शुक्रवार, 7 मई 2021

भारत: 24 घंटे में 19,133 नए मामलें सामने आएं

 अकांशु उपाध्याय                        
नई दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमण के पिछले 24 घंटे में 19133 नए मामले सामने आए। इस दौरान 335 लोगों की मौत हुई। वैसे राजधानी में बीते कुछ दिनों से कोरोना से हालात कुछ बेहतर होते नजर आ रहे हैं। अब हर दिन संक्रमितों का आंकड़ा घट रहा है और स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आने वाले कुछ सप्ताह तक यही स्थिति बनी रही तो राजधानी में कोरोना की चौथी लहर का ग्राफ नीचे आ जाएगा। अब 25 फीसदी से नीचे कोरोना संक्रमण दर आ गया है। 10 दिन में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट हुई है। 24.29 फीसदी हुई संक्रमण दर। (26 अप्रैल को 35.02 फीसदी थी दर)। 24 घण्टे में 335 की मौत, कोरोना से मौत का कुल आंकड़ा, 18,398 तो सक्रिय मरीजों की संख्या 90,629 हुई। होम आइसोलेशन में 50,562 मरीज हैं। घटकर 7.11 फीसदी हुई सक्रिय कोरोना मरीजों की दर। रिकवरी दर 91.43 फीसदी हुई। 24 घण्टे में सामने आए 19,133 केस, कुल आंकड़ा 12,73,035, वहीं, 24 घण्टे में डिस्चार्ज हुए 20,028 मरीज, कुल आंकड़ा 11,64,008 है। 24 घण्टे में हुए 78,780 टेस्ट, टेस्ट का कुल आंकड़ा 1,75,97,532 है, (RTPCR टेस्ट 64,529 एंटीजन 14,251)। 49 हजार के पार हुआ हॉट स्पॉट्स का आंकड़ा, 49,123 हुए कंटेन्मेंट जोन्स और कोरोना डेथ रेट- 1.45 फीसदी हुआ। दिल्ली में इस समय संक्रमण के कुल मरीजों की संख्या 12 लाख के पार हो गई है। इनमें से 11 लाख लोग स्वस्थ हो चुके हैं। बीते तीन दिन की बात करें तो दैनिक संक्रमितो की संख्या लगातार कम हो रही है। 1 मई को कोरोना के 25,219 मामले आए थे, वहीं 2 मई को 20,394 और 3 मई को यह संख्या घटकर 18,043 हो गई। वहीं, स्वस्थ होने वालों की बात करें को 1 मई को 27,421 ठीक हुए, 2 मई को 24,444 और 3 मई को 20,293 लोगों ने कोरोना को मात दी। आंकड़ों पर गौर करें तो 1 से 3 मई के तक कुल 72 हजार से ज्यादा मरीज संक्रमण को मात दे चुके हैं। वहीं, इस दौरान कुल 63 हजार 656 मामले आए हैं। लिहाजा संक्रमितों के मुकाबले स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या अधिक रही है। 28 मार्च के बाद ऐसा पहली बार है संक्रमितों के मुकाबले अधिक लोग स्वस्थ हुए हैं। इससे दिल्ली में कोरोना से रिकवरी दर 90 फीसदी से ज्यादा हो गई है।

कुंभ महामारी फैलाने वाली 'सप्रेडर घटना' न साबित हो

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। उस वक़्त कइयों को इस बात का डर सता रहा रहा था कि कहीं कुंभ कोरोना महामारी फैलाने वाली "सुपर सप्रेडर घटना" न साबित हो।
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ऐसा लग रहा है कि अब वो डर हक़ीक़त में तब्दील हो गया है। कुंभ से लौटकर आए लोगों की कोरोना रिपोर्ट अब पॉज़िटिव आ रही है और संभवत: देश के कई इलाक़ों में अब कुंभ संक्रमण के फैलने का कारण बन रहा है।
जब 15 मार्च को कुंभ आयोजन में हिस्सा लेने के लिए महंत शंकर दास हरिद्वार पहुँचे थे। तब देश के दूसरे हिस्सों में कोरोना के मामलों में तेज़ी देखी जा रही थी। 
आधिकारिक रूप से कुंभ मेले के शुरू होने से चार दिन पहले चार अप्रैल को 80 साल के हिंदु साधु महंत दास कोरोना पॉज़िटिव पाए गए। उन्हें अपने ही टेन्ट में क्वारंटीन में रहने की सलाह दी गई।
लेकिन आइसोलेशन में रहने की बजाय उन्होंने अपना सामान बांधा और ट्रेन पकड़ कर एक हज़ार किलोमीटर का सफ़र तय कर वाराणसी शहर पहुँच गए।
रेलवे स्टेशन में उन्हें उनके बेटे नागेन्द्र पाठक लेने आए थे. दोनों ने एक टैक्सी में रेलवे स्टेशन से लेकर वाराणसी से सटे मिर्ज़ापुर ज़िले में मौजूद अपने गांव तक का 20 किलोमीटर का सफ़र तय किया।
अपने घर से उन्होंने फ़ोन पर मुझे बताया कि अब उनकी तबीयत "बिल्कुल ठीक है" और जब से वो घर लौटे हैं, तब से क्वारंटीन में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी को भी उनकी वजह से कोरोना संक्रमण नहीं हुआ है।
लेकिन उनके घर पहुँचने के कुछ दिनों बाद उनके बेटे और कई गांववालों में कोविड-19 के लक्षण दिखने लगे। महंत के बेटे नागेन्द्र पाठक ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से वो अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं।
उन्होंने कहा, "बीते एक पखवाड़े में गांव में बुख़ार और खांसी से 13 लोगों की मौत हो चुकी है।

एक ही गांव के 17 लोगों की मौंत से मचा हड़कंप

संदीप मिश्र  

सुल्तानपुर। कोरोना संक्रमण ने 2020 और 2021 में कहर बनकर टूटी है। इस महामारी के कारण किसी की ​मांग की सिंदूर उजड़ी तो किसी के घर का चिराग बुझा। महामारी से लोग अब बेहद ही त्रस्त हो गए है। वहीं उत्तर प्रदेश में पिछले तीन सप्ताह से मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अनेक मामलों में कारण कोरोना नहीं माना जा रहा है, मगर मौत की यह रफ्तार डरा रही है। कुछ ऐसे ही हालात रायबरेली के सुल्तानपुर खेड़ा गांव की है।

दरअसल सुल्तानपुर खेड़ा गांव में पिछले एक सप्ताह में 17 लोगों की मौत हो गई। हैरान वाली बात ये है कि न उनकी कोई टेस्टिंग हुई और ना ही सही इलाज मिल पाया। खास बात है कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी यहां से सांसद हैं और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा यहां के प्रभारी मंत्री हैं।रायबरेली के छोटे से गांव सुल्तानपुर खेड़ा, जिसकी आबादी 2000 लोगों की है, यहां लगभग 500 परिवार रहते हैं। बीते कुछ दिनों से हर तरफ मौत का मंजर दिखाई दे रहा है। हर घर में आंसू और मातम पसरा हुआ है। बीते दिनों में यहां पर 17 मौतें हो चुकी है, लेकिन प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार यह गांव आज भी अपने किसी भगवान रूपी नेता का इंतजार कर रहा है। गांव में कोरोना लक्षण जैसे जुकाम और बुखार से इंफेक्शन की शुरुआत होती है और सांस लेने में तकलीफ के बाद मौत हो जाती है। गांव में दहशत का माहौल है। 17 मौतें होने के बावजूद जिला प्रशासन ने किसी तरह का कोई संज्ञान नहीं लिया है। ना कोई टीम गांव पहुंची है, ना सैनिटाइजेशन हुआ है, ना फागिंग और ना ही साफ सफाई का काम हुआ है।

मृतकों में शामिल राकेश शुक्ला और अवधेश गुप्ता की मृत्यु एल2 हॉस्पिटल रेल कोच में हुई है. बाकी लोगों की मृत्यु घरों में हुई है। गांव के 70 फ़ीसदी से अधिक लोग जुकाम और बुखार से पीड़ित हैं। गांव में दहशत का माहौल है। लोग बहुत डरे हुए हैं। सुल्तानपुर खेड़ा ग्राम सभा में 13 मजरे हैं, घर-घर रोना पीटना मचा है।गांव वालों की माने तो सरकार और प्रशासन दोनों ही पूरे मामले में लापरवाह रहे। कहीं से किसी प्रकार की कोई उपचार संबंधी मदद भी नहीं मिल पा रही है। गुरुवार को डीएम कैंप, कंट्रोल रूम, एडीएम प्रशासन और मुख्य चिकित्सा अधिकारी वीरेंद्र सिंह को सूचित किया गया है, लेकिन शाम तक कोई भी विभागीय टीम अथवा सैनिटाइजेशन की टीम गांव नहीं पहुंची है।

11 जून तक मरने वालों का आंकड़ा 4 लाख पार

राज्य सरकार को एचसी ने जमकर लगाईं फटकार

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ सरकार एक बार फिर वैक्सीन को लेकर सुर्खियों में आ गई है। छत्तीसगढ़ में 18+ वैक्सीनेशन में आरक्षण के मामले में राज्य सरकार को हाईकोर्ट ने जमकर फटकार लगाते हुए झटका दिया है। विदित हो, कि प्रदेश में 18 प्लस आयुवर्ग के वैक्सीनेशन पर हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर राज्य सरकार ने रोक लगा 6 मई को आदेश जारी कर वैक्सीनेशन पर रोक लगा दी थी। आज हाई कोर्ट में उसकी सुनवाई के दौरान बिलासपुर हाईकोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की है। बिलासपुर हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि “आज से ही प्रदेश में वैक्सीनेशन शुरू किया जाए। कोई बहानेबाजी नहीं चलेगी। एक तिहाई के हिसाब से सभी वर्ग का समान रूप से टीकाकरण किया जाए। अंत्योदय, एक तिहाई बीपीएल और एपीएल के भी एक तिहाई कार्डधारकों को शामिल करें। इसी फॉर्मूला के तहत आज से, अभी से ही प्रदेश सरकार जनता के लिए वैक्सीनेशन शुरू करें।”
उच्च न्यायालय ने सरकार से पूछे ये प्रश्न...
मा. उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश जारी करते हुए पूछा कि राज्य को कितनी कम वैक्सीन मिल रही है और किस अनुपात में मिलना चाहिए ? उन्होंने साथ ही पूछा कि अगर वैक्सीन कम मिल रही है तो इतनी कम क्यों मिल रही है? हाईकोर्ट ने कहा कि प्रदेश सरकार अपना जवाब तैयार कर 10 मई को होने वाली अगली सुनवाई में हमारे प्रश्नों का उत्तर दें।
अंत्योदय कार्डधारियों को पहले वैक्सीन देने पर हाई कोर्ट में लगाई गई थी याचिका...
छत्तीसगढ़ में एक मई से 18 + आयुवर्ग का वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद भूपेश सरकार ने इसे 06 मई को बंद कर दिया था ।सरकार ने दलील दी थी कि वैक्सीन कम आ रही हैं, इसी के चलते इसे रोका गया दरअसल, प्रदेश में आर्थिक आधार पर अंत्योदय राशन कार्ड धारियों को सर्वप्रथम टीकाकरण किया जा रहा था जिस पर अमित जोगी समेत कुछ लोगों ने हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका लगाई थी जिसकी सुनवाई के दौरान इस विषय पर हाई कोर्ट ने कहा था कि वैक्सीनेशन में सरकार को भेदभाव नहीं करना चाहिए। नए सिरे से रूपरेखा तैयार कर सरकार से कहकर मांगा था जिसके बाद सरकार के वैक्सीनेशन रोकने के फैसला करते हुए कहा था हाईकोर्ट के आदेशानुसार हमें कुछ वक्त लग सकता है इस लिए तब तक के लिए वैक्सिनेशन को प्रदेश में बन्द किया जा रहा है। इस पर अब हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारते हुए नए निर्देश जारी कर दिए हैं।

कांग्रेस की हार से सबक लेने की जरूरत: सोनिया

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के हालिया विधानसभा चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन को निराशाजनक करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि इस हार से सबक लेने की जरूरत है।

कोरोना के हालात पर चर्चा के लिए बुलाई गई पार्टी सांसदों की डिजिटल बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि जल्द ही कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक होगी। जिसमें असम, केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के चुनाव नतीजों की समीक्षा की जाएगी। सोनिया ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में जीत के लिए ममता बनर्जी, एमके स्टालिन और वाम दलों को बधाई भी दी।उन्होंने कांग्रेस की चुनावी हार का उल्लेख करते हुए कहा, ”सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि सभी राज्यों में हमारा प्रदर्शन निराशाजनक रहा है और मैं यह कह सकती हूं कि यह अप्रत्याशित है। ” सोनिया ने कहा, ”चुनाव नतीजों की समीक्षा के लिए जल्द सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी, लेकिन यह कहना होगा कि एक पार्टी के तौर पर सामूहिक रूप से हमें पूरी विनम्रता एवं ईमानदारी के साथ इस झटके से उचित सीख लेनी होगी।”

गौरततलब है कि असम और केरल में सत्ता में वापसी का प्रयास कर रही कांग्रेस को हार झेलनी पड़ी। वहीं, पश्चिम बंगाल में उसका खाता भी नहीं खुल सका। पुडुचेरी में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा जहां कुछ महीने पहले तक वह सत्ता में थी। तमिलनाडु में उसके लिए राहत की बात रही कि द्रमुक की अगुवाई वाले उसके गठबंधन को जीत मिली।

जमीनी रंजिश को लेकर 2 पक्षों में विवाद, 3 की मौंत

तारिक खान
रूड़की। रुड़की के खेड़ी खुर्द गांव में जमीनी रंजिश को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। कब्रिस्तान से शव दफनाकर लौट रहे एक पक्ष के लोगों पर दूसरे पक्ष ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी। गोली लगने से तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि पांच अन्य लोग भी घायल हो गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एसएसपी और एसपी देहात ने भी गांव पहुंचकर घटना की जानकारी ली।
पुलिस के मुताबिक, लक्सर कोतवाली के खेड़ी खुर्द गांव निवासी हुसैन का गांव के ही जुल्फिकार पक्ष के साथ विवाद चल रहा था। बताया कि गुरुवार सुबह भी दोनों पक्षों के बीच खेत में सिंचाई करने वाली मोटर को लेकर कुछ विवाद हुआ। उस समय मामला शांत हो गया। इसके बाद हुसैन पक्ष के परिवार में एक महिला की मौत होने पर वह सभी महिला को दफनाने के लिए कब्रिस्तान गए थे। महिला को दफनाकर वह जब लौट रहे थे, तभी रास्ते में पहले से घात लगाकर बैठे दूसरे पक्ष के व्यक्तियों ने उन पर हमला बोल दिया। हमलावरों ने उनके ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई।
बताया जाता है कि खेत में मेढ़ को लेकर दोनों पक्षों में गुरूवार को सुबह कहासुनी हो गई और जमकर मारपीट हुई थी। इसमें दोनों पक्षों के दो युवक घायल हो गए थे। उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दिया था। पुलिस ने उन्हें मेडिकल के लिए भेज दिया। इसी दौरान हुसैन पक्ष के परिवार में एक महिला की मौत हो गई थी जिसका दाफीन आज होना था। लोग महिला का शव दफनाकर घर लौट रहे थे। जैसे ही वे दूसरे पक्ष के घर के पास पहुंचे तो उन्होंने तमंचे और बंदूकों से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में सात लोग गोली लगने से घायल हो गए।
आननफानन परिजन उन्हें लेकर लक्सर सीएचसी पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। पुलिस का कहना है कि हुसैन (50) पुत्र तैमूर, शहजान उर्फ कालू (45) पुत्र अहमद और मोहम्मद कैफ पुत्र तस्लीम ने हायर सेंटर पहुंचने से पहले रास्ते में दम तोड़ दिया। वहीं, गंभीर घायल जहीर पुत्र लतीफ, गयूर व रिजवान पुत्र जहीर, सैफ पुत्र इंतखाब को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
घटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी डी सेंथिल अबूदई कृष्णराज एस और एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल ने भी ग्रामीणों से घटना की जानकारी ली। गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। एसएसपी ने बताया कि तहरीर आने पर मुकदमा दर्ज किया गया। फिलहाल गोली चलाने वालों की तलाश की जा रही है।

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण  1. अंक-211, (वर्ष-11) पंजीकरण:- UPHIN/2014/57254 2. रविवार, मई 19, 2024 3. शक-1945, बैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि-एकादशी,...