गुरुवार, 1 जुलाई 2021

मां ने 2 साल की बच्ची को जमीन में जिंदा दफनाया

हरिओम उपाध्याय          
हरदोई। जिले में एक दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मां अपनी दो बच्चियों के साथ कई दिनों से भोजन न मिलने के कारण इधर-उधर भटकती रही तथा भूख के कारण कुपोषण का शिकार हुई। अपनी 2 साल की बच्ची को जमीन में जिंदा दफना दिया। इसी बीच गांव वालों ने मौके पर पहुंचकर बच्ची को बचा लिया व चाइल्डलाइन को सूचना दी, मौके पर पहुंची चाइल्डलाइन की टीम में मां व उसकी दो छोटी बच्चियों को अपने साथ ले गई तथा उचित देखभाल का आश्वासन दिया है। एक तरफ जहां सरकार गरीबों के लिए मुफ्त राशन व अन्य तमाम योजनाएं चला रही है, परंतु आज भी कुछ ऐसे गरीब परिवार हैं, जिनको दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है। ऐसा ही एक मामला हरदोई के लोनार थाना क्षेत्र के सकरौली गांव का आया है। 
यहां के भगवान दीन की विगत 2 वर्ष पहले मौत के बाद उसकी पत्नी अपने तीन छोटे छोटे बच्चों के साथ दर-दर भटकने को मजबूर हो गई।बताया गया कि घर में रोटी की किल्लत देख बड़े पुत्र को उसकी बुआ अपने साथ लेकर चली गई, जबकि बेबस मां अपनी दो छोटी बच्चियों के साथ इधर उधर भीख मांगकर पेट पालने लगी। इधर काफी दिनों से उसे व बच्चियों को दोनों वक्त का खाना नहीं मिल रहा था, जिससे उसकी 2 वर्ष की पुत्री कुपोषित हो गई।गरीबी से हारकर बेबस मां ने आज मजबूर होकर गांव के नजदीक ही एक तालाब के पास गड्ढा खोदकर अपनी कुपोषित बच्ची को जिंदा दफना दिया। 
इसी बीच किसी तरह गांव वाले मौके पर पहुंच गये व उन्होंने बच्ची को जिंदा बाहर निकाल लिया, व चाइल्डलाइन को सूचना दी। सूचना पर चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंचकर मां व उसकी दोनों बच्चियों को अपने संरक्षण में लिया और संबंधित लोनार थाने पर आवश्यक कार्यवाही कर अपने साथ ले गई। चाइल्डलाइन हरदोई के केंद्र समन्वयक अनूप तिवारी ने बताया की मां व बच्चियों को बाल संरक्षण समिति के समक्ष पेश किया जाएगा व उनकी देखभाल के लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी।

आजीवन कारावास की सजा देने के फैसले की पुष्टि

कविता गर्ग                
मुंबई। उच्च न्यायानय ने बृहस्पतिवार को 1997 में संगीतकार गुलशन कुमार हत्याकांड में फिल्म निर्माता एवं ‘टिप्स इंडस्ट्रीज’ के सह-संस्थापक रमेश तौरानी को बरी करने का निचली अदालत का फैसला बरकरार रखा। साथ ही न्यायालय ने इस हत्याकांड में अब्दुल रऊफ मर्चेंट को दोषी ठहराने और उसे आजीवन कारावास की सजा देने के अदालत के फैसले की भी पुष्टि की। 
न्यायमूर्ति एसएस जाधव और न्यायमूर्ति एनआर बोरकर की एक खंडपीठ ने मामले में अन्य आरोपी रऊफ के भाई अब्दुल रशीद मर्चेंट को बरी किए जाने का निचली अदालत का फैसला निरस्त कर दिया। पीठ ने इस मामले में अब्दुल रशीद मर्चेंट को भी दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। ‘कैसेट किंग’ के नाम से मशहूर गुलशान कुमार की अगस्त 1997 में उपनगर अंधेरी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।अभियोजन पक्ष के अनुसार, उसके प्रतिद्वंद्वियों ने उन्हें रास्ते से हटाने के लिए बदमाश अबू सलेम को पैसे दिए थे। सत्र अदालत ने 29 अप्रैल 2022 को 19 में से 18 आरोपियों को बरी कर दिया था। निचली अदातल ने अब्दुल रऊफ मर्चेंट को भादंस की धारा 302, 307, 120(बी), 392 तथा 397 और भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत के दोषी ठहराया था। रऊफ ने दोषी ठहराए जाने के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी।
जबकि राज्य सरकार ने तौरानी को बरी किए जाने के खिलाफ अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को राज्य सरकार की याचिका खारिज कर दी और तौरानी को बरी करने का फैसला बरकरार रखा। पीठ ने, हालांकि, रऊफ की दोषसिद्धि और उस पर लगाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा, लेकिन धारा 392 और 397 के तहत उसकी सजा को रद्द कर दिया। पीठ ने आदेश में कहा, ” अब्दुल राशीद मर्चेंट को बरी किए जाने के फैसले को रद किया जाता है।
राशीद को भादंस की धारा 302 और भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत दोषी ठहराया जाता है और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाती है। उसे डीएन नगर थाने में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया है।” पीठ ने यह भी कहा कि अब्दुल रऊफ मर्चेंट मुकदमे के दौरान अपने आचरण को देखते हुए किसी छूट के हकदार नहीं हैं। उसने कहा, ” अपीलकर्ता रऊफ उसके आपराधिक रिकॉर्ड को देखते हुए छूट का हकदार नहीं होगा और बड़े पैमाने पर न्याय तथा जनता के हित में, वह किसी भी उदारता का हकदार नहीं है।” 
अदालत ने कहा कि हत्या के बाद रऊफ फरार हो गया था और उसे 2001 में गिरफ्तार किया गया था। पीठ ने कहा, ” 2009 में रऊफ को ‘फर्लो’ दिया गया, लेकिन उसके बाद उसने आत्मसमर्पण नहीं किया और 2016 में उसे फिर गिरफ्तार किया गया।” अदालत ने कहा कि रशीद ने अगर आत्मसमर्पण नहीं किया, तो सत्र अदालत उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करेगा।

स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर्स को युवाओं ने सम्मानित किया

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। नेशनल डॉक्टर्स डे पर युवाओं ने किया डॉक्टर्स को सम्मानित नेशनल डॉक्टर्स डे के उपलक्ष्य में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटाबाग के डॉक्टर्स को क्षेत्रीय युवाओं ने सम्मानित किया। विकासखंड कोटाबाग के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेश चौहान ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर में, बेहद योजनाबद्ध तरीके से प्रबंधन कर, कोटाबाग विकासखंड के सुदूरवर्ती गांवों में संक्रमण को बढ़ने से रोका। डॉक्टर देवेश चौहान के बेहतरीन प्रबंधन के चलते कोटाबाग विकासखंड कोरोना महामारी के संक्रमण को बढ़ने से रोकने के मामले में पूरे नैनीताल जिले में अव्वल रहा। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच डॉ देवेश चौहान दो बार कोरोना पॉजिटिव भी हो गए परंतु हर बार आइसोलेशन पीरियड पूरा करने के बाद वे तुरंत अपने सेवा कार्य में लग गए। 
इस पूरे संकट काल के दौरान, डॉ देवेश चौहान ने कई गरीब मरीजों की आर्थिक मदद भी की। डॉ देवेश चौहान हमेशा सोशल मीडिया एवं कैमरे से दूर रहकर जमीनी स्तर पर कार्य करने की सोच रखते हैं। नेशनल डॉक्टर्स डे पर जब उन्हें युवाओं द्वारा सम्मानित किया गया तो उन्होंने कहा कि यह केवल उनका सम्मान नहीं अपितु विकासखंड में कार्यरत प्रत्येक डॉक्टर नर्स एवं स्वास्थ विभाग के प्रत्येक कर्मचारी का सम्मान है। साथ ही उन्होंने कोरोना संक्रमण के दौरान प्रत्येक कार्य में हर पल सहयोग करने के लिए युवाओं एवं क्षेत्रीय जनता का भी आभार व्यक्त किया। इस दौरान डॉ. गौरव अरोरा, डॉ. ऐश्वर्या कांडपाल, डॉ. सलीम अंसारी, डॉ. रिचा जोशी, भूपेंद्र बिष्ट, शुभम बधानी, चंद्रप्रकाश सनवाल, शिवम पांडे, हेमंत सिंह, भास्कर भट्ट समेत दर्जनों युवा भी मौजूद रहे।

बेरोजगारों का जीवनयापन करना अत्यन्त चिंताजनक

हरिओम उपाध्याय                       
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने गुरूवार को कहा कि उत्तर प्रदेश समेत देश में दिनों दिन विकराल हो रही बेरोजगारी की समस्या का समाधान यदि जल्द नहीं किया गया तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दुर्दशा भी कांग्रेस की तरह होगी।  मायावती ने ट्वीट कर कहा कि शिक्षित बेरोजगारों का सड़क किनारे पकौड़े तल कर अथवा मजदूरी कर जीवनयापन करना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है।
इसके लिए कांग्रेस के अलावा मौजूदा भाजपा सरकार भी बराबर की जिम्मेदार है। यदि इस समस्या का त्वरित समाधान नहीं किया गया तो कांग्रेस की तरह भाजपा की भी दुर्दशा होगी। उन्होने कहा “ यूपी व पूरे देश भर में करोड़ों युवा व शिक्षित बेरोजगार लोग सड़क किनारे पकौड़े बेचने व अपने जीवनयापन के लिए मजदूरी आदि करने को भी मजबूर हैं तथा उनके मां-बाप व परिवार जो यह सब देख रहे हैं उनकी व्यथा को समझा जा सकता है, जो यह दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण व अति-चिन्ताजनक।

”बसपा प्रमुख ने कहा “ बीएसपी देश में नौजवानों के लिए ऐसी भयावह स्थिति पैदा करने के लिए केन्द्र में बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस को भी बराबर की जिम्मेदार मानती है जिसने लम्बे अरसे तक यहां एकछत्र राज किया व अपने कार्यकलापों की भुक्तभोगी बनकर कांग्रेस केन्द यूपी व काफी राज्यों की भी सत्ता से बाहर हो गई।
उन्होने कहा “ यदि बीजेपी भी, कांग्रेस पार्टी के नक्शेकदम पर ही चलती रही तो फिर इस पार्टी की भी वही दुर्दशा होगी जो कांग्रेस की हो चुकी है, जिसपर बीजेपी को गम्भीरता से जरूर सोचना चाहिये क्योंकि इनकी ऐसी नीति व कार्यकलापों से न तो जनकल्याण और न ही देश की आत्मनिर्भरता संभव हो पा रही है। 

सीएम तीरथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे कर्नल कोठियाल

पंकज कपूर              
देहरादून। आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल हुए कर्नल अजय कोठियाल (सेवानिवृत्त) उत्तराखंड उपचुनाव में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
आज की आज देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान यह घोषणा की गई है। वह गंगोत्री सीट से मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने सीएम तीरथ सिंह रावत को चुनौती दी और कहा कि वह गंगोत्री सीट से उपचुनाव लड़ेंगे। आप प्रवक्ता नवीन पिरसाली ने यह जानकारी साझा की है।
कोठियाल ने कहा कि इन 5 सालों में भाजपा ने उत्तराखंड को बर्बाद कर दिया है। 
वह खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं कि आप पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के समक्ष गंगोत्री उपचुनाव लड़ने का मौका दिया है।इधर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि ”आपने फ़ौज में अपनी जान की बाज़ी लगाकर देश की रक्षा की। अब उत्तराखंड आपकी ओर देख रहा है। यहाँ की भ्रष्ट राजनीति भी साफ़ करनी है।

धोखाधड़ी से निपटने के लिए अधिकारियों की तारीफ

अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि हाल के महीनों में राजस्व संग्रह में वृद्धि अब स्थाई रूप से होनी चाहिए। उन्होंने साथ ही जीएसटी धोखाधड़ी से निपटने के लिए कर अधिकारियों की तारीफ की। जीएसटी की चौथी वर्षगांठ पर कर अधिकारियों को भेजे संदेश में सीतारमण ने कहा कि पिछले चार वर्षों में करदाताओं का आधार 66.25 लाख से लगभग दोगुना होकर 1.28 करोड़ हो गया है।उन्होंने कहा कि लगातार आठ महीनों से जीएसटी राजस्व एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है और अप्रैल 2021 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड जीएसटी राजस्व संग्रह देखा गया। 
सीतारमण ने कहा, ”पिछले साल सुविधा और प्रवर्तन दोनों क्षेत्र में सराहनीय काम किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी करने वाले डीलरों और आईटीसी के कई मामले दर्ज किए गए। हाल के महीनों में बढ़ा हुआ राजस्व संग्रह अब स्थाई रूप से होना चाहिए।वित्त मंत्री ने कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बीच जीएसटी कार्यान्वयन पर संतोष व्यक्त किया और करदाताओं को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने जीएसटी लागू करने के लिए केंद्र और राज्य, दोनों के कर अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत जैसे बड़े और विविधता वाले देश में बड़े पैमाने पर किया जाने वाला कोई भी सुधार बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। वित्त मंत्रालय 54,000 से अधिक जीएसटी करदाताओं को सही समय पर रिटर्न दाखिल करने और कर का नकद भुगतान करने पर प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी कर उन्हें सम्मानित करेगा।पहचान किये गये इन करदाताओं में 88 प्रतिशत से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी है। 
इसमें सूक्ष्म (36 प्रतिशत), लघु (41 प्रतिशत) और मध्यम श्रेणी के उद्यमी (11 प्रतिशत) शामिल हैं। ये उद्यमी विभिन्न राज्यों और संघ शासित प्रदेशों से हैं जहां यह माल की आपूर्ति और सेवा प्रदाता कार्य करते हैं।
केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) इन करदाताओं को प्रशंसा प्रमाणपत्र जारी करेगा। मंत्रालय ने कहा है कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद से अब तक 66 करोड़ से अधिक रिटर्न दाखिल की गई हैं। जीएसटी के तहत दरें कम होने से कर अनुपालन बढ़ा है।
इस दौरान जीएसटी राजस्व में धीरे धीरे वृद्धि होती रही और पिछले आठ महीने से यह लगातार एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है। देश में एक जुलाई 2017 को जीएसटी व्यवस्था लागू की गई। अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में एक बड़े बदलाव के तौर पर इस व्यवस्था को शुरू किया गया। जीएसटी में केन्द्र और राज्यों के स्तर पर लगाने वाले उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13- उपकर जैसे कुल 17 तरह के करों को समाहित किया गया है।

तीसरी लहर: जिला प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किया

हरिओम उपाध्याय                  
जौनपुर। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिये उत्तर प्रदेश के जौनपुर में 12 ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने आज कहा कि कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर को देखते हुए जिला प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम कर लिया है। जिले के 12 अस्पतालो में आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। सभी प्लांट जुलाई माह में काम करना शुरू कर देगें। इन प्लांटो के माध्यम से 12 सौ लेकर डेढ़ हजार बेडो पर आक्सीजन सप्लाई होना शुरू हो जायेगी।
जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर ने भारी तबाही मचायी है। 
आक्सीजन की कमी के चलते पचासों मरीजों को जान गंवानी पड़ी थी। दूसरी लहर के बाद जिला प्रशासन ने सभी प्रमुख अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाना शुरू कर दिया है।जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि तीसरी लहर को देखते हुए जिले 12 अस्पतालों में आक्सीजन प्लांट लगाया जा रहा है। जुलाई माह में एक प्लांट को छोड़कर सभी आक्सीजन प्लांट काम करना शुरू कर देगें। इनसे ढ़ाई हजार एलपीएम आक्सीजन मिलेगा। जिससे 12 सौ से लेकर 15 सौ तक बेडो पर आक्सीजन सप्लाई होगा।

सीएम योगी ने अखिलेश को फोन कर बधाई दी: यूपी

हरिओम उपाध्याय                    
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आज जन्मदिन है। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें फोन कर बधाई दी। 
योगी ने उन्हें ट्वीट कर भी बधाई दी और कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को जन्मदिवस की हार्दिक बधाई। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम से आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूं।

9 देशों ने भारत मे निर्मित कोविशील्ड का लोहा माना

अकांशु उपाध्याय                      
नई दिल्ली। यूरोपीय संघ के नौ देशों ने भारत मे निर्मित कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता दे दी है तथा एस्टोनिया ने कोवैक्सीन सहित सभी भारतीय टीकों को मान्यता देने का ऐलान किया है। इन यूरोपीय देशों ने यह कदम भारत द्वारा इस आशय के आग्रह के बाद उठाया है। भारत ने कल यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से कोविड के भारतीय टीकों एवं कोविन प्रमाणपत्र को मान्यता देने का आग्रह करते हुए कहा था कि ऐसा होने पर ही भारत में यूरोपीय संघ (ईयू) के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र को कोविड प्रोटोकॉल से छूट दी जायेगी।
सूत्रों ने बताया कि अभी तक ऑस्ट्रिया, स्लोवेनिया, आइसलैंड, आयरलैंड और स्पेन ने ईयू डिजीटल कोविड प्रमाणपत्र में कोविशील्ड को शामिल कर लिया है। स्विट्ज़रलैंड ने भी शेनजेन समूह का देश होने के नाते कोविशील्ड को मान्यता दे दी है। इसबीच एस्टोनिया ने पुष्टि की है कि वह भारत सरकार द्वारा अधिकृत सभी टीकों को मान्यता देगा और टीका लगा कर आने वाले भारतीय नागरिकों को यात्रा की अनुमति प्रदान करेगा
बुधवार की देर शाम भारत ने एक जुलाई से प्रभावी ईयू डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र फ्रेमवर्क में भारतीय टीकों को शामिल नहीं किये जाने पर नाराज़गी व्यक्त की थी। यूरोपीय संघ ने इस फ्रेमवर्क के तहत यूरोपीय मेडिकल एजेंसी (ईएमए) द्वारा अधिकृत टीके लगवाने वाले लोगों को यूरोपीय संघ के दायरे में यात्रा प्रतिबंधों से छूट देने और मुक्त आवाजाही सुलभ करने का ऐलान किया था।सूत्रों के अनुसार भारत ने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों से आग्रह किया था कि वे अपने राष्ट्रीय स्तर पर भारत में कोविड टीका लगवाने वाले लोगों को भी इसी तरह की छूट प्रदान करें और कोविन पोर्टल पर जारी प्रमाणपत्र को मान्यता दें। 
भारत ने यूरोपीय संघ के देशों से कहा था कि भारत में यूरोपीय संघ डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र को मान्यता देने की नीति पारस्परिकता पर आधारित होगी। भारतीय टीके कोविशील्ड और कोवैक्सीन को ईयू डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र में अधिसूचित करने और कोविन टीकाकरण प्रमाणपत्र को मान्यता दिए जाने पर भारतीय स्वास्थ्य विभाग पारस्परिकता के आधार पर उक्त ईयू सदस्य देश या देशों के ईयू डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र धारक लोगों को अनिवार्य क्वारंटीन से छूट प्रदान करेगा।

बाधाओं ने अमेरिका की कूटनीति की गति धीमी की

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन दुनियाभर में जून के अंत तक कोरोना वायरस रोधी आठ करोड़ टीके देने के अपने लक्ष्य से बहुत पीछे चल रहे हैं और कई साजोसामान और नियामक संबंधी बाधाओं ने अमेरिकी की टीका कूटनीति की गति धीमी कर दी है। बाइडन प्रशासन ने घोषणा की थी कि करीब 50 देशों को कोविड-19 रोधी टीके दिए जाएंगे लेकिन ‘एसोसिएटेड प्रेस’की गणना के अनुसार, अमेरिका ने 10 देशों को 2.4 करोड़ से भी कम टीके भेजे हैं।व्हाइट हाउस ने कहा कि आगामी दिनों में और टीके भेजे जाएंगे और उसने कहा कि बाइडन ने अपने वादे को पूरा करने के लिए हरसंभव कदम उठाया है। व्हाइट हाउस ने बताया कि टीकों की कमी नहीं है। सभी अमेरिकी टीके भेजे जाने के लिए तैयार हैं।
लेकिन कानूनी औपचारिकताओं, स्वास्थ्य संहिता, सीमा शुल्क मंजूरी, कोल्ड स्टोरेज श्रृंखलाएं, भाषायी बाधाएं और वितरण कार्यक्रम की जटिलता के चलते अधिक वक्त लग रहा है।उसने कहा कि किसी देश को टीके दान देने के लिए अपने मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होती है, किसी को अमेरिकी टीकों के लिए सुरक्षा जांच के लिए निरीक्षकों की आवश्यकता होती है और कुछ देशों ने अभी टीका वितरण की योजनाएं ही नहीं बनायी है जिससे यह सुनिश्चित हो कि टीके बर्बाद होने से पहले सही हाथों में पहुंचे। व्हाइट हाउस ने यह स्पष्ट करने से इनकार कर दिया कि किस देश के सामने कौन-सी बाधाएं हैं। 
उसने कहा कि वह वितरण की बाधाओं को खत्म करने के लिए देशों से बातचीत कर रहा है। बाइडन ने 17 मई को यह कहते हुए आठ करोड़ टीके देने की घोषणा की थी। यह किसी भी देश द्वारा दिए गए टीकों के मुकाबले अधिक टीके होंगे जो किसी भी देश से पांच गुना अधिक होंगे, रूस और चीन से भी अधिक होंगे।” अपने लक्ष्य को हासिल न करने के बावजूद बाइडन ने अमेरिका को दुनियाभर में टीकों का सबसे बड़ा दानदाता बना दिया है। उसने रूस या चीन से भी अधिक टीके वितरित किए हैं।

जवानों से भरा ट्रक खाई में गिरने से 3 की मौंत, हादसा

पंकज कपूर                   
देहरादून। सिक्किम से बेहद दुखद ख़बर आयी है। सिक्किम में कुमाऊं रेजिमेंट के जवानों से भरा ट्रक खाई में जा गिरा। जिसमें 3 जवानों की मौत हो गई है। जिसमें से एक जवान का नाम बृजेश रौतेला है।
मिली जानकारी के अनुसार पूर्वी सिक्किम में सेना के जवानों को ले जा रहा एक ट्रक बुधवार को खाई में जा गिरा जिससे तीन जवानों की मौत हो गई जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने बताया कि यह दुर्घटना न्यू जवाहलाल नेहरू रोड पर हुई। यह मार्ग गंगटोक को सोमगो झील और भारत-चीन सीमा के निकट नाथुला से जोड़ता है।
अधिकारी के मुताबिक ट्रक में कुमाऊं रेजिमेंट के छह जवान सवार थे जो गंगटोक की तरफ जा रहे थे। यह हादसा चालक के वाहन से नियंत्रण खोने के चलते हुआ। वाहन 600 फुट गहरी खाई में जा गिरा। चालक एवं दो अन्य जवानों की मौत मौके पर ही हो गई। सेना, बीआरओ, पुलिस और स्थानीय लोगों ने इस दुर्गम क्षेत्र में खराब मौसम के बीच बचाव अभियान चलाया। तीन घायल जवानों को गंगटोक के सेना अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में घायल जवानों को गंगटोक के सेना अस्पताल से बंगाल के सिलीगुड़ी में इलाज के लिए भेजा गया।

गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'

गर्मियों में सेहत के लिए फायदेमंद है 'लीची'   सरस्वती उपाध्याय  गर्मी का मौसम (समर सीजन) अपने मौसमी फलों के लिए जाना जाता हैं। इन दि...