गुरुवार, 18 जुलाई 2019

किसी हादसे का निमंत्रण तो नहीं:गाजियाबाद

पेड़ों के बीच झूलते बिजली के तार हो सकता है कोई बड़ा हादसा


 गाजियाबाद। यह चित्र  गोविंदपुरम स्थित  जे ब्लॉक के हैं ! जहां बिजली के तार पेड़ों के बीच से होकर गुजर रहे हैं।इसमें एक लाइन 11000 वोल्टेज की भी है। जे ब्लॉक गोविंदपुरम में जिस जगह बिजली का ट्रांसफार्मर रखा हुआ है बिल्कुल उसी से सटा हुआ बच्चों के खेलने का पार्क भी है। जिसमें सुबह-शाम छोटे-छोटे बच्चे खेलते हैं। स्थानीय निवासियों की रिपोर्ट के अनुसार हर दूसरे दिन बिजली की वायरिंग में शॉर्ट सर्किट होता है और बिजली के तार टूट टूट कर नीचे गिरते हैं। इस बारे में बिजली विभाग के कर्मचारियों को कई बार सूचना भी दी गई बिजली विभाग के कर्मचारी आते हैं और तार जोड़ कर चले जाते हैं। ट्रांसफार्मर के आस-पास लोहे का जाल लगा हुआ है जिसमें काफी सारे पेड़ पौधे खड़े हैं और लंबी लंबी घास ट्रांसफार्मर तक पहुंची हुई है। बिजली के तार पेड़ों के बीच सर होकर निकल रहे हैं।


दीपक निगम


टिकटोक मुश्किल में,स्मार्ट टीवी का मामला गूंजा

अलीगढ़ ! सरकार के नोटिस से बढ़ीं टिक टॉक और हेलो की मुश्किलें,स्मार्ट टीवी का मामला भी राज्यसभा में गूंजा!टिक टॉक की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं।सरकार ने टिक टॉक के साथ हेलो ऐप को नोटिस भेजा है।सरकार को लगता है कि ये दोनों ऐप्स देश के खिलाफ होने वाली गतिविधियों में शामिल हैं और इसलिए 21 सवाल भेजकर दोनों प्लेटफॉर्म से जवाब मांगा गया है।जवाब ना मिलने की स्थिति में सरकार टिक टॉक और हेलो ऐप को बैन कर सकती है।इसके अलावा स्मार्ट टीवी की हैकिंग का मुद्दा भी राज्यसभा में गूंजा है।स्वदेशी जागरण मंच ने आरोप लगाए हैं कि टिक टॉक और हेलो अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल एंटी नेशनल एक्टिविटीज के लिए कर रहे हैं।टिक टॉक ऐप पर पहले भी ऐसे आरोप लगते रहे हैं और कुछ वक्त के लिए उसे बैन भी कर दिया गया था।टिक टॉक और हेलो ने बयान जारी कर कहा है कि वह सरकार की पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है।इंडिया में हमारे प्लेटफॉर्म को आगे बढ़ने का मौका मिला है और हम भारत में अगले 3 साल में एक बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश की योजना बना रहे हैं.'' मंत्रालय ने इन ऐप्स के जरिए बच्चों की प्राइवेसी के साथ होने वाले समझौते पर भी चिंता जाहिर की है।राज्यसभा में बीजेपी के सांसद अमर शंकर ने स्मार्ट टीवी की हैकिंग का मामला उठाया है।


विवेक वार्ष्णेय


पुलिस की समस्याओं पर होनी चाहिए कार्रवाई

कौन सुने पुलिसकर्मियों की सुनवाई,पुलिस लाइन में जलभराव से हो रही परेशानी


तस्लीम बेनकाब


मुजफ्फरनगर।एक तरफ तो मुजफ्फरनगर पुलिस अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर आम जनता को राहत प्रदान कर रही हैं! तो वही पुलिसलाइन में रह रहे पुलिसकर्मियों को अपने ही अपने रिजर्व पुलिस लाईन मे स्टाफ क्वाटर्स तथा टीएसआई ऑफिस के सामने व अन्य स्थानो पर जलभराव से पुलिस परिवारो को काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है।


अगर सूत्रों की माने तो कई बार पुलिस लाइन में तैनात प्रतिषार को इस समस्या से निजात दिलाने अपील भी कर चुके हैं ! दो-तीन दिनो से रूक रूक कर हो रही बारिश के कारण पुलिस लाईन के यातायात कार्यालय व पुलिस स्टाफ क्वार्टर के समीप आदि कई स्थानो पर बारिश का पानी इकटठा हो गया है।जिस कारण पुलिस लाईन मे आने-जाने वाले व पुलिस स्टाफ के परिवारो को जलभराव के कारण परेशानी उठानी पड रही है।


हनुमान चालीसा पर इशरत का विरोध क्यों


हनुमान चालीसा पढऩे पर इशरत जहां का विरोध क्यों?
दरगाहों में सूफी परंपराओं के अनुरूप हिन्दू भी तो जियारत करते हैं।
क्या सांसद नुसरत मदद करेंगी?



 अजमेर ! अजमेर स्थित विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में रोजाना जितने मुसलमान जियारत के लिए आते हैं उससे कहीं ज्यादा हिन्दू सूफी परंपरा के अनुरूप जियारत करते हैं। दरगाह का खादिम समुदाय भी मानता है कि जियारत करने वाले हिन्दुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। खादिम समुदाय भी पूरी शिद्दत से हिन्दुओं को जियारत करवाता है। हिन्दुओं के जियारत करने पर कभी भी एतराज नहीं हुआ, क्योंकि यह आस्था का मामला है। अजमेर की दरगाह में ही नहीं बल्कि दिल्ली में निजामुद्दीन औलिया और देश अन्य दरगाहों में हिन्दू बड़ी संख्या में जियारत करते हैं, लेकिन गत 16 जुलाई को मंगलवार के दिन पश्चिम बंगाल के हावड़ा में इशरत जहां नाम की एक मुस्लिम युवती के द्वारा हनुमान चालीसा के पाठ में भाग लेने पर बवाल हो गया है। सैकड़ों मुसलमान इशरत जहां का विरोध कर रहे हैं। जिस मकान में इशरत रहती है उसके मालिक ने मकान खाली करने का फरमान जारी कर दिया है। इशरत के यह समझ में नहीं आ रहा कि आखिर पाठ में शामिल होकर उसने कौनसा गुनाह कर दिया है? यदि किसी मंदिर के बाहर कोई धार्मिक आयोजन हो रहा है तो क्या उसमें कोई मुस्लिम औरत थोड़ देर के लिए शामिल नहीं हो सकती? सेक्यूरलवादी जब हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे का नारा देते हैं तो फिर इशरत जहां का विरोध क्यों हो रहा है? इस पूरे प्रकरण में इशरत जहां की हिम्मत की दाद देनी होगी। इशरत कट्टरपंथियों के सामने झुकने को तैयार नहीं है। इशरत का कहना है कि उसने मुस्लिम धर्म के विरुद्ध कोई कार्य नहीं किया है। अपनी सुरक्षा के लिए इशरत ने अब पुलिस से गुहार लगाई है। इशरत का मुस्लिम महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने तीन तलाक की पंरपरा के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
क्या सांसद नुसरत जहां मदद करेंगी?:
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने टीएसमी की सांसद नुसरत जहां को उदारवादी चेहरे के तौर पर प्रस्तुत किया है। बंग्ला फिल्मों की अभिनेत्री नुसरत ने उद्योगपति निखिल जैन से विवाद किया है। गत चार जुलाई को नुसरत ने कोलकाता में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में उपस्थिति दर्ज करवाई। सवाल उठता है कि क्या नुसरत जहां अब इसारत जहां की मदद के लिए आगे आएंगी? क्या इशरत को नया घर दिलवाया जाएगा? क्या नुसरत जहां इशरत की ओर से कट्टरपंथियों को जवाब देंगी? यदि टीएमसी की सांंसद नुसरत मदद के लिए आगे आती हैं तो माना जाएगा कि अब ममता बनर्जी की सोच में भी बदलाव आएगा, लेकिन नुसरत ऐसा नहीं करती हैं तो यही माना जाएगा कि ममता बनर्जी अपनी सांसद का चेहरा आगे कर हिन्दुओं के वोट हासिल करना चाहती हैं। लोकसभा चुनाव में बंगाल में भाजपा को 18 सीटों पर जीत मिली है, जबकि टीएमसी को मात्र 22 सीटें ही मिल सकीं।
एस.पी.मित्तल


डिजाइनर बनने को लेकर महिलाओं में उत्साह


ड्रेस डिजाइनर बनने के लिए अजमेर की महिलाओं में जबरदस्त उत्साह।
दयालबाग एज्युकेशनल इंस्टीट्यूट की पहल

अजमेर ! शहर में ड्रेस डिजाइनर बनने के लिए महिलाओं में जबरदस्त उत्साह देखा गया है। महिलाएं आत्मनिर्भर बनने और फेशन के क्षेत्र में अपनी योग्यता साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। इसके लिए दयाल बाग एज्युकेशनल इंस्टीट्यूट की ओर से माकड़वाली रोड, दैनिक भास्कर प्रेस के सामने स्थित डीईआई स्टडी सेंटर पर ड्रेस डिजाइनिंग कोर्स शुरू किया जा रहा है। स्टडी सेंटर के दिनेश माथुर ने बताया कि प्रात: 9 से 11 और सायं 6 से 8 बजे के बीच प्रवेश फार्म स्टडी सेंटर पर उपलब्ध रहेंगे। इच्छुक महिलाएं 20 जुलाई तक आवेदन कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि संस्था के डीईआई के अंतर्गत मूल्यआधारित शिक्षा प्रणाली अपनाई जा रही है जिसमें शारीरिक परिश्रम, सेवा एवं ईमनदारी की कमाई पर आश्रित रहना सिखाया जाता है। धर्म और शिक्षा का धेय एक ही है और बिना आध्यात्मिक उन्नति के शिक्षा अधूरी है। यह आवश्यक है कि शिक्षा प्राप्त कर व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक रूप से विकसित हो। मानवता की व्यवहारिकता एवं प्रजातंत्र के गुणों के समावेश से ही व्यक्ति समाज की अपेक्षाओं पर खरा उतरता है। दयाल बाग एज्युकेशनल इंस्टीट्यूट के कोर्सेज में महिलाओं को न केवल आत्मनिर्भर बनाया जाता है बल्कि समाज में सकारात्मक भूमिका निभाने की प्रेरणा भी दी जाती है। ड्रेस डिजाइनिंग के कोर्स के बारे में और अधिक जानकारी मोबाइल नम्बर 9828052749 पर दिनेश माथुर से ली जा सकती है।
एस.पी.मित्तल


अयोध्या भूमि विवाद सामान्य प्रकरण:एससी


चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को अब अयोध्या भूमि विवाद के फैसले में विलम्ब नहीं करना चाहिए। समझौते की कोशिशें नाकाम। मोदी सरकार की भी होनी है अग्नि परीक्षा।


नई दिल्ली ! मध्यस्थता कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत कर दी है। कोर्ट ने कमेटी से कहा कि अयोध्या भूमि विवाद के प्रकरण में 31 जुलाई तक फाइनल रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाए। अब सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंगन गोगोई की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ 2 अगस्त को खुली अदालत में सुनवाई करेगी। इसी दिन यह तय होगा कि मामले की सुनवाई किस तरह हो। सुप्रीम कोर्ट की पिछली कार्यवाही बताती है कि चीफ जस्टिस गोगोई ने कोर्ट के बाहर दोनों पक्षों में समझौते के बहुत प्रयास किया। चीफ जस्टिस का पद संभालने के बाद जस्टिस गोगोई ने कहा कि अयोध्या भूमि विवाद कोर्ट की नजर में सामान्य प्रकरण है। इसलिए सामान्य तरीके से ही सुनवाई होगी। फिर जस्टिस गोगोई ने भूमि विवाद को सुलझाने के लिए रिटायर जज एफएम कलीफुल्ला की अध्यक्षता में मध्यस्थता कमेटी बना दी। कमेटी की गतिविधियों की खबरें मीडिया में जारी होने पर पाबंदी भी लगा दी। हालांकि अभी मध्यस्थता कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि कमेटी अपने उद्देश्य में विफल रही है। दोनों पक्षों की ओर से कहा गया कि कोर्ट को ही आदेश देना चाहिए। यानि चीफ जस्टिस को जो प्रयास करने थे, वो कर लिए। अब अच्छा हो कि सुप्रीम कोर्ट अपना निर्णय दे दे। माना तो यही जाता है कि अदालतेें सबूतों के आधार पर फैसला देती हैं। अयोध्या में विवादित भूमि पर भगवान राम का मंदिर था, इसके पक्के सबूत अदालत में मौजूद हैं। पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में मंदिर के अवशेष मिले हैं। सवाल यह भी है कि भगवान राम का जन्म स्थान भारत में नहीं होगा तो क्या अमरीका में होगा? रामजी जन्म स्थान से करोड़ों हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं, लेकिन कोर्ट की नजर में धार्मिक भावनाएं कोई मायने नहीं रखती है। कोर्ट को सबूत के आधार पर फैसला देता है। धार्मिक भावनाएं लोकतंत्र में सरकार के लिए बहुत मायने रखती हैं। सुप्रीम कोर्ट कुछ भी फैसला दे, लेकिन इस फैसले के बाद ही केन्द्र में नरेन्द्र मोदी वाली भाजपा सरकार की अग्नि परीक्षा होगी। इसलिए चीफ जस्टिस गोगोई को अब रोजाना सुनवाई कर निर्णय देना चाहिए। अब विलम्ब होगा तो अदालत की मंशा पर भी सवाल उठेगा।
एस.पी.मित्तल


नौजवान संघर्ष मोर्चा की बैठक संपन्न

संवाददाता-विवेक चौबे


गढ़वा ! जिले के कांडी प्रखंड मुख्यालय स्थित हनुमान मंदिर के प्रांगण में गुरुवार को नौजवान संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं की एक बैठक की गई । बैठक की अध्यक्षता पार्टी के जिला अध्यक्ष बबलू पटवा ने की।उपस्थित सभी कार्यकर्ताओं ने सर्वसम्मति से बलराम कुमार सोनी को प्रखण्ड अध्यक्ष नियुक्त किया । बैठक की मुख्य एजेंडा पार्टी के प्रखण्ड कमिटी का विस्तार करना था । पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि कल के भविष्य की जिम्मेवारी नौजवानों के कंधे पर टिकी है।वे जो चाहे कर सकते हैं।मौके पर भानु गुप्ता,पुष्प रंजन,महेश पाल, दिनेश सिंह,पंकज कुमार,विजय कुमार,राहुल कुमार,संतोष कुमार,रंजन ठाकुर, अंकित सिंह, दिवेश कुमार सोनी, सुजीत कुमार, सीपू,नरेश मेहता, प्रशांत कुमार सहित काफी संख्या में पार्टी के गणमान्य व नेतागण उपस्थित थे।


सुविधाओं व यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया

सुविधाओं व यात्रा व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया पंकज कपूर  देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बदरीनाथ पहुंच कर श्रद्धालुओं की...