पुरुषोत्तम पात्र
गरियाबंद। पशु-प्रेमियों एवं जीव विज्ञान पर काम कर रहे वैज्ञानिकों के लिए यह एक अद्भुत अनुभव है। दो अलग अलग प्रवृति के जीवो पर वर्णसंकर आत्मक उपयोग की सिद्धि विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि है। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के अथक प्रयास से ही यह संभव हो सका है। भैंस और गोवंश से उत्पन्न यह बछड़ा अभी भी कई कसौटी पर खरा उतरने के लिए तैयार रहेगा। इस शोध और प्राकृतिक परिवर्तन से एक तरफ कई सवालों को जवाब जन्म भी दिया है। दूसरी तरफ विज्ञान की उपलब्धि के द्वारा ही यह सिद्ध हो पाया है।कि प्राकृतिक समावेश में असंभव कुछ भी नहीं है। इस प्रकार के उपयोग प्राकृतिक संवर्धन का एक नया आयाम है,छत्तीसगढ मे वनभैंस खुशी ने बच्चे को जन्म देकर खुशखबरी दे दी है। खुशी पहली बार मां बनी है और बछड़े को जन्म दिया है। उदंती अभ्यारण्य में खुशी का माहौल है। पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि अगस्त के पहले सप्ताह में खुशखबरी सुनने को मिलेगी।