शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

वार्मिंग से निपटने के लिए 'क्लाइमेट इमरजेंसी'

ग्‍लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए न्‍यूजीलैंड में होने वाला है क्‍लाइमेट इमरजेंसी


वेलिंग्टन। ग्लोबल वॉर्मिंग से निपटने के लिए न्‍यूजीलैंड के पीएम जैकिंडा अर्डर्न ने बड़ा फैसला लिया है। अर्डर्न सरकार ने क्‍लाइमेट इमरजेंसी करने का ऐलान किया है। सरकार अगले बुधवार को वहां के संसद में आपातकाल घोषित करने के लिए प्रस्‍ताव पारित करने वाली है। न्यूजीलैंड राज्य प्रसारक टीवीएनजेड के अनुसार पीएम अर्डर्न का कहा है। कि हमने हमेशा जलवायु परिवर्तन को एक बड़ा खतरा माना है। और यह कुछ ऐसा है। जिस पर हमें तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि दुर्भाग्य से हम पिछले कार्यकाल में संसद में जलवायु आपातकाल के आसपास एक गति को प्रगति करने में असमर्थ थे। लेकिन अब हम कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि जीत हासिल करने के बाद हमारी पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती कोरोना वायरस से निपटना था। हम उससे पार आए और इसके लिए हमें पुरस्‍कृत भी किया गया। कहां-कहां लागू हो चुका है। क्‍लाइमेट इमरजेंसी दिसंबर 2016 को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में डेयरबिन शहर में आपातकाल लागू किया गया। एक मई 2019 को ब्रिटेन की संसद ने जलवायु आपातकाल घोषित किया। इस देश के एक दर्जन से अधिक शहर और कस्बे ऐसा पहले ही कर चुके हैं। जून 2019 में पोप फ्रांसिस ने वेटिकन सिटी में इमरजेंसी आपातकाल घोषित किया। आयरलैंड, पुर्तगाल, कनाडा, फ्रांस, अर्जेंटीना, स्पेन, आस्ट्रिया सहित कई देशों ने ऐसा उपबंध लागू कर दिया है। अक्टूबर, 2019 तक दुनिया के 1143 ऐसे प्रशासन प्रणाली या स्थानीय सरकारें हैं। जिन्होंने जलवायु आपातकाल को कालू कर दिया है। न्‍यूजीलैंड के तट पर मर गईं सैकड़ों व्‍हेल-डॉलफिन... न्यूजीलैंड में 25 नवंबर को दोपहर में 100 व्हेल और डॉलफिंस मृत मिलीं। ये समुद्री जीव न्यूजीलैंड के पूर्वी तटे 800 किलोमीटर दूर चाथम द्वीप के तट पर दिखाई पड़ी। ऐसा लगता है। कि इनमें से ज्यादातर मछलियां रविवार को तट पर आकर फंस गईं थीं। चाथम द्वीप से जानकारी मिलने में देरी हुई और उन्हें बचाने की कवायद शुरू करने से पहले इनकी मौत हो गई। न्यूजीलैंड के कंजरवेशन विभाग ने बताया कि कुल 97 पायलट व्हेल और बॉटलनोज डॉलफिंस मृत पाई गई हैं। कंजरवेशन विभाग की रेंजर जेमा वेल्श ने बताया कि चाथम द्वीप की दूर है। साथ ही यहां पर बिजली का आना-जाना लगा रहता है। इसिलए सही समय पर सूचना नहीं मिली। रेंजर्स और बचावकर्मी कई घंटे बाद मौके पर वैतांगी वेस्ट बीच पहुंचे जहां मछलियां मरी पड़ी थीं।                                     


टीसीएस के फाउंडर एफसी कोहली का निधन

टीसीएस के फाउंडर पद्मभूषण एफसी कोहली का निधन, कहे जाते थे आईटी इंडस्‍ट्री के पितामह


नई दिल्‍ली। देश की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेन्सी सर्विसेज ( टीसीएस) के फाउंडर एफसी कोहली का 96 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्हें इंडियन आईटी इंडस्ट्री का जनक भी कहा जाता है। उन्‍हें उनके कार्यों के लिए पद्मभूषण से सम्‍मानित किया गया था। एफसी कोहली का पूरा नाम फकीर चंद्र कोहली था। उन्‍होंने ही 1991 में आईबीएम को टाटा-आईबीएम के हिस्से के रूप में भारत लाने के निर्णय में सक्रिय रूप से शामिल थे। यह भारत में हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग के लिए ज्वाइंट वेंचर का हिस्सा था। सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री के जनक कहे जाने वाले एफसी कोहली ने भारत की प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व किया और टीसीएस के पहले सीईओ के रूप में देश को 100 बिलियन डॉलर की आईटी इंडस्ट्री के निर्माण में मदद की।
एफसी कोहली ने बीए और बीएससी की शिक्षा सरकारी कॉलेज लाहौर (पंजाब विश्वविद्यालय के अंतर्गत) से ली। इसके बाद उन्होंने कनाडा के क्वीन्स विश्वविद्यालय से 1948 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग बीएससी ऑनर्स की डिग्री ली। इसके बाद कोहली ने 1950 में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एमएस भी किया।
विदेश में पढ़ाई खत्म करने के बाद कोहली 1951 में स्वदेश लौटे। 1951 में कोहली टाटा इलेक्ट्रिक कंपनियों में शामिल हो गए और सिस्टम ऑपरेशन को मैनेज करने के लिए लोड डिस्पैचिंग सिस्टम स्थापित करने में मदद की। साल 1969 में कोहली टीसीएस के जेनरल मैनेजर बने। इसके बाद, वह साल 1970 में कंपनी के निदेशक बने और बाद में उन्हें टीसीएस के पहले सीईओ के रूप में नियुक्त किया गया।
पाकिस्‍तान ने दुनिया को दिया धोखा जेल में नहीं ठाठ से अपने घर में है। हाफिज सईद, वहीं से चला रहा आतंक की फैक्‍ट्री।                                             


अर्णब को स्पष्ट बेल देने का निणर्य करेगा एससी

अर्नब गोस्वामी को अंतरिम बेल देने के कारणों को आज स्पष्ट करेगा सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली। टेलीविजन पत्रकार अर्नब गोस्वामी को आत्महत्या के लिए उकसावे के वर्ष 2018 के एक मामले में अग्रिम जमानत देने एक पखवाड़े के बाद इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को विस्तार से कारण स्पष्ट करेगा। विगत 11 नवंबर को सर्वोच्च अदालत गोस्वामी को अंतरिम जमानत देते हुए कहा था। कि अगर उनकी निजी स्वतंत्रता को बाधित किया गया तो यह अन्याय होगा। जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली खंडपीठ शुक्रवार को अपने दिए फैसले पर सफाई देगी। ऐसा होना अपने आप में दुलर्भ है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने 11 नवंबर को अर्नब गोस्वामी को जमानत मंजूर करते हुए इस बात पर चिंता जताई थी। कि राज्य सरकार कुछ लोगों को सिर्फ इस आधार पर कैसे निशाना बना सकती है। कि वह उसके आदर्शो या राय से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह इस मामले में वकीलों की राय बाद में लेंगे कि नागरिकों की आजादी की सुरक्षा किस तरह से हो। यह फैसला सुनाते हुए तब सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में दो अन्य नीतीश सारदा और फिरोज मुहम्मद शेख को भी पचास-पचास हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी थी। जमानत देते हुए जस्टिस ने कहा कि अगर राज्य सरकारें लोगों को निशाना बनाती हैं। तो उन्हें इस बात का अहसास होना चाहिए कि नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए एक सर्वोच्च अदालत है। खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि हम यह मानते हैं। कि हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता की अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज करके गलत किया। इसलिए हम आदेश देते हैं। कि अर्नब मनोरंजन गोस्वामी फिरोज मुहम्मद शेख और नीतीश सारदा को अंतरिम जमानत पर तत्काल छोड़ दिया जाए। कोर्ट ने आरोपितों को भी निर्देशित किया कि वह केस की जांच में सहयोग करें।                                        


गुजरात के अस्पताल में आग, 6 की मौत

गुजरात राजकोट के एक कॉविड-19 अस्पताल में लगी भीषण आग, 6 की मौत


राजकोट। गुजरात के राजकोट जिले में गुरुवार (27 नवंबर) देर रात शिवानंद अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगी। इस भीषण हादसे में छह लोगों की मौत हो गई। शिवानंद अस्पताल एक कोविड-19 मरीजों के लिए अस्पताल है। आईसीयू वार्ड( आईसीयू) में जिस वक्त आग लगी, उसमें 11 मरीज भर्ती थे। जिसमें से आग लगने की वजह पांच की मौत हुई है। और वही एक अन्य मरीज की मौत हुई।
इंडिया टूडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जिस वक्त शिवानंद अस्पताल में आग लगी हॉस्पिटल में उस वक्त 33 मरीज भर्ती थे। हादसे में मारे 6 लोग गए हैं। लेकिन भीषण आग होने की वजह से कई लोग झुलस गए हैं। मरीजों को घायल अवस्था में आनन-फानन में दूसरी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
हालांकि फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है। आग बुझाने के लिए मौके पर कई दमकल गाड़िया मौजूद हैं। स्थानीय अधिकारियों के पास यह विश्वास करने का पूख्ता सबूत है। कि सबसे पहले आग आईसीयू से शुरू हुआ था। अभी तक आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है।
शुरुआती इनपुट बताते हैं। कि राजकोट के शिवानंद अस्पताल में आग लगने के दौरान कई मरीजों को गंभीर चोटें आईं। दमकल विभाग के मुताबिक आग के कारणों का पता लगाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा है। कि फिलहाल उनका पूरा ध्यान इस बात पर है। कि मरीजों को सही मेडिकस सुविधा मिले। उन्होंने कहा है। कि वह इस बात की जांच बाद में कराएंगे कि आखिर अस्पताल में देर रात आग कैसे लगी।                                 


बॉक्सिंग रिंग में मुक्के बरसा रहीं लड़कियां

बॉक्सिंग रिंग में मुक्के बरसा रहीं गाजा की लड़कियां


जेरुसलम। इस्राइल की नाकेबंदी चरमराती अर्थव्यवस्था और कोरोना महामारी के थपेड़ों के बीच गाजा पट्टी में लड़कियां बॉक्सिंग में हाथ आजमा रही हैं। पिछले दिनों गाजा पट्टी में पहली बार सिर्फ लड़कियों के लिए मुक्केबाजी की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिनमें लड़कियों ने अपने अपने वजन के श्रेणियों के अनुसार हिस्सा लिया। एक अंधेरे में घंटी बजती है। और दो किशोरियां मोटे दस्ताने पहने रिंग में एक दूसरे के चक्कर लगाने लगती हैं। रिश्तेदारों और दोस्तों के प्रोत्साहन भरे शोरगुल के बीच वो एक दूसरे पर मुक्कों की बरसात शुरू कर देती हैं। ये इस फिलिस्तीनी एन्क्लेव का महिलाओं का पहला बॉक्सिंग टूर्नामेंट था। दोनों मुक्केबाजों में से एक 15 वर्षीय फराह अबू अल-कुसमान हैं। वो कहती हैं कि उन्होंने लंबे समय तक इंटरनेट पर बॉक्सिंग को देखा समझा और फिर परदे से रिंग में कूदने का फैसला लिया। उत्साह से भरी हुई फराह कहती हैं। कि मैं माइक टायसन और मोहम्मद अली जैसे मक्केबाजों को देखती थी। मुझे उन्हें लड़ते देखना बहुत अच्छा लगता है। वो बहुत ही अच्छी मुक्केबाजी करते हैं । और अक्सर अपने मैच के पहले राउंड में ही जीत जाते हैं। हैरानी की बात तो ये है। लोग कोरोना महामारी की परवाह न करते हुए ये मैच देखने पहुंचे। 20 साल की मुक्केबाज रीटा अबू रहमा कहती हैं। कि कई लोगों को लगता है। जो हम कर रहे हैं। वो गलत है। और हम नैतिक मूल्यों औ परंपरा का अनादर कर रहे हैं। लेकिन मेरे मेरे परिवार और मेरे दोस्तों के लिए सामान्य है। कुवैत की चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी लड़कियां...
महिला मुक्केबाजों के 35 साल की कोच ओसामा अयूब कहती हैं। कि महिलाओं के लिए एक बॉक्सिंग टूर्नामेंट का फिलिस्तीन में पहली बार आयोजन हो रहा है।यहां  45 प्रतियोगी थे। और इनमें से जो सबसे अच्छी होगी वो फरवरी में कुवैत में होने वाली एक चैंपियनशिप में फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करेगी।                                      


हेदराबाद: तेलंगाना बीजेपी चीफ का पलटवार

तेलंगाना बीजेपी चीफ का पलटवार, 'अकबरुद्दीन ओवैसी के दादा का है पीवी घाट, हिम्मत है तो तोड़ कर दिखाओ'


हैदराबाद। ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के नेताओं के बीच जमकर जुबानी जंग हो रही है। इस बीच नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने अपने एक चुनावी सभा में कहा कि हुसैन सागर झील के तट पर बनीं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और टीडीपी के संस्थापक एनटी रामाराव की ‘समाधियां’ (घाट) को हटा देना चाहिए। अकबरुद्दीन ओवैसी के इस बयान पर तेलंगाना बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद बंडी संजय कुमार भड़क गए हैं। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा, क्या ये पीवी घाट और एनटीआर घाट दोनों उनके (अकबरुद्दीन ओवैसी) पिता या आपके दादा का है। क्या एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बंडी संजय कुमार ने कहा मैंने सुना है। कि ओवैसी (अकबरुद्दीन ओवैसी) ने कहा, पीवी घाट और एनटीआर घाट को ध्वस्त किया जाना चाहिए। क्या ये आपके पिता या दादा के हैं? हिम्मत है। तो उन्हें ध्वस्त कर दो। तब से सिर्फ 2 घंटे में, बीजेपी नेता आपका दारुस्सलाम मुख्यालय) गिराने के लिए तैयार हैं।
हैदराबाद में 1 दिसंबर को होने वाले चुनाव से कुछ दिन पहले तेलंगाना बीजेपी चीफ बंडी संजय कुमार ने कथित तौर पर धमकी देते हुए कहा कि हैदराबाद के ओल्ड सिटी इलाके में घुसपैठियों’ पर सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे। उन्होंने दावा किया है। कि हैदराबाद के ओल्ड सिटी में रोहिंग्याओं और पाकिस्तानियों को कब्जा है। और अगर वो सत्ता में आते हैं। तो इन्हें हटाने के लिए पुराने शहर में सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे।
जिसका जवाब देते हुए चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था। कि अगर हैदराबाद के ओल्ड सिटी इलाके में रोहिंग्याओं और पाकिस्तानियों का कब्जा है। तो ऐसे 100 नामों के बारे में बीजेपी बताए। उन्होंने ये भी कहा था। कि अगर ‘घुसपैठियों’ का इन इलाकों पर कब्जा है। तो पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने अबतक इन्हें क्यों नहीं यहां से निकला, क्या वो दोनों सो रहे थे।                                   


भारत में कोरोना के मामले 93,09,787 हुए

भारत में कोविड-19 के मामले बढ़कर 93,09,787 हुए


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 के 43,082 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 93.09 लाख हो गए। जिनमें से 87,18,517 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। और संक्रमण से ठीक होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 93.64 प्रतिशत हो गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार देश में अभी तक कोविड-19 के 93,09,787 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं 492 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,35,715 हो गई। देश में अभी 4,55,555 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है। आंकड़ों के अनुसार उपचाराधीन मरीजों की संख्या कुल मामलों की 4.89 प्रतिशत है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार 26 नवम्बर तक 13,70,62,749 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई, जिनमें से 11,31,204 नमूनों का परीक्षण गुरूवार को ही किया गया।                                      


बायोटेक केंद्र का दौरा करेंगे 'पीएम' मोदी

मोदी कोविड-19 का टीका बना रहे बायोटेक के केंद्र का करेंगे दौरा, टीके के इस चरण को होगा ट्रायल


हैदराबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को कोविड-19 का टीका विकसित कर रही कम्पनी ‘भारत बायोटेक के केन्द्र का दौरा करेंगे। तेलंगाना के मुख्य सचिव सोमेश कुमार की ओर से गुरूवार रात जारी किए गए एक आधिकारिक ज्ञापन में कहा गया कि मोदी पुणे से दोपहर में भारतीय वायुसेना के विमान में हकीमपेट वायुसेना अड्डे पहुंचेंगे। वह सीधे जीनोम घाटी स्थित भारत बायोटेक केन्द्र जाएंगे और वहां का दौरा कर वायुसेना अड्डे लौट आएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मोदी केन्द्र में करीब एक घंटे रुकेंगे। भारत बायोटेक द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड-19 टीके का तीसरे चरण का होना बाकी है।                                                                 


सालों पुरानें कानून को खत्म करेगी सरकार

सीएम योगी का बड़ा फैसला, 100 साल पुराने नियम-कानून को खत्म करेगी यूपी सरकार


कानपुर। सीएम योगी का बड़ा फैसला, 100 साल पुराने नियम-कानून को खत्म करेगी यूपी सरकार। यूपी सरकार बरसों पुराने व अनुपयोगी कानून खत्म करने जा रही है। इसमें 100 साल पुराने नियम कानून शामिल हैं। इससे कारोबार करने वाले अपने उद्यमी अपना उद्योग जल्द लगा सकेंगे और उन्हें नियमों के जंजाल से मुक्ति मिलेगी। आम जनता को भी नियम-कानून कम होने से राहत मिलेगी। इसके लिए संबंधित विभाग अपने यहां इस तरह के मामलों की समीक्षा कर खुद ही बता रहें कि फलां कानून को  रखा जाए या खत्म किया जाए। या इन्हें दूसरे संबंधित अधिनियम में शामिल कर लिया जाए। यह सारी कवायद केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के निर्देश पर की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह काम करने का जिम्मा औद्योगिक विकास विभाग को दिया है।
1920 का कानून भी बरकरार 
एक कानून है। यूपी रूल्स रेगुलेटिंग द ट्रांसपोर्ट टिंबर इन कुमाऊं सिविल डिवीजन -1920 इस कानून को बने सौ साल हो गए। 20 साल पहले तो कुमाऊं क्षेत्र समेत पूरा उत्तराखंड अलग राज्य बन गया। लेकिन वन विभाग का यह नियम अभी यूपी में बरकरार है। यही नहीं 82 साल पुराना एक और कानून है। यूपी रूल्स रेगुलेटिंग ट्रांजिट आफ टिंबर आन द रिवर गंगा एबब गढ़मुक्तेश्वर इन मेरठ डिस्ट्रिक एंड आन इटस ट्रिब्यूटेरिस इन इंडियन टेरिटेरी एबब ऋषिकेश- 1938। इसका नाम ही इतना लंबा है। और उपयोगिता कितनी है। यह सवाल अब सरकार के सामने है।
इन कानून की उपयोगिता की हो रही जांच परख 
इंडियन फारेस्ट यूपी रूल 1964, यूपी कलेक्शन एंड डिस्पोजल आफ डि्रफ्ट एंड स्टैंडर्ड वुड एण्ड टिंबर रूल्स, यूपी कंट्रोल आफ सप्लाई डिस्ट्रब्यूशन एंड मूवमेंट आफ फ्रूट प्लांटस आर्डर-1975, यूपी फारेस्ट टिंबर एंड ट्रांजिट आन यमुना, टन व पबर नदी रूल्स 1963, यूपी प्रोडयूस कंट्रोल ,यूपी प्रोविंसेस प्राइवेट फारेस्ट एक्ट।
आवश्यक वस्तुओं से जुड़े चार कानून होंगे एक
खाद्य एवं रसद विभाग में भी कई इसी तरह के एक्ट व नियमावली हैं। कई तो एक जैसे हैं। मसलन, यूपी इशेंसियल कॉमोडिटीज से जुड़े चार नियम हैं। इनको एक किया जा सकता है। यूपी शिड्यूल्ड कॉमोडिटीज से जुड़े चार आदेश हैं। इनको भी विलय किया जा सकता है। यूपी कैरोसीन कंट्रोल आर्डर 1962, यूपी सेल्स आफ मोटर स्पि्ट , डीजल आयल, एंड अल्कोहल टैक्सेशन एक्ट के तहत होने वाला काम कुछ विभाग दूसरे विभाग के जिम्मे है।  औद्योगिक विकास विभाग ने विभागों से पूछा था। कि नियम वर्तमान में लागू है। या नहीं।  क्या इसे खत्म किया जा सकता है।  या किसी अन्य कानून अधिनियम में विलय किया जा सकता है। एक दर्जन विभागों ने जवाब भेज दिया है। माना जा रहा है। कि करीब 50 से ज्यादा कानून खत्म हो जाएंगे।
केंद्र सरकार का निर्देश है। कि अनुपयोगी अधिनियम नियम कानून की समीक्षा कर उनको समाप्त किया जाए। नीति आयोग ने इस संबंध में गाइडलाइंस जारी की है। इसीलिए  उत्तर प्रदेश में इस तरह के अनपुयोगी व अप्रसांगिक एक्ट व नियमावली के संबंध में विभाग समीक्षा कर उसे खत्म करने के संबंध में संस्तुति दे रहे हैं। इस महत्वपूर्ण मामले पर जल्द प्रधानमंत्री कार्यालय भी समीक्षा बैठक करेगा।


एचसी ने नुकसान की भरपाई के लिए कहा

मनोज सिंह ठाकुर


मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोत के बंगले में तोड़फोड़ मामले में बीएमसी का नोटिस बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। बीएमसी को इस मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि बीएससी ने अधिकारों का दुरुपयोग किया है, साथ ही कोर्ट ने कंगना के बंगले में हुए नुकसान की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने का आदेश दिया है। नुकसान की भरपाई के लिए एजेंसी की रिपोर्ट पर फैसला हाईकोर्ट बाद में सुनाएगा।                                         


रायपुर: छेड़छाड़ के आरोप में प्रिंसिपल को जेल

रायपुर। राजधानी रायपुर से लगे आरंग के शासकीय अरुंधति देवी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की आदिवासी शिक्षिका ने विद्यालय के प्रिंसिपल पर छेडख़ानी करने का आरोप लगाते हुए आरंग थाने जाकर लिखित में शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस ने प्रिंसिपल बीएल वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरंग थाना प्रभारी से मिली जानकारी के अनुसार पीडि़ता ने अपनी शिकायत में प्रिंसिपल पर आरोप लगाया है कि प्रिंसिपल विद्यालय में पदस्थ सभी महिला शिक्षिकाओं के साथ अभद्र व्यवहार और टिप्पणी करते हैं। 18 नवम्बर को प्रिंसिपल ने शिक्षिका को अपने चेंबर में बुलाया जहां उसके साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की गई।                                       


सुविधाओं व यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया

सुविधाओं व यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया पंकज कपूर  देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बदरीनाथ पहुंच कर श्रद्धालुओं की...