉन्च करने की घोषणा की। यह अभियान ग्राहकों को अमेज़न की फ्रंटलाईन टीम्स के लिए खुशी व सराहना का संदेश साझा करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
कंपनी ने यहां जारी बयान में कहा कि ये टीमें ग्राहकों के 'खुशियों के डिब्बे' की सुरक्षित व समयबद्ध डिलीवरी सुनिश्चित करते हैं। इस अभियान का उद्देश्य अमेज़न के ऑपरेशंस नेटवर्क में हजारों एसोसिएट्स के प्रयासों को सम्मानित करना है, जो त्योहारों के लिए ग्राहकों द्वारा की गई खरीद को हर बार उनके घरों पर सुरक्षित व समयबद्ध तरीके से पहुंचाते हैं। 'डिलीवरथैंक्स' का दूसरा संस्करण ग्राहकों को रचनात्मक बनने और डिलीवरी एसोसिएट्स के लिए अपने दरवाजे पर 'थैंकयू' नोट या पोस्टर लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है, ताकि डिलीवरी के लिए ग्राहकों के घर पर पहुंचने पर इन डिलीवरी एसोसिएट्स को खुशी मिले। ग्राहक थैंक यू नोट या पोस्टर अपने सोशल मीडिया चैनलों पर पोस्ट करके भी 'थैंक्स डिलीवर' कर सकते हैं।
उसने कहा कि इस यूज़र जनरेटेड अभियान के साथ, अमेज़न का उद्देश्य अपने फुलफिलमेंट एवं डिलीवरी नेटवर्क में काम करने वाले सभी डिलीवरी एसोसिएट्स, पिकर्स, पैकर्स, सॉर्टर एवं अन्य एसोसिएट्स के प्रति ग्राहकों को अपनी रचनात्मकता का इस्तेमाल कर अपनी खुशी व सराहना साझा करने में समर्थ बनाना है, क्योंकि ये लोग त्योहारों पर उनकी शॉपिंग को संभव बना रहे हैं।
साथ ही, जिस स्वरूप में ये श्रम क़ानून अपने मूल रूप में भी मौजूद थे, उस रूप में भी ये किसी भी पैमाने से मज़दूरों के असली हक़ों-अधिकारों की नुमाइन्दगी नहीं करते थे। हालाँकि इस तथ्य को केन्द्रीय ट्रेड यूनियनें और मज़दूर वर्ग से ग़द्दारी कर चुकी संशोधनवादी यूनियनें कभी नहीं उठाती हैं मानो कि अपने मूल रूप में ये क़ानून बहुत आमूलगामी या कल्याणकारी रहे हों। परन्तु इसका मतलब यह क़तई नहीं है कि आज सरकारों द्वारा श्रम क़ानूनों पर हो रहे हमलों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए।
वास्तव में श्रम क़ानूनों के पूरे इतिहास और विकास क्रम को देखने पर पूँजीवादी राज्य का असली स्वरूप व चरित्र ही उद्घाटित होता है। पूँजीवादी व्यवस्था के अन्तर्गत ऊपर से ऐसा दिखता है कि राज्य पूँजी और श्रम के बीच के सम्बन्धों के बीच तालमेल या सन्तुलन स्थापित कर रहा है। लेकिन वस्तुतः पूँजीवादी राज्य, पूँजीपति वर्ग से अपनी सापेक्षिक स्वायत्तता के बावजूद, अन्तिम तौर पर समूचे पूँजीपति वर्ग के क्रियाकलापों के प्रबन्धन का ही काम करता है, पूँजीवादी उत्पादन सम्बन्धों को रेखांकित और पुनरुत्पादित करता है और पूँजीपति वर्ग के दीर्घकालिक सामूहिक वर्ग हितों का प्रतिनिधित्व करता है। भारत में मौजूद क़ानून व न्यायिक व्यवस्था को देखने पर आम तौर पर और तमाम श्रम क़ानूनों के विश्लेषण में विशिष्ट तौर पर यही बात बार-बार सत्यापित भी होती है।
भारत में श्रम व फ़ैक्टरी विधि निर्माण की प्रक्रिया की शुरुआत औपनिवेशिक ब्रिटिश सत्ता द्वारा उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध व बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में की गयी थी। भारत की उत्तर-औपनिवेशिक पूँजीवादी राज्यसत्ता ने मामूली बदलावों के साथ ही इन्हीं क़ानूनों को बरक़रार रखा क्योंकि ये भारतीय पूँजीपति वर्ग की आवश्यकताओं के भी अनुकूल था। यानी तमाम श्रम व फ़ैक्टरी अधिनियम जैसे कि कारख़ाना अधिनियम व इसके विभिन्न संशोधन, मज़दूरी संदाय अधिनियम 1936 (Payment of Wages Act, 1936), कर्मचारी प्रतिकर अधिनियम, 1923), ट्रेड यूनियन अधिनियम 1926), व्यवसाय विवाद अधिनियम 1929), जो आगे चलकर
हालाँकि श्रम क़ानूनों को बनाने के पीछे एक अन्य पहलू भी काम कर रहा था। वह था इन क़ानूनों के ज़रिए औद्योगिक विवादों में, यानी श्रम और पूँजी के अन्तरविरोध में पूँजीवादी राज्य की हस्तक्षेपकारी भूमिका को रेखांकित और परिभाषित करना और साथ ही मज़दूर संघर्षों को इन क़ानूनों के द्वारा विनियमित करना और मज़दूर आन्दोलन के पूरे विमर्श को ही वैधता और क़ानून के दायरे में संकुचित करना।
आज़ादी के बाद त्वरित आर्थिक विकास और “औद्योगिक शान्ति” को बनाये रखने के लिए पूँजीपति नियोक्ताओं और यूनियनों (यानी पूँजी और श्रम) के बीच राज्य की मध्यस्थता को श्रम व फ़ैक्टरी संहिताओं के ज़रिए स्थापित किया गया मानो पूँजीवादी राज्य इन संघर्षरत वर्गों से इतर और उनके ऊपर बैठा हुआ कोई निष्पक्ष या तटस्थ निकाय हो। इसके तहत औद्योगिक विवादों के निपटारे के लिए श्रम और पूँजी के बीच राज्य एजेंसियों की मध्यस्थता को अनिवार्य शर्त बना दिया गया। यानी औद्योगिक विवादों में कहने के लिए एक “त्रिपक्षीय” व्यवस्था लागू की गयी।
विरोध अधिकार, मार्ग नहीं रोक सकतेः एससी
हरिओम उपाध्याय
नई दिल्ली। लगातार किसानों के विरोध-प्रदर्शन और उसके कारण सड़क जाम जैसी स्थितियों के उत्पन्न होने पर बड़ा बयान दिया है। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध करने का अधिकार है। लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते। न्यायमूर्ति एस एस कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि कानूनी रूप से चुनौती लंबित है फिर भी न्यायालय विरोध के अधिकार के खिलाफ नहीं है लेकिन अंततः कोई समाधान निकालना होगा।
पीठ ने कहा कि किसानों को विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए सड़क अवरुद्ध नहीं कर सकते। आप जिस तरीके से चाहें विरोध कर सकते हैं लेकिन सड़कों को इस तरह अवरुद्ध नहीं कर सकते। लोगों को सड़कों पर जाने का अधिकार है लेकिन वे इसे अवरुद्ध नहीं कर सकते।शीर्ष अदालत ने किसान यूनियनों से इस मुद्दे पर तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले को सात दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। न्यायालय नोएडा की निवासी मोनिका अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें कहा गया है कि किसान आंदोलन के कारण सड़क अवरुद्ध होने से आवाजाही में मुश्किल हो रही है।
स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता हैं 'नीम'
आयुर्वेद में नीम के पेड़ की छाल, फूल और फल का भी औषधीय रूप से उपयोग और लाभ बताया गया है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक नीम की पत्तियों का सेवन करके डायबिटीज और त्वचा की गंभीर बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है। आइए आगे की स्लाइडों में नीम से होने वाले ऐसे ही कुछ अद्भुत स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'
गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची' सरस्वती उपाध्याय गर्मी का मौसम (समर सीजन) अपने मौसमी फलों के लिए जाना जाता हैं। इन दि...
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महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
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वर्षा: पानी में डूबी दिल्ली, बाढ़ के हालात बनें इकबाल अंसारी नई दिल्ली। इन दिनों उत्तर भारत में हो रही भारी बारिश ने कहर बर...