शनिवार, 3 अक्तूबर 2020

एलजेपीः 143 दावेदारों के नाम पर मुहर

मनोज सिंह ठाकुर


पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर एनडीए में टूट हो गई है। अब आज चिराग पासवान गठबंधन को लेकर अंतिम फैसला करने वाले हैं। आज एलजेपी संसदीय दल की बैठक होने वाली है। इसमें फाइनल फैसला हो जाएगा।


143 उम्मीदवारों के नामों पर लगेगी मुहर


बैठक में एलजेपी के कई सीनियर नेता शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में चिराग पासवान 143 उम्मीदवारों के नामों पर फाइन मुहर लगा देंगे। उसके बाद वह अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कभी भी कर सकते हैं। क्योंकि पहले चरण के चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया एक अक्टूबर से शुरू हो गई है, लेकिन अब तक उम्मीदवार भी फाइनल नहीं हुए है। नामांकन को लेकर अब सिर्फ पांच दिन का और समय बचा हुआ है।


सीएम पर किया पलटवार


चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सबसे बड़ा हमला बोल दिया। लोक जनशक्ति पार्टी ने आधिकारिक बयान जारी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 7 निश्चय को भ्रष्टाचार का पिटारा करार दिया। चुनाव से ठीक पहले लोक जनशक्ति पार्टी ने आधिकारिक बयान जारी किया है। पार्टी ने कहा है कि वह नीतीश कुमार के 7 निश्चय को नहीं मानती। 7 निश्चय के सारे काम अधूरे रह गये। जिन लोगों ने 7 निश्चय का काम किया उनके पैसा का भुगतान नहीं हुआ। बिहार के किसी गांव में जाकर इसकी हकीकत देखी जा सकती है। लोक जनशक्ति पार्टी ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सात निश्चय भ्रष्टाचार का पिटारा है। पहले सात निश्चय पूरे ही नहीं हुए अब सात निश्चय पार्ट-2 की बात कही जा रही है। लोक जनशक्ति पार्टी इसे नहीं मानती और आगे भी नहीं मानेगी। लोकजन शक्ति पार्टी ने कहा है कि वह चिराग पासवान के बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट के एजेंडे पर कायम है। बिहार विधानसभा चुनाव के बाद इस एजेंडे को लागू कराया जायेगा। बिहार में जो भी सरकार बनेगी वह लोजपा के समर्थन से ही बनेगी और उस सरकार के एजेंडे में बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट का एजेंडा शामिल होगा।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण


यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)











 अक्टूबर 04, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-50 (साल-02)
2. रविवार, अक्टूबर 04, 2020
3. शक-1944, अश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि- तीज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 60:00, सूर्यास्त 06:20।


5. न्‍यूनतम तापमान 21+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


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गुरुवार, 1 अक्तूबर 2020

आईपीएलः क्रिकेट लीग में बड़ा बदलाव

आईपीएल की वजह से इस बड़ी क्रिकेट लीग पर हुआ बड़ा बदलाव, जानिए क्या है वजह ?


नई दिल्ली। आईपीएल सीजन-13 का आयोजन इन दिनों यूएई में जारी हैं। जहां हर दिन एक से बढ़कर एक रोमांचक और हाईवोल्टेज मुकाबलों का दौर भी जारी है, आईपीएल दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग है, और इस लीग में दुनिया के हर क्रिकेटर के खेलने का सपना होता है, दुनिया का बड़े से बड़ा क्रिकेटर आईपीएल में खेलना चाहता है, और अपने खेल का जौहर दिखाना चाहता है। आईपीएल सीजन-13 का आगाज यूएई में 19 सितंबर से हुआ है, जो 10 नवंबर तक चलेगा, मतलब आईपीएल सीजन-13 का फाइनल मैच 10 नवंबर को खेला जाएगा।
अब इसी आईपीएल की वजह से श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने लंका प्रीमियर लीग एलपीएल के डेब्यू सीजन के तारीखों में एक बार फिर बदलाव किया है, बता दें कि लंका प्रीमियर लीग की शुरुआत पहली बार श्रीलंका में होने जा रहा है, जो पहले 28 अगस्त से 20 सितंबर के बीच खेला जाना था, लेकिन अब इसकी शुरुआत 21 नवंबर से की जाएगी, ये तीसरा मौका है, जब लंका प्रीमियर लीग के शेड्यूल में बदलाव किया गया है। और श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को आईपीएल की वजह से अपने शेड्यूल में ये बड़ा बदलाव करने पर मजबूर होना पड़ा है।
श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया है जिससे आईपीएल में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों को एलपीएल की शुरुआत से पहले क्वारंटीन होने का वक्त मिल सके।
एलपीएल ने इसे लेकर बयान भी जारी किया है जिसमें कहा गया है कि चूंकि आईपीएल 10 नवंबर तक चलेगा, इसलिए हमने सोचा कि आईपीएल में हिस्सा लेने वाले उन खिलाड़ियों के लिए कुछ समय रखी जाए, जो टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए एलपीएल में खेलना चाहते हैं।
गौर करने वाली बात है कि अगर एलपीएल की शुरुआत पहले 14 नवंबर से होनी थी, अगर तय समय पर ये लीग शुरु होती तो आईपीएल में जो दुनियाभर के दिग्गज क्रिकेटर हिस्सा ले रहे हैं, वो एलपीएल के शुरुआती मैचेस में हिस्सा नहीं ले पाते।
एलपीएल टूर्नामेंट खिलाड़ियों का ड्रॉफ्ट पहले एक अक्टूबर को निकलना था, लेकन अब इसे बढाकर 9 अक्टूबर कर दिया गया है, इनमें क्रिस गेल, डैरेन सैमी, डैरेन ब्रावो, शाहिद आफरीदी, कोलिन मुनरो, मुनाफ पटेल और रवि बोपारा जैसे खिलाड़ी शामिल हैं। जानिए एलपीएल के बारे मेंः एलपीएल लंका प्रीमियर लीग को श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड शुरू करने जा रहा है, ये पहला मौका है जब श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड इस लीग को शुरू कर रहा है, इसमें 5 फ्रेंचाईजी टीम हिस्सा लेंगी, हर फ्रेंचाईजी अपनी टीम में 19 खिलाड़ी रख सकेंगी, जिसमें 6 विदेशी और 13 श्रीलंकाई खिलाड़ी होंगे। ये लीग 23 मैचों की खेली जाएगी, हलांकि कोरोनाकाल की वजह से इस लीग के आयोजन की तारीखों में कई बार बदलाव हो चुका है।               


पेट्रोल-डीजल के भाव बनी रही स्थिरता

नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ। गुरुवार को आज दिल्ली में पेट्रोल का भाव 81.06 रुपये और डीजल का भाव 70.63 रुपये प्रति लीटर रहा। लेकिन बता दें कि महीने की शुरुआत से ही कई बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की गई है। दरअसल पेट्रोल डीजल के भाव में नरमी का मुख्य कारण कच्चे तेल की कीमतों में कमी है।वैश्विक ईंधन बाजार में कच्‍चे तेल के भाव में तेज गिरावट आई है। इंडियन ऑयल की वेबसाइट के मुताबिक 01 अक्टूबर 2020 को दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई समेत प्रमुख शहरों में डीजल और पेट्रोल के रेट इस प्रकार रहे।         


देश में मानसून की विदाई हुई जारी

देश से मानसून की विदाई, जाते- जाते भी झूमकर हो रही बारिश, सामान्य से नौ फीसदी ज्यादा बारिश, इस साल सामान्य रहेंगी सर्दियां, लेकिन कई इलाकों में शीत लहर और बर्फबारी अक्टूबर- नवंबर माह में।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश से अब मानसून विदाई ले रहा है। लेकिन जाते-जाते भी कई राज्यों में झमा झम बारिश का दौर जारी है। हालाँकि इस बार पिछले साल की तुलना में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। कई सालों बाद यह पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सरहद पर स्थित बुंदेलखंड में सामान्य बारिश हुई। यह इलाका पिछले कई सालों से सूखा ग्रस्त रहा है। पिछले 120 सालों में यह 19वां साल है जब 109 फीसदी या उससे ज्यादा बारिश देश के विभिन्न इलाकों में पड़ी हो। जानकारों की माने तो 61 साल बाद ऐसा हुआ है कि लगातार दो सालों तक मानसून में बारिश सामान्य से ज्यादा दर्ज की गई हो।
जानकारी के मुताबिक पिछले साल 2019 में 110 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी। जबकि 2020 में बारिश का आंकड़ा 109 फीसदी रहा। इससे पहले साल 1958 में 109.8 फीसदी और 1959 में 114.3 फीसदी बारिश दर्ज की गई थी। इसके अलावा साल 1916 में 110 फीसदी और 1917 में 120 फीसदी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।
यही नहीं इस बार देश के 36 में से 31 सब डिविजन में सामान्य से ज्यादा बारिश देखी गई। इस साल के मानसून सीजन में अगस्त महीने में सबसे ज्यादा बारिश देखी गई। चार महीने रहे मानसून में अगस्त महीने में 27 फीसदी बारिश दर्ज की गई। इस बार मानसून की वापसी लगभग 15 दिनों की देरी से हो रही है। मानसून की विदाई की तारीख सामान्य तौर पर 17 सितंबर होती है लेकिन इस बार मानसून ने जाने में देरी कर दी। इस साल ये विदाई की प्रक्रिया 28 सितंबर को राजस्थान और पंजाब से शुरू हुई। पूरे देश से मानसून की विदाई की सामान्य तारीख 15 अक्तूबर है।
मौसन वैज्ञानिक आर के जेनामनी के मुताबिक निसर्ग तूफान ने मानसून को जमीन क्षेत्र में खींचने और एक जून को ही दस्तक देने में मदद की। सामान्य तौर पर पूरे देश में मानसून आठ जुलाई को आता है लेकिन इस बार 26 जून को ही मानसून ने दस्तक दे दी। जुलाई में बंगाल की खाड़ी में मानसूनी विक्षोभ के पैदा ना होने से बारिश में काफी कमी देखी गई। मौसम विभाग ने जानकारी दी कि अगस्त के आखिर से प्रशांत महासागर में कमजोर ला-नीना और जुलाई से हिंद महासागर में न्यूट्रल आईओडी बनाया हुआ है। विभाग ने बताया कि अक्तूबर से दिसंबर तक यही स्थिति बनी रहने की संभावना है, इसलिए इस बार सर्दियां सामान्य रहेंगी।
मौसम वैज्ञानिक बताते है कि इस बार सर्दी सामान्य रहेगी लेकिन कई हिस्सों में शीत लहर का प्रकोप अक्टूबर माह के अंतिम हफ्ते से ही शुरू हो जायेगा। उनके मुताबिक पहाड़ी इलाकों में इस बार पहली की तुलना में बर्फ़बारी जल्द शुरू हो सकती है। उनका मानना है कि कुछ इलाकों में तो अक्टूबर – नवम्बर माह में ही पहली बर्फबारी नजर आ सकती है।             


31 अक्टूबर तक यात्राओं पर प्रतिबंधः कनाडा

कनाडा में यात्रा पर प्रतिबंध की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ाई।


ओटावा। कनाडा ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के मद्देनजर विदेशियों की यात्रा पर लगायी गयी पाबंदी की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, हम अमेरिकी नागरिकों को छोड़ कर विदेशी नागरिकों की कनाडा में आने पर लगायी गयी पाबंदी की अवधि 31 अक्टूबर तक बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आदेश कुछ अमेरिकी नागरिकों, संघीय सरकार द्वारा अनुमति प्राप्त किये अस्थायी विदेशी श्रमिकों तथा कुछ निजी व्यक्तियों जैसे राजनयिक तथा विमानों के क्रू मेंबर पर लागू नहीं होगा।               


आगराः 15 अक्टूबर तक स्कूल बंद किए

आगरा। कोरोनो वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आगरा जिला प्रशासन ने धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक संस्थानों को 15 अक्टूबर तक बंद रखने का फैसला किया है। स्कूल और कॉलेज प्रबंधन ने उम्मीद जताई थी कि सामान्य कक्षाएं 1 अक्टूबर से शुरू हो जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं हूंं। मंदिरों के पुजारी इस बात से निराश हैं कि अधिमास में उन्हें पूजा पाठ करने की अनुमति नहीं होगी। बता दें कि अधिमास तीन साल में एक बार आता है और ये अशुभ माना जाता है।इस बीच, आगरा में कोरोना वायरस के 57 नए मामले सामने आए, जिसके बाद यहां कुल मामलों की संख्या 5,760 हो गई, जिसमें से 4,875 मरीज ठीक हो गए हैं। जिले में अब तक कोविड-19 से 127 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सक्रिय संक्रमितों की संख्या 758 है।               


बेटियों पर बड़े अत्याचार का किया विरोध

अधिवक्ता संघ ने मार्च निकालकर कानून-व्यवस्था और बेटियों पर हो रहे हमलों पर जताया विरोध।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। अधिवक्ता संघर्ष समिति के बैनर तले आज वकीलों ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था में गिरावट और बेटियों की सुरक्षा को लेकर मार्च निकाला। गाजियाबाद बार एसोसिएशन कार्यालय में चौ. चरण सिंह की प्रतिमा से शुरू होकर यह मार्च कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां प्रशासनिक अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा गया। राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन में वकीलों ने प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था और बेटियों पर हो रहे हमलों को लेकर राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की गई। समिति के सदस्य नाहर सिंह यादव ने कहा कि हाथरस की घटना में पुलिसकर्मियों को सजा देने के बजाय सरकार उन्हें बचाने में लगी हुई है। ऐसी निकम्मी सरकार को तुरंत बरखास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाथरस के बाद बलरामपुर और बुलंदशहर में भी बेटियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो गई है। इसके लिए प्रदेश की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। वकीलों ने आरोपियों की संपत्ति को कुर्क करने और इन मामलों की सुनवाई प्रदेश से बाहर की कोर्ट में कराने की भी मांग की है।               


भिड़ंत में फिर 2 लोग गंभीर घायल हुए

अतुल त्यागी


भिड़ंत में बाइक सवार दो लोग गंभीर रूप से हुए घायल। 


हापुड़। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को 108 की मदद से कराया पास के निजी अस्पताल में भर्ती।
घायलों की हालत नाजुक होने पर किया मेरठ मेडिकल के लिए रेफर। थाना धौलाना क्षेत्र के दौलतपुर डीकरी रजवाहे के पास की घटना।


अफवाहें कैसी-कैसी ? 'संपादकीय'

अफवाहें कैसी-कैसी ?     'संपादकीय'
कोविड-19 कोरोना वायरस के कारण ब्रह्मांड में अफरा-तफरी मची हुई है। ठंडे क्षेत्र अथवा राष्ट्र के लिए यह बहुत कष्ट कारक सिद्ध होगा। कोरोना वायरस को लेकर अलग-अलग तरह की अफवाहें फैल रही है। जिसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि अब मच्छरों से भी संक्रमण फैल रहा है।
 यह एक मोनोपोली है जिसके तहत देश की अधिकांश जनता को पीड़ा और समस्याओं में जीवन यापन करना पड़ रहा है। किंतु उसके बावजूद भी देश का प्रत्येक नागरिक शासन और प्रशासन में विश्वास रखते हुए आगे बढ़ रहा है। लॉकडाउन जैसी व्यवस्था प्रतिस्थापित करने के बाद देश में अपराध इस हद तक बढ़ गया है। जिसका शायद देश के किसी नागरिक को भी अनुमान नहीं था। देश में सामूहिक दुष्कर्म, उसके बाद सामूहिक दुष्कर्म, उसके बाद नाबालिगों से सामूहिक दुष्कर्म और प्रशासनिक व्यवस्था का वास्तविक चेहरा देखकर प्रत्येक व्यक्ति का हृदय विचलित और विभोर होना स्वभाविक है। देश की आर्थिक व्यवस्था किस अवस्था से गुजर रही है, यह बात शायद किसी से छिपी नहीं है ? देश का प्रत्येक नागरिक इस बात के प्रति चिंतित है। देश के राष्ट्रपति को जन्मदिन की शुभकामना दी गई है। लेकिन राष्ट्रीय समस्याओं को लेकर किसी प्रकार का कोई मनन नहीं किया जाता है। केवल नीतियों को जनता पर लादने का कार्य किया जा रहा है। क्या भारत की जनता नरेंद्र मोदी की गुलाम है ? शायद इस गलतफहमी को पालने की गलती देश के प्रधानमंत्री ने कर ली हैं। देश की जनता लोकतांत्रिक व्यवस्था में निर्मित संविधान के अनुसार सहयोग कर रही है। देश में जनता का शासन है, जनता को पीड़ित करने के लिए किसी को शासक नहीं बनाया जाता है, यही लोकतांत्रिक व्यवस्था का सिद्धांत होता है। इसके बावजूद देश में अपराधिक गतिविधियां किस प्रकार से और किस दर से बढ़ रही है ? इसके अनुपात को देखकर मन भयभीत हो जाता है। इस प्रकार की सरकार जो महिलाएं, युवती और नारी समाज के प्रति समर्पित भाव के अनुसार कार्य नहीं कर रही है। ऐसी सरकार से क्या उम्मीद, क्या अपेक्षा की जा सकती है ? देश की जनता न सोई हुई है और न मुर्दा है। इसके बावजूद भी समर्पण की भावना के साथ देश के शासकों के साथ खड़ी हुई है। आखिर किस प्रकार के दंड का दंश जनता झेल रही है। सरकार की उदारवादी नीतियां राष्ट्र के कष्ट का कारण बनेगी। 
राधेश्याम 'निर्भयपुत्र'                  


दशहराः उत्सव नहीं होगा, ना बड़ा आयोजन

इस बार दशहरा उत्सव में नहीं होगा कोई बड़ा आयोजन, प्रतीकात्मक रूप से रावण के पुतले का होगा दहन।


सुप्रिया पांडे


रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इस बार दशहरा उत्सव में कोई बड़ा आयोजन होने का आसार नजर नहीं आ रहा है। जिला प्रशासन के साथ देर शाम रावण दहन समिति के पदाधिकारियों की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि दशहरा उत्सव का कोई बड़ा आयोजन नहीं होगा, बल्कि प्रतीकात्मक रूप से पुतला दहन का कार्यक्रम किया जाएगा।
डब्ल्यूआरएस कॉलोनी के मैदान में रावण के पुतले का कद भी घटा दिया जाएगा। कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले इस बार नजर नहीं आएंगे। परंपरा को बनाए रखने के लिए पूजा पाठ के साथ प्रतीकात्मक पुतला का दहन होगा। बता दें कि हर बार डब्ल्यूआरएस मैदान में भव्य कार्यक्रम किया जाता था।
इस मामले में एडीएम विनीत नंदनवार ने बताया कि सभी प्रमुख समितियों के साथ बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें से कुछ ने रावण दहन न करने का फैसला लिया है। साथ ही कुछ लोगों ने प्रतीकात्मक रूप से पुतला दहन करने का फैसला लिया है। आज शाम तक व्यापारी लैटर पैड में जिला प्रशासन को अपनी राय देंगे। उसके बाद आदेश जारी किया जाएगा।             


सुविधाओं व यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया

सुविधाओं व यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया पंकज कपूर  देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बदरीनाथ पहुंच कर श्रद्धालुओं की...