मंगलवार, 25 मई 2021

आर्थिक तंगी के कारण मिट्टी में दबा रहे हैं 'शव'

रांची। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच विभिन्न राज्यों से मौतों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। कई जगह देखने में आया है कि शव का अंतिम संस्कार भी नहीं हो पाया। किसी के पास पैसे की दिक्कत थी तो कुछ शवो को आर्थिक तंगी के कारण मिट्टी में दबाना पड़ा।

कोरोना के इस संकट के बीच राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साधने से नहीं चूकते। जब भी मौका मिलता है, राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर निशाना साधती रहती हैं।अब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में मरने वाले लोगों के लिए अंतिम संस्कार के लिए मुफ्त में कफन मुहैया कराने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा से भारतीय जनता पार्टी आक्रामक हो गई और भारतीय जनता पार्टी ने जमकर मुख्यमंत्री पर निशाना साधा। भाजपा ने वार करते हुए कहा कि अच्छा होता अगर सीएम साहब दवाइयों की बात करते।

सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच संघर्ष शुरू हो गया है। भाजपा नेता दीपक प्रकाश ने ट्वीट के जरिए झारखंड के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए लिखा कि 'यह अजीब विडंबना है कि जहां एक और केंद्र सरकार देशवासियों की जान बचाने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रही है। वहीं दूसरी और झारखंड की सरकार जनता को फ्री में कफन बाटने में जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि अच्छा होता अगर सरकार कफन की बात करने की वजह दवाइयां और इलाज उपलब्ध कराने पर जोर देती।

भाजपा के इस वार पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तीखा पलटवार करते हुए लिखा कि 'आपकी घटिया राजनीति के कारण आपको सिर्फ कफ़न ही नजर आ रही हैं। हेमंत सरकार निशुल्क वैक्सीन भी दे रही है। पर आप और आपकी घटिया राजनीति की आपको सिर्फ कफ़न नजर आते है। वैसे आपके उत्तर प्रदेश में मां गंगा में तैरते शव, रेत में दबे गरीब के शव का नजारा ही शायद पसंद है

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