लखनऊ/नई दिल्ली! कोरोना वायरस महासंकट के बीच देश में प्रवासी मज़दूरों की परेशानियां बढ़ती नज़र आ रही हैं! लगातार हजारों मजदूर पैदल ही अपने घर के लिए रवाना हो रहे हैं, इस बीच उत्तर प्रदेश में योगी सरकार और कांग्रेस के बीच लगातार राजनीतिक बयानबाजी जारी है! अब बीते दिन राजस्थान सरकार ने कोटा से यूपी बॉर्डर तक भेजे गए बच्चों की बसों का किराया यूपी सरकार को सौंपा गया, जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधा है!
बसपा प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट कर राजस्थान सरकार को घेरा! मायावती ने लिखा, ‘राजस्थान की कांग्रेसी सरकार द्वारा कोटा से करीब 12000 युवा-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में यूपी सरकार से 36.36 लाख रुपए और देने की जो मांग की है, वह उसकी कंगाली व अमानवीयता को प्रदर्शित करता है! दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखःद है’!
मायावती ने कांग्रेस को घेरते हुए लिखा कि कांग्रेसी राजस्थान सरकार एक तरफ कोटा से यूपी के छात्रों को अपनी कुछ बसों से वापस भेजने के लिए मनमाना किराया वसूल रही है तो दूसरी तरफ अब प्रवासी मजदूरों को यूपी में उनके घर भेजने के लिए बसों की बात करके जो राजनीतिक खेल खेल कर रही है यह कितना उचित व कितना मानवीय है?
मायावती ने इसी के साथ पश्चिम बंगाल में अम्फान तूफान की वजह से हुई तबाही पर दुख व्यक्त किया. बसपा प्रमुख ने लिखा कि अम्फान तूफान के तांडव से खासकर पश्चिम बंगाल में जो व्यापक तबाही व बर्बादी हुई है वह अति-दुखद है!मायावती ने लिखा कि जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है, ऐसे में खासकर केन्द्र सरकार को आगे बढ़कर हर प्रकार से राज्य को वहां के हालात सामान्य बनाने में मदद करनी चाहिए!
दरअसल, देश में जब लॉकडाउन लागू किया गया था तब कोटा में पढ़ने वाले बच्चे वहां पर ही फंस गए थे! तब यूपी सरकार ने अपने प्रदेश के बच्चों को वापस बुलाने का जिम्मा उठाया था! अब दावा किया जा रहा है कि राजस्थान राज्य परिवहन निगम की बसों से छात्रों को झांसी और आगरा पहुंचाया गया था!
इसके बाद गहलोत सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को 36,36,664 रुपये का बिल भेज दिया है! यही नहीं, राजस्थान सरकार इससे पहले ही उत्तर प्रदेश सरकार से डीजल के लिए 19 लाख रुपए ले चुकी है!