गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021
वैलेंटाइन डे पर पार्टनर को भूलकर भी ना दें ये गिफ्ट्स
मुंबई: 9 सितंबर को रिलीज होगी फिल्म 'जगन्नाथ'
महागुरू ‘चाणक्य’ का किरदार निभाएंगे अजय
राजनीतिक छुआछूत हमारा संस्कार नहीं: मोदी
आंदोलकारी किसानों का समर्थन करें 'मीडिया'
नई दिल्ली। ना ही मीडिया के लिए अपने सबसे बड़े फाइनांसर के खिलाफ बोलना संभव है और ना ही सरकार को पैसे की बंदरबांट करने से रोका जा सकता है। बल्कि सरकारी योजनाओं की जानकारियां लोगो तक पहुचाने के नाम पर बाकायदा एक मंत्रालय है। जिससे मिलने वाले एडवरटाइजिंग बजट से चैनेलो की आमदनी होती है। किस चैनल पर विज्ञापन देने पर कितने पैसे लगेंगे ये चैनल की टीआरपी पर निर्भर है। मतलब जिसकी जितनी ज्यादा टीआरपी उतना ज्यादा विज्ञापन के रेट मिलेंगे। ये टीआरपी क्या है? टीआरपी याने टेलीविजन रेटिंग पॉइंट एक तरीका है ये पता करने का की कौनसा प्रोग्राम या चैनल कितने लोग देखते है। हर शुक्रवार को को इसके आंकड़े जारी होते है। जिसकी जितनी ज्यादा टीआरपी या साधारण शब्दो मे जितने ज्यादा दर्शक, उस चैनल को उतना ज्यादा पैसा उसके विज्ञापनदाताओं से मिलता है। तो ये सीधा चक्र है।
वैक्सीन के बाद 31 स्वास्थ्य कर्मियों की हालत बिगड़ी
रोहतक। रोहतक के पीजीआई में कोरोना की वैक्सीन के प्रति हेल्थ केयर वर्कर्स अब गंभीरता से टीका लगवाने आगे आ रहे हैं। कल 387 हेल्थ केयर वर्कर्स ने टीका लगवाया। दो दिन में रिकॉर्ड 872 वर्कर्स ने टीका लगवाया है। वहीं देर शाम पहली बार साइड इफेक्ट को लेकर एक बड़ी खबर भी पीजीआई से आई है। 31 हेल्य केयर वर्कर्स साइड इफेक्ट के चलते इमरजेंसी वार्ड में दाखिल हुए हैं। इन वर्कर्स में अधिकांश सिक्योरिटी गार्ड, बेयरर, स्वीपर व अन्य कर्मचारी शामिल हैं। इमरजेंसी में पहुंचे वर्कर्स ने चिकित्सकों को सिर में तेज दर्द रहना, लगातार उल्टियां आना, शरीर में बुखार रहने और इंजेक्शन लगने वाली जगह पर तेज दर्द की शिकायत गिनाईं। चिकित्सकों ने रूम नंबर पांच में वर्कर्स को दवाएं देकर तीन घंटे मॉनीटरिंग में रखा। कल शाम को सात बजे के करीब चार कर्मचारी स्वास्थ्य संबंधी परेशानी लेकर इलाज कराने पहुंचे। चिकित्सकों ने देर शाम तक उन्हें मॉनीटरिंग में रखा। एईएफआई के स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. आरबी जैन ने दावा किया कि वैक्सीन की डोज लगने के बाद माइल्ड साइड इफेक्ट का असर 24 से 48 घंटे तक रह सकता है। 18 जनवरी से अब तक वैक्सीन लगने के बाद एक भी मेजर साइड इफेक्ट का केस नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि सभी 31 केस वैक्सीन के साइड इफेक्ट के सामान्य लक्षण थे। वर्कर्स को वैक्सीन से पीछे नहीं हटना चाहिए। कर्मचारी कुलदीप ने बताया कि मंगलवार को उसने को-वैक्सीन की डोज लगवाई थी। इसके दो घंटे बाद से उसे दिक्कत महसूस होने लगी। बुधवार को उसकी ड्यूटी वार्ड नंबर 26 में लगी थी। ड्यूटी के दौरान सिर में तेज दर्द, उल्टियां और बुखार आने लगा। साथी कर्मचारियों की मदद से वो शाम को इमरजेंसी में इलाज कराने पहुंचा। सफाई कर्मचारी मोहिनी ने बताया कि वो बुधवार दोपहर दो बजे वैक्सीन लगवाने के बाद ड्यूटी पर थी। शाम चार बजे के बाद उसे बुखार, उल्टियां, सिर में तेज दर्द शुरू हो गया। इमरजेंसी विभाग में मौजूद चिकित्सक को जाकर परेशानी बताई। जिस पर डॉक्टर ने उसे रूम नंबर 5 में भर्ती कर लिया। देर शाम तक उसे इमरजेंसी विभाग में उसे मॉनीटरिंग में रखा गया। महिला सुरक्षा कर्मी कौशल्या ने बताया कि उसे सोमवार को वैक्सीन की डोज लगवाई थी। इसके बाद से उसे तेज घबराहट, बुखार आना, बदन दर्द शुरू हो गया। बुधवार को उसकी ड्यूटी इमरजेंसी के रूम नंबर 11 में थी। ड्यूटी के दौरान तबीयत खराब होना शुरू हो गई। इमरजेंसी में इलाज कराने के लिए पहुंची। प्राथमिक जांचें करने के बाद चिकित्सकों ने इमरजेंसी विभाग में भर्ती कर लिया।
भ्रष्ट पीसीएस की आइएएस से शादी, जाएगी जेल
नरेश राघानी
जयपुर। रिश्वत लेने के मामले में जेल में बंद पीसीएस अधिकारी पिंकी मीणा अब शादी करने जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक जज से शादी करने वाली हैं। इसके लिए राजस्थान हाईकोर्ट के जयपुर बेंच के जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने उन्हें 10 दिन की सशर्त जमानत दी है। बताते हैं, कि उन्हें शादी के 5 दिन बाद सरेंडर करना होगा। पीसीएस अधिकारी पिंकी मीणा 16 फरवरी को जज से शादी करने वाली हैं। लेकिन, वो दौसा में हाईवे बना रही कंपनी से पैसे लेने की आरोपी SDM 29 दिनों से जेल में बंद हैं। हालांकि अब शादी के 6 दिन पहले उन्हें हाईकोर्ट से सशर्त 10 दिन की जमानत मिली है। पिंकी मीणा जयपुर जिले में चौमूं के चिथवाड़ी गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता किसान हैं। उन्होंने पहली बार में ही पीसीएस की परीक्षा क्लीयर कर ली थी, लेकिन 21 साल उम्र नहीं होने के कारण वे इंटरव्यू नहीं दे पाई थीं। हालांकि साल 2016 में फिर से मेरिट के साथ परीक्षा क्लियर की। जिसके बाद उन्हें पहली पोस्टिंग टोंक में मिली थी। पिंकी मीणा महिलाओं के लिए आईकॉन बन गई थी। लेकिन, 13 जनवरी को हाईवे निर्माण करने वाली कंपनी से 5 लाख की रिश्वत लेते दौसा एसडीएम पुष्कर मित्तल और 10 लाख की रिश्वत मांगने की शिकायत पर बांदीकुई एसडीएम पिंकी मीणा को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि दोनों एसडीएम ने भारतमाला परियोजना (दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाइवे) कंपनी के अधिकारियों से रिश्वत मांगी थी।
पीएम ने 1 दर्जन कार्यकर्ताओं को जेल में बंद किया
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। मोदी ने इन लोगों पर इल्जाम लगाया कि, ये लोग मुझे मार कर मेरी सरकार को गिराने की साजिश कर रहे थे। इसका सबूत यह बताया गया की दिल्ली के प्रोफेसर रौना विल्सन के कम्प्यूटर में ऐसे पत्र मिले हैं। रौना विल्सन के वकील के आग्रह पर अमेरिका की दो टेक्निकल फोरेंसिक एजेंसियों ने इसकी जांच करी उन्होंने रिपोर्ट दी है, कि रौना विल्सन के कम्प्यूटर में इसराइली वायरस भेजे गए थे। उसमें इस तरह के पत्र डाले गए। मतलब सरकारी एजेंटों ने ही पूरा षड्यंत्र बनाया और मोदी सरकार की लूट और गलत नीतियों का विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ पूरी तरह झूठा केस बना कर उन्हें जेल में डाल दिया गया है। इस पूरे षड्यंत्र में सरकारी एजेंसी एनआईए शामिल हैं। जिन लोगों को इस तरह षड्यंत्र करके जेल में डाला गया है। वे लोग वकील कवि प्रोफेसर और लेखक हैं। जेल में बन्द इन लोगों ने सारी जिंदगी आदिवासियों दलितों गरीबों की सेवा में गुजारी है कितना भयानक है कि प्रधानमंत्री के पद पर एक षड्यंत्रकारी अपराधी बैठा हुआ है।
पत्रकारों पर सरकारी हमलों की हुई बढोत्तरी
लखनऊ। किसी भूखे को खाना नहीं मिल रहा है, ये खबर दिखाने पर पत्रकार पर केस दर्ज करने वाले दावा कर रहे हैं कि हमारी डेमोक्रेसी सबसे उम्दा और आलोचना से परे है। ऐसे में आपके पास गर्व करने के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचता है। आप गर्व कीजिए कि मीडिया पर लगातार सरकारी हमला तेज किया जा रहा है। ताकि सरकारी कारस्तानियों की खबर जनता तक न पहुंचे। सरकार की आलोचना करने वाली वेबसाइट न्यूजक्लिक के दफ्तर और पत्रकारों के घर पर कल ईडी की छापेमारी। कड़कती ठंड में बच्चों को हाफ पैंट पहनाकर योग कराने की रिपोर्ट कराने वाले पत्रकारों पर एफआईआर। किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों पर कई राज्यों में केस, राजद्रोह का भी आरोप। किसान आंदोलन रिपोर्ट करने के लिए द वायर और सिद्धार्थ वरदराज पर मुकदमा। किसान आंदोलन रिपोर्ट करने के लिए कारवां मैगजीन पर मुकदमा।किसान आंदोलन रिपोर्ट करने के लिए युवा पत्रकार मनदीप पुनिया को जेल। किसान आंदोलन रिपोर्ट करने के लिए पत्रकार धर्मेंद्र को पूछताछ के लिए उठाया गया।हाथरस केस कवर करने जा रहे पत्रकारों को पकड़कर जेल में डाल दिया गया। मिड-डे मील में धांधली दिखाने वाले पत्रकार पर केस। ये महज कुछ उदाहरण हैं कि भारत में प्रेस पर कैसे संगठित ढंग से हमला किया जा रहा है। ताकि मीडिया नाम की संस्था गोदी मीडिया में तब्दील हो जाए। डायचे वेले वेबसाइट लिखती है, “प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत को बहुत पीछे यानी 142वें स्थान पर रखा गया है. रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के मुताबिक 2019 में बीजेपी की दोबारा जीत के बाद मीडिया पर हिंदू राष्ट्रवादियों का दबाव बढ़ा है. अन्य दक्षिण एशियाई देशों में नेपाल को 112वें, श्रीलंका को 127वें, पाकिस्तान को 145वें और बांग्लादेश को 151वें स्थान पर रखा गया है। दशकों के संघर्ष के बाद आजाद हुए देश ने लोकतंत्र को तिल-तिल कर बनते देखा था, अब तिल-तिल कर खत्म होते देख रहा है। लोकतंत्र कोई दूध-भात तो है नहीं कि तुरंत खाकर खत्म कर दिया जाए. लेकिन इसे खत्म करने की प्रक्रियाएं काफी तेजी से जारी हैं। आप गर्व कीजिए कि लोकतंत्र अगर कोई सुंदर चीज है तो आप इसके खात्मे के गर्वीले दर्शक हैं।एक-एक सीढ़ी नीचे उतरते जाइए और गर्व करते जाइए।
वाह: पीएम मोदी की अदा का सबसे बड़ा प्रशंसक
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। मैं प्रधानमंत्री मोदी की इस अदा का सबसे बड़ा प्रशंसक हूँ कि वह जो जीवन में गर्व और स्वाभिमान के नाम पर किए होते हैं। दमदार तर्क और ओजस्वी भाषण से जिनको जस्टीफाईड किए होते है।समय बदलने पर उसी की उससे अधिक तर्क और ओजस्वी भाषण से उसकी निंदा कर के लोगों को अपने तर्कों के साथ सहमत करा देते हैं, वाइस वरसा। मैं उनको उनकी इस कला के लिए साधूवाद देता हूँ। राज्यसभा में एक दिन पहले की "रुदाली" के बाद लोकसभा में कल देश के प्रधानमंत्री कानून व्यवस्था के अलंबरदार बन कर पंजाब में "जियो" के टाॅवरों के तोड़फोड़ पर उपदेश देते दिखे , बिफरे और नसीहत दी कि "मोबाईल टाॅवर तोड़ना कैसे किसान आंदोलन का हिस्सा हो सकता है ?" बहुत बढ़ियाँ , मोदी , बहुत बढ़ियाँ... मोदी जी वह इंसान हैं। जो इसी देश में हिंसा और अराजकता को बढ़ाते हुए "क्रिया की प्रतिक्रिया" सिद्धांत का प्रतिपादन किया और 3000 से अधिक लोग उनके इसी प्रतिपादन की भेंट चढ़ गये , वही मोदी जी मोबाईल टाॅवरों के क्षति होने पर उपदेश दे रहे हैं। हिंसा और अराजकता का समर्थन बिल्कुल नहीं पर यह कटु इतिहास है कि इस देश में हर आंदोलन में कुछ ना कुछ अराजकता और हिंसा ज़रूर हुई है और मोदी जी तो ऐसी देशव्यापी हिंसाओं के "रथ मैनेजर" रहे हैं , जो आंदोलन में जहाँ जहाँ से गुज़री दंगा और हिंसा फैलती गयी। अंबानी के मोबाईल टाॅवरों पर प्रवचन देने वाले ऐसे ही एक आंदोलन में उच्चतम न्यायालय , संसद और संविधान की निगरानी , शपथपत्र और वचन के बावजूद "बाबरी मस्जिद" शहीद करवा देने के ना सिर्फ भागीदार रहे हैं बल्कि सार्वजनिक रूप से गौर्वान्वित होते रहे हैं। हालाकि मोदी जी की इस बात से सहमत हूँ कि "टाॅवर" नहीं तोड़े जाने चाहिए पर प्रधानमंत्री मोदी जी को बाबरी मस्जिद के बारे में ऐसा कहते कभी नहीं सुना। यह देश अपने मुस्लिम नागरिकों का कर्ज़दार है जो संसद में देश के प्रधानमंत्री नरसिंहराव के बाबरी मस्जिद के पुनर्निमाण की घोषणा और वचन को त्याग कर भूल गया। और सरयू की धारा में डोलते पिलरों को एक औरत की देह की कुर्बानी पर खड़ा होता चुपचाप देख रहा है। प्रधानमंत्री जी की लोकसभा की नसीहत से समर्थन है पर उनसे ऐसे ही आंदोलन में शहीद हुई मस्जिद के लिए भी प्रवचन सुनना चाहता हूँ जिसके वह खुद भागीदार रहे हैं। बाकी कंगना राणावत जिस तरह से खुद को कभी भारत की अब तक की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री , और कभी ऐक्शन में टाॅमक्रूज़ से अपने को बेहतर बता रही हैं , मुझे लगता है कि यही सिलसिला चलता रहा तो कहीं वह खुद को "सनी लियोनी और मियां खलीफा" से बेहतर पोर्न कलाकार ना बता दें।
हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया
हरियाणा-दिल्ली में पहली रैली को संबोधित किया अकांशु उपाध्याय नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस पर अपना हमला तेज ...
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