लखनऊ। झोला छाप डॉक्टरों की तेजी से बढ़ती संख्या से चिंतित होना लाजमी है। क्योंकि ये झोला छाप डॉक्टर जिनके पास न तो कोई वैध डिग्री होती है और न ही कोई मानक बस ये अपने आप को को एक काबिल और योग्य चिकित्सक समझने लगते है और बन जाते हैं डॉक्टर साहब और शुरू कर देते हैं। अपनी मेडिकल प्रैक्टिसऔर भोलीभाली जनता की जिंदगी से खिलवाड़ ,ऐसे ही एक झोला छाप डॉक्टर एक मरीज का इलाज करते पाए गए। जो मरीज को ऐसे ट्रीट कर रहे हैं। जैसे बहुत काबिल हैं। जब हमारे संवाद दाता ने उनसे बात करनी चाही और उनसे उनकी डिग्री के बारे में पूछा कि उनके पास चिकित्सा कार्य करने की कोई वैध डिग्री है तो वो इधर-उधर बगले झांकने लगे। जब पुनः उनसे प्रश्न पूछा गया तो वो गोल मटोल जवाब देने लगे। आखिर शासन एवं प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए आखिर कब तक इस तरह से ये खेल चलता रहेगा। स्वास्थ्य विभाग कब करेगा ऐसे झोला छाप डॉक्टर पर कारवाई। आखिर क्यों नही की जाती है इनकी जांच ये सारे सवाल एक चिंता का विषय है।
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