इस्लामाबाद। चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस ने पड़ोसी देस पाकिस्तान को भी अपनी चपेट में ले लिया है। इसे देखते हुए इमरान खान सरकार ने लॉक डाउन की घोषणा कर दी थी, जिसके चलते मंगलवार को लाखों लोग घरों में रहे। सड़कों को सुनसान किया गया, सार्वजनिक परिवहन, कार्यालय, दुकानें, बाजार, पार्क, और अन्य सार्वजनिक स्थलों को सभी चार प्रांतों, उत्तरी गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र, और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में बंद रखा गया।
पाकिस्तान में कोरोनवायरस वायरस के मामलों की संख्या 900 तक पहुंच गई है, जबकि लगभग सात लोगों की मौत हो चुकी है।सोमवार को, सरकार ने लॉक डाउन के लिए देशभर में सेना के जवानों की तैनाती की, जो अगले दो सप्ताह तक चलेगी। सरकार ने मंगलवार आधी रात से 31 मार्च तक देश भर में रेलवे परिचालन को स्थगित करने की घोषणा की। इससे पहले ट्रेनों में सवार होने के लिए कराची, लाहौर और अन्य रेलवे स्टेशनों पर लोग लंबी कतार में लगे दिखे, जिसके फुटेज जियो न्यूज पर दिखाए गए। जमात इस्लामी ने कोरोना रोगियों के लिए अपने मुख्य हेड क्वार्टर मंसूरा लाहौर को अलगाव केंद्र में परिवर्तित कर दिया।दूरदराज के कई इलाकों से लॉक डाउन का पालन नहीं करने की खबरें सामने आईं। पाकिस्तान में स्वास्थ्य सेवाओं की अच्छी व्यवस्था नहीं है, लिहाजा सरकार लोगों से खुद ही घरों में रहकर सुरक्षित रहने की अपील कर रही है।राजधानी इस्लामाबाद, वाणिज्यिक राजधानी कराची, सांस्कृतिक केंद्र लाहौर और अन्य प्रमुख शहरों में सामान्य रूप से हलचल वाली सड़कों और सार्वजनिक स्थान पूरी तरह से खाली थे और सेना व पुलिस के जवानों ने सड़कों पर गश्त की।कई शहरों में बंद का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। सर्वोच्च और उच्च न्यायालयों सहित न्यायपालिका ने भी अपने कार्यों को सीमित कर दिया है, और केवल आवश्यक मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। जेलों में COVID-19 के प्रकोप के खतरों को कम करने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जमानत पर छोटे अपराधों में शामिल सैकड़ों कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया।यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब लाहौर जेल में कोरोनोवायरस मामले की पहली पुष्टि हुई। मामलों की बढ़ती संख्या के बावजूद, संक्रमित होने वाले अधिकांश लोग हल्के लक्षणों से पीड़ित होते हैं और ठीक हो जाते हैं।