मंगलवार, 14 जून 2022

आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के सामने घुटने टेके

आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के सामने घुटने टेके

सुनील श्रीवास्तव 
इस्‍लामाबाद। पाकिस्‍तान के 100 से ज्‍यादा सैनिकों की हत्‍या करने वाले आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान के सामने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने घुटने टेक दिए हैं। चीन के दबाव में पाकिस्‍तानी सेना टीटीपी के साथ एक समझौता करने जा रही है। जिससे पाकिस्‍तान के अंदर एक ‘अलग’ इस्‍लामिक देश का रास्‍ता साफ होगा। टीटीपी आतंकियों के शासन वाले इस इलाके में शरिया कानून लागू होगा। वहीं, विश्‍लेषकों ने चेतावनी दी है कि पाकिस्‍तान और टीटीपी के बीच यह शांति समझौता आतंकियों के लिए एक बड़ी जीत की तरह से होगा।टीटीपी आतंकी पाकिस्‍तान की लोकतांत्रिक सरकार की जगह पर अपनी सत्‍ता चाहते हैं।
जो शरिया कानून पर आधारित होगी। टीटीपी आतंकी अगस्‍त 2021 से लेकर मार्च 2022 के बीच में अब तक कम से कम 119 पाकिस्‍तानी सैनिकों की हत्‍या कर चुके हैं। टीटीपी ने शांति समझौते को लेकर हो रही बातचीत को देखते हुए ‘अनिश्चित काल के लिए सीजफायर’ का ऐलान किया था। पाकिस्‍तान की सरकार टीटीपी के शीर्ष नेताओं और कमांडरों को जेल से रिहा करने पर सहमत हो गई है।पाकिस्‍तानी सेना और टीटीपी के बीच इस समझौते को तालिबानी गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्‍कानी ने कराया है। सिराजुद्दीन हक्‍कानी एक कुख्‍यात आतंकी है जिसका अलकायदा के साथ मजबूत रिश्‍ता है। अब हक्‍कानी टीटीपी को संरक्षण दे रहा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र का अनुमान है कि अफगानिस्‍तान में 3 हजार से लेकर 5 हजार आतंकी मौजूद हैं। टीटीपी के साथ शांति समझौता होने पर इनमें से बड़ी संख्‍या में आतंकी पाकिस्‍तान आ सकते हैं। इससे पाकिस्‍तान का कबायली इलाका फाटा टीटीपी आतंकियों का गढ़ बन जाएगा।टीटीपी की प्रमुख मांग है कि उसके नियंत्रण वाले इलाकों में शरिया कानून लागू किया जाए। इसमें पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा कबायली इलाका जिसे फाटा कहा जाता था, शामिल है। यही नहीं टीटीपी फाटा को फिर से खैबर पख्‍तूनख्‍वा से अलग करना चाहता है। इस डील का विरोध कर रहे पाकिस्‍तानी नेताओं का मानना है कि टीटीपी फाटा को ठीक उसी तरह से ‘मिनी इस्‍लामिक अमीरात’ बनाना चाहता है, जैसे तालिबान ने सत्‍ता पर कब्‍जा करने के बाद अफगानिस्‍तान में बनाया है। उन्‍होंने चेतावनी दी कि अगर टीटीपी खुद को विघटित करने की पाकिस्‍तानी सेना की मांग को स्‍वीकार भी कर लेता है तो भी वह अफगान तालिबान की तरह से फाटा में शरिया कानून लागू करने वाला मुख्‍य संगठन होगा।

खैबर पख्‍तूनख्‍वा में सक्रिय अवामी नैशनल पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि इस बातचीत से साफ हो गया है कि टीटीपी को हराया नहीं जा सकता है जिसे तालिबान का समर्थन हासिल है। उन्‍होंने कहा कि तालिबान के साथ पाकिस्‍तानी सेना के अच्‍छे संबंध हैं, इसलिए यह सेना की सीधे हार की तरह से है। इस बीच तालिबान के पिछलग्‍गू टीटीपी की बढ़ती क्षमता के पीछे चीन का भी समर्थन है। चीन बार-बार कह रहा है कि वह तालिबान के अपने इस्‍लामिक परंपरा के हिसाब से शासन करने के अधिकार का समर्थन करता है।

खैबर पख्‍तूनख्‍वा में सक्रिय अवामी नैशनल पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि इस बातचीत से साफ हो गया है कि टीटीपी को हराया नहीं जा सकता है जिसे तालिबान का समर्थन हासिल है। उन्‍होंने कहा कि तालिबान के साथ पाकिस्‍तानी सेना के अच्‍छे संबंध हैं, इसलिए यह सेना की सीधे हार की तरह से है। इस बीच तालिबान के पिछलग्‍गू टीटीपी की बढ़ती क्षमता के पीछे चीन का भी समर्थन है। चीन बार-बार कह रहा है कि वह तालिबान के अपने इस्‍लामिक परंपरा के हिसाब से शासन करने के अधिकार का समर्थन करता है।

पाकिस्‍तान के एक नेता ने खुलासा किया कि चीन टीटीपी के साथ समझौता करने के लिए पाकिस्‍तान पर दबाव डाल रहा है। टीटीपी के आतंकियों ने हाल के दिनों में चीन के हितों, प्रॉजेक्‍ट और उनके लोगों पर कई हमले किए हैं। चीन के लिए यह जरूरी है कि पाकिस्‍तान टीटीपी की कुछ मांगों को मान ले ताकि सीपीईसी के खिलाफ हो रहे हमले ताकि बंद हो जाएं। टीटीपी ने इस डील के बाद चीन के खिलाफ हमले नहीं करने का वादा किया है।खैबर पख्‍तूनख्‍वा में सक्रिय अवामी नैशनल पार्टी के एक प्रमुख नेता ने कहा कि इस बातचीत से साफ हो गया है कि टीटीपी को हराया नहीं जा सकता है जिसे तालिबान का समर्थन हासिल है। उन्‍होंने कहा कि तालिबान के साथ पाकिस्‍तानी सेना के अच्‍छे संबंध हैं, इसलिए यह सेना की सीधे हार की तरह से है। इस बीच तालिबान के पिछलग्‍गू टीटीपी की बढ़ती क्षमता के पीछे चीन का भी समर्थन है। चीन बार-बार कह रहा है कि वह तालिबान के अपने इस्‍लामिक परंपरा के हिसाब से शासन करने के अधिकार का समर्थन करता है। पाकिस्‍तान के एक नेता ने खुलासा किया कि चीन टीटीपी के साथ समझौता करने के लिए पाकिस्‍तान पर दबाव डाल रहा है। टीटीपी के आतंकियों ने हाल के दिनों में चीन के हितों, प्रॉजेक्‍ट और उनके लोगों पर कई हमले किए हैं। चीन के लिए यह जरूरी है कि पाकिस्‍तान टीटीपी की कुछ मांगों को मान ले ताकि सीपीईसी के खिलाफ हो रहे हमले ताकि बंद हो जाएं। टीटीपी ने इस डील के बाद चीन के खिलाफ हमले नहीं करने का वादा किया है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you, for a message universal express.

पार्टियों को मतदान केंद्रों की तरफ रवाना किया

पार्टियों को मतदान केंद्रों की तरफ रवाना किया  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। पुलिस प्रेक्षक, जिला अधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने लो...