शनिवार, 4 जुलाई 2020

किसान की धान 'संपादकीय'

किसान की धान      'संपादकीय'


धान से पैदा भोजन में महत्वपूर्ण जगह रखने वाले चावल और धान की फसल तैयार करने वाली समस्याओं लागत एवं फायदे पर विशष


 हम भारतीय खाने की थाली में विशेष महत्व एवं स्थान रखने वाले भोजन के महत्वपूर्ण अनाज धान से निकलकर चावल का स्वरूप धारण करने वाली फसल और  फसल पैदा करने वाले किसान भगवान की ज्वलंत समस्याओं लागत और फायदे नुकसान पर चर्चा करने की कोशिश कर रहे हैं।धान की फसल के लिए पानी उतना ही जरूरी होता है जितना मछली के जिंदा रहने के लिए पानी का होता है।धान की फसल की शुरुआत का तरीका बदल गया है और अब हल बैल का जमाना जाने के बाद टैक्ट्रर उसका विकल्प बन गया है।धान की फसल की शुरुआत बेड़न बिठाने से होती है और बेड़न बिठाने के लिये बीज की जरूरत होती है जो अब पहले की तरह घर से नहीं बल्कि बीज की दूकान से मुंहमांगी रकम अदा करके लाना पड़ता है।वैसे सरकार की तरफ से किसानों को अनुदान वाला बीज उपलब्ध कराया जाता है इसके बावजूद आधुनिक विभिन्न किस्म के दस आने धान का बीज दूकानों से खरीदा जाता है।बीज में मनमानी मूल्य झेलने के बाद किसान को बेड़न डालने के बाद खाद दवा के साथ ही जंगली पशुओं नीलगाय एवं छुट्टा गाय बछड़ा साड़ आदि की मनमानी की मार झेलनी पड़ती है और बेड़न खेत में डालने के एक हफ्ते के बाद से ही रात दिन चारपाई डालकर उसकी रखवाली करना पड़ता है।बरसात के मौसम की शुरुआत होते ही धान की फसल की तैयारी भी शुरू हो जाती है।इस फसल में नकदी की जरूरत बीज से बीज डालने रखवाली करने तक ही सीमित नहीं है बल्कि बेड़न की रोपाई के लिये खेत में पानी भरने बाद टैक्ट्रर से जुतवाकर पाटा चलाने तथा मजदूरों से रोपाई खाद दवाई तक की खरीद करनी पड़ती है।इस समय सौ रूपया सैकड़ा बेरन खोदकर उसकी मुठ्ठी बंधवाने पर खर्च करना पड़ता हैं।बिजली नलकूप वाले डेढ़ सौ दो डीजल वाले दो सौ रूपया प्रति घंटा लेते हैं और कच्चा डेढ़ बीघा खेत में रोपाई लायक पानी भरने में तीन से साढ़े तीन घंटे का समय लग जाता है।पानी भरकर जुताई मैवाई कराने के बाद रोपाई करने के लिए साढ़े तीन से चार सौ रूपया कच्चा बीघा खर्च करना पड़ता है।इतना ही नहीं धान की फसल में उवर्रक डालने की भी शुरुआत बेड़न से होती है और जबतक फसल में बालें नहीं निकलती हैं तबतक इसकी जरूरत पड़ती है।जिस तरह शुरू से अंत तक डीएपी से यूरिया खाद पर किसानों की एक अच्छी रकम खरीदने के नाम पर खर्च करने पड़ते हैं। उसी तरह इस फसल को तैयार करने के लिए खरपतवार नाशक दीमक नाशक फफूंदी नाशक आदि दवाओं पर भी नकद खरीदना पड़ता है।


इतना खर्च करने के बाद भी किसान को फसल तैयार करने के कम से कम दो बार निकाई भी कराना पड़ता है और निकाई करने वाले मजदूरों को चाय समोसा पान मसाला या दोहरे के साथ सौ रूपया नकद खेत पर ही भुगतान करना पड़ता है।इस फसल को तैयार करने के लिए किसान को पांच हजार से अधिक प्रति बीघा खर्च करने के साथ ही कम से कम चार महीने तक उसकी रातदिन रखवाली करके पशुओं से बचाना पड़ता है।इतना सब खर्च करने के बाद उसे काटकर तैयार करने के लिए उत्पादन का दसवां हिस्सा लौनी यानी कटाई के रूप में देना पड़ता है।इस फसल के सकुशल तैयार होकर घर आते आते किसान द्वारा खर्च की गई धनराशि की वापसी मुश्किल हो जाती है।इतनी मेहनत से किसान धान को पैदा करके उसे चावल बनने लायक बनाता है यही वजह भी है कि चावल मजहबी बंधनों को तोड़कर हिन्दू मुसलमान सिख इसाई सबका सर्वप्रिय भोजन का अंग बना हुआ है।जिन किसानों को सारा कार्य किराये पर कराकर धान की फसल पैदा करनी पड़ती है उसे घाटा उठाना पड़ता है क्योंकि एक बीघा खेत में औसतन तीन चार कुंटल से अधिक पैदावार नहीं होती है।धान की फसल तैयार करने में किसान के हिस्से में सिर्फ पुआल आता है और "बोया ऊँख बहुत मन फरका, कीन हिसाब बचा कां सिरका" वाली कहावत चरितार्थ होती है।



भोलानाथ मिश्र


3 दिवसीय डिजिटल प्रशिक्षण शिविर

एसिड पीड़िता और छात्राओं ने तीन दिवसीय डिजिटल साक्षरता प्रशिक्षण शिविर में आनलाइन नई तकनीक के साथ साइबर सुरक्षा का पाठ पढ़ी
   
-विशेषज्ञों ने बताया कि शोसल मीडिया, ऑनलाइन बैंकिंग या अन्य प्लेटफॉर्म पर किन बातों का रखें ध्यान


-आशा ट्रस्ट और रेड ब्रिगेड ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे तीन दिवसीय प्रशिक्षण का शनिवार को समापन हुआ


वाराणसी। सोशल मीडिया में सक्रिय रहते हुए किन बातों का ध्यान रखें, साइबर क्राइम से बचने के क्या तरीके हैं, डिजिटल वर्ल्ड में किस तरह गोपनीयता और सुरक्षा बनाएं रखें, आशा ट्रस्ट और रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के ओर से शहर के दुर्गाकुंड स्थित आरेंज कैफे में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन कोरोना काल के समय से बढ़ते साइबर अपराधों के प्रति लोगों को जागरूक किया।


इसकी शुरुआत करते हुए प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के प्रमुख अजय पटेल ने बताया कि लॉकडाउन से ही अनलाक 2 में भी लोग घरों में कम्प्यूटर, मोबाइल फोन और टैबलेट पर ज्यादा समय व्यतीत कर रहे हैं। ऐसे में साइबर अपराधियों को उनके सिस्टम को हैक करने का ज्यादा मौका मिलता है। बतौर प्रशिक्षक सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि साइबर अपराधी लॉकडाउन में बैंक की ओर से तीन महीने के लिए छूट देने का बहाना बनाकर लोगों से खाते संबंधी जानकारी लेकर फ्रॉड कर रहे हैं। ऐसे में लोगों को पता होना चाहिए कि बैंक कभी इस तरह के फोन नहीं करता। यूपीआई व इंटरनेट बैंकिंग संबंधी फ्रॉड पर चर्चा करते हुए बताया कि अक्सर लोग गूगल पर नंबर सर्च कर फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। लोगों को सिर्फ असली वेबसाइट पर जा कर ही कस्टमर केयर का नंबर लेना चाहिए।


प्रशिक्षण के दौरान साइबर क्राइम से बचने से लेकर नये नये तकनीक के उपयोग की भी जानकारी दी गई।


राजकुमार गुप्ता ने बताया कि इस वर्तमान समय में आईजीआरएस, पीजी सहित विभिन्न पोर्टलों, निगरानी, ई-कोर्ट, भूलेख, आरटीआई, आरटीई आदि पोर्टलों, ऐप्स, वेबसाइट आदि के माध्यमों से आमजन, विद्यार्थियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाया जा रहा है। जिसमें पेपरलेस, आनलाइन, आवेदन, शिकायत एवं सुझाव बिना भागदौड़ घर बैठे पाठयक्रमों में पंजीकरण, ई-अधिगम, ऑनलाइन-परीक्षा, डिजिटल प्रमाण-पत्र शामिल है तथा जिसे स्वतः एसएमएस एवं आधार समर्थित प्रत्यक्ष लाभ अन्तरण (डीबीटी) योजनाओं का समर्थन प्राप्त है। 


अजय पटेल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण और सुरक्षा को लेकर डिजिटल ऑनलाइन पेपरलेस प्रशिक्षण शिविर अभियान चलाया जा रहा है। हमारे विशेषज्ञों की टीम पूर्वांचल के कई जिलों की प्रतिभागियों को डिजिटल आनलाइन विषय के बारे में जानकारी दिया। इस दौरान उन्हें इंटरनेट के सुरक्षित इस्तेमाल के बारे में जागरूक भी किया गया।


साइबर क्राइम से निपटने के तरीके सुझाएं गये


डिजिटल ऑनलाइन पेपरलेस प्रशिक्षण शिविर का मुख्य उद्देश्य एसिड पीड़िताओं और छात्राओं को साइबर जगत के नकारात्मक पहलुओं से अवगत कराते हुए इंटरनेट पर उनके लिए सुरक्षित माहौल तैयार करना है। इसके तहत तीन मुख्य उद्देश्यों पर काम किया गया। इनमें डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना, साइबर क्राइम के बारे में जागरूकता लाना और साइबर क्राइम से निपटने के लिए सुरक्षा के मौजूदा टिप्स के बारे में जानकारी देना शामिल है जिससे पीड़िताओं, छात्राओं को जागरूक बनाकर उन्हें सुरक्षा कवच दिया जा सकता है।


अआनलाइन फ्रॉड राेकने के लिए बरतें ये सावधानियां


कभी किसी अजनबी का बैंक अधिकारी के नाम से आई काॅल पर भी काेई डिटेल नहीं दें ओटीपी नंबर और एटीएम पिन भी कतई नहीं दें किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें, न ही लालच में काेई अनजान एप इंस्टॉल करें सोशल मीडिया का यूजर आईड और पासवर्ड भी शेअर नहीं करें।
इस दौरान अजय पटेल, राजकुमार गुप्ता, वाराणसी से बदामा देवी, सुमन कुमारी, आस्था कुमारी, मऊ से नग्मे इरम खान, इलाहाबाद से संगीता पटेल, गाजीपुर से प्रियंका भारती, प्रीति सरोज, जौनपुर से सन्नो सोनकर आदि लोग शामिल रहे।


रिपोर्ट- राजकुमार गुप्ता 


5 रूपये के लिए गार्ड ने मारी गोली

विजय भाटी


गौतमबुध नगर। हाइटेक सिटी कहे जाने वाले नोएडा के सेक्टर 58 में सिर्फ ₹5 रुपये को लेकर मामूली विवाद में एक सिक्योरिटी गार्ड ने फल विक्रेता को गोली मारी दी, जिसमें फल विक्रेता गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल अवस्था मे उसको निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। फल लेने के दौरान गार्ड और फल विक्रेता में 5 रुपये को लेकर विवाद हो गया था, जिसके बाद ये घटना हुई।


फल विक्रेता ने की गार्ड की पिटाई


नोएडा के सेक्टर 58 कोतवाली एरिया के सेक्टर 56 में उस समय हड़कम्प मच गया जब एक निजी कंपनी के सुरक्षाकर्मी ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से फल विक्रेता को गोली मार दी।दरअसल, सेक्टर 56 में परदेसी  उर्फ जेठा फल की ठेली लगाता है। निजी कंपनी में गार्ड की नौकरी करने वाले सतेंद्र पांडे से फल के पैसे को लेकर उसका विवाद हो गया गया। विवाद इतना बढ़ गया कि परदेसी ने अपने साथियों के साथ मिलकर सतेंद्र को पीट दिया। इस घटना के बाद सतेंद्र गुस्से में अपनी कंपनी में गया और अपनी लाइसेंसी बंदूक लाकर फल विक्रेता परदेसी को गोली मार दी। गोली उसके पैर में लगी। आनन-फानन में घायल फल विक्रेता को निजी अस्पताल में भर्ती किया गया है।


आरोपी गार्ड गिरफ्तार


एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि फल विक्रेता से पैसे को लेकर विवाद हो गया। जिसमें उसने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली चला दी, जिसमें फल विक्रेता घायल हो गया है. घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही घटना में प्रयुक्त बंदूक को भी बरामद कर लिया गया है।                


एमपी बोर्डः 62.84 प्रतिशत छात्र पास

भोपाल। मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (MPBSE) ने कक्षा 10वीं के रिजल्ट की घोषणा कर दी है, जो छात्र 10वीं की इस परीक्षा में शामिल हुए हैं, वह रिजल्ट जारी होने के तुरंत बाद mpbse.nic.in, mpresults.nic.in. पर जाकर अपना स्कोर चेक कर सकते हैं, इस साल परीक्षा में 62.84% छात्र हुए पास हुए हैं, रिजल्ट पिछले साल की तुलना में बेहतर है, पिछले साल एमपी बोर्ड 10वीं का रिजल्ट 61.32 फीसदी रहा था, 10वीं में लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से बेहतर रहा था, एमपी बोर्ड 10वीं में 63.69% लड़कियां और 59.15% लड़के पास हुए थे, एमपी बोर्ड 10वीं में सागर जिले के गगन दीक्षित और आयुष्मान ताम्रकार ने टॉप किया था, दोनों के 500 में से 499 मार्क्स थे |


यह रिजल्ट इन वेबसाइट्स पर देखे जा सकते हैं 


Mpbse.nic.in


Mpresults.nic.in


Mpbse.mponline.gov.in               


जीएसटी फाइल में देरी, जुर्माना ₹500





अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। अब जीएसटी फाइल करने में देरी होने पर व्यापारियों को सिर्फ पांच सौ रुपये प्रति रिटर्न फाइन देना होगा। सरकार ने फैसला लिया है कि मासिक और तिमाही बिक्री रिटर्न तथा कर भुगतान फार्म देरी से भरने को लेकर जुलाई 2020 तक अधिकतम विलंब शुल्क 500 रुपये प्रति रिटर्न से ज्यादा नहीं लिया जाएगा। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने एक बयान जारी कर कहाकि, जीएसटी करदाताओं को राहत देने के लिए सरकार ने जुलाई 2017 से जुलाई 2020 की अवधि के लिए जीएसटीआर-3बी फार्म भरने को लेकर अधिकतम विलम्ब शुल्क 500 रुपए प्रति रिटर्न पर सीमित कर दिया है। यह सुविधा तभी उपलब्ध होगी जब इस अवधि की जीएसटीआर-3बी रिटर्न 30 सितंबर 2020 से पहले भर दी जाए।


सीबीआईसी ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहाकि अगर कोई कर देनदारी नहीं बनती है तो व्यापारियों को कोई विलम्ब शुल्क नहीं देना होगा। अगर कोई कर देनदारी बनती है, तो अधिकतम विलम्ब शुल्क 500 रुपए प्रति रिटर्न लगेगा लेकिन इसके लिए जरूरी है कि जीएसटीआर-3बी रिटर्न 30 सितंबर 2020 तक दाखिल कर दी जानी चाहिए।



 

 






 










  


मुंबई क्षेत्र में भारी बारिश का अनुमान






मुंबई। मौसम विभाग ने मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में अगले 24 घंटों में बेहद भारी बारिश का अनुमान जताया है। इन इलाकों में रेड अलर्ट भी जारी कर दिया है। 3 और 4 जुलाई के बीच कई स्थानों में मूसलाधार बारिश की आशंका है।




शनिवार को मुंबई और आसपास के जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इनमें मुंबई और ठाणे के अलावा रायगढ़ और रत्नागिरि के कई इलाके शामिल हैं, जहां मूसलाधार बारिश की आशंका मौसम विभाग ने व्यक्त की है। इससे पहले शुक्रवार को लगभग पूरे दिन मुंबई सहित उपनगरीय ठाणे, पालघर के कुछ हिस्सों में भारी बारिश देखने को मिली। रत्नागिरी और रायगढ़ के कुछ इलाकों में भी पानी भरा।
सुबह से ही मुंबई के इन इलाकों में हो रही बारिश
शनिवार सुबह से भी मुंबई के सबअर्बन इलाकों में 5 से 10 मिलीमीटर के बीच बारिश हुई है। इनमें विले परले, अंधेरी, माटुंगा, किंग सर्कल, एंटाप हिल, बांद्रा और मलाड के कुछ इलाके शामिल हैं। इससे पहले शुक्रवार को हुई बारिश से मुंबई शहर और उपनगरों में जगह-जगह पानी भर गया। इनमें दादर, माटुंगा, वरली नाका, लालबाग, किंग्ज सर्कल, सायन, कुर्ला, अंधेरी सहित कई इलाके शामिल थे।
आज महाराष्ट्र में यहां बारिश होने की संभावना
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि शनिवार को पालघर, मुंबई, ठाणे और रायगढ़ में कई स्थानों पर मूसलाधार बारिश होने की आशंका है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘4 जुलाई को पालघर, मुंबई, ठाणे और रायगढ़ जिलों में कुछ जगहों पर मूसलाधार बारिश होने की आशंका है। कुछ जगहों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने का अनुमान है।’
कई जगह यातायात डाइवर्ट किया गया
शुक्रवार को हिंदमाता और गोलदेवल इलाके में सड़क पर पानी भरने के कारण यातायात को दूसरे मार्ग पर डायवर्ट करना पड़ा। अंधेरी सबवे से यातायात को रोक दिया गया। मुलुंड में कई जगह पानी भरने से लोगों को परेशानी हुई। कई जगह पेड़ गिरने और शॉर्ट सर्किट की भी शिकायतें बीएमसी को मिलीं। लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर ज्यादा लोग नहीं थे, फिर भी बारिश के कारण सड़कों पर गाड़ियों का जाम लगा रहा।


बृज बिहारी दुबे




 

 






 










  


दिल्ली में टमाटर का रंग हुआ लाल

 








बृज बिहारी दुबे




नई दिल्ली । कोरोना काल में वैसे ही आम आदमी का जीना दूभर हो गया है, ऐसे में टमाटर के भाव आसमान में पहुंच गए हैं। कुछ दिन पहले ही 10-15 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर 70-90 रुपए किलो तक चला गया है। यही नहीं अन्य हरी सब्जियां और आलू भी उसी के पीछे-पीछे चलना शुरू कर दिया है। नवीन सब्जी मंडी, सहिबाबाद में टमाटर के एक आढ़ती का कहना है कि पहले टमाटर गुजरात खूब आता था। बरसात शुरू होने से वहां से आवक कम हो गई है। ऐसे में शिमला से आने वाले टमाटर के भरोसे हैं। शिमला वाला टमाटर भी कम ही आ रहा है। साथ ही डीजल महंगा होने से भाड़ा भी बढ़ गया है। इसलिए अच्छा टमाटर का थोक रेट ही 50 रुपए से ज्यादा हो गया है। ऐसे में खुदरा में तो कीमत और बढ़ेगी ही। पिछले सप्ताह जो आलू 20 रुपए किलो मिल रहा था वह 30 रुपए किलो हो गया है। इस समय भिंडी का दाम 30 से 40 रुपए किलो, शिमला मिर्च 60 से 80 रुपए किलो, फ्रेंच बीन 60 से 80 रुपए, फूल गोभी 40 से 60 रुपए किलो मिल रहा है। 10 रुपए किलो मिलने वाला तोरी भी अब 20 से 30 रुपए किलो हो गया है। बैगन भी 30 रुपए किलो, कद्दू 20 रुपए किलो बिकने लगा है। सब्जी दुकानदारों का कहना है कि बरसात शुरू होने से हरी सब्जी की खेती पर नुकसान पहुंचा है। इसलिए आवक कम हो गई है।




 

 


 


 










  




 

 







 

 







 







 




 




 



 




सुविधाओं व यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया

सुविधाओं व यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया पंकज कपूर  देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बदरीनाथ पहुंच कर श्रद्धालुओं की...