शनिवार, 11 अप्रैल 2020

आंधी-तूफान ने उजाडे़ कई आशियाने

शेख मक़बूल
सुकमा। बीती रात तेज आंधी तूफान की वजह से जगरगुंडा क्षेत्र में दस मकानों के छप्पर उड़ गए। वहीं दो मकान पूरी तरह से गिर गए है। इस आंधी तूफान से सैकड़ों पेड़ भी गिर गए है। 
दुसरीं तरफ तेज आंधी तूफान ने कहर ढाहाते हुए जगरगुंडा बेस केम्प में स्थित ग्रामीणों के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए है। इस मामले की जानकारी कोंटा एसडीएम हिमाचल साहू को मिलते ही उन्होंने तत्काल मौके से पीड़ितों को जल्द राहत पहुँचाने के लिए दल रवाना कर दिया है ।
इधर कोन्टा विधायक एंव केबिनेट मंत्री कवासी लखमा को इसकी जानकारी मिलते ही सुकमा कलेक्टर को पूरी जांच कर जल्द से जल्द पीड़ितों को राहत पहुचाने की दूरभाष पर बात की है ।


मास्क के बिना होगा मामला दर्जः डीएम

बिना मास्क घर से बाहर निकलने पर होगी कार्रवाई कलेक्टर ने जारी किये निर्देश


 किशोर महंत


कोरबा। कोरबा महामारी घोषित हो चुके कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलाव को जिले में रोकने के लिए जिला प्रशासन सजग और गंभीर है। लोगों में सक्रमण को रोकने के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किये हैं। निर्देशानुसार प्रत्येक व्यक्ति को घर से बाहर सार्वजनिक स्थलों में निकलते समय मास्क, फेस कवर पहनना अनिवार्य किया गया है। इसके लिए बाजार में मिलने वाले ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग किया जा सकता है अथवा घर में ही तीन परतों वाला फेस कव्हर बनाया जा सकता है। इस होम मेड मास्क, फेस कवर को साबुन से धोकर पुनः प्रयोग में लाया जा सकता है। मास्क, फेस कवर उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में गमछा, रूमाल, दुपट्टा इत्यादि का भी फेस कवर के रूप में उपयोग किया जा सकता है बशर्ते मुंह एवं नाक पूरी तरह से ढका हो। उपयोग में लाया हुआ फेस कवर मुंह, नाक में प्रयुक्त होने वाला गमछा का पुनः प्रयोग बिना साबुन से अच्छी तरह धोये उपयोग में न लाया जाये। बिना फेस कवर, मास्क के घर से बाहर सार्वजनिक स्थलों पर जाना सरकार द्वारा जारी निर्देश का उल्लंघन माना जायेगा तथा संबंधित के विरूद्ध विधि अनुसार कार्यवाही की जायेगी।


राहत सामग्री की सेल्फी पर धारा 188

आकाश दत्त मिश्रा


कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद के लिए जो समाज सेवी संस्थाएं और जो युवाओं का समूह सामने आ रहा था उनके द्वारा किए जाने वाली सामग्रियों के वितरण के दौरान लिए जाने वाली सेल्फी फोटो को लेकर मुंगेली जिला प्रशासन ने तीखे तेवर दिखाए है और अब इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी गयी है। इतना ही नहीं अब इस प्रकार के कृत्य को अपराध की श्रेणी में डाल दिया गया है ।
दरअसल सेवा के नाम पर गरीब और जरूरतमंद के साथ तस्वीर लेकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करते हुए एक प्रकार से गरीब और उनकी गरीबी का उपहास उड़ाया जा रहा है । कुछ लोग समाज सेवा के नाम पर अपना विज्ञापन और उदारता का थोथा प्रदर्शन करने में जुट गए हैं, इससे एक तरफ जहां सोशल डिस्टेंस के नियमों की धज्जियां उड़ रही है, वहीं जरूरतमंद लोग भी खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। जिसे लेकर अब मुंगेली जिला प्रशासन ने भी सख्ती दर्शाते हुए कहा कि अब इस तरह की गतिविधियों पर धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाएगी।


लॉक डाउन के दौरान जरूरतमंदों को अनाज सब्जी व अन्य खाद्य सामग्रियों का निशुल्क वितरण विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं द्वारा किया जा रहा है। समाजसेवी संस्थाओं और दानदाताओं द्वारा निशुल्क सामग्रियों का वितरण करते हुए उनके साथ फोटो और उनकी सेल्फी ली जा रही है और जिसे सोशल साइट्स के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है। जिससे वे सामाजिक तौर पर शर्मिंदगी महसूस कर रहे हैं।
इसलिए अब जिला प्रशासन ने इस मसले पर आदेश जारी करते हुए कहा है कि समाजसेवी संस्थाओं दानदाताओं और अन्य संगठनों के द्वारा इस तरह की फोटो को सोशल साइट्स पर साझा न किया जाए।
हालांकि इसका दूसरा पहलू भी है। लोग स्वयं को बड़ा दानदाता और उदार प्रदर्शित करने के लिए जिस तरह का प्रयास कर रहे हैं उससे अंततः किसी जरूरतमंद की मदद ही हो रही है। अब शासन ने स्पष्ट कहा है कि दानदाता, राहत सामग्री आदि सीधे जरूरतमंद को न देकर पुलिस को दे, जिसे पुलिस वितरित करेगी।
बहुत कम उम्मीद है कि अब इतनी बड़ी संख्या में लोग इस कार्य में सहयोग करेंगे। कम से कम सेल्फी खींचने के नाम पर ही लोग बढ़-चढ़कर यह दिखावा कर रहे थे , जिससे कुछ लोगों की मदद हो रही थी , लेकिन जिला प्रशासन की सख्ती के बाद बहुत मुमकिन है कि ऐसे लोग अपने कदम वापस खींच ले। हिंदू शास्त्र में कहा गया है कि परोपकार का महत्व तभी है जब आप दाएं हाथ से दान करें और बाएं हाथ को पता ना चले । यह प्रदर्शन शास्त्रों के उस कथन की धज्जियां उड़ा रही है लेकिन मौजूदा चलन में जब हर छोटी-बड़ी घटना के साथ सेल्फी लेने का ही प्रचलन हो, उस दौर में इन बातों को बेवजह तूल देने की बजाय अगर इसमें निहित लाभ पर फोकस किया जाता तो शायद जरूरतमंदों का भला होता । जाहिर है यह लॉक डाउन लंबा खींचने वाला है। अब तक आम लोगों की मदद से जिला प्रशासन ने हालात पर काबू आया हुआ है। अगर अब नए नियम के चलते आम लोग मदद से हाथ खींच ले तो फिर पुलिस और प्रशासन के लिए यह दोहरी जिम्मेदारी हो जाएगी और जिसका खामियाजा अंततः हाशिए पर बैठा हुआ आदमी उठाएगा, जिस तक शायद ही राहत सामग्री पहुंच सके।


रात-दिन मेहनत करती पुलिस का स्वागत

अतुल त्यागी जिला प्रभारी


हापुड़। कोरोना वायरस के चलते दिन रात मेहनत कर रहीं पिलखुवा पुलिस का जोरदार स्वागत। कोतवाली पिलखुवा पुलिस का छेत्र वाशियो ने पुलिसकर्मियों के ऊपर फूलों की बरसात कर बढ़ाया मनोबल। कोरोना वायरस के चलते दिन रात मेहनत कर रहीं पिलखुवा पुलिस का जोरदार स्वागत। सीईओ तेजवीर सिंह , कोतवाल महावीर सिंह व एसडीएम सहित सभी पुलिसकर्मियों का छेत्र के अंदर हुआ फूलों से स्वागत।


झारखंडः 3 बढ़े, कुल 17 पॉजिटिव

कोरोना वायरसः झारखंड में कोरोना के 3 और मरीज मिले, अब तक 17 पॉजिटिव; कोडरमा में पहला मामला


रांची। झारखंड में कोरोना के तीन और मरीज मिले हैं। शनिवार को रांची के हिंदपीढ़ी, हजारीबाग तथा कोडरमा में कोरोना वायरस का एक-एक मरीज मिला है। राज्‍य के स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने इसकी पुष्टि की है। इस तरह से राज्‍य में अब तक कोरोना वायरस के कुल 17 मरीज हो गए हैं। इसमें एक की मौत हो गई है। 17 मरीजों में से 13 तब्‍लीगी जमात के हैं। पहली बार कोडरमा में कोरोना वायरस का मरीज मिला है। इससे पूर्व रांची के हिंदपीढ़ी, बोकारो, और हजारीबाग में भी कोरोना के मरीज मिले थे।


कोडरमा जिले में कोरोना कोविड 19 का पहला पॉजिटिव मामला सामने आया है। संक्रमित व्यक्ति कोडरमा जिला के मरकच्‍चो प्रखंड से सटे गिरिडीह जिला अंतर्गत राजधनवार का रहनेवाला है। ट्रैवल हिस्ट्री के अनुसार वह मुंबई से लौटा था। इसके बाद गत 3 अप्रैल को उसने अपने नजदीकी मरकच्चो स्वास्थ्य केंद्र मरकच्चो में जाकर स्क्रीनिंग कराई थी।


लोनी विधायक ने डीएम को लिखा पत्र

अकाशुं उपाध्याय


गाजियाबाद। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने लिखा जिलाधिकारी को पत्र, मांगा नगरपालिका और तहसील के लिए कॅरोना से निपटनें के लिए करोड़ों का पैकेज, कहा बिना राशन कार्ड वालों को भी राशन और 1000 रूपए का लाभ दिए जाने की हो व्यवस्था। शनिवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने जिलाधिकारी गाजियाबाद को पत्र लिखकर क्षेत्र के असंगठित क्षेत्र व छोटे कामगार जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। उन्हें चिन्हित कर राशन और 1000 रूपए की धनराशि दिए जाने की मांग की। साथ ही कॅरोना आपदा से निपटने के लिए लोनी को दी गई 10 लाख की राशि को अपर्याप्त बताते हुए पालिका और तहसील को पृथक रूप से करोड़ों रूपए दिए जाने की बात रखी। 


देखने वाली बात यह है कि जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय, विधायक के द्वारा की गई मांग को किस प्रकार लेते हैं? क्या जरूरतमंदों के प्रति उनका हृदय पसीज जाएगा या शासन व्यवस्था के अधीन कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे। विधायक ने पत्र में लिखा कि विधानसभा क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत आबादी दिहाड़ी मजदूर, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूर, खोखा, पटरी, आॅटो चालक आदि की है जिनमें से अधिकतर वे लोग है जो प्रतिदिन कमाकर उसी से अपना पेट भरते है। कॅरोना महामारी को देखते हुए लाॅकडाउन हो जाने के कारण इनके सामने भूखमरी का संकट पैदा हो गया था। मैंने स्वंय 27 मार्च से लोनी की भूखमरी के कारण बिगड़ती स्थिति के कारण 6 विधायक-योगी रसोई के नाम से जरूरतमंदों तक भोजन वितरण के लिए रसोई चालू करवाई। साथ ही, दर्जनों सामाजिक संगठनों से निवेदन कर अधिकारियों के साथ बैठक करवाकर उनसे भी क्षेत्र में भिन्न-भिन्न स्थानो पर रसोई शुरू की गई और काॅल के माध्यम से मिलने वाली सूचना पर जरूरतमंदों के घर तक भोजन पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है जिससे लाॅकडाउन का भी आसानी से पालन हो सकें। 3 दिवस पूर्व 2 सरकारी रसोई तहसील के द्वारा शुरू की गई है लेकिन सामाजिक संगठनों की सीमित क्षमता होने के कारण उन्होंने प्रतिदिन बनने वाले खाने की मात्रा घटा दी है या फिर निकट भविष्य में परिस्थितियों को देखते हुए ये पूर्ण रूप से बंद भी हो सकते हैं। 16 लाख की आबादी में अधिकांश संख्या गरीब मजदूरों के होने के कारण उत्पन्न होने वाली भूखमरी से स्थिति भयावह हो सकती है। इसलिए समय रहते ही सभी वार्ड एवं गांव स्तर पर ऐसे मजदूरों और जरूरतमंदों सूची बनाई जाए जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, आधार कार्ड नहीं है उन्हें राशन पहुंचाने की व्यवस्था के साथ-साथ 1000 रूपए की भी मुख्यमंत्री विशेष आपदा कोष से इनके खातों में दिलवाने की मांग की हैं जिससे प्रदेश सरकार व माननीय मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप इस आपदा की घड़ी में कोई भी भूखा एवं असहाय न रहें। 


वहीं विधायक ने लिखा कि लोनी की आबादी को ध्यान में रखते हुए कॉरोना से निपटने के लिए करोड़ों रूपए की मदद मिलनी चाहिए थी वहां 10 लाख रूपए की राशि ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। इसलिए एसडीएम व अधिशासी अधिकारी की रसोई एवं अन्य कार्य के लिए पृथक रूप में करोड़ों रूपए की जरूरत है।  विधायक ने पत्र की प्रतिलिपि माननीय मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को भी प्रेषित किया है।


महाराष्ट्रः 110 की मौत, 1574 संक्रमित

मुंबई। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौत का आंकड़ा 100 पार कर गया। शुक्रवार को मुंबई में 12 लोगों की मौत हुई। इसी के साथ राज्य में मौतों का आंकड़ा 110 हो गया। वहीं, राज्य में संक्रमितों की संख्या 1574 तक पहुंच गई है। राज्य में संक्रमण से पहली मौत 17 मार्च को हुई थी। लेकिन दो अप्रैल के बाद मौत के आंकड़ों में बेहद तेजी रही। जहां 17 मार्च से एक अप्रैल तक यानी 14 दिन में संक्रमण से 13 लोगों की मौत हुई। वहीं, दो अप्रैल से 10 अप्रैल यानी 9 दिनों में 98 लोगों की जान गई।
देश के संक्रमण में महाराष्ट्र की स्थिति-
देश में संक्रमण के करीब सात हजार मामले हैं। वहीं, महाराष्ट्र में संक्रमितों का आंकड़ा 1500 से ज्यादा है। यानी हर पांचवां मरीज महाराष्ट्र से है। राज्य के 36 में से 22 जिलों तक कोरोना का संक्रमण फैल चुका है।
देश में मौत का आंकड़ा 255 है। महाराष्ट्र में 108 मौत हो चुकी है। यानी हर 10 में चार मौत महाराष्ट्र में हुई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मौत मुंबई और पुणे में हुई है। मुंबई में अब तक 74 जबकि पुणे में 25 की मौत हो चुकी है।
देश के 20% संक्रमित महाराष्ट्र में
देश के कुल संक्रमित मामलों में करीब 20% जबकि कुल मौतों में से 42% मामले महाराष्ट्र के हैं। राज्य में कोरोना संक्रमितों की मृत्युदर (सीएफआर) 7.11% है जबकि देश में यह 3.10% है। हालांकि, मृत्यु दर के मामले में महाराष्ट्र, पंजाब और गुजरात से पीछे है। यहां क्रमशः 7.92 और 7.69% मृत्यु दर रही है। वहीं सबसे खास यह है कि केरल, जहां कोरोना का पहला मामला सामने आया वहां अब तक सिर्फ 2 मौतें हुई और वहां मृत्यु दर सिर्फ 0.56% है।
पुणे में तेजी से बढ़ा मृतकों का आकंड़ा, सिर्फ दो दिन में हुई 18 मौतें
राज्य में हुई 108 मौतों में से 74 यानि की तकरीबन 70% मौतें मुंबई में हुई हैं। इसके बाद दूसरा नंबर पुणे का आता है। यहां अब तक 27 लोगों की जान जा चुकी है। खास यह है कि पुणे में मंगलवार के बाद से मृतकों के आकड़ों में तेजी से वृद्धि हुई है। मंगलवार को यहां मृतकों की संख्या सिर्फ 6 थी जो गुरुवार शाम तक बढ़कर 25 हो गई। यानि सिर्फ दो दिन में पुणे में 19 लोगों की मौत हुई है। पुणे में सबसे ज्यादा मौतें ससून हॉस्पिटल और मुंबई में कस्तूरबा हॉस्पिटल में हुईं हैं।


25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट

25 मई को खुलेंगे 'हेमकुंड साहिब' के कपाट पंकज कपूर  देहरादून। हेमकुंड साहिब के कपाट आगामी 25 मई को खोले जाएंगे। इसके चलते राज्य सरका...