चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि परिवार पहचान-पत्र (पीपीपी) प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का आधार बनेगा। मुख्यमंत्री परिवार पहचान पत्र के सम्बंध में प्रदेश के अतिरिक्त उपायुक्तों की हरियाणा निवास पर आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) पर सत्यापित डाटा सरकारी सेवाओं का लाभ देने का आधार बनेगा। अभी तक 114 सरल सेवाओं को पीपीपी से जोड़ा जा चुका है। बहुत जल्द प्रदेश में 544 सेवाओं का लाभ पीपीपी के तहत ही दिया जाएगा। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल को भी 11 जनवरी से पीपीपी से जोड़ दिया जाएगा।
लखनऊ। झोला छाप डॉक्टरों की तेजी से बढ़ती संख्या से चिंतित होना लाजमी है। क्योंकि ये झोला छाप डॉक्टर जिनके पास न तो कोई वैध डिग्री होती है और न ही कोई मानक बस ये अपने आप को को एक काबिल और योग्य चिकित्सक समझने लगते है और बन जाते हैं डॉक्टर साहब और शुरू कर देते हैं। अपनी मेडिकल प्रैक्टिसऔर भोलीभाली जनता की जिंदगी से खिलवाड़ ,ऐसे ही एक झोला छाप डॉक्टर एक मरीज का इलाज करते पाए गए। जो मरीज को ऐसे ट्रीट कर रहे हैं। जैसे बहुत काबिल हैं। जब हमारे संवाद दाता ने उनसे बात करनी चाही और उनसे उनकी डिग्री के बारे में पूछा कि उनके पास चिकित्सा कार्य करने की कोई वैध डिग्री है तो वो इधर-उधर बगले झांकने लगे। जब पुनः उनसे प्रश्न पूछा गया तो वो गोल मटोल जवाब देने लगे। आखिर शासन एवं प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए आखिर कब तक इस तरह से ये खेल चलता रहेगा। स्वास्थ्य विभाग कब करेगा ऐसे झोला छाप डॉक्टर पर कारवाई। आखिर क्यों नही की जाती है इनकी जांच ये सारे सवाल एक चिंता का विषय है।
हरियाणा। विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने डीएलएड परीक्षा के 3 वर्षों का परिणाम एक साथ घोषित किया है। बोर्ड ने डीएलएड प्रवेश वर्ष-2019, डीएलएड प्रवेश वर्ष-2018 एवं डीएलएड प्रवेश वर्ष-2017 परीक्षाएं अक्टूबर-2020 का परीक्षा परिणाम बुधवार को घोषित किया गया। छात्र-अध्यापक अपना परीक्षा परिणाम बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर दिए गए लिंक से देख सकते हैं। 2019 परीक्षा में 11,534 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए, 5,380 उत्तीर्ण रहे और 6,154 की रि-अपीयर आई, जिनकी पास प्रतिशतता 46.64 रही है। 7,545 में से 3,804 उत्तीर्ण हुए, जिनकी पास प्रतिशतता 50.42 रही है तथा 3,989 में से 1,576 छात्र-अध्यापक उत्तीर्ण हुए है जिनकी पास प्रतिशतता 39.51 रही है।
चंडीगढ़। हरियाणा का हिसार जिला इन दिनों चर्चाओं में है और इसको मशहूर करने का काम किया है। मुकलाना गांव के एक बेटे ने जिसके पिता गांव में आटा चक्की संभालते हैं। लेकिन बेटे ने सभी चुनौतियों को दरकिनार करते हुए एक ऐसी उपलब्धी हासिल की जिसकी चर्चा आज हर तरफ है। दरअसल, गांव के बेटे अशोक का चयन भामा अटोमिक रिसर्च सेंटर के लिए हुआ है।अशोक ने मार्च महीने में भामा अटोमिक रिसर्च सेंटर रिक्रूटमेंट की परीक्षा दी थी। जिसमें उन्हें ये सफलता हाथ लगी है।
पाली/ हरदोई। कस्बा स्थित बैंक आफ आर्यावर्त की शाखा को अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करने को लेकर शिक्षकों ने उग्र तेवर दिखाए और शाखा प्रबंधक पर व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाकर क्षेत्रीय प्रबंधक को संबोधित ज्ञापन शाखा प्रबंधक को दिया। कस्बा पाली के मोहल्ला पटियानीम स्थित बैंक ऑफ आर्यावर्त की शाखा को अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करने की चर्चा पर उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाई स्कूल पूर्व माध्यमिक शिक्षक संघ भरखनी के ब्लॉक अध्यक्ष अश्वनी मिश्रा राजू एवं प्राथमिक शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष संदीप त्रिवेदी के नेतृत्व में बडी संख्या में शिक्षकों ने बैंक शाखा पहुंच कर विरोध जताया और क्षेत्रीय प्रबंधक को संबोधित ज्ञापन शाखा प्रबंधक को सौंपा। दिए गए ज्ञापन में शिक्षक नेताओं ने कहा है कि उपरोक्त बैंक शाखा सुरक्षा की दृष्टि से उनके लिए सही है। उपरोक्त बैंक शाखा अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित होने से उनके लिए असुरक्षा उत्पन्न होगी और लेन-देन को आते-जाते समय अप्रिय घटना भी घट सकती है। बैंक शाखा वर्तमान समय में बाजार एवं थाना परिसर से महज कुछ मीटर की दूरी पर है जो कि व्यापारियों सहित अन्य सभी के लिए सुरक्षित स्थान पर है। शिक्षकों के अधिकांश खाते वेतन खाता, आवर्ती खाता, अन्नपूर्णा खाता, सावधि जमा खाता उपरोक्त बैंक शाखा में हैं साथ ही सैकड़ों की संख्या में पेंशनर शिक्षकों के भी खाते हैं यदि बैंक शाखा को अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित किया जाता है तो शिक्षकों को परेशानी होगी एवं असुरक्षा उत्पन्न होगी। नवीन स्थान जो चयनित किया जा रहा है। उसके आसपास का माहौल बैंक ग्राहकों के लिए सुरक्षा की दृष्टि से अनुकूल नहीं है। शिक्षकों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि बैंक शाखा अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित की जाती है तो वह अपने खाते अन्य बैंक में ट्रांसफर करा लेंगे जिस पर शाखा प्रबंधक ने कहा कि किन्हीं कारणों से बैंक के उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अन्य स्थान का चयन किया जा रहा है। अपितु अभी निर्धारित नहीं किया गया है कि बैंक शाखा कहां रहेगी साथ ही शिक्षकों से मुख्य मार्ग स्थित बैंक शाखा के लिए को भवन बताने का सुझाव मांगा। बताते चलें कि उपरोक्त बैंक शाखा को कस्बे के बरगद चौराहे के निकट साबरी मार्केट में स्थानांतरित करने की बात बताई जा रही है जिसको लेकर शिक्षकों सहित अन्य खाताधारकों में आक्रोश है। बरगद चौराहे के निकट सुरक्षा के नजरिए से खाताधारक असुरक्षित माहौल बता रहे हैं, फिलहाल शाखा प्रबंधक ने कहा है कि अभी जल्द शाखा स्थानांतरित करने की कोई योजना नहीं है मामले में सिर्फ विचार विमर्श किया जा रहा है। जिस दौरान शिक्षक राम औतार दीक्षित, जनार्दन मिश्रा, राजू पाठक, वेद प्रकाश शुक्ला, दीपक सिंह, करुणा कांत, दीपू सिंह, वीरपाल, मुनीश कुमार, सर्व सिंह, लेखराज, वंदना, शुभम सहित बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।
जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने विकास खण्ड सि0 सिरोसी में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार किसानों की खेती-किसानी में आ रही समस्याओं के निस्तारण हेतु प्रतिबद्व है। उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के हितार्थ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, बीज वितरण, कृषि यंत्र वितरण, सोलर पम्प वितरण आदि योजनायें संचालित है। किसान भाई अपने हित की योजना का लाभ लेकर उत्पादन बढ़ाकर अपनी आमदनी को दोगुना करें। उन्होने किसानों को अपने उत्पादन को समर्थन मूल्य पर बिक्री करने की सलाह दी।
जिलाधिकारी ने कहा कि वर्तमान केन्द्र और राज्य सरकारें दोनों किसानों की आय दोगुनी करने के लिये संकल्पित है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में देश की अर्थ व्यवस्था में देश के किसानों ने सहारा दिया है। उन्होेंने कहा कि अन्नदाताओं के कारण ही कोरोना काल में कोई भी भूखा पेट नही रहा। जिस समय सब कुछ बन्द तथा और सब लोग अपने घरों में बन्द थे। उस समय भी अन्नदाता किसान ने देश की अर्थ व्यवस्था को बनाये रखने और अन्य पैदा करने के लिये खेतों में मेहनत कर रहा था। किसानों के मान सम्मान के लिये प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू कर किसानों के खाते में धनराशि की किस्ते सीधे पहंुचायी गयी है। उन्होंने कहा कि जनपद में पांच अन्य जगहों पर चल रहे किसान मेलें लगाये गये है। विभिन्न विभागों की लगायी गयी प्रदर्शनी में दी जा रही योजनाओं का लाभ किसान भाई उठाये। विकास खण्ड मियाॅगंज में कृषि निदेशक डा0 ए0पी0 श्रीवास्तव ने कृषकों को कृषि विभाग की योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि किसान भाई धान, गेहूूॅ खेती के साथ-साथ अन्य फसलें जैसे तिलहनी, दलहनी मूॅगफली, लेमन ग्रास, तुलसी की खेती, पशुपालन, उद्यान, विपणन, मण्ड़ी, मत्स्य, कृषि रक्षा रसायन आदि के स्टाल लगायी गयी, इन सभी से जुड कर किसान अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी कर सकता है और विपरीत परिस्थितियोें में भी किसानों को सामना नहीं करना पड़ेगा। कृषि विभाग किसानों की सेवा के लिये और उनकी आय में निरंतर वृद्वि के लिये कार्य कर रहा है। विकास खण्ड बाॅगरमऊ में मा0 विधायक श्रीकान्त कटियार, सफीपुर में मा0 विधायक बम्बा लाल दिवाकर, औरास में मा0 विधायक बृजेश रावत एवं पुरवा में मा0 विधायक श्री अनिल सिंह ने सरकार की योजनाओं की जानकारी से कृषकों को अवगत कराया। कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी, उप कृषि निदेशक, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, पशुपालन, उद्यान, पंचायती राज विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, मत्स्य पालन विभाग, मण्डी, वन विभाग आदि के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहें और इन्होने अपने-अपने स्टाल भी लगायें।
लखीमपुर खीरी। 16 साल का पिता, 24 साल का बेटा, खुद से बड़ी बीवी, एक बहू, तीन पोतियां। यह कहानी है चेतराम की। जनपद के ईसानगर ब्लॉक की ग्राम पंचायत बरारी के चेतराम का बेटा उनसे 8 साल बड़ा है। उनकी बीवी भी उनसे 2 साल बड़ी है। चेतराम का जन्म 1 जनवरी 1995 को और मृत्यु 6 जुलाई 2011 को हो गई। यह कोई कहानी नहीं है, सरकारी सच्चाई है। सरकार की फाइलों में यही दर्ज है। ईसानगर ब्लाक के ग्राम पंचायत अधिकारी ने 24 दिसंबर 2020 को परिवार रजिस्टर की एक नकल जारी की है। इस नकल के मुताबिक, परिवार के मुखिया चेतराम के बेटे का जन्म उनके जन्म से आठ साल पहले हुआ और यह बेटा महज 12 साल की उम्र होते ही एक बेटी का पिता बन गया। यानी चार साल में चेतराम एक पोती के दादा बन गए। फिर दो पोतियों का और जन्म हुआ। इसके बाद 16 साल की उम्र में चेतराम की मौत हो गई। इन 16 सालों में वह एक बेटे का पिता, एक बहू का ससुर और तीन पोतियों का दादा बन गया। भले यह सब पढ़कर आपको यकीन न हो रहा हो, लेकिन यह सरकारी कागज पर दर्ज एक परिवार का ब्योरा है। इस कागज़ को परिवार रजिस्टर कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसकी नकल ग्राम पंचायत अधिकारी ने बाकायदा प्रमाणित करके जारी की है। अब अगर इसे स्वीकार करें तो वास्तव में वह चमत्कार ही है। अगर अस्वीकार करें तो इस सरकारी कागज की विश्वसनीयता ही कठघरे में है।