मंगलवार, 25 मई 2021

घटनास्थल पर जांच करने के लिए पहुंचें अधिकारी

अतुल त्यागी           
हापुड़। मामला जनपद के थाना बाबूगढ़ क्षेत्र के गांव फतेहपुर का है। जहां पंचायत चुनाव के वैलेट पेपर जंगल में पड़े मिलने से हड़कंप मचा। ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाएं। वही, सोशल मीडिया पर खबर चलने के बाद एक्शन में आए अधिकारी काफी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर जांच करने के लिए अधिकारी पहुंचें।
बताया जा रहा है, जंगल में पड़े मिले सभी वैलिड पेपर चुनाव चिन्ह पर मोहर लगे हुए है। अब देखना यह है, अधिकारी मौके पर जांच कर क्या कार्रवाई करते हैं। बाबूगढ़ थाना क्षेत्र का मामला अधिकारी मौके पर जांच में जुटे।

यूपी: 24 घंटे में कोरोना के 3,957 नए मामलें मिलें

हरिओम उपाध्याय              

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना से संक्रमित 3,957 नये मामले आये हैं। जबकि 10,441 लोग कोविड-19 से ठीक हुए हैं। राज्य के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को बताया, कि राज्य में टेस्टिंग क्षमता निरन्तर बढ़ायी जा रही है। सोमवार को कुल 2,98,808 सैम्पल की जांच की गयी है। प्रदेश में अब तक कुल 4,73,62,430 सैम्पल की जांच की गयी है। अब तक 15,88,161 लोग कोविड-19 से ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में रिकवरी का प्रतिशत 94.7 है। प्रदेश में कोरोना के कुल 69,828 एक्टिव मामले में 42,653 कोविड मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि प्रदेश में जारी 3 टी अभियान का स्थलीय निरीक्षण कर लोगों से फीडबैक लिया जा रहा है। अभियान के तहत प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाने, ऑक्सीजन बेडों की संख्या बढ़ाने, आंशिक कर्फ्यू तथा वैक्सीनेशन पर कार्य किया जा रहा है। प्रदेश में कोविड-19 के टेस्ट की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी के साथ-साथ कुल एक्टिव केसों तथा कोविड के प्रतिदिन के मामलों में निरन्तर कमी आ रही है। उन्होंने बताया कि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 18 मण्डलों का भ्रमण समाप्त किया है। लगभग 15 दिनों में 18 मण्डलों के साथ 75 जिलों की समीक्षा भी की है। करीब 40 जिलों में मुख्यमंत्री स्वयं जाकर स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं। वह टीम-9 की बैठक निरन्तर कर रहे हैं। आज मुख्यमंत्री ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में पीकू वार्ड का निरीक्षण किया। नवनीत सहगल ने बताया कि अन्य प्रदेशों की अपेक्षा प्रदेश में संक्रमण कम हो रहा है।

पूरे प्रदेश के शहरों और गांवों में विशेष सफाई एवं फॉगिंग अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 97,509 गांवों में 87,868 कर्मियों के द्वारा 51,645 गांवों में साफ-सफाई, 27,262 गांवों में सेनिटाइजेशन तथा 9,501 गांवों में फॉगिंग की गयी है। उन्होंने बताया कि निगरानी समितियों के द्वारा 03 लाख 58 हजार लोगों को मेडिकल किट बांटी गयी है, तथा 37 लाख लोगों को 05 मई के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग करायी गयी है।

ड्रोन का इस्तेमाल साल 2021 के अंत में प्रारंभ

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। दवाओं, टीकों जैसे सामान सुदूर इलाकों में कम समय में पहुंचाने के लिए ड्रोन का वाणिज्यिक इस्तेमाल इस साल के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है। दृश्य सीमा से दूर ड्रोनों के परिचालन के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा अनुमति प्राप्त ऑपरेटरों में शामिल स्काई एयर मोबिलिटी के मुख्य परिचालन अधिकारी विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) एस. विजय ने बताया कि परीक्षण अगले महीने शुरू होने की उम्मीद है। 

उन्होंने कहा, “ यदि सब कुछ सामान्य रहा तो इस साल के अंत तक सामान पहुंचाने में ड्रोन के वाणिज्यिक इस्तेमाल की अनुमति मिल जायेगी। शुरू में दवाओं, टीकों और प्राकृतिक आपदा के समय खाने के पैकेट जैसी चीजों की अनुमति मिलने की संभावना है।” डीजीसीए ने ड्रोन परेशन के लिए 500 मीटर की दूरी को दृश्य सीमा के रूप में परिभाषित किया है। स्काई एयर तेलंगाना सरकार की ‘मेडिसिन फ्रॉम दि स्काई’ (एमएफटीएस) परियोजना में काम कर रही है। विजय के अनुसार, कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से दृश्य सीमा से बाहर ड्रोन के इस्तेमाल संबंधी नीतिगत बदलाव की प्रक्रिया तेज हुई है। उन्होंने कहा, “पहली लहर के कारण परीक्षण में देरी हुई थी। दूसरी लहर ने इसे गति प्रदान की है। अब लोगों को समझ आ रहा है कि आपदा के समय ड्रोन का इस्तेमाल कितना प्रभावशाली हो सकता है।”

उन्होंने बताया कि लंबी दूरी के ड्रोन ऑपरेशन के लिए काफी डाटा उपलब्ध है। पिछले साल कुछ अफ्रीकी देशों ने भी ड्रोन से दवाओं का वितरण शुरू किया है। उनकी भौगोलिक परिस्थितियां हालांकि अलग हैं और उनके अनुभव को हम जस का तस नहीं अपना सकते। इसीलिए अलग से परीक्षण किया जा रहा है। एमएफटीएस परियोजना के लिए स्काई एयर ने विशेष डिब्बों का इंतजाम किया है जिनमें दवाओं और टीकों को खास तापमान पर रखकर उनके गंतव्यों तक पहुंचाया जा सकेगा। विजय ने बताया कि जब सामान पहुंचाने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की अनुमति मिल जायेगी तो अचानक मांग बढ़ेगी। बड़ी संख्या में ड्रोन तो उपलब्ध होगा, लेकिन उनके लिए पायलट तैयार करना चुनौती होगी। देश में ड्रोन पायलटों का प्रशिक्षण पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ है। अब तक जितने पायलटों का प्रशिक्षण हुआ है वे पहले से ही किसी न किसी संस्थान के लिए काम कर रहे हैं। इसे देखते हुये शुरुआती दिनों में प्रशिक्षित ड्रोन पायलटों की कमी हो सकती है।

फिर चिकित्सा व्यवस्था का स्थलीय निरीक्षण किया

बृजेश केसरवानी   वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दूसरे दिन मंगलवार को भी यहां चिकित्सा व्यवस्था का स्थलीय निरीक्षण करते हुए कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के फैलाव को रोकने के लिए समुचित उपाये किये जा रहे हैं और जून से कोविड-19 वैक्सीन पर्याप्त उपलब्धता होगी, जिससे कोरोना टीकाकरण की रफ्तार तेज हो जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान आज एक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण तथा ड्रोन द्वारा गंगा नदी में निगरानी व्यवस्था का शुभारंभ किया। ड्रोन का संचालन सिगरा स्थित कोविड कंट्रोल रूम से किया जाएगा। गंगा में ड्रोन से निगरानी व्यवस्था की रिपोर्ट कंट्रोल रूम में लगातार भेजी प्राप्त होगी। आधुनिक कैमरे अलग से ड्रोन की वीडियो और फोटो लेकर भेजेंगे। इसके अलावा ड्रोन की मदद से विभिन्न क्षेत्रों में एहतियाती तौर पर दवाओं के छिड़काव के साथ ग्रामीण इलाकों एवं शहर की सफाई व्यवस्था का समय-समय पर निरीक्षण भी होगा। इसके लिए नगर निगम द्वारा चार ड्रोन मंगाये गए हैं।

उन्होंने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के अंतिम दिन शिवपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चल रहे कोरोना टीकाकरण कार्य का निरीक्षण किया। इस दौरान मौके पर वैक्सीन का पहला डोज लगवा रही सोनी एवं सौरभ शर्मा से उन्होंने कुशलक्षेम पूछा। सोनी और सौरभ ने बताया कि वैक्सीनेशन कराने के लिए कल ही उन्होंने सलॉट बुक कराया था तथा आज टीका लगवा लिया।

मुख्यमंत्री योगी ने यहां सर्किट हाउस में विधायकों एवं अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ भी मुलाकात की और सस्ते गल्ले की सरकारी राशन की दुकानों पर लोगों को वितरित हो रहे खाद्यान्न वितरण को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए अपने दो-दो प्रतिनिधि वहां पर तैनात करने को कहा। उन प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ही खाद्यानन वितरण करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने वैक्सीनेशन सेंटरों पर भी दो-दो लोगों को तैनात कर वैक्सीनेशन कार्य को सुचारू रूप से संपन्न कराए जाने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को भी वहां स्वयं जाने की अपील की।

मुख्यमंत्री योगी शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र से मिलकर अपनी संवेदना व्यक्त की। इस दौरान पंडित छन्नूलाल मिश्र मुख्यमंत्री से मिलकर संतुष्ट दिखे। इस दौरान श्री मिश्र की पुत्री ने एक निजी चिकित्सालय द्वारा विगत दिनों अपनी छोटी बहन की चिकित्सा में हुई लापरवाही की बात उन्हें कही।

राष्ट्रव्यापी आंदोलन नहीं होगा, काले झंडे लहरायेंगे

हरिओम उपाध्याय   

नई दिल्ली। 26 मई को होने वाले राष्ट्रीय आंदोलन को किसान संगठनों ने अब वापस ले लिया है। देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और राज्य सरकार की ओर से लागू बंदिशों के मद्देनजर किसानों ने यह फैसला लिया है। अब किसान अपने अपने स्थान से काले झंडे फहराएंगे। राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली में किसी तरह का आंदोलन या फिर सार्वजनिक सभा का आयोजन नहीं किया जाएगा। राकेश टिकैत ने यह भी कहा कोई भी किसान दिल्ली की ओर मार्च नहीं करेगा। लोग जहां भी होंगे वही से काले झंडे दिखाकर विरोध जताएंगे।

विदित हो कि किसानों नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए लगभग 6 महीने गुजर चुके हैं। लेकिन सरकार ने तीनो कानूनों को वापस नहीं लिया है। अब किसानों द्वारा 26 मई को ब्लैक डे के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। जिसके मद्देनजर किसान अपने अपने स्थानों पर सरकार के खिलाफ विरोध जताएंगे।

आपको बता दें कि इससे पहले राकेश टिकैत ने कहा था कि किसान संगठन केंद्र सरकार से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। लेकिन एक बार फिर से सरकार रुख अपनाते हुए सरकार बातचीत करने के लिए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के मुद्दे पर चर्चा नहीं कर रही है। हम चाहते हैं कि तीनों किसी कानून हर हालत में वापस हो। विदित हो किसानों का कहना है कि जब तक बिल वापसी की नहीं घर वापसी नहीं। मोहाली में मीडिया से बातचीत करते हुए राकेश ने यह बात कही थी। वह शहीद ए आजम भगत सिंह के परिवार से मुलाकात करने जा रहे थे।

आर्थिक तंगी के कारण मिट्टी में दबा रहे हैं 'शव'

रांची। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच विभिन्न राज्यों से मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। कई जगह देखने में आया है कि शव का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया। किसी के पास पैसे की दिक्कत थी तो कुछ शवो को आर्थिक तंगी के कारण मिट्टी में दबाना पड़ा।

कोरोना के इस संकट के बीच राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साधने से नहीं चूकते। जब भी मौका मिलता है, राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साधती रहती हैं।अब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में मरने वाले लोगों के लिए अंतिम संस्कार के लिए मुफ्त में कफन मुहैया कराने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से भारतीय जनता पार्टी आक्रामक हो गई और भारतीय जनता पार्टी ने जमकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। भाजपा ने वार करते हुए कहा कि अच्छा होता अगर सीएम साहब दवाइयों की बात करते।

सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच संघर्ष शुरू हो गया है। भाजपा नेता दीपक प्रकाश ने ट्वीट के जरिए झारखंड के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए लिखा कि 'यह अजीब विडंबना है कि जहां एक और केंद्र सरकार देशवासियों की जान बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। वहीं दूसरी और झारखंड की सरकार जनता को फ्री में कफन बाटने में जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि अच्छा होता अगर सरकार कफन की बात करने की वजह दवाइयां और इलाज उपलब्ध कराने पर जोर देती।

भाजपा के इस वार पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तीखा पलटवार करते हुए लिखा कि 'आपकी घटिया राजनीति के कारण आपको सिर्फ कफ़न ही नजर आ रही हैं। हेमंत सरकार निशुल्क वैक्सीन भी दे रही है। पर आप और आपकी घटिया राजनीति की आपको सिर्फ कफ़न नजर आते है। वैसे आपके उत्तर प्रदेश में मां गंगा में तैरते शव, रेत में दबे गरीब के शव का नजारा ही शायद पसंद है

गलत आंकड़े पेश करने का खेल बंद करें सरकार

नरेश रघानी  

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को आंकड़ेबाजी छोड़कर राज्यों को अधिकाधिक वैक्सीन उपलब्ध करने के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि प्रदेश में जनता को गुमराह करना एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मौतों के वास्तविक आंकड़ों को छिपाकर कम आंकड़े पेश करने का खेल बंद करना चाहिए।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने सोशल मीडिया के जरिए राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में न अस्पतालों की दशा सुधरी, न स्टाफ़ लगाया, न आक्सीजन प्लांट लगाये, बैड और दवा की कालाबाजारी होती रही, मरीज अस्पताल के दरवाजे पर मरते रहे, मौत के आंकड़े छुपाते रहे, पचास प्रतिशत वैक्सीनेशन राज्य सरकार की जिम्मेदारी थी, प्रदेश की जनता को गुमराह करते रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता आपकों कभी माफ़ नहीं करेगी। इसी तरह उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि केन्द्र सरकार को आंकड़ेबाजी छोड़ने का सुझाव देने से पहले मुख्यमंत्री ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मौतों के वास्तविक आंकड़ों को छिपाकर कम आंकड़े पेश करने का खेल बंद करें तो मुनासिब होगा।

उल्लेखनीय है कि आज ही अशोक गहलोत ने कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को आंकड़ेबाजी छोड़कर राज्यों को अधिकाधिक वैक्सीन उपलब्ध करना सुनिश्चित करना चाहिए। यदि तीसरी लहर ने बच्चों को प्रभावित किया तो देश कभी माफ नहीं करेगा।

जयंत को रालोद पार्टी का अध्यक्ष बनाया, चुनौती

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। जैसा कि पहले से ही आभास लगाया जा रहा था कि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष रहे चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद उनके पुत्र को ही पार्टी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है उस पर आज मोहर लग गई।

पार्टी द्वारा आज एक वर्चुअल मीटिंग का आयोजन किया गया। मीटिंग में सर्वप्रथम चौधरी अजीत सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। वर्चुअल मीटिंग में चौधरी अजीत सिंह के निधन के बाद रिक्त हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर महासचिव आलोक त्यागी ने उपाध्यक्ष जयंत चौधरी का नाम प्रस्तावित किया। पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव मुंशी रामपाल ने भी इस प्रस्ताव का अनुमोदन किया। इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव का समर्थन किया और अंत में जयंत चौधरी पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया। राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के बनने के बाद अब आगामी चुनाव दिलचस्प होने जा रहे हैं। क्योंकि पहली बार राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष की जिम्मेदारी नव युवा के हाथों में है। युवा के हाथों में अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी है तो जाहिर है की पार्टी आने वाले चुनाव में पूरा दमखम दिखाने वाली है। युवा कंधों पर आई जिम्मेदारी कैसे पार्टी को आगे बढ़ाती है और पार्टी कितना आगे बढ़ेगी, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

पार्टी अध्यक्ष चुने जाने पर जयंत चौधरी ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह एवं चौधरी अजीत सिंह के बताए रास्ते पर चलते हुए गांव किसान के हितों के लिए सदैव संघर्ष करने का संकल्प लिया है। जिसके लिए वह संघर्ष करते रहेंगे। जयंत चौधरी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में मैं पार्टी से जुड़ कर संगठन को मजबूत बनाने का भरसक प हाल ही में संपन्न हुए पंचायत चुनाव के साथ पार्टी संगठन पर भी चर्चा की। पंचायत चुनाव में पार्टी समर्थित प्रत्याशी की जीत पर भी जयंत चौधरी ने संतोष व्यक्त किया।

महाराष्ट्र,गोवा एवं गुजरात में तूफान चक्रवात से हुआ नुकसान पर भी जयंत चौधरी ने गहरा दुख व्यक्त किया। इस अवसर पर जयंत चौधरी ने पिछले 6 माह से चल रहे संयुक्त किसान आंदोलन का भी समर्थन किया और पार्टी पदाधिकारियों से 26 मई को भारी संख्या में धरने में भाग लेने को कहा। जयन्त ने सरकार से भी मांग की कि वह किसानों से वार्ता कर समस्या का शीघ्र समाधान करें। मीटिंग में जयंत चौधरी ने देश में फैली कोरोना महामारी को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार इस महामारी को रोक पाने में नाकामयाब साबित हो रही है। संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान को गति देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कम समय में लाभ पहुंचाने के आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की जोड़ा जाए।

जयंत चौधरी ने टीकाकरण को लेकर कहा की मोबाइल ऐप द्वारा टीकाकरण के लिए रजिस्ट्रेशन करने में काफी दिक्कत आ रही है। इसलिए टीकाकरण का कोई नया उपाय सरकार द्वारा अपनाया जाए जिससे आम जनमानस को दिक्कत न हो ।

अमेरिका ने जापान व श्रीलंका न जाने की सलाह दी

वाशिंगटन डीसी। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों और गृह विभाग ने अपने नागरिकों को जापान और श्रीलंका न जाने की सलाह दी है। बता दें कि जापान दो महीने के अंदर ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने की तैयारी कर रहा है। उधर श्रीलंका में भी कोरोना के केस तेज़ी से बढ़ रहे हैं। अमेरिकी नागरिकों को जापान की यात्रा करने से प्रतिबंधित नहीं किया गया है। लेकिन इससे यात्रियों की बीमा दरों पर असर पड़ सकता है। इससे खिलाड़ी जुलाई में शुरू होने वाले ओलंपिक खेलों में भाग लेने पर पु​नर्विचार कर सकते हैं। अभी यह पता नहीं चला है कि इस चेतावनी का ओलंपिक के लिये जापान जाने वालों पर क्या असर पड़ेगा। अटलांटा स्थित रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने सोमवार को कोविड—19 से संबंधित नये दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा, 'यात्रियों को जापान की यात्रा करने से बचना चाहिए। जापान की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यहां तक कि सभी टीके लेने वाले यात्रियों से भी कोविड के अलग-अलग प्रकारों के संक्रमण का खतरा पैदा हो सकता है।

बता दें कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मौतों की बढ़ती संख्या को रोकने के लिए श्रीलंका ने यात्री ट्रेनों और बसों के परिचालन पर चार दिन के लिए रोक लगा दी है। यह कदम तब उठाया गया है। जब द्वीप देश के प्रमुख चिकित्सा संगठनों ने सरकार से देश में दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन लगाने की मांग की है। इन संगठनों का कहना है कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों की वास्तविक संख्या ज्ञात संख्या से तीन गुना से भी अधिक है। श्रीलंका ने पहले ही सार्वजनिक समारोहों, पार्टियों, शादियों पर प्रतिबंध लगा दिया है और स्कूलों तथा विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि श्रीलंका में संक्रमण के कुल पुष्ट मामलों की संख्या 1,54,786 हो गई है और महामारी से 1089 लोगों की मौत हुई है।

26 मई को काला दिवस मनाएंगे संयुक्त 'किसान'

दुष्यंत सिंह टीकम            

रायपुर। संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के घटक संगठनों की ओर से 26 मई को काला दिवस मनाएंगे। प्रदेश में भी किसान अपने घरों, गाड़ियों में काला झण्डा फहराएंगे तथा निरंकुश शासक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संवेदनहीन कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का घर घर पुतला जलाएंगे। इसकी जानकारी देते हुए अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के उपाध्यक्ष मदन लाल साहू तथा सचिव तेजराम विद्रोही, नदीघाटी मोर्चा के संयोजक गौतम बंध्योपाध्याय, किसान समन्वय समिति सदस्य पारसनाथ साहू, गजेन्द्र कोसले, कृषक बिरादरी के संयोजक डाॅ. संकेत ठाकुर, किसान भुगतान संघर्ष समिति महासमुन्द के संयोजक जागेश्वर जूगनू चन्द्राकर, किसान मोर्चा धमतरी के संयोजक अधिवक्ता शत्रुघन साहू, अखिल भारतीय किसान महासंघ के संयोजक डाॅ. राजाराम त्रिपाठी, आदिवासी भारत महासभा के अध्यक्ष भोजलाल नेताम एवं संयोजक सौरा, राजधानी प्रभावित किसान संगठन नया रायपुर के संयोजक रूपन चंद्राकार, छत्तीसगढ निवेशक एवं अभिकर्ता कल्याण संघ के अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण चंद्राकर, किसान संघर्ष समिति रायगढ़ के संयोजक लल्लू सिंह, किसान मजदूर महासंघ बिलासपुर के संयोजक श्याम मूरत कौशिक आदि ने कहा कि साल 2014 में भाजपा ने ’’हर हर मोदी, घर घर मोदी’’ का नारा दिया था।

इसी के साथ साथ बहुत हो गई महंगाई की मार अबकि बार मोदी सरकार, बहुत हो गई भ्रष्टाचार अबकि बार मोदी सरकार जैसे नारे दिए थे, पेट्रोल डीजल की दामों को कम करने जैसे लोक लुभावन वायदे किए थे। लेकिन आज मोदी के सात साल पूरे होने को है और उनके वायदे केवल जुमले बनकर रह गए। इस प्रकार हर साल दो करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देने, प्रत्येक भारतीयों के बैंक खातों में 15-15 लाख रुपये देने का वायदा किया था उसी प्रकार किसानों को उनके उपजों का स्वामीनाथान आयोग की सिफारिशो के अनुरुप लागत से डेढ़ गुणा समर्थन मूल्य देने का वायदा किया था जो आज झूठा साबित हो चुका है। उल्टे कृषि को काॅरपोरेटों के हवाले करने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को बाजार के हवाले करने की नियत से 5 जून 2020 को अध्यादेश लाकर मोदी सरकार ने काॅरपोरेट परस्त व किसान कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को जबरदस्ती थोपा है। जिसके खिलाफ किसानों का आन्दोलन निरंतर जारी है।

मोदी सरकार सभी सार्वजनिक संस्थानों जैसे रेल्वे, बैंक, बीमा, भेल, हवाई आदि को निजी हाथों में बेच रहा है, कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए ही श्रम कानूनों में संशोधन कर मजदूर विरोधी चार कोड बिल बनाया,  कोरोना जैसे महामारी के पहले चरण में नमस्ते ट्रंप किया और दूसरे चरण में पांच राज्यों के विधनसभा चुनाव के बहाने कोरोना संक्रमण की गंभीरता को हल्के में लिया और जब भारत की लाखों जनता कोरोना से अपनी जान गवां चुके हैं। आज भी स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराया हुआ है उसे दुरुस्त न कर अनावश्यक रूप से करोड़ों रुपए खर्च कर सेंट्रल वीष्टा बनाने में लगा हुआ है। आपदा को अवसर में बदलकर आवश्यक वस्तुओं की महंगाई बढ़ाने वाले मुनाफाखोरों, कालाबाजारियों पर मोदी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। अर्थात् मोदी सरकार हर मोर्चे पर असफल साबित हुआ है जो देश के मेहनतकश मजदूर किसानों और आम उपभोक्ताओं के लिए किसी अंधकारमय दिन से कम नहीं है इसलिए ’’घर घर किसान, हर घर मोदी का पूतला दहन ’’ की आशय के साथ किसान 26 मई को काला दिवस मनएंगे।

गाजियाबाद के 12 स्थानों पर टीकाकरण शुरू हुआ

अश्वनी उपाध्याय                
गाजियाबाद। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री एवं जिला अतुल गर्ग की पहल पर सोमवार से जिले के एक दर्जन स्थानों पर खुले में टीकाकरण शुरू हो गया है। रामलीला मैदान घंटाघर के अलावा साहिबाबाद, डीपीएसजी मेरठ रोड, विजयनगर में रामलीला मैदान एवं क्रॉसिंग रिपब्लिक में भी नया केंद्र खोल दिया गया है। स्थानीय जनता की आपत्तियों के बाद  कैला भट्टा के केंद्र को रामलीला मैदान में और राजनगर के केंद्र को डीपीएसजी में शिफ्ट कर दिया गया है। केन्द्रों के स्थान बदलने के कारण एप पर रजिस्ट्रेशन कराने में परेशानी हो रही है। इस बारे में अफसरों का कहना है कि कुछ दिन यह परेशानी रहेगी।
जिले में चार महीने में जिले के 4,95,057 लोगों ने कोरोनारोधी टीका लगवाया है। 16 जनवरी को शुरू हुए टीकाकरण की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 65,847 लोगों को टीके की दूसरी डोज लगी है। इसी क्रम में सोमवार को 50 केंद्रों पर कुल 12,676 लोगों ने कोरोनारोधी टीका लगवाया। केंद्र सरकार द्वारा दूसरी डोज की अवधि 84 दिन किए जाने के बाद केंद्रों पर दूसरी डोज लेने वालों का बोझ कम हो गया है। 14 दिन में जिले के 54 हजार युवाओं ने कोरोनारोधी टीका लगवाया है। सोमवार को 9,800 के लक्ष्य के सापेक्ष 18 से 44 वर्ष के 7,240 युवाओं ने कोरोनारोधी टीका लगवाया। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा.नीरज अग्रवाल ने बताया कि जिले के 50 में से 28 केंद्रों पर युवाओं के लिए टीकाकरण का इंतजाम किया गया। 45 वर्ष से अधिक उम्र के 3,819 और 1,267 बुजुर्गों को टीका लगाया गया है। 338 फ्रंट लाइन वर्कर्स एवं 12 स्वास्थ्यकर्मियों ने भी टीका लगवाया है। विगत 14 दिनों में पंजीकरण कराने के बाद 18 से 44 वर्ष के करीब दस हजार युवा टीका लगवाने नहीं पहुंचे हैं।

बुद्ध जयंती पर मांस-मटन का विक्रय रहेंगा प्रतिबंधित

दुष्यंत सिंह टीकम           
रायपुर। नगर पालिक निगम रायपुर के संपूर्ण क्षेत्र में 26 मई बुधवार को बुद्ध जयंती पर मांस-मटन का विक्रय पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेगा। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के पर्यावरण एवं नगरीय विकास विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। आदेश के पालन में निगम रायपुर के स्वास्थ्य अधिकारी विजय पांडेय ने भी पशुवधगृह व समस्त मांस-मटन विक्रय दुकानों को बंद रखनेआदेश जारी किया है। पांडेय ने बताया कि किसी भी दुकान में मांस विक्रय करते पाए जाने पर मांस जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध यथोचित कार्रवाई भी की जाएगी। निगम रायपुर के समस्त जोन स्वास्थ्य अधिकारी/ जोन स्वच्छता निरीक्षक मांस विक्रय पर प्रतिबंध के आदेश का पालन तय करवाएंगे। अपने क्षेत्रों में लगातार निगरीनी करेंगे।

इंसानों और जानवरों के नर नपुंसक, तो क्या होगा ?

कविता देवी               

भविष्य में पूरी दुनिया एक ऐसी समस्या से जूझेगी, जो किसी भी महामारी से ज्यादा बड़ी होगी। धरती पर मौजूद सभी जीवों की अगली पीढ़ी के लिए खतरा है। आप सोचिए कि कुछ सालों बाद इंसानों और अन्य जानवरों के नर नपुंसक हो जाएं तो क्या होगा ? एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ कि इसके लिए सबसे बड़ी वजह जलवायु परिवर्तन और अत्यधिक तापमान है। इससे पहले पर्यावरण में शामिल अलग-अलग प्रकार के घातक रसायन भी जिम्मेदार हैं।

हमें पता है कि ज्यादा तापमान जब अत्यधिक की ओर बढ़ता है तो जानवरों की जान जाने लगती हैं। ये उसे बर्दाश्त नहीं कर पाते। नई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि ज्यादा तापमान वाले पर्यावरण में नर जीव नपुंसक हो ही रहे हैं। इसके अलावा जिन जगहों पर तापमान को लेकर इतने बुरे हालात नहीं हैं, उन्हें भी नपुंसक होने का खतरा है। इसका मतलब ये है कि प्रजातियों का विभाजन प्रजनन के मामले में तापमान के चलते गड़बड़ हो जाए। शायद इंसान जलवायु परिवर्तन को कमतर आंक रहा है। यहीं पर गलती हो रही हैं इंसानों से…अगर इसे नहीं रोका गया तो ये किसी भी महामारी से ज्यादा भयानक स्थिति होगी। कुछ जीवों की प्रजातियां तो विलुप्त भी हो सकती हैं।

वैज्ञानिकों को कुछ सालों से ये बात पता है कि तापमान बढ़ता है तो जानवरों की प्रजनन क्षमता बिगड़ती हैं।उदाहरण के लिए अगर 2 डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ता है तो कोरल्स में स्पर्म बंडल्स और अंडों के आकार में कमी आ जाती है। इसके अलावा बीटल्स और मधुमक्खियों की कुछ प्रजातियों में प्रजनन दर की कमी देखी गई हैं। जितना तेजी से तापमान बढ़ता है, उतनी ही तेजी से मधुमक्खियों जैसे कीट-पतंगों की प्रजनन क्षमता में कमी आती है। ज्यादा तापमान का असर गाय, सूअर, मछली और पक्षियों की प्रजनन क्षमता पर भी असर डालता है। इसके भी उदाहरण वैज्ञानिकों के पास मौजूद है। हालांकि अभी तक वैज्ञानिक इस बात की जांच नहीं कर पाए हैं कि ज्यादा तापमान से जैव-विविधता पर किस स्तर का असर पड़ेगा। इसे लेकर कोई भविष्यवाणी फिलहाल नहीं की जा सकती।

जनहित याचिका पर सरकार से जवाब तलब किया

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव-उपरांत हिंसा से प्रभावित परिवारों का पलायन रोकने, मुआवजा दिलाये जाने और उनके पुनर्वास संबंधी जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार से मंगलवार को जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अवकाशकालीन खंडपीठ ने अरुण मुखर्जी, देबजानी हलदर, प्रशांत दास, प्रमिता डे और भूपेन हलदर की याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये तथा मामले की सुनवाई सात जून को शुरू हो रहे सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। अरुण मुखर्जी और देबजानी हलदर सामाजिक कार्यकर्ता हैं। प्रशांत दास कूचबिहार जिले में हुई हिंसा से प्रभावित व्यक्ति हैं। प्रमिता डे और भूपेन हलदर वकील हैं। जिनके आवास और कार्यालय कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिये गये थे।

दिल्ली में ब्लैक फंगस के 500 मामलें सामने आएं

अकांशु उपाध्याय      

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में ब्लैक फंगस के करीब 500 मामले हैं। अरविंद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि शहर में ब्लैक फंगस के दवाओं की अत्यधिक कमी है और इसका उत्पादन बढ़ाना होगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने इस रोग के इलाज के लिए एलएनजेपी अस्पताल, जीबीटी अस्पताल तथा राजीव गांधी अस्पताल में समर्पित केंद्र स्थापित किए हैं, लेकिन दवाइयां नहीं हैं।

उन्होंने कहा, ''हमें कल दवा नहीं मिली, इसलिए हम दवाओं के बिना मरीजों का इलाज कैसे कर सकते हैं? इंजेक्शन को दिन में चार से पांच बार दिया जाता है। अगर हमें इंजेक्शन नहीं दिया जाता है तो हम रोगी का इलाज कैसे कर सकते हैं? अचानक यह बीमारी उभरी है और बाजार में इसकी दवा की कमी है। केंद्र सरकार सभी राज्यों में मौजूद सभी दवाइयां वितरित कर रही है। दवा की अत्यधिक कमी है। इसके उत्पादन को भी बढ़ाना है। चूंकि चार से पांच इंजेक्शन को प्रति दिन देने की आवश्यकता होती है और लगभग 500 रोगी हैं।इसलिए हमें प्रतिदिन 2000 इंजेक्शन की आवश्यकता है। लेकिन हमें केवल 400 से 500 इंजेक्शन मिल रहे हैं।"

माकपा नेता विधानसभा के नए अध्यक्ष बनें: केरल

तिरुवनंतपुरम। सत्तारूढ़ माकपा के विधायक एमबी राजेश को मंगलवार को यहां केरल विधानसभा का नया अध्यक्ष चुना गया। राजेश 15 वीं विधानसभा के अध्यक्ष होंगे और श्रीरामकृष्णन की जगह लेंगे। थ्रीथाला से कांग्रेस के दो बार के विधायक वीटी बलराम को मात देकर पहली बार विधायक बने राजेश (50) अपने पहले कार्यकाल में राज्य विधानसभा के शीर्ष पद पर काबिज होने वाले तीसरे विधायक हैं। राज्य विधानसभा में राजेश का यह पहला कार्यकाल है, लेकिन इससे पहले वह 10 साल तक संसद के सदस्य रह चुके हैं।

राज्य माकपा समिति के सदस्य ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (डीवायएफआई) के पूर्व राज्य एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। डीवायएफआई माकपा की युवा शाखा है। सदन में आज सुबह नए अध्यक्ष के चयन के लिए हुए मतदान के दौरान 140 सदस्यीय विधानसभा में 96 के मुकाबले 136 वोट हासिल कर उन्होंने जीत दर्ज की।

कांग्रेस-यूडीएफ के उम्मीदवार पीसी विष्णुनाथ केवल 40 वोट हासिल कर पाए। इस मतदान के दौरान के. बाबू, एम विन्सेंट और वी अब्दुर रहमान स्वास्थ्य कारणों के चलते मौजूद नहीं थे। वहीं, विधायक पीटीए रहीम ने ‘प्रो टेम स्पीकर’ होने की वजह से मत नहीं दिया। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सबसे पहले वोट डाला। नतीजों की घोषणा के बाद विजयन और विपक्ष के नेता वीडी सतीसन राजेश को अध्यक्ष की कुर्सी तक ले गए।

इसके बाद, विजयन ने उन्हें अनुकरणीय तरीके से अपनी नई जिम्मेदारी निभाने में सफलता की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा, ” मैं कामना करता हूं कि नए अध्यक्ष सदन के सदस्यों के अधिकार की रक्षा करेंगे और सरकार की जिम्मेदारी को पूरा करेंगे।” वीडी सतीसन ने भी नए अध्यक्ष को शुभकामनाएं दी और उन्हें विपक्ष के सभी सदस्यों के सहयोग का आश्वासन दिया।

11 केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग की

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कथित ‘कोविड टूलकिट’ मामले में मंगलवार को 11 केंद्रीय मंत्रियों के ट्वीट का हवाला देते हुए माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर से आग्रह किया कि इन नेताओं को लेकर भी उसी तरह की कार्रवाई की जाए जो ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ (छेड़छाड़ किया हुए तथ्यों) और ‘फर्जीवाड़े’ के दूसरे मामलों में की जाती है।

कांग्रेस महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने केंद्रीय मंत्रियों-गिरिराज सिंह, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी, रविशंकर प्रसाद, प्रह्लाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान, रमेश पोखरियाल निशंक, थावरचंद गहलोत, हर्षवर्धन, मुख्तार अब्बास नकवी और गजेंद्र सिंह शेखावत के ट्वीट के यूआरएल ट्विटर इंडिया के प्रबंधन को एक पत्र के माध्यम से भेजे हैं और कारवाई की मांग की है।सुरजेवाला ने ट्विटर प्रबंधन को भेजे पत्र में कहा कि ‘फर्जी सामाग्री को प्रसारित करने के लिए ट्विटर के मंच के दुरुपयोग करने’ और ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ के दूसरे मामलों में कार्रवाई का जो मापदंड अपनाया जाता है, वही इन मंत्रियों के ट्वीट के मामलों में भी अपनाया जाए। फिलहाल, इन वरिष्ठ मंत्रियों और भाजपा की तरफ से कांग्रेस के इस कदम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ट्विटर ने कथित ‘कोविड टूलकिट’ से संबंधित भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट को ”छेड़छाड़ किया हुआ” बताया था। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस ने एक टूलकिट बनाकर कोरोना वायरस के नए स्वरूप को ”भारतीय स्वरूप” या ”मोदी स्वरूप” बताया और देश तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करने का प्रयास किया।

हालांकि, कांग्रेस ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया था कि भाजपा उसे बदनाम करने के लिये फर्जी ‘टूलकिट’ का सहारा ले रही है। कांग्रेस ने भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ पुलिस में ‘जालसाजी’ का मामला भी दर्ज कराया है।

बीसीसीआई 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स दान करेगा

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। भारत में लगातार कोरोना के नए नए केस सामने आ रहे हैं। हालांकि अब रोजाना आने वाले केसों की संख्या दो लाख के नीचे आ गई है, लेकिन इसके बाद भी लगातार लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। इस बीच लगातार लोग मदद के लिए भी आगे आ रहे हैं। देश में इस वक्त क्रिकेट बंद है। आईपीएल चल रहा था, लेकिन इसे कोरोना वायरस के कारण ही सस्पेंड कर दिया गया था। अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने बताया है कि वह कोरोना महामारी से लड़ने में सहायता करेगी, जिसके तहत बोर्ड 10 लीटर के 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स दान किया जाएगा। देश इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित है जिसके कारण ऑक्सीजन अन्य मेडिकल उपरकरणों की मांग तेज हो गई है। अगले कुछ महीने भारतीय क्रिकेट बोर्ड देश भर में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स बांटेगा, ताकि जरूतमंदों को इसे उपलब्ध कराया जा सके।

बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कहा है कि बोर्ड इस बारे में अवगत है कि मेडिकल स्वास्थ्यकर्मी इस महामारी से जंग में कितनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। ये लोग सच्चे फ्रंटलाइन वर्कर हैं लोगों को बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं। बोर्ड ने हमेशा स्वास्थ्य सुरक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स से लोगों को तुरंत राहत मिलेगी मरीज को स्वस्थ होने में मदद मिलेगी।
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कहा है कि इस वायरस के खिलाफ हमें कंधा से कंधा मिलाकर चलना है। बीसीसीआई को पता है कि इस वक्त मेडिकल उपकरणों की कितनी जरूरत है। हम उम्मीद करते हैं इससे देशभर में इसकी मांग पूरी हो सकेगी। हम सबने इस महामारी के कारण काफी कुछ सहा है लेकिन वैक्सीन के होने से कुछ राहत मिली है। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि वह वैक्सीन लें। बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है 2018-18 की बैलेंस शीट के अनुसार, इसकी कुल आय 14,489.80 करोड़ रुपये थी।

अमेजन का डिलीवरी एप को बंद करने का निर्णय

नई दिल्ली। अमेजन ने प्राइम नाउ डिलीवरी एप को बंद करने का निर्णय लिया है। ऐसे में कंपनी की दो घंटे में डिलीवरी ऑप्शन उपलब्ध नहीं रहेगा। अब यह सर्विस अब मेन एप और वेबसाइट पर चालू पहेगी। बता दें प्राइम नाउ सुविधा भारत, सिंगापुर और जापान में पहले से बंद है। अमेजन इसे अगले साल दुनियाभर में बंद करने जा रही है।

अमेजन की वाइस प्रेसिडेंट ऑफ ग्रॉसरी स्टेफेनी लांड्री ने कहा कि दो घंटे डिलीवरी सुविधा 2019 में शुरू हुई थी। ग्लोबली थर्ड पार्टी पार्टनर और लोकल स्टोर की सहायता से प्राइम एप और वेबसाइट पर यह सर्विस उपलब्ध थी। उन्होंने कहा कि प्राइम नाउ की शुरुआत 2014 में हुई थी। अब ग्राहकों के लिए शॉपिंग, ऑर्डर ट्रैकिंग और कस्टमर सर्विस के लिए सुविधाजनक ऑप्शन बन गया। अमेजन के मुख्य एप में सभी पुरानी सर्विस मौजूद रहेंगी।

अमेजन के अनुसार जिन कस्टमरों ने टू ऑवर डिलीवरी ऑप्शन का चयन किया है। उनका एक्सपीरिएंस अच्छा रहा है। अमेरिका में ग्राहक एलेक्षा की सहायता से अमेजन फ्रेश या फ्रूड शॉपिंग कार्ट पर लिस्ट बना सकते हैं। बता दें कंपनी अब अपनी सभी सर्विस एक ही प्लेटफॉर्म पर देना चाहती है। इस लिए कंपनी ने प्राइम नाउ एप और वेबसाइट को बंद का फैसला लिया है।

तूफान: भारी तबाही से बचने के लिए सुरक्षा इंतजाम

इकबाल अंसारी  

भुवनेश्वर। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी कर दी कि अगले 24 घंटे में चक्रवात यास बेहद गंभीर चक्रवात तूफान में तब्दील हो जाएगा। बुधवार को यास बंगाल और ओडिशा के तट पर पहुंचेगा। चक्रवात के टकराने के बाद भारी तबाही से बचने के लिए लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। वहीं गृह मंत्रालय ने चक्रवात यास से प्रभावित होने वाले सभी राज्यों को आश्वासन दिया है कि मंत्रालय उनकी मदद के लिए 24 घंटे तैयार रहेगा। इसके अलावा भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 26 मई की दोपहर को चक्रवात यास उत्तरी ओडिशा और बंगाल के तटों से टकराएगा। 

ओडिशा के बालासोर के करीब पारादीप और सागर आइलैंड के बीच उत्तरी ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट के करीब से चक्रवाती तूफान यास के गुजरने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग की ओर से मंगलवार को यह जानकारी दी गई है। पश्चिम बंगाल के दीघा में बारिश शुरू हो गई है। यहां से बुधवार को चक्रवात यास के गुजरने का अनुमान है।
मौसम विभाग ने मंगलवार को पूर्वानुमान में बताया कि अगले 12 घंटों में यह तूफान भीषण रूप ले सकता है। विभाग की ओर से आज जारी किए गए बुलेटिन में बताया गया, `पूर्व-उत्तर बंगाल की खाड़ी से भीषण चक्रवात यास उत्तर पश्चिम की ओर 9 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रहा है। अगले 12 घंटों में यह और भयंकर हो सकता है। बुधवार, 26 मई की सुबह यह पश्चिम बंगाल व ओडिशा के तट के करीब पहुंचेगा।

राहत शिविरों में पहुंचे बालासोर निवासी

ओडिशा के चांदीपुर में भी भारी बारिश हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार 26 मई को चक्रवात बालासोर तट से टकराएगा और यहां लैंडफॉल हो सकता है। चक्रवात की आशंका को देखते हुए बालासोर जिले से लोगों को निकाल कर चांदीपुर में बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचाने का काम जारी है। बालासोर के बीडीओ नरेंद्र खामरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज दोपहर तक यह काम पूरा हो जाएगा। बीडीओ ने आगे बताया, `हम सभी लोगों को दोपहर तक स्कूल और कॉलेज में बनाए गए अस्थायी आश्रय केंद्रों में शिफ्ट कर देंगे। वहां सभी के लिए खाने- पीने का इंतजाम किया गया है। वहां कोविड गाइडलाइन के हिसाब से व्यवस्था की गई है। लोगों से अपील है कि नजदीक के सुरक्षित घरों में पहुंच जाएं।

लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया

ओडिशा के चांदीपुर में ज़िला प्रशासन मरीन पुलिस के साथ मिलकर मछुआरों के गांवों को खाली करा रहा है और लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज रहा है। एक अधिकारी ने बताया कि हम सभी लोगों को दोपहर तक स्कूल और कॉलेज में बनाए गए अस्थायी आश्रय केंद्रों में शिफ्ट कर देंगे। वहां सभी के लिए खाने- पीने का इंतजाम किया गया है। वहां कोविड गाइडलाइन के हिसाब से व्यवस्था की गई है। लोगों से अपील है कि नजदीक के सुरक्षित घरों में पहुंच जाएं।
ओडिशा सरकार ने निचले इलाकों बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा और जगतसिंहपुर जिलों से करीब एक लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है। इन जिलों में चक्रवात का खतरा ज्यादा है।

छुआछूत का रोग नहीं फंगस, नाम नहीं लक्षण समझें

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि ब्लैक फंगस को अलग अलग रंगों के नाम से पहचान देना गलत है। ये छुआछूत कोरोना वायरस की तरह फैलता नहीं है। उन्होंने कहा साफ-साफ का ध्यान रखें और उबला पानी पिएं। डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘रंग के बयाज लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी है।’ उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बच्चे कम संक्रमित हुए हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण होगा। डॉ. रणदीप ने कम इम्यूनिटी वाले वाले ब्लैक फंगस, कैंडिडा और एस्पोरोजेनस के चपेट में ज्यादा आते हैं। म्यूकोर्मिकोसिस कोई बीमारी नहीं है। ये साइनस, राइनो ऑर्बिटल, बेन और छोटी आंत पर असर करता है। रंगों से इसे पहचान देना सहीं नहीं है।

एम्स निदेशक ने बताया कि रिकवरी रेट में वृद्धि के बाद लोगों को पोस्ट कोरोना सिंड्रोम चार से बारह सप्ताह रह सकता हैं। सांस लेने में परेशानी, सीने में दर्द, खांसी, थकान, तनाव और अनिद्रा जैसी शिकायत रहती है। उन्होंने कहा कि काउंसलिंग, रिबाबिलिटेशन, ट्रीटमेंट और योग करना जरूरी है। वहीं संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि पिछले 22 दिनों से सक्रिय मामलों की संख्या में कमी देखी गई है। 3 मई के समय देश में 17.13 प्रतिशत एक्टिव केस थे। अब यह घटकर 10.17 प्रतिशत रह गई है।

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...