मंगलवार, 7 जनवरी 2020

भारत में सिख सुरक्षित नहीं, गहरी चिंता

सिख भारत में सुरक्षित नहीं हैं,टिप्पणी पर गहरी चिंता व्यक्त की:कैप्टन अमरिंदर


अमित शर्मा


चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को अकाल तख्त के जत्थेदार की इस टिप्पणी पर गहरी चिंता व्यक्त की कि सिख भारत में भी सुरक्षित नहीं हैं, और तख्त को केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ सभी संबंधों को तोड़ने के लिए अकालियों पर दबाव बनाने के लिए कहा, जो था देश में अल्पसंख्यकों के बीच सुरक्षा की भावना सुनिश्चित करने में असमर्थ है।
हालांकि वह खुद अकाल तख्त जत्थेदार की इस टिप्पणी से सहमत नहीं थे कि सिख भारत में सुरक्षित नहीं हैं, मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर पूर्व को ऐसा लगता है तो उन्हें शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से बात करनी चाहिए और उनसे पूछना चाहिए केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को छोड़ने के लिए, जिनमें से वे एक हिस्सा हैं। पाकिस्तान के विपरीत, भारत ने हमेशा एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने का गर्व किया था, जिसमें धार्मिक आधार पर कोई भेदभाव नहीं था, कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि सिख समुदाय के बीच कोई भी भावना है कि वे यहां सुरक्षित नहीं थे, गंभीर चिंता का विषय था। अगर सिख इस देश में असुरक्षित महसूस कर रहे थे, जैसा कि अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा था, तो यह केंद्र पर विवाद था जिसे दोष देना था, उन्होंने जोर दिया। यह देखते हुए कि अकालियों ने सिख धर्म, और समुदाय के संरक्षक होने का दावा किया है, उन्हें इस मुद्दे पर एक स्टैंड लेना चाहिए, और एसएडी प्रमुख सुखबीर बादल को अपनी पत्नी, हरसिमरत कौर बादल से केंद्रीय मंत्री के रूप में तुरंत इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि जहां कुछ घटनाएं यहां और वहां सिखों को भारत में सुरक्षित नहीं होने का मामला माना जा सकता है, वहां धारणा वास्तविकता की तरह महत्वपूर्ण थी। उन्होंने कहा कि सिखों ने 1980 के दशक में बहुत अंधेरे दौर से गुजरा था और किसी भी तरह से अंत तक रहने की भावना को महसूस किया था, जो उनके डर की भावना को पुनर्जीवित करेगा, जो समुदाय के हित के साथ-साथ राष्ट्र के लिए हानिकारक होगा। एक सिख प्रभुत्व वाले राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में, उन्होंने खुद हमेशा यह सुनिश्चित किया कि समुदाय के हितों को न केवल पंजाब में बल्कि अन्य राज्यों में भी संरक्षित किया जाए, कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि सिखों के उत्पीड़न के मामलों में अपने व्यक्तिगत हस्तक्षेप को याद करते हुए, जहां भी यह हो सकता है। सीएए के मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल के पाखंड का हवाला देते हुए, कैप्टन अमरिंदर ने अकालियों को भारत में अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दों पर एक स्पष्ट रुख अपनाने और ऐसे मामलों पर दोहरा खेल खेलने से रोकने के लिए कहा। उन्होंने महसूस किया कि यह समय केंद्र में गठबंधन का हिस्सा नहीं रह सकता है, जो देश में अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रहे हैं, और फिर भी इन अति अल्पसंख्यकों के संरक्षक होने का दावा करते हैं, उन्होंने कहा।


रात को जल्दी लेटने पर नहीं आती नींद

 रात को जल्दी सोने की करते हैं कोशिश फिर भी लेट आती है नींद, 


दिनभर में हमारे लिए काम जितना जरूरी है उससे ज्यादा जरूरी है नींद का पूरा होना। हमारी पूरी रूटीन इसी चीज पर निर्भर होती है। हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी ज्यादातर समस्याओं की वजह भी नींद का पूरा ना हो पाना ही है। आपके लाइफस्टाइल (Lifestyle) के हिसाब से इसके कारण अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन सुबह के वक्त उठने में दिक्कत की समस्या सभी को फेस करनी पड़ती है। सबसे कॉमन समस्या ये है कि कुछ लोगों को बिस्तर पर जाने के काफी समय बाद भी नींद नहीं आती जिस वजह से वह समय पर उठ भी नहीं पाते हैं। हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आपकी ये समस्या दूर हो जाएगी। रात के वक्त जब आप सोचते हैं कि अब सो जाना चाहिए और वो वक्त जब आप सोने जाते हैं, इन दोनों ही स्थितियों के बीच जो अंतर होता है उसे लेटेंसी कहते हैं। एक रिसर्च के मुताबिक लेटेंसी का असर हर इंसान पर अलग-अलग होता है। यह उसकी बॉडी, लाइफस्टाइल और जिस वातावरण में वह रहता है, उससे प्रभावित होता है। अगर आपको बिस्तर पर जाने के 5 मिनट के अंदर नींद आ जाती है तो इसका मतलब है कि आप कम नींद लेते हैं और अगर आपको बिस्तर पर जाने से नींद आने के बीच का अंतर 20 या इससे अधिक होता है तो इसका अर्थ है कि आप अपने शरीर की जरूरत से अधिक सोते हैं या आपको अपनी पुअर स्लीप हाइजीन को इंप्रूव करने की जरूरत है।


छापामारी कर तीन लोगों को हिरासत में लिया

चंडीगढ़। विदेश से करोड़ों के लेन-देन के मामले में दिल्ली साइबर क्राइम टीम ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र  में छापेमारी कर तीन लोगों को हिरासत में लिया है। पूरी कार्रवाई को गुप्त तरीके से अंजाम दिया गया था। दिल्ली पुलिस की एक बस ने कुरुक्षेत्र जाकर एक इंटरनेशनल एजेंसी के एजेंट को अपने साथ लिया साथ ही दो अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया। पुलिस जांच में अभी इस मामले में और भी कई खुलासे हो सकते हैं।


उधर, एक अन्य मामले में हरियाणा पुलिस की एक महिला एएसआई (ASI) को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कुरुक्षेत्र जिला में तैनात महिला एएसआई कैलाश कौर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त थी। उसके विरुद्ध जिला कुरुक्षेत्र में पहले भी कई मामले दर्ज हुए हैं। महिला एएसआई पर थाना पल्लू जिला हनुमानगढ़ राजस्थान में गाड़ी नंबर आरजे-49यूए/1307 इनोवा गाड़ी छीनने का मामला दर्ज है। कुरुक्षेत्र अपराध शाखा एक की मदद से राजस्थान पुलिस ने महिला एएसआई (ASI) कैलाश कौर को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।


मुद्दे पर राजनीति करने को बताया शर्मनाक

भेदभाव के शिकार सिखों का भारत में स्वागत, शर्मनाक राजनीति से बाज आएं अकाली : सीएम कैप्टन
कहा- मुस्लिम और दूसरे धर्मों को सीएए से अलग करना ठीक नहीं।


 
चंडीगढ़। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नागरिकता कानून (CAA) पर बात करते हुए कहा है कि दूसरे देशों में भेदभाव का शिकार हो रहे सिखों का भारत में स्वागत है। उन्होंने अकाली दलों के जरिए पाकिस्तान सिखों और धार्मिक संस्थाओं पर हमले के मुद्दे पर राजनीति करने को शर्मनाक बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह दूसरे देशों में भेदभाव का शिकार हो रहे लोगों को नागरिकता देने के विरुद्ध नहीं है। लेकिन, मुस्लिम और दूसरे धर्मों को सीएए से अलग करना ठीक नहीं है। कैप्टन ने कहा- ‘अकालियों ने पाकिस्तान में सिखों और धार्मिक संस्थाओं पर हमले के मुद्दे पर राजनीति की, जो बेहद शर्मनाक है।’ उन्होंने कहा- ‘अकाली दल पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति की तुलना भारत में लाए गए असंवैधानिक नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) से कर रहा है। खासकर हरसिमरत कौर बादल निंदनीय बयानबाजी से पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमला कर रही हैं। सिख नौजवान की मौत को कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध सियासी लड़ाई में हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं।


सीएए को लेकर बंगाली भाषा में की गई बुकलेट

कोलकाता। बीजेपी (BJP) द्वारा नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) (CAA) को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए बंगाली भाषा में जारी की गई बुकलेट (Booklet) में लिखा है कि एनआरसी इसके बाद अगला कदम होगा और कोई भी हिंदू डिटेंशन सेंटर  नहीं जाएगा। बतौर बुकलेट, फॉरेनर्स ऐक्ट के चलते असम में 11 लाख हिंदू (Hindu) डिटेंशन सेंटर में हैं और सीएए के तहत वे रिहा हो जाएंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सीएए को प्रश्न एवं उत्तर के प्रारूप में सरलता से स्पष्ट किया गया है, ताकि कानून के संबंध में लोगों के भय को दूर किया जा सके।पुस्तिका में ‘इसके बाद क्या एनआरसी लाया जाएगा? इसकी कितनी जरूरत है? और एनआरसी आने पर क्या असम की तरह हिन्दुओं को निरोध केन्द्र में जाना पड़ेगा? जैसे सवाल हैं।’ इनके जवाब में कहा गया है, ‘हां, इसके बाद एनआरसी होगा। कम से कम ऐसी केन्द्र सरकार की मंशा है।’ पुस्तिका में दावा किया गया कि हिन्दुओं को एनआरसी की वजह से नहीं बल्कि विदेशी कानून की वजह से निरोध केन्द्र जाना पड़ा है। पुस्तिका में कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार और कांग्रेस द्वारा पारित विदेशी कानून के तहत असम में एनआरसी लागू किया गया। असम में बीजेपी सरकार एनआरसी नहीं लाई। बल्कि उसने तो एनआरसी के खिलाफ अदालत में जाने का निर्णय किया था।’ उसने कहा कि सीएए के लागू होने के बाद असम में निरोध केन्द्र में बंद हिन्दुओं को छोड़ दिया जाएगा।


हादसे में शिकार हुए बच्चे ने खोई यादाश्त

सुंदरनगर। तीन सप्ताह पहले सुंदरनगर के ललित चौक पर बाइक हादसे में घायल हुए बच्चे ने पीजीआई में आंख तो खोल दी थी, लेकिन अपनी याददाशत खो चुका था। अब डॉक्टरों ने उसे घर भेज दिया है। डाक्टरों द्वारा हाथ खड़े करने के बाद अब सुंदरनगर के पुंग में रह रहे प्रवासी परिवार गमगीन हो गया है। हादसे में घायल सन्नी के पिता कश्मीर सिंह ने बताया कि हादसे के बाद उनके बेटे का पीजीआई में इलाज चल रहा था। उन्होंने कहा कि कोमा में रहने के बाद जब उसने आंखें खोली तो वह किसी को भी नहीं पहचान रहा है। पीजीआई के डॉक्टरों ने भी बच्चे को वापस घर तो भेज दिया। मगर वह जी पाएगा कि नहीं वह भी कोई आश्वासन नहीं दिया है।


परिवार बच्चे के हादसे के बाद आर्थिक तौर पर भी टूट गया। हालांकि प्रशासन और लोगों ने मदद तो कि मगर डॉक्टरों के हाथ खड़े करने के बाद परिवार भी बेवस हो गया है। वहीं सब से बड़ी बात है कि आरोपी बाइकर पूरी आजादी के साथ घूम रहा है। जबकि पुलिस अभी तक कोर्ट में चालान तक पेश नहीं कर पाई है। इस बारे में जब एसडीएम सुंदरनगर राहूल चौहान से दूरभाष में माध्यम से बात हुई तो उन्होंने कहा कि परिवार उनके पास आया था। प्रशासन से जो भी मदद होगी वह की जा रही है। इस बारे में एसपी मंडी गुरदेव चंद शर्मा से जब दूरभाष के माध्यम से बात हुई तो उन्होंने बताया कि कोर्ट में जल्द ही चालान पेश कर आरोपी पर मुकदमा चलाया जा रहा है। उन्होनें कहा पीड़ित परिवार को नियमानुसार राहत दिलवाई जाएगी।


सेना प्रमुखों का कार्यकाल बढ़ाने को मंजूरी

इस्लामाबाद। नेशनल असेंबली ने मंगलवार को तीनों सेनाओं के प्रमुखों और स्टाफ कमेटी के संयुक्त प्रमुख के अध्यक्ष के कार्यकाल को बढ़ाने के विधेयक को मंजूरी दे दी। यह तीन विधेयक पाकिस्तान आर्मी (संशोधन) विधेयक 2020, पाकिस्तान वायु सेना (संशोधन) विधेयक 2020 और पाकिस्तान नौ सेना (संशोधन) विधेयक 2020 हैं।


असेंबली का सत्र शुरू होने पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सदस्य अमजद अली खान ने राष्ट्रीय असेंबली की रक्षा मामलों से जुड़ी स्थाई समिति की रिर्पोट पेश की। रक्षा मंत्री परवेज खटाक ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से “क्षेत्रीय स्थिति को ध्यान” में रखकर संशोधनों विधेयकों की सिफारिशों का समर्थन करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा,“इससे सदन में एकता और बेहतर स्थिति बनेगी।” इसके बाद पीपीपी के सदस्य नवीद कमर ने पार्टी की तरफ से तीनों विधेयकों पर की गयी सिफारिशों को वापस ले लिया। जमायत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल, जमात-ए-इस्लामी और फेडरली एडमिनिस्ट्रेड ट्रायबल एरियास(एफएटीए) ने निचले सदन को ‘फर्जी’ बताते हुए वाकआउट किया और तीनों विधेयक मंजूर हो गए। उत्तर वर्जीस्तान के सदस्य मोहसिन डावर ने सदन से वाकआउट करने से पहले ट्वीट कर लिखा कि उन्होंने पाकिस्तान आर्मी (संशोधन) विधेयक 2020 के विरोध में वोट किया है।


सुविधाओं व यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया

सुविधाओं व यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया पंकज कपूर  देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बदरीनाथ पहुंच कर श्रद्धालुओं की...