बुधवार, 22 अप्रैल 2020

चिकित्सकों पर हमला, सजा का प्रावधान

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के महासंकट के बीच स्वास्थ्यकर्मियों पर लगातार हो रहे हमले पर अब मोदी सरकार ने कड़ा फैसला लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बुधवार को ही केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में एक अध्यादेश पास किया गया है, जिसके बाद अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। इसमें 3 महीने से सात साल तक की सजा का प्रावधान है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी।


केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कई जगह डॉक्टरों के खिलाफ हमले की जानकारी आ रही हैं, सरकार इन्हें बर्दाश्त नहीं करेगी। सरकार इसके लिए एक अध्यादेश लाई है। जिसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मेडिकलकर्मियों पर हमला करने वालों को जमानत नहीं मिलेगी, 30 दिन के अंदर इसकी जांच पूरी होगी। 1 साल के अंदर फैसला लाया जाएगा, जबकि 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा गंभीर मामलों में 6 महीने से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। अध्यादेश के अनुसार, अगर किसी ने स्वास्थ्यकर्मी की गाड़ी पर हमला किया तो मार्केट वैल्यू का दोगुना ज्यादा भरपाई की जाएगी।


प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि देश में अब 723 कोविड अस्पताल हैं, जिसमें लगभग 2 लाख बैड तैयार हैं। इनमें 24 हजार आईसीयू बेड हैं और 12 हजार 190 वेंटिलेटर हैं। जबकि 25 लाख से अधिक N95 मास्क भी हैं। जबकि 2.5 करोड़ के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से फर्टिलाइज़र के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को बढ़ाया गया है, इसे बढ़ाकर 22 हजार करोड़ से अधिक किया गया है। प्रधानमंत्री आवास पर पीएम मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में कोरोना वायरस के मौजूदा असर और लॉकडाउन की समीक्षा की गई। इसके अलावा आर्थिक हालात पर भी चर्चा हुई। केंद्र सरकार की ओर से पहले भी राहत के तौर पर 1 लाख सत्तर हजार करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया था।


77000 की मौत, 5.5 लाख संक्रमित

नई दिल्ली। दुनिया भर में जानलेवा कोरोना वायरस का कहर जारी है। चीन के वुहान शहर से फैले कोविड-19 की चपेट में लगभग 200 से ज्यादा देश आ चुके हैं। नोवेल कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या में दिन पर दिन इजाफा होता जा रहा है। इस वायरस से अब तक एक लाख 77 हजार से ज्यादा जानें जा चुकी हैं और 25 लाख 57 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। जबकि छह लाख 90 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में मृतकों की संख्या 45 हजार को पार कर गई है और आठ लाख 19 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।


कमजोर पुलिस और खुफिया तंत्र

नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोना के भारत में फैलाने के मामले में पुलिस से बचते फिर रहे मौलाना साद ने फिर एक ऑडियो टेप जारी किया है। मौलाना ने इस बार अपने जमातियों से रक्तदान की अपील की है कोरोना से ठीक हो चुके जरूरतमंद लोगों के लिए। यह मौलाना का पहला टेप नहीं है। मौलाना इससे पहले भी ऑडियो टेप जारी कर चुका है।


अब सवाल यह उठता है कि क्या मौलाना इस देश की पुलिस और खुफिया तंत्र को मजाक समझ रहा है या फिर उसे पुलिस और खुफिया तंत्र की रत्ती भर भी परवाह नहीं है? एक-एक करके बार-बार ऑडियो टेप जारी करना पुलिस और खुफिया तंत्र का मजाक उड़ाना नहीं है तो और क्या है? आखिर ऑडियो टेप हवा में तो पैदा नहीं होते? कहीं ना कहीं से तो वे जारी होते होंगे? कोई न कोई या कंही न कंही तो उसका अंतिम सोर्स होगा जहां से वह ऑडियो टेप पहली बार निकलता होगा? क्या हमारी पुलिस और खुफिया तंत्र के पास एक ऑडियो टेप को खंगालने की और उसके सोर्स को ट्रेस करने की क्षमता नहीं है? क्या हमारे देश की तकनीक इतनी पिछड़ी हुई है एक सोर्स को नही ढूंढ पा रही है? मौलाना को तो खैर पुलिस ढूंढ नहीं पा रही है यह समझ में आता है लेकिन उसके ऑडियो टेप के जरिए उस तक या उसको जारी करने वाले सोर्स को पकड़कर उस तक पहुंचा नही जा सकता यह तो पचने वाली बात नहीं है? इस मामले में यह समझा जा सकता है कि या तो पुलिस मौलाना को जानबूझकर ढील दे रही हो या फिर मौलाना पुलिस को मजाक समझ बैठा है। उसका आज तक गिरफ्तार नहीं होना और कहीं भी जाकर किसी भी अस्पताल में जाकर कोरोना का टेस्ट नही करवाना हमारे देश के तमाम ज़िम्मेदार संस्थाओं के मुंह पर करारा तमाचा है।


पुलिसः सिपाही ने दरोगा को पीटा

लखनऊ। यूपी में कानून व्यवस्था की हालत ध्वस्त है। कभी सिपाहियों ने एक कंपनी के अधिकारी की कार न रोकने पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। अब एक सिपाही ने दरोगा को सरेआम पीट डाला।
लखनऊ से सटे सीतापुर शहर में लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी कर रहे एक हेड कांस्टेबल को अपने बॉस यानि दरोगा की बात इतनी बुरी लगी कि उसने सारी हदें पार कर दी। सिपाही ने दारोगा के साथ न सिर्फ गाली गलौज की बल्कि खुलेआम बेंत से उसकी पिटाई कर डाली। घटना पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है।
दरअसल, इन दरोगा की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने सिपाही को जिम्मेदारी से ड्यूटी करने को कहा था। चूंकि सिपाही ड्यूटी पर मुस्तैद नहीं था तो दरोगा ने उससे ईमानदारी से काम करने को कहा, बस इतनी सी बात पर सिपाही का पारा गर्म हो गया और उसने दरोगा को जमकर गालियां दी फिर डंडे से पीटने लगा। किसी तरह से मौजूद पुलिसवालों ने दरोगा को बचाया। इस गंभीर मामले की जानकारी होने पर पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से सिपाही को निलंबित कर दिया है। उसके खिलाफ कोतवाली में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।


राजधानी रायपुर में पीलिया का प्रकोप

सत्यपाल राजपूत


रायपुर। स्मार्ट सिटी रायपुर में पीलिया मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां मरीजों की संख्या 4 सौ से पार हो गई है। मंगलवार को 36 नये मरीज सामने आए हैं। खराब स्थिति को देखते हुए अब कल से आयुर्वेदिक कॉलेज में मरीजों को भर्ती किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है। तैयारियों की निरीक्षण के बाद ही ये फैसला लिया है।


रायपुर सीएमएचओ मीरा बघेल ने बताया कि लगातार कैंप कर मरीजों का पहचान कर सैंपल भेजा जा रहा है,  हर दिन सौ से डेढ़ सौ से सैंपल की जांच हो रही है, रोज नए मरीज मिल रहे हैं. साथ पुराने मरीज ठीक भी हो रहे हैं। चिंता हमें गर्भवति महिलाओं की है, जिन्हें प्राथमिकता दिया जा रहा है। क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, उनमें बीमारी तेजी से हावी होती है। तो वहीं नॉन कोविड-19 नोडल अधिकारी सुभाष मिश्रा ने बताया कि कल से आयुर्वेदिक कॉलेज में पीलिया के मरीजों को रख कर इलाज दिया जाएगा, इसकी पूरी तैयारी कर ली गई, पंडरी जिला अस्पताल में मेकाहारा के कई डिपार्टमेंट शिप्ट किया जा रहा है।


किसानो को 900 करोड़ का भुगतान

रायपुर। कोरोना संकट ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है। विश्व भर में अर्थव्यवस्था बिगड़ चुकी है। ऐसे कठिन हालात में किसानों की स्थिति बेहद ख़राब है। किसान कोरोना संकट के साथ ही बेमौसम हो रही बारिश से हाहाकार की स्थिति में पहुँच गए। आज सर्वाधिक मदद की जरूरत जिस वर्ग को है वो है किसान। क्योंकि खेती-किसानी चौपट होने से न सिर्फ़ किसान परिवार तबाह होंगे, बल्कि 70 फीसदी कृष आधारित भारतीय अर्थव्यवस्था पूरी तरह चौपट हो जाएगी। ऐसे में जरूरी है कि संकट के इस महाकाल में सबसे पहले किसानों को मजबूती से खड़ा किया जाए।


छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने इसी सोच को आगे बढ़ाने का काम शुरू कर दिया है। चूंकि मुख्यमंत्री खुद किसान परिवार से आते हैं, लिहाजा वे किसान की दशा को ज़मीन स्तर पर बखूबी जानते है। वे जानते हैं कि इन हालातों में अगर हमने किसानों को नहीं संभालना, किसानों की मदद हमने नहीं की तो आने वाला कल भीषण तबाही का होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से छत्तीसगढ़ में मौजूदा स्थिति की पूरी जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने तय किया है कि भारत सरकार से मदद मिले न मिले, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से तत्काल किसानों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया जाए।


कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने मुख्यमंत्री के मंशानुरूप ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने इस तरह के कुछ बड़े ऐलान किए-किसानों को लॉकडाउन में 900 करोड़ रूपए का भुगतान। राज्य के 22.48 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी।
15.80 लाख किसानों को 10212 करोड़ की क्रेडिट लिमिट मंजूर 
खरीफ सीजन की तैयारियां शुरू, समितियों में खाद बीज का भण्डारण


कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गांव, गरीब और किसानों के विकास के लिए लगातार ठोस कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के दिशा-निर्देशों के तहत लॉकडाउन की अवधि में कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत लॉकडाउन की अवधि में अब तक 900 करोड़ रूपए की राशि उनके खातों में अंतरित की जा चुकी है। इस अवधि में किसानों को राज्य शासन द्वारा खेती-किसानी के लिए आवश्यक छूट के साथ ही उनके उत्पाद के विक्रय की भी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। कृषि मंत्री ने कहा कि कि किसानों को रबी फसल बीमा की राशि का भुगतान भी शुरू कर दिया गया है। राज्य के कबीरधाम, मुंगेली और बलरामपुर जिले के 2668 किसानों को 2 करोड़ 59 लाख रूपए की राशि जारी की जा चुकी है। राज्य के अन्य जिलों के किसानों को भी रबी फसल की बीमा राशि का भुगतान शीघ्र किया जाएगा। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने फूड ग्रेन से बायो एथेनॉल बनाने के लिए भारतीय खाद्य निगम को अनुमति दी है। इसको देखते हुए यह उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ राज्य को बायो एथेनॉल बनाने की अनुमति शीघ्र मिल जाएगी।


यूपी लेखपाल भर्ती का रास्ता साफ

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में लंबे समय से अटकी 5200 पदों पर लेखपालों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। लॉकडाउन के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। राज्य परिषद में की जाने वाली इस भर्ती की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को सौंपी गई है। उत्तर प्रदेश में लंबे समय से अटकी 5200 पदों पर लेखपालों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। लॉकडाउन के बाद भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। राज्य परिषद में की जाने वाली इस भर्ती की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) को सौंपी गई है। इस संबंध में राजस्व परिषद ने UPSSSC को प्रस्ताव सौंप दिया है।


दरअसल, लेखपालों की भर्ती को लेकर राजस्व परिषद और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) के बीच ऊहापोह की स्थिति बनी हुई थी। विवाद था कि भर्ती करे कौन। क्योंकि सामान्य रूप से राजस्व परिषद ही लेखपालों की भर्ती करता था। लेकिन राज्य सरकार के एक फैसले ने यह अधिकार UPSSSC के पास चला गया। राज्य सरकार ने ग्रुप ‘सी’ अथवा समूह ‘ग’ तक के पदों पर की जाने वाली भर्ती की जिम्मेदारी UPSSSC को दे दिया था और इसी के साथ लेखपालों की भर्ती का अधिकार भी UPSSSC के पास चला गया था। हालांकि, राजस्व विभाग के अधिकारी यह जिम्मेदारी किसी और विभाग को नहीं देना चाहते थे। यही कारण था कि करीब एक साल से 5200 पदों पर लेखपालों की भर्ती प्रक्रिया अटकी हुई है।


हालांकि, राज्य सरकार ने अब इस भर्ती की जिम्मेदारी UPSSSC को दे दी है। उच्च अधिकारियों की बैठक में यह फैसला लिया गया है। UPSSSC को इस संबंध में प्रस्ताव भी मिल गया है। इस फैसले के बाद यह साफ हो गया है कि जल्द ही लेखपालों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकलेगा और राजस्व परिषद को जल्द से जल्द लेखपाल मिल सकेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश के राजस्व परिषद् में लेखपाल के 30837 पद हैं।


पशु-पक्षियों की भूख का ध्यान रखें

भीलवाड़ा। कोरोना वैश्विक महामारी की वजह से देश में लोकडाउन लगा है। कोविड-19 से उत्पन्न हुई संकट की छाया भी बेजुबान पशु पक्षियों पर पर भी पड़ने लगी है इन दिनों बेजुबान जानवरों के सामने दाने पानी की समस्या को देखते हुए नोएडा के सेक्टर 78 में रहने वाली सलोनी सिंह तथा एंटरटेनमेंट पेज 3 में सबसे आगे रहने वाली आजकल अपना ज्यादा समय बेजुबान आवारा पशुओं व जानवरों की देखभाल में लगा रही है। उनका अधिकतर समय आवारा पशुओं के खाने में समय-समय पर दूध और बिस्कुट देने में गुजर रहा हैं। सलोनी सिंह ने संदेश के जरिए अपील की कि है मानवता के लिए विकट समय है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति की मानवीय सोच ही दुनिया को सुरक्षित रख सकती है सलोनी सिंह का कहना है कि कि कुछ लोग सोशल मीडिया में अफवाह फैला रहे हैं, कि जानवर से भी कोरोना फैल सकता है जो कि ये अफवाह है और ये गलत मैसेज जा रहा है। उनका कहना है की बेजुबान पशुओं पक्षी तथा प्राणी की रक्षा करना हमारी संस्कृति रही है तथा यही हमारा परम धर्म है। सोनाली सिंह ने अनावश्यक रूप से घर से बाहर ना निकलने मुंह पर मास्क का प्रयोग करने तथा अपने आस पास पड़ोस का भी ध्यान रखने की अपील की।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


अप्रैल 23, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-256 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, अप्रैल 23, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 06:02,सूर्यास्त 06:51।


5. न्‍यूनतम तापमान 20+ डी.सै.,अधिकतम-34+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
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मंगलवार, 21 अप्रैल 2020

603 लोगों की मौत, 18985 संक्रमित

नई दिल्ली। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के 1329 नये मामले दर्ज किये जाने के साथ ही संक्रमितों की संख्या 19 हजार के पास पहुंच गयी तथा इस दौरान इस संक्रमण के कारण 44 और लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 600 के पार हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार शाम जारी किये गये आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस का प्रकोप देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है।



  1. पूरे देश में कोरोना संक्रमण के अब तक 18985 मामलों की पुष्टि हुयी है जिनमें 77 विदेशी मरीज शामिल हैं। कोरोना वायरस से अब तक 603 लोगों की मौत हुयी है। कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की रफ्तार भी तेज हुई है और पिछले 24 घंटों में कोरोना से संक्रमित 718 लोगों के स्वस्थ होने के साथ ऐसे लोगों की संख्या 3260 पर पहुंच गयी है। कोरोना वायरस से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या में एक दिन में 466 की वृद्धि दर्ज की गयी और कुल आंकड़े 4669 पर पहुंच गये। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में नौ और लोगों की मौत के बाद इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 232 हो गयी है। राज्य में 572 संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। संक्रमितों की संख्या के मामले में दूसरे स्थान पर देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली है जहां अब तक कुल 2081 लोग इस महामारी से संक्रमित हुए हैं तथा 47 लोगों की मृत्यु हुई है। राजधानी में कुल 431 लोग ठीक भी हुए हैं। इसके बाद गुजरात में सबसे अधिक लोग इससे संक्रमित हुए हैं। गुजरात में अब तक 2066 लोग इससे प्रभावित हुए हैं तथा 77 लोगों की मृत्यु हुई है। राज्य में इस बीमारी से 131 लोग अब तक ठीक भी हुए हैं। राजस्थान में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 1576 हो गया। राज्य में संक्रमण से 11 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 25 हो गयी है।मध्य प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1540 हो गई है तथा इसके कारण मरने वालों का आंकड़ा 76 हो गया है। तमिलनाडु में 42 नये संक्रमित सामने आये हैं और संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 1520 हो गई हैं तथा मृतकों की संख्या 17 हो गयी है। वहीं 457 लोग ठीक भी हुए हैं। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 1294 हो गई है तथा 20 लोगों ने अब तक इसके कारण जान गंवाई हैं। तेलंगाना में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 919 हो गयी है और मृतकों की संख्या 23हो गयी है। केरल में 408 लोग संक्रमित हुए हैं और तीन लोगों की मौत हुई है। दक्षिण भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश में 757 और कर्नाटक में 415 लोग संक्रमित हैं तथा इन राज्यों में क्रमश: 22 और 17 लोगों की जान गयीं हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संक्रमितों की संख्या 368 हो गयी है और पांच लोगों की इससे मौत हुई है। लव अग्रवाल ने बताया कि देश के अनेक गैर-काेविड अस्पतालों में मरीजों और कोविड समर्पित अस्पतालों में चिकित्सा कर्मियों के संक्रमण से पीड़ित होने संबंधी रिपोर्टें मिली हैं और इसे केन्द्र सरकार ने गंभीरता से लिया है तथा मंत्रालय ने कई दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इसके लिए अस्पतालों की संक्रमण नियंत्रण सेंटर समिति को जिम्मेदारी सौंपी गई है और जो भी अस्पताल कर्मी पॉजिटिव पाया जाए उसका वहीं पर इलाज किया जाए और केवल एक ही विशेषज्ञ को यह जिम्मेदारी दी जाए। इसके अलावा ऐसे पीड़ितों को हाईड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा दी जानी जरूरी है और यह दवा उनके संपर्क सूत्रों को भी सात हफ्तों तक दी जाएगी तथा उन पर होने वाले दुष्प्रभावों की नियमित जांच को भी करने को कहा गया है। अस्पतालों में नियमित सर्जरी को लेकर भी एक कंटीनजेंसी प्लान बनाने को कहा गया है। पीड़ित स्वास्थ्य कर्मी को ड्यूटी रोस्टर से हटाए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों के वास्ते ड्रग के लिए “रैंडम सैंपलिंग’ करने का निर्णय लिया है और ऐसे मरीजों में ग्राम निगेटिव सैप्सिस टेस्ट तथा उनके शरीर में पाए जाने वाले एक एंजाइम साइटोकिनिन के भीतर एक असामान्य असंतुलन पैदा हो जाता है और यही उनकी मौत का कारण बनता है लेकिन इस एंजाइम के लोड को कम करने के लिए तथा उन पर दवा के असर को जानने के लिए इस ड्रग के ट्रायल की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा जैव प्रौद्योगिकी विभाग को चिकित्सा उपकरणों, ड्रग्स, निदान,थैराप्यूटिकल और वैक्सीन संबंधी 500 प्रस्ताव प्राप्त हुए थे और इनमें से 16 को फंडिंग की सिफारिश की जा चुकी है तथा यह मल्टीफैसिटेड शोध जल्दी ही शुरू कर दिया जाएगा। लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वैक्सीन के लिए डीएन वैक्सीन के लिए समर्थन दिया जा रहा है। रिकाम्बीनेंट बीसीजी वैक्सीन के तीसरे चरण पर भी काम हो रहा है। इसके अलावा देश में मॉलिक्यूलर रैपिड डायग्नोस्टिक्स किट पर भी काम हो रहा है।


सिविल सेवकों के प्रयासों की सराहना

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सिविल सेवा दिवस पर सिविल सेवकों के कोरोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम के लिए किये गये प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दी है। 
मोदी ने ट्वीट कर कहा, “आज सिविल सेवा दिवस पर मैं सभी सिविल सेवकों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं देता हूँ। मैं भारत में कोविड -19 को हराने के उनके प्रयासों की सराहना करता हूँ। वे चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं, जरूरतमंद लोगों की सहायता कर रहे हैं और सुनिश्चित करते हैं कि हर कोई स्वस्थ हो।”


'मौत' से बहुत बड़ी होती है 'भूख'

कोरोना से बड़ी भूख / तेलंगाना से 100 किमी पैदल चली 12 साल की बच्ची, छत्तीसगढ़ के बीजापुर में अपने घर से 14 किमी पहले तोड़ा दम


केन्द्र प्रदेश सरकारों के भोजन उपलब्ध कराने राहत सामग्री बितरण करने के  दावों पर भी लगा भ्रष्टाचार का ग्रहण


बीजापुर। लॉकडाउन के कारण देश भर में कई लोगों के रोजगार छिन गए हैं। तो भोजन के बिना लोगो की मौत भी हो रही है  बड़े शहर गए लोग अपने गांव लौटना चाह रहे। इस आस में कि रूखी-सूखी ही सही, लेकिन दो वक्त राेटी का जुगाड़ हो सके। यही आस लिए तेलंगाना के पेरूर गांव से 12 साल की मासूम पैदल अपने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के गांव आदेड़ के लिए चली। रास्ते में तबीयत बिगड़ गई, फिर भी तीन दिन में करीब 100 किमी का सफर पूरा किया। लेकिन अपने गांव से महज 14 किमी पहले बच्ची ने दम तोड़ दिया उसके साथ गांव के 11 दूसरे लोग भी थे,


लेकिन जंगल के रास्ते उसे किसी तरह का इलाज नहीं मिल सका।साथ के लोग यही बता सके कि बच्ची के पेट में दर्द हो रहा था। बीजापुर के आदेड़ गांव की जमलो मड़कम अपने ही गांव के कुछ लोगों के साथ रोजगार की तलाश में दो महीने पहले तेलंगाना के पेरूर गांव गई हुई थी। वहां उन्हें मिर्ची तोड़ने का काम मिला। लाॅकडाउन में काम बंद हो गया, इन्होंने कुछ दिन तो वहीं बिताए। किसी तरह खाने-पीने का इंतजाम किया। लेकिन लॉकडाउन लंबा खिंचने के बाद इनके सामने रोटी का संकट खड़ा हाे गया, तब 16 अप्रैल को जमलो और गांव के 11 दूसरे लोग तेलंगाना से वापस बीजापुर के लिए पैदल ही निकले। दूसरे दिन जमलो की तबीयत बिगड़ी, किसी तरह 17 तारीख बीती, यह दल करीब 100 किमी चलकर 18 अप्रैल को मोदकपाल इलाके के भंडारपाल गांव के पास ही पहुंचा था कि जमलो ने दम तोड़ दिया। जमलो अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी।


इकलौती बच्ची के लौटने का इंतजार था, घर पहुंची मौत की खबर


बच्ची की मौत की खबर मिलने के बाद प्रशासन की टीम गांव पहुंची। एहतियातन अन्य मजदूरों को क्वारैंटाइन किया गया है। उन्हीं लोगों में से किसी ने गांव पहुंचकर इकलौती बेटी की मौत की खबर दी तो पिता आंदोराम मड़कम और मां सुकमती जिला अस्पताल पहुंचे। सोमवार को बीजापुर में पोस्टमार्टम के बाद जमलो का शव माता-पिता को सौंपा दिया गया। पिता आंदोराम ने कहा कि उन्हें तो अपनी बेटी के लौटने का इंतजार था, लेकिन घर उसकी मौत की खबर पहुंची। साथ आए सभी लोगों को अलग रखा गया है, इसलिए यह भी नहीं पता चल सका है कि बच्ची को हुआ क्या था।


सभी ग्रामीण क्वारैंटाइन, बच्ची का सैंपल निगेटिव
सीएमएचओ डाॅ. बीआर पुजारी ने बताया कि बच्ची की मौत की सूचना मिलते ही उसका शव बीजापुर लाया गया। उसके साथ पैदल सफर कर रहे सभी मजदूरों को क्वारैंटाइनकिया गया है। एहतियातन शव का कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल भी भेजा गया। जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। ऐसा लग रहा कि इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस की कमी से बच्ची की मौत हुई है। हालांकि पीएम रिपोर्ट के बाद ही वजह पता चल पाएगी।


1 वर्ष में 184 को दी मौत की सजा

सऊदी अरब में मौत की सजा आम बात है। साल 2019 में इस देश में 184 लोगों को मौत की सजा दी गई। इससे पहले कभी किसी साल इतनी बड़ी संख्या में लोगों को मौत की सजा नहीं दी गई थी।


रियाद। सऊदी अरब में 184 लोगों को मौत की सजा दी गई। इससे पहले कभी किसी साल इतनी बड़ी संख्या में लोगों को मौत की सजा नहीं दी गई थी। आपको बता दें कि सऊदी अरब में मौत की सजा आम बात है। जब दुनिया में मौत की सजाएं कम हो रही हैं तब इस देश में मौत की सजा का आंकडा बढ़ता जा रहा हैैं। मंगलवार को डेथ पेनल्टी के ग्लोबल रिव्यू में पता चला कि 2019 में सऊदी अरब ने 184 लोगों को नौत की सजा दी।


अपनेपन का एहसास, 'गरीब की रसोई'

गरीब के चूल्हे पर पकी सहानुभूति, प्रेम की रोटी, उदर की अग्नि हुई शांत, चहरो पर फिर से लोटी ख़ुशी
विजय भाटी


गरीब के चूल्हे पर पँहुचे भाजपा जिलाध्यक्ष


गाजियाबाद। कोरोनावायरस कोविड-19 महामारी के चलते संपूर्ण पृथ्वी पर संकट छाया हुआ है। जिसको छांटने में सभी अपने-अपने स्तर से, योग्यता और गुणवत्ता के आधार पर सहयोग कर रहे हैं। ऐसा ही एक सहयोग नगर पालिका परिषद लोनी गाजियाबाद के पूर्व चेयरमैन एवं वर्तमान चेयरमैन के द्वारा किया जा रहा है। ऐसे ही कई प्रयास और भी जारी हैं। लेकिन जनता का विश्वास और अपनेपन की अनुभूति के साथ आत्मीयता से अन्नदान कहीं अन्य नहीं मिल पा रहा है। माँ अन्नपूर्णा के आशीर्वाद से पिछले 22 दिनों से भारतीय जनता पार्टी की लोनी नगर पालिका अध्यक्ष रंजीता धामा व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष मनोज धामा के कैंप कार्यालय बेहटा हाजीपुर मे निरन्तर चलायी जा रही रसोई मे पँहुचे भाजपा जिलाध्यक्ष आदरणीय दिनेश सिंघल। भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल अपने सहयोगियों रामकुमार त्यागी ,देवेन्द्र चौधरी, जिला महामंत्री राजेन्द्र वाल्मीकि के साथ लोनी नगरपालिका अध्यक्ष रंजीता धामा के कैंप कार्यालय पर पँहुचे तथा रसोई की कार्यशैली को जाना। 
इस अवसर पर मनोज धामा ने भाजपा जिलाध्यक्ष को अपने "गरीब के चूल्हे" (रसोईघर) के विषय मे जानकारी देते हुये बताया कि किस प्रकार से अपने सैकडों साथियों की सहायता से अल सुबह से ही देर शाम तक की जाने वाली मेहनत के फलस्वरूप लोनी मे हजारों गरीब व जरूरतमंदों तक भोजन पँहुचाया जा रहा है । मनोज धामा ने दिनेश सिंघल को साथ लेकर रसोई मे की जाने वाली सभी चीजों को बताया कि किस प्रकार से हमारे दूारा खाने की शुद्धता का ध्यान रखा जा रहा है। खाने की पैकिंग इस प्रकार से की जा रही है जिससे कि खाना देर तक गर्म रहे। पैकिंग मे खाने की मात्रा का भी ध्यान रखा गया, ताकि एक व्यक्ति को मिलने वाले पैकेट से उस व्यक्ति का पेट भर जाये । 
मनोज धामा ने बताया कि हमारे दूारा दिन मे दो समय दोपहर मे एक बजे तथा शाम को सात बजे कैंप कार्यालय से हजारों की संख्या मे जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरित किया जाता है। जिसमे हमारे सैकडों वालंटियर भी भरपूर सहयोग लोगों को व्यवस्थित करने मे देते हैं। हमारी लोनी की जनता इतनी अच्छी है कि वो स्वंय भी व्यवस्था बनाने मे सहयोग करती है। जिससे कि किसी प्रकार की परेशानी नही होती तथा हजारों लोग लाइनों मे लगकर सोशल डिसंटेसिंग का पालन करते हुये भोजन लेते हैं । 
रसोई की सुन्दर व्यवस्था को देखने के पश्चात भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल ने अपने हाथों से हजारों की संख्या मे कैंप कार्यालय पर भोजन के लिये आये व्यक्तियों को भोजन के पैकेट वितरित किये तथा इस मुश्किल समय मे लोनी की जनता के साथ मजबूती से खडे होने पर रंजीता धामा व मनोज धामा की भूरि-भूरि प्रशंसा की । 
मनोज धामा ने जानकारी देते हुये बताया कि ये सारी व्यवस्था हम लोग अपनी लोनी की जनता के लिये निजी रूप से कर रहे हैं किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता हम लोग नही ले रहे । ये लोनी की जनता हमारे अपने लोग हैं। जिनका प्यार व सहयोग पिछले 10 वर्षों से हमारे परिवार को मिल रहा है आज इस संकट के समय मे ये हमारा दायित्व बनता है कि हम अपनों के साथ इस दु:ख की घडी मे खडे हो और हमारा परिवार इस सकंट के समय मे लोनी की जनता के साथ खडा है। ये लाकडाउन का समय जब तक चलता रहेगा ये "गरीब" का चूल्हा " तब तक ही चलता रहेगा । 
मनोज धामा ने बताया कि "गरीब का चूल्हा " ये नाम  हमारी लोनी नगरपालिका अध्यक्ष रंजीता धामा ने हमारी रसोई को दिया है क्यूंकि हमारी रसोई कि शुरुआत हम लोगों ने इस उद्देश्य से कि थी कि लाकडाउन शुरू होने के बाद जो मजदूर वर्ग हमारी लोनी मे निवास कर रहा है। जिनकी आमदनी का जरिया रोजमर्रा की मजदूरी का कार्य था। लेकिन लाकडाउन के कारण वो लोग बहुत मजबूर हो गये हैं। उनके सामने रोजी-रोटी का बजा सकंट खडा हो गया तब हमने ये निश्चय किया कि हम लोग इस समय उन्हे किसी प्रकार का रोजगार तो नही दे सकते लेकिन उनके सामने रोटी का सकंट खडा ना हो ऐसे हजारों परिवार लोनी मे है। उसी सोच को आगे बढाते हुये हमने अपनी रसोई को "गरीब का चूल्हा" नाम दिया है। हमारी लोनी की जनता को किसी प्रकार से परेशान होने की आवश्यकता नही है हम और हमारा परिवार लोनी की जनता के साथ मजबूती से खडा है। इस अवसर पर जिला महामंत्री राजेन्द्र वाल्मीकि, देवेन्द्र चौधरी, रामकुमार त्यागी आदि लोग उपस्थित रहे।


बुलंदशहर डीएम ने समीक्षा बैठक की

वैश्विक कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम हेतु जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा जिला पंचायत सभागार में बैठक की आयोजित
 कुलदीप कुमार सक्सेना
बुलन्दशहर। "कोरोना वायरस-19" के वैश्विक संक्रमण की वर्तमान चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आज दिनांक 21-04-2020 को जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह द्वारा जिला पंचायत सभागार कक्ष में संयुक्त रूप से वैश्विक कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम हेतु सीमावर्ती जनपदों एवं अन्य स्थानों से जनपद में आगमन करने वाले व्यक्तियों के दृष्टिगत अपर जिलाधिकारी प्रशासन सहित जनपद के सीमावर्ती थानाप्रभारियों व क्षेत्राधिकारी सिकन्द्राबाद, स्याना, खुर्जा एवं उपजिलाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु जनपद में आगमन करने वाले व्यक्तियों को थर्मल स्कैनर से चेक करने आदि आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु शासन द्वारा निर्गत निर्देशों का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए गए तथा यह भी निर्देश दिए गए कि जनपद में प्रवेश करने वाले व्यक्ति अथवा किसी स्थान पर कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संबंध में कोई सूचना किसी भी स्तर से प्राप्त होती है तो स्वयं को अधिक से अधिक सुरक्षित रखते हुए संक्रमित व्यक्ति की हैंडलिंग कर मेडिकल टीम से समन्वय स्थापित कर संक्रमित व्यक्ति को उनके सुपुर्द कर उपचार हेतु क्वारंटाइन/आईसोलेशन सैंटर भेजा जाए। जनपद में लाॅकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने हेतु बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।


 


फिरोजाबाद में संक्रमितो का आंकड़ा 62

सात साल के बच्चे समेत छह नए संक्रमित, 62 हुआ आंकड़ा ।


हॉट स्पॉट में रहने वाले कंपाउंडर के भाई और भाभी बच्चे सहित संक्रमित। शिकोहाबाद में पारस हॉस्पिटल के कांटेक्ट वाले दंपती ।


फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश के जिला फ़िरोज़ाबाद में दिन भर की राहत के बाद मंगलवार को आई रिपोर्ट से एक बार फिर सनसनी फैल गई। मंगलवार को शहर और शिकोहाबाद समेत छह लोग पॉजीटिव पाए गए हैं। इनमें दंपती के साथ उसका सात साल का बच्चा भी संक्रमित है। इसके साथ ही अब तक पॉजीटिव मामलों की संख्या 62 हो गई है। आज आई कुल 54 सैम्पल की रिपोर्ट में 48 निगेटिव पाए गए।
जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। हॉट स्पॉट क्षेत्र शीशग्रान में क्लीनिक चलाने वाले डॉक्टर के कम्पांडर ने कोरोना संक्रमित मरीज को ड्रिप चढाई थी। इसके बाद वह खुद संक्रमित हो गया था। उसके कांटेक्ट वालों के लिए गए सैम्पल में से कंपाउंडर का भाई भाभी और भतीजा संक्रमित पाया गया है। सीएमओ डॉ एसके दीक्षित ने बताया कि इसके अलावा शिकोहाबाद की बघेल कॉलोनी निवासी महिला ने आगरा के पारस हॉस्पिटल में इलाज करवाया था। कोरोना संक्रमित होने के कारण उसकी मौत हो गई थी। उसके संपर्क में आया युवक पहले संक्रमित हुआ, जिसके बाद एरिया को सील कर दिया था। अब उसके माता-पिता में कोरोना की पुष्टि हुई है। वहीं एक पॉजीटिव शहर के नेहरु नगर क्षेत्र का है। संक्रमित युवक पिछले दिनों बाहर से आया था और तबियत खराब होने पर उसका सैम्पल लिया गया था। सीएमओ ने बताया कि अब संक्रमित लोगों की संख्या 62 हो गई है। रिपोर्ट आने के बाद नेहरु नगर को सील कर दिया गया है। सभी संक्रमितों को एफएच मेडिकल कॉलेज टूंडला शिफ्ट किया जा रहा है ।


शहर में कब कितने मिले कोरोना पॉजिटिव डेट वाइज डिटेल


 03 अप्रैल: बिहार के चार जमातियों में कोरोना की पुष्टि, शहर के तीन इलाके हुए सील।07 अप्रैल: संक्रमित जमातियों के संपर्क में आए दो युवकों और तीन जमातियों की रिपोर्ट पॉजीटिव।08 अप्रैल: जमातियों के संपर्क में आए शहर का एक अन्य युवक पॉजीटिव पाया गया।11 अप्रैल: टूंडला के प्रतापपुर की महिला समेत चार पॉजीटिव, आंकड़ा 14 पर पहुंचा।12 अप्रैल: प्रतापपुर में दो पॉजीटिव और मिले, आंकड़ा 16 पर पहुंचा।13 अप्रैल: फीरोजाबाद शहर में दो में कोरोना वायरस की पुष्टि, आंकड़ा 18 पर पहुंचा।14 अप्रैल: दुर्गेश नगर की महिला में कोरोना वायास की पुष्टि, आंकड़ा 19 पर पहुंचा। 15 अप्रैल: संक्रमित जमातियों के संपर्क में आने वाले पांच लोगों में पुष्टि, आंकड़ा 24 पर पहुंचा।16 अप्रैल: संक्रमित जमातियों के संपर्क में आने वाले दो लोगों में पुष्टि, आंकड़ा 26 पर पहुंचा।17 अप्रैल: संक्रमित जमातियों के संपर्क में आने वाले 11 लोगों में पुष्टि, आंकड़ा 37 पर पहुंचा।18 अप्रैल: 2 लोगों में पुष्टि, आंकड़ा 40 पर पहुंचा। 19 अप्रैल: 12 लोगों में पुष्टि, आंकड़ा 52 पर पहुंचा। एक की मौत। तीन ठीक हो चुके हैं। 20 अप्रैल: 4 लोगों में पुष्टि, आंकड़ा 56 पर पहुंचा। एक की मौत। तीन ठीक हो चुके हैं। 21 अप्रैल: 6 लोगों में पुष्टि, आंकड़ा 62 पर पहुंचा। एक की मौत। तीन ठीक हो चुके हैं। कुल एक्टिव केस जनपद में फिलहाल 58 ।


रिपोर्ट-देवाशीष शर्मा


केंद्र सरकार को मिली 25000 शिकायतें

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई के दौरान जमीनी सच जानने के लिए केंद्र सरकार ने जो पहल की, वह सफल होती दिख रही है। कोविड-19 को लेकर देश के विभिन्न राज्यों से केंद्र सरकार को 25 हजार से ज्यादा शिकायतें पिछले 20 दिनों में मिलीं, जिसमें आठ तरह की शिकायतों की संख्या ज्यादा है। कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट से यह जानकारी सामने आई है। कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के मुताबिक, पिछले एक अप्रैल से 20 दिनों के बीच कोविड-19 से जुड़ीं 25,000 से ज्यादा पोर्टल शिकायतें सामने आईं। इन शिकायतों को सुलझा लिया गया। मंत्रालय को आठ तरह की ज्यादा शिकायतें मिलीं।


ये शिकायतें प्रवासी कामगारों, स्वास्थ्य व्यवस्था, क्वारंटीन सुविधा, खाद्य आपूर्ति से प्रमुख तौर पर जुड़ीं रहीं। वहीं बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र, वेतन, कर्मचारियों और शिक्षा व्यवस्था से जुड़ीं शिकायतें भी सामने आईं। इन शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराया गया।कोरोना के कारण देश में लागू लॉकडाउन के दौरान लोगों की परेशानियों को जानने के लिए कार्मिक मंत्रालय ने बीते एक अप्रैल से राष्ट्रीय निगरानी डैशबोर्ड शिकायत पोर्टल का संचालन शुरू किया। कोरोना से जुड़ीं शिकायतों के लिए एक विशेष विंडो की व्यवस्था की गई, जिसमें कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है।


रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और जनशिकायत विभाग की इस पहल के तहत पहले दिन जहां सिर्फ 332 शिकायतें प्राप्त हुईं, वहीं बाद के दिनों में शिकायतों की संख्या बढ़ती गई। 16 अप्रैल तक शिकायतों की संख्या बढ़कर 5,566 तक पहुंच गई। डॉ. जितेंद्र सिंह ने दो दिन से भी कम समय में शिकायतों को सुलझाने पर राष्ट्रीय निगरानी डैशबोर्ड संभालने वालों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि करीब 14,982 कोविड से जुड़ीं शिकायतें संबंधित राज्य सरकारों को भेजी गईं, जबकि अन्य शिकायतों को समाधान के लिए विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों के पास भेजा गया था।


हापुड़ जिला प्रशासन ने कसा शिकंजा

अतुल त्यागी मेरठ मंडल
एसपी संजीव सुमन के निर्देशन में लॉक डाउन का सख्ती से पालन कराती सिंभावली पुलिस


हापुड़/गढ़मुक्तेश्वर। लॉक डाउन को मजबूती से सफल बनाने और अनावश्यक रूप से घूमने वालों पर शिकंजा कसने को लेकर हापुड़ एसपी संजीव सुमन, अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश मिश्रा, एसडीएम विजय वर्धन तोमर, गढ़मुक्तेश्वर पुलिस  क्षेत्राधिकारी पवन कुमार के नेतृत्व में लॉक डॉन का उल्लंघन करने वालों पर क्षेत्र के गली मोहल्लों बाजारों में थाना अध्यक्ष महेंद्र कुमार के द्वारा भारी पुलिस बल के साथ अनाउंसमेंट करते हुए लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों पर कसा शिकंजा। वही थाना अध्यक्ष महेंद्र कुमार त्रिपाठी का कहना है कि लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों को किसी भी हाल में नहीं बख्शा जाएगा अनावश्यक रूप से लॉक डाउन में बाइकों पर घूमने वालों के विरुद्ध करोना वायरस कोविड-19 की धारा 188 के तहत विधिक कार्रवाई की जाएगी।


मंडी में उड़ती लॉक डाउन की धज्जियां


अतुल त्यागी मेरठ मंडल प्रभारी
जनपद हापुड़ की नवीन मंडी में लॉक डाउन की उड़ रही धज्जियां 
हापुड। जनपद हापुड़ की नवीन कृषि मंडी में उड़ रही है लॉकडाउन की धज्जियां यहां सुबह होते ही इकठ्ठे हो जाते हैं। कई हजार लोग जिनमें से कुछ लोग रेड जोन एरिया से भी निकल कर आते हैं। जोकि इस समय बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है। हमारी टीम ने यह जानने की कोशिश  कि के यह लोग रेड जोन एरिया से बाहर कैसे आ जाते हैं मगर किसी के भी पास कोई संतोष जनक जवाब नहीं था।


आड़ती लेते है मन माने रैट
 
शासन से खाने पीने के चीजों की दुकानों व मंडी के लिए समय निर्धारित किया गया है मगर ऐसा कहीं भी नहीं हो पा रहा है कि शासन के आदेश का पालन किया जा रहा हो अब चाहे वह कोई सामान हो फल हो या सब्जी हो यहां तक कि शासन के आदेश तो यह भी है कि कोई भी सामान निर्धारित मूल्य से ज्यादा पर नही मिलेगा और हर दुकानदार शासन से निर्धारित रेट लिस्ट अपनी दुकान पर लगायेगा मगर रेट लिस्ट कहीं लगी है तो कहीं नहीं है। यहां तक के कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि हमें इसके बारे में नहीं मालूम और यह वही लोग हैं। जो अपनी मर्जी से फल व सब्जियों के रेट बहुत ज्यादा हाई करके बेच रहे हैं। जिसके कारण आम आदमी बहुत ही परेशान हो चुका है। हमारी टीम ने मंडी समिति के सचिव से भी बात की। जिनसे हमने शासन से जारी रेट लिस्ट के बारे में भी पूछा उनका कहना था कि हमने रेट लिस्ट सभी व्यापारियों को  दी है। जब हमारी टीम ने वहां की भीड़ के बारे में भी पूछा तो उन्होंने कहा की भीड़ को कंट्रोल करना पुलिस का काम है मंडी समिति का नहीं अब देखना यह है कि क्या पुलिस वहां पर हर सुबह इकट्ठा होने वाली भीड़ पर लगाम लगा सकेगी या नहीं। अगर वहां पर पुलिस प्रशासन लगाम लगाने में नाकाम रहा तो यह बहुत बड़ा खतरा साबित हो सकता है।


मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं था दूर तक नाम


नवीन मंडी के अंदर ना ही किसी के मुंह पर मार्क्स था और ना ही  शौशल डिसटेंन्स का पालन तो दूर तक भी कोई नामोनिशान नहीं था। क्योंकि वहां सुबह होते ही भीड़ हजारों में इकट्ठा हो जाती है जो इस वक्त कोरोनावायरस के चलते बहुत ही घातक है।


मंडी समिति के आढ़ती नहीं मानते शासन से जारी  रेट लिस्ट


नवीन मंडी के कई आढ़तियों का कहना है कि हम नहीं मानते शासन से जारी रेट लिस्ट। उनका कहना है कि शासन ने जो रेट जारी किए हैं उन्हे हम नही मानते है। उन रेटों पर शासन ही दे देगा सामान। हम तो अपने हिसाब से ही बेचेंगे अगर हमारा सामान बच जाता है तो हम मन्दा भी तो बेचते हैं। आढ़ती का कहना था कि हमें सब कुछ देखना पड़ता है। इसलिए हम अपने हिसाब से ही रेट लगाते हैं। जिसे लेना है ले जिसे नहीं लेना वह मत ले मगर रेट हमारे ही होंगे ने की शासन के अब देखने वाली बात है की प्रशासन क्या कार्यवाही अमल में लाता है। सदर उपजिलाधिकारी सत्यप्रकाश शर्मा  का कहना है मामला हमारे संज्ञान में आया है कल से मुनासिब कार्यवाही अमल में लाई जाऐगी।


पीड़ा के एहसास से छलक आए आंसू

आदिल


गाजियाबाद। मानव कल्याण चैरिटेबल फाउंडेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र त्यागी अपने पदाधिकारियों के साथ टीला शाहबाजपुर गांव के सामने महाराणा प्रताप के वंशज पिछले 5 वर्षों से रोड के किनारे झुग्गियों में निवास कर रहे थे। लॉक डाउन के चलते जीवन यापन करना दुर्लभ हो चला था। अपना छोटा सा लोहार का व्यवसाय 28 दिन से बंद होने के कारण भूखे मरने के कगार पर आ चुके थे। 2 दिन भूख से लड़ रहे थे यह समाज स्वाभिमानी होता है। किसी के आगे हाथ नहीं फैलाता जिस कारण उन्होंने किसी से कहा भी नहीं किसी परिचित के माध्यम से पता चला वहां जाकर 10 किलो आटा 2 किलो चावल एक नमक की थैली 5 किलो आलू हाथ धोने के लिए साबुन जब उनके पास छोटी सी सेवा लेकर पहुंचे, हमारी आंखों में भी आंसू आ गए। छोटे-छोटे बच्चे जो भूखे थे उनकी आंखों में खुशी देखकर आज लगा हमने जीवन में कोई अच्छा काम किया है। हमने उन्हें भरोसा दिलाया  हम तुम्हारे साथ हैं तुम अकेले नहीं हो हमारे  सम्राट महाराणा प्रताप ने 45 वर्ष घास की रोटी खाकर अपना जीवन बिताया था तो हम हाथ कैसे फैला सकते हैं। चित्तौड़गढ़ से हम निकले और हमने कसम खाई थी। हम कभी पक्के मकानों में नहीं रहेंगे धन्यवाद करते हैं मानव कल्याण चैरिटेबल फाउंडेशन का जिन्होंने हमारी मदद देवदूत बनकर हमारे बीच पहुंचे भगवान से प्रार्थना करते हैं। इनके संस्था को और इनकी छाती को और फैलाएं।


'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की

'रेडिएशन' स्टॉर्म के बारे में चेतावनी जारी की  अखिलेश पांडेय  नई दिल्ली/वाशिंगटन डीसी। वैज्ञानिक अभी भी पिछले सप्ताह आए सोलर स्टॉर्म...