शनिवार, 30 जनवरी 2021

विश्व में मृतकों की संख्या 22 लाख के पार हुई

वाशिंगटन डीसी। दुनियाभर में कोरोना वायरस से होने वाली मौतों की संख्या 22 लाख के पार पहुंच गयी है, जबकि 10.20 लाख से ज्यादा लोग अब तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक विश्व के 192 देशों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 10 करोड़ 20 लाख सात हजार 448 हो गई है तथा 22 लाख 04 हजार 494 मरीजों की मौत हो चुकी है। कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में संक्रमितों की संख्या 2.59 करोड़ के पार हो गयी है, जबकि करीब 4.36 लाख मरीजों की मौत हुई है। भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ सात लाख 33 हजार से अधिक हो गयी है। इस महामारी को मात देने वालों की संख्या एक करोड़ चार लाख नौ हजार से ज्यादा हो गयी है और मृतकों का आंकड़ा 1,54,147 तक पहुंच गया है। ब्राजील में कोरोना वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या 91.18 लाख से ज्यादा हो गयी और इस महामारी से करीब 2.22 लाख से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है।

आजमगढ़: भिड़ीं पोर्टल पत्रकार समेत 2 की मौत

आजमगढ़। लखनऊ बलिया राजमार्ग पर फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के इट कोहिया में शुक्रवार देर रात अनियंत्रित होंडा सिटी कार पेड़ में घुस गई। कार में बैठे दो युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। मृतकों के नाम अबू हमजा पुत्र मुख्तार उम्र 27 ग्राम सुरही थाना सरायमीर व मो आतिफ़ पुत्र इरफान उम्र 26 जो फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के जगदीशपुर का निवासी था। अबू हमजा आजमगढ़ में ही रहता पोर्टल पत्रकारिता से जुड़ा था जबकि आतिफ खाड़ी देश में रहता था लखनऊ में घर आया हुआ था। होंडा सिटी कार में सवार दोनों युवक किसी कार्य से जौनपुर के शाहगंज गए थे, तथा रात्रि 9:30 बजे के करीब वे वापस अपने घर लौट रहे थे। अचानक कार्य अनियंत्रित हो गई, पेड़ से भिड़ने पर कार के परखच्चे उड़ गए। आसपास के लोगों ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी, मौके पर पहुंची पुलिस शव को अपने कब्जे में लेते हुए कोतवाली ले आई। बाद में सबको पंचनामा बनाकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया।

बंद नाक को खोलने के लिए आजमाएं घरेलू उपाय

कई बार आपने भी अनुभव किया होगा कि जुकाम नहीं होता है, पहली चीज जो नाक बंद करती है। इससे सांस लेने में भी कठिनाई होती है। जिसके लिए मुंह से सांस लेना जरूरी है। और बंद नाक को खोलने की कोशिश में नाक साफ करने पर कुछ नहीं निकलता। बहुत से लोगों की यह गलती नाक में बलगम जमने का कारण बनती है। और नाक बंद हो जाती है। लेकिन अक्सर फ्लू, वायरल संक्रमण या एलर्जी राइनाइटिस साइनस में मौजूद रक्त वाहिकाओं में सूजन की ओर जाता है। और इसी वजह से नाक बंद हो जाती है।

बंद नाक खोलने का उपाय...

1. भाप लें: अपने आसपास की हवा में नमी बढ़ाने के लिए भाप एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। भाप लेना नाक से जमा हुए बलगम को आसानी से बाहर निकालने में भी मदद करता है। आप चाहें तो स्टीमर की मदद से भाप ले सकते हैं। या एक बड़े बर्तन में पानी गर्म करें और अपने चेहरे को बर्तन की तरफ झुकाएँ और अपने सिर को एक तौलिये से ढँक लें, ऐसा करने से गर्म भाप नाक को खोलने में मदद करने के लिए नासिका द्वारा शरीर में प्रवेश करती है। 2. गर्म पानी से स्नान: यदि आपको भाप लेने में कठिनाई होती है, तो आप गर्म स्नान कर सकते हैं। ऐसा करने से बंद नाक को खोलने में मदद मिलेगी। गर्म पानी से नहाने के दौरान निकलने वाली भाप नाक में सूजन की समस्या को कम करती है और इससे नाक से सांस लेने में आसानी होती है। 3. गर्म चाय या सूप आपकी नाक बंद होने पर अधिक तरल पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद होता है। इसीलिए गर्म चाय या सूप का सेवन करना चाहिए। इस गर्म पेय को पीने से नाक में भाप बनती है जिससे बलगम पतला होता है और आसानी से बाहर निकलता है। और नाक खुल जाती है। 4. एक गर्म पट्टी लागू करें: यदि आप बंद नाक को खोलना चाहते हैं तो आप सिर पर गर्म पट्टी का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करने से नाक को खोलने में मदद मिलेगी। इसके लिए, गर्म पानी में एक पट्टी या तौलिया रखें, इसे कम करें और फिर इसे नाक और सिर पर लगाएं। इस की गर्मी नाक में सूजन की समस्या से छुटकारा दिलाती है।

रायपुर: 3 अवैध गोदामों पर पुलिस ने मारा छापा

कुणाल राठी  

रायपुर। राजधानी रायपुर के खमतराई थाना क्षेत्र अंतर्गत भनपुरी इलाके में स्थित 3 गोदामो पर पुलिस ने दबिश देकर ब्रांडेड कंपनियों के नकली आयल बरामद किए है। आपको बता दे कि आरोपियों द्वारा कंपनियों के नाम की स्पेलिंग में चेंज कर नकली आयल बेचा जा रहा था। जानकारी के मुताबिक दिल्ली मुंबई से आये कैस्ट्रोल आयल कंपनी के अधिकारियों ने SSP रायपुर से मुलाकात इस पूरे मामले की शिकायत की थी। पुलिस ने करोड़ो रूपये कीमत का नकली आयल बरामद किया है। पुलिस के मौके पर पहुँचते ही सभी आरोपी फरार हो गए।

आयोग ने लांन्च किया 'डिजिटल वोटर आईडी कार्ड'

नई दिल्ली। 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर भारतीय चुनाव आयोग (ECI) ने डिजिटल वोटर आईडी कार्ड की सुविधा शुरू की। इसे इलेक्ट्रॉनिक इलेक्टोरल फोटो आइडेंटिटी कार्ड (e-EPIC) कहा जाता है। यह डिजिटल वोटर आईडी कार्ड पीडीएफ प्रारूप में उपलब्ध होगा। ई-ईपीआईसी केवल ई-आधार की तरह है। इसे सिर्फ प्रिंट किया जा सकता है। इसको एडिट नहीं किया जा सकता है। ग़ौरतलब है कि 31 जनवरी तक यह सुविधा केवल उन्हीं को मिलेगी जिन्होंने पिछले साल नवंबर और दिसंबर में वोटर आईडी कार्ड के लिए आवेदन किया हो। एक फरवरी से, डिजिटल वोटर आईडी कार्ड सभी के लिए उपलब्ध होगा। इसके अलावा, जिन लोगों के वोटर आईडी कार्ड खो गए हैं वे मुफ्त में डुप्लिकेट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। वर्तमान में, इसके लिए 25 रुपए का शुल्क लिया जाता है। 25 जनवरी, 1950 को गठित चुनाव आयोग की स्थापना दिवस के अवसर पर डिजिटील वोटर आईडी कार्ड की शुरुआत की गई है। डिजिटल वोटर आईडी कार्ड डाउनलोड करने के 7 आसान तरीके: 1. voterportal.eci.gov.in पर जाएं। संबंधित विवरण दर्ज करके एक अकाउंट बनाएं।2. अकाउंट बनाने के बाद लॉग इन करें। “ई-ईपीआईसी डाउनलोड करें” के मेन्यू पर जाएं। 3. अपना ईपीआईसी नंबर या रेफरेंस नंबर दर्ज करें। आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। 4. इसके बाद अब “ईपीआईसी डाउनलोड करें” पर क्लिक करें। यदि कार्ड पर उल्लिखित मोबाइल नंबर अलग है तो आपको कार्ड डाउनलोड करने के लिए नो योर कस्टमर (केवाईसी) प्रक्रिया को पूरा करना होगा। 5. केवाईसी के जरिए नंबर अपडेट करने के बाद आप डिजिटल वोटर आईडी कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। 6. यदि आपने अपना ई-ईपीआईसी नंबर खो दिया है, तो आप इसके लिए voterportal.eci.gov.in पर चेक कर सकते हैं।7. डिजिटल वोटर आईडी कार्ड को वोटर मोबाइल ऐप से भी जनरेट किया जा सकता है, जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

दिल्ली: 31 जनवरी तक मुफ्त मिलेगा गैस-सिलेंडर

नई दिल्ली। 8 नवम्बर 2016 की नोटबंदी के बाद से भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन्स बहुत अधिक तेजी से बढ़ा है। यही कारण है, कि कंपनियां भी अब ग्राहकों को लुभाने के लिए तरह-तरह के ऑफर्स देने लगी है। अब तो गांव, देहात की गलियों में खोमचे-ठेले वाले भी ऑनलाइन ट्रांजैक्शन्स करने लगे हैं। मोदी सरकार की डिजिटल इंडिया योजना में अपना योगदान देने के लिए मोबाइल वॉलेट प्लेटफॉर्म पेटीएम ने भी बड़ा कदम उठाया है।दरअसल पेटीएम ने इस महीने के अंत (31 जनवरी) तक एलपीजी सिलेंडर ऑफर चलाया है। जिसके तहत भुगतान करने पर कैश बैक दिया जा रहा है। चलिए इस बारे में आपको विस्तार से बताते हैं। गौरलतब है कि पेटीएम द्वारा गैस सिलेंडर बुक कराने पर ऑफर के तहत पूरा पैस वापस किया जा रहा है। हालांकि इस ऑफर का फायदा सिर्फ उन्हें ही दिया जाएगा, जो पहली बार गैस सिलेंडर ऐप के माध्यम से बुक कर रहे हैं। इसके साथ ही सिर्फ उन्हीं कंपनियों पर यह ऑफर मिलेगा।जिसमें आपका रजिस्ट्रेशन उसी नंबर से है, जिस नंबर से पेटीएम है। इस ऑफर का लाभ उठाने के लिए आप पेटीएम ऐप गुगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं, पेमेंट के ऑपश्न में गैस बुकिंग का विकल्प होगा। जहां जाकर आपको भुगतान करना है। भुगतान करते ही पेटीएम की तरफ से आपको स्क्रैच कूपन दिया जाएगा।यह स्क्रैच कूपन बुकिंग के 24 घंटों के अंदर-अंदर ही आपके पास आ जाएगा और आपको इसे 7 दिनों के अंदर ही उपयोग करना होगा। कूपन को स्क्रैच करते ही आपके अकाउंट में भुगतान की कीमत वापस कैशबैक के रूप में आ जाएगी।

कोहली सीरीज में तोड़ सकते हैं धोनी के रिकॉर्ड

नई दिल्ली/ लंदन। भारत और ऑस्ट्रेलिया सीरीज में टीम इंडिया ने शानदार जीत दर्ज की थी। अब फिर भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज होने वाली है। इस सीरीज का फैन्स बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। विराट कोहली के फैन्स को एक खास वजह से भी इस सीरीज का इंतजार होगा। क्योंकी इस सीरीज में विराट कोहली टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का एक बड़ा रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं। दरअसल, होम ग्राउंड सीरीज पर किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा टेस्ट सीरीज जीतने के मामले में विराट और धोनी बराबर हैं। दोनों ने ही अपनी कप्तानी में भारत को अब तक 6-6 टेस्ट सीरीज में जीत दिलाया है। अगर इंग्लैंड के खिलाफ टीम इंडिया टेस्ट सीरीज जीतती है, तो विराट किसी भी भारतीय कप्तान द्वारा होम ग्राउंड पर सबसे ज्यादा टेस्ट सीरीज जीतने वाले एकलौते कप्तान बन जाएंगे।

खाप पंचायतों का फैसला, आंदोलन का समर्थन

राणा ओबरॉय  

चंडीगढ़। लगातार चल रहा किसान आंदोलन अब जान आंदोलन में तब्दील हो चुका है। एक तरफ सरकार तो दूसरी तरफ किसान दोनों ही अपनी जिद पर अड़े है। कहना गलत नहीं होगा कि किसान और सरकार दोनों में टकराव का माहौल बना हुआ है। बतादें कि दिल्ली में हुए हंगामे को लेकर सरकार सख्त रूख अपना रही है तो वहीं दूसरी तरफ किसान भी अब बड़े हुजूम के आठ बॉर्डरों पर पहुंचने लगे है। और इस आंदोलन को न्य रूप दे रहे है।बताना लाजमी है कि किसानों का धरने को आज 65 दिन हो गए है वही 26 जनवरी की ट्रेक्टर पैरेड की घटना के बाद सरकार सख्त एक्शन के मूड में किसी भी तरह से किसानों के धरने को उठाना चाहती है। वहीं कल गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत के नेतृत्व में चल रहे धरने पर पेरामिल्ट्री फोर्स के साथ यूपी पुलिस लुकआउट नोटिस जारी कर उनकी गिरफ्तारी करने को लेकर पहुंची तो किसान नेता राकेश टिकैत ने किसान धरने की ज़बरदस्ती उठाने पर सुसाइड करने और सरकार की साजिश बताते हुए निकले आसुंओ ने रिएक्शन करना शुरू कर दिया। उनके सर्मथन में रात में हरियाणा में गांव गांव में मीटिंग में मीटिंग पंचायते हो रही है।

बतादें कि कल सभी खापें अपने स्तर पर मीटिंग कर दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरणो पर कूच करेगी।  26 जनवरी को जो हुआ उसकी निंदा करता हूँ। लेकिन जो किसान आंदोलन का साजिश करने का काम सरकार ने किया वह सब के सामने आ चुका है। मैं खुद बीजेपी में 20 साल रहा हूँ इनका कोई सौदा नही है। जो किसानों के ऊपर हमले हुए उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए। तो वहीं दूसरी तरफ हरदीप अहलावत रोहतक 84 खाप प्रधान ने बताया कि आज की हरियाणा भर की सभी खापों के प्रधानों की बैठक हुई है इस बैठक में किसान आंदोलन धरने को लेकर हुई है हमारा समर्थन पहले भी रहा और आगे भी रहेगा। सर्व सहमति से फैसला लिया गया है कल सभी हरियाणा के गांवों से किसान अपने ट्रेक्टर ट्रॉलियों में उससे भी ज्यादा संख्या में धरने स्थलों पर जाएंगे। सरकार ने 26 जनवरी को घटना करवाई वह सरकार की साजिश थी। दादरी के निर्दलीय विधायक व सांगवान खाप के प्रधान सोमबीर सांगवान ने बताया कि हमारी आज की मीटिंग हरियाणा के तमाम खाप प्रधानों के साथ थी। जो सरकार ने किसान को कमजोर,लोकतंत्र का बदनाम करने की साजिश की है। आज रोहतक के जाट भवन में सर्व खाप की बैठक हुई इस बैठक में हरियाणा की डेढ़ दर्जन भर खापों के प्रधानों ने हिस्सा लिया।

इस सर्व खाप बैठक में सरकार द्वारा किसान आंदोलन को तोड़ने की साजिश करार देते हुए कल हरियाणा के सभी गांवों से किसानों को भारी संख्या में अपने ट्रेक्टरों के साथ किसानों के धरणो पर जाने का आहवान किया है। साथ मे 26 जनवरी की ट्रेक्टर पैरेड के नाम पर जो लाल किले पर घटना हुई उसकी निंदा भी की। खापों की यह बैठक रोहतक84 खाप प्रधान हरदीप अहलावत की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक में दादरी के निर्दलीय विधायक व सांगवान खाप के प्रधान सहित कई खापों के प्रधान मौजूद रहे। वह सबके सामने है। हमारी खापों का किसान आंदोलन को तन मन धन से समर्थन है। खाप प्रधानों ने फैसला लिया कि इससे ज्यादा संख्या में अब पहुंच कर अपना समर्थन करे। हमारी किसान नेता राकेश टिकैत व चढूनी से बात हुई है हमने आश्वासन दिया है कि खापें उनके साथ है।

टिकरी बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा, हाई अलर्ट

बताना लाजमी है कि एक बार फिर से किसानों का हुजूम बॉर्डरों की तरफ बढ़ने लगा है। बता दें कि दिल्ली-हरियाणा को जोडऩे वाले सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान व स्थानीय ग्रामीण आमने-सामने आ गए। बॉर्डर पर तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए प्रशासन ने बहादुरगढ़ के साथ लगते टिकरी बॉर्डर पर भी हाई अलर्ट जारी किया है। अर्द्धसैनिक बलों की 15 टुकडय़िां यहां सुरक्षा की दृष्टि से तैनात की गई। टिकरी बॉर्डर और झाड़ोदा बॉर्डर पर बैरीकैडिंग की संख्या बढ़ाई गई है। 3 कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग को लेकर टिकरी बॉर्डर पर डटे किसानों का आज 67 वां दिन रहा। टिकरी बॉर्डर पर दिनभर सभा का आयोजन होता रहा। किसानों के 15 किलोमीटर पड़ाव में भी अलग-अलग जगह बैठकों का दौर चला।

उधर, झाड़ोदा बॉर्डर पर सुरक्षा की दृष्टि से मिट्टी से भरे ट्रकों को खड़ा किया गया। साथ में यहां सुरक्षा पहरा कड़ा किया गया। शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने बैरीकैडिंग इस तरीके से की है कि कोई अकेला व्यक्ति भी यहां से न निकल पाए। पुलिस ने सबसे पहले लोहे के बैरीकैड पर कटीली तारें भी लगाई हैं। इसके बाद 2-3-ट्रकों को मिट्टी से भरकर खड़ा किया गया है। इससे आगे 200 मीटर पर फिर लोहे के बैरीकैड और फिर दिल्ली में झाड़ोदा गांव के नजदीक से निकल रही ड्रेन पर भी बैरीकैडिंग की गई है। भारी संख्या में पुलिस कर्मियों और अर्द्ध सैनिक बलों को लगाया गया है। कच्चे रास्तों पर भी बैरीकैडिंग कर दी गई है। फिलहाल टिकरी और झाड़ोदा बॉर्डर से लोगों की आवाजाही बिल्कुल बंद कर दी गई है। 

निगम की गाड़ी से बुजुर्गों को कूड़े के ढेर में छोड़ा

इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जिसमें नगर निगम कर्मियों द्वारा कमजोर बुजुर्गों को एक गाड़ी में भरकर इंदौर-देवास हाईवे पर छोड़ने का वीडियो वायरल होने से हड़कंप मच गया। वीडियो में निगम के कुछ कर्मचारी एक बुजुर्ग कमजोर महिला और एक पुरुष बुजुर्ग को गाड़ी से उतारते और फिर बैठाते हुए दिख रहे हैं। गाड़ी में कुछ और बुजुर्ग व उनका सामान नजर आ रहा है। वीडियो शिप्रा के आसपास का बताया जा रहा है। लेकिन यह साफ नहीं हुआ है कि यह किस दिन का वाकया है। मौके पर मौजूद किसी भी व्यक्ति ने यह वीडियो शूट करते हुए बताया कि निगमकर्मी बुजुर्गों को सड़क किनारे फेंकने आए हैं और बुजुर्गों को इंदौर नगर निगम का गाड़ी में भरकर लाया गया है।

जब गांव वाले वीडियो बनाने लगे और कर्मियों को फटकारा तो कर्मी उन्हें फिर गाड़ी में बैठाने लगे। ग्रामीणों ने कर्मियों से कहा कि कम से कम बुजुर्गों को इस तरह नहीं फेंकना चाहिए। नगर निगम के कर्मचारियों की संख्या तीन थी, जो यह अमानवीय काम कर रहे थे। जिस गाड़ी से बुजुर्गों को हाईवे पर बेसहारा कर छोड़ने लाया गया था, उसका नंबर एमपीएफ 7622 था और यह निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते की गाड़ी है।अधिकारियों से पता करने पर यह कहा गया कि इस मामले की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि इसी महीने स्वच्छता सर्वेक्षण होना है ‍और इसके चलते लगातार पांचवीं बार सबसे स्वच्छ शहर का तमगा हासिल करने के लिए इंदौर नगर निगम कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।

आंदोलनरत पंजाब के एक और किसान की मौत

अकांशु उपाध्याय  
 नई दिल्ली। कृषि कानून को लेकर चल रहा आंदोलन अब नया रूप ले चुका है। एक तरफ आंदोलन को लेकर सरकार और किसानों के बीच में टकराव का माहौल बना हुआ है। तो वहीं दूसरी तरफ एक और किसान ने अपनी जिंदगी से हाथ दो दिया है। बताना लाजमी है कि कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में एक और किसान की मौत का मामला सामने आया है।

मृतक की पहचान करीब 55 वर्षीय जगशेर सिंह के रूप में हुई है। जगशेर पंजाब के बरनाला जिले का रहने वाला था। पिछले काफी समय से आंदोलन में शामिल था। बीच-बीच में गांव में चला जाता था। इस दफा 23 जनवरी को आया था। फिलहाल बालोर चौक के नजदीक ठहरा हुआ था। रात को खाना खाकर सोया था। सुबह बेसुध मिला। किसान उसे अस्पताल में ले गए तो चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। मौत का कारण स्पष्ट नहीं है। हृदयाघात आशंका जताई जा रही है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

1. अंक-167 (साल-02)
2. रविवार, जनवरी 31, 2021
3. शक-1983, माह, कृष्ण-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी संवत 2077।

4. प्रातः 07:09, सूर्यास्त 05:48

5. न्‍यूनतम तापमान -05 डी.सै.,अधिकतम-19+ डी.सै.।

6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।

8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110

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शुक्रवार, 29 जनवरी 2021

आंदोलन: किसानों की आवाज दबाने की कोशिश

संदीप मिश्र   

बरेली। दिल्ली बवाल के बाद किसान आंदोलन को लेकर कई किसान संगठन के स्थानीय नेता अपने-अपने नेतृत्व के आगामी दिशा निर्देश मिलने के इंतजार में हैं। वहीं, भाकियू से जुड़े तमाम नेता शुक्रवार दोपहर में आंदोलन के समर्थन में दिल्ली के लिए कूच कर गए। इधर, प्रशासन ने भी किसान संगठनों के आगमी रुख को लेकर निगरानी बना रखी है। दरअसल, दिल्ली के आंदोलन के दौरान परिस्थितियां बदलने के बाद से सभी किसान संगठन सकते में हैं। भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने बताया गणतंत्र दिवस पर खुराफातियों ने लालकिला पर उप्रदव कर माहौल बिगाड़ा इसी आड़ में पुलिस अपने बल का प्रयोग कर किसानों का धरना समाप्त कराना चाहती है, जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा किसानों की आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। इसलिए शुक्रवार को वह बड़ी संख्या में किसानों के साथ गाजीपुर के लिए ट्रक आदि वाहनों के जरिये रवाना हो गए। शनिवार तड़के सुबह भी भाकियू से जुड़े तमाम पदाधिकारी गाजीपुर कूच करेंगे।

हिंसा: लाल किले की कई ऐतिहासिक वस्तुएं गायब

हिंसा की वजह से लाल किले की कई ऐतिहासिक वस्तुएं गायब, इमारत को पहुंची अपूर्णीय क्षति
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस पर हिंसा और उपद्रव की घटना के बाद लाल किले की ऐतिहासिक इमारत को अपूरणीय क्षति पहुंची है। ये बात केंद्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कही है। उन्होंने रिपोर्टर्स से बातचीत के दौरान बताया कि तिरंगा फहराने की जगह के करीब स्थापित किए गए 2 ऐतिहासिक पीतल के कलश गायब हैं। किले का मुख्य दरवाजा भी क्षतिग्रस्त हुआ है। पटेल ने कहा क्षतिग्रस्त हुई कलाकृतियां बेहद अमूल्य थीं। कितना भी पैसा खर्चकर इनकी भरपाई मुमकिन नहीं। हालांकि सरकार 26 जनवरी के दौरान हुई झड़प में 17वीं शताब्दी की इस इमारत को हुए आर्थिक नुकसान का लेखाजोखा तैयार कर रही है। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक-अधिकारियों ने बताया कि लाल किले को प्रदर्शनकारियों ने बेहद नुकसान पहुंचाया है। किले की गुंबद के ऊपरी हिस्से पर मौजूद कम से कम 3 बेशकीमती कलश गायब हैं। टिकट काउंटर में तोड़ फोड़ हुई टॉयलेट, एअर कंडीशनर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। किले के महत्व को बताने के लिए जगह-जगह लगी शिलाओं को उखाड़ फेंका गया। स्टाफ रूम्स में तोड़-फोड़ हुई। सीढ़ियां और रेलिंग तोड़ी गईं। सीसीटीवी कैमरे को तोड़ा गया। अधिकारियों के मुताबिक प्रदर्शन के दौरान हुई तोड़फोड़ को ठीक करने में महीनों लगेंगे किले के बाहर लाइट, किले का मुख्य दरवाजा समेत कई कीमती चीजों के साथ तोड़फोड़ हुई संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि 72वीं रिपब्लिक परेड प्रदर्शनी को भी प्रदर्शनकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया इसे सैलानियों के लिए किले में रखा जाना था। पटेल ने बताया रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जा चुकी है। आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने पुलिस से संपर्क साधकर कहा है। कि ऐतिहासिक इमारत को क्षतिग्रस्त करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। एएसआइ ने पुलिस से तोड़फोड़ करने वालों पर द एनसियंट मोन्युमेंट ऐंड आर्कियोलोजिकल ऐंड आर्कियोलोजिकल साइट्स ऐंड रिमेंस एक्ट के तहत कार्रवाई करने की अपील की है।

थमता आंदोलन फिर हुआ तेज, टिकैत ने बदला सीन

थमता आंदोलन फिर हुआ तेज, टिकैत ने बदला सीन, जानिए दिल्ली आने-जाने के कौन से रास्ते बंद और खुले।
नई दिल्ली। ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन काफी हद तक बिखर गया है। कई किसान संगठनों ने आंदोलन की राह छोड़ दी है। और इसी को देखते हुए माना जा रहा था। कि जल्द ही किसान आंदोलन पूरी तरह से ख़त्म हो जायेगा| वहीं बीते वीरवार को दिल्ली-यूपी की सीमा गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को हटाने की कवायद की गई मगर कुछ हो न सका। दरअसल, गाजीपुर बॉर्डर पर से कई किसान संगठन और उनके समर्थन में उतरे किसान आंदोलन खत्म करके के जा चुके हैं। जिसके बाद बचे हुए आंदोलनकारियों को यहां से हटने को कहा गया था ताकि गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह से साफ़ हो जाये और यहाँ पर आना-जाना सुचारु रूप से शुरू हो सके। लेकिन यहाँ पर जमकर बैठे किसान नेता राकेश टिकैत ने पूरा सीन बदल दिया। राकेश टिकैत रोते हुए नजर आये और उन्होने तरह-तरह की भावनात्मक बातें की जिससे खाली हो रहे गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर भीड़ उमड़ पड़ी। राकेश टिकैत का कहना है। कि वह आंदोलन तबतक ख़त्म नहीं करेंगे जबतक मसला सुलझ नहीं जाता। चाहें जो भी जो जाए वह धरना देते रहेंगे और इस मुद्दे पर सरकार से बातचीत करेंगे| वह हार मानने वाले नहीं। इधर, आंदोलन को देखते हुए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कुछ रास्ते बंद कर दिए हैं। ट्रैफिक को और रास्तों पर डायवर्ट किया गया है।दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया
एनएच-24,गाजीपुर बॉर्डर आने और जाने वाले मार्ग को बंद कर दिया गया है। इसके अलावा सिंघु, औचंडी, मंगेश, सबोली, पियू मनियारी बॉर्डर बंद है। लामपुर, सफियाबाद, सिंघु स्कूल और पल्ला टोल टैक्स बॉर्डर खुल गई। नरेला के पास एनएच44 से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। दिल्ली पुलिस ने कहा है। कि लोग बाहरी रिंग रोड,जीटीक सड़क और एनएच 44 से बचें।

गाजियाबाद बॉर्डर से रवाना हुए, दिल्ली में किसान

अश्वनी उपाध्याय   
गाजियाबाद। आंदोलन को लेकर एक बार फिर से किसानों में भारी जोश देखने को मिला। उकलाना गांव के भैरी अकबरपुर गांव बॉथम, पाबड़ा, किनाला सहित अनेक गांव से किसान कल रात्रि और आज सुबह गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए। गांव भैरी अकबरपुर में सैकड़ों की संख्या में किसान बाबा रामदेव मंदिर में इकट्ठे हुए और पहले सरकार और मोदी के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाए। उसके बाद उन्होंने एक मीटिंग बुलाई है। जिसमें फैसला लिया कि किसान राकेश टिकैत के समर्थन में इस बार टिकरी व सिंघु नही बल्कि गाजीपुर बॉर्डर पहुंचेंगे। किसानों ने साफ कहा कि सरकार उनके आंदोलन को कमजोर आंकने की भूल ना करे।

यूपी: महापंचायत के लिए मंच की तैयारियां शुरू

मुजफ्फरनगर। महापंचायत के लिए मंच की तैयारियां शुरू। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात, प्रदर्शन से ताकत दिखाएंगे भाकियू प्रमुख नरेश टिकैत मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में होगी महापंचायत नरेश टिकैत बोले, किसानों के लिए हम कुर्बान हो जाएंगे। अब धरना नहीं उठेगा, वहां से कई लाशें उठेंगी नरेश टिकैत उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में आज होने वाली भारतीय किसान यूनियन की महापंचायत के लिए जीआईसी के मैदान में तैयारियां शुरू हो गई है। मैदान में सुबह ही भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। बता दें कि प्रशासन और भारतीय किसान यूनियन के बीच संभावित टकराव टल गया है। प्रशासन ने किसान पंचायत की इजाजत दे दी है। वहीं सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। यातायात सुचारू रहे इसके लिए रूट में फेरबदल किया गया है।एसएसपी अभिषेक यादव ने बताया कि महापंचायत के दौरान शहर के महावीर चौक से सर्कुलर रोड होते हुए सुजडू चुंगी तक का मार्ग पूरी तरह बंद रहेगा। मेरठ की ओर से आने वाले सभी वाहन हाईवे से होते हुए वाया भोपा बाईपास से शहर में प्रवेश करेंगे। वहीं, शामली और बड़ौत की ओर से आने वाले सभी वाहन भी पीनना-वहलना बाईपास होते हुए हाईवे और वहां से भोपा बाईपास होकर शहर में प्रवेश करेंगे। यहीं से होकर जाएंगे। किसी भी वाहन को वहलना चौक से सुजडू चुंगी होते हुए सर्कुलर रोड से होकर शहर में घुसने की इजाजत नहीं होगी। किसानों के सभी वाहनों के लिए यहीं मार्ग आरक्षित किया गया है। महापंचायत में पहुंचने वाले सभी किसानों व अन्य लोगों के वाहन वहलना चौक से सुजडू चुंगी और वहां से सर्कुलर रोड होते हुए महावीर चौक स्थित महापंचायत स्थल पर पहुंचेंगे और वहीं पर पार्क होंगे सहारनपुर के नागल क्षेत्र से भी भाकियू कार्यकर्ता मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं सहारनपुर-मुजफ्फरनगर हाईवे पर देवबंद कोतवाली क्षेत्र में बॉर्डर पर स्थित घलोली चेक पोस्ट पर पुलिसकर्मी तैनात है। उधर, सरधना, जानी, सरूरपुर थाना क्षेत्रों के अलग-अलग गांवों से किसान ट्रैक्टर से गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचने की तैयारी में हैं। गंग नहर पटरी मार्ग पर अलग-अलग स्थानों पर पुलिस की ड्यूटी लगाई गई है। लेकिन यह निर्देश दिए गए हैं। कि किसानों के जाते हुए वीडियोग्राफी कराई जाए और उन पर नजर रखी जाए। जिन गांवों में किसान एकत्र हो रहे हैं उन पर भी पुलिस व खुफिया विभाग नजर रखे हैं। भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने गुरुवार अपराह्न करीब तीन बजे सिसौली के किसान भवन पर किसानों की पंचायत बुलाई। पंचायत में किसान बिरादरी पर लगे हुए आरोप को नकारा गया।

संसद में बोले राष्ट्रपति कोविंद, जवानों का बलिदान

संसद में बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, एलएसी पर शांति भंग करने की कोशिश, जवानों ने दिया सर्वोच्च बलिदान
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और सख्त प्रोटोकॉल के बीच संसद का बजट सत्र शुरू हो गया। 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवां घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी और सख्त प्रोटोकॉल के बीच संसद का बजट सत्र शुक्रवार से शुरू हो गया है। सत्र की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे हैं। वे अपने अभिभाषण में अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की योजना और नीतिगत दृष्टि पर प्रकाश डालेंगे। कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने इसका बहिष्कार करने का फैसला लिया है। सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सांसदों से सदन की गरिमा को बनाए रखने और सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। मुझे आशा है। कि ये सत्र बेहतर होगा। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर भी सरकार का जोर है। कुछ दिन पहले ही सरकार ने एचएएल को 83 स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्माण का ऑर्डर दिया है। जून 2020 में हमारे 20 जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए गलवां घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। हर देशवासी इन शहीदों का कृतज्ञ है। मेरी सरकार, देश के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह कटिबद्ध है। और सतर्क भी है। आयुष्मान भारत- सेहत योजना लागू होने के बाद जम्मू कश्मीर के हर परिवार को 5 लाख रु तक के मुफ्त इलाज का लाभ मिलना तय हुआ है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद, कुछ महीने पहले लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनाव की प्रक्रिया भी सफलता-पूर्वक संपन्न हुई है। नक्सली हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आई है। और नक्सल प्रभावित क्षेत्र का दायरा सिमट रहा है। मेरी सरकार की विकास नीति को जम्मू कश्मीर के लोगों ने भी भरपूर समर्थन दिया है। कुछ सप्ताह पहले ही, आजादी के बाद पहली बार, जम्मू कश्मीर में जिला परिषद के चुनाव सफलता के साथ संपन्न हुए हैं। ब्रू शरणार्थियों के पुनर्वास को शांति और सौहार्द के साथ पूरा किया जा रहा है। इसी प्रकार ऐतिहासिक बोडो शांति समझौता भी हुआ है। जिसे सफलतापूर्वक लागू किया गया है। समझौता होने के बाद इस बार बोडो टैरीटोरियल काउंसिल के चुनाव भी सफलता के साथ पूरे हुए हैं।आज पूर्वोत्तर में उग्रवाद समाप्ति की ओर है। और हिंसा की घटनाओं में बड़ी कमी आई है। हिंसा के रास्ते पर भटके युवा अब विकास और राष्ट्र-निर्माण की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इसका लाभ पूर्वोत्तर के किसानों, युवाओं और उद्यमियों, सभी को होगा। अर्थ ब्रह्मपुत्र’ प्रोग्राम से ‘इंटीग्रेटेड नेशनल वाटरवेज’ का विकास कर, ब्रह्मपुत्र और बराक नदी को विकास की धारा बनाने का प्रयास जारी है। ब्रह्मपुत्र नदी असम सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों की ‘जीबोनधारा’ है। इसी जीवनधारा को आर्थिक-गतिविधियों का आधार बनाकर विभिन्न राष्ट्रीय जलमार्गों के आरंभ के लिए काम हो रहा है। देश को गैस बेस्ड इकोनॉमी बनाने के लिए गैस कनेक्टिविटी पर भी तेज गति से काम किया जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही कोच्चि-मैंगलुरू गैस पाइपलाइन का लोकार्पण किया गया है। डोभी-दुर्गापुर गैस पाइपलाइन का निर्माण ‘ऊर्जा गंगा’ का प्रवाह बढ़ा रहा है। दुनिया की सबसे ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा का गौरव अपने साथ रखने वाले केवड़िया से अब देश के अनेक शहरों से सीधे ट्रेनें भी चलने लगी हैं। गुजरात के हजीरा और घोघा के बीच शुरू की गई रो-पैक्स फेरी सेवा हो या फिर केवड़िया और साबरमती रिवर फ्रंट के बीच सी-प्लेन सेवा, ये भारत में वॉटर ट्रांसपोर्ट को नया आयाम दे रहे हैं। कुछ दिन पहले ही पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के सेक्शंस, देश को समर्पित किए गए हैं। ये फ्रेट कॉरिडोर पूर्वी भारत में औद्योगीकरण को प्रोत्साहन देने के साथ ही रेल यात्रा में होने वाली अनावश्यक देरी को भी कम करेंगे। चेन्नई से पोर्ट ब्लेयर तक सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल हो अटल टनल हो या फिर चार धाम सड़क परियोजना हमारा देश विकास के कार्यों को आगे बढ़ाता रहा। कोरोना के इस काल में प्रत्येक भारतीय का जीवन बचाने के प्रयासों के बीच अर्थव्यवस्था को जो हानि हुई थी। उससे भी अब देश उबरने लगा है। इस मुश्किल समय में भी भारत दुनिया के निवेशकों के लिए आकर्षक स्थान बनकर उभरा है। मैन्युफेक्चरिंग से जुड़े 10 सेक्टर्स के लिए पहली बार देश में लगभग डेढ़ लाख करोड़ रुपए की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम लागू की गई है। इसका लाभ इलेक्ट्रॉनिक्स सहित अनेक दूसरे सामान की मैन्युफेक्चरिंग में दिखने भी लगा है। फेसलेस टैक्स असेसमेंट और अपील की सुविधा देने के साथ ही मेरी सरकार ने देश में उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए कंपनी अधिनियम के अनेक प्रावधानों को गैर-आपराधिक बना दिया है।

किसान आंदोलन के खिलाफ लोगों का हंगामा

किसान आंदोलन के खिलाफ स्थानीय लोगों का हंगामा-टेंट उखाड़े, किसान नेता पर भड़काने का आरोप, एसएचओ पर तलवार से हमला

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्‍टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के बावजूद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करने वाले किसान सिंघू बॉर्डर पर डटे हैं। किसानों के प्रदर्शन स्‍थल पर शुक्रवार को एक बार फिर से हंगामा हो गया। खुद को स्‍थानीयवासी बताने वाले लोगों का हुजूम वहां पहुंचा और धरना समाप्‍त कर रास्‍ता खोलने की मांग करने लगे। इन लोगों ने सिंघू बॉर्डर खाली करो भारत माता की जय तिरंगे का अपमान नही सहेंगे' के नारे लगाने लगे उन्होंने किसानों के टेंट को उखाड़ दिया है। इससे वहां के हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले तक दागने पड़े जानकारी के मुताबिक, इस अफरातफरी के बीच प्रदर्शनकारी की तलवार से बचाव में अलीपुर के एसएचओ प्रदीप पालीवाल घायल हो गए, उनका हाथ कट गया है। और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल भी हो गया है। सिंघू सीमा पर पुलिस ने कथित तौर पर स्थानीय होने का दावा करने वालों और किसानों पर बल प्रयोग किया। स्थानीय होने का दावा करने वाले लोग विरोध स्थल खाली करने के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान किसानों से उनकी झड़प हो गई। एसएचऔ प्रदीप पालीवाल ने कहा कि वहाँ एक व्यक्ति तलवार से हमला करने को आगे बढ़ा जिसको बचाव के लिए आगे बढ़ा और वह मेरे हाथ पर जा लगा उन्होंने कहा मैंने देखा कि कुछ किसान नेता उनको भड़का रहे थे। इसमें उन्होंने पाल सिंह का नाम भी लिया। बताया जा रहा है। की सिंघू सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को वहां से हटाने के लिए बवाना और नरेला से कथित तौर पर स्थानीय लोग पहुंचे थे। उन्होंने किसानों पर पत्थरबाजी की और गालियां दी। कुछ किसानों ने लाठियां भी मारी काफी समय तक पुलिस ने कथित स्थानीयों को समझाया और फिर लाठी चार्ज किया।

किसानों के नाम पर प्रदर्शन, उपद्रवियों पर सख्ती

मोहसिन रजा का बयान- किसानों के नाम पर प्रदर्शन कर रहे उपद्रवियों पर होगी सख्ती, विपक्ष सेंक रहा रोटी-कर रहा ड्रामा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण एवं मुस्लिम वक्फ और हज राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने किसान आंदोलन को लेकर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में किसानों के नाम पर यूपी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे लोगों में उपद्रवियों पर सख्ती की जाएगी। इसके साथ ही मोहसिन रजा ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती पर भी हमला बोला उन्होंने कहा कि ये मुद्दाविहीन पार्टियां हैं। आंदोलन को भड़काती हैं। इनके पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। मोहसिन रजा ने इसके अलावा दिल्ली की आम आदमी पार्टी के लिए कहा कि ये वही लोग हैं। जिन्होंने कोरोना काल में दिल्ली से हमारे किसानों और मजदूरों भाइयों को बाहर फेंक दिया था। अब ड्रामा कर रहे हैं। ये लोग ड्रामा करने वाले लोग हैं। मोहसिन रजा ने कहा कि जिन लोगों ने किसानों के धरने को हाईजैक किया है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी यह लाल किले से लेकर हर जगह उपद्रव कर रहे हैं। ऐसे लोगों को सरकार चिन्हित करेगी।

रहीम ने खुद को पैरोल पाने का हकदार बताया

रहीम ने खुद को पैरोल पाने का हकदार बताया राणा ओबरॉय  चंडीगढ़। दुष्कर्म और हत्या के मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत रा...