मंगलवार, 22 सितंबर 2020

पति से अलग रहने पर पत्नी ने फांसी लगाई

लखनऊ: पति से अलग रह रही विवाहिता ने लगाई फांसी।


लखनऊ। मानक नगर थाना क्षेत्र में अपने चचेरे भाई संग अकेले रह रही एक विवाहिता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार सुबह सूचना मिलने पर पहुंची स्थानीय थाने की पुलिस ने मृतका का शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
मानक नगर थाना क्षेत्र स्लिपर ग्राउंड मकान संख्या 1/86 बी में अपने पांच वर्षीय चचेरे भाई आदित्य के साथ रह रही पिंकी (30) पत्नी सूरज ने अपने कमरे में पंखे से दुप्पटे के सहारे फांसी लगा अपनी जान दे दी। मंगलवार सुबह लगभग 9:00 बजे बहन को फंदे से झूलता देख मासूम भाई बदहवास चीखने पुकारने लगा। पड़ोसियों की सूचना पर मौके पर पहुंची स्थानीय थाना मानक नगर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मानक नगर थाना प्रभारी योगेंद्र प्रसाद के मुताबिक मृतका तीन वर्षों से अपने पति से अलग रह रही थी और घरों में साफ सफाई का काम करती थी। मृतका के पिता चंद्रशेखर आलमबाग के फत्तेली रेलवे कॉलोनी में अपने परिवार संग रहते है।                   


अधिसूचना के खिलाफ एससी में याचिका दायर

उप्र में 31,661 शिक्षकों की भर्ती अधिसूचना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर।


नई दिल्ली/ लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 31 हजार 661 पदों पर एक सप्ताह के भीतर भर्ती कराने के लिए योगी सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है। रितु रेनुवाल के जरिये दायर याचिका में राज्य सरकार द्वारा जारी भर्ती अधिसूचना पर रोक लगाने की मांग की है। रेनुवाल उत्तर प्रदेश के शिक्षा मित्रों की वकील भी हैं।
मुख्यमंत्री ने 69,000 सहायक शिक्षक भर्ती के 31,661 पदों पर एक हफ्ते के भीतर नियुक्तियां करने का निर्देश दिया था। इसके बाद बेसिक शिक्षा विभाग पूरी तरह तैयारी में जुटा था और कहा गया था,कि मुख्यमंत्री योगी आगामी दिनों में खुद चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे। अब इस फैसले के खिलाफ बीटीसी अभ्यर्थी शीर्ष अदालत पहुंच गये हैं।
याचिका में कहा गया है,कि 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है। ऐसे में जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता है, तब तक 31 हजार 661 पदों की भर्ती की राज्य सरकार की अधिसूचना पर रोक लगायी जानी चाहिए।                 


प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर होंगे

प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर होंगे गाज़ियाबाद और एनसीआर के निवासी, पंजाब में किसानों ने शुरू किया पराली जलाना।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। गाज़ियाबाद समेत एनसीआर के सभी निवासियों को इस सर्दी में भी दूषित हवा में जीने को मजबूर होना पड़ेगा। इसका कारण है।पंजाब के किसानों का पराली जलाना।  सूत्रों के अनुसार  पंजाब में किसानों ने फसलों के बचे हुए भागों यानी पराली को जलाना शुरू कर दिया है। नेशनल एरोनोटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) की ओर से जारी ताज़ा तस्वीरों से इस बात के संकेत मिले हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पराली जलाने के शुरुआती संकेतों का पता चला है। पराली  जलाना भारतीय दंड संहिता और 1981 के वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम के तहत अपराध माना गया है। इसके बावजूद ये किसान धान के बचे हुए भागों को जलाना जारी रखते हैं। यह अभ्यास विकल्पों और श्रमिकों की कमी के चलते शुरू हुआ था।नासा के संसाधन प्रबंधन प्रणाली से आग का डाटा देने वाले सूचना तंत्र खेतों में आग लगाने में लगातार वृद्धि दिखाता है। गोडार्ड अर्थ साइंसेज टेक्नोलोजी एंड रिसर्च के वैज्ञानिक पवन गुप्ता के हवाले से अखबार ने कहा कि मानचित्र में लाल धब्बे के रूप में दिखाई देने वाली आग ज्यादातर पंजाब के अमृतसर से है। अमृतसर के अलावा पंजाब में तरन तारन, फिरोजपुर, कपूरथला, मनसा और जालंधर में भी पराली जलाई जाती है। 13 से 16 सितम्बर के बीच सेटलाइट से मिले डेटा के अनुसार 5 से 7 जगहों पर खेतों में आग लगी देखी गई।गुप्ता ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटना शुरू हो गई है। इस साल हम सेटेलाइट एयर क्वालिटी डेटा का विश्लेषण कर अनुमान लगाने का प्रयास करेंगे कि इसका स्थानीय जलवायु और मौसम पर क्या प्रभाव पड़ता है। वहीं एक अधिकारी ने कहा है।कि इस साल परली जलाने के कम मामलों की उम्मीद कर रहे हैं।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है। कि पिछले साल दिल्ली में वायु प्रदूषण खेतों में फसलों के बचे हुए हिस्से में आग लगाने के कारण बढ़ा था। खेतों में जलाई जाने वाली पराली दिल्ली, हरियाणा और पंजाब की सरकारों के बीच विवाद का कारण बनती रही है। पिछले साल दिल्ली सरकार ने पराली जलाने के बढ़ते मामलों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिए केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को निशाने पर लिया था।आपको बता दें कि पराली जलाने को दिल्ली में प्रदूषण के कारणों में से एक माना गया। पंजाब और हरियाणा की पराली से दिल्ली के प्रदूषण में पिछले साल 46 फीसदी तक प्रभाव था। प्रदूषण का स्तर गंभीर स्तर में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर तक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल प्रतिबंध निर्माण गतिविधि की घोषणा की।इससे पहले पंजाब और हरियाणा को किराए के आधार पर कृषि मशीनरी देने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया। फसलों के अवशेष प्रबंधन के लिए ज्यादा उच्च स्तर के मशीनी उपकरण खरीदने में असमर्थ किसानों के लिए यह प्रस्ताव था।                   


रैपिड रेल के लिए 100 करोड़ मंजूर किए

 गाज़ियाबाद-मेरठ रैपिड रेल के लिए योगी सरकार ने किए ₹ 100 करोड़ मंजूर।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। योगी सरकार ने दिल्ली,गाजियाबाद-मेरठ रैपिड रेल परियोजना के लिए 100 करोड़ रुपये मंजूर कर दिए हैं। यह पैसा राज्यांश के रूप में दिया गया है। प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने सोमवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने इस संबंध में प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम को पत्र भी भेज दिया है। इसके मुताबिक रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में राज्यांश के रूप में 900 करोड़ रुपये दिया जाना है।
उन्होंने कहा है।कि सभी काम निर्धारित व तय मानकों के आधार पर कराए जाएंगे। परियोजना की डीपीआर को केंद्र व राज्य सरकार पहले मंजूरी दे चुकी है। इसलिए इसकी शर्तों का पूरा ध्यान रखा जाएगा इसकी अनदेखी नहीं की जाएगी। इस पैसे को 31 मार्च 2021 तक अनिवार्य रूप से खर्च करना होगा। इन पैसों को खर्च करने का उपयोगिता प्रमाण पत्र 30 अप्रैल 2021 तक अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगा। परियोजना के लिए शेष पैसे की मांग उपयोगिता प्रमाण पत्र के साथ करना होगा। इस पैसे को निर्धारित मद में ही खर्च किया जाएगा इसे किसी अन्य काम पर खर्च नहीं किया जाएगा।                  


सरकार के विरुद्ध सपाइयों का धरना-प्रदर्शन

 समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार के विरुद्ध किया धरना प्रदर्शन


सुदेश शर्मा


मोदीनगर। आज समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जिले की सभी तहसीलों के उपजिलाधिकारी को किसानों की समस्याओं महंगी शिक्षा और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रमेश प्रजापति के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मोदीनगर के अग्रसेन पार्क पर एकत्रित हुए। यहां से कार्यकर्ता भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए तहसील परिसर पहुंचे और मोदीनगर के उपजिलाधिकारी को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रमेश प्रजापति ने बताया कि समाजवादी पार्टी के सभी कार्यकर्ता इसलिए इकट्ठा हुए हैं।कि केंद्र और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। यह सरकार मनुवादी, साम्यवादी और पूंजीवादी विचारधारा की सरकार है। प्रदेश में जितनी भी योजनाएं हैं। वह समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के द्वारा बनाई गई हैं। या फिर इनकी सरकार ने जो भी योजनाएं बनाई हैं। वह किसान व्यापारी और गरीब विरोधी योजनाएं हैं।
रमेश प्रजापति का कहना है कि सरकार ने जो कृषि अध्यादेश बनाया है। यह किसानों की ताकत पूंजीपतियों के हाथों में देने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। हम इसका विरोध करते हैं। इन्हीं सब मांगों को लेकर उन्होंने मोदीनगर तहसील परिसर में उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है।समाजवादी पार्टी युवा के राष्ट्रीय सचिव श्रवण कुमार ने बताया कि आज उन्होंने सरकार के फेलियर को लेकर जैसे कि लॉ एंड ऑर्डर, बढ़ती महंगाई और किसानों की समस्याओं को लेकर तमाम तहसीलों पर उपजिलाधिकारी को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है।                 


कलेक्ट्रेट परिसर में कोरोना किट पड़ी मिलींं

लापरवाही। गाज़ियाबाद कलेक्ट्रेट परिसर में मिली कोरोना टेस्ट किट


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। एक ओर जहां कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे जिले में सख्ती बरती जा रही है। लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। वहीं दूसरी ओर जिला मुख्यालय परिसर के पार्क में ही खुले में ही जांच के बाद एंटीजन किट स्लाइड टेस्ट स्टीक आदि वेस्ट फेंक दिया गया। जिस जगह पर यह वेस्ट फेंका गया उसके ठीक सामने जिले में कोरोना संक्रमण की मॉनीटिरिंग के लिए कंट्रोल रूम भी बना हुआ है। जहां से दिन भर में दर्जनों अधिकारी व कर्मचारी गुजरते हैं।लेकिन किसी की भी नजर इस ओर नहीं गई।
हाल ही में जिला मुख्यालय परिसर में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए शिविर लगाया गया था जिसमें कर्मचारियों की जांच की गई थी। जांच के बाद टीम ने मेडिकल वेस्ट वहीं पार्क में खुले में फेंक  दिया। यहां तक की सुबह सफाई कर्मचारियों ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस वेस्ट यूज्ड़ की गई चाज़ों में मास्क, ग्लव्स, एंटीजन टेस्ट किट, जिस स्टीक से सैंपल लिया जाता है।वह भी शामिल थी। देखते हैं। जिलाधिकारी इस मामले की जांच किस विभाग को सौंपते हैं।                  


आप का जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन

किसान बिल के विरोध में आम आदमी पार्टी का जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन।


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। आप उत्तर प्रदेश प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आह्वान पर किसान विरोधी बिल के खिलाफ जिला मुख्यालय पर प्रदेश व्यापी विरोध प्रदर्शन किया गया।  गाज़ियाबाद जिला कार्यकारिणी सदस्य मोहित चौधरी ने कहा कि उक्त दोनों बिल पूरी तरह किसान विरोधी है। जिनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई भी प्रावधान ना करके केंद्र सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। सरकार का किसानों के हित से ज्यादा कम्पनियों के हितों पर फोकस है। आम आदमी पार्टी इस बिल का पुरजोर विरोध करती है।
आप की प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव ने कहा कि आप राज्य सभा सांसद सजंय सिंह  ने जैसे इस मुद्दे को उठाया तो मार्शलों ने उन्हें ही उठा कर बाहर कर दिया। लोकतंत्र में सब को अपनी बात रखने का हक है।  सरकार के सारे निर्णयों पर सहमत होना विपक्ष की कोई विवशता या बाध्यता नहीं है। आप की अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष हिना खान ने कहा कि जिस किसान को भगवान और अल्लाह का फरिश्ता कहा जाता है। आज मोदी सरकार उस किसान को ही प्रताड़ित करने का काम इस काले कानून के माध्यम से कर रही है।
इस अवसर पर मोहित चौधरी सदरपुर, तरुणिमा श्रीवास्तव, हिना खान, नत्थू प्रधान, अरविंद वर्मा, जितेंद्र नागर, विजय शर्मा, नूर आलम, विशाल, रजनेश तेवतिया, अवि चौधरी, रहिसुदीन सैफी, अरुण शर्मा, सतीश कुमार, सत्यपाल शिशोदिया, मुकेश प्रजापति आदि उपस्थित रहे।                  


मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर ऐलान किया

मोदी के तीसरे कार्यकाल को लेकर ऐलान किया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्‍ली। देश में लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया जारी है। अंतिम चरण के लिए मतदान 1 ज...