शुक्रवार, 7 मई 2021

कुंभ महामारी फैलाने वाली 'सप्रेडर घटना' न साबित हो

अकांशु उपाध्याय          
नई दिल्ली। उस वक़्त कइयों को इस बात का डर सता रहा रहा था कि कहीं कुंभ कोरोना महामारी फैलाने वाली "सुपर सप्रेडर घटना" न साबित हो।
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ऐसा लग रहा है कि अब वो डर हक़ीक़त में तब्दील हो गया है। कुंभ से लौटकर आए लोगों की कोरोना रिपोर्ट अब पॉज़िटिव आ रही है और संभवत: देश के कई इलाक़ों में अब कुंभ संक्रमण के फैलने का कारण बन रहा है।
जब 15 मार्च को कुंभ आयोजन में हिस्सा लेने के लिए महंत शंकर दास हरिद्वार पहुँचे थे। तब देश के दूसरे हिस्सों में कोरोना के मामलों में तेज़ी देखी जा रही थी। 
आधिकारिक रूप से कुंभ मेले के शुरू होने से चार दिन पहले चार अप्रैल को 80 साल के हिंदु साधु महंत दास कोरोना पॉज़िटिव पाए गए। उन्हें अपने ही टेन्ट में क्वारंटीन में रहने की सलाह दी गई।
लेकिन आइसोलेशन में रहने की बजाय उन्होंने अपना सामान बांधा और ट्रेन पकड़ कर एक हज़ार किलोमीटर का सफ़र तय कर वाराणसी शहर पहुँच गए।
रेलवे स्टेशन में उन्हें उनके बेटे नागेन्द्र पाठक लेने आए थे. दोनों ने एक टैक्सी में रेलवे स्टेशन से लेकर वाराणसी से सटे मिर्ज़ापुर ज़िले में मौजूद अपने गांव तक का 20 किलोमीटर का सफ़र तय किया।
अपने घर से उन्होंने फ़ोन पर मुझे बताया कि अब उनकी तबीयत "बिल्कुल ठीक है" और जब से वो घर लौटे हैं, तब से क्वारंटीन में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी को भी उनकी वजह से कोरोना संक्रमण नहीं हुआ है।
लेकिन उनके घर पहुँचने के कुछ दिनों बाद उनके बेटे और कई गांववालों में कोविड-19 के लक्षण दिखने लगे। महंत के बेटे नागेन्द्र पाठक ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण से वो अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं।
उन्होंने कहा, "बीते एक पखवाड़े में गांव में बुख़ार और खांसी से 13 लोगों की मौत हो चुकी है।

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