बुधवार, 15 जून 2022

पिछले 8 वर्षों को ‘काले अध्याय’ के रूप में देखा जाएगा

पिछले 8 वर्षों को ‘काले अध्याय’ के रूप में देखा जाएगा

नरेश राघानी      
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को केन्द्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि पिछले 8 वर्षों को आजाद भारत के इतिहास में एक ‘काले अध्याय’ के रूप में देखा जाएगा। गहलोत ने आज यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “पिछले आठ वर्षो को भारतीय लोकतंत्र का ‘काला अध्याय’ कहा जाएगा। हर गली में तनाव है। हम लोगों को नारे लगाते हुए देख रहे हैं, चाहे हिंदू हो या मुस्लिम।” उन्होंने कहा, “विपक्षी दलों ने मांग की है कि प्रधानमंत्री देश में शांति के लिए अपील करें।
13 दलों ने यह मांग की है। कल मैंने फिर से अनुरोध किया, लोग डरे हुए हैं, हर जगह सांप्रदायिक तनाव है। वह क्यों झिझक रहे हैं?” वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह पहली बार जब कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अपनी ही पार्टी के कार्यालय में आने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा, “भाजपा का राष्ट्रवाद जोकि आयातित राष्ट्रवाद है, उसमें जो भी विरोधी में हो उसे दबा दिया जाए और कुचल दिया जाए।
” पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक ने बताया किया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, उन्हें और अन्य को दिल्ली के बदरपुर इलाके में हिरासत में लिए गए पार्टी नेताओं से मिलने के लिए रास्ते में रोका गया। उन्होंने कहा, “हम कानून नहीं तोड़ेंगे, लेकिन अगर आप हमारे संवैधानिक अधिकार से वंचित करते हैं तो हम गांधीवादी तरीके से अपना विरोध जारी रखेंगे।” कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बुधवार को लगातार तीसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय में पूछताछ के लिए पेश होना है।
कांग्रेस ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित है और इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ बताया है। उल्लेखनीय है कि आज भी मध्य दिल्ली में पाबंदियां जारी रहीं और कई सड़कों पर बैरिकेडिंग लगे रहे। अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय के चारों ओर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है और केवल चुनिंदा लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई।

सभी उपायुक्तों को योजना से जोड़ने का पुनः आदेश

सभी उपायुक्तों को योजना से जोड़ने का पुनः आदेश 

इकबाल अंसारी  
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी उपायुक्तों को सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ने का पुनः आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा, कि राज्य में पेंशन से वंचित जरूरतमंदों को सर्वजन पेंशन से जोड़ने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। लाखों लोगों को योजना से जोड़ा जा चुका है। सभी उपायुक्त कृपया सुनिश्चित करें कोई जरूरतमंद पेंशन से वंचित न रह जाये।
उल्लेखनीय है कि राज्य भर में विगत आठ जून से सर्वजन पेंशन योजना से जोड़ने के लिए एक माह तक आयोजित विशेष अभियान का शुभारभ मुख्यमंत्री ने गुमला से किया है। 
इस बीच मुख्यमंत्री को जानकारी मिली कि धनबाद तोपचांची प्रखंड के चिरुडीह गांव के सुनीता देवी के पति की मृत्यु लगभग दो वर्ष पूर्व हो चुकी है। लेकिन आज तक वे विधवा पेंशन से वंचित हैं। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसकी जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने उपायुक्त धनबाद को मामले की जांच कर सुनीता जी को मदद पहुँचाते हुए सूचित करने का आदेश दिया है।

यूपी पुलिस के सिपाही ने बंदरों को खिलाया आम, वायरल

यूपी पुलिस के सिपाही ने बंदरों को खिलाया आम, वायरल

हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। सभी के साथ विनम्रता और दया का व्यवहार करें, इसलिए नहीं कि वे अच्छे हैं, बल्कि इसलिए कि आप अच्छे हैं। ऐसा आपने अक्सर लोगों को कहते हुए जरूर सुना होगा, यह एक सच्चाई है। कुछ ऐसा ही एक उदाहरण उत्तर प्रदेश के पुलिसकर्मी द्वारा देखने को मिला। वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया है। जिसमें उत्तर प्रदेश पुलिस के एक सिपाही को बंदरों को खाना खिलाते हुए दिखाया गया है। दिल छू लेने वाले वीडियो में वर्दी पहने एक सिपाही अपनी जीप के किनारे बैठकर बंदरों को खिलाने के लिए आम काट रहा है।
अपनी पीठ पर एक बच्चे को लेकर बंदर धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहा है। क्योंकि कांस्टेबल आम को काटकर उसे खिला रहा है। बंदर खुशी-खुशी आम को लेकर खाते हुए नजर आएं। ट्विटर पर यह वीडियो यूपी पुलिस के आधिकारिक अकाउंट पर शेयर किया गया। शेयर किए गए वीडियो को 56 हजार से अधिक बार देखा जा चुका है। वीडियो के इस कैप्शन में लिखा, ‘यूपी 112, सबके ‘Mon-key’ समझे।

सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल...
नेटिजन्स ने दिल को छू लेने वाले इस वीडियो को बेहद पसंद किया। इतना ही नहीं, मानवता और दया प्रदर्शित वीडियो को देखकर यूजर्स ने पुलिस वाले को सैल्यूट किया। एक यूजर ने लिखा, ‘इसे कहते हैं मानवता, कांस्टेबल मोहित को सलाम, आओ मानवता को आगे बढ़ाएं। मानवता का कर्म ही सबसे प्यारा भगवान। हम भारतीयों का भला करें, भगवान भारत का भला करें। एक अन्य ने लिखा, ‘इंसानियत भीतर से आती है।सभी प्राणियों के प्रति प्रेम रखो, यही मानवता है।

बातचीत: सुप्रीम कोर्ट से ऊपर नहीं है, ईडी

बातचीत: सुप्रीम कोर्ट से ऊपर नहीं है, ईडी 

अकांशु उपाध्याय     
नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी  से ईडी (ED) लगातार पूछताछ कर रही है। जिसपर बवाल मच रहा है। बता दें कि इस पूरे मामले को लेकर कांग्रेस के तमाम नेता और कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं। ईडी की इस कार्रवाई पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने एबीपी न्यूज से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहा कि ईडी, सुप्रीम कोर्ट से ऊपर नहीं है। राहुल गांधी को बेवजह परेशान करने के लिए ईडी ये पूछताछ कर रही है। पी चिदंबरम ने कहा कि, ईडी की ये पुरानी आदत है। किसी को भी 10 या 12 घंटे तक पूछताछ के नाम पर परेशान करना। ये लोग इन घंटों में करीब 30 या 40 सवाल करते हैं। लेकिन हर चार या पांच सवाल के बीच में एक लंबा ब्रेक लिया जाता है। ये लोग दूसरे कमरे में जाते हैं, सीढ़ियों में टहलते हैं और फिर वापस आते हैं। यही ईडी का पैटर्न है।

सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है मामला...
ईडी पूछताछ को लेकर चिदंबरम ने कहा कि, इस मामले में सब कुछ रिकॉर्ड पर है। राहुल गांधी ने इनकम टैक्स रिटर्न भरा है। जिसका एफिडेविट सुप्रीम कोर्ट को भी दिया गया है। पूछताछ करना बेकार है, 11 घंटे तक पूछताछ की गई और अब तीसरे दिन बुलाया गया है। मुझे नहीं पता है कि वो क्या पूछ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि, मामले पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और ईडी सुप्रीम कोर्ट से ऊपर नहीं है। ईडी इनकम टैक्स के मामले पर फैसला नहीं सुना सकती है। इनकम टैक्स मामले की जांच ईडी कैसे कर सकती है। इन्होंने अब तक इस मामले में दर्ज एफआईआर भी नहीं दिखाई है।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राहुल गांधी को आज फिर पूछताछ के लिए बुलाया है। राहुल गांधी से हो रही लगातार पूछताछ के विरोध में कांग्रेस के तमाम नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर रहे हैं। साथ ही पार्टी के बड़े नेताओं को प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सिख विरोधी दंगे मामलें में कार्यवाही, 4 गिरफ्तार

सिख विरोधी दंगे मामलें में कार्यवाही, 4 गिरफ्तार 

अकांशु उपाध्याय      
नई दिल्ली। 1984 के सिख विरोधी दंगे मामलें में एसआईटी ने बड़ी कार्यवाही करते हुए 38 साल बाद 4 आरोपी गिरफ्तार किए है। इन चारों आरोपियों को उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर जिले के घाटमपुर इलाके से गिरफ्तार किया गया। एसआईटी और कानपुर बाहरी पुलिस की संयुक्त टीम ने संयुक्त कार्यवाही की।
गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में सिखों के खिलाफ दंगे हुए थे। इसमें कई लोगों की जान चली गई थी। एसआईटी का गठन तीन साल पहले 2019 में किया गया था। केंद्र सरकार ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के सात मामलों को फिर से खोलने का फैसला किया था। इनमें आरोपी या तो बरी हो गए थे या मुकदमा बंद कर दिया गया था। विशेष रूप से एसआईटी ने अपनी जांच में 1984 के सिख दंगों में 94 आरोपियों की पहचान की है, जिनमें से 74 आरोपी जीवित हैं।
गिरफ्तार चार लोगों की पहचान सैफुल्ला खान, योगेंद्र सिंह उर्फ बबन बाबा, विजय नारायण सिंह उर्फ बचन सिंह और अब्दुल रहमान उर्फ लांबू के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए सभी की उम्र 60 वर्ष से अधिक है और कानपुर के घाटमपुर इलाके से हैं।
क्या है 1984 का सिख विरोधी दंगा।
1984 के सिख विरोधी दंगे, जिसे 1984 के सिख नरसंहार के रूप में भी जाना जाता है, भारत में सिखों के खिलाफ उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुई हिंसा की श्रृंखला थी। 1984 के सिख विरोधी दंगे कई दिनों तक जारी रहे। नई दिल्ली में हजारों सिख मारे गए। इतना ही नहीं इन दंगों के कारण सिख समुदाय के 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। राष्ट्रीय राजधानी में दंगों के कारण सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से कुछ सुल्तानपुरी, मंगोलपुरिम और त्रिलोकपुरी थे।

ईडी की पूछताछ को लेकर सरकार पर निशाना साधा

ईडी की पूछताछ को लेकर सरकार पर निशाना साधा

दुष्यंत टीकम
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पूछताछ को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने की साजिश सफल नहीं होगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये कैसा लोकतंत्र है? कार्यकर्ता अपनी पार्टी के दफ्तर में नहीं जा सकते, नेता अपने कार्यकर्ताओं से नहीं मिल सकते। पूरे देश में जो हालात हैं, सबके सामने है।
ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई।’’ बघेल ने कहा, ‘‘पिछले आठ वर्षों से सिर्फ एक व्यक्ति केंद्र सरकार की खामियां उजागर कर रहा है, वह हैं राहुल गांधी। नोटबंदी, जीएसटी, लॉकडाउन सहित हर गलत फैसले का राहुल गांधी ने विरोध किया है। भाजपा की सोच है कि राहुल गांधी की आवाज को दबा दिया जाए तो कोई हमारे खिलाफ कोई नहीं बोल पायेगा।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रवाद ‘आयातित राष्ट्रवाद’ है, जिसमें विरोधियों को कुचलने की बात की जाती है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बघेल ने कहा, ‘‘झूठे मामलों में फंसा कर राहुल गांधी को परेशान करने की कोशिश महंगी पड़ेगी। आजादी की लड़ाई में भूमिका निभाने वाले अखबार (नेशनल हेराल्ड) को बचाने के लिए कांग्रेस ने कदम उठाया है तो उसे धन शोधन के नाम पर फंसाने की नाकाम कोशिश की जा रही है। ये पूरा देश देख रहा है। कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने की साजिश में भाजपा को सफलता नहीं मिलेगी।

5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के तौर-तरीकों को मंजूरी

5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के तौर-तरीकों को मंजूरी

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के तौर-तरीकों को मंजूरी दी। इसके तहत 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई महीने के अंत तक की जाएगी। आधिकारिक विज्ञप्ति में बुधवार को यह जानकारी दी गई। मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र, कृषि, ऊर्जा और अन्य क्षेत्रों में उपयोग वाली नए दौर की एप्लिकेशन मसलन मशीन से मशीन संचार, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), कृत्रिम मेधा (एआई) में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए ‘निजी उपयोग वाले नेटवर्क’ की स्थापना और विकास को मंजूरी देने का भी निर्णय लिया।
विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम नीलामी का दूरसंचार विभाग का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है, इसके तहत जनता और उद्यमों को 5जी सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सफल बोलीदाताओं को स्पेक्ट्रम आवंटित किया जाएगा।’’ सरकार 20 वर्ष की वैधता वाले कुल 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की जुलाई माह के अंत तक नीलामी करेगी। इसके अलावा विभिन्न निम्न, मध्यम और उच्च फ्रिक्वेंसी बैंड के लिए भी स्पेक्ट्रम नीलामी की जाएगी।
दूरसंचार क्षेत्र में सुधारों को गति देते हुए मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम नीलामी से संबंधित कई विकासशील विकल्पों की भी घोषणा की है जो कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देंगे। इसमें कहा गया, ‘‘सफल बोलीदाताओं को अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी, ऐसा पहली बार हो रहा है। स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 बराबर सालाना किस्तों में किया जा सकेगा और ये अग्रिम किस्तें प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में देनी होगी।’’ इसके अलावा बोलीदाताओं को 10 वर्ष के बाद स्पेक्ट्रम वापस करने का विकल्प भी दिया जाएगा।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  

1. अंक-250, (वर्ष-05)
2. बृहस्पतिवार, जून 16, 2022
3. शक-1944, आषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि-दूज, विक्रमी सवंत-2079।
4. सूर्योदय प्रातः 05:22, सूर्यास्त: 07:15।
5. न्‍यूनतम तापमान- 32 डी.सै., अधिकतम-45+ डी.सै.। उत्तर भारत में बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, मुद्रक, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम व शिवांशु, (विशेष संपादक) श्रीराम व सरस्वती (सहायक संपादक) संरक्षण-अखिलेश पांडेय, ओमवीर सिंह, वीरसेन पवार, योगेश चौधरी आदि के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
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मंगलवार, 14 जून 2022

मदरसों में उलेमाओं के साथ पीस मीटिंग का आयोजन

मदरसों में उलेमाओं के साथ पीस मीटिंग का आयोजन

अश्वनी उपाध्याय              
गाजियाबाद। भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के बाद कई राज्यों में बिगड़े हालातों को देखते हुए, गाजियाबाद पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। गाजियाबाद में किसी तरह की शांति व्यवस्था ना बिगड़े, इसको लेकर पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी ने धर्म-गुरुओं के साथ पीस मीटिंग कर वार्तालाप की हैं। इसी क्रम में गाजियाबाद स्थित लोनी एसडीएम संतोष कुमार राय और क्षेत्राधिकारी लोनी रजनीश कुमार उपाध्याय ने क्षेत्र के मदरसों में उलेमाओं के साथ एक पीस मीटिंग का आयोजन किया। 
जिसमें उन्होंने हाल के माहौल को देखते हुए वार्ता की और सभी को शासन की मंशा से अवगत कराया गया। लोनी सीओ रजनीश कुमार उपाध्याय ने मीटिंग मे आए सभी उलेमाओं से धार्मिक स्थलों पर आने वाले लोगों को सोशल मीडिया पर धर्म को लेकर चलने वाले मैसेज पर टिप्पणी ना करने की सलाह दी। वहीं इस मामले पर बात करते हुए लोनी उप जिलाधिकारी संतोष कुमार राय ने बताया कि थाना लोनी क्षेत्र के कस्बा चौकी के अंतर्गत सभी उलेमाओं के साथ बैठक कर बता दिया गया है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें और क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखें। वही क्षेत्राधिकारी रजनीश कुमार उपाध्याय ने इस दौरान आपसी भाईचारा व सौहार्द बनाए रखने की बात कही।

पुलिस की गोली लगने से 1 बदमाश घायल, दूसरा फरार

पुलिस की गोली लगने से 1 बदमाश घायल, दूसरा फरार

अश्वनी उपाध्याय     
गाजियाबाद। थाना लोनी बॉर्डर पुलिस ने मोटरसाईकिल सवार दो व्यक्तियों को बेहटा रेल अंडर पास के पास चैकिंग के दौरान रोका, तो वह दोनों व्यक्ति अपनी मोटरसाइकिल को तेज गति से पीछे मोड़कर पुलिस पर फायर करते हुए भागने लगें। जिस पर थाना लोनी बॉर्डर पुलिस टीम द्वारा अपने साहस का परिचय देते बदमाश की घेराबंदी की गई। बदमाशों के द्वारा पुलिस को लक्ष्य करके जान से मारने की नीयत से फायर किया गया।
वहीं, थाना लोनी बॉर्डर पुलिस टीम ने आत्मरक्षार्थ जवाबी कार्यवाही में एक बदमाश को पुलिस की गोली लगने से घायल हो गया, तथा दूसरा बदमाश मौके से फरार हो गया।
पूछताछ में पकड़े गए बदमाश ने अपना नाम शहजाद पुत्र इंतजार निवासी राम पार्क ट्रोनिका सिटी गाजियाबाद 30 वर्ष बताया, तथा भागे हुए अपने साथी का नाम राजू बताया है। अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।

अभियुक्त का नाम व पता...
शहजाद पुत्र इंतजार निवासी राम पार्क ट्रोनिका सिटी गाजियाबाद 30 वर्ष

बरामदगी का विवरण...
1- एक अदद टी वी एस मोटरसाइकल चोरी की 
2- 01 तमंचा 315 बोर
3- 04 कारतूस- (02 खोखा 02 जिंदा अभियुक्त का अपराधिक इतिहास पकड़े गए। बदमाश शहजाद पर एक दर्जन से भी ज्यादा अभियोग पंजीकृत है। अभियुक्त को गिरफ्तार करने मैं थाना लोनी बॉर्डर की टीम मौजूद रही।

आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के सामने घुटने टेके

आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के सामने घुटने टेके

सुनील श्रीवास्तव 
इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान के 100 से ज्‍यादा सैनिकों की हत्‍या करने वाले आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के सामने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने घुटने टेक दिए हैं। चीन के दबाव में पाकिस्‍तानी सेना टीटीपी के साथ एक समझौता करने जा रही है। जिससे पाकिस्‍तान के अंदर एक ‘अलग’ इस्‍लामिक देश का रास्‍ता साफ होगा। टीटीपी आतंकियों के शासन वाले इस इलाके में शरिया कानून लागू होगा। वहीं, विश्‍लेषकों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्‍तान और टीटीपी के बीच यह शांति समझौता आतंकियों के लिए एक बड़ी जीत की तरह से होगा।टीटीपी आतंकी पाकिस्‍तान की लोकतांत्रिक सरकार की जगह पर अपनी सत्‍ता चाहते हैं।
जो शरिया कानून पर आधारित होगी। टीटीपी आतंकी अगस्‍त 2021 से लेकर मार्च 2022 के बीच में अब तक कम से कम 119 पाकिस्‍तानी सैनिकों की हत्‍या कर चुके हैं। टीटीपी ने शांति समझौते को लेकर हो रही बातचीत को देखते हुए ‘अनिश्चित काल के लिए सीजफायर’ का ऐलान किया था। पाकिस्‍तान की सरकार टीटीपी के शीर्ष नेताओं और कमांडरों को जेल से रिहा करने पर सहमत हो गई है।पाकिस्‍तानी सेना और टीटीपी के बीच इस समझौते को तालिबानी गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्‍कानी ने कराया है। सिराजुद्दीन हक्‍कानी एक कुख्‍यात आतंकी है जिसका अलकायदा के साथ मजबूत रिश्‍ता है। अब हक्‍कानी टीटीपी को संरक्षण दे रहा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र का अनुमान है कि अफगानिस्‍तान में 3 हजार से लेकर 5 हजार आतंकी मौजूद हैं। टीटीपी के साथ शांति समझौता होने पर इनमें से बड़ी संख्‍या में आतंकी पाकिस्‍तान आ सकते हैं। इससे पाकिस्‍तान का कबायली इलाका फाटा टीटीपी आतंकियों का गढ़ बन जाएगा।टीटीपी की प्रमुख मांग है कि उसके नियंत्रण वाले इलाकों में शरिया कानून लागू किया जाए। इसमें पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा कबायली इलाका जिसे फाटा कहा जाता था, शामिल है। यही नहीं टीटीपी फाटा को फिर से खैबर पख्‍तूनख्‍वा से अलग करना चाहता है। इस डील का विरोध कर रहे पाकिस्‍तानी नेताओं का मानना है कि टीटीपी फाटा को ठीक उसी तरह से ‘मिनी इस्‍लामिक अमीरात’ बनाना चाहता है, जैसे तालिबान ने सत्‍ता पर कब्‍जा करने के बाद अफगानिस्‍तान में बनाया है। उन्‍होंने चेतावनी दी कि अगर टीटीपी खुद को विघटित करने की पाकिस्‍तानी सेना की मांग को स्‍वीकार भी कर लेता है तो भी वह अफगान तालिबान की तरह से फाटा में शरिया कानून लागू करने वाला मुख्‍य संगठन होगा।

खैबर पख्‍तूनख्‍वा में सक्रिय अवामी नैशनल पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि इस बातचीत से साफ हो गया है कि टीटीपी को हराया नहीं जा सकता है जिसे तालिबान का समर्थन हासिल है। उन्‍होंने कहा कि तालिबान के साथ पाकिस्‍तानी सेना के अच्‍छे संबंध हैं, इसलिए यह सेना की सीधे हार की तरह से है। इस बीच तालिबान के पिछलग्‍गू टीटीपी की बढ़ती क्षमता के पीछे चीन का भी समर्थन है। चीन बार-बार कह रहा है कि वह तालिबान के अपने इस्‍लामिक परंपरा के हिसाब से शासन करने के अधिकार का समर्थन करता है।

खैबर पख्‍तूनख्‍वा में सक्रिय अवामी नैशनल पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि इस बातचीत से साफ हो गया है कि टीटीपी को हराया नहीं जा सकता है जिसे तालिबान का समर्थन हासिल है। उन्‍होंने कहा कि तालिबान के साथ पाकिस्‍तानी सेना के अच्‍छे संबंध हैं, इसलिए यह सेना की सीधे हार की तरह से है। इस बीच तालिबान के पिछलग्‍गू टीटीपी की बढ़ती क्षमता के पीछे चीन का भी समर्थन है। चीन बार-बार कह रहा है कि वह तालिबान के अपने इस्‍लामिक परंपरा के हिसाब से शासन करने के अधिकार का समर्थन करता है।

पाकिस्‍तान के एक नेता ने खुलासा किया कि चीन टीटीपी के साथ समझौता करने के लिए पाकिस्‍तान पर दबाव डाल रहा है। टीटीपी के आतंकियों ने हाल के दिनों में चीन के हितों, प्रॉजेक्‍ट और उनके लोगों पर कई हमले किए हैं। चीन के लिए यह जरूरी है कि पाकिस्‍तान टीटीपी की कुछ मांगों को मान ले ताकि सीपीईसी के खिलाफ हो रहे हमले ताकि बंद हो जाएं। टीटीपी ने इस डील के बाद चीन के खिलाफ हमले नहीं करने का वादा किया है।खैबर पख्‍तूनख्‍वा में सक्रिय अवामी नैशनल पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि इस बातचीत से साफ हो गया है कि टीटीपी को हराया नहीं जा सकता है जिसे तालिबान का समर्थन हासिल है। उन्‍होंने कहा कि तालिबान के साथ पाकिस्‍तानी सेना के अच्‍छे संबंध हैं, इसलिए यह सेना की सीधे हार की तरह से है। इस बीच तालिबान के पिछलग्‍गू टीटीपी की बढ़ती क्षमता के पीछे चीन का भी समर्थन है। चीन बार-बार कह रहा है कि वह तालिबान के अपने इस्‍लामिक परंपरा के हिसाब से शासन करने के अधिकार का समर्थन करता है। पाकिस्‍तान के एक नेता ने खुलासा किया कि चीन टीटीपी के साथ समझौता करने के लिए पाकिस्‍तान पर दबाव डाल रहा है। टीटीपी के आतंकियों ने हाल के दिनों में चीन के हितों, प्रॉजेक्‍ट और उनके लोगों पर कई हमले किए हैं। चीन के लिए यह जरूरी है कि पाकिस्‍तान टीटीपी की कुछ मांगों को मान ले ताकि सीपीईसी के खिलाफ हो रहे हमले ताकि बंद हो जाएं। टीटीपी ने इस डील के बाद चीन के खिलाफ हमले नहीं करने का वादा किया है।

मूल मुकदमें की विचारणीयता पर फैसला नहीं सुनाएं

मूल मुकदमें की विचारणीयता पर फैसला नहीं सुनाएं

इकबाल अंसारी
बेंगलुरु। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बेंगलुरु की एक अदालत को निर्देश दिया है कि वह एक स्थानीय मस्जिद का सर्वेक्षण करने के अनुरोध को लेकर दायर मूल मुकदमें की विचारणीयता पर अपना फैसला नहीं सुनाएं। बेंगलुरु में तृतीय अतिरिक्त सिविल अदालत टी. ए. धनंजय और बी. ए. मनोज कुमार की याचिका की सुनवाई कर रही है, जिसमें दावा किया गया है कि बेंगलुरु के निकट थेंका उलीपाडी गांव, मलाली में असैद अब्दुल्लाही मदनी मस्जिद के नवीनीकरण के दौरान ‘मंदिर जैसी संरचना’ का पता चला था।
उन्होंने इस दावे की पुष्टि के लिए मस्जिद का सर्वे कराने का अनुरोध किया है। उच्च न्यायालय में उन्हीं याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक रेड्डी ने दलील दी कि अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्त द्वारा एक सर्वेक्षण किया जाना चाहिए और उसके आधार पर एक रिपोर्ट सौंपी जानी चाहिए, लेकिन निचली अदालत को इससे पहले इस तरह के मामले की विचारणीयता पर निर्णय लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
उन्होंने दलील दी कि यदि निचली अदालत में याचिका को विचारणीयता के मुद्दे पर खारिज कर दिया जाता है, तो मस्जिद के अंदर की संरचनाओं को हटाए जाने या नष्ट किए जाने की आशंका है। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सचिन शंकर मगदुम की एकल पीठ ने सोमवार को मस्जिद के अधिकारियों को नोटिस जारी किया और निचली अदालत को मुकदमे की विचारणीयता पर अपना फैसला नहीं सुनाने का निर्देश दिया। मामले में अगली सुनवाई 17 जून को होगी। इससे पहले, निचली अदालत ने मस्जिद के अधिकारियों को विवादित ढांचे को नहीं हटाने का निर्देश दिया था।

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया

हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...