मंगलवार, 25 मई 2021

जनहित याचिका पर सरकार से जवाब तलब किया

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव-उपरांत हिंसा से प्रभावित परिवारों का पलायन रोकने, मुआवजा दिलाये जाने और उनके पुनर्वास संबंधी जनहित याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार से मंगलवार को जवाब तलब किया। न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अवकाशकालीन खंडपीठ ने अरुण मुखर्जी, देबजानी हलदर, प्रशांत दास, प्रमिता डे और भूपेन हलदर की याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये तथा मामले की सुनवाई सात जून को शुरू हो रहे सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। अरुण मुखर्जी और देबजानी हलदर सामाजिक कार्यकर्ता हैं। प्रशांत दास कूचबिहार जिले में हुई हिंसा से प्रभावित व्यक्ति हैं। प्रमिता डे और भूपेन हलदर वकील हैं। जिनके आवास और कार्यालय कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिये गये थे।

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