रविवार, 14 अगस्त 2022

तिरंगा   'संपादकीय'

तिरंगा   'संपादकीय' 

मेरी आन तिरंगा है, मेरी शान तिरंगा है, 
मेरी जान तिरंगा है।
व्यापार तिरंगा है, नवाचार तिरंगा है। 
कितना बदला हमारा देश, गरीब नंगा है।

15 अगस्त, सन 1947 की उस रात जब देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत में अपना पहला भाषण दे रहे थे, तब गांधी ने समारोह में शामिल होने से मना कर दिया। स्वत्रंता दिवस समारोह में शामिल होने के लिए नेहरू और सरदार वल्लभ भाई पटेल ने साझा निमंत्रण गांधी को भेजा लेकिन इसके बावजूद गांधी नहीं आए। शायद वो यह सब कुछ देख पा रहे थे, जो धर्म के आधार पे किए गए विभाजन के बाद होने वाला था।
आज ही के दिन हुए इस शर्मनाक विभाजन में हिन्दुस्तान और पाकिस्तान तो बन गया। लेकिन, थोड़ा हिन्दुस्तान पाकिस्तान में रह गया और थोड़ा पाकिस्तान हिन्दुस्तान में। शायद यह सर्जरी पूरी सफल नहीं हुई थी, बस भौगोलिक विभाजन किया गया। लाहौर और अमृतसर के बीच कुछ तथाकथित जानकारों ने एक लकीर खींच कर समझा कि बस हो गया। सबने ज़मीन तो बाँट ली, लेकिन लोगों का क्या ?
जो अपना घर नहीं छोड़ना चाहते थे, उन्हें लगा कि ये सब समय के साथ धीरे-धीरे समान्य हो जाएगा। वह इस उम्मीद में घरों में रहकर सब बर्दाश्त करते रहे, कि जिन्ना है तो क्या हुआ हमारे पुरखे तो नवाब शाह के ही है, मैं अपना घर छोडकर क्यूं जाऊं ? या इस तरफ़ नेहरू है तो क्या हुआ ? मैं तो यही दिल्ली में पैदा हुआ हूँ, यहाँ मेरा घर है, मैं तो यहीं पैदा हुआ यही मरूंगा। फिर मेरे बाप दादा भी तो यहीं दफन हैं। मैं उन्हें यहाँ ऐसे छोड़कर कैसे चला जाऊँ ?

लेकिन हुआ कुछ और ही...
जिन्होनें घर नहीं छोड़ा वो जबरन निकले गए उनका दर्द तो शब्दों में बयां भी नहीं किया जा सकता। उनकी तो उम्मीद तक ने दम तोड़ दिया था। मुश्किल से अनजान जगह आकर नई शुरुआत करना, उस पार अपना सब कुछ होते हुए भी बेघर मैदानों में एक टेंट में बच्चों के साथ सालों तक जिंदगी गुजारना।

कभी सोचा ? ये सब किस के लिए था ? उन नेताओं की कुर्सी के लिए ? जिन्होनें आजादी तो दिलवा दी, लेकिन सत्ता के स्वार्थ के लिए हिन्दू और मुस्लिम जैसे शर्मनाक धार्मिक आधार पर लोगों को बटवारा स्वीकार कर लिया ? सूखी लकड़ी की तरह सबको वर्षों तक झोंकते रहे दंगों की भट्टी मे अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने के लिए ? ताकि, उनकी सात पुश्तों का इन्तेजाम हो जाए। फिर उसकी कीमत चाहे हजारों लाखों बच्चों के सिर से उनके माँ-बाप का साया छिन जानां ही क्यूँ न हो ? लड़ा दो बस, कभी मुस्लमान के पक्ष में खड़े हो जाओ, तो कभी हिन्दू के पक्ष में ?  कितना सब कुछ सबने खोया है।
लेकिन, दुःख इस बात का है, कि आम आदमी को अब तक यह गंदा खेल समझ नहीं आ रहा।
इस मुल्क में सभी मतलब सभी नेताओं ने शुरू से ही अपनी सत्ता की हवस के चलते जो आम लोगों के साथ किया है, वह क्षमा योग्य बिल्कुल नहीं हैं। चाहे वो हिन्दू हो या मुस्लमान, सिंधी हो या दिल्ली के सिक्ख, चाहे वो कश्मीरी पंडित हो या फिर गोधरा के दंगों में मारे गये देश के नागरिक या फिर कश्मीर घाटी अथवा मुंबई की होटल ताज में हुए आतंकी हमले में मारे गए आम नागरिक। सबने कीमत चुकाई है, सत्ता सुख भोगने को लालायित लोगों के अहम की।
राजनीति के पास दिल तो होता नहीं, जो सत्ता की भूख से ऊपर उठ कर य़ह दर्द महसूस कर सके।
जिस तरह से मुस्लिम तुष्टीकरण की बात की जाती रही है इतने सालों तक, और हर सवाल का जवाब वर्षों तक नेताओं द्वारा सर्वधर्म समभाव , अल्पसंख्यक संरक्षण और पिछड़े वर्ग का उत्थान बता कर सत्ता साधने का धूर्त खेल खेला जाता रहा है, बिल्कुल उसी तरह से अब एक नया दौर चल पड़ा है। जिसके चलते जातीय ध्रुवीकरण और इतिहास में की गई गलतियों को सुधारने के नाम पर, सत्ता साधन किया जा रहा है। वैचारिक अभिव्यक्ति की आजादी के रास्ते संकरे हो गए हैं। जिस तरफ देखो उस तरफ लोगों ने अलग-अलग रंग के चश्मे लगा रखे हैं। जिससे उन्हें उसी रंग का भारत दिखाई देता है, जो उन्हें अपनी सत्ता साधने में मशगूल राजनीतिक दल दिखाना चाहते है। मन की बात कहने सुनने से ज्यादा पकड़ कर सुनाने का चलन चल पड़ा है। योग्यता हो या न हो, बस परंपराओं के नाम पर अयोग्य लोगों को देश की बागडोर संभलाने की आतुरता देखी जा रही है। योग्यता अयोग्य के सिंहासन के पाये के तले दम तोड़ रही है। पिछड़े वर्ग के संरक्षण का भारी दंभ भरने वाले लोगों के बीच एक 8 साल के बच्चे को मात्र इसलिए जान से मार दिया जाता है। क्योंकि उसने अपने उच्च जाति है। शिक्षक के मटके में से पानी पी लिया। सही बात खुल कर कहने वालों की राष्ट्रभक्ति पर जातिवाद की चिलम लिए घूम रहे समूह प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं। कौन कितना राष्ट्रभक्त है ? उसका निर्णय सत्ता की ड्योढी पर बैठे हुए स्वामिभक्त कर रहे हैं। लेकिन, इस सबके बीच में भी यह देश किसी भी कीमत पर अपना मूल रूप खोने को तैयार नहीं है।
देश के वैज्ञानिक मंगल तक जा पहुंचे हैं, देश की प्रतिभाएं पूरे विश्व में अपनी योग्यता का झंडा गाड़ रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बड़ा है। विश्व को भारत में विश्व गुरु की आंशिक झलक दिखाई देने लगी है, सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना की गति बढ़ी है। जिससे आम आदमी वैचारिक तौर पर पहले से ज्यादा मजबूत हुआ है। आम आदमी में राष्ट्रीयता का भाव बड़ा है। रुपया कमजोर हुआ है। लेकिन, हमारे उद्यमियों का हौसला अब भी बुलंद है और उम्मीद अब भी कायम है।

राजनीति का क्या है ? 
राजनीति दोष लगाने और श्रेय खाने का खेल है और इस खेल के पारंगत खिलाड़ी इस देश में शुरू से ही बहुत तादाद में रहे है। जिसका शिकार आम आदमी सदा से होता रहा है। लेकिन अब लगता है कि वह समय आ गया है कि इन राजनीतिक खिलाड़ियों को इस देश का आम आदमी सामने बैठकर आंखों में आंखें डाल कर य़ह कह दे कि नेताजी! मैं बेवकूफ नहीं हूँ, मुझे सब दिखाई दे रहा है। तुम्हें राज करना है राज करो। लेकिन, तुम्हारा राज करना इतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना महत्वपूर्ण है इस देश में एकता और शांति बनाए रखना।
आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए जिस तरह से 15 अगस्त इस बार आम आदमी के त्योहार के रूप में मनाया जा रहा है। ऐसा आज से पहले कभी भी देखने को नहीं मिला है। जिसके लिए यह देश, आप और हम सब लोग बधाई के पात्र हैं। तिरंगा हमारा स्वाभिमान है, उसका अपमान नहीं होगा।
नरेश राघानी

10,000 छात्रों के साथ प्रभात फेरी में हिस्सा लिया 

10,000 छात्रों के साथ प्रभात फेरी में हिस्सा लिया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। तीन केंद्रीय मंत्रियों और दिल्ली के उपराज्यपाल ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत रविवार को एनडीएमसी के 10,000 स्कूली छात्रों के साथ प्रभात फेरी में हिस्सा लिया। भारत की आजादी के 75 साल के जश्न ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत ‘प्रभात फेरी’ जनपथ रेडियल से शुरू हुई और इंडिया गेट पर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर समाप्त हुई। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी और मीनाक्षी लेखी शामिल हुईं। दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) अध्यक्ष अश्विनी कुमार, एनडीएमसी के सदस्य कुलजीत सिंह चहल और विशाखा सैलानी ने भी प्रभात फेरी में हिस्सा लिया।

उपराज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘‘हर घर तिरंगा अभियान के हिस्से के रूप में 10000 से अधिक स्कूली बच्चों द्वारा निकाली गई ‘प्रभात फेरी’ में केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, मीनाक्षी लेखी के साथ शामिल हुआ। बच्चों का उत्साह, ऊर्जा और तिरंगे के प्रति उनका प्रेम बस दिल छू लेने वाला था…।’’ उपराज्यपाल ने ‘प्रभात फेरी’ की तस्वीरें भी पोस्ट कीं, जिसमें केंद्रीय मंत्रियों और अन्य अधिकारियों के साथ बच्चे राष्ट्रीय ध्वज के साथ दिखे। उपराज्यपाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘असीम ऊर्जा, जबर्दस्त उत्साह, हाथ में तिरंगा और दिल में भारत! जब बच्चे क्नाट प्लेस से इंडिया गेट पर युद्ध स्मारक तक गए।’’ कार्यक्रम की शुरुआत से पहले उपराज्यपाल ने कहा कि बच्चे भारत का उज्ज्वल भविष्य हैं जो ‘हर घर तिरंगा अभियान’ के साक्षी बन रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’ स्वतंत्र भारत के 75 साल के दौरान अर्जित की गई हमारी संस्कृति, विरासत और उपलब्धि का त्योहार है।’’ सक्सेना ने कहा कि हर घर तिरंगा आजादी का अमृत महोत्सव का एक हिस्सा है जिसमें नागरिक इसे अपने घर के ऊपर फहराकर मनाएंगे। सक्सेना ने कहा, ‘‘तिरंगा हमारे स्वतंत्रता संघर्ष और हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का प्रतीक है, जिन्होंने हमारे देश के भविष्य के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।’’ बयान में कहा गया है कि उन्होंने बच्चों से प्रभात फेरी में तिरंगा ले जाने और अभियान के तहत इसे फहराने के लिए घर ले जाने का आग्रह किया।

कांग्रेसी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा 

कांग्रेसी नेताओं, कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा 

पंकज कपूर 

देहरादून। उत्तराखण्ड के खटीमा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। यहां खटीमा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में कांग्रेसियों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रीति और नीति से प्रभावित होकर बी.जे.पी. से जुड़ने की बात कही।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिवसीय खटीमा दौरे पर हैं। अपने दौर के दूसरे दिन सी.एम. धामी ने खटीमा में कांग्रेस प्रदेश सचिव तरुण ठाकुर के साथ प्रदेश संगठन सचिव राम पांडे और महेंद्र ठाकुर को माला पहनाकर बीजेपी की सदस्यता दिलाई। उनके साथ सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बीजेपी का दामन थामा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बी.जे.पी. परिवार में शामिल पर होने पर सभी कांग्रेसी नेताओं का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। ऐसे में सभी लोगों का बी.जे.पी. परिवार में वो स्वागत और अभिनंदन करते हैं। साथ ही यह भी विश्वास जताते हैं कि वो बी.जे.पी. को मजबूत करने का काम करेंगे।

'तिरंगा' की बिक्री ने पिछले 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा 

'तिरंगा' की बिक्री ने पिछले 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा 

अकांशु उपाध्याय/मिनाक्षी लोढी 

नई दिल्ली/कोलकाता। आजादी के जश्न का उत्साह तो हर साल ही होता है मगर इस बार बात ही अलग है। इस बार देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है और आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर लोगों में उत्साह चरम पर है। हर घर तिरंगा लहराने का जोश इस बार लोगों में इस तरह है कि बाजारों में डिमांड इतनी बढ़ गई है कि दुकानदार पूरी तरह से सप्लाई नहीं दे पा रहे हैं। इस बार तिरंगा की बिक्री ने पिछले सभी 74 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 100 गुणा ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हो रही है। सन्मार्ग की टीम ने बड़ाबाजार की कई दुकानों का दौरा किया जहां पता चला कि दुकानदार अब नया ऑडर्र नहीं ले रहे हैं। बल्कि जो उनके पास स्टॉक में है, उसे ही बिक्री कर रहे हैं। यहां तक कि एक सप्ताह में 2 करोड़ तिरंगा की डिमांड आयी मगर हम सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं।
इस साल की बिक्री ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये हैं। बिक्री इतनी कि अब नये ऑर्डर नहीं लिये जा रहे हैं। राजाकटरा तिरपालपट्टी के एक कारोबारी संजय अग्रवाल ने बताया कि यह सब मोदी जी का कमाल है। उन्होंने इस तरह हर घर तिरंगा फहराने का जोश भरा है कि हर व्यक्ति ही तिरंगा फहराना चाहता है। दुकानदार ने कहा कि अभी सप्लाई नहीं कर पा रहे हैं। एक सप्ताह में करीब 20 लाख तिरंगा की बिक्री हुई है। जो कि अब तक सबसे ज्यादा है। लोग 5000 से 10000 तक अलग-अलग साइज में तिरंगे खरीद रहे हैं।
कोलकाता के अलावा अहमदाबाद, सूरत, दिल्ली सहित कई शहरों से तिरंगा मंगाया गया है। एक दुकानदार राहुल गंभीर ने कहा डिमांड इतना ज्यादा है कि पिछले कई सालों के स्टॉक में रखे गये तिरंगे सभी बिक गये हैं। इस बार बाजार ने पिछले सारे रिकार्डों को तोड़ दिया है। एक सप्ताह में 2 करोड़ तिरंगे की मांग आयी मगर हम उतनी सप्लाई नहीं कर पाये। केवल कोलकाता ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग हिस्सों से मांग बहुत ही ज्यादा है। स्कूल से लेकर कॉलेज, शिक्षण संस्थान, कार्यालय, हर एक व्यक्ति में इस बार तिरंगा फहराने का उत्साह खूब नजर आ रहा है।
तिरंगा के अलावा, आई लव इंडिया वाली टी शर्ट, उत्तरीय, हैंड फ्लैग, बैच, बाइक हैंड फ्लैग व अन्य कई सामानों की खूब डिमांड है।

नेहरू का नाम हटाने पर कांग्रेस-भाजपा के बीच विवाद 

नेहरू का नाम हटाने पर कांग्रेस-भाजपा के बीच विवाद 

इकबाल अंसारी 

बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार के विज्ञापन से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का नाम हटाने को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच विवाद खड़ा हो गया है। कर्नाटक कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने नेहरू के प्रशंसक अपने पिता एसआर बोम्मई और उनके पहले राजनीतिक गुरु एमएन रॉय का अपमान किया है। दूसरी ओर भाजपा का कहना है कि सरकार ने महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मी बाई और अन्य नेताओं के साथ नेहरू की तस्वीर को स्केच में शामिल किया है प्रमुख विपक्षी दल बेकार की बातें उड़ा रहा है। 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, “नेहरू इस तरह की संकीर्णता से बचे रहेंगे। अपनी कुर्सी बचाने को बेताब कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पता है कि उन्होंने जो किया है वह उनके पिता एस.आर. बोम्मई और उनके पिता के पहले राजनीतिक गुरु एम.एन. का अपमान है। दोनों महान नेहरू प्रशंसक और बाद में एक दोस्त भी थे। यह दयनीय है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा, “ बोम्मई को इस ‘अपमान’ के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस को नेहरू से एलर्जी है क्योंकि उनकी सरकार ने गांधी की हत्या के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। उन्होंने कहा, “याद रखें कि नेहरू ने अपने जीवन के नौ साल जेल में बिताए थे। वह सावरकर की तरह कायर नहीं थे।” इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा नेता मोहन कृष्ण ने कहा, “उनकी (नेहरू) तस्वीर पहले से ही स्केच में महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मी बाई और अन्य नेताओं के साथ है। विपक्ष लोगों को कुछ दिखाकर इसे उड़ाने का प्रयास कर रहे है। यह सच नहीं है।

गौरतलब है कि सरकारी विज्ञापन में वीर सावरकर की तस्वीर शामिल है। उन्हें क्रांतिकारी सावरकर बताते हुए विज्ञापन में शीर्षक लिखा है, “विनायक दामोदर सावरकर ने कई किताबें प्रकाशित कीं, जिनमें क्रांतिकारी तरीकों से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करने की वकालत की गई थी। उन्हें अंडमान निकोबार में कैद किया गया था और अत्यधिक यातनाएं दी गई थीं। विज्ञापन में लिखा है, “भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का इतिहास लाखों भारतीयों के बलिदानों से भरा पड़ा है। आज जब हम भारत की आजादी की 76वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, हमें उन्हें याद करना चाहिए और उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए और उनकी निस्वार्थ देशभक्ति का अनुकरण करने का संकल्प लेना चाहिए।” यह विज्ञापन हर घर तिरंगा अभियान के तहत प्रकाशित किया गया था।

इस मुद्दे पर दो अगस्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं से स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए अपने प्रदर्शन चित्रों को तिरंगे में बदलने का आग्रह करने के बाद इसको लेकर ऑनलाइन विवाद शुरु हुआ। इसके बाद कुछ कांग्रेसियों ने प्रतिक्रिया स्वरूप सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपनी डिस्प्ले तस्वीरों को जवाहरलाल नेहरू की राष्ट्रीय ध्वज पकड़े हुए तस्वीर में बदल दिया।उसके बाद से यह विवाद जारी है।

महागठबंधन की सरकार, कांग्रेस को 3 मंत्री पद मिलेंगे 

महागठबंधन की सरकार, कांग्रेस को 3 मंत्री पद मिलेंगे 

अविनाश श्रीवास्तव 

पटना। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी महागठबंधन की नई सरकार में कांग्रेस को तीन मंत्री पद मिलेंगे। यह जानकारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भक्तचरण दास ने रविवार को दी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) की बिहार इकाई के प्रभारी भक्तचरण दास ने कहा कि कांग्रेस के दो विधायक 16 अगस्त को मंत्री पद की शपथ लेंगे जबकि एक और विधायक को अगले मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान सरकार में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार की महागठबंधन सरकार में कांग्रेस को कितने मंत्री पद देने हैं,इस संबंध में निर्णय को अंतिम रूप दिया जा चुका है। कांग्रेस को कुल तीन मंत्री पद मिलेंगे।’’

 पद की शपथ लेंगे,तब मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रिमंडल विस्तार करने की उम्मीद है। वहीं, एक और विधायक को 16 अगस्त के बाद होने वाले मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान मंत्री पद की शपथ दिलाई जाएगी।’’ दास ने बताया कि अबतक तय नहीं है कि किस कांग्रेस विधायक को मंत्री पद दिया जाएगा। उन्होंने  कहा, ‘‘सोमवार को हम अपने उन विधायकों के नाम तय करेंगे, जो नीतीश कुमार मंत्रिमंडल के हिस्सा होंगे। बता दें कि इससे पहले कांग्रेस सूत्रों ने संकेत दिया था कि पार्टी नयी सरकार में चार मंत्री पद चाहती थी। नयी महागठबंधन सरकार में मौजूदा समय में मुख्यमंत्री के अलावा केवल उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव हैं और 16 अगस्त को मंत्रिमंडल विस्तार की उम्मीद है। नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ने के बाद बुधवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई थी।

गौरतलब है कि महागठबंधन में सात पार्टियां हैं, जिनमें जद (यू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, भाकपा (माले), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) शामिल हैं। 243 सदस्यीय विधानसभा में महागठबंधन के 160 सदस्य से अधिक है।

तमिलनाडु के वृत्त मंत्री की कार पर चप्पल से हमला 

तमिलनाडु के वृत्त मंत्री की कार पर चप्पल से हमला 

इकबाल अंसारी 

चेन्नई। तमिलनाडु मदुरै हवाईअड्डे पर तमिलनाडु के वृत्त मंत्री पीटीआर पलानीवेल त्यागराजन की कार पर चप्पल से हमला किया गया। मदुरै पुलिस आयुक्त ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चप्पल फेंकने के आरोप में भाजपा के 5 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल पलानीवेल शहीद हुए रइपलमैन डी लक्ष्णम के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि देने मदुरै पहुंचे थे। इस मामले में भाजपा मदुरई जिला अध्यक्ष श्रावनन का कहना है कि मदुरई हवाई अड्डे की घटना ने मुझे बहुत परेशान किया। मैं आधी रात को वित्त मंत्री से मिला और आज की घटना के लिए माफी मांगी। यह दुखद है कि मदुरा हवाई अड्डे पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने नियंत्रण से बाहर व्यवहार किया। मेरे लिए मन की शांति भाजपा के पद से ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं भाजपा के साथ नहीं रहूंगा। मैं सुबह अपना इस्तीफा भाजपा को देने जा रहा हूं। आगे उन्होंने कहा कि मैंने DMK में शामिल होने का कोई निर्णय नहीं लिया है, लेकिन DMK में शामिल होने में कुछ भी गलत नहीं है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बधाई व शुभकामनाएं दी 

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बधाई व शुभकामनाएं दी 

दुष्यंत टीकम

रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों सहित पूरे देशवासियों, सेना के जवानों और स्वतंत्रता सेनानियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। राज्यपाल उइके ने अपने संदेश में कहा है कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश सदियों की गुलामी से मुक्त हुआ था और हमने स्वतंत्रता की ताजी हवा में सांस ली थी। अनेक महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और अनगिनत वीरांगनाओं के समर्पण, त्याग और बलिदान से हमारे देश को परतंत्रता की जंजीरों से आजादी मिली। मैं इस अवसर पर उन समस्त महापुरूषों और वीरांगनाओं को नमन करती हूं। राज्यपाल ने कहा कि आजादी के आंदोलन में अपना योगदान देने वाले आदिवासी वीरों के योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता। स्वतंत्रता आंदोलन में छत्तीसगढ़ के वीर गुण्डाधुर, वीर गेंदसिंह और शहीद वीरनारायण जैसे जनजातीय वीरांे के नेतृत्व में कई सफल जनजाति विद्रोह हुए। इन विद्रोहोें ने अंग्रेजी शासन को हिलाकर रख दिया था। मैं उन सभी आदिवासी नायकों को भी नमन करती हूं। इस आजादी को कायम रखने के लिए हमारी सेना के वीर जवानों और पुलिस कर्मियों ने भी अपनी शहादत दी है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं और नमन करती हूं। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। इस समय हम देश की आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं। इस अवसर पर समस्त देश एवं प्रदेशवासियों से आग्रह है कि आजादी के समस्त नायकों को याद करते हुए उनसे प्रेरणा लें। हम सभी आजादी के इस पावन पर्व पर देश को विघटनकारी और असामाजिक तत्वों से मुक्ति दिलाने का संकल्प लें। मैं युवा पीढ़ी से आह्वान करती हूं कि भारत की एकता और अखण्डता को मजबूत करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभायें और राष्ट्र की प्रगति में भागीदार बनें।

मुख्य मंदिर के दर्शन के लिए शुल्क लेने का फैसला 

मुख्य मंदिर के दर्शन के लिए शुल्क लेने का फैसला 

संदीप मिश्र 

आगरा। ताजमहल में पर्यटकों की भारी भीड़ को देखते हुए इसके मुख्य मंदिर के दर्शन के लिए शुल्क लेने का फैसला किया गया है। जबकि स्वतंत्रता के अमृत उत्सव के दौरान सभी स्मारकों में प्रवेश नि:शुल्क है. इस आशय का निर्देश भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भारत सरकार) के निदेशक I (स्मारक) डॉ. एन.के. शुक्रवार को पाठक। निर्देश के अनुसार यह आदेश 13 अगस्त से 15 अगस्त तक प्रभावी रहेगा

इसके तहत पर्यटक ताजमहल में मुफ्त प्रवेश ले सकेंगे लेकिन मुख्य गुंबद पर नहीं, इसके लिए उन्हें टिकट खरीदना होगा। अधिकारियों के मुताबिक, ऐसे में रोजाना औसतन 50 हजार पर्यटक ताज देखने आगरा पहुंच रहे हैं और गुरुवार को यह संख्या 70 हजार तक पहुंच गई। उनके मुताबिक इतनी रिकॉर्ड संख्या में सैलानियों के कारण भीड़ को नियंत्रित करना काफी मुश्किल हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शनिवार से सोमवार तक ताजमहल के मुख्य मकबरे को बंद रखने का फैसला किया गया है। इतना ही नहीं, अगर पर्यटक इसमें जाते हैं, तो उन्हें इसके लिए टिकट खरीदना होगा, और बाकी ताजमहल दीदार के लिए मुफ्त होगा।

विपक्ष के 2 दर्जन पीएम उम्मीदवारों की सूची, इंतजार 

विपक्ष के 2 दर्जन पीएम उम्मीदवारों की सूची, इंतजार 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने विपक्ष का मजाक उड़ाते हुए कहा, कि वह विपक्ष के दो दर्जन पीएम उम्मीदवारों की सूची का इंतजार कर रहे हैं। आपको बता दें कि विपक्ष के पीएम उम्मीदवार पद के लिए नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और अब अखिलेश यादव के नाम भी सामने आ रहे हैं। यूपी के रामपुर में सभा को संबोधित करते हुए नकवी ने कहा कि मोदी-फोबिया की राजनीतिक बीमारी से पीड़ित लोग जल्द ही गायब हो जाएंगे। उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए, भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि “मोदी फोबिया की राजनीतिक बीमारी” से पीड़ित लोग जल्द ही गायब हो जाएंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि। निराशावादी राजनीतिक खिलाड़ियों” का ढोंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी मेहनत और ईमानदारी को कभी नहीं हरा सकता है। विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए, भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने (विपक्ष) पहले ही दो दर्जन प्रधान मंत्री उम्मीदवारों की प्रतीक्षा सूची तैयार कर ली है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसे “वैनिटी विदाउट वेकेंसी” कहा जाता हैनकवी ने कहा कि तमाम “राजनीतिक असहिष्णुता और झूठे और मनगढ़ंत आरोपों” के बावजूद, प्रधान मंत्री मोदी “समावेशी सशक्तिकरण” की प्रतिबद्धता के साथ अथक और लगन से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी के लिए देश की सुरक्षा और गरिमा ‘राष्ट्र नीति’ है जबकि हर जरूरतमंद का कल्याण ‘राष्ट्रधर्म’ है। अपने रामपुर दौरे के दौरान, नकवी ने महात्मा गांधी स्टेडियम में “तिरंगा पतंग कार्यक्रम” में भाग लिया, जहाँ 75 पतंग उड़ाकर तिरंगे को सम्मानित किया गया।

सॉफ्टवेयर: वीएलसी को भारत में प्रतिबंधित किया 

सॉफ्टवेयर: वीएलसी को भारत में प्रतिबंधित किया 

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। सबसे लोकप्रिय मल्टी मीडिया प्लेयर सॉफ्टवेयर और स्ट्रीमिंग मीडिया सर्वर में से एक वीएलसी को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, VideoLAN प्रोजेक्ट द्वारा विकसित लोकप्रिय मीडिया प्लेयर सॉफ़्टवेयर को लगभग 2 महीने पहले भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालांकि, यदि सॉफ़्टवेयर पहले से ही किसी डिवाइस पर स्थापित है, तो यह अभी भी काम करना चाहिए। अभी तक, न तो कंपनी और न ही भारत सरकार ने प्रतिबंध के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी किया है।

रिपोर्ट के अनुसार, यह एक सॉफ्ट बैन था, क्योंकि न तो कंपनी और न ही भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर मीडिया प्लेटफॉर्म को ब्लॉक करने की घोषणा की है। वर्तमान में, देश में केवल वीएलसी मीडिया प्लेयर वेबसाइट और डाउनलोड लिंक प्रतिबंधित हैं। सीधे शब्दों में कहें तो, अब भारत में कोई भी किसी भी काम के लिए वीएलसी मीडिया प्लेयर का उपयोग नहीं कर सकता है। जो कि उन उपयोगकर्ताओं के मामले में प्रतीत होता है जिनके पास पहले से ही अपने उपकरणों पर सॉफ़्टवेयर स्थापित है और अन्य सहित सभी प्रमुख इंटरनेट सेवा प्रदाताओं पर प्रतिबंधित है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, वीएलसी मीडिया प्लेयर को प्रतिबंधित कर दिया गया है।

क्योंकि इसका इस्तेमाल चीन समर्थित हैकिंग समूह सिकाडा द्वारा साइबर हमलों के लिए किया जा रहा था। कुछ महीने पहले, सुरक्षा विशेषज्ञों ने पाया कि सिकाडा लंबे समय से चल रहे साइबर हमले अभियान के हिस्से के रूप में एक दुर्भावनापूर्ण मैलवेयर लोडर को तैनात करने के लिए वीएलसी मीडिया प्लेयर का उपयोग कर रहा था। सरकार अब तक 270 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा चुकी है। ऐसे कई ऐप ने भारत में प्रवेश करने के लिए खुद को नए अवतार में फिर से नाम दिया लेकिन फिर से प्रतिबंधित कर दिया गया। हाल ही में, PUBG के भारतीय संस्करण बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया (BGMI) को भी भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है और इसे Google Play स्टोर और Apple ऐप स्टोर से हटा दिया गया है। इन ऐप्स को ब्लॉक करने के पीछे की वजह यह है कि सरकार को डर था कि ये प्लेटफॉर्म चीन को यूजर डेटा भेज रहे हैं। हालांकि, वीएलसी मीडिया प्लेयर एक चीनी कंपनी द्वारा समर्थित नहीं है। इसे पेरिस स्थित फर्म VideoLAN द्वारा विकसित किया गया है।

ट्रेन की पटरियों पर मछली फ्राई, वीडियो वायरल 

ट्रेन की पटरियों पर मछली फ्राई, वीडियो वायरल 

अविनाश श्रीवास्तव

पटना। बिहार की सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो सामने आते हैं, जो बिल्कुल हैरान करके रख देते हैं। इन वीडियो को देख लोग सोचने को मजबूर हो जाते हैं कि आखिर ये कैसे हो सकता है। अभी फिर से इसी तरह का एक वीडियो सामने आया है, जिसे देख हर किसी का सिर चकरा रहा है। वीडियो एक लड़के से जुड़ा है, जो ट्रेन की पटरियों पर मछली फ्राई करने लगता है। वो इसमें कामयाब भी हो जाता है। थोड़ी देर बाद आप देखेंगे कि वो आराम से मछली फ्राई खाने लगता है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक लड़का ट्रेन जाने गुजरने के बाद एक पटरी पर बैठ जाता है। वो मछली में मिर्च-मसाला लगता है और उसे ट्रेन की पटरी पर सेंकने लगता है। मछली कुछ ही देर में पूरी तरह से पोस्ट हो जाती है। कुछ देर बाद लड़का वहीं बैठकर मछली का आनंद लेने लगता है। इस नजारे को देख लोगों को अभी तक विश्वास नहीं हो रहा है।

कहीं नहीं देखा होगा ऐसा नजारा...

जिस तरह का नजारा इस वीडियो में देखने को मिल रहा है, वैसा आपने कहीं नहीं देखा होगा ? एक शख्स इस पर लिखते हैं, ‘बहुत गर्मी है, बिहार में एक और शख्स लिखते हैं, ‘ये टैलेंट इंडिया से बाहर नहीं जाना चाहिए।

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