शुक्रवार, 19 जून 2020
5 चरणों, 36.40 मीट्रिक टन अनाज वितरण
पड़ेगा लोनी तो पड़ेगा लोनीः विधायक
शहीदों की आत्म शांति के लिए किया हवन
घटिया निर्माण सामग्री का पुरजोर विरोध
अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। कस्बा मुरादनगर की ईदगाह बस्ती स्थित नाले का निर्माण कार्य जोरो-शोरो पर किया जा रहा हैं। वहीं, नाले के निर्माण कार्य को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ रहे हैं। जिसमें एक पक्ष का आरोप है कि नाले के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा हैं। जिसको मद्देनज़र रखते दोनों पक्षों ने नगर पालिका परिषद में प्रार्थना पत्र देकर अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान से शिकायत की हैं।
गौरतलब है कि ईदगाह बस्ती निवासी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मेहताब पठान ने जानकारी देते हुए बताया है कि नाले के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा हैं, जिससे बहस संतुष्ट नहीं है। मेहताब पठान ने बताया कि नाले का निर्माण कार्य पुरानी नींव से ही शुरू कर दिया गया हैं। जिसमें सिर्फ 4 इंच की ही नींव है और ऊपर से 14 इंच की नींव दर्शाई गई हैं, जिसकी वजह से कभी भी नाला क्षतिग्रस्त हो सकता हैं। इसी क्रम में मेहताब पठान ने नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान को एक लिखित शिकायत देते हुए मामले से रूबरू कराया हैं। वहीं, दूसरी तरफ ईदगाह बस्ती नाले के पास स्थित खेत मालिक आजाद पठान ने जानकारी देते हुए बताया कि 10 से 5 मीटर की दूरी में पुरानी नींव पर ही 4 इंच की दीवार कराई जा रही हैं, जबकि पूरे नाले के निर्माण कार्य 14 इंच की दीवार से ही होना चाहिए ताकि नाले की मजबूती लंबे समय के लिए बनी रहें।
दरअसल, नाले के पास स्थित ए-वन कॉलोनी निवासी लोग नाले के इस निर्माण कार्य से संतुष्ट नज़र आ रहे हैं। इतना ही नहीं, नाले के निर्माण कार्य को शुरू करने के लिए उन्होंने एक लिखित प्रार्थना पत्र पालिका परिषद में दिया हैं। वहीं, ए-वन कॉलोनी निवासी जमालुद्दीन ने बताया कि नाले की वजह से वह पिछले 5 वर्षो से काफी सारी समस्याओं से जूझ रहे थे, क्योंकि" अक्सर वहां कॉलोनी पानी में बरसात के समय पानी भरा रहता हैं। जिसकी वजह से कोई भी ठेलेवाला/दूधवाला आदि कॉलोनी में प्रवेश नहीं कर पाया करता था। जमालुद्दीन का कहना है कि बड़ी मुश्किल से नाले का निर्माण कार्य अब जाकर शुरू हुआ हैं तो कुछ लोग 4 इंच की दीवार बता कर निर्माण कार्य को रोकना चाहते हैं। जबकि, ऐसा कुछ नहीं है, वह चाहते हैं कि निर्माण कार्य को सुचारू रूप से जल्द से जल्द कराया जाए। आपको बता दें कि जैसे ही बारिश होती है तो ए-वन कॉलोनी व उसके आस-पास के इलाके में बुरी तरह पानी डूब जाया करते हैं और घरों में पानी भर जाया करता हैं। जिससे की लोगों का बहुत ही बुरा हाल हो जाया करता हैं, और तो और लोग-बाग व छोटे-छोटे बच्चे भी घरों से बाहर नहीं निकल पाते हैं। इतना ही नहीं, यहां के लोगों को पानी के ठहर जाने से लंबे समय तक जूझना पड़ता हैं। बता दें कि यहां के स्थानीय लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द नाले के निर्माण कार्य को पूरा कराया जाए क्योंकि कभी भी बारिश हो सकती हैं।
हालांकि, नगर पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों पक्षों की लिखित शिकायत आ चुकी हैं और वह मामले की गहनता से जांच करने के उपरांत उचित कार्रवाई करेंगी। इसके अलावा अधिशासी अधिकारी नाले का निर्माण कार्य को अच्छे से पूरा कराएंगी। इतना ही नहीं, उनका कहना है कि नाले के निर्माण कार्य व नाले में इस्तेमाल होने वाली सामग्री से किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जाएगा
मंडी सचिव का व्यापारियों ने किया घेराव
वायु प्रदूषण के प्रति बने कठोर कानून
85% भारतीय चाहते हैं वायु प्रदूषण पर कठोर कानूनः नये सर्वे में खुलासा
नई दिल्ली। क्लीन एयर फंड द्वारा एक सर्वे में सामने आया है कि देश के 85% लोग चाहते हैं कि वायु प्रदूषण पर नकेल कसने के लिये कठोर कानून लाया जाये और नियमो का पालन किया जाये। साथ ही 90% भारतीय अपने शहर की हवा को साफ देखना चाहते हैं। सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने वायु प्रदूषण को स्वास्थ्य और पर्यावरण का खतरा माना है।
क्लीन एयर फंड के कार्यकारी निदेशक जेन बर्स्टन ने कहा, ‘दुनिया भर के लोग अपनी सरकार से साफ हवा की मांग कर रहे हैं। लॉकडाउन जैसे ही खत्म होगा और आर्थिक गतिविधी शुरु होगी, लोग फिर से खराब हवा में सांस नहीं लेना चाहते।’
क्लीन एयर फंड ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिये एक विशेष स्वास्थ्य और पर्यावरण नीति बनाने, कोरोना संकट से निपटने के लिये जारी आर्थिक पैकेड में वायु प्रदूषण से निपटने के उपाय पर फोकस करने, पैदल चलने और साइकिल चलाने के लिए शहर की सड़कों को अनुकूल बनाने, और लॉकडाउन के दौरान अनुभव किये साफ हवा और नीले आकाश को जारी रखने के लिये नीति बनाने की मांग की है।
जेन बर्सटन ने आगे जोड़ा, “हवा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कार्रवाई अभी संभव और लोकप्रिय है और इससे जलवायु परिवर्तन को कम करने में भी मदद मिलेगी। सरकारों को साफ हवा के लिये मिल रहे इस व्यापक सार्वजनिक समर्थन का इस्तेमाल करना चाहिए और हमारे स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के लिए पोस्ट-कोविड रिकवरी पैकेज का उपयोग करना चाहिए।”
लगभग सभी भारतीय सोचते हैं कि वायु प्रदूषण उनके सामान्य स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, उत्तरदाताओं का 94% लगता है कि वायु प्रदूषण उनके सामान्य स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, 60% को लगता है कि यह उनके सामान्य स्वास्थ्य को प्रभावित करता है ‘बहुत अच्छा, 30% सोचते हैं कि यह उनके सामान्य स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
रिपोर्ट हमारे प्रमुख क्षेत्रों में सार्वजनिक दृष्टिकोण को सारांशित करती है और उन प्रमुख कदमों पर प्रकाश डालती है जो सरकारों को COVID 19 से वापसी के बाद स्वच्छ हवा प्रदान करने के लिए आवश्यक होगी। इसमें भारत, पोलैंड, नाइजीरिया, ग्रेट ब्रिटेन और बुल्गारिया में हमारे मतदान के परिणाम शामिल हैं – और सरकारों को COVID -19 से पुनर्निर्माण की योजनाओं के साथ ही स्वच्छ हवा की रणनीति बनाने के लिए सिफारिशें करता है।
पूरे भारत में सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि:
लगभग सभी भारतीय सोचते हैं कि वायु प्रदूषण उनके सामान्य स्वास्थ्य को प्रभावित करता है
उत्तरदाताओं का 94% लगता है कि वायु प्रदूषण उनके सामान्य स्वास्थ्य को प्रभावित करता है
राज्यसभा की 19 सीटों पर हुआ चुनाव
नई दिल्ली। आज देश के आठ राज्यों में राज्य सभा की 19 सीटों के लिए मतदान होगा। इसके लिए देश की दो दिग्गज पार्टियां आमने सामने हैं। ये नतीजों के बाद ही पता चलेगा कि आज के चुनाव में किसका पलड़ा भारी रहा। आज होने वाले राज्य सभा चुनाव पर सभी की नजर है। इन चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच गुजरात, मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांटे का मुकाबला होगा। दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते राज्य सभा की सीटों पर होने वाला चुनाव टाल दिया गया था। बाद में चुनाव आयोग ने कर्नाटक की चार सीटों, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में एक-एक सीट पर चुनाव की घोषणा की थी।
देशभर में जिन 19 सीटों के लिए मतदान होना है, उनमें से चार-चार आंध्रप्रदेश और गुजरात, तीन मध्य प्रदेश और राजस्थान, दो सीटें झारखंड से और एक-एक सीट मणिपुर, मिजोरम और मेघालय से है। मणिपुर में चुनाव से ठीक पहले सत्तारूढ़ गठबंधन के नौ विधायकों के इस्तीफे के बाद भाजपा उम्मीदवार के लिए मुश्किल खड़ी हो गई हैं। वहीं गुजरात और मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है।
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