शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

बॉक्सिंग रिंग में मुक्के बरसा रहीं लड़कियां

बॉक्सिंग रिंग में मुक्के बरसा रहीं गाजा की लड़कियां


जेरुसलम। इस्राइल की नाकेबंदी चरमराती अर्थव्यवस्था और कोरोना महामारी के थपेड़ों के बीच गाजा पट्टी में लड़कियां बॉक्सिंग में हाथ आजमा रही हैं। पिछले दिनों गाजा पट्टी में पहली बार सिर्फ लड़कियों के लिए मुक्केबाजी की प्रतियोगिता का आयोजन हुआ जिनमें लड़कियों ने अपने अपने वजन के श्रेणियों के अनुसार हिस्सा लिया। एक अंधेरे में घंटी बजती है। और दो किशोरियां मोटे दस्ताने पहने रिंग में एक दूसरे के चक्कर लगाने लगती हैं। रिश्तेदारों और दोस्तों के प्रोत्साहन भरे शोरगुल के बीच वो एक दूसरे पर मुक्कों की बरसात शुरू कर देती हैं। ये इस फिलिस्तीनी एन्क्लेव का महिलाओं का पहला बॉक्सिंग टूर्नामेंट था। दोनों मुक्केबाजों में से एक 15 वर्षीय फराह अबू अल-कुसमान हैं। वो कहती हैं कि उन्होंने लंबे समय तक इंटरनेट पर बॉक्सिंग को देखा समझा और फिर परदे से रिंग में कूदने का फैसला लिया। उत्साह से भरी हुई फराह कहती हैं। कि मैं माइक टायसन और मोहम्मद अली जैसे मक्केबाजों को देखती थी। मुझे उन्हें लड़ते देखना बहुत अच्छा लगता है। वो बहुत ही अच्छी मुक्केबाजी करते हैं । और अक्सर अपने मैच के पहले राउंड में ही जीत जाते हैं। हैरानी की बात तो ये है। लोग कोरोना महामारी की परवाह न करते हुए ये मैच देखने पहुंचे। 20 साल की मुक्केबाज रीटा अबू रहमा कहती हैं। कि कई लोगों को लगता है। जो हम कर रहे हैं। वो गलत है। और हम नैतिक मूल्यों औ परंपरा का अनादर कर रहे हैं। लेकिन मेरे मेरे परिवार और मेरे दोस्तों के लिए सामान्य है। कुवैत की चैंपियनशिप में हिस्सा लेंगी लड़कियां...
महिला मुक्केबाजों के 35 साल की कोच ओसामा अयूब कहती हैं। कि महिलाओं के लिए एक बॉक्सिंग टूर्नामेंट का फिलिस्तीन में पहली बार आयोजन हो रहा है।यहां  45 प्रतियोगी थे। और इनमें से जो सबसे अच्छी होगी वो फरवरी में कुवैत में होने वाली एक चैंपियनशिप में फिलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व करेगी।                                      


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